लॉक डाउन के चलते प्रतिदिन व्यायाम अपने घर में अवश्य करें

लॉक डाउन के चलते व्यायाम बहुत ही अवश्य होता है । इसलिए प्रतिदिन अपने - अपने घर पर व्यायामों अवश्य करना चाहिए । तभी आप स्वास्थ्य रह सकते हैं । यही " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते हैं : -
लॉक डाउन के वजह से सभी सदस्य घर में है,बाहर कहीं जाना नहीं तो इस समय का सदुपयोग पूरी तरह से करते हुए अपने दिन की शुरआत सबको व्यायाम से करना चाहिए।क्योंकि स्वस्थ शरीर ही सबसे बड़ी संपत्ति है।स्वस्थ शरीर के लिए सबसे आवश्यक है व्यायाम ।अपने शरीर को मजबूत बनाने और अंदर की ऊर्जा प्राप्त करने के लिए हमें करना चाहिए।आज व्यायाम के योग के फायदे हर कोई जानता समझता है पर समय की व्यस्तता की वजह से दिनचर्या में शामिल नहीं हो पाता ।आज जब हमारे पास वक़्त है तो इसका पूरा सदुपयोग करते हुए सुबह की शुरुआत व्यायाम से करें ,इसकी पहल सबसे पहले घर के बड़े करें तभी बच्चे भी इससे जुड़ पाएंगे।अगर इसकी शुरुआत हमने अभी कर दी तो यह हमारे दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बन जायेगा,हमारे आदत में शामिल हो जाएगा और बाद में भी हम इसी तरह से चाहे कितनी भी व्यस्तता क्यों न हो हम करेंगे क्योंकि इसके फायदे हमे महसूस होने लग जायेगा ।योगा,व्यायाम ने अनेक लोगों को नया जीवन प्रदान किया है,इसके माध्यम से कई घातक रोगों से बचा जा सकता है।यदि हर व्यक्ति व्यायाम को नियमित रूप से करेगा तो वह अवश्य ही स्वस्थ रहेगा।
अंत में यह कहना चाहूंगी की व्यायाम को सभी अपने दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाते हुए भारत देश को रोग मुक्त बनाएं,इसी प्रतिज्ञा को लेकर आगे बढ़ते जायें।।
- ज्योति वाजपेयी
अजमेर - राजस्थान
इक्कीस दिन का लॉक डाउन... घर में कैद रह कर बिना किसी निश्चित दिनचर्या के निभाना तो बेहद कठिन है। अनियमित दिनचर्या दो-चार दिन तो आनंद देती है उसके बाद सभी के लिए परेशानी का कारण बनने लगती है।
       ऐसे में बहुत जरूरी है कि सुबह और शाम के लिए योग, व्यायाम, प्राणायाम का समय निश्चित करके उसे नियमित रूप से किया जाए। इससे सकारात्मक ऊर्जा मन और घर में फैलेगी, ताजगी अनुभव होगी, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य ठीक रहेगा, समय पर भूख लगेगी और पाचन व्यवस्था भी ठीक रहेगी।
        जब मन और तन ठीक रहेगा तो इसके बाद घर के सभी काम सब लोग मिल कर प्रसन्नतापूर्वक करेंगे, मनपसंद काम करने में भी सबकी रुचि बढ़ेगी। सब अपने कार्यों में व्यस्त रहते हुए साथ रहने का आनंद भी उठायेंगे और स्वस्थ भी रहेंगे।
         खेल-खेल में बच्चों से काम करवा कर उन्हें काम भी सिखाये जा सकते हैं। इस तरह इक्कीस दिन के लॉक डाउन के समय का घर में रह कर स्वर्णिम उपयोग किया जा सकता है।  
- डा० भारती वर्मा बौड़ाई
  देहरादून - उत्तराखंड
स्वस्थ्य शरीर का आशय -रोग रहित शरीर जिसमें रक्त का प्रवाह संतुलित हो श्वांसों की गति सामान्य हो ,शरीर की मांसपेशियां कसी हुई हो ऐसा होने पर शरीर में अलग ही चमक आ जाती है l 
