क्या कोरोना से जंग के वास्तविक हीरों हैं लैब टेक्नीशियन ?
कोरोना से जंग के वास्तविक हीरोंं कौन है जो अपने को जोखिम में डाल कर लोगों की सेवा कर रहे हैं । वहीं वास्तविक हीरों है । यही " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते हैं : -
हां, हीरो तो है ही ये। न सिर्फ लैब टेक्निशियन बल्कि वो हर इकाई हीरो हैं जो किसी भी स्तर पर कोरोनावायरस से युद्ध में शामिल हैं। जब छोटी सी फौज किसी बड़ी फौज के मुकाबले पर हो तो उसके अदम्य साहस को देखकर कौन हीरो नहीं मानेंगा। हमारे देश में इसकी जांच के लिए लैब टेक्नीशियन की संख्या बहुत कम है,जो कि सीमित संसाधनों के बावजूद,इस महामारी से मुकाबला करते हुए जूझ रहे हैं। न केवल वायरस की जांच में दिन रात एक कर रहे हैं,वरन इसके वैक्सीन की खोज में भी जुटे हैं। हमारे देश में कोरोनावायरस संक्रमण से अब तक लगभग ७००० मरीज प्रभावित हैं।इसकी जांच के लिए जो टेस्ट किए जा रहे हैं उसके आंकड़ों में भारत की स्थिति विश्व में सबसे पीछे यानि निचले स्तर पर है।नौ अप्रैल की वलर्डोमीटर के मुताबिक प्रति दस लाख की आबादी पर हमारे देश में १२१ परीक्षण हुए। भारत में इस दिन तक कुल एक अरब तीस करोड़ की आबादी में से १लाख६७हजार२३५लोगों का परीक्षण हो पाया है। इस परीक्षण के मामले में यूं ए ई,इटली, जर्मनी, दक्षिणी कोरिया,कनाडा,स्पेन, अमेरिका,
ब्रिटेन कहीं आगे हैं। हमारे लैब टेक्निशियन कम संसाधनों में बेहतर जांच परिणाम में जुटे हैं और अपनी दिन रात की मेहनत से इस संकट लड़ रहे हैं। हमारे देश में संक्रमण अन्य देशों से कम है,यह कम ही रहें और न फैले इसके हम सबको जागरूक रहना चाहिए और सरकार द्वारा प्राप्त निर्देशों का पालन करना चाहिए।सैल्यूट है हर उस हीरो को जो इस जंग में शामिल हैं।
- डॉ अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर - उत्तर प्रदेश
जो अपनी जान की परवाह न करते हुए इस संकट की घड़ी में देश को सेवाए दे रहे है। फैलते वायरस का पता लगाने का काम लैब टैक्नीशियन करते है।
जब वो जाँच करते है उन्हे बिमारी का पता भी नही होता वह कितनी घातक है सर्तकता पूर्वक अपने लक्ष्य को अनजाम देते हैं हमे बिमारी से अवगत कराते है।
जिन्दगी की जंग लड़ने में ये रामबाण का काम करते है। लाखों लोगो की सेवा मे रात दिन अपना परिवार ६ोड़कर लगे है।नमन् है उन्हें जो अपनी जान खतरे में डालकर देश सेवा मे लगे है उन जांबाज हीरो को मेरा शत् शत् नमन्
- नीमा हँसमुख
नजीबाबाद - उत्तर प्रदेश
'लैब टेक्नीशियनों ' की ड्यूटी ही ऐसी हो, जिसके दायित्वों के निर्वहन हेतु उन्हें आवश्यक रूप से संदिग्ध मरीज के निकट जाना पड़ता है तो उन लैब टेक्नीशियनों की महत्वपूर्ण भूमिका को नमन करते हुए कोरोना से जंग के वास्तविक हीरो की संज्ञा देना, उनके प्रति आभार प्रकट करने का सर्वोत्तम तरीका है।
एक लैब टेक्नीशियन ही 'प्रथम कोरोना योद्धा' के रूप में संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति के निकट जाकर सेम्पल लेता है। सेम्पल लेते वक्त मरीज और टेक्नीशियन के मध्य दूरी नहीं के समान होती है। सेम्पल लेते वक्त मरीज को खांसी भी आ सकती है जिसके दुष्प्रभाव की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। यह सही है कि लैब टेक्नीशियन पीपीई किट पहने हुए होते हैं परन्तु मरीज के निकट होकर सेम्पल लेने के लिए जिस मानसिक दृढ़ता और समर्पण की आवश्यकता होती है, कर्तव्यों के प्रति वही दृढ़ता और समर्पण लैब टेक्नीशियनों को "कोरोना से जंग में वास्तविक हीरो" का स्थान प्रदान करते हैं।
नमन-वन्दन "प्रथम कोरोना योद्धा #लैब टेक्नीशियन"
- सत्येन्द्र शर्मा 'तरंग'
देहरादून - उत्तराखंड
इसमें कोई दो राय नहीं है कि लैब टेक्नीशियन की पोस्ट जोखिम से भरी होती है क्योंकि वहां उन्हें कई तरह के संक्रमण से ग्रसित लोगों के संक्रमण से सामना करना पड़ता है ! ऐसी जगह को पूर्ण तरीके से स्वच्छ रखें !
