क्या अभी खतरा गया नहीं , मजबूती से करें कोरोना का मुकाबला ?
कोरोना का खतरा अभी गया नहीं है । लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता है । सावधानी हटी , खतरा बढा । लोगों को याद रखना चाहिए कि सावधानी में ही कोरोना से मुकाबला सम्भव है । यही " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते हैं : -
बिल्कुल सही है अभी कोरोना का खतरा खत्म नहीं हुआ है। अभी जैसी तस्वीर दिखाई दे रही है वैसी वास्तव में नहीं है क्योंकि खतरा अभी भी सर पर मंडरा रहा है। इस खतरे के साथ ही हमें गतिविधियों को चालू करना होगा पंरतु पूरी तरह निर्देशों व आदेशों का पालन के सहित। अगर हम एहतियात नहीं बरतेंगे तो अपने साथ कई जिंदगानियों को बर्बाद करेगें और देश का भारी नुकसान करेंगे जिससे देश गर्त में जा सकता है। अतः हम सबको कोरोना से डटकर मुकाबला करने के लिए घर में रहकर निर्देशों व आदेश का पालन करके अपना व देश का भला करना चाहिए। ताकि कोरोना से बचा जा सके।।
- हीरा सिंह कौशल
मंडी - हिमाचल प्रदेश
अभी इस महामारी का संकट टला नहीं है और दिनों को दिन बढ़ता ही जा रहा है क्योंकि कुछ लोग इस समाज में इसको बम की तरह फैला रहे हैं वे लोग घर के अंदर रहकर नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं और वह लोग इस महामारी को मजाक के रूप में ले रहे हैं इधर-उधर घूम रहे हैं उसकी गंभीरता को कोई नहीं समझ पा रहे हैं मानव जीवन तो संघर्ष का नाम है।
हर अंधेरे के बाद उजाला होता है हर महीने में शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष भी होते हैं जीवन में कुछ भी शाश्वत नहीं होता है और ना कुछ भी स्थिर है एक दिन जरूर हमें इसमें सफलता मिलेगी।
- प्रीति मिश्रा
जबलपुर - मध्य प्रदेश
लॉकडाउन समाप्त होने को आ गया है पर क्या अभी खतरा समाप्त हो गया है, शायद अभी नहीं जी हाँ, सही सुना आपने
अभी कोरोना का खतरा समाप्त नहीं हुआ है वरन अभी तो खतरा ओर अधिक बढेगा क्योंकि देश में कोरोना की तीसरी स्टेज अभी प्रारंभ नहीं हुई है अतः अभी सुरक्षा बरतना ही मुख्य उद्देश्य होना चाहिए कोरोना के लिये अभी तक कोई भी वैक्सीन नहीं निर्मित हुई है इसलिए दूरी ही एकमात्र विकल्प रह जाता है जिसे अपनाना ही इससे डटकर मुकाबला करा सकता है। अभी हमे सरकार द्वारा बताये गये सभी दिशा-निर्देशों को अपनाना होगा। चूकि कोरोना हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है अतः आयुष मंत्रालय द्वारा जारी विभिन्न उपायो का उपयोग करते हुए स्वयं वैद्य बनकर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाना होगा ताकि यह हमे किसी भी प्रकार से प्रभावित ना कर सकें।
लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करके भी इससे अधिक मुकाबला किया जा सकता है अतः अभी जश्न ना मनाते हुए हमारा एकमात्र लक्ष्य कोरोना से कड़ा मुकाबला करके इसे हराना है। याद रखियेगा "सावधानी ही बचाव है"
- विभोर अग्रवाल
धामपुर - उत्तर प्रदेश
