लॉक डाउन को सरकार कैसे खत्म करें ?

लॉक डाउन  ऐसी स्थिति में पहुंच गये हैं । जहाँ हर कोई लॉक डाउन से राहत चाहता है । परन्तु सरकार जनता की सुरक्षा के लिए कोई भी कदम उठा सकती है । ऐसी ही स्थिति " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखतें हैं : -
भारत में जिस तरह से कोरोना संक्रमित लोगों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है , उसे देखते हुए तो सरकार के समक्ष अभी इसे खत्म करने की बहुत बड़ी चुनौती है। घोषित लाॅकडाउन के पश्चात भी लोगों द्वारा इसका उल्लंघन चिंता का विषय है।  जहाँ डाॅक्टर्स स्वयं की जान की परवाह किये बिना इसके गंभीर संक्रमण से लोगों को बचाने जद्दोजहद कर रहे हैं, वहीं पुलिस लोगों को लाॅकडाउन का कड़ाई से पालन करवाती नजर आ रही है।
पर विचारणीय प्रश्न यह है कि- आखिर इस लाॅकडाउन से अर्थ व्यवस्था को हो रहे भारी नुकसान को कैसे कम किया जाए । रोज कमा कर खाने वाले मजदूरों की दयनीय स्थिति को कैसे रोका जाए ? संक्रमण पर नियंत्रण कैसे किया जाए ? 
कोरोना वायरस के प्रभावितों और इसकी चिकित्सकीय सुविधाओं हेतु देश के बड़े उद्यमियों, कुछ फिल्म स्टार और खिलाड़ियों आदि ने बड़ी धन राशि दान की है इतना ही नहीं विश्व बैंक ने कोरोना के लिए भारत सरकार को 1 अरब डाॅलर जो भारतीय मुद्रा में 75 अरब रुपये हैं ; देने की घोषणा की है । 
अब सरकार को चाहिए कि इस राशि का कोरोना से लड़ने , डाॅक्टरों को पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधाएँ उपलब्ध कराने में शीघ्र से शीघ्र प्रयोग करें और इसमें कोई भ्रष्टाचार न हो ।
कोरोना के वैक्सीन की खोज तेज करने की जरूरत है। कोरोना की मुफ्त जाँच और कोरोन्टाइन की सुविधा बढाई जाए । गली मोहल्ले और लोगों को सैनेटाइस किया जाए ।
चिकित्सकीय स्टाफ की कमी के मद्देनजर प्रायवेट हास्पिटल के स्टाफ की भी अनिवार्य सेवा ली जाए ।
पुलिस के साथ ही सेना की मदद भी ली जा सकती है। 
जैसा कि  रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि कुछ रेलों का संचालन किया जा सकता है।  आवश्यक न होने पर यात्रा को टालें  यात्रियों की संख्या सीमित करने के लिए उनको दी जाने वाली छूट को अभी कुछ समय के लिए बंद किया  जा रहा है। 
वैसे गरीबों को खाद्यान्न उनके घर पर ही उपलब्ध कराने की व्यवस्था हो ,
ताकि कम से कम लोग बाहर निकलें और सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे ।
वैसे हर जिले में हर दिन अलग-थलग एरिया को छूट के दिन निर्धारित किये जा सकते हैं ।
बेरोजगारी और मंदी के बाद कोरोना के लाॅकडाउन से अर्थ व्यवस्था की टूटती हुई कमर को ठीक करने कार्यालयों और कारखानों में  पाँच-छः पाली लगाकर लोगों की संख्या को नियंत्रित किया जा सकता है । 
गाड़ियों के ऑड- ईवन नंबर की अनुमति के साथ ही, एक दिन महिलाएँ और एक दिन पुरुषों  को बाहर के कार्य निष्पादित करने की इजाजत हो ।
हर परिवार से एक दिन में एक ही सदस्य को बाहर जाने की इजाजत हो  ।
वैसे जब तक लोगों में जागरूकता नहीं आएगी और संक्रमित लोगों की संख्या नियंत्रित नहीं होगी तब तक लाॅकडाउन की अवधि को कम किया जाना मुश्किल  है ।
- वंदना दुबे
 धार - मध्य प्रदेश
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण सरकार द्वारा लगाया गया लॉकडाउन एक प्रकार का सुरक्षा कवच है जिसे तभी हटाना उचित होगा, जब कोरोना से पूर्ण मुक्ति दिखाई पड़ती हो। वर्तमान में अभी तक एेसा कही भी प्रतीत नहीं होता कि देश में कोरोना मरीजो की संख्या में गिरावट मिली हो। यदि लॉकडाउन खत्म कर दिया जाये तो स्थिति शायद पुरानी हो जाये और जो प्रयास अभी तक किये गये वो असफ़ल हो जाये।
फ़िर भी यदि सरकार को लॉकडाउन समाप्त करना है तो उससे पूर्व कुछ महत्वपूर्ण रणनीतियां बनानी होगी जिससे हमे सिंगापुर की भाँति दोबारा पछताना ना पड़े। 
सर्वप्रथम हमें लॉकडाउन समाप्त करने पर सोशल डिस्टेन्सिग को बरकरार रखना होगा क्योंकि अभी तक हमारे पास वो संख्या नहीं है जिनमे कोरोना के नाममात्र के भी लक्षण नहीं है क्योंकि अभी तक बड़े स्तर पर अभी टेस्टिंग नहीं हो पायी है। सभी की टेस्टिंग होने पर ही हम ये बता सकते हैं कि हमारी कितनी जनसंख्या को कोरोना है!