लैब असिस्टेंट को सुरक्षा कवच देना हमारी जिम्मेदारी है वरना संक्रमण का शिकार वे हो सकते हैं !लैब टेक्नीशियन को काफी सावधानी रखनी पड़ती है किसी भी तरह की छोटी सी भूल भी भारी पड़ सकती है वे स्वयं किसी भी तरह के संक्रमण से ग्रसित हो सकते हैं ! कोरोना से ग्रस्त मरीज की जांच रिपोर्ट में अत्यंत सावधानी बरतनी होगी वरना छोटी सी भूल भी भयानक रूप ले सकती है ! कोरोना के इस जंग में डाक्टर पुलिस ,सफाई कर्मचारी,आदि आदि योद्धाओं में लैब टेक्नीशियन एक ऐसा योद्धा है जिसका शौर्य भी कम नहीं आंका जा सकता इस संक्रमण की पुष्टि करने के लिए कतार में प्रथम सिपाही वही है जो कोरोना की पुष्टि करते हैं ! सुरक्षा कवच धारण कर संक्रमित लोगों के संक्रमण की जांच सावधानीपूर्वक करने का भार लेना अपनी जान की परवाह किए बिना अनवरत सेवा देना वह हमारे लिए हीरो से क्या कम है !
अतः अंत में कहूंगी लैब टेक्नीशियन जो कोरोना जैसे संक्रमण के बीच रहकर भी अनवरत सेवा दे रहे हैं उनके लिए हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें सुरक्षा कवच दें !
- चन्द्रिका व्यास
मुम्बई - महाराष्ट्र
विश्व में कोरोनावायरस महा युद्ध मे सिपाही की भूमिका निभाने वाले असली हीरो लैब टेक्नीशियन को जरूर मानना चाहिए ,जैसे मोती के हार पीछे धागे की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है सारे मोती उसी पर शोभायमान होते हैं और प्रसंशा के मात्र बनते है बिचारे धागे को तारीफ कोई भी नही करता बस कुछ उसी तरह इनका भी चिकित्सा क्षेत्र मे महत्व है वर्तमान चिकित्सा पद्धति प्रयोगशाला जांच पर आधारित है ,ऐसे मे लैब टैक्नीशियन का रोल काफी महत्व पूर्ण है या यूँ भी कह सकते है कि वह चिकित्सा प्रणाली की प्रथम कड़ी हैं, क्योंकि जांच के आधार पर ही पूरी चिकित्सा आधारित होती है । लैब टैक्नीशियन मरीज के अति निकट जाकर उसके रक्त मल मूत्र आदि एकत्रित कर जांच करने की जिम्मेदारी निभाता है ,ऐसे मे वायरस या बैक्टीरिया की चपेट मे आने का खतरा तो लैब टैक्नीशियन को सर्वाधिक रहता है ।टेक्नी शियन शारीरिक पदार्थों के सैंपल लेते हैं इकट्ठे करते हैं उनके नमूने सही समय पर टेस्ट करने की उनकी जिम्मेदारी तो रहती ही है सही समय पर रिपोर्ट तैयार करना एवं सही समय पर मरीज को देना ताकि उसका सही समय पर इलाज हो सके चाहे वह माइक्रोबायोलॉजी टेस्टिंग हो या बायो केमिस्ट्री के टेस्ट लैब में जाकर उनको माइक्रोस्कोप के जरिए परीक्षण करना होता है ।