क्या इंसान को हंसना ही ईश्वर का अमूल्य उपहार है?
हँसना इंसान को प्रभु का विशेष उपहार प्राप्त है । यही इंसान की खुशी की पहचान है ।अन्य किसी जीव को यह प्राप्त नहीं है । फिर भी कुछ लोग हँसने से बचने का प्रयास करते नंजर आतें हैं । यह उन किस्मत है । यही " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । ऐसे ही आये विचारों को देखते हैं : -
इंसान का हंसना एक अमूल्य उपहार है एक सकारात्मक व्यवहार है हंसी कै प्रसून पर जवानी के फूल खिलते है।
एक बार खिलखिलाकर हंस के तो देखे कितना आनंद आएगा ।आपकी इस हंसी पर पूरे परिवार की खुशिया देखने को मिलता है ।बच्चे की एक हसी पर सारे मानसिक उलझने खत्म हो जाती है अब बताइए इससे बड़ी औषधि हो ही नही सकती है यह एक थेरपी भी है सुबह-सुबह मार्निंग वाक मे निकलने और एक जगह समुदाय बनाकर खूब खिलखिलाते हुए हंसने एक सकारात्मक एनर्जी पूरे शरीर मे प्रवाहित होगी और पूरा दिन आपका खुशी-खुशी बितेगा ।
हंसी भिन्न भिन्न प्रकार के होते है ।
1. ही ही ही
2. हा हा हा
3 हो हो हो
4 हू हू हू
अब मुस्कान की बारी है दो इंच की मुस्कान चार इंच की मुस्कान चवन्नी मुस्कान रूपए मुस्कान ।हंसी से निकलने वाले हार्मोन पूरे शरीर को सकारात्मक रूप से उत्तेजित करती है। शरीर मे आक्सीजन की मात्रा को बढाती है
शरीर के नकारात्मक ऊर्जा को विलय करती है इसलिए तो कहा गया है कि हंसे तो फंसे ।अगर जीवन जीने की लालसा है हंसे के देखो जीवन और दुनिया कितनी रंगीन है चलिए एक जोक हो जाए एक अस्सी वर्षीय युवक ने अपनी पत्नी को हीरे की अंगूठी तोहफे मे दी पत्नी ने कहा इस उम्र मे इतना मंहगा तोहफा
हाहाहा पति ने कहा उम्र तो मै जानता हू हीरे को कॅहा मालूम उम्र चाहे कुछ भी हो मेरे लिए तुम बस _
- डाँ. कुमकुम वेदसेन
मुम्बई - महाराष्ट्र
स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। हंसना एक संभावित प्रक्रिया है एक आशावादी व्यक्ति की निशानी है जीवन की बड़ी बड़ी समस्या भी हंसकर पार हो जाती है जो हंसता है आशावादी रहता है वह ज्यादा दिन जीता है आनंद की लहरों से खेलता हुआ वह जीवन के हर गम को पार कर लेता है दूसरी तरफ जो गम में डूबा रहता है वह समुंदर के सामान हिचकोले खाता रहता है जीवन और जगत के इस रूप को देखकर आश्चर्य होता है कि व्यक्तियों के बीच अपने अलग अलग नजर यह होते हैं , उदाहरण के लिए संतरे के बगीचे में सेव कहीं नहीं दिखाई देगा क्योंकि संतरे का यह बोया गया है इसलिए जैसा पौधा लगाएंगे वही उगेगा यदि हमारे जीवन में सुख और दुख सिर्फ इसलिए आते हैं कि हम इससे पूर्व अपने जीवन में क्या बोया है या क्या बोन आवश्यक है नागफनी के पौधे में बोनी में कई तरह से मीठे फल आने की आशा नहीं रख सकते। आजकल लोग सुबह की सैर और योगा करते हैं, लाफ्टर एक्सरसाइज करते हैं जिसको करने से उनके जीवन का जीने का एक नया दृष्टिकोण मिलता है। हंसना इंसान के लिए बहुत जरूरी है खुश रहने वाला ही बड़ी से बड़ी बाधाओं को भी पार कर लेता है।
- प्रीति मिश्रा
जबलपुर - मध्य प्रदेश
