मेरे फेवरेट सुपरहीरो

          दोस्तों ! मेरे फेवरेट सुपर हीरो मेरे बच्चें है । बच्चें दो ही हैं । लड़की का नाम लोहिनी व लड़के का नाम उमेश जैमिनी है । दोनों इंजीनियर है ।
मेरी बेटी लोहिनी शायद दसवीं से भी कम कक्षा में पढती थी । मेरी पत्नी संगीता रानी को कोई बहुत ही आवश्यक काम के लिए दिल्ली जाना पड़ गया । बच्चें छोटे थे । तो बच्चें सहित जाने का कार्यक्रम बना लिया । परन्तु बेटी लोहिनी ने जाने से इंकार कर दिया और कहा - पापा बिमार है । पापा के लिए मैं खाना बनाऊंगी । वास्तव में मेरे लिए खाना बनाया भी ....। मुझे बेटी की सोच पर आज भी गर्व महसूस होता है । 
अभी हाल में तीस जून को दिल्ली के एक काँफी हाऊस में बैठे थे । मेरे साथ बहुत बड़ीं घटना हो गई । मैं बहुत दु:खी हो गया । मै खिडक़ी से सिर बाहर कर के फोन पर बात कर रहा था । तभी मेरा लड़का उमेश जैमिनी पीछे आ जाता है और कहता है - पापा ! क्यों घबराते हो .......! मुझे ऐसा लगा कि मुझे सारे जँहा की ताकत मिल गई है । बताओं ! मेरे बच्चें सुपरहीरो हैं ना ?
" मेरी दृष्टि में " फिल्मों के सुपरहीरो तो आप सब ने देखें हैं ।परन्तु जिन्दगी के वास्तविक हीरों आप के आस पास कहीं भी नज़र आ सकते हैं ।
                                                        - बीजेन्द्र जैमिनी


Comments

Popular posts from this blog

वृद्धाश्रमों की आवश्यकता क्यों हो रही हैं ?

लघुकथा - 2024 (लघुकथा संकलन) - सम्पादक ; बीजेन्द्र जैमिनी

इंसान अपनी परछाईं से क्यों डरता है ?