क्या शिक्षा से ही सफलता के सभी रास्ते खुलते हैं ?
शिक्षा से जीवन के सभी रास्ते खुलते हैं । जो जीवन को नई दिशा प्रदान करते है । जो विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी देते हैं और सफलता का रास्ता दिखाते हैं । यही कुछ जैमिनी अकादमी द्वारा " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । आब आये विचारों को देखते हैं : -
. मानव जन्म के बाद जब थोड़ा समझदार हो जाता है तो अपने आसपास के परिवेश से जाने अनजाने बहुत कुछ सीखता है । बालपन में वो नकल कल के , बड़ों को देख कर ,आनंद मग्न होकर प्राथमिक चीजे सीखता है ।
अब शिक्षा को परिभाषित करें तो यह विस्तृत अर्थ लिए हुए है। किताबी शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा दोनों अलग हैं। यह ध्रुव सत्य है कि साक्षर होना तो अति आवश्यक है। शिक्षा मस्तिष्क को उन्नत करती है।हमारा दृष्टिकोण विस्तृत करती है।हमारे व्यक्तित्व को निखारती है । समस्याओं से लड़ने की उर्जा देती है। सफलता पाने के लिए शिक्षा ही एकमात्र विकल्प नहीं है । आये दिन हम पूरे विश्व में ऐसे अनेक उदाहरण देखते हैं जहाँ व्यक्ति शिक्षित नहीं है ।कभी स्कूल नहीं गया है पर विज्ञान, तकनीक , साहित्य और कला क्षेत्र में ऐसे चमत्कार कर जातें है कि आश्चर्य होता है । सफलता उनके आगे नतमस्तक हो जाती है ।
ऐसे अनन्य उदाहरण मिल सकते हैं पर शिक्षा अति आवश्यक है।
- ड़ा.नीना. छिब्बर
जोधपुर - राजस्थान
क्या शिक्षा से ही सफलता के सभी रास्ते खुलते हैं?
जी हां! शिक्षा से ही सफलता के सभी रास्ते खुलते हैं। क्योंकि शिक्षा वह सर्व कुंजी है जिससे सफलता के ही नहीं बल्कि जीवन के समस्त बन्द ताले खुल जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि शिक्षा योग्यता का प्रमाण-पत्र है जिससे घर-परिवार के साथ-साथ राष्ट्र का उत्थान होता है और उच्च शिक्षा प्राप्ति प्राय: उच्च चरित्र का घोषणा-पत्र भी माना जाता है। अर्थात शिक्षा वह पारस है जो लोहे को सोना बनाने में सक्षम होता है।
परंतु वर्तमान समय में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि राष्ट्र को भ्रष्टाचार की दीमक लगाने वाले कोई और नहीं बल्कि उच्च शिक्षा प्राप्त लोग ही हैं और वह संविधान के चारों तथाकथित सशक्त स्तम्भों में उच्चस्थ पदों पर विराजमान और वर्तमान राष्ट्रभक्तों की आंखों से निरंतर बह रहे आंसुओं के निःसंदेह अपराधी भी हैं।
- इन्दु भूषण बाली
जम्म् - जम्म् कश्मीर
शिक्षा वह चाबी है जिससे सफलता के सारे रास्ते खुलते हैं पर शिक्षा के साथ व्यावहारिक अनुभव का होना भी जरूरी है।
आत्मविश्वास और मेहनत के बल पर अपना भाग्य लिख सकते हैं। विश्वास हो शक्ति है जिससे उजड़ी हुई दुनिया में उजाला लाया जा सकता है।
शिक्षा हमारे छुपे हुए सामर्थ्य और शक्तियों को बाहर निकालने में मदद करती है।
शिक्षा के साथ जज्बा और हिम्मत का होना भी जरूरी है।
शिक्षा के साथ-साथ धैर्य,आत्म शक्ति,एकाग्रता सहनशीलता, मिलनसार स्वभाव, सामजस्य बनाने की क्षमता, एक दूसरे को परखने की क्षमता परिस्थितियों के अनुसार आचरण और व्यवहार आदि नैतिक मूल्य सफलता के रास्ते में मददगार साबित होते हैं।
निष्कर्षत:कह सकते हैं कि सफलता प्राप्त करने के लिए शिक्षा का होना अनिवार्य है पर उसके साथ-साथ उपर्युक्त बातों का भी होना जरूरी है। हम अपने जीवन को समयानुकूल परिस्थितियों के अनुसार ढालकर मार्ग को प्रशस्त करते हुए जब आगे बढ़ते हैं तभी हमारे लिए प्रगति के द्वार खुलते हैं और हमें कामयाबी और सफलता प्राप्त होती है। हम अपने मंजिल तक पहुंचने में सफल हो पाते हैं!