मुस्कान ईश्वर का दिया अमूल्य उपहार है जैसा कि हम जानते है की योग करे ,शरीर को निरोग, यानी नित्य का घंटे आधे घंटे का योगाभ्यास आपके जीवन मे क्या मायने रखता है जीससे कई तरह की बिमारीयों का खतरा जैसै रक्तचाप, मधुमेह, रक्तसंचार, मोटापा, को टाला जा सकता है, ठीक उसी प्रकार से मुस्कान भी हमारे भीतर की नकारात्मक उर्जा को निकालकर सकारात्मक उर्जा मे परीवरत्तीत कर देता है, मुस्कान रोज की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में हतास न होने की नई चेतना भर देता है ,नफरत इंसान को हैवान बनाती है पर वही मुस्कान प्रेम का दीप जलाती है , कई मनोचिकीतस्को का भी मत है पुरे दिन मे एक बार हंसना ,मुस्कराना सेहतमंद है,जिससे माइग्रेन जैसी बिमारीयों से भी छुटकारा मीलती है, साथ ही कार्य समता भी बढती है, बिमार व्यक्ति के लिए मुस्कान ही सबसे कारगर दवा है ,मुस्कान एक एसी चाभी है जो हर एक के दिलो पर ताला लगाती है
मुस्कान ईश्वर का दिया अमूल्य उपहार है
जैसा कि हम जानते है की योग करे ,शरीर को निरोग, यानी नित्य का घंटे आधे घंटे का योगाभ्यास आपके जीवन मे क्या मायने रखता है जीससे कई तरह की बिमारीयों का खतरा जैसै रक्तचाप, मधुमेह, रक्तसंचार, मोटापा, को टाला जा सकता है, ठीक उसी प्रकार से मुस्कान भी हमारे भीतर की नकारात्मक उर्जा को निकालकर सकारात्मक उर्जा मे परीवरत्तीत कर देता है, मुस्कान रोज की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में हतास न होने की नई चेतना भर देता है ,नफरत इंसान को हैवान बनाती है पर वही मुस्कान प्रेम का दीप जलाती है , कई मनोचिकीतस्को का भी मत है पुरे दिन मे एक बार हंसना ,मुस्कराना सेहतमंद है,जिससे माइग्रेन जैसी बिमारीयों से भी छुटकारा मीलती है, साथ ही कार्य समता भी बढती है, बिमार व्यक्ति के लिए मुस्कान ही सबसे कारगर दवा है ,मुस्कान एक एसी चाभी है जो हर एक के दिलो पर ताला लगाती है
जीवन में हर पल हँसते रहना ,
जीवन में हर पल हँसते रहना ,
हँसना जीवन की सफलता हैं,
जीवन का हरअंदाज निराला हो
हर पल मुस्कराहटें बिखरती हो ,
कहे कहे की शामें हो ,
- अश्विनी पाण्डेय
मुम्बई - महाराष्ट्र
हँसना ईश्वर का मानव को दिया सर्वोत्तम उपहार है। खुल कर हँसना सकारात्मक ऊर्जा का ऐसा स्रोत है जो जीवन को खुशियों से भरपूर रखता है। आज का मानव अपनी भागदौड़ से भरी आपाधापी की जिंदगी में जैसे हँसना भूल ही गया है, इसी कारण कई तनावों को झेलते हुए वह रोगों की गिरफ्त में आने लगा है। इसी को देखते हुए आज लोगों ने हँसने के लिए क्लब बनाये हैं जहाँ लोग जाते हैं खुल कर हँसते हैं, ठहाके लगाते हैं और ऊर्जा से पूरित होकर लौटते हैं। बच्चों के साथ बच्चा बन कर भी हम खुल कर हँस सकते हैं। ईश्वर के दिये इस सर्वोत्तम उपहार को सहेजें, मुक्त होकर हँसें, अपने तनावों को दूर करें, निरोगी बनें... तभी हम इस उपहार को अपने साथ दूसरों को भी दे सकते हैं।
- डा० भारती वर्मा बौड़ाई
देहरादून - उत्तराखंड