कभी-कभी समय हमें विकट परिस्थितियों पर लाकर खड़ा कर देता है। ऐसे में कोरोना का खतरा आज का प्रमुख विषय है। क्या अभी खतरा गया नहीं.... बिल्कुल सही.. खतरा अभी गया नहीं.. क्योंकि अभी जो आंकड़े प्रतिदिन सामने आ रहे हैं। यह आंकड़े उन लोगों के हैं जिनके सैंपल पैथोलॉजी से जांच के द्वारा निकल रहे हैं। ऐसे में हमने अभी देखा कि रमजान में कहीं-कहीं बाजार गुलजार होते नजर आ रहे है। वहां जिस तरह भीड़ एकत्र हुई थी।ऐसे में आगे आने वाले समय में क्या स्थिति हो सकती है। या जो लोग जिन्हें अभी मालूम ही नहीं है कि हम संक्रमित हैं। ऐसे में यह कहना बहुत मुश्किल है। कि हम सब लोग जो वास्तविक रूप से घरों में हैं वह तो सुरक्षित है ही.. लेकिन अभी बाजारों से दूध, सब्जी, फल, पेपर आदि वितरक हमें हर तरह का सामान उपलब्ध करा रहे हैं। वह हमारे पास किस सुरक्षा के साथ पहुंच रहा है, यह एक बड़ा प्रश्न है!ऐसे में हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना है या रख रहे हैं और किस तरह से रख रहे हैं यह बहुत बड़ा प्रश्न है.. क्योंकि जनता कुछ नियमों का पालन कर रही है कुछ नियमो का उल्लंघन कर रही है।ऐसे में हम कितने प्रतिशत सही है.. यह कहना अभी बड़ा ही मुश्किल सा लग रहा है अभी तक हम सभी कोरोना का मुकाबला प्रशासन के नियमों को मानकर मजबूती से कर रहे हैं। लेकिन जाने-अनजाने हम कहीं ना कहीं यदि कुछ चूक कर भी रहे हैं। तो यह बड़ा प्रश्न है..क्योकि कोरोना के पहले लक्षण सर्दी खांसी गले की खराश आदि दिखाई देते थे। लेकिन अब कहीं -कहीं उसके यह लक्षण नजर नहीं आने के कारण कोरोना पॉजिटिव लोग भी बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में बहुत ही सावधानी से इस महामारी कोविद 19 से हमें समझदारी और सूझबूझ से इसका सामना करना होगा। हमारे आसपास जो हो रहा है उन क्रिया कलापों पर अपनी पैनी नजर रखते हुए सावधानी से इस कोरोना का मुकाबला कर विजय प्राप्त करनी होगी ।
- वंदना पुणतांबेकर
इंदौर - मध्यप्रदेश
कोरोना का खतरा अभी कहीं नहीं गया है । देश में, विश्व में इससे प्रभावित लोगों की संख्या और इससे होने वाली मौतों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है। यह खतरा अभी विश्व पर मंडरा रहा है। जिन स्थानों पर यह मान लिया गया था कि कोरोना का उन्मूलन हो गया है, अब पुन: उन स्थानों पर इससे प्रभावित मरीज सामने आने लगे हैं। अभी इसका कोई इलाज भी नहीं खोजा जा सका है। केवल और केवल बचाव ही हमें सुरक्षित रख सकता है। इससे मुकाबला करने के लिए लाकडाउन, सैनिटाइजेशन, क्वारेनटाइजेशन, हाथों का बार-बार धोना, आयुष मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित काढ़ा(अदरक या सोंठ,काली मिर्च, तुलसी और दाल चीनी से तैयार) आयुष क्वाथ का नित्य सेवन करना,
गर्म पानी पीना और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना ही वह हथियार हैं जो हमें कोरोना से मुकाबले में जीत दिला सकते हैं। सावधानी हटी, दुर्घटना घटी से भी भयंकर हाल है इन दिनों।पल भर की चूक कितनों को ही संक्रमित कर सकती है। समय नहीं यह चूक का, रहिएगा सावधान, रहो सुरक्षित स्वयं भी,औरों पर दो ध्यान।
- डॉ. अनिल शर्मा'अनिल'
धामपुर - उत्तर प्रदेश
खतरा अभी गया नहीं है। हमारा पाला ऐसे अदृश्य शत्रु से पड़ा है कि हम केवल बचाव ही कर सकते हैं कोई आक्रमण नहीं। आज ही समाचार में देखा कि पिछले 24 घंटों में देश में सबसे ज्यादा 73 लोग कोरोना से मरे हैं। हालांकि कहा जा रहा है कि खतरा कुछ कम हो जाएगा लेकिन बहुत जल्द भी नहीं। हमें अभी कई दिन और सम्हल कर चलना होगा। ये कहना जल्दबाज़ी होगी कि खतरा टल गया है।
- मनोज पाँचाल
इंदौर - मध्यप्रदेश
ख़तरा टला नहीं है और अभी सालों लग जायेगे इससे निपटने के लिये ....