सही समय पर जांच की रिपोर्टिंग भी उनकी बड़ी जिम्मेदारी होती है इसी के आधार पर सही समय पर ट्रीटमेंट किया जाता है इन सब प्रायोगिक विधियों के दरमियान वास्तव में वायरस या बैक्टीरिया के प्रभाव में आने का खतरा सबसे ज्यादा उनके लिए ही होता है और जिम्मेदारी भी बहुत बड़ी अगर सही समय पर लापरवाही से गलत रिपोर्ट बन जाए तो मरीज को भी ठीक नहीं कर सकते तो टेक्नीशियन का रोल महत्वपूर्ण वाकई है हम यह जरूर कह सकते हैं कि हमारे लैब टेक्नीशियन असली हीरो है जो सबसे ज्यादा अपने जीवन को खतरे में डालकर मरीजों की जांच रिपोर्टिंग करते हैं रिपोर्ट पहुंचाते हैं इस समय असली हीरो लैब टेक्नीशियन ही है ,क्योंकि वह अपने जीवन को दांव पर लगाकर अपने कर्तव्य परायणता में लगे हुए हैं राष्ट्र हित के लिए मानवता की रक्षा के लिये अपने प्राणों की बाजी लगाई हुई है ।
- सुषमा दिक्षित शुक्ला
लखनऊ - उत्तर प्रदेश
लैब टेक्नीशियन एक ऐसा ओहदा है जहां जिम्मेदारी बड़ी है स्वयं की परवाह किए बगैर संक्रमित व्यक्ति से सैम्पल लेना उसे टेस्ट करना एक गल्ती और संक्रमण की पूरा चान्स फिर भी ऐतियात केसाथ सब कार्य सम्पन्न कर रिपोर्ट तैयार कर के देना इस जंग के सबसे अगली पंक्ति के सिपाही को मेरा सलाम !
अर्विना गहलोत
ग्रेटर नोएडा - उत्तर प्रदेश
कोरोना से लोगों को दूर रहने को कहाँ जा रहा है । ऐसे में लैब टैक्निशयन मरीज़ के क़रीब जा कर सेम्पल कलेक्ट करता
है बड़ी हिम्मत का काम कर रहे
सच्च पुलिस , मेडिकलसे जुड़े लोग , किसी हिरो से कम नहीं सही हिरो तो यही है ।
कोरोना वायरस को लेकर भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन चल रहा है ताकि इसके संक्रमण को रोका जा सके. महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का कहर काफी ज्यादा है. लोगों में इस बात की चिंता है कि अगर उनके अंदर कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं तो वे जांच कराने के लिए कहां जाएं. ऐसे लोगों की मदद के लिए हम आपको बता रहे हैं कि वे क्या-क्या जरूरी कदम उठा सकते हैं और कहां-कहां टेस्ट करवा सकते हैं.
थारोकेयर के चेयरमैन अरोकिस्वामी वेलुमणि ने आजतक से हुई खास बातचीत में बताया कि कोरोना टेस्ट थोड़ा खतरनाक है. क्योंकि सभी को बोला जा रहा है कि मरीज से दूर रहें जबकि लैब टेक्निशियन को मरीज के गले और नाक से सैंपल लेना पड़ रहा है. अभी टेक्निशयन भी ऐसे टेस्ट के लिए तैयार नहीं थे क्योंकि किसी को ऐसी समस्या की कोई आशंका नहीं थी. बाहर से किट आने बंद हो चुके हैं. यह बड़ी समस्या है.
इस बदलाव की उम्मीद एक वायरोलॉजिस्ट की कोशिशों से जगी है. इस महिला वायरोलॉजिस्ट ने अपने बच्चे को जन्म देने से महज़ कुछ घंटे पहले तक लगातार काम करके भारत का पहला वर्किंग टेस्ट किट तैयार किया है.