मनुष्य जब मानसिक टेंशन से दूर रहता है तो अपने अंदर एक सुकून महसूस करता है उस सुकून को व्यक्त वह मुस्कुरा कर या हंसकर करता है। इसको हम मनुष्य जाति ईश्वर का अमूल्य उपहार मान सकते हैं। सिर्फ मनुष्य का हंसना ही अमूल्य उपहार नहीं है बल्कि अस्तित्व में हर वस्तु एक अमूल्य उपहार के रूप में प्रकाशित है। इसी अस्तित्व की हर वस्तु को किस तरह हम सही उपयोग कर पाए ताकि कोई समस्या हमारे सामने ना हो और नो टेंशन हो करके हम जिंदगी भर जी पाए यही हमारे लिए अमूल्य उपहार है। अगर मनुष्य टेंशन वाला जिंदगी जीता है और हम कहें कि मनुष्य हंसे तो ऐसी स्थिति में हंसी को कैसे अमूल्य उपहार कहा जाएगा ।हंसने के दो कारण है एक तो मनुष्य अंतरात्मा में सुकून का अहसास होने से हंसता है। और दूसरा अहंकार से उपेक्षा करके हंसता है ।ऐसी हंसी को कैसे ईश्वर का अमूल्य उपहार कहा जा सकता है। अमूल्य उपहार निरंतर व्यक्ति सुख शांति के साथ जी पाता है जिसके फलन में हंसते हुए जिंदगी बिताते हैं यही हंसी मूल रूप में अमूल्य उपहार कहा जा सकता है।
- उर्मिला सिदार
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
इंसान का हंसना एक स्वाभाविक गुण है और यह उन सभी के व्यक्तित्व को निखारती है हां हंसने के तरीके ,कारण ,विभिन्न परिस्थितियों में भिन्नता लिए हुए रहते हैं ! बचपन में हम कितनी निखालसता से बिना समझे अथवा किसी भी छोटी-छोटी बातों पर ठहाका मार कर और खिलखिला कर हंस पड़ते थे फिर कौन क्या कहेगा ,सोचेगा यह सभी कौन देखता है ?
बिना किसी तनाव के प्यार भरा जीवन बस और क्या ! किंतु इसके विपरीत उम्र के साथ आदमी जिंदगी में जीवन की अनेक उलझनों में घिरे रहने की वजह से उसका हंसना कम हो जाता है या यूं कहें हंसने का समय नहीं है अथवा कृत्रिम हंसी के साथ रहता है जिससे वह निरस हो जाता है ! स्वास्थ्य भी गिरता जाता है नकारात्मक सोच पनपने लगती है ,समय से पहले ही बुढा़ हो जाता है ! यदि कोई हंसता नहीं तो हम कहते हैं कि भाई खुलकर हंसने में कोई कर्फ्यू नहीं लगा है अथवा हंसने के पैसे नहीं लगते किंतु आजकल हसने की थेरेपी के भी पैसे लगते हैं ! आजकल सभी लोग खासकर रिटायर्ड वयस्क सभी एक जगह मिलकर ठहाका मारकर हसते हैं और इस थैरिपी के जरिए अपना स्वास्थ्य और अपनी जिंदगी को सुगम बनाने का प्रयास करते हैं और सकारात्मक विचारों को लाते हुए नई ऊर्जा के साथ पुनः भूली बिसरी यादों का स्मरण करते हुए ठहाका मारते हैं ! केवल स्वास्थ्य के लिए ही नहीं अपितु हसी हमारे तनाव भरे जीवन को हल्का भी करती है जिससे ऑफिस में यदि चुटकुले वगैरह कहते हुए हंसी मजाक का माहौल बनाकर रखते हैं तो हमारी कार्य क्षमता तो बढ़ती ही है हम एक दूसरे के काम में मदद भी करते हैं ,कारण हम प्रफुल्ल हैं ! हां यदि हम किसी की टांग खींचते हैं अथवा किसी की गलती पर हंसते हैं तो वह गलत है वरना हंसी तो संजीवनी बूटी का काम कर जाती है केवल ठहाका मारना ही हंसी नहीं है मंद मंद मुस्कान भी दिल जीत लेती है अगर रास्ते में कोई मिल गया आपके पास समय नहीं है फिर भी एक मुस्कान फेंकने से ही आप उसका दिल जीत लेते हैं !रिश्ते मजबूत रहते हैं , मन खुश रहने से गुस्सा नहीं आता एवं परिवार में भी खुशियों का वातावरण बना रहता है इसलिए तो सभी रस के साथ इसे हास्य रस का स्थान दिया गया है अंत में कहूंगी हंसना ईश्वर का दिया अमूल्य उपहार ही है !अवसाद के समय तो हंसी ही ऐसी औषधि है जो मुफ्त में मिलने के साथ रामबाण का काम करती हैं !
