क्या वर्तमान में मेडिकल शिक्षा में निवेश सर्वोत्तम है ?
वर्तमान में मेडिकल शिक्षा का विस्तार बहुत ही आवश्यक है । जिसमें निवेश बहुत ही महत्वपूर्ण है । यहीं कुछ जैमिनी अकादमी द्वारा " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है। अब आये विचारों को देखते हैं : -
भारत की जनसंख्या की अपेक्षा यहां पर मेडिकल शिक्षा का अभाव है। चिकित्सकों की कमी से पहले भी आम जनमानस को पर्याप्त चिकित्सा न मिलने के कारण अत्यन्त परेशानी का सामना करना पड़ता रहा है। कोरोना काल में तो मेडिकल शिक्षा की महत्ता के विषय में कोई शंका शेष ही नहीं रह गयी।
निश्चित रूप से अब वह समय आ गया है जब भारत में मेडिकल शिक्षा के ढांचे को पुष्ट करने के लिए अधिकाधिक निवेश किया जाये। मेडिकल शिक्षा में निवेश करने हेतु निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकारी स्तर पर मन-वचन-कर्म से कार्य किये जायें।
इसमें कोई दो मत नहीं कि समय की मांग के अनुसार वर्तमान में मेडिकल शिक्षा में निवेश सर्वोत्तम है।
- सतेन्द्र शर्मा 'तरंग'
देहरादून - उत्तराखण्ड
मेडिकल शिक्षा - - कौनसी?? ये जो हमारे देश के बच्चों पर आज भी लाॅर्ड मैकाले की शिक्षा नीति के अनुसार थोपी जा रही है। उसने देश को सिर्फ पढें लिखे क्लर्क दिये--रटन्तू तोते डाॅक्टर दिये - - प्रेक्टीकल ज्ञान में अंगूठा छाप इंजीनियर दिये--सब-कुछ सिर्फ समीकरणों पर आधारित जिनका वास्तविक जिंदगी में कोई काम नहीं।।
अँग्रेज़ी में शरीर-विज्ञान पढकर अधकचरे ज्ञान से सिर्फ लक्षणों के आधार पर अँग्रेज़ी दवाओं के नाम घसीटने वाले डॉक्टर दिये।
हाँ मानती हूँ कि को +रोना जैसे - - जैविक दुश्मनी के इन शीत युद्धाभ्यासों में आवश्यकता है कि हम भी तैयार करें अपने चिकित्सा दूत।
निःसंदेह खंगालें अपनी विरासतों के खजानों को--जगाएँ अपने ह्दय में
अपरंपार ज्ञान संपदा समेट-कर बेहोशी में खोये हमारे वेद-शास्त्रों को। पहुँचाये आक्सीजन पाताल में अर्धसाँसों के साथ मर रही चरक संहिताओं को।
डाईनामाईट लगाकर पहाड़ी में रास्ते बनाने की बजाय हिमालय की चोटी की तराईयों में खोजें जीवन-दायी संजीवनी बूटियाँ।
अपनी ही बाहों में आकाश लिए हैं मगर दूसरे के नील पंखों पर मोहित हो रहे हैं
बस कहना यही है कि हाँ मेडिकल चिकित्सा विज्ञान पर ध्यान देना है भावी जैविक आपदाओं का सामना करने के लिए। पर्यावरण संरक्षण के लिये - - हवा की कीमत जान रहे हैं तो जंगल का महत्व जतलाएँ युवा पीढ़ी को बजाय आॅक्सीमीटर के प्रयोग सिखाने के लिए।
