क्या अनुशासन से ही आत्मविश्वास पैदा होता है ?
अनुशासन बिना जीवन में संतुलन नहीं आता है । संतुलन बिना आत्मविश्वास सम्भव नहीं है । यही कुछ जैमिनी अकादमी द्वारा " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब देखते है आये विचारों को : -
अनुशासन जीवन की सफलता का राज है और जीवन एक ऐसा चक्र है जो निरंतर गतिशील रहता है और इसी गतिशीलता में उतार-चढ़ाव भी समभवत: स्वाभाविक है और इसी उतार-चढ़ाव में सयम व अनुशासन, अनुशासन आपके अच्छे व्यक्तित्व की पहचान करवाता है ।
आत्मविश्वास की कुंजी ही अनुशासन है अनुशासित स्वरूप आपके कार्य को सफलता प्रदान करता है और वही सफलता आत्मविश्वास को जन्म देती है।।
- ज्योति वधवा "रंजना"
बीकानेर - राजस्थान
अनुशासन अर्थात स्वंय पर शासन। अनुशासन शब्द तीन शब्दों से मिलकर बना है। अपने ऊपर स्वयं शासन करना अनुशासन के अनुसार अपने जीवन को चलाना ही अनुशासन है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अनुशासन के महत्व है। समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है तथा व्यक्ति में नेतृत्व की शक्ति जागृत होने लगती है। अनुशासन और अभ्यास से ही आत्मविश्वास पैदा होता है। जिससे श्रेष्ठता प्रदान करता है।
लेखक का विचार:-अनुशासन से ध्यान और समझदारी का विकास होता है। समय पर ही सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। अनुशासन से आत्मविश्वास पैदा होता है।
- विजयेन्द्र मोहन
बोकारो - झारखंड
बिल्कुल सही आत्मविश्वास पैदा करने के लिए पहली शर्त है अनुशासन अनुशासन का अर्थ होता है नियमों के पीछे चलना जीवन जीने का एक सही तरीका सीखना जिस नियम का हम पालन करते हैं उसको सदैव पालन करें अगर सदैव किसी नियम का हम पालन करते हैं तो धीरे-धीरे मन में आत्मविश्वास पैदा होने लगता है नियम पालन करने को ही अनुसरण कहा गया है। अनुसरण करने के लिए हम अनुकरण करते हैं अनुकरण सीखने की पहली प्रवृत्ति है अगर परवरिश के दरमियान अनुकरण सही चीजों का करने लगे तो वह आगे चलकर अनुशासन में परिवर्तित हो जाता है आत्मविश्वास का अर्थ है अपने ऊपर विश्वास रखना जो बोल रहे हैं जो सुन रहे हैं किस तरह से हम किसी परिस्थिति और व्यक्ति को पर्सीव कर रहे हैं इससे आत्मविश्वास का पता चलता है एक मनोवैज्ञानिक ने कहा है man perceive thing not as they're but as we are
कहने का अर्थ हुआ मनुष्य किसी परिस्थिति विषय के प्रति अपने अनुसार अनुभव बनाता है जिससे आत्मविश्वास पैदा होता है
- कुमकुम वेद सेन
मुम्बई - महाराष्ट्र
"व्यर्थ कभी न वैठना, करते रहना काम, अनुशासन से एक दिन पा लेगा मुकाम,
प्रगति सदा करता वोही जिसको है यह ज्ञान, अनुशासन ही डालता मृत सपनों में जान"।
देखा जाए अनुशासन हर व्यक्ति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, बिना अनुशासन के इन्सान अपने किसी भी काम को पूरा नहीं कर सकता, तो आईये आज इसी बात पर चर्चा करते हैं कि क्या अनुशासन से ही आत्मविश्वास पैदा होता है?