- सुनीता रानी राठौर
ग्रेटर नोएडा - उत्तर प्रदेश
निर्भर करता है आप किस रास्ते को चुनते हैं। इसमें यह बात भी मायने रखता है शिक्षा रहने से किसी चीज को गलत या सही पकड़ मैं आसानी होता है। इसलिए शिक्षा भी सफल होने के लिए बहुत जरूरी है।
सफल लोग के एक बात सामान होती है कुछ खास आदतें विकसित कर लेते हैं जिन्हें हर रोज दोहराते हैं । परिस्थितियां कुछ भी हो ऐसे आदतें आपके लिए सफलता के दरवाजे खोल देती है।
सफलता के लिए कुछ कठिन नियम पालन करना होता है ।
जैसे:---१) मानसिक ऊर्जा बढ़ाएं।
२) जिस क्षेत्र में आप कार्य कर रहे हैं उसकी जानकारी को बढ़ाते रहें।
३) शाहिद खान पान और नियमित व्यायाम जरूरी है।
४) अच्छा व्यवहार लोगों के साथ जरूरी है।
५) जीवन के मकसद जाने।
६) सवाल पूछने में न हिचकिचाए।
७) काम और परिवार को अलग रखें।
८) सही दिशा में काम करें।
९) तय वक्त से पहले पहुंचे।
१०) अपनी जरूरतों को प्राथमिकता दें।
लेखक का विचार:-ऊपर दिए हुए सुझाव से आप काम करेंगे तो निश्चित रूप से आपके सफलता के रास्ते खुल जाएंगे।
- विजयेन्द्र मोहन
बोकारो - झारखंड
शिक्षा से न केवल सफलता के सभी रास्ते खुलते , बल्कि इंसान के बेहतर जीने के भी रास्ते खुलते हैं ।शिक्षा चक्षु सदृश होता है।इसमें जीवन ज्योति समाहित होता है ।बेहतरीन जिन्दगी की राहें तथा सफलता के सारे रास्ते स्पष्ट दृष्टिगत होने लगते है।शिक्षा इंसान की आँख होने के साथ साथ उसका एक सच्चा जीवन साथी भी होता है।सही- गलत, अच्छे- बुरे में फर्क कर सही निर्णय लेने में सहायक होता है ।शिक्षा बिना सब कुछ अधूरा रहता है, विद्या बिना मनुष्य पशु समान होता है।मनुष्य शिक्षा के बदौलत ही हर क्षेत्र में प्रगति कर पाता है।
- रंजना वर्मा उन्मुक्त
रांची - झारखंड
निस्संदेह शिक्षा ही जीवन की आधारशिला है ।कहा भी गया है कि
माता शत्रु: पिता वैरी येन बालो न पाठित:।
न शोभते सभामध्ये हंसमध्ये बको यथा।।
ऐसे माता व पिता शत्रु के समान होते हैं, जो अपनी संतान को नहीं पढ़ाते । क्योंकि ऐसा अशिक्षित व्यक्ति पढ़े लिखे लोगों के बीच वैसे ही शोभा नहीं देता, जिस तरह हंसो के बीच बगुला शोभा नहीं देता। अतः शिक्षा नितांत आवश्यक है।
शिक्षा से ही सफलता के सभी द्वार खुलते हैं ।किंतु शिक्षा का यह अर्थ नहीं है कि व्यक्ति ने कितनी कक्षाएं पास की हैं। यह ठीक है कि किताबी ज्ञान भी आवश्यक है किंतु यदि किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यावसायिक व तकनीकी शिक्षा की भी आवश्यकता है। रोज़गारोन्मुख शिक्षा प्राप्त करके सरलता से जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है जबकि थोथी शिक्षा किसी काम की नहीं। मैथिलीशरण गुप्त ने भी कहा है-
हे नवयुवाओ !देश भर की दृष्टि तुम पर ही लगी ,
है मनुज जीवन की तुम्हीं में ज्योति सब से जगमगी।
दोगे न तुम तो कौन देगा योग देशोद्धार में
देखो, कहां क्या हो रहा है आजकल संसार में
जो कुछ पढ़ो तुम कार्य में भी साथ ही परिणित करो
अभिप्राय यह है कि प्राप्त की हुई शिक्षा का उत्तरोत्तर विकास करने के लिए उसे अपडेट करना बहुत ज़रूरी होता है और अपने आपको उत्तरोत्तर शिक्षित करते रहना चाहिए। इसके लिए नई-नई तकनीकों , कंप्यूटर ,इंटरनेट विभिन्न प्रकार की साइट्स आदि का ज्ञान होना आवश्यक है, जिससे सफलता मिलना और भी सुलभ हो जाता है।
- डॉ सुनील बहल
चंडीगढ़
शिक्षा से ही सफलता के सभी रास्ते खुलते हैं ऐसा कहना थोड़ी जल्दबाजी या अतिश्योक्ति हो जाने का डर सताने लगेगा।
वे लोग भी सफल लोग माने जाते हैं जिन्होंने सभी दुखों और कष्टों को भी झेला हो... कुछ इंसान इतने आराम-प्रेमी होते हैं कि हम शायद ही कभी अपने तथाकथित कम्फर्ट ज़ोन से बाहर जाते हैं... वे व्यक्ति जो अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर जाकर थोड़ा अधिक परिश्रम कर लेते हैं, वे ही सफलता प्राप्त कर लेते हैं...।
शिक्षा के संग संयमी व श्रमी होना भी आवश्यक है सफलता पर्याप्त करने हेतु।
