आत्मिक में सुख- दुःख
आत्मिक में सुख - दुःख नहीं होता है । बल्कि सुख - दुःख भैतिक या दैहिक होता है ।
" मेरी दृष्टि में " सुख - दुःख का अनुभव ना होना ही आत्मिकता की प्रथम सीढ़ी है।
- बीजेन्द्र जैमिनी
( अशेष फीचर )
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