पानीपत शहर स्वच्छता में पिछड़ा

देश के 434 शहरों में स्वछता के आधार पर पानीपत 405 वे स्थान पर है। जबकि सरकार को पानीपत से 4200 करोड़ का टैक्स हर साल मिलता है फिर भी शहर स्वच्छता में पिछड़ा हुआ है। इस के लिए दोषी कौन है।
      " शहर का दाता राम " कहता है कि शहर को स्वच्छ में पिछड़ने के दो प्रमुख दो कारण हैं । पहले सबसे बड़ा कारण जनता ही है । कुछ लोग तो स्वछता के ही दुश्मन है। उन को सुधारना ही सबसे बड़ी चुनौती है। दूसरा सबसे बड़ा कारण सरकारी अधिकारी है। जो अपनी तानाशाही के कारण शहर के हर कार्य में दीवार साबित होते हैं। इन का सरकार भी कुछ नहीं कर पाती है। शहर में मेयर तथा पार्षदों की स्थिति शौ पीस से अधिक कुछ नहीं है । इन के पास नाममात्र के अधिकार है । सरकार इन को अधिकार देने ही नहीं चाहती है। इस लिए शहर स्वछता में पिछड़ा है। शहर की आबादी 5.55 लाख की है और शहर में मकानों की संख्या 1.13 लाख है।  शहर औधोगिक है। लोगों के पास समय नहीं है और न ही अधिकारियों के खिलाफ आवाज उठाते हैं।यही शहर के पिछड़ेपन सबसे बड़ा कारण हैं।

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