रणनीति के तहत लोगों में जागरूकता को बढ़ाना होगा ताकि वो इसकी गम्भीरता को समझ सके और लॉकडाउन ना होते हुए भी स्वतः ही उसका पालन कर सकें। 
बड़ी मात्रा में मास्क वितरित करने होंगे ताकि जब लोग घर से बाहर निकले तो वे किसी को दूषित ना करे। साथ ही भीड़ वाले स्थानों जैसे स्कूल, कॉलेज, मॉल एवं सिनेमाघर इत्यादि को अभी बन्द रखना ही एक उचित कदम होगा।  
परिवहन व्यवस्था भी शुरु न की जाये तो ही उचित रहेगा क्योंकि परिवहन व्यवस्था प्रारंभ होते ही सोशल डिस्टेन्सिग के नियमों की धज्जियां कैसे उडेगी, हम सब अच्छी तरह जानते हैं।
बाजार भी एक निश्चित समय के लिए ही खोलना होगा जिससे पूरे दिन आवाजाही ना हो पाये।
उपरोक्त रणनीतियाँ अपनाकर यदि सरकार लॉकडाउन खोले तो उसका लॉकडाउन समाप्त करना सार्थक होगा। 
अन्त में एक ही बात कहूंगा- "सावधानी ही सही बचाव है।"
- विभोर अग्रवाल 
धामपुर -उत्तर प्रदेश
लॉक डाउन को सफल बनाने के लिए हम सभी नागरिकों का कर्तव्य है कि सरकार के द्वारा बताए गए नियमों का पालन करें और सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखें क्योंकि यह वायरस एक दूसरे में बहुत ही जल्दी फैलता है इसीलिए हम संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में ना आए इसीलिए हम सभी घर में बंद हैं। प्रकृति के साथ हमने बहुत छेड़छाड़ की है उसी का यह नतीजा है गेहूं के साथ जैसे घुन पिसता है वैसे ही हम सभी को गलती ना होते हुए भी इसमें कितना पढ़ रहा है सरकार का तो बहुत आर्थिक मुस्कान है लेकिन वह हमारे जनता की भलाई के लिए ही हमें लोग लॉक डाउन किया है।
यह वायरस एक राक्षस की तरह है यह हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी नष्ट करता है इसका कोई दवाई और इलाज नहीं है जैसे ही सब संभव होगा तो हम पहले की तरह जीवन फिर जीने सकेंगे
सुचारू रूप से हमारा जीवन चल सके तभी यह लोग डाउन खत्म होगा यह हमारे हाथ में है यदि हमें जल्दी इसे खत्म करना है तो हमें सभी नियमों का पालन करना चाहिए।
   परेशानियां तो है लेकिन यह परेशानियां तो हमने खुद ही बोली है जैसा बोलेंगे वैसा काटेंगे परेशानियों को भगवान का आशीर्वाद समझ लेना चाहिए और आशावादी व्यक्ति के तरह ही युद्ध स्तर से सभी स्वास्थ्य कर्मियों का सहयोग करना चाहिए तभी यह संभव होगा एक अकेला कुछ नहीं कर सकता एकता में शक्ति होती है एकता से हम लड़ेंगे तो जरूर जीतेंगे हम इंसान हैं हमारे पास ज्ञान और विवेक दोनों हैं उससे हम अपने जीवन की कठिनाइयों और उतार-चढ़ाव को अच्छे से हमें समझ लेना चाहिए हर रात के बाद सुबह आती है। दर्द एक गुरु होता है और नाकामयाबी सफलता की चौड़ी सड़क अगर हमें गिटार बजाना नहीं सीख सकते तो हमें कुछ तार गलत नहीं बजा दे आप कभी भी नाव चलाना नहीं सीख सकते यदि उसे कुछ उल्टे पलटीना अपनी परेशानियों को एक आशीर्वाद समझ लेना चाहिए अपने लड़खड़ाते कदम की पहल को बड़ा कदम समझना चाहिए और इस घड़ी को मानवता के हित को समझना चाहिए।
- प्रीति मिश्रा
जबलपुर - मध्यप्रदेश
बहुत ही विकट स्थिति है लाकडाऊन में आर्थिक स्तर गिरता जा रहा लोग लाकडाऊन ख़त्म होने की राह देख रहे है ।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से देश में लॉक डाउन है। सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है कि ये घातक संक्रमण आगे न फैले। हालांकि इस बड़े फैसले के बाद सरकार के सामने तमाम दिक्कतें भी सामने आ रही हैं। आम जनता के मन में 21 दिन के लॉक डाउन से जुड़े कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिर यह दौर कब तक चलेगा। इन सबके बीच लॉक डाउन बढ़ाये जाने की अफवाहें भी हवा में खूब तैर रही हैं। सरकार ने ऐसी भ्रामक खबरों पर विराम लगाते हुये सफाई दी है। केंद्रीय सचिव राजीव गौबा ने कहा है कि सरकार की ऐसी कोई मंशा अभी नहीं है।