बीते गुरुवार को, भरत में निर्मित पहला कोरोना वायरस टेस्टिंग किट बाज़ार तक पहुंच गया है, माना जा रहा है कि संदिग्धों के बढ़ते मामलों में अब इसके ज़रिए कोविड-19 के मरीज़ों की पुष्टि जल्द हो पाएगी. पुणे की मायलैब डिस्कवरी भारत की पहली ऐसी फ़र्म है जिसे टेस्टिंग किट तैयार करने और उसकी बिक्री करने की अनुमति मिली है.
इस सप्ताह पुणे, मुंबई, दिल्ली, गोआ और बेंगलुरु में अपनी 150 टेस्ट किट की पहली खेप भेजी है. मायलैब डिस्कवरी के मेडिकल मामलों के निदेशक डॉ. गौतम वानखेड़े ने बीबीसी से बताया, "हमारी मैन्यूफ़ैक्चरिंग यूनिट इस वीकएंड पर भी काम कर रही है, हम अगली खेप सोमवा को भेजेंगे."
यह मॉलिक्यूलर डायगनॉस्टिक कंपनी, एचआईवी, हेपाटाइटिस बी और सी सहित अन्य बीमारियों के लिए भी टेस्टिंग किट तैयार करती है. कंपनी का दावा है कि वह एक सप्ताह के अंदर एक लाख कोविड-19 टेस्ट किट की आपूर्ति कर देगी और ज़रूरत पड़ने पर दो लाख टेस्टिंग किट तैयार कर सकती है.
सभी लैब जहां यह सुविधा उपलब्ध है वहाँ लोग रात दिन लोगों की मददत में लगे है
मानव सेवा कर रहे है घर परिवार ंंभूल कर , सलाम है उन सभी को जो रात दिन एक कर रहे है
- डॉ अलका पाण्डेय
मुम्बई - महाराष्ट्र
अखंड मंडलाकारम व्याप्तं येन चराचरम l
तद पदम् दर्शितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः ll
विश्व गुरु की उपाधि से अलंकृत एवं सुशोभित भारत धराधाम को मेरा वंदन जिसने मुझे मेरा चैतन्य स्वरूप जो सतत विस्तारित होने वाली आत्म चेतना का अखंड मंडल है l जो व्यक्ति परिवार ,समाज और राष्ट्र तथा अस्तित्व मेँ जो भी व्यक्त और अव्यक्त है उसे व्याप्त रूप मेँ स्थापित किया है ,दर्शन कराये हैं तदर्थ -
सियाराम मय सब जग जानि l
करहु प्रणाम जोरि जुग पानि ll
कोरोना जंग के वास्तविक हीरो लैब टेक्नीशियनस को उक्त पंक्तियाँ ह्रदय की अंतरतम गहराइयों से समर्पित करते हुए उस अखंड चैतन्य स्वरूप परम् पिता से कोरोना जंग के इन वास्तविक हीरो के स्वास्थ्य एवं दीर्घायु हेतु प्रार्थना ,उपासना और याचना करती हूँ l
ये वो हीरो हैं ,जो -
आत्मौपम्येन सर्वत्र समम् पश्यति योगार्जुन l
सुखं वा यदि वा दुखं स योगी परमोमतः ll
-भगवद गीता
आत्म भाव से सम्पूर्ण चराचर के प्राणियों को समभाव से बिना जाति ,धर्म ,सम्प्रदाय का भेदभाव किये अपने प्राणों को संकट मेँ डालकर कोरोना राक्षस से सीधा मुकाबला करके ,हमारे प्राणों की रक्षा करके "नींव की ईंट "बनकर भारत के एकात्म जीवन दर्शन को जीवंत बना रहे हैं l
ऐसे हीरो नमन ,वंदन और अभिनंदन के साथ श्रद्धा के पात्र हैं l गीता सिखाती है -
"स्वकर्मणा तमभ्यचर्य "
ईश्वर कीपूजा हमें कर्म से करनी चाहिए l लैब टेक्नीशियन इस संकट मेँ ऐसी ही तपोसाधना करके अपने मन का समत्व साध रहे हैं l
परम्परा से हम भारतवासी धार्मिक मनोवृति के हैं अतः यह राम -कृष्ण की धरा अध्यात्म की भूमि हैl,इस देश की आत्मा धर्म है lइस संकट काल मेँ भारत सम्पूर्ण विश्व मेँ ,ईश्वर का दर्शन कर रहा है l अपने सकारात्मक कर्मो द्वारा अभिव्यक्ति भी कर रहा है l माननीय प्रधानमंत्री जी के विश्वबंधुत्व की भावना से लोक मानस ओतप्रोत होकर झंकृत हो उठा है l