तात्पर्य यही कि लौटें प्रकृति की ओर पायें प्रकृति से यदि मानव सृष्टि को बचाना है। मेडिकल छात्र कहाँ जानते हैं कि क्षिति जल पावक गगन समीरा के पंचतत्वों से बने तन के भीतर बसे मन को भी बचाना है तो इन्ही पंचतत्वों के समन्वय की जरूरत होगी। मेकेनिकल चिकित्सा पद्धति से दुनिया में रोबोट ही बचेंगे राग-विराग अनुराग के रचे इंसान नहीं।।
अतः यही कहना चाहूँगी कि निवेश जरूर चिकित्सा विज्ञान की ओर हो लेकिन दिशा बदलनी चाहिए। आज की सोचकर नहीं लेकिन लंबी रेस का घोड़ा सिद्ध हौना है तो निवेश हो देशी चिकित्सा आयुर्वेद के विकास की दिशा में भी। अणु-परमाणु की भोथरी भौतिकता से डरने डराने की बजाय सृष्टि की अभेद्य गहराईयों में समाधान खोजें। मानव-जाति को बचाने की दौड में पीछे से आती रोशनी स्वीकारें--आज आँखों को चौंधियाती---अंधी करने वाली दामिनी दमक नहीं
- हेमलता मिश्र मानवी
नागपुर - महाराष्ट्र
वर्तमान समय में समस्त प्रकार की स्थितियाँ अनियंत्रित हो चुकी हैं, शिक्षा दीक्षा में रुपयों का मूल्यांकन समझ में नहीं आ रहा हैं, बाल्यकाल से ही ज्ञानोदय का प्रकाश जगमगा रहा हैं, हर वर्ग चाहता हैं, शिक्षा मेडिकल हो या अन्य शिक्षित होकर सर्वोत्तम निवेश, निवेशकों को प्राथमिकता के आधार पर विभिन्न प्रकार से मेहनत और मजदूरी के भी आठ घंटे में सफल होकर अपने तौर तरीकों से भविष्य के लिए निवेश करें और चार पैसे बचत कर अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हो सकें, लेकिन पूर्व इतिहास उठाकर देख लीजिएगा, जैसा निवेश का बोलबाला नहीं था, लेकिन वर्तमान परिदृश्य में बदलाव की जगह नकारात्मक सोच में परिवर्तित हो गया हैं। मेडिकल शिक्षा में निवेश करने सार्वभौमिकता की आवश्यकता प्रतीत होती हैं। जिसके माध्यम से अहसास जनों को निवेश करने में फायदा बताने की जरूरत महसूस होती हैं?
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर'
बालाघाट - मध्यप्रदेश
मेडिकल शिक्षकों निवेश हमेशा ही सर्वोत्तम रहा है । भारत वर्ष में मेडिकल कालेज
की कमी है उच्च शिक्षा लिये विघार्थी विदेश जाते हैं वहाँ से डिग्री ले कर आते हैं तो यहाँ पर मनमानी पैसे वसूलते है । आज लोग पैसों की तरफ़ भागते है , जब की बैंकों का व्याज भी बहुत कम हो गया । तो ऐसे में। मेडिकल में निवेश बिना रिस्क के कर मुनाफ़ा बहुत कमाया जा सकता है ।
आज मेडिकल बहुत मंहगा हो गया है साधारण जनता की कमर ही टूट जाती है
सरकार को मेडिकल में बहुत निवेश करना चाहियें ताकी ग़रीबों को आराम मिले वो बिना इलाज न मरे ।..