दुनियाभर में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस से भारत भी बच नहीं पाया है । पूरी तरह तो नहीं पर प्रभावितहो ही गया  है, लेकिन सरकार ने एतियातन कई बड़े कदम उठाने प्रारंभ कर दिए हैं। सरकार का दावा है कि भारत में कोरोना वायरस से निपटने के लिए कई एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है। सरकार ने कोरोना की रोक थाम के लिए न केवल एतियातन सतर्कता बरत रही है, अपितु दवाई के प्रभावशाली डोज भी तैयार करने की दिशा में पहल किया जा रहा है।
सरकार की ओर से बताया गया है कि वायरस से संक्रमित मरीज के इलाज के लिए एक मानक तरीके पर काम चल रहा है। इस मानक के तहत कई तरह के एंटीरेट्रोवायरल्स को मिलाकर इलाज का नुस्खा बनाया जा रहा है। बता दें की एंटीरेट्रोवायरल्स का इस्तेमाल एचआईवी या एड्स के इलाज में होता है। इसी तरीके का इस्तेमाल चीन में किया जा रहा है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) को लोपिनाविर और रिटोनाविर के कम्बिनेशन के इस्तेमाल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल की मंजूरी हासिल है। भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने पर ही इन दवाओं का इस्तेमाल किया जाएगा। अभी फिलहाल इलाज के लिए सामान्य तरीकों का उपयोग किया जा रहा है।
कोरोना वायरस से जुड़ी शिकायत और सुझाव के लिए एक कॉल सेंटर शुरू की गई है। इस सेंटर का नंबर 01123978046 है। यह फिलहाल 24 घंटे काम कर रहा है। करोना के बढ़ते खतरों को रोकने के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की गई है। ट्रैवल पॉलिसी में बदलाव किया गया है। 21 हवाई अड्डों और सी पोर्ट यानी बंदरगाहों पर यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग शुरू की गई है। थर्मल स्क्रीनिंग वो प्रक्रिया है जिसके तहत कोरोना जैसे वायरस के संक्रमण की जांच की जाती है।
जैसे ही कोरोना वायरस की स्थिति कन्ट्रोल में आयेगी ,
लाकडाऊन खुल जायेगा । 
पर अभी कहना मुश्किल है 
लांकडाउन  जनता के  सहयोग से खोल सकती है जनता यह कहे की हम लोग लाकडाऊन ख़त्म होने पर भी एक जगह भीड़ नहीं लगायेगें , 
और सारे रुल फ़ालों करेंगे पर काम शुरु हो नहीं हालत बहुत बुरी हो जायेगी । 
- डॉ अलका पाण्डेय
मुम्बई - महाराष्ट्र
लॉक डाउन ही एक मात्र उपाय है क्योंकि लोग समझदारी से कार्य नहीं कर रहे हैं । सरकार तो चाहती है कि सभी लोग सुरक्षित रहें ; यदि हम लोग ये प्रण लें कि अनावश्यक बाहर नहीं जायेंगे, सुरक्षा के सभी उपाय अपनायेंगे तो जल्दी ही इस समस्या से निजात मिल सकती है और लॉक डाउन हट सकता है । परंतु कुछ लोग बीमारी में भी अपने धर्म की गलत व्याख्या व सरकार के हर फैसले का विरोध कर रहे हैं । उनके चलते ही जैसा सोचा गया वैसा परिणाम नहीं मिल पा रहा है ।
इस घड़ी हम सबको केवल मानवता का हित ही देखना चाहिए और जो भी जरूरी ऐतिहात हैं उनका पालन करना चाहिए ।
हम सब से ही सरकार , हम यदि समझदारी का परिचय देंगे तो अवश्य ही आगामी दिनों में सरकार लॉक डाउन को समाप्त कर सकती है ।
- छाया सक्सेना प्रभु
जबलपुर - मध्यप्रदेश
   जनता है तो सरकार है, सरकार है तो जनता है दोनों एक दूसरे के पूरक हैं सरकार की जिम्मेदारी है, कि जनता की सुरक्षा एवं विकास कैसे करें इसी के तहत सरकार भारत वासियों के लिए कार्य कर रही है अभी वर्तमान में करोना वायरस जो समस्या खड़ा की है जिसे जन धन की हानि बेशुमार हो रहा है इस समस्या से निजात पाने के लिए सरकार करोना को भगाने के लिए लाक डाउन उपाय अपना ही है यह सभी भारत वासियों के लिए है ना कि सरकार के लिए जितना जल्दी लाख डाउन का निष्ठा के साथ परिपालन करेंगे इतना जल्दी स्थिति सुधरेगा और धीरे-धीरे लाक डाउन  भी क्षेत्रीय  स्थिति के अनुसार स्थिति को देखकर लाख डाउन धीरे-धीरे  खत्म होगी। कुछ जनता का कहना है कि लॉक डाउन हमारी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है कुछ जनता का कहना है कि जब तक करोना को पूरा समूल नष्ट  हो जाय ।तब तक लाक डाउन जारी रहेगा ।इस तरह से अनेक विचार  के लोग अपना अपना तबला बजा रहे हैं लेकिन सरकार का एक ही लक्ष्य है कि हमारे देश से कैसे करो ना को दूर किया जाए इस सरकार के नियम  को हम सभी भारत वासियों को ईमानदारी और निष्ठा के साथ पालन करते हुए धैर्य और साहस संजोरकर कर करोना का मुकाबला करना है ।तभी हम 