ऐसे जीवन संकट काल मेँ लैब टेक्नीशियन मानवता को "नरत्व से नारायणत्व "तक उठाने मेँ प्रचण्ड क्षमता से बिना अपने प्राणों की परवाह किये कर्म पूजा कर रहे हैं l
" परमसत्ता इनकी रक्षा करे l"
चलतेचलते -
" त्यागेन एके अमरत्वमानुष "
अमृत्व त्याग से प्राप्त होता है l
- डाँ. छाया शर्मा
अजेमर - राजस्थान
जी हां, लैब टेक्नीशियन का मुख्य कार्य रक्त का नमूना लेना और उस परीक्षण का रिकॉर्ड रखना फिर रिपोर्ट को प्रस्तुत करना और चिकित्सा जांच का दस्तावेजीकरण करने के साथ-साथ प्रयोगशाला के प्रयोग में आने वाले सभी उपकरणों की समुचित देखभाल करना और उनकी साफ-सफाई भी करना होता है।
अस्पतालों से लेकर क्लीनिक और लैब हर जगह इन टेक्नीशियंस की आवश्यकता अहमियत रखती है। विभिन्न तरह की जांचों के जरिए इलाज करने वाले डॉक्टर को रोग की सही पहचान करने के लिए इनकी मदद चाहिए। मरीज के ब्लड, यूरिन आदि की जांच के अलावा एक्स-रे, एमआरआई इत्यादि की जांच के बाद ही डॉक्टर रोगी का सही इलाज आसानी से कर सकता है ।
आज कोरोना जंग में तो लैब टेक्नीशियन का महत्व काफी बढ़ गया है। इनके द्वारा किए गए टेस्ट बीमारी को पहचानने से लेकर इलाज तक में सहायक होते हैं। इन प्रोफेशनल्स को ब्लड टाइपिंग, टिश्यू, ह्यूमन बॉडी सेल काउंट टेस्ट करने होते हैं। यह प्रशिक्षित टेक्नीशियंस ही कर सकते हैं।
देखा जाए तो यह डॉक्टर्स को दायां हाथ होते हैं; क्योंकि किसी भी बीमारी की जांच के समय इनके कार्यों की महत्वपूर्ण व अहम भूमिका है ।कोरोना संक्रमण की जांचों में तो हर टेक्निशियन सच में चिकित्सा-जगत का वास्तविक हीरो ही हैं ।
- डाॅ.रेखा सक्सेना
मुरादाबाद - उत्तर प्रदेश
कोरोना की महामारी से देश , विश्व लड़ रहा है । इंसान को इस कोविड के छुआछूत के रोग के इस वायरस से अनजाने में छू जाने से , थूकने से कोरोना जैसा भंयकर रोग महाकाल बन देश में तांडव कर रहा है । ऐसे में पैथेलॉजी विभाग में कार्यरत लैब टेक्नीशियन के कर्मचारियों के संग रिसर्च साइंटिस्ट , लैब अटेंडेंट आदि होते हैं । जिन्हें कोरोना वायरस की जाँच कई सारे स्तर पर करनी होती है , तब देश सेवा में लगे इन लोगों को कोरोना संक्रमण से ग्रसित होने संभावना ज्यादा बढ़ जाती है । मैं तो इन सब लैब टैक्सिनियन, टेस्टिंग में लगे वैज्ञानिकों को कोरोना वॉरियर्स की उपाधि दूँ तो कम ही होगी क्योंकि यह हर दिन 50 मरीज के आसपास उनके खून आदि के सैंपल ले के माइक्रोस्कोप आदि से जाँच की रिपोर्ट को भी विशेषज्ञ डॉक्टरों को देते हैं ।
तब जाँच ,टेस्टिंग में लगे ये योद्धा कोरोना की जद में आ सकते हैं । कुछ अस्पतालों में इन्हें आइसोलेशन में रख के इनकी जाँच भी की है । उनमें से कुछ टेंकनिशियन कोरोना पीड़ित भी पाए गए हैं ।ये हीरो संकट की घड़ी में अपनी जान हथेली पर रख के अपने प्रोफेशन का धर्म निभाने में लगे हैं ।
डॉक्टरों , नर्सों की तरह ये टेक्नीशियन भी अपने घर , परिवार में माता - पिता , पत्नी , बच्चों से दूर होटल में रह रहे हैं ।