यह पूर्ण सत्य है कि अनुशासन से ही आत्मविश्वास पैदा होता है क्योंकी अनुशासन का मतलब स्वंय का स्वंय पर शासन सही मायने में अपने ऊपर स्वंय शासन करना तथा शासन के अनुसार अपने जीवन को चलाना ही अनुशासन है,
देखा जाए जीवन के हर क्षेत्र में अनुशासन का महत्व है इससे धैर्य और समझदारी का विकास होता है, समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है इससे कार्य क्षमता का विकास होता है, यह सच है अनुशासन और अभ्यास से आत्मविश्वास पैदा होता है इससे हमारे चरित्र और व्यक्तित्तव का निर्माण होता है तथा इसको सफलता की चाबी भी कहा जाता है,
यही नहीं घर, परिवार, गांव, शहर राज्य व राष्टृ मैं हर जगह सभी कार्यों में अनुशासन की अहम भूमिका होती है क्योंकी देश समाज संस्था के नियम के अनुसार चलना अनुशासन कहलाता है,
अगर हमें देश को तरक्की के रास्ते पर ले जाना है तो हर नागरिक का अनुशासित होना जरूरी है, यह एक ऐसा गुण है जिसकी जरूरत हर पल पग पग पर होती है यानि किसी भी समाज निर्माण के लिए अनुशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है यही मनुष्य को श्रेष्ठता प्रधान करता है और समाज में उत्तम स्थान दिलाने में सहायता करता है व मनुष्य के विकास के लिए अति उत्तम माना गया है,
जो मनुष्य अनुशासन का जीवन यापन करता है तो वह स्वंय के लिए सुखद और उज्जवल भविष्य की राह तैयार करता है,
अन्त में यही कहुंगा की अनुशासन की पहली पाठशाला परिवार होता है और दुसरी विद्दालय, सोचा जाए मनुष्य का अनुशासनहीन जीवन विश्व की सब समस्याओं का कारण है और इसका पाठ वचपन से ही परिवार में रहकर सीखा जा सकता है और विद्यालय जा कर अनुशासन की भावना का विकास होता है व अच्छी शिक्षा ही अनुशासन का पालन करना सिखाती है, देखा जाए आदर्श, अनुशासन, मर्यादा परिश्रम, ईमानदारी तथा उच्च मानविय मुल्यों के बिना किसी का जीवन महान नहीं बन सकता,
लेकिन अनुशासन लक्ष्यों और उपलब्धि के बीच का सेतु है इसके बिना कोई भी खुशहाल जीवन नहीं जी सकता यह भावनाओं को नियंत्रित कर सकता है बिना इसके जीवन अधुरा व असफल है, यह राष्टृीय जीवन का प्राण है तथा सफवता के लिए हर व्यक्ति के जीवन में आत्म अनुशासन जरूरी है इसके अभयास से आत्मविश्वास पैदा होता है अत: इसे हर व्यक्ति को अपनाना चाहिए क्योंकी यह वो कला है जिससे हम वो सब प्राप्त कर सकते हैं जो हम सोचते हैं कि हम नहीं कर सकते,
सच कहा है,
"अनुशासन का पालन कड़वा होता है लेकिन इसका फल हमेशा मीठा होता है"।
- सुदर्शन कुमार शर्मा
जम्मू - जम्मू कश्मीर
जी बिल्कुल सत्य है कि अनुशासन से हो सोना कुंदन बन जाता है ।आत्मसम्मान अनुशासन का फल है ।अपने आपको मना कर पाने की सामर्थ्य के साथ ही गरिमा की समझ पैदा होती है यही है अनुशासन की सीढ़ी ,यही सीढ़ी बनाती है सोने को कुंदन या यूं कहें कि साधारण व्यक्ति को महान।