वरना क्रिकेट के बादशाह सचिन सफल नहीं होते और देश में बेरोजगारी इतनी नहीं होती।
- विभा रानी श्रीवास्तव
पटना - बिहार
सफलता का प्रादुर्भाव किसी भी रास्ते हो सकता है - सफलता के लिये 5 मुख्य प्रकल्प संभावित होते है - इन 5ओ *[भाग्य, श्रम, दूरद्रीष्टी, एकाग्रता, परिस्तिथी]* के होने पर भी शत प्रतिशत कुछ भी नही होता जीवन में सिक्के के दोनो पेहलू रात दिन के जैसे आने जाने ही है - आप चाहे कितने तीस मार खां होवो |
*अब रही बात आज की चर्चा की ! क्या शिक्षा से ही सफलता के सभी रास्ते खुलते हैं ?*
जी नही ... मै इसके स्थान पर ये कहूंगा की *शिक्षा से सफलता के प्रारूप खुलते है संभावना बढती है व आत्मविश्वास मुखर होता है किसी कार्य के बीच आने वाली परेशानिया कम होती है गांठो को सुल्झानें में आसानी होती है प्लान करना असं होता है तो उन सब के सहभाग से सफलता अधिकाधिक संभवित हो जाती है |
आज के परीपेक्ष्य में दुनिया में सिर्फ 36 प्रतिशत लोग शिक्षित है | ओर वो सब के सब सफल नही है नही उतने उध्यमी हैं | जितना अशिक्षित |
और खास बात अशिक्षित की व शिक्षित की परिभाषा / से देखोगे तो ये ही लोग सबसे अधिक मस्त सफल व जीवंत हैं
- डॉ. अरुण कुमार शास्त्री
दिल्ली
इसमें कोई दो राय नहीं है कि शिक्षा वह माध्यम है जिससे ज्ञान प्राप्त कर हमारी तकलीफों को दूर करने में हम सक्षम रहते हैं ! शिक्षा से हमारा व्यक्तित्व भी उभरकर आता है !
किंतु ऐसा भी होता है कोई अपने परिश्रम से सफल होता है और किसी में कुदरती प्रतिभा होती है जो ईश्वर की देन है ....से उसे सफलता मिलती है ! किंतु उसकी प्रतिभा के साथ शिक्षा से प्राप्त ज्ञान का समावेश हो ,और परिश्रम के साथ ज्ञान का समावेश हो तो यह तो सोने में सुहागा होगा !
किसान को अधिक मेहनत करके भी फसल अपेक्षानुसार नहीं मिलती !कभी सुखा,कभी कीट प्रकोप ,उचित खाद का न मिलना किंतु शिक्षा के माध्यम से ज्ञान प्राप्त कर आज कृत्रिम बारिश ,उत्तम खाद किटनाशक दवा का प्रयोग कर अच्छी फसल प्राप्त कर सकते हैं !
इसी तरह कम पढ़े वैज्ञानिक की प्रतिभा से हुए आविष्कार के ढा़चे में शिक्षाज्ञान के आधार पर सुधार भी हुए हैं जो सफल रहे हैं !
यदि हमारा हुनर ,प्रतिभा एवं परिश्रम के साथ शिक्षा भी हो तो हमारी सफलता समूची निखर जाती है !
- चंद्रिका व्यास
मुंबई - महाराष्ट्र
ज्ञानों से ही ज्ञानोदय का प्रकाश जगमगाता हैं, जिसके कारण भावी पीढ़ियां आकर्षित होकर अपने-अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होते जाते हैं। अनपढ़-गवार भी होते हैं और शिक्षित व्यक्तियों से ज्यादा महत्वपूर्ण योगदान देकर अपने स्तर पर विभिन्न प्रकार के कार्यों को सम्पादित करने में सफल हो रहे हैं। परन्तु दूरगामी पहचान बनाने प्रशासनिक व्यवस्थाओं के क्रियान्वयन हेतु शिक्षा का महत्व बढ़ जाता हैं और शिक्षा से ही सफलता के सभी रास्ते खुलते ही हैं। अनेकों परिवारजनों को देखिये किस तरह से शिक्षा को महत्व देते हैं, कई तो अलग-अलग विषयों में डिग्री हासिल करने में माहिर होते हैं, शोध करने में योगदान देते हुए दिखाई देते हैं, कई को तो एक-एक कक्षाओं में बुरी तरह से सामना करना पड़ता हैं और विफलताओं का सामना करना पड़ता हैं। जितना शिक्षित होंगे उतना ही भरोसा, विश्वास मजबूत होगा।
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर'
बालाघाट - मध्यप्रदेश
शिक्षा अर्थात किसी वस्तु विशेष का पूर्ण ज्ञान होने पर ही हमें सफलता प्राप्त होती है। शिक्षा से अर्थ केवल कोरा किताबी अध्ययन नहीं होता वरन किसी कला ,कार्य, वस्तु, विधि, भौतिक, अभौतिक, विज्ञान, देशकाल, संस्कृति ,इतिहास ,भूगोल आदि के संबंध में सटीक एवं सार्थक जानकारी का होना होता है। जब किसी चीज का पूर्ण ज्ञान एवं उपयोग होता है तभी सफलता प्राप्त होती है उस ज्ञान पूर्ण शिक्षा से ही सफलता के रास्ते खुलते हैं।
- गायत्री ठाकुर "सक्षम"
नरसिंहपुर- मध्य प्रदेश