विदेशों में सरकारी निवेश मेडिकल क्षेत्र में अधिक करते है , हमारे यहाँ उतनी सुविधायें नहीं है , जो होनी चाहिये
आज के दौर में मेडिकल की जरुरत सबसे अधिक है परन्तु
भविष्य में मैं यही कहूगी की ईश्वर सबको स्वस्थ रखें हमें अस्पतालों से दूर ही रखें ।
- डॉ अलका पाण्डेय
मुम्बई - महाराष्ट्र
इस पर विचार से पहले निवेश की बात कर लें,निवेश वह धन होता है जो किसी व्यापार या कंपनी में लाभ कमाने के लिए लगाया जाता है।
मेडिकल छात्रों के पक्ष से सोचे तो मेडिकल शिक्षा पर खर्च को हम निवेश नहीं कहेंगे,वह तो उसकी शिक्षा का शुल्क है।उसे निवेश कहना या मानना ही गलत है।
अब यदि मेडिकल कालेज मालिकान और प्रबंधतंत्र के पक्ष से विचार करे तो यह लाभांश देने वाले ही निवेश है।न बीमारी कम होगी,न चिकित्सकों की मांग।समय के साथ साथ इस क्षेत्र में नयी नयी संभावनाएं सामने आ रही है,आती रहेगी। वैसे भी निजी कालेज व्यवसायिक रुप से चलाएं जाते हैं। तो इसमें निवेश सर्वोत्तम माना जा सकता है
- डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर - उत्तर प्रदेश
भारत में चिकित्सा शिक्षा पर केंद्र और राज्य सरकारों का विशेष ध्यान
वर्तमान समय में केंद्र और राज्य सरकारों का चिकित्सा शिक्षा पर विशेष ध्यान है। इसके साथ है निजी क्षेत्र में निवेश करने वाले भी उद्यमी चिकित्सा शिक्षा में निवेश को बढ़ावा दे रहा है। मानव संसाधन व अवधारणा है जो जनसंख्या को अर्थव्यवस्था पर दायित्व से अधिक परिसंपत्ति के रूप में देखती है। शिक्षा प्रशिक्षण और चिकित्सा सेवाओं में निवेश के परिणाम स्वरूप जनसंख्या मानव संसाधन के रूप में बदल जाती है। मानव संसाधन उत्पादन में प्रयुक्त हो सकने वाली पूंजी है। वह मानो पूंजी कौशल और निहित उत्पादन के ज्ञान का भंडार है। यह प्रतिभाशाली और काम पर लगे हुए लोगों और संगठनात्मक सफलता के बीच की कड़ी को पहचानने का सूत्र है। वर्तमान में चिकित्सा शिक्षा में निवेश सर्वोत्तम है। आज देश भर में चिकित्सा शिक्षा की मांग बहुत ही तेजी से बढ़ रही है। क्योंकि वर्तमान समय में युवा वर्ग मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। होलिया कोई नई बात नहीं है बहुत ही पुरानी बात है के परिवार वाले भी चाहते हैं यह हमारे बच्चे डॉक्टर या इंजीनियर बने। देश और हमारे समाज में चिकित्सा सेवा को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा माना जाता है। इसके साथ ही चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने के बाद युवा वर्ग डॉक्टर बंद कर मानव सेवा में लग जाता है और उसकी आमदनी भी बेहतर होती है। समाज और रिश्तेदारों के बीच उसका सम्मान में बहुत अधिक होता है। अमेरिका, जापान, इंग्लैंड और अन्य विकसित देशों को देखें तो वह सबसे अधिक चिकित्सा और शिक्षा पर खर्च कर रहे हैं। भारत में भी इसकी शुरुआत हुई है लेकिन सरकारी क्षेत्र में इस खर्च पर बहुत ज्यादा झुकाव नहीं है। शिक्षा और अनुसंधान पर संतोषजनक बजट खर्च नहीं हो रहा है। लेकिन वही निजी क्षेत्र के व्यवसाय करने वाले लोग चिकित्सा शिक्षा पर विशेष जोर दे रहे हैं। चिकित्सा शिक्षा में निवेश करने वालों को भी समाज में सम्मान मिलता है और इससे उनकी आय भी अच्छी होती है।
- अंकिता सिन्हा कवयित्री
जमशेदपुर - झारखंड
जो विद्यार्थी मेडिकल शिक्षा लेते हैं उसके बाद डॉक्टर बन कर समाज सेवा करते हैं तो समाज उन्हें ईश्वर के रूप में मान्यता देती है। अतः इसमें निवेश करना सर्वोत्तम है।