छोटे नन्हें गोद के बच्चे नहीं जानते कि हमारी माँ , पिता हमसे क्यों दूर हैं ? बच्चे माँ को याद करके रो रहें । तब पिता उनकी माँ से मिलाने होटल में ले गए तो माँ दूर से ही अपने बच्चे , बेटी को देख के दोनों तरफ से रोने की करुण धार बहने लग जाती है । अपनी बेटी को माँ गॉड में भी नहीं ले सकती है।ममता का वह संवेदनात्मक करुणा के मर्मस्पर्शी पल हृदय को चीर देते हैं । ऐसे में परिवार को चिंता होना जायज है लेकिन देश के साथ परिवार को भी अपनी संतान पर गर्व होता है कि संकट की घड़ी में मानवता को बचाने के लिए अपना फर्ज निभा रहे हैं । यही हमारी भारतीय संस्कृति है जिसमें परहित में ही मानव सेवा का धर्म होता है ।
इसलिए उदात्त भावना की वजह से 5 हजार साल पुरानी भारतीय सभ्यता संस्कृति प्राणवान है । विश्व भी कल्याणकारी इस संस्कृति से भारत की ओर देख रहा है । कितने टेक्नीशियन जो होटल में नहीं रह रहे हैं । वे अपने परिवार के पास घर नहीं जा रहे हैं । वे अपनी ड्यूटी के बाद अपनी कार में ही रात काट रहे हैं । उन्हें डर है कि हमारे घर जाने से परिवारवाले कोरोना से ग्रसित हो सकते हैं ।
ये ईश के दूत अपनी व्यक्तिगत निजी जिंदगी का परित्याग करके मानव सेवा , राष्ट्र धर्म से मानवता की सेवा करने में लगे हैं । जी ये भी भारतमाता के वास्तविक हीरो हैं । इनकी जय है ।
मेरी दोनों डॉक्टर बेटियाँ संग मेरे डॉक्टर दामाद भी स्वदेश और कनाडा में एंजिल बन के मानवता की सेवा कर रहे है ।
- डॉ मंजु गुप्ता
मुंबई - महाराष्ट्र
लैब टेक्नीशियन ऐसा पोस्ट है जहाँ आपको हर तरह के संक्रमण से दो-चार होना पड़ता है। किसी तरह की छोटी-सी भूल भी भारी पड़ सकती है। दूसरों के लिए नहीं बल्कि अपने लिए। आप उस संक्रमण से ग्रसित हो सकते हैं। इसलिए ज्यादा सावधानी की जरूरत पड़ती है।
उन्हें हर तरह से सुरक्षा कवच देना हमारी जिम्मेदारी है । इस वक्त कोरोना में तो खास कर जिनके ऊपर इसे डिटेक्ट करने का दारोमदार सौंप गया है, वही आगे की कतार के सिपाही हैं । उनकी जिम्मेदारी भी ज्यादा है और उनकी सुरक्षा भी हमारी सुरक्षा है ।
एक गलत रिपोर्ट कइयों की जिंदगी बर्बाद कर सकते हैं। सही रिपोर्ट कई जिंदगी बचा सकते हैं । डॉ0 उनके रिपोर्ट के अनुसार ही इलाज करते हैं । इसलिए असली हीरो या जीरो टेक्नीशियन ही हैं ।
अतः मैं उनसे आग्रह करूँगी कि वे लापरवाही न बरतें । अपनी सुरक्षा के साथ देशवासियों की सुरक्षा का भार भी उनके कंधों पर है। कभी अपनी पढ़ाई और अपनी काबलियत के साथ प्रयोग न करें । उचित दक्षता ही आपको ऊंचाई देगी ।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
हा लैब असिस्टेंट की विशेष भूमिका है करोना की जांच करने में। वही लोग हमें बताएंगे की कौन से व्यक्ति में संक्रमित है या कौन करोना पॉजिटिव है या नेगेटिव है।यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा यह कार्य लैब असिस्टेंट का है , संक्रमण होने के डर भी है फिर भी अपना काम बखूबी कर रहे हैं यह सच्चे अर्थ में देश एवं समाज की सेवा कर रहे है। मानवता का धर्म निभा रहे हैं।