करो ना को हराकर ,स्थिति सुधार सकते हैं स्थिति सुधर जाने के बाद लाक डाउन अपने आप खत्म हो जाएगा । सभी जनता को  सब्र की  आवश्यकता है। धैर्य के साथ सरकार के नियम का पालन करते हुए आगे बढ़ना है। स्थिति संभालने के बाद लाक डाउन बंद करना है।
- उर्मिला सिदार
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
लाकडाउन सरकार कैसे खत्म करे यह सवाल आज पूरे देश का है बच्चा बच्चा सोच रहा है जैसे जैसे १४ अप्रैल आ रही है ।उतावला पन बढ रहा है ।सोचिये जापान में लम्बा आपातकाल ।अन्य राज्य सरकारों के सुझाव भी आ रहे हैं ।भारत सरकार अपने सभी अंगों को सक्रिय रख नजर रखे हुए है ।
देश में आज की स्थिति व पिछले एक सप्ताह पर दृष्टि डालने से यह साफ है कि खतरा जैसा कि उम्मीद थी अभी टला नहीं है और आगामी सात दिन क्या कहते हैं ।भविष्य बतायेगा ।पर मेरा मानना है कि सरकार को तेजी से उन स्थानों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जहाँ मरीज अधिक हैं ।संक्रमण अधिक है या संभावना अधिक है और वहां शतप्रतिशत जांच व बचाव के तरीके इस तरह से आरम्भ कर देने चाहिए कि यह कार्य १४ तक पूरा हो जाये ।नियम की जहाँ तक बात है समझाते समझाते ग्यारह दिन बीत गए अब प्रशासन से कहो अपने स्तर से सामने वाला जैसे समझे वैसे समझाओ।
साथ ही अधिक समस्या ग्रसित स्थानों को पूरी तरह सील कर आवागमन बन्द कर दिया जाये ।उसके आसपास का क्षेत्र ड्रोन से निगरानी में रखा जाये ।
 अन्त में यही कहूंगा कि अन्य सामान्य स्थानों पर धीरे-धीरे लाकडाउन से छूट दे देनी चाहिए ।भले ही निगरानी रहे ।प्रतिदिन समीक्षा हो आवश्यकतानुसार शर्तें लागू हों।अब से देश राज्य स्तर पर ही नहीं जिला उपजिलाअधिकारी के माध्यम से गावों तक की दैनिक समीक्षा हो ।संभव है कि तभी हम इस विश्व व्यापी महामारी को जीतने कमजोर करने में सफल हो पायें।आम जनता से भी सहयोग की अपेक्षा रहेगी ।
- शशांक मिश्र भारती 
शाहजहांपुर - उत्तर प्रदेश
मार्च 1889 में जब प्लेग फैला था तो स्वामी विवेकानंद ne पीड़ितों की सेवा के लिए घोषणा पत्र तैयार किया ,जिसका सारांश था कि ऐसे संकट काल में भय से मुक्त रहें क्योंकि भय सबसे बड़ा पाप है ,ऐसा कहकर चिंतित और निराश लोगों में आशा का संचार कर दिया l 
  आज विवेकानंद जी के घोषणा पत्र से प्रेरणा लेकर इस कोरोना -19 के संकट में हमें क्या क्या करना चाहिए ,क्या नहीं करना चाहिए इस प्रकार घोषणा पत्र व्यक्तिगत तौर पर इस महामारी से  मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक रूप से लड़ने का सामर्थ्य दे सकता है ,आवश्यकता h हमारे बुलंद हौसलों की l 
हर भारतवासी को व्यक्तिगत स्वच्छता सामाजिक दूरी बनाये रखनी चाहिए l 
सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें अनावश्यक यात्रा नहीं करें और समूह में नहीं बैठे l अर्थात "चेरेटी बिगेन एट होम "की तर्ज आज अभी व्यक्तिगत रूप से संकल्प लें कि इस जंग में मैं क्या कर सकता हूँ l तत पश्चात सरकार की तरफ नज़र करें कि सरकार हमारे लिए क्या कर चुकी है और क्या कर रही है l मैं किस तरह इसमें सहयोग "सिपाही "के रूप में दे सकता हूँ l 
उठो ,जागो और तब तक नहीं रुको जबतक लक्ष्य प्राप्त न हो जाये l -स्वामी विवेकानंद 
ब्रम्हांड की सारी शक्तियाँ हमारी हैं ,वो हम ही हैं l जो आँखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है l 
जब सारा विश्व डगमगा रहा है, भारत दियों की रोशनी में जगमगा रहा है l आवश्यकता है हम आत्मविश्वास रूपी तेल उसमें डालते रहें "विजय श्री "पाने के लिए l 
ऐसी भीषण महामारी में लॉकडाउन को सरकारें कैसे खत्म करें .....