अभी देश में डॉक्टर की बहुत कमी है।इस पर केंद्र सरकार विचार कर रही है। मेडिकल शिक्षा पढ़ने वाले बच्चों को राहत देने की बात कह रही है। आने वाले दिनों में मेडिकल की पढ़ाई सस्ती हो सकती है। केंद्र सरकार की तरफ से गठित पैनल ने देश के निजी मेडिकल कॉलेज एवं डीम्ड विश्वविद्यालय को प्रस्ताव भेजा है फीस के रकम आधा करने के लिए। केंद्र सरकार का नया फैसला मेडिकल की पढ़ाई को सस्ता और आसान करना है इसलिए वर्तमान समय में मेडिकल शिक्षा पर निवेश सर्वोत्तम है।
- विजयेन्द्र मोहन
बोकारो - झारखण्ड
परिस्थितियां सदैव एक ही नहीं रहती समय अनुसार बदलती रहती हैं आज के परिपेक्ष में मेडिकल फील्ड एक गोल्ड कॉइन की तरह है जो इस फील्ड में जाना चाहते हैं।
शिक्षा चाहे किसी भी क्षेत्र की हो उस शिक्षा का समाज के प्रति एक दायित्व रहता है यदि उस दायित्व को इमानदारी से वहन करें तो वो निवेश सर्वोत्तम है और अभी जो शिक्षा का माध्यम ऑनलाइन चल रहा है मेडिकल क्षेत्र एक ऐसी फील्ड है जहां प्रैक्टिकल की जरूरत होती है जितना प्रैक्टिकल नॉलेज अच्छा होगा उतना ही समाज को फायदा पहुंचेगा।
ऐसे में आज हमें चारों ओर से खबरें आ रही हैं कि अस्पतालों में लूट मची है हर कोई अपने स्वार्थ को लेकर दवाइयों की कालाबाजारी कर रहा है ऐसे में मेडिकल शिक्षा की बात करें तो स्वार्थ परस्ती से इस फील्ड में जाना है तो यह उचित नहीं है।
आज रिसर्च में युवाओं की आवश्यकता है।इस फील्ड में शिक्षा ली जाए तो आने वाले समय में इसका बहुत लाभ मिल सकेगा।
मानव जीवन एक बार मिला है "नर सेवा नारायण सेवा" का भाव लेकर मानव सेवा हेतु सच्चे मन से एक अच्छे डॉक्टर की भूमिका निभाकर समाज को कुछ देना चाहता है तो आज वर्तमान में मेडिकल शिक्षा में निवेश सर्वोत्तम है।
- वंदना पुणतांबेकर
इंदौर - मध्यप्रदेश
जैसा कि दिन ब दिन परिस्थिति खराब होती जा रही है। बीमारों की संख्या हमेशा बढ़ती जा रही है। इस हिसाब से मेडिकल शिक्षा में ही निवेश सर्वोत्तम है। दूषित वातावरण में रहना और दूषित अन्न खाना लोगों को अनिवार्य हो गया है। बिना दवा के न कोई अन्न होता है न कोई सब्जी होती हैं। केमिकल युक्त सब्जी और खाद युक्त अनाज खा खाकर लोगों को बीमार होना ही है। और बीमार लोगों को डॉक्टरों की आवश्यकता होगी। आने वाले समय में हो सके तो घर-घर डॉक्टर की यानी हर घर में एक डॉक्टर होना चाहिए। इस तरह से ज्यादा से ज्यादा डॉक्टरों की आवश्यकता होगी। इस हिसाब से मेडिकल शिक्षा में निवेश सर्वोत्तम है।
- दिनेश चन्द्र प्रसाद "दीनेश"
कलकत्ता - पं. बंगाल
व्यक्ति ,परिवार ,समाज और देश की उन्नति तभी संभव है जब सच्ची लगन हो । सच्ची लगन अच्छे स्वास्थ के बिना नहीं हो सकती ।कहते है 'काया है तो माया ' है । वर्तमान हालात को देखते हुए शिक्षित डा0 की कमी आ रही हैं ।तिमारदारों की देखभाल के लिए मेडिकल में पढ़ रहे चौथे वर्ष के विद्यार्थियों का आवाहन हो रहा है । जिससे शिक्षित डाक्टरों की कमी नजर आ रही है । हमलोग दवाईयों वैक्सिन , आक्सीजन के लिए दूसरे देश पर आश्रित हैं । इन सब की कमी से रोज सैकड़ों जाने जा रही हैं । आजकी विकट स्थिति को देखते हुए यही लगता है अच्छे कल के लिए हमें अपना मेडिकल स्ट्र्क्चर मजबूत करना होगा ।धनवान बनने के लिए नहीं ,मानवता की रक्षा केलिए मेडिकल में निवेश सर्वोत्तम है ।
वैसे इस क्षेत्र के लोग यश भी कमाते हैं पैसा भी ।
- कमला अग्रवाल
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