      शरीर को स्वस्थ्य रखने का सर्वोत्तम उपाय है -व्यायाम l व्यायाम का आशय ऐसी शारीरिक क्रियाएँ ,जिनसे विभिन्न अंगों में सक्रियता बढ़े l नृत्य ,श्रमपूर्ण कार्य ,योगा आदि व्यायाम के ही विभिन्न प्रकार हैं l व्यायाम पर प्रकाश डालते किसी विद्वान् ने कहा है -" जिस प्रकार बिजली की धारा से बिजली के तार में उत्तेजना होती है उसी प्रकार व्यायाम द्वारा खून में गर्दिश पहुंचाने से शरीर की नसें -नाड़ियां उत्तेजित व कार्यशील हो जाती हैं l"
खेल व्यायाम का सबसे अच्छा और रुचिकर साधन है किन्तु लॉकडाउन के चलते कुछ व्यायाम हम घर ही में करें ताकि दुनियाँ के तनावों से मुक्ति मिले l 
       स्वस्थ शरीर का महत्त्व मन ,बद्धि ,आत्मा ,धन ,वैभव सबसे ऊपर है l "जान है तो जहान है l"व्यायाम द्वारा मनुष्य के सांसारिक आनंद के द्वार खुलते है l शरीर स्वस्थ्य रहने पर मन स्वस्थ्य रहता है l आत्मा तेजस्वी बनती हैं l घर में सभी स्वस्थ्य हो तो आनंद मंगल रहता है l एक भी सदस्य बीमार हो तो पूरा परिवार अवसाद ग्रस्त हो जाता है l गाँधी जी बीमार होना पाप का चिन्ह मानते थे l लोकमान्य तिलक भी कहा करते थे -"शरीर रोगी और दुर्बल रखने के समान दूसरा कोई पाप नहीं है l"लॉकडाउन की स्थिति में हम अपने घर की खुली छत पर सर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में जब शुध्द्धता का साम्राज्य चहुँदिशि फैला हो ,पेड़ पौधे वनस्पतियाँ ताजी और सुगंधित सांसे छोड़ती है हम चहलकदमी कर तन ,मन और प्राणों में नए जीवन का संचार कर सकते हैं l संस्कृत में कहा गया है -"शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम "शरीर के स्वस्थ बने रहने पर ही व्यक्ति मानव जीवन और समाज को सही दिशा प्रदान कर सकता है lअतः व्यायाम द्वारा स्वस्थ रहकर तन ,मन से हमेशा अच्छा सोचना और अच्छा ही करना चाहिए l मनसा ,vacha,कर्मणा में एकरूपता ही जीवन की सफलता है l
- डाँ छाया शर्मा
अजमेर - राजस्थान
मानवजाति पर ऐसा कोरोना का  संकट आया है । जिसका वैश्विक हल मिलजुल कर सभी देशों को करना है । भारत में कोरोना वायरस की लड़ाई हर नागरिक को
लड़नी है ।  आज नवराते की नवमीं तिथि रामनवमी है । राम लल्ला का जन्म हुआ था । नवरात्रे में मंदिरों में भक्तों का सैलाब होता था । सब कोरोना के लाकडाउन से घर में ही  धार्मिक गतिविधि कर रहे हैं ।
इसके लिए सरकार ने तारीख 25  मार्च 2020 से 21 दिन का लॉकडाउन किया है । जो 14 अप्रैल 2020 को खत्म होगा । आज लॉकडाउन को 9 दिन पूरे हो गए हैं । लोग अपने - अपने घरों में  कैद हैं ।
जिससे उनके पास थोक में वक्त है । क्यो नहीं वे समय का सदुपयोग करें और अपने स्वास्थ्य में व्यायाम करके चार चाँद लगाएँ ।  वालीबुड के हर सितारे को देख लो । अपनी फिगर बनाके उम्र से कम लगते हैं । जवान , सुंदर , खूबसूरत दिखते हैं ।मालाइका , शिल्पा , कटरीना , शाहरूख आदि ।
 लॉकडाउन से  लोगों की चलने - फिरने की गतिविधयाँ बन्द हो गयी है । ऐसे में  लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं । व्यायाम करने के लिए  जिम , पब्लिक गार्डन  आदि सब बन्द पड़े हैं ।  लोगों में ऐसे समय में शरीर में स्फूर्ति की कमी आयी है । जिससे शरीर के अंग  में भारीपन दुखने लगे हैं ।  मोटापा भी बढ़ेगा ।
ऐसे दशा में मानव को अपने आप को स्वस्थ , ऊर्जावान , गतिशील बनाये रखने के व्यायाम करना , वाकिंग करना बेहद जरूरी ही जाता है ।
बाबा  रामदेव की योग क्रांति से भारत के नागरिक जागरूक हुए है । छोटे से लेकर बड़ा हर कोई योग , व्यायाम आदि करता ही है । शरीर तो आकार में रहता है । हमारे को शारीरिक , मानसिक स्वास्थ्य भी प्रदान करता है ।