इस साहस भरे कदम को" दूध का जला हुआ छाछ को भी फूँक फूँक कर पीता है l "की तर्ज पर उठाना होगा l इसके लिए चरणों में आगे बढ़ना होगा l 
1. प्रथम चरण में स्कूलों ,पार्कों व मॉल में छूट नहीं दी जावे l 
2. सरकारी व निजी कार्यालय में वर्क टू होम प्रक्रिया जारी रखें l 
3. प्रथम चरण में केवल आवश्यक सेवा से जुड़े कार्यालय खोले l आधे आधे स्टाफ को अलटरनेटेड में बुलावें l 
4. बुजुर्गो व बच्चों को बाहर निकलने की अनुमति नहीं देवें l
 5. द्वितीय एवं तृतीय चरणों में लॉकडाउन में  छूट के लिए विभिन्न कमेटियों का गठन कर विशेषज्ञों की राय लेकर निर्णय लिया जावे l
 6. लॉकडाउन समाप्ति के बाद टेस्टिंग ,ड्रेसिंग ,आइसोलेशन ,क्वारेंटाइन आदि पर फोकस रहे l आपूर्ति ,निर्माण ,कच्चे माल की उपलब्धता पर l 
ध्यान दें -
 7. कोरोना कमांडो की समय समय पर हौंसला अफजाही करें l चलते चलते -
यूँ पुरखों की जमीन बेच कर न जाया करो l 
कब छोड़ना पड़े शहर ,गाँव में भी घर बनाया करो ll
- डाँ. छाया शर्मा
अजेमर - राजस्थान
वर्तमान समय में हर किसी व्यक्ति के मन में चल रहा है तो बस एक ही सवाल, आखिर लाकडाऊन कब हटेगा? 
आखिर सरकार कब लाकडाऊन को हटायेगी? 
इस प्रश्न का उत्तर केवल हमें ही नहीं वरन् सरकारी को भी नहीं मिल पाता रहा है। 
जिस तरह से दिन प्रतिदिन हम कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में बढ़ोतरी देख रहे हैं, उससे तो शायद यह कह पाना काफी कठिन सा लगता रहा  है कि लाकडाऊन को हटाया जाए। फिर भी हर पहलू और समस्याओं को सकारात्मक रूप में लेकर, उसका निवारण और हल निकालना भी हमारी ही जिम्मेदारी है। 
यहाँ मैं कुछ ऐसे बिंदुओं को आपके सम्मुख रखना चाहूंगा जो इन सभी प्रश्नों का हल निकालने में कहीं न कहीं सहायक है। 
* प्रति व्यक्ति की निजी जिम्मेदारी एवं सतर्कता। 
* स्वयं की सुरक्षा एवं अपने परिवेश की स्वच्छता 
* घर से बाहर निकलते समय संक्रमण से रोकथाम के लिए आवश्यक सामग्री जैसे 
  मास्क एवं सेनेटाइजर शीशी अपने साथ रखना। 
* सरकार द्वारा बताए गए  उपचार एवं सावधानी का पालन करना। 
सरकार लाकडाऊन को सीधे-सीधे न खोलकर धीरे-धीरे कुछ आवश्यक कार्य के लिए ही जनता को घर से बाहर निकलने के लिए छूट दे। 
सरकार द्वारा मजदूर वर्ग के लिए तत्पर होकर उनके लिए खाद्यान्न का बंदोबस्त करें। 
यदि किसी क्षेत्र में संक्रमण दिखाई दे तो उस क्षेत्र को पूरी तरह से प्रतिबंधित करके वहाँ सेनेटाइजर एवं अन्य राहत सामग्री से संक्रमण को फैलने से रोके। 
एकल मजदूर को कार्य करने के लिए अनुमति प्रदान करें जिससे वह आर्थिक स्थिति में सुधार ला सके 
जैसे किसान या अन्य जो केवल एक जगह पर रहकर कार्य करते हों। 
सरकार ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक लेन - देन को बढ़ावा दे।
सरकार अपने प्रदेश में चल रही Online साइट का प्रयोग कराकर लोगो को घर पर ही रहने का पालन कराये। 
तथा चरणबद्ध तरीके से ही लाकडाऊन को हटाया जाए। जहाँ आवश्यकता को देखते हुए मनुष्य की आधारभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए हर व्यक्ति को समाज का ध्यान रखते हुए एवं नियम कानून का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हो यदि लोग ऊपर लिखीं बातों में सरकार का सहयोग करें तभी इस लाकडाऊन को सरकार खोल सकती है। 
इस लाकडाऊन को खोलने में सरकार से अधिक हम उत्तरदायी है और हमें अपनी ओर अपने परिवार की सलामती के लिए सरकार का सहयोग करना होगा।  
आपका 
- जितेन्द्र कुमार शर्मा 
 धामपुर - उत्तर प्रदेश
लॉकडाउन सरकार कैसे रोके ? आखिर यह सरकार है कौन? हम जनता ने ही अपने में से एक व्यक्ति को चुना है तो फिर सरकार अकेली क्या करें ? हम सभी को मिलकर साथ देना होगा !