बाहर जाने के बाद यह तय नहीं रहता कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण कब और कितनी तीव्रता को होगा. लेकिन डर तो बना रहता है कि बाहर जाऊंगा तो कहीं ऐसा न हो कि मैं भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो जांऊ.
तो यह डर सही है और घर में रहे सुरक्षित रहे ....
कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है. लोग डरे हुए हैं. आते-जाते एकदूसरे को शक भरी निगाहों से देख रहे हैं. कोई छींक या खांस दे रहा है तो उससे दूर हट जाते हैं. बाजारों से सैनिटाइजर और मास्क गायब हो रहे हैं. आपको जरूरी सामान लेने या किसी न किसी बेहद जरूरी काम से एकबार के लिए ही सही लेकिन बाहर तो जाना पड़ेगा.
बाहर जाने के बाद यह तय नहीं रहता कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण कब और कितनी तीव्रता को होगा. लेकिन डर तो बना रहता है कि सब्जी लेने जाऊं. या उस दुकान से राशन का सामान ले आऊं. कहीं ऐसा न हो कि मैं भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो जांऊ.
बेशक कोरोना का संक्रमण दुनिया भर को अपनी जद में ले चुका है। भारत भी तीसरे स्टेज की ओर अग्रसर है। कई इलाकों में तो यह इस स्तर तक पहुंच भी चुका है। इसके बावजूद यह आंकडे बेहद चौंकाने वाले हैं कि लोग कितने ही लोग ऐसे हैं जिन्हें आज भी लगता है कि कोरोना का भय जरूरत से ज्यादा बढा-चढाकर पेश किया जा रहा है।
एक सर्वेक्षण के मुताबिक निम्न आय वर्ग और शिक्षा के निम्न स्तर वाले करीब 50 प्रतिशत लोगों का मानना है कि कोरोना वायरस का खतरा कोई अतिश्योक्ति नहीं, बल्कि वास्तविक है। यह बात आईएएनएस-सी वोटर कोविड ट्रैकर में सामने आई है। यह सर्वेक्षण बताता है कि इस खतरनाक वायरस के बारे में लोगों की जागरूकता का स्तर बढ़ रहा है, क्योंकि लोगों को विभिन्न माध्यमों से सूचनाएं मिल रही हैं। लेकिन, विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों में जागरूकता की प्रवृत्ति सुसंगत नहीं है।
फ़ैशन में दाढ़ी रखना भी वायरस को बढ़ावा देना है , मूँछों और दाढ़ी कोरोना के वायरस को बढ़ावा दे सकती है क्लीन सेव रखना भी सुरक्षा है यह डाक्टरों का कहना है
हमें हम ख़तरे से बचाव करना है
सावधानी पूर्वक रहे निर्देशों का पालन करें तभी कोरोना से बच कर हम अपनी समाज की व देश की सहायता कर ख़तरे को बढ़ने से रोक पायेगे
सावधान - बात मानो हमारी
ना हाथ मिलाओ न गले मिलो
अपनी जान बचाओ करबद्ध मिलो ।।
ना कोई इलाज, ना टीका ना इसकी कोई दवा खोज पाये है ।
हे ईश्वर यह क्या दिन आपने दिखायें
क्यो भेजी यह महामारी हम घबरायें ।।
काम कर रहे हैं घर के सेठ सेठानी
घर बैठ पगार पाये सारे नौकरशाही ।।
काम धंधे हो सब चौपट
पेट की आग बढ गई दुपट ।।
नये कपड़े अलमारी में रो रहे
पाजामा और गाउन खुब हंस रहें ।।
घर में बंद सारे सैर सपाटे, बंद होगये सब विदेश भ्रमण
अब तो चारों धाम, घर क रसोई और कमरों का भ्रमण ।।
सूने पड़े सारे होटल मयखाने, ना कहीं चाट ना कहीं मिठाई
घर की दाल रोटी खाओ और मधुर वचन कह कर रहो खुश,
मीठी बोली ही अब कर रही काम मीठाई
हे ईश्वर यह क्या दिन आपने दिखायें
क्यो भेजी यह महामारी हम घबरायें ।।