- चन्द्रिका व्यास
मुम्बई - महाराष्ट्र
ईश्वर ने इंसान को अनेक उपहार दिए हैं उनमें हँसना भी अमूल्य उपहार है ।हँसना एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे व्यक्ति अपनी खुशी प्रदर्शित करता है ।मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जो हंस सकता है।इसलिए कह सकते है हैं कि इंसान को हंसना ईश्वर का अमूल्य उपहार है ।
- सुशीला शर्मा
जयपुर - राजस्थान
हँसते रहो
रोज ठहाका मन से लगाओ, बीपी-शुगर दूर भगाओ
रोज ठहाका मन से लगाओ, बीपी-शुगर दूर भगाओ
जब हम हंसते हैं तो खुद ही नहीं आस-पास का माहौल भी खुशनुमा हो जाता है। इसीलिए तो आज के भागमभाग भरी जिंदगी में कुछ पल निकालकर ठहाके लगाने की दरख्वाश डाक्टर से लेकर शिक्षक, योगगुरु सहित घर के बड़े-बुजुर्ग तक कह रहे है, ‘‘अगर अपनी जवानी और जिंदादिली बरकरार रखनी है तो हंसते रहिए। स्वस्थ रहना है तो हंसते रहिए और जिंदगी का पूरा मजा लेना है तो हंसते रहिए . हास्य के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति एवं राष्ट्रपति के द्वारा साहित्य श्री पुरस्कार से सम्मानित कृष्णा अवतार राही का कहना है कि हंसी के बिताया हुआ दिन, बर्बाद किया हुआ दिन है। अगर कोई दिन में आठ घंटे तक हंसकर बिताएं तो न केवल गंभीर रोगों से बल्कि मानसिक रोगों से भी छुटकारा पा सकता हैं। या यूं कहे हंसी सेहत के लिए सबसे अच्छा टाॅनिक और और हमेसा सुन्दर दिखने के लिए सबसे बेहतर औषधि भी है। जब मनुष्य हंसता है तो वह कुछ पलों के लिए सबसे अलग हो जाता है। उसके विचारों की श्रृंखला टूट जाती है। एकाग्रता आती है। मन-मस्तिष्क खाली व हल्के होने लगते हैं। वे कहते है कि ‘स्वस्थ हास्य समाज को जगाने का भी काम करता है‘। मैंने अपनी कविताओं के माध्यम से रिश्तो से राजनीति तक हर विषय को छुआ हैं। शब्दों को घुमा-फिराकर उनके अर्थ भी बदलें हैं। ताकि हास्य के पुट के साथ-साथ तमाम पहलुओं को एक ही जगह पर समाहित किया जा सके। हास्य कवि सम्मेलन स्वस्थ मनोरंजन का माध्यम है। सिर्फ मनोरंजन ही नहीं, बल्कि देश की वर्तमान स्थिति का चित्रण और समाज की जवाबदेही बताने की बखूबी काम हमारे कवि कर रहे हैं।
हंसने की फुर्सत ही नहीं
हास-परिहास की जरुरत का इससे बड़ा और क्या उदाहरण होगा कि इसके लिए बाकायदा रिश्ते गढ़े गए हैं। देवर-भाभी, जीजा-साली जैसे चुहल भरे रिश्ते इसलिए बनाएं गए हैं ताकि रिश्तों पर समस्याएं हावी न हों और उनमें एक की मानें तो एक मिनट की मुस्कान व्यक्ति को जितना सहज बनाती है, उसके लिए उसे 45 मिनट तक कोशिशें करनी पड़ सकती है। हंसने से चेहरे के मांसपेशियों का व्यायाम हो जाता है। हंसी पेनकिलर का काम करती है। फैट कम करने में भी इसका बड़ा योगदान होता है। शोध बताते है कि हर बार जब हम मुस्कराते हैं, मस्तिष्क में फीलगुड पार्टी होने लगती है। मुस्कराने से कुछ ऐसे हार्मोंस रिलीज होते है, जो तनाव या किसी भी तरह के दबाव से लड़ने में कारगर होते हैं। ये फीलगुड न्यूरोट्रांसमीटर्स, डोपामाइन, एंड्रोफिंस व सेरोटोनिन आदि है। इनका स्तर बढ़ता है तो शरीर को सुकून मिलता है और ब्लड प्रेशर संतुलित होता है। एंड्रोफिंस एक तरह से दर्द निवारक दवा का काम करता है। जबकि सेरोटोनिन एंटीडिप्रेसेंट्स का यानी एक जरा सी हंसी कितना कुछ छिपा हुआ हैं।
