सर्वश्रेष्ठ कर्म
महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण जी द्वारा अर्जुन को समझने के लिए दिया गया उपदेश सर्वश्रेष्ठ है । जो कर्म की उपयोगिता को प्रकट करता है । आज भी यह उपदेश हर इंसान के लिए ज्ञान का सागर है । कर्म के बिना जीवन निर्थक है ।
" मेरी दृष्टि में " श्री हनुमानजी जी के द्वारा सजीवनी बुटी लाना ही सर्वश्रेष्ठ कर्म है । क्योंकि यह कर्म नि:स्वार्थ भाव से किया गया है । हर इंसान को अपने जीवन में नि:स्वार्थ भाव से भी कर्म करना चाहिए । तभी जीवन की सार्थकता है ।
" मेरी दृष्टि में " श्री हनुमानजी जी के द्वारा सजीवनी बुटी लाना ही सर्वश्रेष्ठ कर्म है । क्योंकि यह कर्म नि:स्वार्थ भाव से किया गया है । हर इंसान को अपने जीवन में नि:स्वार्थ भाव से भी कर्म करना चाहिए । तभी जीवन की सार्थकता है ।
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