डाँ. मिथिलेश दीक्षित , लखनऊ - उत्तर प्रदेश के लघुकथा संबंधित प्रश्रावली के जबाब

डाँ मिथिलेश दीक्षित जी ,

                       जय हिन्दी ! जय भारत !

                  आप के द्वारा भेजें गए लघुकथा  से  संबन्धित  प्रश्नावली के जबाब :-

1- हिन्दी  में  लघुकथा  का उद्भव  आप कबसे मानते    हैं और प्रथम लघुकथाकार का श्रेय  किसको  देते  हैं?

बीजेन्द्र जैमिनी - रामायण , पुराणों में अनेक छोटी छोटी कथा मिलती है परन्तु उन्हें कभी भी लघुकथा की श्रेणी में नहीं रखा गया है ।
       भारतेन्दु हरिश्चंद्र की 1876 में प्रकशित " अंगहीन " को ही प्रथम लघुकथा माना जा रहा है ।

2-लघुकथा की विकास-यात्रा  के परिप्रेक्ष्य में इसके वर्तमान  स्वरूप  पर  प्रकाश डालें।

बीजेन्द्र जैमिनी  - वर्तमान हिन्दी साहित्य की सभी पत्र - पत्रिकाओं में लघुकथा के साथ - साथ , लघुकथा साहित्य की पुस्तकों की समीक्षा , लघुकथा से सम्बंधित चर्चा आदि सब कुछ प्रकशित हो रहा है ।
       
         इसी प्रकार इंटरनेट के विभिन्न स्वरूपों से लघुकथा साहित्य की  वृद्धि हो रही हैं जैसे :- फेसबुक पर , ई - पत्रिका  व ब्लॉग आदि पर देखा जा सकता है । ब्लॉग पर लघुकथा - 2018 ( सम्पादक : बीजेन्द्र जैमिनी ) में सौ लघुकथाओं का संकलन प्रसारित किया गया है । इसको एक साल से भी कम समय में  पढने वालों की संख्या इतनी अधिक है । जो साधारणतया पुस्तक प्रकाशन की सख्या कुछ भी नहीं है । यह सब वर्तमान के स्वरूप को स्पष्ट करते हैं ।

3-आपकी  दृष्टि  में,हिन्दी  के  कथात्मक साहित्य  में लघुकथा  का  क्या  स्थान  है?

बीजेन्द्र जैमिनी - मेरी दृष्टि में हिन्दी  के कथात्मक सहित्य में लघुकथा साहित्य का स्थान सबसे ऊपर है । इसकी सबसे बडी वजह सिर्फ दो हैं :-
         पहली वजह हिन्दी साहित्य में  सबसे अधिक लेखक वर्तमान में लघुकथा साहित्य के हैं
         दूसरी वजह सबसे अधिक पाठक भी लघुकथा साहित्य के हैं । अतः हिन्दी साहित्य में प्रथम स्थान लघुकथा साहित्य को प्राप्त हो गया है ।

4-लघुकथा  के  स्वरूप ,स्तर और  विकास  में सोशल मीडिया  की  क्या  भूमिका  है?

बीजेन्द्र जैमिनी - सोशल मीडिया से लघुकथा लेखकों व पाठकों का विस्तार हुआ है । परन्तु लघुकथा का स्तर काफी कमजोर हो गया है ।
         फेसबुक पर अनेकों ग्रुप ऐसे चल रहें है जो चित्र या विषय देकर लेखकों से लघुकथा लिखवाई जा रहीं है । यह लघुकथा साहित्य के हित में नहीं है ।क्यों कि लेखक अपनी बोद्धिक क्षमता से विषय का चुनाव करता है फिर रचना को जन्म देता है ।

5-लघुकथा  की  वर्तमान  स्थिति से आप कहाँ  तक  संतुष्ट  हैं?

बीजेन्द्र जैमिनी - वर्तमान में अनेक पत्र पत्रिकाएं ऐसी भी है जो सिर्फ लघुकथा साहित्य पर आधारित है । लघुकथा प्रतियोगिता का भी अपना इतिहास बनता जा रहा है । इस साल (2019 ) जैमिनी अकादमी ( पानीपत - हरियाणा ) 25 वी अखिल भारतीय लघुकथा प्रतियोगिता - 2019 का आयोजन कर रहा है ।
              प्रतियोगिता आयोजन में स्पष्ट देखा गया है कि ऐसे अनेक लघुकथा लेखक है जिन की प्रथम लघुकथा को ही पुरस्कार मिल गया है । यह सब लघुकथा की वर्तमान स्थिति से सतुष्ट का संकेत हैं ।

                            निवेदन
                        बीजेन्द्र जैमिनी
              हिन्दी भवन , 554 - सी , सैक्टर -6
              पानीपत -132103 हरियाणा
              ईमेल : bijender1965@gmail.com
              WhatsApp Mobile No 9355003609

Comments

  1. अच्छी जानकारी

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  2. अच्छी जानकारी

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  3. आदाब। बहुत बढ़िया प्रश्नोत्तरी। सवाल बहुत से अभी बाक़ी हैं बहुत से जवाबों की अपेक्षा के साथ।

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  4. बधाई ज्ञानवर्द्धक प्रश्नोत्तरी ।

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  5. नमस्कार सर....बहुत बढ़िया प्रश्नोत्तरी एवं सटीक जबाब। विशेषकर चौथे प्रश्न का जबाब बहुत बेहतर लगा। किसी लेखक की खुद की बौद्धिकता एवं कल्पना ही एक उत्कृष्ट रचना का सृजन कर सकती है। बेजा की भागदौड़ नही।
    - प्रतिमा त्रिपाठी
    ( WhatsApp से साभार )

    लघुकथा पर बढ़िया प्रश्न, बढ़िया जवाब। सतत सवाल-जवाब से कई धुंध छटेंगे.... नवोदितों के लिए मार्गदर्शक का काम करेंगे।
    - अनिता रश्मि
    ( WhatsApp से साभार )

    प्रश्नों के उत्तर बहुत ही सटीक और प्रभावशाली तरीके से दिए गए है।
    - कल्याणी झा
    ( WhatsApp से साभार )

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