  मैंने योग का' प्रेक्षा ध्यान '  ' अंबिका योग कुटीर' से योग का प्रशिक्षण भी लिया हुआ है । इसी कारण  स्कूल में पूरी एसम्बली को व्यायाम कराती थी ।अब मैं सेवानिवृत हूँ । तो   टाटा विद्युत सार्वजनिक गार्डन में सुबह के समय निःशुल्क योग लोगों को सिखाती थी । अब उधर जाना बंद हुआ है ।
मैं खुद सुबह दैनिक क्रिया से निवृत हो के सुबह घर की  छत पर जाकर योग , व्यायाम अपनी क्षमता के अन्यसार करती हूँ । जिसमें 10 पुशअप , सूर्य नमस्कार , ताड़ासन , पवनमुक्तासन , भुजंगासन आदि करती हूँ । फिर इसके बाद प्राणायाम जैसे भास्त्रिका , भ्रामरी , कपालभांति , अग्निसार  , त्रिबन्ध , अनुलोम , विलोम , बाह्य , आंतरिक प्राणायाम । अंतमें शवासन । मेरा दैनिक नियम है । शाम को वाकिंग भी कर लेती हूँ ।
इन सबको करने से लाभ ही मिलता है । हानि नहीं ।
शरीर में हल्कापन आता है । वजन जितने पर है उतने पर टिका रहता है । बढ़ता नहीं है । फुर्ती का वास हो जाता है । आलस्य दूर भागता है । नाकारात्मकता दूर भागती है।
मन - तन साकारत्मक ऊर्जा से भरा रहता है । प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है । विकारी तत्व पसीने के रूप में बाहर निकलते हैं । एन्टीऑक्ससीडेंट , हार्मोन्स की ग्रन्थियाँ सक्रिय हो के हमारे पाचन संस्थान को दुरुस्त बनाएँ रखती हैं । तनाव  दर्द , को दूर करता है । 
व्यायाम से  हमारी बीमारियों को बढ़ने नहीं देता है । कोरोना का वायरस फेफड़े पर अटैक करता है । इसके लिए अनुलोम विलोम तो कारगर है । गहरी सांस लेकर धीरे , धीरे छोड़ना से ऑक्सीजन हमारे फेफड़ों की गतिविधि को तेज करती है । हमारे 7 चक्रों के द्वार खुलते हैं । हम कोरोना के वायरस से लड़ने में कामयाब हो सकते हैं । कुंडलिनी शक्ति का जागरण भी कर सकते हैं।
 । एरोबिक्स , थुंबा , जॉगिंग आदि भी सेहत के लिए बेहतर ओषधि हैं ।
परिवार में माता -पिता बच्चों को कोरोना के बारे में बताएँ ।  परिवारिक मजबूती बढ़ेगी । बच्चों के साथ दूरी कम होगी । बिखराव की खाई पटेगी ।अपने साथ बच्चों को भी व्यायाम कराएं । खुद स्वस्थ रहें । परिवार स्वस्थ रहेगा । समाज और देश स्वस्थ
 होगा ।
- डॉ मंजु गुप्ता 
 मुम्बई - महाराष्ट्र
स्वस्थ मन मस्तिष्क शरीर है जीवन का उत्कर्ष
कराये नित प्रगति चहुँ ओर मिले सुख सहर्ष ।
मिटे शारीरिक दुर्बलता बलशाली देह हो
मन में रहे निश्चिन्त सक्रियता का नेह हो।।
यह तो आवश्यकता जीवन शैली की है जब कुछ बन्धन हो पर आजकल लाकडाउन के चलते शारीरिक श्रम या व्यायाम का महत्व बहुत बढ़ गया है ।समय की भी कोई समस्या नहीं है ।अतः अपने स्वस्थ सानंद रखने के लिए आवश्यक है कि हम टीवी मोबाइल की दुनियां के अलावा कुछ समय व्यायाम योग को भी दें साथ ही अपने परिवार को भी प्रेरित करें ।लाभ ही लाभ है ।
- शशांक मिश्र भारती
शाहजहांपुर - उत्तर प्रदेश
सिर्फ लाक डाउन में ही व्यायाम आवश्यक नही होने चाहिए 
हां यह अवश्य है इन दिनों फुर्सत के समय में बाध्यता वंश यदि दैनिक जीवन शैली में शामिल कर लिया जाए तो एक आदत बनकर जीवनशैली का रुप बन सकता है
मानसिक और शारीरिक दोनों तरीकों से हर इंसान को स्वस्थ जीवन का अधिकार हैं 
यह स्वर्णिम अवसर है दोनों का अभ्यास करने के लिए । 
इसलिए व्यायाम और प्रणायाम को संकल्प के साथ शामिल कर लें।
