क्या गुस्से में दिमाग सहीं निर्णय ले पाता है ?
गुस्से में कुछ भी हो सकता है । बड़े से बड़े अपराध हो जाते हैं । ऐसी स्थिति में कोई भी निर्णय लेने से बचना चाहिए । यही सबके हित में होता है । यही " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है। देखते हैं आये विचारों को : - गुस्से में दिमाग कभी भी सही निर्णय नहीं ले सकता ।गुस्सा एक तीव्र नकरात्मक उर्जा है ।यह व्यक्ति की सोचने समझने की शक्ति समाप्त कर देता है,इस अवस्था में सही निर्णय लेना सम्भव नहीं है ।यह मनुष्य का एक सामान्य अवगुण भी है ।कोई यह नहीं कह सकता कि उसे गुस्सा नहीं आता ।किसी में इसकी मात्रा थोड़ी होती है तो किसी में ज्यादा ।बेहतर यही यही होता है कि गुस्से हम कोई महत्वपूर्ण निर्णय न लें ,पहले खुद को शांत करें,फिर निर्णय ले। - रंजना वर्मा रांची - झारखण्ड नही कदापि नहीं ग़ुस्सा विवेकहीन बना देता है कुछ समय के लिये मनुष्य अच्छाबुरा भूल जाता है ... क्रोध एक प्राकृतिक भावना है आधुनिक जीवनशैली किसी भी व्यक्ति को तनाव में धकेल सकती है। अब जबकि हजारों लोगों को अपने रोजगार और घरों से हाथ धोना पड़ रहा है और यहां तक कि सेवानिवृत्त लोगों की सुरक्षित राशियां भी बाजारी उथल...