क्या संघर्ष से सफलता अवश्य मिलती है ?

जीवन का दूसरा नाम संघर्ष है । बिना संघर्ष के जीवन सम्भव नहीं है । जब इंसान संघर्ष के रास्ते को अपनी मंजिल मान लेता हैं । उसे सफलता देर - सवेरे अवश्य मिलती है । बाकि किस्मत का खेल है यानि पूर्व जन्म के कर्म ....। फिर भी हमें संघर्ष का रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए । यह जीवन का मूल मंत्र है ।  अब  " आज की चर्चा " पर आये विचारों को भी देखते हैं :- 
संघर्ष से सफलता मिले या न मिले आत्मसंतुष्टि अवश्य मिलती है कि मंजिल पाने के लिए हमने संघर्ष किया ।वैसे भी जब तक हम संघर्ष या प्रयास नहीं करते हमें सफलता नहीं मिलती।वो भाग्यशाली होते हैं जिन्हें आसानी से सफलता मिल जाती है।लेकिन संघर्ष या अथक प्रयास से असंभव कार्य में भी सफलता प्राप्त होती है ।बहुत संघर्ष के बाद हमें कुछ प्राप्त होता है तभी हम उसकी कीमत समझ पाते हैं 
   - रंजना वर्मा
  रांची - झारखण्ड
संघर्ष यदि सही दिशा में हो तो सफलता प्राप्त होकर ही रहती है। कभी कभी मन अपने ही विचारों से संघर्ष करता रहता है और हाथ में आ सकती सफलता हाथ से निकल जाती है।
- दर्शना जैन
खंडवा - मध्यप्रदेश
मानव जीवन संघर्षों का ही दूसरा नाम है |
परिश्रमशील एवं दृढ संकल्पशक्ति के द्वारा संघर्ष पथ पर आरूढ व्यक्ति मार्ग में आने वाले अनेक कष्टों, काँटों को चुनकर जीवनपथ की राहों में सतरंगी पुष्प खिलाने की सामर्थ्य रखता है | कर्म कसौटी पर कस कर ही व्यक्ति का जीवन स्वर्ण सम आभा से दमक उठता है | व्यक्ति को उत्तरोत्तर उन्नतिशील पथ पर अग्रसर रहने के लिए संघर्षों के साथ भाग्य के प्रबल योग की भी बहुत हद तक सार्थक भूमिका रहती है | कर्तव्यकर्मों की डगर पर संघर्षरत प्राणी के साथ यदि भाग्य की प्रबलता भी हो तो रंक को भी राजा बनाने की सामर्थ्य रखती है |याद करिये, कविकुल शिरोमणि महाकवि कालीदास को पूर्व में जिनकी गिनती महामूर्खों में की जाती थी | किंतु अपनी विदुषी पत्नी विद्योत्तमा द्वारा अपमानित किये जाने पर वे जीवन पथ पर संघर्षशील बनें और माँ काली की उपासना, कृपा शक्ति के द्वारा अभिज्ञान शाकुन्तलम्, मेघदूतम् जैसे अनेक अमूल्य काव्यग्रन्थों का सृजन उनके द्वारा किया गया |
- सीमा गर्ग मंजरी 
मेरठ - उत्तर प्रदेश
हां, बहुत हद तक ये सही  है कि संघर्ष यानी अथक प्रयास   से हमें सफलता प्राप्त होती है,, परन्तु ये कभी कभार  गलत भी हो जाता है ,, संघर्ष करने के बावजूद सफ़लता नहीं मिलने पर व्यक्ति अवसाद ग्रस्त हो जाता है ,,इसी अवस्था से खुद को बचाने की कोशिश करनी चाहिए । ये भी सच है कि  बिना संघर्ष के सफलता हासिल नहीं होती है। हमें यह मान कर हीं चलना चाहिए कि हमारा जीवन सदैव संघर्षरत रहता है जिसे हम धैर्यपूर्वक पार करते जाएं तो मंजिल या सफलता प्राप्त करना कठिन नहीं है । 
- डॉ पूनम देवा
पटना - बिहार