हंसी हमारे हर दुख की दवा है ।
हँसना खिलखिलाना मन मस्तिष्क और माहौल सबको निरोगी व प्रफुल्लित रखता है । हँसना और रोना दोनों ईश्वर के दिये अमूल्य उपहार है ख़ुशी से बढ़कर कोई दौलत नही
अपार दौलत देकर भी हम ख़ुशी व हंसी ख़रीद नहीं सकते
ईश्वर ने हमें बेशकिमती चीजें देकर नवाजी है ।
किसी कवि ने बहुत खुब कहाँ है ...
हंसो, कि हंसने पर कोई पाबंदी नहीं है।
उस पर कोई जीएसटी, कोई नोटबंदी नहीं है।
हँसता हुआ हर चेहरा अच्छा लगता है,
चेहरे का नूर ही कुछ अलग सा लगता है,
लोग कहते है कि हंसी हर दर्द को छिपा लेती है,
वही हंसी किसी की खुशी की वजह बन जाती है,
किसी के जीवन में नई आशाओं का संचार
तो बस हँसते रहो खिलिवाहट के पुष्प खिलाते रहो ।
- डॉ अलका पाण्डेय
मुम्बई - महाराष्ट्र
हंसना माना जीवन की एक स्वभावगत प्रक्रिया है; पर यदाकदा यह परिस्थितिवश निरमूल्य भी सिद्ध होती है।
और फिर जीवन तो सुख दुख का नाम है ; जहां सुख का सागर है; वहाँ हंसी की लहरें भी हैं, पर जहां दुखों का पहाड़ है, वहां किसी भी प्रकार से हंसी की कल्पना ही नहीं की जा सकती। माना जा सकता है कि हंसना स्वास्थ्य के लिए के लिए लाभदायक है ; जिसके लिए मनुष्य को किसी भी प्रकार के धन- खर्च की आवश्यकता नहीं है ।अतः इस अनमोल उपहार का व्यक्ति को भरपूर प्रयोग करना चाहिए।
देखा जाता है कि आज भाग दौड़ भरी जिंदगी में हंसी बिल्कुल लुप्त होती जा रही है। तनाव और क्रोध ने साम्राज्य स्थापित कर लिया है। इसे दूर करने के लिए tv के हास्य प्रद सीरियलों को आज खूब बढ़ावा भी मिल रहा है।यह थके हारे व्यक्ति के लिए हंसी के फव्वारों का कार्य कर रहे हैं; फिर भी ईश्वर- प्रदत्त इस अमूल्य उपहार का सदा जीवन पर्यन्त प्रयोग करते रहना चाहिए। अतः हंसो और हंसाओ यही जीवन का सूत्र है।
- डॉ. रेखा सक्सेना
मुरादाबाद - उत्तर प्रदेश
इंसान तभी हँस सकता है,जब वह स्वस्थ और खुश होता है ।खुशी दुनिया की एक बहुमूल्य उपहार है ।अतः हम कह सकते हैं कि इंसान को हँसना ही ईश्वर का अमूल्य उपहार है । हँसने से हमारे शरीर का स्नायु तंत्र और मांसपेशी तंत्र में सकारात्मक उर्जा का सृजन और संचार होता है जो इंसान के शरीर को आरोग्यता प्रदान करता है और खुलकर हँसने से हमारे शरीर की सारी नकरात्मक उर्जा उत्सर्जित हो जाती है ।
हँसना एक अलौकिक वरदान ईश्वर द्वारा मानव जाति को ही प्रदत्त है।
- रंजना वर्मा
रांची - झारखण्ड