यह महामारी केवल छूने से ही नहीं अपितु पास खड़े होने से भी इसका संक्रमण फैलता है ! कोरोना मानव और कोरोना का ही युद्ध नहीं है यह कोरोना और मानवता का युद्ध है!  समस्त विश्व इस वायरस की चपेट में है ! हमें बस इस संक्रमण को फैलने नहीं देना है जो हिदायतें प्रशासन ,डॉक्टर, हमें दे रहे हैं उनको हमें हल्के में न लेकर शिद्दत के साथ अपनाना है ! नियमों को कठोरता के साथ अपनाना है किंतु कुछ लोगों के व्यवधान खड़े करने से नियमों का कठोर पालन ना होने से यदि संक्रमण बढ़ता है तो लॉकडाउन बढ़ सकता है  राजा को अपनी प्रजा की रक्षा के लिए यह कदम उठाना होगा ! हमारे सफाई कर्मचारी ,डाक्टर, सैनिक, पुलिस की सेवा की वजह से ही हम घर पर निश्चिंत रोटियां तोड़ रहे हैं नियम तोड़ने वालों चर्बी बढ़ रही है तो चर्बी उतारना भी उनको आता है !अपनी जान की परवाह किए बिना जो सेवा कर रहे हैं उनका तो मान रखो उनके लिए नहीं तो अपनी और अपने परिवार के लिए तो लॉकडाउन का पालन करो !संक्रमण लगने से हमेशा के लिए अपने परिवार से दूर हो जाए उससे तो चंद दिनों की दूरियां अच्छी है ! संयम और समझदारी से सभी लॉकडाउन के नियमों का पालन करोगे तो इस संक्रमण से बाहर आएंगे सरकार तभी लॉकडाउन रोक सकती है !जब उसकी प्रजा उसका साथ दें !
लॉकडाउन लगाना जितना कठिन है उससे ज्यादा कठिन उसे रोकना है !लॉकडाउन के चलते हम आर्थिक तंगी में आ गए हैं ,व्यापार ठप पड़ गया है ,दिहाडी मजदूरों को काम नहीं है ,भूखे मर रहे हैं ,लॉकडाउन रोकने से पहले सरकार को कुछ ऐसा करना होगा जिससे मजदूरों की मजदूरी चालू हो जाए !आइसोलेटर की मात्रा बढ़ानी होगी, कठोर कदम उठाने होंगे ,जिससे संक्रमण ना फैले, कायदे कानून तैयार करने होंगे, जनता को अपनी तरफ खींचना होगा, यह बाद की बात है पहले हमें संक्रमण को बढ़ने नहीं देना है!
 सामाजिक दूरिया बनाएं  ,बार-बार हाथ धोए, घर पर रहे, जरूरी है बाहर जाना तो मास्क लगाएं ,भीड़ में ना जाएं ,आदि आदि इतने दिनों में तो यह याद हो जाना चाहिए ,रोज याद कराते हैं !
अंत में कहूंगी यदि लॉकडाउन 21 दिन में रुके चाहते हैं तो सरकार का साथ दो वरना --
कहते रहना बहुत दिन से तमन्ना थी फुर्सत मिले 
मिली तो किसी से मिलना नहीं !
- चन्द्रिका व्यास
मुम्बई - महाराष्ट्र
       परिस्थितियों को देखते हुए लॉक डाउन को एक दिन में ख़त्म नहीं करना चाहिए क्योंकि अभी हमारे देश में अपने स्वास्थ्य को लेकर पब्लिक पूरी तरह से सजग नही है । कुछ लोगों में लापरवाही होना तो अलग बात है साथ ही दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए फिर से सामान्य व्यवहार करना स्वभाविक है भीड़ भरे बाज़ार, धार्मिक स्थलों पर भीड़ होनी, सामाजिक आयोजन होना भारत में ये सारे इस प्रकार के आयोजनों का होना आम बात है अगर लॉक डाउन के चलते कोरोना वायरस का संक्रमण रूक सकता है तो लॉक डाउन को खुलने पर फिर से संक्रमण फैलने की संभावना भी है स्कूल, कालेज बंद रहे, राजनीतिक सभाओं, जलसों, विभिन्न प्रकार के आयोजनों पर पूरी तरह से लम्बे समय तक प्रतिबंधित किया जाए और तब कुछ नियमों का पालन करने के लिए जनता को प्रेरित किया जाए तथा उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्यवाही शुरू हो ।अधिक से अधिक ऑनलाइन जानकारियाँ बाँटी जाए पब्लिक जागरूकता अभियान चलाया जाए ।
ऐसा करना इसलिए ज़रूरी है वायरस की छुट्टी का समय निर्धारित नही है यह धीरे-धीरे बदलते मौसम और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से ही समाप्त होगा ।
- डॉ भूपेन्द्र कुमार 
धामपुर - उत्तर प्रदेश