मानव सेवा ही परम धर्म है इस बात को सिद्ध कर रहे हैं।
- प्रीति मिश्रा
जबलपुर - मध्य प्रदेश
वर्तमान में कोरोना से जंग में वास्तविक हीरो लैबटेक्नीशियन हैं इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए ।यह न केवल विभिन्न प्रकार के परीक्षण कर रहे हैं ।संक्रमण संक्रमित से स्वयं को बचा रहे हैं ।कहीं पर नाममात्र की लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है ।चिकित्सक इलाज करते हैं पर इलाज का रास्ता इन्हीं से होकर जाता है ।आज यह अपने तकनीकी ज्ञान कौशल व उसके निरन्तर प्रयोग से कोरोना से जंग में वास्तविक हीरो बनकर ही उभरे हैं ।इनकी प्रशंसा व सम्मान होना चाहिए ।
- शशांक मिश्र भारती
शाहजहांपुर - उत्तर प्रदेश
इसके बिना काम करना असंभव है साथ ही सभी प्रकार के प्रयोग को भी देखा जा रहा है कि कोरोना बचाव का रास्ता कैसे कर सकते है। असली हीरो तो डॉक्टर्स और नर्स है जो अपनी जान की बाजी लगाकर कार्य कर रहे है। हीरो वे लोग भी है जो जररत मंदो की मदद करते है। राशन या खाने का व्यवस्था करते है।
- राम नारायण साहू "राज"
रायपुर - छत्तीसगढ़
बिषय को यूँ ना कह कर कुछ ऐसे कहें कि कोरोना से जंग के अन्यों के साथ वास्तविक हीरो लैब टेक्नीशियन भी हैं ।
इस लड़ाई में जो भी लड़ने को खड़ा है वो सब बराबर हैं ना छोटा है ना बड़ा है
वास्तविक योद्धा का ख़िताब सबको दें
महामारी के युद्ध को जो मन से लड़ा है
पुलिसकर्मियों, डॉक्टरों, पत्रकारों, दवाइयाँ, सब्ज़ियों, दूध आदि आवश्यक सामानों की पूर्ति के लिए कार्य करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का इस महामारी के समय में एक योद्धा के रूप में अविस्मरणीय योगदान है ये सब देश के लिए देश की जनता के लिए समर्पित है । ये सब भी वही वास्तविक
सम्मान के हक़दार हैं एक युद्ध में अलग अलग ज़िम्मेदारी का निर्वहन करते हुए मिलकर ही विजयश्री प्राप्त की जाती है ।
- डॉ भूपेन्द्र कुमार
बिजनौर - उत्तर प्रदेश
किसी भी रोग की पुष्टि केवल लक्षणों के आधार पर नहीं की जा सकती है । इसके लिए लैब होती है जहाँ लैब टेक्नीशियन जाँच करते हैं और यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आयी तो रोग की पुष्टि करते हैं । कोरोना के लक्षण अलग- अलग व्यक्ति में अलग - अलग रूप में उभर रहे हैं । कई चरण में इसकी जाँच होती है । रोगी को तब तक आइसोलेशन में रखा जाता है जब तक रिपोर्ट निगेटिव न आ जाये ।
अपनी जान जोखिम में डाल कर ये न केवल सैम्पल की जाँच करते हैं वरन इनके विभाग का प्रमुख लिखित रिपोर्ट में पूरे प्रतिशत के साथ शरीर में इनकी उपस्थिति भी बताता है । इनके सहयोग के बिना डॉक्टर और नर्स असहाय रहते हैं । अतः इन्हें इस जंग का वास्तविक हीरो कहें तो ये कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी ।
- छाया सक्सेना प्रभु
जबलपुर - मध्यप्रदेश