संघर्ष से सफलता मिले यह अवश्यक नही है। क्योंकि कई बार मनुष्य संघर्ष तो करता है, लेकिन उसको सफलता नहीं मिलती है। ऐसे में कई व्यक्ति उदास हो जाते है। और अपने-आप को तनाव से घेर लेते है।  जिससे उन व्यक्ति को कई बीमारियां हो जाती है। जब हम अधिक संघर्ष कर रहे हो, और हमें सफलता नहीं मिलती ऐसे में हमें घबराना नहीं चाहिए। क्योंकि यदि हम लगन से मेहनत कर रहे है तो, वह संघर्ष कही-ना- कहीं काम आता है। और हो सकता है जिस सफलता को हम प्राप्त करना चाहते हो, हमारी किस्मत में उससे भी अधिक बड़ी सफलता लिखी हो। कहा जाता है कि जो व्यक्ति संघर्ष करता है उसी को सफलता मिलती है। लेकिन कई बार व्यक्ति संघर्ष किसी और सफलता को प्राप्त करने के लिए कर रहा होता है। और उस व्यक्ति को मिल कोई और सफलता जाती है क्योंकि मनुष्य को यह पता ही नहीं होता कि उसमें क्या-क्या खूबियां है।
            - नीरू देवी
          इन्द्री,(करनाल) हरियाणा
लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सही दिशा में जोश, जुनून और लगन के साथ  मेहनत किया जाए तो   सफलता अवश्य मिलती हैं। कहा जा सकता हैं संघर्ष सफलता की सीढ़ी हैं।
 - प्रेमलता सिंह
पटना - बिहार
मानव जीवन संघर्ष करता है और संघर्ष से सफलता भी मिलती है, लेकिन ये सभी के लिए लागू नहीं होता है। कभी कभी बहुत संघर्ष या मेहनत करने बाला व्यक्ति भी अपने मुकाम को हासिल नहीं कर पाता या अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाता। अंततः वो इसे किस्मत या वक्त का नाम देकर छोड़ देते हैं।कभी कोई जीवन भी हार जाते हैं।
- रेणु झा 
रांची - झारखण्ड
संघर्ष यदि प्रेरणा है तो लक्ष्य प्रेरक है ! यदि हम किसी भी चीज को पाने का लक्ष्य रखते हैं तो उसे प्राप्त करने के लिए हमे चाहे जितना संघर्ष करना पड़े हम करते हैं ! एक चिड़या जब घोषला बनाती है तो तिनका तिनका बार बार लाती है !तिनका गिरता है पुन: उठाती है , गिरता है उठाती है कई बार यह होता है किंतु हार नहीं मानती चूंकि उसके संघर्ष में घोषला बनाने का जूनून है , दृढ संकल्पता है ,आत्म विश्वास और परिश्रम है अत: वह बिना रुके  अनवरत मेहनत करती है और घोषला बना ही लेती है ! वह पक्षी है फिर हम क्यों नहीं ? सफल हो सकते हैं बस लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हमारे संघर्ष में जूनून , जिद्द ,हिम्मत, आत्म विश्वास ,मेहनत और दृढ-संकल्पता हो तो सफलता मिलनी ही मिलनी है !
- चन्द्रिका व्यास
मुम्बई - महाराष्ट्र
जीवन का दूसरा नाम ही संघर्ष है ।प्रत्येक महत्वाकांक्षी व्यक्ति अच्छा और कामयाब जीवन पाने के लिए संघर्ष तो करता ही है लेकिन कभी-कभी परिस्थितियाँ अनुकूल या प्रतिकूल हो जाने से परिणाम सौ प्रतिशत नहीं भी मिल पाता ।लेकिन हताश नहीं होना चाहिए क्योंकि हमें अनुभव अवश्य मिलता है जिसके आधार पर हम थोड़ा और परिश्रम कर सफलता प्राप्त कर सकते हैं लेकिन जरूरी नहीं कि हर व्यक्ति को संघर्ष से सफलता मिल ही जाएगा ।
- सुशीला शर्मा
जयपुर - राजस्थान