हाथों को धोएं बार बार, मुँह पर चढ़ाए मास्क
आँखों से न बहाए अब जएक भी अश्क ।।
चेहरे को रखो चिकना , दाढ़ी मुछों पर उस्तरा चलाओ,
हिरो बन कर रहो मस्ताने गीत घुम घुम कर सुनाओ ।।
घर गली , मोहल्ला , शहर रखें साफ़, इसमें ही सबकी भलाई है
बहार से लोगों से जितनी दूरी होगी उतनी ही सबकी भलाई है ।।
हे ईश्वर यह क्या दिन आपने दिखायें
क्यो भेजी यह महामारी हम घबरायें ।।
घर में रहें सुरक्षित और प्रभु भजन करते रहें
प्रभु जी करेंगे बेड़ा पार प्रार्थना करते रहे ।।
जब जब मुसीबत आई है, उसने ही रहमत बरसाईं है
उसकी दया से ही हमने हर मुसिबत में हिम्मत पाई है ।।
हे ईश्वर यह क्या दिन आपने दिखायें
क्यो भेजी यह महामारी हम घबरायें ।।
- डॉ अलका पाण्डेय
मुम्बई - महाराष्ट्र
कोरोना का खतरा कभी जाने वाला नहीं है । जब तक दवा नहीं निकलती है तब तक सावधानी बरतनी जरूरी है । इसके बाद वह आम बिमारियों की लिस्ट में आ जायेगा - जैसे मिजिल्स, स्माल पॉक्स, एड्स हैं। तब तक इसके मिजाज का भी पता चल जाएगा । हम इलाज की सही दिशा को समझ सकेंगे । इसी क्रम में अभी बिहार में 'चमकी बुखार' है, दिल्ली में डेंगू है। तो कहना चाहती हूँ कि बीमारी जो आती है वो जाने के लिए नहीं होती । कहीं-न-कहीं वह एक कोना ढूंढ लेती है।हमें जीने का तरीका बदलना पड़ता है । कोरोना ने तो जनसंख्या की वृद्धि पर भी प्रहार किया है ।
महाराष्ट्र में 'धारावी' इसका सबसे बड़ा उदाहरण है । जहाँ जनसंख्या ही ज्यादा परेशानी का कारण बन रहा है । दूरी तभी बन सकती है जब जनसंख्या कम होगी ।
दूसरी बात दिल की मजबूती तो हर जंग को जीतने के लिए जरूरी है । डेंगू को ही लें कइयों को निगल गया । लेकिन कई ठीक भी हुए । तो बीमारी कोई भी हो हमें मजबूती से मुकाबला करने का संदेश ही देती है। केवल शर्त है उसके लिए निर्धारित अनुशासन का पालन करें । नियमों की अनदेखी की कीमत ही भारी पड़ती है । इसलिए खुद भी स्वस्थ्य रहिए और दूसरों को भी मदद कीजिये ।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
नहीं नहीं, हम कैसे सोच सकते हैं कि कोरोना वायरस नामक इस बीमारी का खतरा टल गया है। एक महीने से भी ऊपर हो गया है कोरोना वायरस के इस ग्राफ को, जो लगातार बढ़ता ही जा रहा है। रुकने का नाम ही नहीं ले रहा। सवाल तो यह उठ रहा है कि यह महामारी हमारे देश से कब खत्म होगी।
निश्चित रूप से तो यह कहा ही नहीं जा सकता कि इसका खात्मा होगा भी या नहीं। कई वर्ष भी लग सकते हैं।पूर्ण रूप से कभी कोई बीमारी खत्म हुई है क्या? और फिर यह तो अदृश्य वायरस है जो किसी भी व्यक्ति के माध्यम से फैल रहा है और आगे भी ना जाने कितने लोगों को अपनी चपेट में ले लेगा।
जिस प्रकार शत्रु छिपकर वार करता है ठीक उसी प्रकार यह अदृश्य वायरस भी देश के ही नहीं अपितु पूरे विश्व पर वार पर वार करता जा रहा है जिसका मुकाबला करने में कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही। इसका सबसे बड़ा इलाज यही है कि हमें अपने आप को शांत रखना होगाऔर घरों तक ही सीमित रहना होगा।
