जाधव पक्ष का पहला कदम
कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान बेनकाब हो गया है। आइसीजे के 11 जज में से एक ने भी पाकिस्तान की दलील पर सहमति नहीं दी है। इस से पहले भारत व पाकिस्तान ने अपने अपने पक्ष को पेश किया । पाकिस्तान ने तो राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताते हुए अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट की सुनवाई पर ही सवाल खड़े कर दिये है। अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में भारत की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने भारत के 125 करोड़ लोग की धड़कन को तेज़ होने से बचाया है।
आइसीजे के मुख्य जास्टिस रोंनी अब्राहम ने स्पष्ट किया कि कुलभूषण जाधव के मामले में सुनवाई करने का अधिकार है। जिस में 11 जजों की पीठ में से एक तो भारत के सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज़ दलवीर भंडारी के साथ साथ चीन की महिला जज भी है। परन्तु पाकिस्तान मीडिया बिना मतलब शोर मचा रहा है कि यह सब भंडारी के कारण हुआ है।
आइसीजे की सुनवाई में पाकिस्तान की तरफ से डा. मोहम्मद फैजल ने कहा है कि जाधव के पास अपील करने के लिए 150 दिन का समय है। आइसीजे ने अंतरिम आदेश में कहा है कि सुनवाई पूरी होने तक फांसी न दें।
" मेरी दृष्टि में " पाकिस्तान पर किसी तरह का भरोसा नहीं किया जा सकता है। भारत को एक एक कदम बहुत ही सावधानी से रखना चाहिए। क्यों कि पाकिस्तान में इस से सेना और सरकार में तकरार बढ़ सकती है।
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