रोशनी की किरचें ( लघुकथा संग्रह )
डॉ. सुधा जैन के लघुकथा संग्रह में 85 लघुकथाएं प्रकाशित की गई है।
दहेज, इज्ज़त, पराया धन, उजड़ा घर आदि लघुकथाएं में सामाजिक बुराईयों का दृष्टिपात किया है। रिश्वत, सरकारी नौकरी, ब़ड़ा अफसर, कुर्सी की प्रतीक्षा,सहायतानुदान, देलीफोन बिल, पानी का बिल, समय का चक्र आदि लघुकथाएं में सरकारी तंत्र की तानाशाही दिखाया है। करोड़पति, बड़े आदमी, सम्मान, पांच सौ का नोट आदि लघुकथाएं में पैसों का कमाल दिखाया है। सभी लघुकथाओं में समाज के विभिन्न क्षेत्रों का चित्रण किया है। लघुकथा अपने आप में परिपूर्ण हैं।
" मेरी दृष्टि में " सीमित वातावरण में सूक्ष्म धटना को पेश करके लघुकथाओं को जन्म दिया है। यही इनकी खूबसूरती है। सभी लघुकथाओं में भाषा को भी सहेज रूप प्रदान किया है। यही पाठकों को अपनी ओर खिंचती है।
डॉ. सुधा जैन ने लेखन के क्षेत्र में विभिन्न आयामों के रूप में अपनी रचनाओं को प्रकाशित किया है। अत: राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। लेखिका का अधिकतर साहित्य पर शोध कार्य हो चुका है। विश्वविद्यालय में रचनाएं पढ़ाई जाती है।
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