जीवन में अलौकिक परिवर्तन दिखेगा
विचारों में भी बदलाव नज़र आएगा।क्रोध के आवेग की तीव्रता में कमी आ जाएगी ।
मन में शांति और संतुष्टि मिलती है शारीरिक और मानसिक भावनात्मक पक्ष भी मजबूत बनेंगे।यह सिर्फ परामर्श नहीं है इसे अंगीकार करनें के पश्चात ही वास्तविकता नाता जोड़ा जाता है
- डाँ. कुमकुम वेदसेन
मुम्बई - महाराष्ट्र
ओम स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है।
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग करना बहुत आवश्यक है।
योग करने से मांसपेशियां पुष्ट होती हैं रक्त का संचार सुचारू रूप से होता है तथा शरीर निरोग रहता है योगासन में ओम का उच्चारण करने से मन शुद्ध रहता है,  प्रातः काल और संध्याकाल व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम का चुनाव अपनी आयु के अनुसार करना चाहिए ,विद्यार्थी को व्यायाम की आदत डालनी चाहिए स्वस्थ व्यक्ति ही जीवन में उन्नति कर सकता है जीवन में सुख पाने के लिए बचपन 
से व्यायाम करना चाहिए। अनेक बीमारी थी व्यायाम करने से दूर होती है और अगर आप कोई व्यायाम नहीं करते हैं तो भी आप सुबह शाम बजरंग आसन में बैठ सकते हैं इतना भी आपके लिए बहुत रहेगा। एक बार आप व्यायाम करने की आदत अपनी दिनचर्या में शामिल कर ले इससे आप स्वस्थ रहेंगे और सारी बीमारियां दूर हो जाएगी।
दोहे-
घूट-घूट पानी पियो, रह तनाव से दूर!
एसिडिटी, या मोटापा, होवें चकनाचूर!!

भोजन करके रात में, घूमें कदम हजार!
डाक्टर, ओझा, वैद्य का , लुट जाए व्यापार !
- प्रीति मिश्रा 
जबलपुर - मध्य प्रदेश
 क्योंकि ऐसे समय में जब घर से हम सबको बाहर नहीं निकलना है; तो बीमारी के फैलाव से बचने के लिए, तन- मन को स्वस्थ रखने के लिए, यह अति आवश्यक है।
       प्रातकाल और शाम को दो बार सबको हल्के-फुल्के आसन ,अनुलोम- विलोम, कपालभाति इत्यादि करना चाहिए ।यदि कोई कहे कि हमें यह सब करना नहीं आता। हम नहीं कर सकते तो इसके लिए आस्था चैनल पर बाबा रामदेव द्वारा नियमित योग एवं व्यायाम संबंधित दृश्यों को देखकर कर सकते हैं। बच्चे वृद्ध, युवा, नर-नारी सबके सब इसे करने से इम्यून सिस्टम तथा अपने श्वसन तन्त्र एवम तंत्रिका तंत्र को मजबूत कर सकते हैं। कोरोना बीमारी में तो अनुलोम विलोम कम से कम आधा आधा घंटा तीन बार दिन में किया जा सकता है ।ऐसा करने से हमारे फेफड़ों को बल प्राप्त होगा। इसके साथ-साथ शरीर ऊर्जावान रहेगा। मन में नेगेटिव विचार भी नहीं आएंगे। अतः सबको व्यायाम अपनी अपनी सामर्थ्य के अनुसार अवश्य करना चाहिए।
- डाॅ. रेखा सक्सेना
मुरादाबाद - उत्तर प्रदेश
शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए व्यायाम परम आवश्यक है। कहा गया है "पहला सुख निरोगी काया ,दूसरा सुख घर मे आई माया" । जब शरीर निरोग रहेगा तब संसार सब रास रस अच्छे लगेगे । संसार मे भगवान की महती कृपा से लाभान्वित होगे।आजकल कोरोना रोग संसार मे फैला है,जो श्वास नली को अबरोध कर्ता है ।इसलिए प्राणायम बहुत जरूरी यह शरीर की व्यायाम है।
- बालकृष्ण पचौरी
भिण्ड - मध्यप्रदेश
व्यायाम केवल लॉकडाउन के दिनों में ही नहीं अपितु प्रतिदिन करना चाहिए क्योंकि व्यायाम करने से शरीर स्वस्थ रहता है। व्यायाम करने से आशय शरीर की मांसपेशीय हलचल से होता है जिसे आप चलकर, हँस कर, दौड़ लगाकर, उछल कूद कर, खेलकर या फिर ताली बजाकर भी कर सकते हैं। अतः स्वस्थ शरीर के लिए योग एवं व्यायाम परम आवश्यक है।