आमजन से मेरा अनुरोध है कि हम कोई भी ऐसा कदम ना उठाएं जिससे आशंका कायम हो। जान है तो जहान है। हमें तालाबंदी को तब तक अपनाना होगा जब तक यह बीमारी अर्थात महामारी नियंत्रण में ना आ जाए। अब हमें कोरोना को पॉजिटिव नहीं होने देना बल्कि इसे नेगेटिव बनाना है।तभी शायद हम इस महामारी पर शिकंजा कस पाएंगे। - मधु गोयल
कैथल - हरियाणा
पिछले 5 सप्ताह से देश का हर एक नागरिक लोकडाउन के चलते घरों में कैद होकर रह गया है । शिक्षा, व्यापार और देश की आर्थिक स्थिति तो डाबाडोल नजर आ ही रही है , वही देश में भुखमरी के आसार भी प्रतीत होने लगे है । अभी तक लोकडाउन को दो बार बढ़ाया जा चुका है । और देश में प्रतिदिन बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए हर किसी के मन मे बस एक ही सवाल है कि आने वाली 3 मई को लोकडाउन खुलेगा कि नही ? हर किसी की आंखे मानो इसी सवाल के जवाब की तलाश कर रही हो कि देश से कोरोना का खतरा कब तक जाएगा और कब लोग इस कैद से आजाद होंगे और कब उनकी जिंदगी अपने प्लेटफार्म पर आ जायेगी ?
देश मे प्रति 24 घण्टो में दो हजार व्यक्ति कोरोना से संक्रमित पाए जा रहे है । और यह तब है जब देश मे पूर्णरूप से लोकडाउन है और मेडिकल जैसी जरूरी सेवाओ के अलावा किसी भी तरह की छूट नही है । ऐसी स्थिति को देख लोकडाउन खत्म करने की सोच संकट बढ़ाने की बात होगी । यह शायद ही किसी व्यक्ति को बताने की जरूरत पड़ेगी कि यदि प्रति 24 घण्टो में दो हजार व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जा रहे है , तो हम कैसी स्थिति में है ? और हम कितने पानी मे है । एक जरा सी चूक देश मे क्या तांडव मचा सकती है , ये सीख हम अमेरिका को देख कर भी ले सकते है । जहां न के लोगो को दफनाने के लिए जगह नही बची है बल्कि लोगो के इलाज के लिए जगह शेष नही है ।
इसीलिए इस महामारी से बचने का महज एक ही कारगर उपाय है , जिस पर पिछले पांच सप्ताह से भारत कायम है कि मास्क का प्रयोग कर सोशल डिस्टनसिंग को अमल में लाये । इसीसे कोरोना को हराया जा सकता है । अन्यथा जो खतरा देश की आर्थिक स्थिति और लोगो के जीवन पर मंडरा रहा है , उससे पार पाना असंभव है । पूर्णरूप से लोकडाउन रहते लोगो के जीवन मे मुश्किलें आना लाजमी है परंतु यदि इसी कठनाई को सहते हुए हमने परिस्थितियों का मुकाबला कर लिया तो शीघ्र ही भारत कोरोना मुक्त हो जाएगा ।
- परीक्षीत गुप्ता
हीमपुर दीपा - उत्तर प्रदेश
वैश्विक बन चुकी कोरोना संक्रमण महामारी से दुनिया मे तबाही मची हुई है। विश्व भर में कोरोना से 2 लाख 13 हजार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 31 लाख से अधिक लोग इस बीमारी से संक्रमित है। भारत मे भले ही दुनियां की अपेक्षा कोरोना पर नियंत्रण है इसके वाबजूद अभी संभलने में कई महीने लग जायेंगे। देश मे अब तक कोरोना से 1007 लीगो ने दम तोड़ा है, जबकि 31 हजार लोग संक्रमित हैं। इस बीच एक अच्छी खबर यह है कि कोरोना से 7700 लोग ठीक भी हुए है। देश के महाराष्ट्र, दिल्ली, यूपी, एमपी, जुगरात, ओडिसा, बंगाल, बिहार में स्थिति बहुत ही खराब है। इसके साथ ही झारखंड की राजधानी रांची हॉट स्पॉट बना हुआ है। 