आज की चर्चा में जहां तक यह प्रश्न है कि क्या वर्तमान मे मेडिकल शिक्षा में निवेश आजकल सर्वोत्तम है तो इस पर मैं कहना चाहूंगा यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें हमेशा से ही अवसरों की कोई कमी नहीं है भारत जैसे देश में जहां विश्व की अधिकतम आबादी निवास करती है इस क्षेत्र में अवसर भरपूर है समय के साथ साथ हमें यह भी पता चलता है कि अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा मेडिकल क्षेत्र में ग्रोथ अधिक है तथा बीमारियां लगातार बढ़ रही है व मैडिकल प्रोफेशनल की माँग भी बढ रहा है करोना जैसी बीमारी ने इस क्षेत्र में प्रोफेशनल्स की कितनी कमी है यह अच्छी तरह से दिखा दिया है अतः यह कहा जा सकता है कि मेडिकल क्षेत्र में निवेश आजकल बिल्कुल खरा सौदा है और इसमें किसी भी तरह का कोई जोखिम नहीं है साथ साथ चिकित्सा शिक्षा प्राप्त कर रहे व संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे विभिन्न प्रोफेशनल एवं छात्रों के लिए यह सुनहरे भविष्य की एक गारंटी है
- डॉ प्रमोद कुमार प्रेम
नजीबाबाद - उत्तर प्रदेश
वर्तमान में पूरी दुनिया करोना जैसी महामारी से जूझ रही है।यूरोपियन देशों की तुलना में हमारे देश में देशवासियों के स्वास्थय
की ओर उतना ध्यान नहीं दिया गया। हमारे देश मे शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए बहुत कम राशि रखी जाती है जब कि दूसरे देशों में शिक्षा और स्वास्थ्य पर अधिक निवेश किया जाता है।
हमारे देश में हमारी आबादी को देखते हुए बहुत कम मैडिकल कालेज है। जो हैं, उन में भी पूरी वयवस्था नहीं है।डाक्टरों की बहुत कमी है।मेडिकल की पढ़ाई इतनी महंगी है कि विद्यार्थी विदेश में पढने को प्राथमिकता देता है।डाक्टरी की डिग्री ले कर भी नौकरी के लिए मारा-मारी है।इसी लिए तो भारत में ब्रेन-ड्रेन हो रहा है।भर्ष्टाचार सभी सीमाएं पार कर चुका है। सरकारों को इस ओर ध्यान देना होगा। आज कल की डरावनी परिस्थितियों को देखते हुए वर्तमान में मेडिकल शिक्षा में निवेश सर्वोत्तम है।
- कैलाश ठाकुर
नंगल टाउनशिप - पंजाब
वर्तमान हो या भविष्य स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा सर्वोत्तम ही मानी गई है और उस पर निवेश करना श्रेष्ठतम से श्रेष्ठतम की श्रेणी में आता है। वैसे भी भारत युगों-युगों से आयुर्विज्ञान क्षेत्र में विश्व में अग्रिम भूमिका निभाता रहा है। चूंकि भारत के पास आयुर्वेद है। जिसमें आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति किसी देश के पास भी नहीं है।
परंतु अंग्रेजों के गुलाम रहने के कारण हमारे देश में अंग्रेजी का वर्चस्व हुआ और हम पिछड़ गए। अब हालात बदले हुए हैं और भारतीयों को मंदिर-मसजिद की लड़ाई त्याग कर स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए उसपर अधिक से अधिक निवेश करना चाहिए।
इसके अलावा मेरा विशेष सुझाव है कि भारत को विश्व की प्रत्येक अग्रिम पंक्ति में बैठने के लिए जहां मेडिकल शिक्षा पर निवेश करना चाहिए वहीं न्यायपालिका की तीव्र गति पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। चूंकि न्यायपालिका के प्रदूषित वातावरण के कारण भारतीयों न केवल धन बर्बाद होता है बल्कि उस वातावरण से मानसिक तनाव उत्पन्न होता है जो स्वास्थ्य बिगाड़ देता है और भारत, भारतीय और भारतीयता निर्बल हो रही है।
अतः राष्ट्रीय जन चेतना के अंतर्गत उपरोक्त दोनों विषयों पर निवेश करना सर्वोत्तम ही नहीं बल्कि समय की परम आवश्यकता है।
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर
मैडिकल शिक्षा क्या शिक्षा के किसी भी क्षेत्र में निवेश सर्वोत्तम है किंतु यहां प्रश्न वर्तमान में मैडिकल शिक्षा में निवेश का है!