आजकल लॉकडाउन के कारण यदि आप बाहर घूमने नहीं जा पा रहे हैं तो घर की छत पर टहल कर ही उस कमी को पूरा कर सकते हैं क्योंकि खाली पड़े पड़े भी इंसान का दिमाग आलसी होता जाता है इसलिए योगासन व्यायाम इत्यादि करने से न सिर्फ़ शरीर ऊर्जावान बना रहेगा अपितु समय भी व्यस्त होने में सहायता मिलेगी।
- विभोर अग्रवाल 
धामपुर - उत्तर प्रदेश
लॉक डाउन के चलते हुए प्रतिदिन व्यायाम अवश्य करना चाहिए वैसे भी व्यायाम तो नियमित करना चाहिए ।  घर में रहने अर्थात् ऐसी स्थिति में आराम ज़्यादा करने के कारण शरीर की उर्जा कम खर्च होती है और भोजन की अधिकता होने की संभावना बनी रहती है जिससे शरीर के अंग अव्यवस्था का सामना करते हैं व्यायाम करना इस अव्यवस्था को बैलेंस करने का अच्छा माध्यम है । सुबह सवेरे उठकर १-२ गिलास गुनगुने पानी में नींबू, शहद, ऐलोवेरा जूस, आँवला जूस में से कोई एक मिलाकर घूँट घूँट पीना चाहिए और शौचालय की क्रियाओं से निपटने के बाद व्यायाम,योगासन, प्राणायाम अनिवार्य रूप से करने चाहिए । ऐसा करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे बाहरी रोग आक्रमण से तो बचाव होता ही है साथ ही शरीर में अन्दर रह रहे रोगों से भी पीछा छूट जाता है । भागदौड़ भरी ज़िंदगी के लिए इतना कुछ करना तब भी ज़रूरी है जब हमारे पास ये कहने का बहाना होता है कि समय नही है परन्तु संयोग वश प्राकृतिक आपदा के चलते लॉक डाउन से जूझना पड़ रहा है और समय की कमी नही है बल्कि समय का सदुपयोग करने की योजना बनाई जा सकती है । 
कहते हैं- पहला सुख है निरोगी काया ।
व्यायाम के द्वारा शरीर को निरोग रखने में निश्चित सफलता मिलती है इसके अनेक प्रमाण अपने चारों ओर देखें जा सकते हैं । लॉक डाउन के चलते नियमित व्यायाम करने की कोशिश करिए आदत डालिए और सदैव स्वस्थ रहिए ।
- डॉ भूपेन्द्र कुमार 
 बिजनौर - उत्तर प्रदेश
घर में व्यायाम अवश्य करें।हल्की फुल्की एक्सरसाइज तो कर ही सकते हैं। सीढ़ियां चढ़ना उतरना , चहलकदमी करना तो किया ही जा सकता इससे पाचन-क्रिया सही रहेगी और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद मिलेगी। बच्चों और गृहिणियों का तो घर में व्यायाम, गृहकार्य के चलते स्वत: ही होता रहता है।आफिस जाने वाले, विद्यार्थी, व्यापारी जो इन दिनों घर पर ही है,उनके लिए तो यह भोजन की तरह ही अत्यावश्यक है।वृद्ध क्या करें, सुबह शाम बाहर घूम आते थे थोड़ा।अब छोटे से घर में कहा न घूमें समस्या है।तो वह कदमताल और हथेलियों से ताली बजाने का व्यायाम करें इससे उनके शरीर में एनर्जी बनी रहेगी,एक्यूप्रेशर स्वत: हो जाएगा।शरीर स्वस्थ रहेगा। तालियां बजवाते हुए भगवन्नाम का जाप भी हो जाए तो सोने पे सुहागा। सक्रिय रहे,निष्क्रिय न रहे।
- डॉ अनिल शर्मा'अनिल'
धामपुर - उत्तर प्रदेश