कोरोना की जंग सही मायनों लैब टेक्नीशियनों की महत्वपूर्ण है कोरोना जंग में ही नहीं अपितु हरेक बिमारी में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है परंतु खेद का विषय है इनके काम की प्रशंसा नाम मात्र होती है इनके कार्य की तहेदिल से प्रशंसा होनी चाहिए। कोरोना की जंग इनके बिना अधूरी है। इनके ईमानदारी के काम को सलाम है। कोई इनकी भूमिका को नजर अंदाज ना करे।
- हीरा सिंह कौशल
मंडी - हिमाचल प्रदेश
कोई भी समस्या आती है तो उस समस्या में अधिक से अधिक जोखिम उठाने वाले एवं निरंतर अपने कार्य में लगन शील वाले व्यक्ति को उस घटना का हीरो माना जाता है इसी तरह अभी वर्तमान में भारत में करुणा से जम के लिए वास्तविक हीरो लैब टेक्नीशियन को माना जा रहा है क्योंकि लैब टेक्नीशियन स्वयं उठा कर इस समस्या का निराकरण के लिए अपना पुरजोर मानसिकता लगाकर समस्या से निजात पाने की प्रयास करता है वह निर्भीक होकर अपने पराए की दीवाल को तोड़कर अपनत्व के भाव से जो भी रोगी आते हैं निरीक्षण के लिए उसके पास तो उसे ईमानदारी के साथ निरीक्षण कर शूक्षमता से उसका निरीक्षण कर रिजल्ट देता है रिजल्ट के अनुसार रोगी का इलाज डॉक्टरों नर्सों के द्वारा किया जाता है इसीलिए बिना निरीक्षण के डॉक्टर नर्स भी रोगी के बीमारी का सही पता नहीं लगा पाते इसका पता लगाने वाला लैब टेक्नीशियन है इसीलिए कोरोना के जंग के वास्तविक हीरो लैब टेक्नीशियन को कहा जा सकता है कोई भी घटना में जो भी अपनी जिम्मेदारी के साथ महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देता है वही हीरो का लाता है।
- उर्मिला सिदार
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
आज इस भंयकर पूरे विश्व में फैली बिमारी ने तबाही मचाई हुई है ।इस बिमारी की जांच के लिए सबसे प्रारंभिक जांच के लिए ख़ून का नमूना लैब टेक्नीशियन के द्वारा लिया जाता है,तभी व्यक्ति के बिमारी के बारे में सही जानकारी मिलती है । इसलिए कोरोनावायरस के समय इस जांच पर हीं आगे की प्रक्रिया शुरू होती है । इसलिए आज सही मायने में लैब टेक्नीशियन हमारे समाज के "सच्चे योद्धा" या " हीरो "हैं । यह बिमारी बहुत छूआ _छूत वाली है ये सभी को पता है,,फिर भी ये हमारे लैब टेक्नीशियन अपनी जान की परवाह ना कर लोगों की जांच कर रहें हैं यह बहुत बड़ी बात है जो काबिले तारीफ है, और ये लगातार अपनी ऐसी विषम डियूटी को बखूबी निभा रहे हैं ।अपने घर परिवार से दूर रहकर भी संक्रमित व्यक्ति की जांच कर रहें हैं । हमारे देश में भी धीरे _धीरे कोरोना ग्रसित लोगों की संख्या में बढ़ोतरी होती जा रही है । इसलिए हम सब को इस समय सरकार के आदेश का पूर्णतः पालन करना चाहिए ।ऐसे सहायक लोग जो अपनी जान जोखिम में डालकर लगातार हमारी सुरक्षा में लगे हुए हैं उनको हमें सम्मान देना चाहिए और उनका आदर करना चाहिए जो सही मायने में आज के " जांबाज योद्धा" हैं ।
- डॉ पूनम देवा
पटना - बिहार
" मेरी दृष्टि में " कोरोना महबिमारी है । जिसमें सभी की जान खतरें में होती है । ऐसे में अपनी की परवाह किये बिना महा बिमारी से लोगों को बचाने के लिए कार्य करते हैं वह वास्तविक हीरो कहलाते हैं
- बीजेन्द्र जैमिनी
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