सामान्यतः 'शिक्षा' का अर्थ पढ़ाई-लिखाई समझ लिया जाता है। जबकि पठन-पाठन के साथ-साथ जीवन का प्रत्येक कदम मनुष्य को जो अनुभव प्रदान करता है वह भी शिक्षा है।
जीवन में सफलता के रास्ते खोलने के लिए मनुष्य को शैक्षणिक, तकनीक, व्यवसायिक शिक्षा में से किसी एक में भी शिक्षित होना पर्याप्त है परन्तु इसके साथ ही व्यवहारिक ज्ञान की शिक्षा तो प्रत्येक क्षेत्र में आवश्यक है।
"मिट्टी के पुतले को मानव बना देती है शिक्षा,
मानव को धरा से गगन पर बैठा देती है शिक्षा।
शिक्षा का आंचल जिसने थाम लिया हृदय से,
शीर्ष स्थान जग में उसको दिला देती हैं शिक्षा।।"
निष्कर्षत: जीवन में सफलता हेतु हम कोई भी मार्ग अपनायें। मन-वचन-कर्म से उसके प्रति समर्पित रहकर उसमें पूर्ण रूप से शिक्षित होंगे तभी सफलता का वरण कर पायेंगे।
"मन-वचन-कर्म से पथ पर चलते जाना है
मार्ग कंटक से भी ले सीख बढ़ते जाना है
जीवन का हर कदम शिक्षित करता है मनुज,
होना है सम्पूर्ण तो प्रयास करते जाना है।।"
- सतेन्द्र शर्मा 'तरंग'
देहरादून - उत्तराखण्ड
शिक्षा हमें अज्ञान के आच्छादन को हटाकर अपने अंतर्गत ज्ञान को प्रकट करने की शक्ति देती है l
या यूँ कहूँ कि आत्मविश्वास ही सबसे बड़ी विजय है l सफलता हमें उसी अवस्था में प्राप्त होगी जब परिस्थितियों को अपने विवेक पर हावी नहीं होने देंगें l अतः शिक्षा से ही सफलता के रास्ते खुलते हैं l प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि शिक्षा है क्या?
"शिक्षयेत क्षालयेत अनेन सह इति शिक्षा "शिक्षा वही है जो हमारे मन, वचन, कर्म में आयी मलीनता काअनेकानेक प्रक्रियाओँ द्वारा निवारण कर दे और हमें सत्यम, सुन्दरम का पथिक बनावें l ऐसा सत्य जो सुन्दर भी है अंततः शिवम भी है l चोर अपने अर्जित कौशल से चोरी करने में सफल तो हो जाते हैं l सफलता तो उसने भी अर्जित की है लेकिन यह सफलता न तो सुन्दर है और न ही सत्याधीन है l शिक्षा व्यक्ती, समाज, राष्ट्र की सफलता के द्वार खोल देती है l
शिक्षा आत्माभिव्यक्ति को एवं प्राकृतिक विकास का द्वार खोलती है l शिक्षा हमें इस योग्य बनाती है कि हम मानवीय जीवन तथा समाज में अपना समाज में अपनी योग्यतानुसार मौलिक योगदान दे सकें l
शिक्षा के द्वारा हम अपने सच्चे स्वरूप को पहचान कर विकसित करके उसमें निखार लाते हैं l
शिक्षा के द्वारा प्रेम, सहानुभूति, दया, त्याग, समर्पण जैसे मानवीय गुणों का विकास करती है जिसमें नैतिकता के अधोगामी पतन के दौर में हम अपनेआप को मानव कह सकते हैं l
मनुष्य सामाजिक प्राणी है आदर्श नागरिक और सच्चा इंसान शिक्षा द्वारा ही बनाये जाते हैं l
शिक्षा से सफलता के द्वार उसी अवस्था में खुलते हैं जब हम मानसिक ऊर्जा बढ़ाये,जानकारी बढ़ाये, जीवन का मकसद समझें, स्वभाव से व्यवहार बनाये, व्यवहार से स्वभाव नहीं l काम और परिवार को अलग रखें l
_--- चलते चलते
शिक्षा सफलता के द्वार खोलने में तभी कामयाब होगी --
सुना है आज समुन्द्र को खुद पर गुमान आया है
उधर ही ले चलो कश्ती जिधर तूफान आया है
- डॉ. छाया शर्मा
अजमेर - राजस्थान
जी,शिक्षा से सफलता की राह सुगम हो जाती है। शिक्षा मानव के व्यवहार को, विचार को परिष्कृत करती है। यहां हम केवल स्कूली शिक्षा की ही नहीं, पारिवारिक, सामाजिक, आध्यात्मिक शिक्षा की भी बात कर रहे है। इसमें औपचारिक और अनौपचारिक दोनों शिक्षा शामिल हैं। अब बात यह है कि उस
प्राप्त शिक्षा को मानते हुए, उसका प्रयोग भी
पूर्ण ईमानदारी और निष्ठा के साथ किया जाए।
शिक्षा से मानवीय मूल्यों में वृद्धि होती है। जो किसी भी राह को सुगम बनाने में सहायक होते हैं। यह आप पर स्वयं पर निर्भर करता है कि आप किस क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं। कैसे और कितना सफल होना चाहते हैं। शिक्षित व्यक्ति की कार्यशैली ही ऐसी हो जाती है कि सफलता उसकी ओर स्वयं खिंची चली आती है।
- डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर - उत्तर प्रदेश