 सभी इस सच्चाई से वाकिफ हैं कि लाॅक डाउन के कारण हमारे जीवन में गतिशीलता कम हुई है। हम एक स्थान विशेष पर सीमित होकर रह गए हैं ।दैनिक दिनचर्या में  बच्चों का स्कूल जाना,  बड़ों का अपने कार्य, ऑफिस, व्यापार आदि  में संलग्न होना ,महिलाओं की अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होता है । इस तरह  हर आयु वर्ग के लोगों की अपनी-अपनी  गतिविधियां होती है  लेकिन लाॅक डाउन  के कारण हम एक स्थान विशेष पर ही सीमित होकर रह गए हैं । ऐसी स्थिति में यह बात सामने आती है कि अपने स्वास्थ्य को किस तरह से ठीक  रखें। यदि हम शारीरिक श्रम नहीं करते हैं , हमारा चलना फिरना नहीं होता है तो इसका असर हमारे स्वास्थ्य पर भी दिखाई पड़ने लगता है। ऐसी स्थिति में प्रतिदिन घर पर रहकर ही हम सभी के लिए व्यायाम  बहुत आवश्यक है। व्यायाम हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को ठीक रखता है , साथ ही मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है ।जो लोग  हृदय रोग, मधुमेह ,मोटापा इत्यादि की समस्याओं से पीड़ित हैं उनके लिए नियमित व्यायाम बहुत आवश्यक  हो जाता है। व्यायाम करने से हमारा तन और मन दोनों ही स्वस्थ रहते हैं ।कहा भी जाता है -' *प्रथम सुख निरोगी काया'।* स्वस्थ शरीर  होना हमारा प्रथम सुख है । जीवन की सार्थकता हमारे तन व मन के स्वास्थ्य पर निर्भर करती है हम अपनी अवस्था के अनुरूप व्यायाम का चयन करें । बालकों के लिए उनके तरह के व्यायाम हैं तो बुजुर्गों के लिए उनकी उम्र के हिसाब से। जैसी भी जिसकी आयु हो उसी के हिसाब से वह व्यायाम का चयन करके नियमित रूप से अपने घरों में अपने आप को स्वस्थ और प्रसन्न रखें। यह लाॅक डाउन के दौरान तथा उसके बाद के जीवन के लिए बहुत आवश्यक है।
   - डॉ अरविंद श्रीवास्तव 
दतिया - मध्यप्रदेश
शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम् अर्थात् सारे धर्मों को संपादित करने का माध्यम मानव का शरीर ही है ,एक अंग्रेजी कहावत का हिन्दी अनुवाद भी है कि
"स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है"
आज देश में लाँक डाउन की स्थिति के कारण शारीरिक रूप से श्रम करना और भी अति आवश्यक हो जाता है,क्योंकि ऐसे समय में सभी लोग घर में बंधे हुए हैं ,अत: अपनी -अपनी सामर्थ्य के अनुसार सभी को योगाभ्यास,एरोबिक,हल्की-फुल्की कसरत अवश्य करना चाहिए बच्चे चाहें तो रस्सी कूद कर सकते हैं या घर में यदि पर्याप्त जगह हो तो हल्की -फुल्की जोगिंग /कदम ताल,पीटी भी की जा सकती है|
ऐसा करना इसीलिए भी आवश्यक है,क्योंकि बिना शारीरिक श्रम के भोजन पचाने में भी कठिनाई होने के साथ-साथ गंभीर बीमारियों के होने का खतरा भी लगातार बढ़ने की संभावना भी हो सकती है|
अत:कहना न होगा लाँक डाउन के चलते अपने घर में प्रतिदिन व्यायाम करना अपने शरीर के लिए उतना ही आवश्यक है जितना कि भोजन करना|
धन्यवाद ,जय हिन्द
- रवि भूषण खरे
दतिया - मध्यप्रदेश
व्यायाम हमारे स्वास्थ्य के लिए अति मआवश्यक है यदि हमारा स्वास्थ्य अच्छा है तो हमारा मस्तिष्क भी शांत रह सकारात्मक विचार को जन्म देता है !  यहां खास लॉक डाउन के चलते व्यायाम की बात है !
लॉक डाउन के चलते सभी अपने घर में खाना, टीवी देखना ,बैठना ,सोना, और कुछ रोजमर्रा के कार्य करते हैं ,श्रम तो होता ही नहीं जितना होना चाहिए! 
साधारण घर में तो खाना जो रोज बनता है वही किंतु बच्चों की छुट्टियां पति घर में है और पैसा भी है यानी कि खाते पीते सुखी है तो खाना भी लजी़ज बनता है सबकी पसंद का बनता है यानी वैराइटीज बनती है काम नहीं चलना नहीं अतः खाना पचता नहीं ललक डाउन का पालन भी करना जरूरी है अतः स्वस्थ शरीर बनाए रखने के लिए हल्का-फुल्का व्यायाम आवश्यक है खासकर बड़े बुजुर्गों के लिए अति आवश्यक है !