अमेरिका, जापान जैसे आर्थिक तौर पर संपन्न देश शिक्षा और चिकित्सा पर ज्यादा खर्च करते हैं! हमारे देश में भी शुरुवात हुई है किंतु सरकारी क्षेत्र में इस खर्च पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया है!
सरकार को मैडिकल कॉलेज अधिक से अधिक खोलना चाहिए! प्राइवेट कॉलेज में शिक्षा महंगी होने से सभी मैडिकल में नहीं जा सकते! योग्यता होने पर भी भ्रष्टाचार के चलते सरकारी मैडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं मिलता अतः हर राज्य में सरकारी मैडिकल शिक्षा के लिए बजट अधिक होना चाहिए !
हमारे देश में शिक्षक और चिकित्सिकों को वेतन भी सरकार कम देती है! सरकारी सेवा देने वालों को पगार भी अच्छी होनी चाहिए चूंकि मैडिकल की पढ़ाई भी महंगी होती है!
फिलहाल सरकार ने मैडिकल शिक्षा और अनुसंधानों के बजट पर ध्यान दिया है किंतु जितना निवेश होना चाहिए वह नहीं हो रहा है !सरकार को ध्यान देना जरुरी है वरना यह अनदेखी आगे घातक सिद्ध होगी!
- चंद्रिका व्यास
खारघर नवी मुंबई - महाराष्ट्र
बिल्कुल यही समय की मांग है और जरूरत भी।इस समय मेडिकल शिक्षा में निवेश ही सर्वोत्तम है ।
अब यह बहुत जरूरी हो गया है कि चिकित्सकों के साथ-साथ नर्सिंग और पैरामेडिकल शिक्षण में कार्यरत लोगों की संख्या बढ़ाई जाए ।
भारत में चिकित्सक व जनसंख्या अनुपात पॉइंट 5 अनुपात 1722 है ,ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले व शहरी मलिन बस्तियों में रहने वाले अधिकांश लोगों को प्राथमिक, माध्यमिक या तृतीयक किसी भी प्रकार की सेवा नहीं मिल पाती ।इस कारण उन्हें गैरसरकारी संगठनों पर निर्भर रहना पड़ता है ।
हमारे मेडिकल कालेजों में दिए जा रहे प्रशिक्षण में गुणवत्ता सुधार की भी आवश्यकता है, ताकि मेडिकल कालेजों के वातावरण को राष्ट्रीय स्तर पर संवेदनशील बनाया जा सके और प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके। चिकित्सका में अधिक लागत वाले उपकरणों की आवश्यकता भी पूरी नहीं हो पा रही है ,इस पर निवेश की अत्यंत जरूरत है। सबसे ज्यादा चिकित्सा शिक्षा पर ही निवेश की जरूरत है जो अभी तक नहीं हुआ है ।अभी तक भारत में इस पर संतोषजनक बजट खर्च नहीं हुआ है ।सरकार की यही अनदेखी आज के बुरे दिन लाई है ,यही वजह है कि चिकित्सा व्यवस्था लचर पड़ रही है ।
जैसा कि हम जानते हैं चिकित्सा विज्ञान संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग है ,जो कि आजकल की कोरोनकाल की स्थिति में अत्यंत जरूरी है ।हालात बहुत ही चिंताजनक हैं । वैसे भी हम लोग भारत की चिकित्सा शिक्षा के गिरते स्तर के कारण भारी कीमत चुका चुके हैं ।इस पर ध्यान देने से क्रिनवयन करने से कम से जम भविष्य तो सुधर जाएगा बाकी जो हो चुका उसकी क्षतिपूर्ति असम्भव है ।
- सुषमा दीक्षित शुक्ला
लखनऊ - उत्तर प्रदेश