निस्संदेह शिक्षा ही सफलता की कुंजी है | निरक्षर व्यक्ति परिवार व समाज के लिए अभिशाप है| शिक्षा व्यक्ति का ऐसा मित्र है जो प्रत्येक क्षेत्र में उसे सफलता दिलाने में सहायक है| यदि देश का प्रत्येक नागरिक शिक्षित हो तो देश की सफलता सुनिश्चित है| शिक्षा से व्यक्ति जागरूक, सतर्क, सुखी, उन्नत, समझदार हो जाता है एवं अपने सपनों को साकार रूप दे सकता है| शिक्षा वास्तव में एक शक्तिशाली हथियार है जिससे हम भारत को विश्व में विकसित देशों की श्रेणी में अग्रणी बना सकते है | शिक्षा का दीपक प्रत्येक घर में जलाया जाना चाहिए| शिक्षा व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार लाती है जिससे सफलता उसके कदम चूमती है | शिक्षा उज्ज्वल भविष्य का द्वार खोलती है | शिक्षा जैसे अनमोल रत्न को ग्रहण कर सफलता प्राप्त करना सरल है |
- अंजु बहल
चंडीगढ़
सिर्फ शिक्षा से ही सफलता के सभी द्वार खुलते हों, ऐसा कहने के स्थान पर कहना होगा कि शिक्षा से अधिकतर सफलता के द्वार खुलते हैं। ऐसे अनेक उदाहरण हैं जहां अशिक्षित या कम शिक्षित लोगों ने सफलता के झंडे गाड़ दिये। ज्ञात स्रोतों के अनुसार पद्म विभूषण से पुरस्कृत स्व. धीरूभाई अम्बानी मात्र दसवीं पास थे। ऐसे अनेक उदाहरण मिलेंगे। शिक्षा के साथ-साथ विवेक और कुशाग्र बुद्धि का संगम अति आवश्यक है।
- सुदर्शन खन्ना
दिल्ली
सफलता पाने के लिए कई तत्व काम करते हैं। निःसंदेह शिक्षा उन में से प्रमुख है। आज आधुनिक युग में शिक्षा के साथ ही सफलता के सभी रास्ते खुलते हैं। पहले हम सुनते थे कि फलां उद्योगपति पांच तक ही पढ़ा है लेकिन दुनिया के अमीर लोगों की सूची में सर्वोपरि है और ऊँचाईयों की बुलंदियों को छू रहा है। समय समय की बातें हैं। समय के अनुसार परिस्थितियां भी बदलती रहती हैं। आज विज्ञान ने इतनी उन्नति कर ली है कि उस में अशिक्षित की कोई जगह नहीं है। जिंदगी का उद्देश्य सिर्फ पैसा कमाना ही नहीं है।
शिक्षा से ही विकास के रास्ते खुलते हैं ।
जो लोग अच्छी शिक्षा ग्रहण करते हैं वो प्रति दिन सफलता के आयाम चूमते हैं। बिना शिक्षा व्यक्ति अंधकार में होता है। शिक्षा ही समाज को सभ्य बनाती है। शिक्षा उस पीढ़ी के समान है जिस पर चढ़कर हम ऊचाईयां की बुलंदियों को छू सकते हैं। समाज में फैली कुरीतियों के प्रति आवाज़ उठा सकते हैं। शिक्षा के द्वारा ही हम अपने फर्ज के साथ अधिकारों को भी समझ सकते हैं। शिक्षा से हमारी सोच में बदलाव आता है। हमारी सोच सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाती है। शिक्षा से ही मनुष्य कल्याणकारी बनता है कयोंकि शिक्षा का मूल उद्देश्य समाज को ज्यादा लाभ देना है।
- कैलाश ठाकुर
नंगल टाउनशिप - पंजाब
यूँ तो सफलता के लिए दृढ़ संकल्प, सच्ची लगन,कड़ी मेहनत,सही मार्गदर्शन और स्थिर आत्मविश्वास की आवश्यकता होती है परंतु यदि साथ में शिक्षा भी हो तो सोने में सुहागा होगा। शिक्षा से ज्ञान मिलता है और ज्ञान से बुद्धि प्रखर होती है। जो हमारे ज्ञान अर्जन को विकसित करने में सहायक बनती है। हमें ऊर्जावान और सामर्थ्यवान बनाती है। हममें विवेक और कुशाग्र बनाकर, तर्क शक्ति जैसी अनेक सूक्ष्म क्षमताओं से परिपूर्ण कर सफलता के सभी रास्ते खोलती है। इसीलिए सफल और समृद्ध जीवन के लिए शिक्षा को प्रथम स्थान माना गया है। इसी आधार पर समाज में पढ़े-लिखे को मान-सम्मान अपेक्षाकृत अधिक दिया जाता है। उनकी कद्र की जाती है। उनके सुझाव और सलाह को प्राथमिकता से सहमति एवं स्वीकृति दी जाती है।
- नरेन्द्र श्रीवास्तव
गाडरवारा - मध्यप्रदेश