अमीर हो अथवा गरीब मानसिक तनाव तो लॉक डाउन के चलते सभी को है अतः व्यायाम और योग करने से तनाव दूर होता है और सकारात्मक विचार आते हैं !
लॉक डाउन में दफ्तर का कार्य घर से हो रहा है अतः बैठे बैठे शरीर अकड़ता है व्यायाम करने से लचीलापन आता है सो जरूरी  है! 
अंत में  कहूंगी कुछ शारिरीक तम ऐसे करें जिससे हम थक जायें पसीना आने लगे जैसे --: घर कार्य में  एक दूसरे की मदद करें, कुछ एक्सरसाइज़ और योग करें और संयम रख नियम का पालन करें!
-चन्द्रिका व्यास 
मुम्बई - महाराष्ट्र
लॉक डाउन के कारण केवल घर में रहकर परिवार के साथ वक्त बिताना ही हो तो कोई भी निश्चिन्त होकर आंनद उठा सकता था परन्तु अधिकांश लोगों के सम्मुख और भी कई समस्याएँ जिनमें सबसे प्रमुख आर्थिक समस्या होती है । जब आर्थिक रूप से सामान्य मध्यम वर्ग काम नहीं करेगा तो कुछ दिन तो बचत के पैसे से भोजन की व्यवस्था हो जायेगी उसके बाद क्या करेगा । मजदूर वर्ग की  सुविधाओं का ध्यान तो रखा जा रहा है पर जो गरीबी रेखा से तो ऊपर हैं पर अपनी जिम्मेदारियों के बोझ से दबे हैं ऐसे लोगों का  मानसिक रूप  से विचलित होना निश्चित  है । जब मन उदास हो तो कई शारीरिक बीमारी भी घर कर जाती है । अतः ऐसे समय में केवल योग द्वारा ही मानसिक संबल पाया जा सकता है । ध्यान योग, प्राणायाम, व्यायाम  आदि के द्वारा हम हर समस्या पर विजय पा सकते हैं ।
स्वस्थ मन में ही अच्छे और सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं अतः सभी लोग  व्यायाम अवश्य करें ।
- छाया सक्सेना प्रभु
जबलपुर - महाराष्ट्र
बैठ बैठ कर वजन बढ़ने के टेंशन लेने से तो व्यायाम करें तनाव मुक्त रहे स्लीम ट्रिम रहे । 
दुनियाभर में मचे कोरोना से कोहराम के दौरान  देश में 21 दिनों का लॉकडाउन किया जा चुका है। लोग अपने घरों में कैद हो कर रह गये हैं। वहीं कुछ लोग अपने घर से ही ऑफिस के काम को वर्क फ्रॉम होम के जरिये अंजाम दे रहे हैं। जाहिर सी बात है कि लोग मानसिक रूप से जहां परेशान हैं तो वहीं शारीरिक तौर पर भी अनफिट महसूस कर रहे है। जिसकी वजह है एक ही जगह पर लगातार बैठ रहना। तो आइए आपको बॉडी फिट रखने के लिये कुछ विशेष व्यायाम बताते हैं जिनसे आप शरीर में ऊर्जा महसूस कर सकेंगे। 
ज्यादातर लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं जिससे एक ही अवस्था में बैठ रहने से नसें सख्त होजाती हैं और कंधे अकड़ जाते हैं। कंधे और गले में तेज दर्द होने लगता है। शरीर का लचीलापन कम हो जाता है। जिससे तनाव और चिड़चिड़ाहट भी होती होने लगती है। इससे निजात पाने के लिये ऐसे योगासन करें जिनसे शरीर में लचीला पन आए साथ ही शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन की सप्लाई अच्छे से हो सके। 
इसके साथ ही आप कुछ अन्य व्यायाम भी कर सकते हैं इन व्यायाम के द्वारा आप शरीर को लचीला बना सकते हैं। आइये समझते हैं। 
कोई भी व्यायाम करने से पहले शरीर को वॉर्म अप करना बेहद जरूरी होता है। इससे शरीर पर अतिरिक्त तनाव और दबाव नहीं  पड़ता है। आप हल्की जॉगिंग करने पर विचार कर सकते हैं। कम से कम 10 से 12 मिनट वॉर्मअप कर सकते हैं ।
आप जमीन पर सीधे खड़ा हो कर अपने लेफ़्ट हैंड को सिर के ऊपर से पीछे ले जाएं। फिर पीठ को छूने की कोशिश करें। फिर बाएं हाथ से दाएं हाथ की कलाई को पकड़ कर खींचे । ऐसा करीब 1 मिनट तक करें। 
आप अपनी रीढ की हड्डी को सीधा कर के बैठे, अब बाए हाथ को दाहिने हाथ से पकड़ें फिर दोनों हाथों को पीछे ले जाएं ।ऐसा करने पर आप की छाती में खिंचाव होगा और आप चुस्त महसूस करेंगे।