ईश्वर और इंसान एक दूसरे के पूरक हैं।जैसे आत्मा ही परमात्मा है।परंतु कुछ एक विद्वानों का मानना है कि इंसान कुछ नहीं करता और जो वह करता दिखाई देता है।वास्तव में वह सब ईश्वर की मर्जी होती है। अर्थात मानवता, राष्ट्रभक्ति, दान-पूण्य इत्यादि सुकर्म एवं राष्ट्रद्रोह, डकैती, हत्या और बलात्कार जैसे कुकर्म सब नियति रूपी परमपिता परमेश्वर यानि ईश्वर ही करते हैं। यदि इन विद्वानों की राय मान ली जाए, तो गीता के उपदेश का महत्व ही समाप्त हो जाता है।जिसमें श्रीकृष्ण जी ने कहा है कि जैसा कर्म करोगे वैसा ही फल पाओगे। अत: इंसान जो बूता है वही काटता है।हंसना-हंसाना या रोना-रुलाना अपनी-अपनी मानसिकता पर निर्भर है।चूंकि आवश्यकता से अधिक हंसने और रोने को पागलपन की ही संज्ञा दी गई है।इसलिए इसमें ईश्वर को ना ही घसीटें तो अच्छा होगा।
- इंदु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर
हमारे जीवन के लिए संजीवनी का काम करता है ।
ईश्वर ने 84 लाख योनियों के प्राणियों में सिर्फ मानव जाति को हँसने की शक्ति दी है । हँसमुख व्यक्ति के पास रोग भी नहीं फटकते हैं । क्योंकि हँसना भी एक प्रकार योग , व्यायाम है । हँसने से हमारे शरीर की सारी नाड़ियाँ , अंगों में गतिशीलता , क्रियाशील हो जाती है। हँसना हमारे जीवन के लिए उपयोगी , स्वास्थवर्द्धक है । जो अनेक बीमारियों के लिए रामबाण का काम करती है । 21 वीं सदी का मानव भौतिक समृद्धि पाने के लिये भाग-दौड़ में लगने से हँसी को भूल गया है । चेहरे पर उदासी , तनाव से मुरझाया गया है । चिंताग्रस्त रहता है ।चिंता ही चिता के समान है । फिर भींचे होठों पर मुस्कान कैसे फैल सकती है । जिसका असर मानसिक , शारीरिक संवेगात्मक , मनोवैज्ञानिक रूप से जीवन पर नकारत्मक प्रभाव डालता है । अगर हमें स्वस्थ रहना है ।तो हमको हँसने - हँसाने में कंजूसी नहीं करें । हँसना तो हमारे हाथ में है । हम कम से कम सुबह - शाम तो थोड़ा - सा हंस सकते हैं । फिर हँसने के फायदे मिलने शुरू हो जाएँगे ।
मुसकुराता - हँसता हुआ चेहरा सारी दुनिया को सुंदर लगता है । रोते हुए चेहरे को कोई भी लोग पसंद नहीं करता है । हम हँसेगें तो जग भी हँसेगा । हम रोएंगे तो कोई नहीं रोएगा । इसका मतलब यही है हँसना हमारे जीवन के लिए टॉनिक का काम करता है । फोटोग्राफर जब फोटो खींचता है । तो हँसने के लिये कहता है और हमरा चेहरा सुंदर दिखने के लिए हम हँसते हैं । हमारे सारे भगवान का चेहरा मुस्कुराता हुआ चित्रकारों ने बनाया है । मंदिर की हर ईश मूर्ति मुस्कान बिखेरती है । क्योंकि मुस्कान हमें आनन्द देती है । सत्य स्वरूप है । सत्यं - शिवं - सुंदरम है । हँसना हमें तनावों , निराशा , नकारात्मकता को दूर करता है ।
निराशा से भरे मानव के पास हँसी नहीं पास फटकती है । कितने लोगों को हँसना बुरा , झिझक लगती है । ऐसे लोग के चेहरे मुझे तो रोगग्रस्त , दुखी चेहरा नजर आता है । उम्र से वे बड़े ही दिखते हैं । वैज्ञानिक शोध ने कहा है । हँसने से हमारे में रक्त परिभ्रमण तेजी से होता है । जिससे पेट पर चर्बी नहीं चढ़ती है । मोटापा बढ़ने नहीं देता है ।चेहरा के सौंदर्य को बढ़ाता है । हँसने वाले व्यक्ति अपने उम्र से कम दिखते हैं ।
