बाल दिवस
ये कैसा बाल दिवस है ?
" मेरी दृष्टि में " चाचा नेहरू का चरित्र सब के सामने है। फिर भी बाल दिवस चाहिए ? बड़े शर्म की बात है।
देश से बड़ा कोई नहीं होता है। जो किसी का हंक मार कर देश का प्रधानमंत्री बन हो, उसे के नाम पर बाल दिवस बनाने का अब कोई किसी को अधिकार नहीं है। क्यों कि सरकार बदल चुकी है।
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