आप अपने घुटने को छाती तक लेकर आएं। ऐसा कई बार दोनों पैरों को बदल कर करें। इस व्यायाम के दौरान 15 सेकेंड का ब्रेक भी लें 
योग करें और तरोताज़ा रहे 
- डॉ अलका पाण्डेय
मुम्बई - महाराष्ट्र
लॉकडाउन के चलते व्यायाम घर पर ही करना चाहिए| व्यायाम नहीं करेंगे तो तन-मन व्याधि ग्रस्त हो जाएगा| स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है| मन स्वस्थ होगा तो विचार शुद्ध होंगे| विचार शुद्ध होंगे तो इंसान, इंसान ही नजर आएगा| नहीं तो इंसान हिन्दू-मुसलमान, अगड़ा-पिछड़ा और जाने क्या-क्या दिखाई देगा| वर्तमान की विकट परिस्थितियों में वैचारिक शुद्धता समय की मांग है| वैचारिक शुद्धता ही राजनीति द्वारा प्रायोजित सांस्कृतिक प्रदूषण से बचा सकती है| वैचारिक शुद्धता व्यायाम द्वारा ही संभव है| वर्तमान में व्यायामशाला, स्टेडियम व पार्क व वे तमाम स्थान जहाँ व्यायाम किया जाता था| जाना वर्जित है| ऐसे में व्यायाम घर ही किया जाना संभव है| व्यायाम करते रहिए ताकि निरंतरता बनी रहे| 
-विनोद सिल्ला
टोहाना - हरियाणा
लाॅक डाउन में प्रतिदिन घर पर ही व्यायाम करना ,कोरोना को हराने में हमारी एक छोटी सी भागीदारी होगी ।अगर हम  प्रतिदिन  व्यायाम नहीं करते हैं तो एक अच्छी आदत के रुप में जीवन में बदलाव होगा ।वैसे भी बैठे -ठाले के दिनों में बेकार की चर्बी को निकालना जरुरी है ।आइये हाथ -पाँव पसारें और स्वस्थ रहें ।
- कमला अग्रवाल
गाजियाबाद - मध्यप्रदेश
 लोगों को टाइमपास करने और  व्यायाम से स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए अवश्य प्रतिदिन सुबह शाम अपने कामकाज से निवृत्त होकर योगा और  व्यायाम अवश्य करें। इससे स्वास्थ्य लाभ मिलेगा और मन में अशांति बना हुआ है। योगा से मन कुछ समय के लिए  शांत रहेगा ।मनुष्य को योगा के साथ-साथ  श्रम और सेवा का भाव मन मे बना रहे।  लॉक डाउन से  व्यायाम कर समय का सदुपयोग करें।
- उर्मिला सिदार
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
जी हाँ। व्यायाम शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए अन्य दिनों में भी जरूरी है। तो इस समय उसकी ज्यादा ही आवश्यकता है । क्योंकि इस वक्त हम घर में ही बैठे हैं । हाथ -पैर कम गतिशील हैं । 21 दिन में उनमें शिथिलता आने का खतरा बढ़ जाता है ।सुचारू रूप से उनकी कार्यक्षमता को बनाये रखने के लिए व्यायाम बहुत ही जरूरी है ।
सामान्य दिनों में किये जाने वाले कसरत से ज्यादा ही कसरत जरूरी है । जो लोग सामान्य दिनों में नहीं करते थे , उन्हें आज कल तो अत्यावश्यक कार्य समझ कर करना चाहिए ।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार

" मेरी दृष्टि में " लॉक डाउन के चलते मानसिक स्तर पर स्वास्थ्य रहने के लिए सभी को अपने - अपने घर पर व्यायाम अवश्य करना चाहिए । 
                                                         - बीजेन्द्र जैमिनी






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  1. जीवन में सफलता की पहली शर्त है स्वास्थ्य l कमजोर मनोबल से व्यक्ति का मनोबल टूट जाता है l इस मंच से अनेक प्रकार की जानकारियाँ प्राप्त हो जाती है l
    आभारी l
    डॉ .छाया शर्मा ,अजमेर

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  2. निरन्तर अच्छी व सार्थक चर्चा के लिए जैमिनी जी का आभार व सम्मिलित मित्रों को बहुत बहुत बधाई व शुभकामनाएं
    शशांक मिश्र भारती

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