अनुशासन और अभ्यास से ही आत्मविश्वास का जन्म होता है। अनुशासन ही उद्देश्य और उपलब्धि के बीच का सेतु है ।
जब आप काम करते हैं तब सिर्फ काम करें ,जब आप खेलते हैं तब सिर्फ खेलें ,यही दमनकारी स्व अनुशासन का बुनियादी नियम है।
जिस कार्य को आप न चाहते हुए भी करते हैं क्योंकि आप जानते हैं कि वह होना चाहिए ,यही अनुशासन है ।
अनुशासन की सराहना करना एक अच्छी बात है और अनुशासन के लिए समर्पित होना एक अलग बात है ।
धन या बल या सामाजिक प्रतिष्ठा से नहीं बल्कि आंतरिक शांति आंतरिक शक्तियों से आपकी सफलता का आकलन किया जाता है ।
जीवन की अधिकतर परिस्थितियां 3 मूलभूत चुनावों से उत्पन्न होती हैं ।आप कैसा अनुशासन चुनकर निभा पाते हैं, आप साथ रहने के लिए कैसे लोगों का चुनाव करते हैं और आप पालन करने के लिए कैसे नियमों को चुनते हैं ।
बिना अनुशासन के प्रतिभा ऐसी होती है जैसे पहिया दार स्केट पर आक्टोपस , जिसमें बहुत सारी गतिविधियां होंगी लेकिन आप यह नहीं जान पाएंगे कि वह आगे जा रहा है पीछे जा रहा है किनारे जा रहा है ।
अनुशासन वह निर्मल अग्नि है जिसमें प्रतिभा क्षमता में परिवर्तित हो जाती है ।
इस बात पर ध्यान दिए बिना कि कोई हमें देख रहा है या नहीं किसी काम को सही ढंग से करना मात्र ही अनुशासन है ।
बाहरी दबावों में नहीं बल्कि मानसिक आदतों को जो स्वाभाविक रूप से अवांछित गतिविधियों की बजाय वांछनीय रूपों में हो यही अनुशासन है।
स्वयं को अनुशासित करना आत्मविश्वास की सीढ़ी है। आत्मानुशासन की भावना ऐसे गुण है जो हमें दैनिक जीवन को शांत मन की ओर ले जाने में मदद करते हैं या यूं कहें कि शांति प्रदान करते हैं ।
सैनिकों को उनके दुश्मनों से ज्यादा अधिकारियों से डर होना ही अनुशासन की कला है ।
अगर मुझे महान बनना है तो मुझे पहले अपने आप पर विजय पानी होगी इसी को अनुशासन कहते हैं।अगर मैं खुद को नियंत्रित नही करूंगी तो हमारा यह काम दुनिया करेगी ।
अपने मस्तिष्क को नियंत्रित करना चाहिए नहीं तो आपका मस्तिष्क आप को नियंत्रित करने लगेगा ।
आत्म सम्मान अनुशासन का फल है यह निर्विवाद सत्य है ।
- सुषमा दीक्षित शुक्ला
लखनऊ - उत्तर प्रदेश
हाँ , अनुशासन से ही आत्म विश्वास पैदा होता है। यदि हम कोई काम व्यवस्थित ढंग से करते हैं और वह पूरा हो जाता है तो हमारे अंदर बहुत ही आत्म विश्वास पैदा जोता हो जता है। और हम अपना हर काम समय पर करने लगते हैं। अनुशासित ढंग से करने पर बिना परेशानी के हर कार्य सुचारू रूप से होने लगता है। तो हमारा आत्म विश्वास भी बढ़ने लगता है। धीरे-धीरे हर कार्य करने में सक्षम हो जाते हैं।
- दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश"
कलकत्ता - पं.बंगाल
शासन के अनुसार अपने जीवन को चलाने को ही अनुशासन कहा जाता है। वरना इंसान और पशु में अन्तर ही कितना है...!