बेहतर शिक्षा सभी के जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत आवश्यक है। यह हमारे आत्मविश्वास विकसित करने के साथ ही हमारे व्यक्तित्व निर्माण में भी सहायक करती है। स्कूली शिक्षा सभी के जीवन में महान भूमिका निभाती है। यह भी सही बात है कि शिक्षा से ही सफलता के सभी रास्ते खुलते हैं। पूरे शिक्षा तंत्र को प्राथमिक शिक्षा माध्यमिक शिक्षा और उच्च माध्यमिक शिक्षा जैसे का तीन भागों में बांटा गया है। सभी के जीवन में शिक्षा के सभी स्तर अपना एक विशेष महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। हम सभी अभिभावक अपने बच्चों को सफलता की ओर जाते हुए देखना चाहते हैं जो केवल अच्छी और उचित शिक्षा के माध्यम से संभव है। जीवन में सफलता प्राप्त करने और कुछ अलग करने के लिए शिक्षा सभी के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है। यह हमें जीवन के कठिन समय में चुनौतियों से सामना करने में सहायता करता है। पूरी शिक्षण प्रक्रिया के दौरान प्राप्त किया गया ज्ञान हम सभी और प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन के प्रति आत्मनिर्भर बनाता है।यह जीवन में बेहतर संभावनाओं को प्राप्त करने के अवसरों के लिए विभिन्न दरवाजे खुलती है जिससे कैरियर के विकास को बढ़ावा मिले।ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा बहुत से जागरूकता अभियान चलाया जा रहे हैं। यह समाज में सभी व्यक्तियों में समानता की भावना लाती है और देश के विकास और वृद्धि को बढ़ावा देती है। आज के समय में शिक्षा का महत्व बहुत ही बढ़ गया है।शिक्षा के उपयोग तो अनेक है परंतु उसे नई शिक्षा देने की आवश्यकता है।इस प्रकार की होनी चाहिए कि एक व्यक्ति अपने परिवेश में परिचित हो सकें।शिक्षा हम सभी के उज्जवल भविष्य के लिए एक बहुत ही आवश्यक साधन है। शिक्षा के बल पर ही देश और विदेश में लोग वैज्ञानिक है, आईएएस, आईपीएस, एमबीबीएस, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और कई तरह की डिग्री हासिल करने के बाद देश के विकास में योगदान दे रहे हैं।
- अंकिता सिन्हा कवयित्री
जमशेदपुर - झारखंड
ज्ञान कभी भी व्यर्थ नहीं जाता । इसलिए शिक्षित होना आवश्यक है ही । जहाँ तक सफलता की बात है, ये प्रत्येक व्यक्ति का अलग-अलग लक्ष्य होता है और सभी को अपने-अपने लक्ष्य में सफल होने के लिए जरूरी नहीं किताबी ज्ञान होना आवश्यक है । फिर भी शिक्षित होना हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। शिक्षा से व्यक्ति सफल हो या न हो, किन्तु एक अच्छा व्यक्तित्व का निर्माण जरूर होगा ।
- पूनम झा
कोटा - राजस्थान
शिक्षा से कुछ हद तक सफलता हासिल की जा सकती है। लेकिन यह सफलता की गारंटी हरगिज नहीं है । बिना पढ़े लिखे या कम शिक्षित लोग भी सफल हो जाते हैं अपनी बुद्धिमत्ता और मेहनत से ।
- अर्विना गहलोत
प्रयागराज - उत्तर प्रदेश
शिक्षा जीवन में आगे बढ़ने के लिए और सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक है, शिक्षा मनुष्य में आत्म विश्वास विकसित करने, व्यक्तित्व निर्माण में सहायक होतीं है।
प्रत्येक व्यक्ति में कुछ विशेष गुण और क़ोई न कोई प्रतिभा अवश्य होती है। जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए उन गुणों और प्रतिभा की पहचान जरूरी हो जाती है। यदपि यह सही है कि शिक्षा हमारे ज्ञान का विस्तार करती है तथापि इतिहास गवाह है कि विलक्षण प्रतिभा के बल पर मनुष्य ने जीवन में सफलता पाकर प्रसिद्धि प्राप्त की है। अनेकों ऐसे उदाहरण है जहाँ अनपढ़ व्यक्ति को अपनी प्रतिभा के बल पर जाना गया है। लेकिन शिक्षा किसी भी व्यक्ति के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक साधन है,आज के आधुनिक तकनीकी संसार में शिक्षा काफी अहम है। शिक्षा का उच्च स्तर व्यक्ति को सामाजिक और पारिवारिक सम्मान दिलाने में मदद् करता है और एक अलग पहचान बनाता है।
- शीला सिंह
बिलासपुर - हिमाचल प्रदेश
शिक्षा से ज्ञान बढ़ता है ...शिक्षा से मनुष्य के विवेक का विकास होता है ...शिक्षा सफलता की राह को सुगमबनाती है पर हम ये नहीं कह सकते की शिक्षा ही सफलता दिलाती है क्यूंकि अशिक्षित व्यक्ति भी अपने बुद्धिबल से सफल होते हैं