ब्रिटेन के वैज्ञानिक थैंकर ने कहा , प्रसन्नचित व्यक्ति दीर्घजीवी होता है । मानव के सुखी जीवन के लिए लाफ्टर क्लब बने । मैं भी इसकी सदस्य हूँ । मुम्बई में मार्च 1995 में डॉ मदन कटोरिया ने हास्य क्लब खोला था । आजबसम्पूर्ण भारत 500 के आस -पास हास्य क्लब हैं ।हँसने के लिए तरह - तरह की क्रिया करायी जाती हैं । जैसे जोर - जोर से हँसना , मुँह खोलकर हँसना , बिना आवाज करके हँसना आदि । हँसने से हम लोटपोट हो जाते है। वृद्ध लोगो को , सभी के लिए कारगर सिद्ध हुए हैं । हमारी जमी ऊर्जा खर्च होती है । बदले में हमें नवीन ऊर्जा , शक्ति , शरीर में हल्कापन महसूस होता है । हँसने की महत्ता के कारण विश्व में ' लॉफ्टर डे 'भी मनाया जाता है । भारत में तनावपूर्ण जीवन में लोग हँसते नहीं थे । समाज से हँसी गायब जैसे हो गयी हो । 80 के दशक में भारतीय दूरदर्शन ने हास्य चैनल को बढ़ावा दिया । जिसमें राजू श्रीवास्तव , मान , कपिल शर्मा , कृष्णा , भारती , अर्चना पूर्णसिंह जैसे हास्य कलाकार दुनिया के सामने आए । जिन्होंने सारी दुनिया , देश को खूब हँसाया । हास्य के लिये कपिल शर्मा शो सुर्खियों में रहता है । इंडिया हँसता है । इनकी वीडियो , यू ट्यूब , कैस्ट से हास्य की फुलझाड़ियों से सराबोर हो जाते हैं । चैनल की टीआरपी बढ़ती है । सो अलग ।
आओ हम बिना पैसे की हँसने की थैरेपी ले के जीवन को स्वास्थ्यवर्द्धक बनाएँ । इसके लिए दवा की जरूरत नहीं है । हम खुलकर हँसे और दूसरों को हँसाए । हम अपनी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएँ। जोर से हँसने से हमारे में रासायनिक परिवर्तन होते हैं ।जिससे एंडोर्फिन हार्मोन बढ़ जाता है । जो रोग निवारक के रूप में शरीर
में काम करता है । विजातीय तत्व बाहर निकल जाते हैं ।
बर्नार्ड ने कहा - " हँसी की पृष्ठभूमि पर ही स्वास्थ्य एवं यौवन के प्रसून खिलते हैं । यौवन को तरोताजा करने के लिए हम खूब हँसे ।"
ईश द्वारा प्रदत्त हास्य योग की नैसर्गिक प्रक्रिया को हर जन - मन अपने जीवन में धारे । सुखी , स्वस्थ , दीर्घजीवी , आभायुक्त , तेजयुक्त , ओजमय जीवन जिएँ और मस्तिष्क , सभी अंगों , अंतःस्रावी ग्रन्थियों को क्रियाशील करें । यूँ ही इस आलेख को पढ़कर मुस्कुराते , हँसते रहें ।
अंत में दोहे में मैं कहती हूँ ।
पाल हास्य को जग अभी , सुखी जिंदगी हेतु ।
भाग जाय सब रोग हैं , बने स्वास्थ का सेतु ।
- डॉ मंजु गुप्ता
मुंबई - महाराष्ट्र
हंसना खुशी ज़ाहिर करने की प्रक्रिया है , जो जानवरों में नहीं पाई जाती । भावनात्मक प्रकृति केवल और केवल मनुष्य को ही मिला वरदान है। जीवन उलझनों का नाम है । उन पलों के बीच हँसना ह्रास हुई शक्ति को फिर से इकट्ठा करने का काम करता है । परेशान या दिमागी तकलीफ से लड़ने में मदद करता है, समाज का निर्माण करता है साथ ही उलझन को सुलझाने में भी मदद करता है । इसलिए रोज जोर जोर से हंसिये ।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