सोने की चिड़िया कहलाने वाले देश में ऋषि मुनियों के द्वारा प्रारम्भ से ही अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाता था।
परिवार समाज और देश के उन्नति और विकास के मार्ग पर नागरिक का अनुशासन में रहना अति आवश्यक होता है।
स्वामी विवेकानंद के अनुसार आदर्श, अनुशासन, मर्यादा, परिश्रम, ईमानदारी तथा उच्च मानवीय मूल्यों के बिना किसी का जीवन महान नहीं बन सकता है। अनुशासन, लक्ष्यों और उपलब्धि के बीच का सेतु है।
- विभा रानी श्रीवास्तव
पटना - बिहार
जब मनुष्य सुपथ पर चलते हुए नीतिसंगत कार्य करते हुए सफलता का वरण करता है, तब उसमें आत्मविश्वास उत्पन्न होता है। परन्तु सफलता और आत्मविश्वास अनुशासन से ही संभव है।
किसी भी कार्य की सफलता हेतु मनुष्य में आत्मविश्वास का होना अनिवार्य है। मनुष्य के चिंतन को साकार रूप देने में आत्मविश्वास एक सीढ़ी की तरह कार्य करता है। अनुशासित मनुष्य स्वयं की क्षमता और शक्ति पर विश्वास करता है। अनुशासन, मनुष्य को नियन्त्रित रखता है और यही नियन्त्रण मनुष्य के मन में आत्मविश्वास को उत्पन्न करता है।
मेरे विचार में यह सत्य है कि अनुशासन से ही आत्मविश्वास पैदा होता है।
इसलिए कहता हूँ कि.......
"अनुशासन के भाव मानव को सन्मार्ग दिखाते हैं,
सन्मार्ग, सत्कर्म मानव को सुखानुभूति कराते हैं।
अनुशासन को अपनाते जो मनुज जीवन में अपने,
जीवन-सरिता में वही आत्मविश्वास के पुष्प पाते हैं।।"
- सतेन्द्र शर्मा 'तरंग'
देहरादून - उत्तराखण्ड
जी यह सही है कि आत्म अनुशासन से ही आत्मविश्वास पैदा होता है। मानव जीवन में अनुशासन का विशेष महत्व है। अनुशासन है, तो जीवन सुरुचिपूर्ण चलता है, क्योंकि यह हमारे चरित्र और व्यक्तित्व के निर्माण में सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीवन के हर क्षेत्र में अनुशासन जरूरी है। अनुशासित व्यक्ति धैर्य और विवेकशील होता है और सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता रखता है। अनुशासन की शुरुआत घर से होती है यदि हमारा घर अनुशासित है तो समाज और राष्ट्र भी अवश्य अनुशासित होगा। अतः हमारा समाज और देश सदैव उन्नति प्रगति करता रहे, इसलिए अनुशासन का महत्व अवश्य समझना होगा । अनुशासनहीनता विकास और प्रगति की सबसे बड़ी शत्रु है अतः अनुशासन मानव जीवन के विकास के लिए पग पग पर जरूरी है। बिना अनुशासन के इंसान किसी भी काम को व्यवस्था पूर्वक कर नहीं कर सकता है ।जब वह स्वयं ही अनुशासित नहीं होगा तो आत्मविश्वास कहां से आएगा? क्योंकि आत्मविश्वास मन का भाव है, यदि मन हार गया तो हम सफल जीवन जीने की इच्छा आकांक्षा भी नहीं रख सकते। सुदृढ़ मन आत्मविश्वास पैदा करता है और आत्मविश्वास अनुशासित और व्यवस्थित जीवन की उपज है । यही आत्मविश्वास हमें जीवन में सफलता प्रदान करता है। इसलिए आत्म विश्वास बढ़ाने के लिए आत्मानुशासन बहुत जरूरी है जो मनुष्य को सभ्य बनाता है और उसके व्यक्तित्व को निखारता है।
- शीला सिंह
बिलासपुर - हिमाचल प्रदेश
बिल्कुल सही है अनुशासन से हीआत्मविश्वास आता है!
वस्तुतः अनुशासन मनुष्य के सर्वांगीण विकास का प्रमुख साधन है जीवन की सफलता का रहस्य अनुशासन में ही छुपा है अनुशासन यानी स्वयं शासन करना एवं स्वयं पर नियंत्रण करना ! स्वयं पर नियंत्रण करना सरल नहीं है ! इसकी शिक्षा हमें बचपन से दी जाती है !
अनुशासन में रहने से आत्म विश्वास तो आना ही है चूंकि जहां अनुशासन है वहां विवेक, विनय, संयम,धैर्य, समय-प्रबंधन, जिम्मेदारी सकारात्मकता, मनोबल सभी गुणों की खान होती है! अनुशासित व्यक्ति किसी भी लक्ष को आत्मविश्वास के साथ पूर्ण करने के लिए दृढ़ संकल्पित होता है !