बिना शिक्षा के सफलता मिल सकती है पर शिक्षा सफलता को प्राप्त करने मैं सहायक होती है ...बूढी का विकास करती है ....ज्ञान को परिमार्जित करती है ...आत्मविश्वास को बढ़ाती है ..व शिष्टता सिखाती है ....व्यक्ति को विनम्र बनाती है व अपनी बात को बेहतर तरीके से पेश करने मैं सहायक होती है .....ये सब बातें व्यक्ति को सफलता की ओर ले जाती हैं
- नंदिता बाली
सोलन - हिमाचल प्रदेश
शिक्षा का अर्थ है जन्मजात शक्तियों का सर्वांगीण विकास। शिक्षा का वास्तविक अर्थ अलग अलग युगों मे बदलता रहा है।वैदिक काल मे शिक्षा सर्वांगीण विकास का अंग थी , मध्यकाल में शिक्षा का अर्थ संकुचित हुआ और धर्म से जुड़ गया ।
आधुनिक युग में शिक्षा का उद्देश्य सर्वांगीण विकास की ओर अग्रसर है।
किसी तथ्य की जानकारी तो एक बिना पढ़े लिखे व्यक्ति को भी हो सकती है उसके लिए किताबी डिग्री की जरूरत नही ।
मगर जब एक शिक्षित व्यक्ति जानकारी ग्रहण करता है तो बेहतर विचार व निष्कर्ष पर पहुँच सकता है ।लेकिन इसका मतलब ये नही कि अशिक्षित व्यक्ति जानकर नही हो सकता।
- सुषमा दीक्षित शुक्ला
लखनऊ - उत्तर प्रदेश
शिक्षा से मानसिक विकास विचारों में परिपक्वता तर्क वितर्क में सत्यता आती है सामान्य तौर पर शिक्षा से सफलता के सभी रास्ते निश्चित ही खुलते हैं लेकिन शिक्षा के साथ-साथ परिश्रम समय नियोजन साथ ही साथ लक्ष्य निर्धारण सफलता के लिए अति आवश्यक है
यह भी देखा गया है की अशिक्षित व्यक्ति भी अपने लक्ष्य सफलता प्राप्त किया है अब सबके सामने या ज्वलंत उदाहरण है एमडीएच मसाला के निर्माता एमडीएच सिर्फ पाचवी कक्षा तक की पढ़ाई किए थे फिर भी वह देश के जाने माने व्यापार के अग्रणी माने गए।। ऐसे बहुत सारे व्यक्ति हैं जो डिग्री तो हासिल नहीं किए पर अपनी सूझबूझ मेहनत लगन से एक अच्छे मुकाम हासिल किए हैं तो शिक्षा एक महत्वपूर्ण कारक है सफलता हासिल करने का कहा ही जाता है यदि शिक्षा है तो वह जीवन में कुछ न कुछ अवश्य कर लेगा शिक्षा के माध्यम से देश का विकास परिवार का विकास समाज का विकास सही और गलत मैं भेद समझने और बतला ने की क्षमता आ जाती है
- कुमकुम वेद सेन
मुम्बई - महाराष्ट्र
हाँ, शिक्षा से ही सफलता के सभी रास्ते खुलते हैं। क्योंकि अशिक्षित व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता हैं। जीवन के हर क्षेत्र में शिक्षा की आवश्यकता है। बिना ज्ञान के कोई भी सफलता पाना बहुत मुश्किल है।पहले बिना पढ़े लिखे लोग भी ड्राइवर बन जाते थे लेकिन अब उसमें भी पढ़े लिखे लोगों को ही सफलता मिलती है। खेती के कार्यों में भी पढ़े लिखे लोग ही अच्छी रीति से खेती कर पाते हैं। अधिक पैदावार बढ़ाने के लिए। और सफल किसान कहलायेंगे। आज कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जहाँ पर अनपढ़ लोग सफल हो जाएं। सफलता के लिए शिक्षा एकदम जरूरी है।
- दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश"
कलकत्ता - पं.बंगाल
"बिन शिक्षा नर पशु समाना" ऐसा कहा है गया है। बहुत ही तक ये बात बहुत सही है। शिक्षा के बल पर ही व्यक्ति निरंतर सफलता की सीढिया चढता जाता है। शिक्षा व्यक्ति को हर तरह के ज्ञान से हमें ओत- प्रोत कराता है। जो व्यक्ति आज अनपढ रह जाते हैं वह भी आज पढना चाहते हैं त
उनके लिए वृद्धा शिक्षा परियोजना की शुरुआत हो चुकी है। साक्षरता अति आवश्यक है तभी हमारे देश की तरक्की होगी। आज नई - नई तकनीक से अगर किसान खेती करते हैं तो काफी अच्छी फसल होती है और वो लाभान्वित होते है । इसके लिए भी शिक्षित होना अतिआवश्यक है। अतः यह कहा जा सकता है कि शिक्षा हमारे हर मार्ग को प्रकाशित करता है ।
- डाॅ पूनम देवा
पटना - बिहार
"अगर टूटने लगे हौंसला तो याद रखना,
बिन मेहनत किये तख्तो ताज नहीं मिलते,
अंधेरे में भी अपनी मंजिल ढूंढ लेते हैं क्योंकी जुगनु ezकभी रोशनी के मोहताज नहीं होते"।
आईये आज चर्चा करते हैं कि जीवन में सफलता पाने के लिए पढ़ाई के अतिरिक्त कोई रास्ता नहीं है,
