फिल्म " पानीपत " पर क्यों जंग छिड़ी है ?
फिल्म निर्माता आशुतोष गोवारिकर की फिल्म " पानीपत द ग्रेट बिट़ेयल " का विरोध हो रहा है । क्योंकि फिल्म में सूरजमल का चरित्र ऐतिहासिक तथ्यों के विपरीत बताया जा रहा है । फिल्म में सूरजमल को लालची दिखाने का प्रयास किया गया है । वास्तविकता क्या है यही आज की चर्चा का विषय है । देखते हैं आये विचारों को : -
विरोध यूँ ही नहीं होता ।
जब कोई बात या तथ्य तोड मरोड कर पेश किया जा रहा हो तो जनता मुखर हो कर विरोध करती है ।
यदि तथ्यात्मक स्टोरी होती तो विरोध का सवाल ही पैदा नहीं होता ।।
- सुरेन्द्र मिन्हास
बिलासपुर- हिमाचल प्रदेश
'पानीपत' फिल्म में पानीपत युद्ध से पहले महाराजा सूरजमल जी व सदाशिवराव भाऊ के बीच 55 सेकंड का सीन, डायलाग--
"आगरे का किला मुझे दें , वर्ना युद्ध छोड़ कर चला जाऊंगा ।"--महाराजा सूरजमल
"मंजूर नहीं, आप जा सकते हैं ।"--- सदाशिवराव
उपरोक्त डायलाग और सीन फिल्म 'पानीपत 'पर जंग छिड़ने के मुख्य कारण हैं । फिल्मकारों को ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए ।
- बसन्ती पंवार
जोधपुर ( राजस्थान )
फिल्म "पानीपत" पर जंग के पीछे "पानीपत" में भरतपुर के महाराज सूरजमल का किरदार है ।जाटों का आरोप है कि फिल्म में महाराज सूरजमल के किरदार को गलत तरीके से पेश किया गया है ।उन्हें एक लालची शासक बताया गया है ।मैंने फिल्म नहीं देखी है , इसलिए मैं इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकती ।फिल्म "पद्मावत" पर राजपूतों ने इसका विरोध किया था।फिल्म देखने के बाद मुझे विरोध करने वाली कोई बात नहीं दिखाई दी थी।
- रंजना वर्मा
रांची - झारखण्ड
'पानीपत' हो या अन्य कोई फ़िल्म, जो हमारे इतिहास को नई पीढ़ी के सामने प्रस्तुत करते है उनमें सच्चाई होनी बहुत आवश्यक है । हमारी पीढ़ी प्रत्यक्ष रूप से उसमें शामिल नहीं है । गलत वक्तव्य उन्हें गुमराह करता है। जो सही नहीं है । इसलिए जंग जरूरी है ।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
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