- चंद्रिका व्यास
मुंबई - महाराष्ट्र
आज की चर्चा में जहां तक यह प्रश्न है कि क्या अनुशासन से ही आत्मविश्वास पैदा होता है तो इस पर मैं कहना चाहूंगा हां अनुशासन से ही आत्मविश्वास पैदा होता है यह बात 100% सही है अनुशासित व्यक्ति अपने प्रत्येक काम को बहुत ही ठीक ढंग से करता है और जब कोई कार्य सही तरीके से किया जाता है तो वह बहुत अच्छा होता है और उसका प्रतिफल भी अच्छा ही मिलता है जिससे व्यक्ति में आत्मविश्वास जागृत होता है उसका मनोबल बढ़ता है तथा में निरंतर उन्नति की ओर अग्रसर होता रहता है ऐसा व्यक्ति अपने मार्ग में आने वाली सभी कठिनाइयों को भी उत्साह के साथ दूर करता रहता है और दूसरों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करता है जिसका लाभ परिवार समाज और देश को भी प्राप्त होता है
- प्रमोद शर्मा प्रेम
नजीबाबाद - उत्तर प्रदेश
जिंदगी में अनुशासन का नाम आत्मविश्वास है ।जी हाँ अनुशासन हीआत्म विश्वास पैदा कर सकते हैं ।
अनलॉक का पहला दिन ही बता रहा है पिंजड़े में कैद पक्षी को खुला आसमान की तलाश होती है । ऐसे आज इंसान ऐसे ही पाबन्दी हटा आजादी समय की मांग भी है और जरूरत भी है ।
जीवन जीने के लिए अनुशासन की जरूरत होती है । बिना समय पर काम किये इसकी प्राप्ति नहीं कर सकते हैं । अनुशासन , आत्मविश्वास से इंसान बड़े से बड़े लक्ष्य को साथ लेता है । एकलव्य , अर्जुन इसके उदाहरण है ।
प्रकृति हमें आत्मविश्वास , अनुशासन सिखाती है । सूरज इसकी मिसाल है । समय से निकलता है और समय पर अस्त होता है ।
हम कार्यस्थल पर अनुशासित होकर आत्मविश्वास के साथ काम करते हैं । अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो हमें नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।
हमें संयम , धैर्य को भी साथ लेकर समस्याओं को समाधान करना होगा ।
- डॉ मंजु गुप्ता
मुंबई - महाराष्ट्र
अनुशासन सफल जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि उन्नति एवं विकास की सीढ़ियां अनुशासन के गलियारे से ही होकर गुजरती हैं और सर्वविदित है कि उन्नति, विकास एवं सफलता का दूसरा नाम आत्मविश्वास होता है।
परंतु इसके अलावा आत्मविश्वास पैदा होने के कई महत्वपूर्ण आधार होते हैं। जैसे ज्ञान की भरपूर मात्रा का होना, दूसरे की खामियों का अनुमान होना, आवश्यकता के अनुसार धन का होना इत्यादि असंख्य सिद्धियां प्राप्त होने से ही आत्मविश्वास पैदा होता है।
अन्यथा मेरा अनुभव कहता है कि बुरे समय में जब तपेदिक एवं अन्य बीमारियों के लिए भले मित्र केमिस्टों से सेंपल, बच्चों की पढ़ाई के लिए, पारिवारिक रोटी-कपड़े के लिए जब दूसरों के आगे हाथ फैलाना पड़े तो "अनुशासन" धरा का धरा रह जाता है।
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर
अनुशासन से आत्मविश्वास पैदा होता है यह बात शत प्रतिशत सत्य है। अनुशासन और अभ्यास से ही आत्मविश्वास पैदा होता है। अनुशासन हमारे चरित्र और व्यक्तित्व के निर्माण में सबसे अहम भूमिका निभाता है। यह भी सच है कि अनुशासन ही सफलता की चाबी है। देश और समाज को हमेशा विवाद पर प्रगति के रास्ते पर ले जाना है तो हर नागरिक को अनुशासित होना सबसे आवश्यक और सबसे पहला कर्तव्य है। अनुशासन समिति इन शब्दों से मिलकर बना है। सबसे ऊपर अपने पर शासन करना तथा शासन के अनुसार अपने जीवन को चलाना ही अनुशासन है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अनुशासन का महत्व है। अनुशासन से धैर्य और समझदारी का विकास होता है। समय पर सही निर्णय निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। इसे कार क्षमता का विकास होता है तथा व्यक्ति में नेतृत्व की शक्ति जागृत होने लगती है। हमारे जीवन में अनुशासन एक ऐसा गुण है जिसकी आवश्यकता मानव जीवन में पग-पग पर पड़ती है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।किसी समाज के निर्माण में अनुशासन हिम्मत व पूर्ण भूमिका निभाता है। अनुशासन ही व्यक्ति को श्रेष्ठता प्रदान करता है तथा उसे समाज में सर्वोच्च स्थान दिलाने में सहायता करता है। आज विश्व में कितनी समस्याएं हैं उसका एकमात्र ही कारण है कि मनुष्य का अनुशासन हिना जीवन। अनुशासन का पाठ बचपन से ही परिवार में लाकर सीखा जाता है। स्कूल जाकर अनुशासन की भावना का विकास होता है। अच्छी शिक्षा विद्यार्थी को अनुशासन का पालन करना सिखाती है। स्वामी विवेकानंद के अनुसार आदर्श, अनुशासन, मर्यादा, परिश्रम तथा उच्च माननीय मूल्यों के बिना किसी का जीवन महान नहीं बन सकता है। अनुशासन लक्ष्यों और उपलब्धि के बीच का सेतु है।
- अंकिता सिन्हा कवयित्री
जमशेदपुर - झारखंड
आत्मविश्वास पैदा होने के लिए 4 आयामों से गुजरना पड़ता है पहला अनुकरण दूसरा अनुसरण तीसरा आज्ञा पालन चौथा अनुशासन के बाद ही आत्म अनुशासन पैदा आत्म अनुशासन से मनुष्य स्वस्फुर्त हो कर स्व अनुशासन में जीता है स्व अनुशासन में जीने वाला व्यक्ति आत्मा अनुशासित होकर जीता है। अर्थात समस्या से मुक्त होकर जीता है। अर्थात निरंतर समाधानीत कर खुशी के साथ जीता है।
- उर्मिला सिदार
रायगढ - छत्तीसगढ
जीवन में अनुशासन एक उच्चस्तरीय पराकाष्ठा का परिणाम हैं। जिसके माध्यम से अहसास जनों को अनुशासित ढ़ंग से जीना सिखाता हैं। जिसने भी अनुशासित रुप से विभक्त कर लिया, उसे हर कार्य सुचारू रूप से सम्पादित करने में सफलता मिलती जाती हैं और अनन्त समय तक सुखद क्षण रहता हैं। परंतु वर्तमान परिदृश्य में देखिए अधिकांशतः अनुशासित नहीं हैं, जिसके चलते विभिन्न प्रकार के अपराधित्व प्रवृत्तियों को जन्म देते हैं। चाहे घर संसार हो, या समसामयिक, राजतंत्रों का हास परिहास हो? हर कोई मर्यादित भाषाओं का प्रयोग कर, जीवन जीने में सफलता अर्जित कर उच्च पदों पर पदस्थ होकर अपना वर्चस्व स्थापित करने में सफल हो रहे हैं। जब तक हम आत्मविश्वास पैदा नहीं करेंगे, तब अनुशासन प्रिय नहीं बन सकते, सभी को अनुशासन से ही आत्मविश्वास पैदा करने की आवश्यकता प्रतीत होती हैं?