शिक्षा जीवन के लिए अति आवश्यक हैऔर इसे हर व्यक्ति को ग्रहण करना चाहिए, बहुत से ऐसे लोग हैं जो यह मानते हैं कि अच्छे कालेज की डीग्री के बिना जीवन में सफलता नहीं मिलती, लेकिन यह बात सच नहीं है।
जीवन में सफलता के लिए पढ़ाई के अतिरिक्त भी बहुत से रास्ते हैं, अगर आप में कुछ कर गुजरने व मेहनत करने की हिम्मत है,
सफलता के लिए सिर्फ अक्षर ज्ञान होना काफी नहीं।
सफलता के लिए इंसान के अन्दर जूनून और आगे वढ़ने की भूख होनी चाहिए फिर दुनिया का कोई लक्ष्यअसंभव नहीं है।
सच कहा है,
"जिंदगी में कुछ पाना है तो खुद पर ऐतबार रखना,
सोच पक्की और कदमों पर रफ्तार रखना, कामयावी मिल जाऐगी जरूर तुम्हें,
बस खुद को आगे बढ़ने के लिए तैयार रखना"।
अगर आप के पास ऐजुकेशन नहीं है लेकिन आप के पास टैलेंट जनून व हिम्मत है तो आप जिंदगी में कामयाब इंसान बन सकते हैं,
आईये कुछ ऐसी महान हस्तियों की बात करते हैं जो पढ़े लिखे कम हैं लेकिन उन्होनें अपना नाम कमाया है,
जिनके पास कोई डिग्री नहीं है लेकिन वो दूनिया के सबसे अमीर व जाने पहाचाने चेहरे हैं,
इनमें शुमाल बिल ग्रेटस माइक्रोसाफट कंपन्नी के स्स्थापक सिर्फ तेरह बर्ष की आयू में साफ्टवेयर बनाने शूरू कर दिए इतने पढ़े लिखे नहीं थे लेकिन दूनिया के अमीर लोगों में आते हैं,
स्टीब जाब्स ने अपनी मेहनत और वढ़ते जनून से एप्पल कम्पनी की स्थापना की,
माइकल डैल भी इतने पढ़े लिखे नहीं जिन्होंने डैल कम्पनी की स्थापना की, मुकेश अंबानी दूनिया का पांचवा सबसे अमीर आदमी भी इतने पढ़े लिखे नहीं, सचिन तेंदुलकर, मैरी काम अमीरखान, अक्षयकुमार इत्यादी इन सभी ने अपने अपने हुनर में कौशल दिखलाए और किसी मुकाम पर पहुंच गए,
कहने का मतलब अगर आप में पढ़ने लिखने की कावलियत नहीं भी है इसका यह मतलब नहीं की आप जीवन में सफल इन्सान नहीं बन सकते, आप कोई हुनर सीखीए और लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए मेहनत किजिए आप एक सफल इन्सान बन सकते हैं।
जीवन मूल रूप में हमारी उर्जा और समय का ही एक संयुक्त रूप होता है जिसमें हमें सही समय पर सही कार्य करने होते हैं जो हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं,
हमें एक विषेश मानसिक तैयारी करनी होती है चाहे हमारा लक्ष्य कुछ भी हो कहने का मतलब जीवन में सही समय पर निर्णय लेने से सफलता जरूर मिलती है मगर यह हमें समझना है हमें कैसा बनना है।
आखिरकार यही कहुंगा जीवन को स़फल बनाने के लिए आपको सरल और सुगम बनना होगा क्योंकी सरलता जितनी आपके अन्दर होगी आपको जीवन के लक्ष्य उतने ही वेहतर मिलेंगे बस अपना धैर्य मत खोइए, हमेशा वड़ा सोचिए, वड़ा करने की कोशिस किजिए, आपका जोखिम वड़ा होगा तो सफलता भी वड़ी होगी यही बातें आपको सफल बनाती हैं।
सच है,
बेहतर से बेहतर की तलाश करो, मिल जाए नदी तो समंदर की तलाश करो,
टुट जाता है शीशा पत्थर की चोट से,
टूट जाए पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो।
कहने का मतलब अगर आप जीवन मे सफलता चाहते हैं और पढ़े लिखे नहीं हैं तो भी आप के लिए अनेक रास्ते खुले हैं अपने हुनर को जगांए और जीवन को सुखमय व सफल बनाएं।
- सुदर्शन कुमार शर्म
जम्मू - जम्मू कश्मीर
शिक्षा ही विकास का माध्यम है। जब तक शिक्षित नहीं होंगे ,किसी भी क्षेत्र की बारीकियों को समझ पाना मुश्किल है। शिक्षा सोच का दायरा बढ़ाती है। बाहरी दुनिया में हो रहे बदलाव की समझ देती है। बेहतर और अपनी काबिलियत के अनुसार क्षेत्र चुन पाते हैं। उसके साथ-साथ अपने कार्य की कागजी जरूरतों का महत्व भी उनके पथ को आसान बनाता है।
शिक्षा सफलता के रास्तों को खोल देता है।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
" मेरी दृष्टि में " शिक्षा के बिना जीवन में सफलता का स्तर ,बहुत की निम्न स्तर का होता है । सफलता के लिए बड़ी - बड़ी डिग्री हासिल करते हैं । जिससे जीवन में बड़ी - बड़ी सफलता मिलती है । डाक्टर व इंजीनियर शिक्षा से ही बनते हैं ।
- बीजेन्द्र जैमिनी
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