"दर्द भी वो दर्द है जो दबा बन
जाये, मुश्किलें बढें तो आसां बन जाये,
जख्म पा कर सिर्फ सिर झुका
देता हुं,
न जाने कौन सा पत्थर खुदा बन जाए"
इस समय विश्व में जो कहर चल रहा है उससे कण कण वाकिफ है, यह एक ऐसा दर्द बन चुका है कि इसको मरहम लगाने वाला कोई नहीं मिल रहा है
लोगों का भरोसा टिका है तो सिर्फ डाक्टरों पर, इस समय लोग उनको ही भगवान का रूप मान रहे हैं वशर्ते वो लोगों का दर्द बांट सकें , जो भी अपने घर से दवाखाने आता है यही सोच कर आता है कि मुझे कोई ऐसा डाक्टर मिल जाए जो मुझे तरुंत ठीक करके सकुशल घर भेज दे,
वहरहाल वो डाक्टर के आगे झुक जाता है आगे उसका कार्य है वो उसको कैसा टृीट करता है,
कहने का भाव यह है कि डाक्टरी एक ऐसा पेशा है जिस पर मरीज को पूरा भरोसा होता है कि वो जो भी देगा मेरे भले के लिए ही होगा,
सचमुच में डाक्टर को भगवान से कम नहीं आंका जाता
लेकिन इस विपत्ति की घड़ी में अक्सर डाक्टरो़ की कमी देखी जा रही है, ज्यादातर मरीज डाक्टरों की कमी से दर वदर हो रहे हैं और मरने के कगार पर हैं,
तो आईये आज इसी बात पर चर्चा करते है्ं कि क्या वर्तमान में मेडीकल शिक्षा में निवेश सर्वोतम है,
मेरा मानना है कि वर्तमान स्थिति में चिकित्सा और शिक्षा पर निवेश सर्वोतम है,
अगर हम अमेरिका, जापान जैसे अन्य विकसित देशों की बात करें तो वह सबसे ज्यादा चिकित्सा और शिक्षा पर निवेश कर रहे हैं लेकिन हमारे यहां ऐसा नहीं है जिसके कारण अच्छे डाक्टरों की हमेशा कमी दिखने को मिलती है,
उच्च शिक्षा और चिकित्सा पर संतोषजनक खर्च नहीं हो रहा, सरकार की अनदेखी भाविष्य के लिए घातक हो सकती है, क्योंकी डाक्टरों की कमी से मरीजों का सही समय पर सही ईलाज नहीं हो पा रहा है,
इसलिए इस समय मेडिकल शिक्षा पर निवेश सर्वोतम है लोगों का रूजान शूरू से मेडिकल शिक्षा की तरफ था लेकिन अब यह और ज्यादा चर्चित हो गया है अगर मेडिकल शिक्षा संस्थान ज्यादा से ज्यादा होंगे तो ज्यादा से ज्यादा लोग मेडिकल शिक्षा ले सकेंगे जिससे डाक्टरों की किल्त कम होगी व अच्छे व सफल डाक्टर उभर कर वाहर आऐंगे जिससे आने वाले समय मैं काफी हद तक सुधार आ सकता है,
इस समय मेडिकल संस्थानों व कालेजों की कमी के कारण बहुत से युवक प्रवेश नहीं ले पाते जिस के कारण वो चाहाकर भी अच्छे डाक्टर नहीं बन पा रहे साथ में मेडिकल शिक्षा निवेश अच्छी खासी इनकम का जरिया भी बन सकता है क्योंकी बहुत से भारतीय बाहरी देशों में शिक्षा लेने पर मजबूर हैं और ढेरों खर्च वहां कर देते हैं क्यों न वो अपने देश में ही अच्छी मेडिकल शिक्षा पाकर अच्छे से अच्छे डाक्टर बन कर अपने देश की रक्षा करें जिससे भारत पैसे व सेहत दोनों में धनी होगा
अन्त में यही कहुंगा मेडिकल शिक्षा के दरवाजे खोलना अति महत्वपूर्ण है और इस में निवेश करना एक सर्वोतम कार्य है।
- सुदर्शन कुमार शर्मा