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर'
बालाघाट - मध्यप्रदेश
अनुशासन का पालन मनुष्य की दृढ़ता का प्रतीक है। अधिकतर लापरवाही हो ही जाती है। जो कार्य की सफलता को संदेह के घेरे में डाल देती है। जिसने अपने जीवन अनुशासित कर लिया है उसकी प्रतिबद्धता बढ़ जाती है। वह कार्य को योजनाबद्ध तरीके से करने की चेष्टा करता है। इसलिए उसे कार्य की सफलता में कोई संदेह नहीं होता। यह आत्मविश्वास अनुशासन ही पैदा करता है।
बाकी परिस्थितियों पर निर्भर होता है। परन्तु अनुशासित व्यक्ति के लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं होता।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
यह सत्य है कि अनुशासन से ही आत्मविश्वास पैदा होता है। अनुशासन में रहने वाला व्यक्ति यह जानता है कि उसे कब क्या करना है, किससे किस प्रकार बात करनी है, समय का किस प्रकार सदुपयोग करना है, लक्ष्य सिद्धि किस प्रकार प्राप्त करनी है। अनुशासन में रहने वाला विवेक और बुद्धिबल का प्रयोग करता है। यही सब जीवन में सफलता की कुंजी होते हैं। जिसके हाथ में यह कुंजी है उसमें आत्मविश्वास स्वाभाविक तौर पर होगा।
- सुदर्शन खन्ना
दिल्ली
आत्मानुशासन हमारे व्यक्तित्व और चरित्र का निर्माता है तो आत्मविश्वास सफलताओं का मूल मंत्र है l आत्मविश्वास से नेतृत्व व सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है l "किसी भी राष्ट्र की प्रगति उसी अवस्था में संभव है जब उसके नागरिक अनुशासित होंl थोपे हुए अनुशासन स्वच्छंदता को जन्म देते हैं जबकि स्वानुशासन या आत्मानुशासन जीवन में उन्नति और विकास के मार्ग प्रशस्त करते हैं l
अनुशासन --
1. व्यक्ति को साहसी बनाता है l
2. अनुशासन हमें सिखाता है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है l
3. साहस +अनुशासन +परिश्रमी व्यक्ति को माता लक्ष्मी का आशीर्वाद और समाज में सम्मान प्राप्त होता है l
4. अनुशासन के अभाव में न तो परिवार चल सकता है और न ही
कोई संस्था और राष्ट्र l
चलते चलते ----
अनुशासन शब्द एक अर्थ है
लेकिन
दृष्टिकोण अलग अलग
सेना में लागू होने पर गौरव बढ़ाता
घर में लागू हो तो कैदी का अहसास कराता
और मुल्क में लागू होता है तो तानाशाह कहलाता l
अनुशासन शुद्धिकरण की वह अग्नि है जिसमें तपकर आपकी निपुणता योग्यता बन जाती है l
- डॉ. छाया शर्मा
अजमेर - राजस्थान
अनुशासित दिनचर्या से दिन की शुरुआत अगर की जाती है तो यह एक आदत बन जाती है । इस से आदमी के अंदर कार्य को नियोजित तरीके से करने का विश्वास पैदा होता है । जो आगे चलकर सफलता प्रदान करता है।
। एक सफल व्यक्ति आत्मविश्वास से भरा होता है । आत्मविश्वास तभी आता है जब वह अनुशासन का पालन करता है ।
- अर्विना गहलोत
ग्रेटर नोएडा - उत्तर प्रदेश
इतनी शक्ति हमें देना दाता मन का विश्वास कमजोर हो ना - - इन पंक्तियों में ही छिपा है राज सफलता का। स्कूलों में प्रार्थना मैदान पर अनुशासन बद्ध तरीके से खड़े बच्चों को आत्मविश्वास का पहला पाठ होती हैं ये प्रार्थना सभाएँ।