21 दिन की अवधि 14 अप्रैल को पूर्ण हो रही है। देश में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या आज 4000 से ऊपर पहुंच गई है और इस बीमारी से मरने वालों का आंकड़ा भी लगभग 114 हो चुका है ।कल तक नए-नए संक्रमित लोगों के केस सामने आ रहे हैं। हर प्रदेश में इनकी संख्या बढ़ रही है। कुछ लोग आइसोलेशन वार्ड से भाग भी रहे हैं; जो कि एक संक्रमित व्यक्ति आने वाले 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है। आधा परसेंट लोग सरकार के हर आदेश की एवं लाॅक डाउन की धज्जियां उड़ा रहे हैं। पूरे देश को हर तरह से तबाह करने पर आमादा हैं। जबकि पुलिस, स्वास्थ्य विभाग ,सामाजिक संस्थाएं अपनी जान पर खेलकर संक्रमित लोगों की हरसंभव सेवा एवं सहायता कर रही हैं। इससे अधिक क्या उम्मीद की जा सकती है? एक वर्ग जनता तथा दूजे कुछ राजनीतिक पार्टियां भी असहयोग की प्रबल भावना से इस जंग को जीतने में बाधा पहुंचा रहे हैं; जबकि लॉक डाउन है।
        मेरे विचार से जब तक नए- नए मामले आ रहे हैं ;तब तक सरकार लाकॅ डाउन खत्म  नहीं करना चाहिए । जब भी जिस स्टेट में नए मामलों के बढ़ने में कंट्रोल हो; उसी समय उस स्टेट का लॉक डाउन खोल देना चाहिए ; वह भी विशेष निगरानी में। ऐसे ही स्टेट के जिले में और जिलों में भी असंक्रमित एरिया में, दो- दो दिन लॉक डाउन में छूट दे  सकते हैं ; पर संक्रमित एरिया को सील करने के बाद ही ; साथ ही प्रशासन की सख्त नजरबंदी में।
         वैसे सभी जाति, वर्ग, मजहब के लोगों को मानवता व देशहित में सोचना चाहिए। सरकार के लॉक डाउन का पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ पालन करने  में ही सबकी भलाई है। हमें कोरोना जंग के योद्धाओं का सम्मान करना चाहिए। जनता के हित में लॉक डाउन खत्म करने के  अभी आसार नहीं दिख रहे। जनता चाहे तो सब कुछ सामान्य हो सकता है।
- डाॅ. रेखा सक्सेना
मुरादाबाद - उत्तर प्रदेश
  परीक्षाएँ इंसान को जीवन के सफर में देनी होती हैं । कोरोना महामारी के रूप में मानव जाति  के सामने आई है ।  विवेकशील मनुष्य , वैज्ञानिक , शोध कर्ता  लैब्स में  इस वायरस को मारने के लिए खीज में लगे हैं  ।
     संपूर्ण भारत में आज लाकडाउन का 14 वां दिन है । 7 दिन बाकी रह जाएंगे  तारीख 14 अप्रैल 2020 तक । 
संपूर्ण देश को कोरोना के खिलाफ भीष्म प्रतिज्ञा करनी होगी । कोरोना खुद से। किसी के घर नहीं घुसेगा । जब हम बाहर सड़क  पर जाएँगे तो हम वायरस की चपेट में आ जाएँगे । अभी ये 7 दिन हमें संयम से , सामाजिक दूरी बना के रहना होगा । यही हम सबकी परीक्षा है ।
  सदियों से समाज में दो प्रकार की वृत्तियों के लोग प्रमुखतः होते हैं । पाप वृत्ति , सद  वृत्ति के ।
अब  पाप वृत्ति , कुबुद्धि  वाले तब्लीगी के लोग समाज में  कोरोना को जानबूझ के फैलाने में लगे हैं ।
गलत काम करने में उन्हें खुशी मिल रही है ।  भारतीय दर्शन , संस्कृति में पापियों को मारने के लिए ईश अवतार हुए हैं । अब इन पापियों को मारने का विधि विधान जरूर ईश ने रचा होगा ।
  असामाजिक तत्व तब्लीगी जमात की लापरवाही से पूरे देश में कोरोना के  जहर दुगना कर दिया है ।जिससे देश की आवाम कोरोना के  खतरे में आ गयी  है । 25 हजार लोग क्वारंण्टाइन में है । देश में कोरोना के 4421 लोग संक्रमित हैं और 117 लोग देश में कोरोना से मरे हैं ।जिससे लॉकडाउन की तारीख फिर आगे बढ़ सकती है ।एक संक्रमित व्यक्ति 416 लोगों की संक्रमित  कर सकता है  । संक्रमण का चक्र बढ़ रहा है । ।वायरस की  चैन तोड़ने के लिए लाकडाउन की  अवधि   फर से बढ़ सकती है । 
 खेतों पर किसान की बंपर फसल तैयार खड़ी है । लाकडाउन होने की वजह से  किसानों की आँखों से आँसू निकल रहे हैं । कोरोना की मार से न मशीन है और न ही मजदूर हैं । कई जमीनदार अपनी फसल खुद हाथों से  काटने में लगें हैं । किसान परेशान हैं । आर्थिक रूप से बदहाल हो जाएंगे । किसान सामाजिक दूरी बना के काम कर रहे हैं । 
हमें सामाजिक दूरी बनानी है । लाकडाउन ही कोरोना से बचाब करेगा । 
  बढ़ती कोरोना की महामारी से  ट्रेन तेजस की अप्रैल बुकिंग रद्द करनी पड़ी है ।
इनके लोग ने स्वास्थ्यकर्मियों , पुलिस पर हमला किया ।  आशा वर्कर्स पर पत्थर फेंके ।  थूक फेंक रहे हैं । सरकार इन  गद्दारों , देश द्रोही को पकड़े । इंसानियत के नाते मस्जिद , घरों में  छिपे जमात को खुद पुलिस के सामने आना चाहिए । 
135 करोड़ भारतीय लाकडाउन में हैं । लाकडाउन का कड़ाई से पालन करना होगा । अगर लाकडाउन हटा तो भारत में कोरोना का बंपर ब्लास्ट हो जाएगा । जिसका हल करना  मुश्किलें बढ़ाएगा ।