अक्सर यह कहा जाता है कि संघर्ष ही जीवन है । फिर जीवन साधारण हो या असाधारण, वह तो सदैव सुख- दुख, धूप- छांव, लाभ- हानि, उन्नति- अवनति जैसे संघर्षों के सोपानों द्वारा धैर्य रूपी आत्मबल के सहारे अपने गंतव्य( सफलता) तक पहुंच ही जाता है। कबीर ने भी कहा है-
" जिन ढूंढा, तिन पाइयां, गहरे पानी पैंठि। मैं वपुरा बूढन डरा रहा किनारे बैठि।।"
     अतः अथक परिश्रम द्वारा विपरीत परिस्थितियों में भी समुद्र से  मोती खोजना  संघर्षशील व्यक्ति का ही काम है। समाज में प्रत्येक व्यक्ति ऐसे ही संघर्षों की सीढ़ियों को पार कर ही, पद- प्रतिष्ठा, रुपया- पैसा, मान- सम्मान प्राप्त करता है। जो संघर्षों से हार मान लेता है तो उच्च शिखर पर पहुंचना उसके लिए मात्र कल्पना या स्वप्न ही रह जाता है।
   यह कहना उचित ही होगा संघर्ष विपत्ति से जूझने की शक्ति और सहनशीलता की  सामर्थ्य प्रदान करने के साथ-साथ नई दिशा हेतु मन और  बुद्धि के उद्दात शिखर यानी आत्मिक स्वर्गिक  आनंददायक सफलता अवश्य ही प्राप्त करता है।
- डॉ. रेखा सक्सेना
मुरादाबाद - उत्तर प्रदेश
संघर्ष ही वो सीढ़ी है जो सफलता के दरवाज़े तक पहुँचने में हमारी मदद करता है ;चाहे वो नाम हो काम हो ,शिक्षा हो या उन्नति |मेहनत से बनाई गई थाली में जो स्वाद है वो मुफ़्त की थाली में कहाँ | संघर्ष के बावजूद भी असफलता मिलने पर हिम्मत न हारें निरंतर प्रयास रत रहे सफलता एक न एक दिन ज़रूर मिलेगी |धनवान व्यक्ति भी अपने धन को बढ़ाने,संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए संघर्ष करता है |तभी वह शिखर पर बने रहता है|
           - सविता गुप्ता 
           राँची - झारखंड
संघर्ष बाधाओं से हार न मानना है ।  यह जीवन को लक्ष्य तक ले जाने की लड़ाई है । हर व्यक्ति को संघर्ष करना होगा, ताकि जीत का आनंद महसूस कर सके । अगर जीत नहीं भी होती है तो भी अगली पीढ़ी को नये मार्ग मिलेंगे ।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
मेरे विचार से संघर्ष से सफलता अवश्य मिलती है ।उसके लिए अपने लक्ष्य के प्रति लगन होनी चाहिए ,दिशा सही होनी चाहिए ।एक बार में सफलता मिल जाए यह  जरुरी नहीं है ।हमें अपनी असफलता के लिए चिंतन करना चाहिए कि असफल होने के  क्या क्या कारण रहे ।उन गलतियों को न दोहराते हुए बार -बार प्रयास रत रहना चाहिए  ।सकारात्मक विचार सफलता का मूल मंत्र है ।एक कहानी है ...एक राजा युद्ध में पराजित होकर गुफा में जा पहुँचा वहाँ उसने देखा एक मकड़ी बार -बर अपना घर बनाती है असफल होकर नीचे गिर जाती है वह पुनः उठती है और फिर प्रयास करती है ।ऐसा वह एक बार नहीं कई बार करती है ,अन्त में वह घर बनाने में सफल होती है ।राजा उस छोटे से जीव से शिक्षा ले फिर से संगठीत होता है और जीत हासिल करता है ।अतः संघर्ष से सफलता मिलती है ।
- कमला अग्रवाल
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