हंसना ईश्वर का अमूल्य वरदान ही नहीं एक व्यायाम भी है जो मनुष्य को अनेक सकारात्मक चीजों की ओर ले जाता है ।सभी को हंसने की क्रिया अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा समझकर स्वीकार करनी चाहिए ।हंसना मुस्कराना ठहाका इसके रुप हो सकते हैं ।कुछ लोगों की मन्द मन्द मुस्कान सदैव सामने वाले को आकर्षित करती है ।अन्त में यही कहूंगा कि ईश्वर का अमूल्य उपहार व्यर्थ न जानें दें।
- शशांक मिश्र भारती
शाहजहांपुर - उत्तर प्रदेश
ईश्वर द्वारा प्रदत अमूल्य उपहारों में "हंसी" हम सबके लिए सबसे बहुमूल्य उपहार है । सब कुछ व्यक्ति के पास होने के बावजूद अगर खुशी नहीं तो सब बेकार है, ठीक इसके विपरित कुछ कम भी हो अगर व्यक्ति खुश है तो बहुत बड़ी बात है और वह धनी है। एक स्वस्थ व्यक्ति हीं खुश होता है,तो यह अपने आप में पूर्ण सम्पन्नता सा महसूस होता है । आज के तनाव पूर्ण जिन्दगी में अगर किसी को खुशी मिलती है तो सचमुच वह भाग्यशाली है । हंसने से हमारे अन्दर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है,,अगर हंसी का अभाव होगा तो नकारात्मक ऊर्जा प्रभावित करती है ।कहा गया है कि स्वस्थ मन हीं असली धन ,,,,। हमारी सारी तंत्रिका पर अद्भुत प्रभाव पड़ता है हमारे हंसने का । इंसान और जानवर में बहुत सी समानताएं ईश्वर ने बनाई है ,, लेकिन हंसने का तोहफ़ा हम इंसानों को हीं मिला है। इसलिए ईश्वर द्वारा मिले इस अनमोल उपहार का हम सब को भरपूर आनन्द लेना चाहिए ,और ऊपर वाले का आभार मानना चाहिए कि उन्होंने हमें "हंसने "जैसा अमूल्य बिना मोल प्रदान किया है ।
- डॉ पूनम देवा
पटना - बिहार
ईश्वर ने मनुष्य को बहुत सारे उपहार दिए हैं उनमें से हँसना एक अनमोल उपहार है । लॉफ्टर थेरेपी से व्यक्ति हमेशा युवा बना रहता है क्योंकि हँसने के दौरान मेलाटोनिन नामक हार्मोन स्त्रवित होता है जिससे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा की बृद्धि होती है ।जब हम हँसते हैं तो शरीर की बहुत सारी मांसपेशियाँ सक्रिय हो जाती हैं, रक्त संचार बढ़ जाता है साथ ही साथ शरीर में अधिक ऑक्सीजन एकत्र होती है व कॉर्बन डाई ऑक्साइड बाहर निकलती है अर्थात श्वसन तंत्र तेजी से कार्य करने लगता है । नींद भी अच्छी आती है । बस हमें ये ध्यान रखना चाहिए कि हमारे हास्य से किसी की भावनाओं को ठेस न पहुँचे, वार्तालाप स्वस्थ व सकारात्मक हो जिससे नए- नए तथ्य सामने आएँ ।
- छाया सक्सेना प्रभु
जबलपुर - मध्यप्रदेश
" मेरी दृष्टि में " हँसना स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक लाभदायक माना जाता है । और तो और योग में भी हँसने का भी बहुत बड़ा योगदान है । हँसना एक कला भी है । परन्तु किसी को चिड़ाने के उद्देश्य से किसी पर नहीं हँसना चाहिए । वरन् झगडा होने में देर नहीं लगती है । ऐसी हँसी से बचना चाहिए ।
- बीजेन्द्र जैमिनी
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