जम्मू - जम्मू कश्मीर
वर्तमान स्थिति को देखते हुए इस दृष्टिकोण से सोचा जा सकता है। शिक्षा का स्तर खासकर चिकित्सा शिक्षा का स्तर तो हमेशा ऊंचा ही रहना चाहिए ताकि किसी भी समय महामारियों के आक्रमण से बचाव करके उनकी रोकथाम की जा सके। जितना अधिक ज्ञानार्जन होगा उतनी ही कारगर वस्तु उपलब्ध होगी।
- गायत्री ठाकुर "सक्षम"
नरसिंहपुर - मध्य प्रदेश
शिक्षा एवं मेडिकल शिक्षा एक दूसरे से अंतरंग रूप से जुड़े हैं l मेडिकल शिक्षा में निवेश जन सामान्य साहस भी नहीं जुटा पाता है l इसके लिए श्रम, साधन और पूंजी आदि के उत्तम प्रबंधन की आवश्यकता वर्तमान है l इसके ऊपर निवेश में शोषण ने अपना अाधिपत्य जमा लिया है फलस्वरूप मेडिकल शिक्षा ही नहीं अपितु सम्पूर्ण शिक्षा अपने
लक्ष्यों/ उद्देश्यों से भटक गई है l हांलाकि चिकित्सा शिक्षा जीविकोपार्जन और सेवा का समाज में सबसे प्रतिष्ठित निवेश का क्षेत्र है जो सर्व जन हिताय सर्व जन सुखाय की धारणा का पोषक बनता है लेकिन आज मेडिकल शिक्षा ग्रहण करके व्यक्ति घमंड और दम्भ में चूर हो जाता है l वह अपने द्वारा किये गये निवेश को शोषण का अधिकार समझ लेता है और देव तुल्य पवित्र व्यवसाय पर प्रश्न चिन्ह लगा देता है l शिक्षा हो चाहें मेडिकल शिक्षा संस्कारों के अभाव में विष तुल्य हो जाती है l पांचो अंगुलियां बराबर नहीं होती l अधिकांश व्यक्ति इस देव तुल्य क्षेत्र में इसे नौकरी या पेशा अर्थात कमाने का माध्यम नहीं अपितु सेवाधर्म का माध्यम मानते हैं l अतः चिकित्सा क्षेत्र में वर्तमान में निवेश की महती आवश्यकता है l
चलते चलते ----
सिर भर जाऊँ उचित अस मोरा
सब ते कठिन सेवक धरमु कठोराl
इस मंच के माध्यम से अपील है कि मेडिकल शिक्षा सेवा धर्म का माध्यम बने न कि निवेश के जरिये शोषण का माध्यम बने l
- डॉ. छाया शर्मा
अजमेर - राजस्थान
जब भी कोई लहर चलती है तो व्यक्ति उसी के साथ बहना पसंद करता है। एक समय था जब ग्यारहवीं (तब बारहवीं नहीं हुआ करती थी) इंजीनियर या डाॅक्टर बनना ही युवाओं की पसंद हुआ करती थी। कुछेक युवा आर्किटेक्ट बनना चाहते थे। पर समय ऐसा आया कि युवाओं के लिए रोजगार के अनेक रास्ते खुल गए। आज का विषय चुनने का कारण पिछले वर्ष से कोविड का संकट काल जो इस वर्ष फिर से अपना जोर दिखा रहा है। डाॅक्टरों की कमी भी कहीं न कहीं महसूस की जा रही है। कोरोना कब पूरी तरह से अपना बोरिया बिस्तरा बांधेगा कुछ पता नहीं है। इस परिदृश्य में मानव सेवा के लिए आवश्यक बन पड़ता है कि मेडिकल शिक्षा में निवेश किया जाय जो सर्वोत्तम है। साथ ही शैक्षिक गुणवत्ता पर ध्यान देना आवश्यक होगा।
- सुदर्शन खन्ना
दिल्ली
" मेरी दृष्टि में " मेडिकल शिक्षा से रोजगार , स्वास्थ्य व सरकारी नौकरी में विस्तार होता है । इसलिए इस क्षेत्र में निवेश सर्वोत्तम है ।
- बीजेन्द्र जैमिनी
Comments
Post a Comment