सम्पूर्ण  जीवन  ही  संघर्षों  से  भरा  है  और  संघर्ष  ही  जीवन  है  ।  बिना  संघर्ष  के  सफलता  मिलना  तो  ऐसे  ही  है  जैसे  हम  हथेली  में  सरसों  उगाना  चाहें  ।  कुछ  अपवादों  को  छोड़  दें  बिना  संघर्ष  सफलता  प्राप्त  करना  संभव  नहीं  है  ।  संघर्ष  द्वारा  प्राप्त  सफलता  से  मन  को  आत्मिक  खुशी  व शांति  का  अहसास  होता  है  । जरूरी  नहीं  कि  एक  बार  में  सफलता  मिल  जाए  । असफल  होने  पर  पुनः  दुगने  आत्मविश्वास  के  साथ  प्रयास  करना  चाहिए  ।  नन्हीं  चींटी  के  संघर्ष  से  तो  सभी  वाकिफ  हैं  ।
        - बसन्ती पंवार 
        जोधपुर - राजस्थान 
प्रश्न उचित है संघर्ष से सफलता मिलती है इसमें कोई संदेह नहीं है पर संघर्ष कब कैसे और किस स्तर पर किया गया यह अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है ।कई बार गलत दिशा व समय का संघर्ष मात्र निराशा असफलता ही देता है ।अतः सफलता के लिए निरन्तर व सही दिशा में समय से संघर्ष आवश्यक है ।
- शशांक मिश्र भारती 
शाहजहांपुर - उत्तर प्रदेश
मनुष्य का जीवन ही एक संघर्ष की गाथा है। किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए हमें संघर्ष करना ही पड़ता है। संघर्ष के बगैर जीवन में किसी भी प्रकार की उपलब्धि की आशा करना ही व्यर्थ है। हाँ, कभी ऐसा भी होता है अत्यंत संघर्ष के बावजूद भी हमें सफलता प्राप्ति नहीं होती है किन्तु हमें इस बात की संतुष्टि अवश्य होती है कि हमने सफलता के लिए संघर्ष किया, अपनी पूरी कोशिश की। अंततः यही कह सकते हैं कि संघर्ष सफलता का आधार अवश्य है किंतु गारंटी नहीं है।
- रूणा रश्मि
राँची - झारखंड
वेद वाणी में कहा गया है -"बैठने वाले का भाग्य भी बैठ जाता है और खड़े होने वाले का भाग्य भी खड़ा हो जाता है. इसी प्रकार सोने वाले का भाग्य भी सो जाता है और संघर्ष में पुरुषार्थी का भाग्य भी गतिशील हो जाता है. चले चलो, चले चलो l"विवेकानंद ने कहा है -लक्ष्य प्राप्ति तक मत रुको. सफलता संघर्ष और परिश्रम की दासी है. वह संघर्षशील व्यक्ति के चरण चूमने को सदा ततपर रहती है. विश्व में जितने भी प्राणी हुए हैं वे प्रतिभाशाली होने के साथ साथ जीवन में संघर्षो की गोदमें पलकर उच्च शिखर तक पहुँचे हैं. विश्व के सबसे तेज धावक, खिलाडी, वक्ता,नेता, अभिनेता, व्यापारी आदि अत्यधिक संघर्ष और परिश्रम द्वारा ही श्रेष्ठतम बने हैं.
- डाँ. छाया शर्मा
अजमेर - राजस्थान
बिलकुल संघर्ष वमेहनत  करने वालों को ही सफलता मिलती है हो सकता समय लग जाये अधिक संघर्ष करना पड़े , पर यह निश्चित है की संघर्ष सफलता दिलाता ही है। भाग्य के सहारे कभी लक्ष्य प्राप्त नहीं होता , और अगर हो गया तो वह आन्नद व संतुष्टि कहाँ जो मेहनत से हासिल कर होती है किसी को पाने की अपने को साबित करने का जनून , व आत्मविश्वास के साथ दृढ़ संकल्प व ईश्वर पर विश्वास हो तो दुनियाँ की कोई ताक़त हमें हमारे लक्ष्यों प्राप्त करने से नहीं रोग सकती । सफलता हमारे क़दम चूमती ही है 
- डॉ. अलका पाण्डेय 
मुम्बई - महाराष्ट्र