- डॉ मंजु गुप्ता 
 मुंबई - महाराष्ट्र
लाॅकडाउन को यदि  जनता  का  पूर्ण  सहयोग  मिलता  तो  पूरी  सफलता  की  उम्मीद  की  जा  सकती  थी  परन्तु  हम  सभी  जानते  हैं  कि  यह  महामारी  काबू में  आते-आते  कैसे  बढ़ी ।  अगर  लोग  डंडे  के  स्थान  पर  स्व-अनुशासन  रखते  या  अब भी  पूर्ण  इमानदारी  के साथ  निर्देशों  का  पालन  करें  तो  निश्चित  रूप  से  हम  इस समस्या  से  उबर  सकते  हैं  । 
       " जान है  तो  जहान है " और  यही  हमारी  और  सरकार  की  प्राथमिकता  है  अतः लाॅकडाउन  खत्म  करने  से  पहले  सकारात्मक  तथा  नकारात्मक  पहलुओं  पर  विचार  करने  की  जरूरत है  । 
       लाॅकडाउन  धीरे-धीरे   उन स्थानों  पर  खोला  जाए  जो  कोरोना  मुक्त  हो, लोगों  सोशलडिस्टेंसिंग  का  पालन  कर सके ।  जहां  जिस  सेक्टर  में, स्थान पर लोगो  जागरूकता  हो  उसे  प्राथमिकता  दी  जाए  ।  
       लोगों  ने  यदि  लाॅकडाउन  व  कर्फ्यू  का  कठोरता  से  पालन  नहीं  किया  तो  अकेली  सरकार  कुछ  नहीं  कर  पाएगी  ।  स्व-अनुशासन ,  धैर्य  तथा  आत्मविश्वास  बनाए  रखें, कोरोना  अवश्य  हारेगा ।
         - बसन्ती पवांर 
           जोधपुर  - राजस्थान 
 मेरी समझ से तो ऐसा लगता है कि पूर्ण रूप से खत्म करना उचित नहीं होगा । मानसिक दबाव तो जनता पर बना कर रखना चाहिए । यह वायरस जब तक पूरी तरह नियंत्रण में न आ जाए इस विषय पर पहल करना जान जोखिम में डालना है ।
किसी भी इंसान का जान है तो जहान  की बात है 
इसलिए धैर्य रखना है ।एक सुझाव है उस शहर या राज्य में कुछ घंटों के लिए छूट दी जा सकती है पर पूरी सावधानी के। साथ ।
समय सीमा का निर्धारण एक ही शहर के अलग-अलग हिस्सों में अलग अलग-अलग रखा जाए ।
सार्वजनिक स्थानों पर अभी छूट देने की कोशिश न हो 
संक्रमण को नहीं फैलने का पूरा प्रयास करना उचित है इस प्रकार हम सभी  की यह जिम्मेदारी बनती है
सरकार कोई एक व्यक्ति नहीं है सभी जनसंख्या का एकजुटता ही सरकार है इसलिए सभी की जिम्मेदारी है इसे रोकने का 
डाँ. कुमकुम वेदसेन मनोवैज्ञानिक
मुम्बई - महाराष्ट्र
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण सरकार द्वारा लगाया गया 21 दिनों का लॉकडाउन को हटाना तभी उचित होगा, जब कोरोना से पूर्ण मुक्ति दिखाई पड़ती हो। लेकिन अभी तक एेसा कही भी दिख नही रहा बल्कि यह बढ़ ही रहा ...
कोरोना संक्रमितों की संख्या अभी 4471 हो गयी है वही मरने वालों की संख्या 100 के पार है ,
अगर लॉकडाउन खत्म कर दिया जाये तो स्थिति शायद और भी खतरनाक हो जाये क्योंकि ...
अब कोरोना ने पूरी तरह से अपना पैर भारत मे फैला लिया है ऐसे किसी को ये नही पता चलेगा कि कब वह #कोरोना_संक्रमित हो गया  और ऐसे ही एक से दो फैलते जायेगे।
.#जान_है_तो_जहान_है।
अतःयदि सरकार को लॉकडाउन समाप्त करना है तो उससे पूर्व कुछ महत्वपूर्ण रणनीतियां बनानी होगी 
हमें लॉकडाउन समाप्त करने पर सोशल डिस्टेन्सिग को बरकरार रखना होगा क्योंकि अभी भी कितनी जनसंख्या को कोरोना है ये पता नही चल पाया है
 लोगों में जागरूकता को बढ़ाना होगा ताकि वो इसकी गम्भीरता को समझ सके और लॉकडाउन ना होते हुए भी स्वतः ही उसका पालन कर सकें। 
भीड़ वाले स्थानों जैसे स्कूल, कॉलेज, मॉल एवं सिनेमाघर इत्यादि को अभी बन्द रखना ही एक उचित कदम होगा।  
अन्य जरूरी सार्वजनिक स्थानों को एक निश्चित समय पर खोलना ही उचित और समझदारीपूर्ण होगा।
रणनीतियाँ अपनाकर यदि सरकार लॉकडाउन खोले तो उसका लॉकडाउन समाप्त करना सार्थक होगा अन्यथा स्थिती और भी भयावह होगी।
- बिना कुमारी
बोकारो - झारखण्ड


        " मेरी दृष्टि में " कोरोना का एक मात्र समाधान लॉक डाउन ही है । इसलिए देशहित में लॉक डाउन बहुत ही आवश्यक है ।देश के हर नागरिक को लॉक डाउन का समर्थन करना चाहिए ।
                                                          - बीजेन्द्र जैमिनी 












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