निःसंदेह न्यौछावर है जीवन में आत्मविश्वास अनुशासन पर। अनुशासन स्वभाव का गुण है जबकि आत्मविश्वास अर्जित करना होता है। यह प्रक्रिया "मन के हारे हार है मन के जीते जीत " के संकल्प के साथ सच्चे मन से हासिल करनी होती है। अनुशासन से मन को साधते हुए कोई कार्य किया जाए तो मन की गवाही सफलता की ओर प्रस्थान करवाती है और वह सदैव उर्ध्वगामी आत्मविश्वास व्यक्तित्व का हिस्सा बन जाता है। अनुशासन-हीन व्यक्ति स्वयं में ही सकुचाया होता है। मन की लगाम थामने का आत्मविश्वास उसमें नहीं होता फलतः सफलता भी उससे दूर भागती है।
तात्पर्य यही कि मंदिर की नींव है ईंटों और कांक्रीट की अनुशासन बद्ध संरचना। कलश स्थापना तो आगे के पडा़व हैं। नींव मजबूत ना हो तो कलश की अस्मिता कैसे रहेगी।
- हेमलता मिश्र "मानवी"
नागपुर - महाराष्ट्र
समाज में कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जिसे तनाव न हो लेकिन व्यक्ति यदि अनुशासन में रहता है और उसकी सोच सकारात्मक है तो तनाव को प्रभावहीन किया जा सकता है । इसको इस प्रकार समझा जा सकता है ।
अनुशासन को अग्रेंजी में हम डिसीप्लीन(DISCIPLINE), सोच को एटीट्यूड(ATTITUDE) एवं तनाव को (STRESS) कहते हैं । यदि अग्रेंजी के अल्फाबेट A के लिए 1 एवं क्रमश: क्रमानुसार मान रखते जायें तो प्रत्येक की स्पेलिंग्स का मान 100 होगा अर्थात 100 +100= 200 में stress का मान 100 घटाने पर भी 100 बचेगा जो गणितीय रुप में स्पष्ट करता है कि अनुशासन में रहने वाला आत्मविश्वास से जीवन व्यतीत कर लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है ।
- निहाल चन्द्र शिवहरे
झांसी - उत्तर प्रदेश
अनुशासन अर्थात स्वयं को निर्धारित नियमों के अनुसार चलाना। निश्चित मापदंडों के अनुसार विधिवत सुचारू रूप से जीवन यापन करना। जब व्यक्ति नियम बद्ध तरीके से अनुशासित होकर चलेगा तो उसके अंदर आत्मविश्वास स्वयं ही पैदा हो जाएगा ।किसी भी कार्य को करने में वह अपने आपको सक्षम महसूस करेगा, किसी भी परिस्थिति में निर्णय लेने में भी कामयाब रहेगा अर्थात उसमें आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं होगी। अतः हम कह सकते हैं कि अनुशासन से ही आत्मविश्वास पैदा होता है। अनुशासन विहीन व्यक्ति किसी भी कार्य की पूर्णता के लिए प्रतिबद्ध नहीं हो सकता। जब तक वह स्वयं को अनुशासन में रखना नहीं सीखेगा तब तक उसके अंदर आत्मविश्वास भी पैदा नहीं होगा कहीं न कहीं शंकास्पद स्थिति बनी रहेगी। इसलिए आत्मविश्वास पैदा करने के लिए अनुशासन का पालन जरूरी है।
- गायत्री ठाकुर "सक्षम"
नरसिंहपुर - मध्य प्रदेश
कोई गाड़ी जब सड़क पर चलाते हैं तो नियम के अधीन चलाते है चाहे ट्रेफिक हो या न हो । यहाँ हम अनुशासन में रहते हैं । किन्तु यदि मैदान में चलाते हैं तो यहाँ कोई नियमबद्ध होकर नहीं चलाते ।
अनुशासन के बिना जीवन उसी प्रकार चलती है जैसे हम गाड़ी मैदान में चला रहे हों ।
मेरे विचार से जीवन में अनुशासन बहुत जरूरी है ।
- पूनम झा
कोटा - राजस्थान
- कमला अग्रवाल
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
" मेरी दृष्टि में " अनुशासन जीवन की सर्वोत्तम साधना है । जो जीवन में अनुशासन को स्वीकार कर लेता है । वही आत्मविश्वास पैदा कर सकता है । बाकी तो जीवन नरंक के समान है ।
- बीजेन्द्र जैमिनी
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