संघर्ष जीवन को नये आयाम देता है। जब तक जीवन में उतार-चढ़ाव, हार-जीत,दुख सुख के झोंके ना आयें तो जीने में सार्थकता नहीं आती है। संघर्ष  सफलता चाहे ना दे पर उम्र के हर मोड़ पर और आगे बढ़ने की हिम्मत जरूर देती है।  मेंहदी पिसने पर रंग लाती है वैसे ही जीवन संघर्ष से निखरता है। हार जीत तो चलती रहती है।
- ड़ा.नीना छिब्बर
 जोधपुर - राजस्थान
जीवन ‘संघर्ष’ का दूसरा नाम हैं। एक बात हमेशा याद रखिए, अपनी मंजिल का आधा रास्ता तय करने के बाद पीछे ना देखे बल्कि पूरे जुनून और विश्वास के साथ बाकी की आधी दूरी तय करे, बीच रास्ते से लौटने का कोई फायदा नहीं क्योंकि लौटने पर आपको उतनी ही दूरी तय करनी पड़ेगी जितनी दूरी तय करने पर आप लक्ष्य तक पहुँच सकते है
- लक्ष्मण कुमार
सिवान - बिहार
संघर्ष  सफलता  का पायदान  है ।जिसमे हिम्मत  साहस  धैर्य  सहनशीलता  जैसे  अनेक  आत्मीय  गुण  शामिल  रहते  है।संकल्प  के माध्यम  सूर्य  की भांति  हर सुबह लक्ष्य  को  हासिल  करने  की  कोशिश  बनी  रहती  है          
- डाँ.कुमकुम  वेदसेन 
मुम्बई - महाराष्ट्र
यह बात सही है कि संघर्ष करने से शत-प्रतिशत सफलता मिले यह जरूरी नहीं है संघर्ष जीवंतता की निशानी है संघर्ष जैसे बहता पानी है सारे काम हमारे मनमाफिक हो ऐसा नहीं होता है स्थितियां कभी अनुकूल तो कभी प्रतिकूल होती हैं और हमें उन स्थितियों का सामना करते हुए आगे बढ़ना होता है अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना होता है संघर्ष करके अगर अपने लक्ष्य को शत-प्रतिशत नहीं आंशिक रूप से भी प्राप्त करते हैं तो हमें आंतरिक प्रसन्नता होती है आत्म संतुष्टि होती है आत्मसंतुष्टि का यह भाव हमें फिर से सफलता के लिए संघर्षरत रखने में कामयाब होता है सफलता नहीं मिली लेकिन उसके लिए किया गया प्रयास और संघर्ष हमें इस बात की संतुष्टि प्रदान करता है कि हमने कोशिश की यह संघर्ष हमारे आत्मसम्मान को बनाए रखता है और सबसे बड़ी चीज की बिना संघर्ष के मिली हुई सफलता ऐसा लगता है जैसे कि भीख में किसी ने कुछ दे दिया हो वैसे यह मेरा अपना विचार है दूसरों के विचार भिन्न-भिन्न हो सकते हैं
   - नीलम पांडे   
 गोरखपुर - उत्तर प्रदेश

" मेरी दृष्टि में " संघर्ष ऐसी परीक्षा है । जो पास हो गया । वह जिन्दगी में कामयाब हो गया । जो संघर्ष से घबरा गया ।  वह हर क्षेत्र में फेल हो गया ।
                                             - बीजेन्द्र जैमिनी


श्री रमेशचंद्र पुहाल को " पानीपत रत्न - 2011 " से सम्मानित करते हुए जैमिनी अकादमी द्वारा बीजेन्द्र जैमिनी व  मदनमोहन ' मोहन '
दिनांक : 04 मार्च 2012 


Comments

  1. आपके द्वारा आयोजित चर्चाओं के द्वारा न केवल विचार विमर्श हो रहा है अपितु वैचारिक रूप से जुड़ाव की श्रृंखला भी जन्म ले रही है बधाई व शुभकामनाएं
    शशांक मिश्र भारती

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

वृद्धाश्रमों की आवश्यकता क्यों हो रही हैं ?

लघुकथा - 2024 (लघुकथा संकलन) - सम्पादक ; बीजेन्द्र जैमिनी

इंसान अपनी परछाईं से क्यों डरता है ?