3 मई के बाद देश के कई राज्यों में लॉकडाउन टूटने के आसार दिख रहे हे। पर उसके बाद भी बहुत सारी पाबंदिया जारी रहेगी। लॉकडाउन टूटने के बाद लाखों की संख्या में मजदूर व आम नागरिक अपने अपने राज्यों में दुसरे राज्यों वापस लौटेंगे। इस परिस्थिति में उनकी जांच होगी जो बड़ी समस्या होगी। कोरोना एक तरह से छुआ छुत की बीमारी है जो एक दुज़रे के संपर्क में आने से होता है। इस पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी देशवासियों से आग्रह करते हुए एक दुज़रे से दो गज दूर रहने की सलाह दी है। इस परिस्थिति में कोरोना से अभी और भी मजबूती से मुकाबला करना होगा क्योंकि खतरा अभी गया नही है।
- अंकिता सिन्हा कवयित्री
जमशेदपुर - झारखंड
कोरोना वायरस दुनिया के लिए एकदम नया है। इसका खतरा कैसे और कब रुकेगा, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता और विभिन्न देशों में इस पर रिसर्च जारी है लेकिन यह निश्चित है कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। भारत सहित विश्व के अनेक देशों में दिन-प्रतिदिन नये केस सामने आ रहे हैं और निकट भविष्य में क्या स्थिति होगी, नहीं कहा जा सकता। हम कोरोना के खतरे को रोकने में तो वर्तमान में असमर्थ हैं परन्तु हमें मजबूती से कोरोना का मुकाबला करने के लिए स्वयं को मानसिक और शारीरिक रूप से सक्षम बनाना होगा।
लाॅकडाउन कोरोना के विस्तार को नियन्त्रित करने में अत्यन्त प्रभावी कदम है परन्तु एक निश्चित अवधि के पश्चात सामाजिक और आर्थिक रूप से यह भी नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करेगा। यह सर्वविदित है कि कोरोना के खतरे को रोकने के लिए सामाजिक दूरी ही सबसे कारगर कदम है। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए प्रत्येक व्यक्ति अपनी प्रतिरोधक क्षमता, इच्छाशक्ति की प्रबलता बनाये रखे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस समय सभी को संयम, धैर्य बनाये रखते हुए भारतीय संस्कृति की परम्पराओं का पालन करते हुए योग-ध्यान की क्रियाओं द्वारा स्वयं के शारीरिक और मानसिक बल में वृद्धि करनी होगी तभी हम मजबूती से कोरोना रूपी महामारी का सामना कर सकेंगे।
भयाक्रांत है जग सारा, हतप्रभ इससे मानवता सारी।
निश्चित है इच्छाशक्ति से, विजित होगी यह बीमारी।।
इस समय तो लाॅकडाउन जारी है और अपने घर में रहकर ही हम कोरोना से बच सकते हैं। साथ ही जो कोरोना योद्धा हैं उनकी भरपूर सराहना करते हुए हमें उन्हें शक्ति प्रदान करनी है ताकि हमारे साथ-साथ वे और अधिक मजबूती से कोरोना के खतरे का मुकाबला कर सकें।
समय कठिन पर निदान केवल, घर पर रहना है हमारा।
नमन-वन्दन कोरोना योद्धा को, प्रथम कर्तव्य है हमारा।।
-सत्येन्द्र शर्मा 'तरंग'
देहरादून - उत्तराखण्ड
आज हम सब अपनी जागरूकता के कारण कोरोना पर काफी सीमा तक नियंत्रण पा चुके हैं और इसमें हमारे देश के डाक्टर, पुलिस और सोशल मीडिया की अहम भूमिका रही है और यह भी तय है कि इस तरह सबके साथ और दृढ़ से निश्चय से कोरोना पर पूर्णतः जीत हासिल कर लेंगे। परन्तु उसके बाद भी हमें मजबूती से इसका मुकाबला करना होगा आज चाहे हम काफी सीमा तक सुरक्षित है परंतु अभी भी खतरा पूरी तरह टला नहीं है हमें अभी भी घर पर रहते हुए उन सभी नियमों का पालन करना चाहिए। क्योंकि बात केवल हमारी नहीं बल्कि हमारी सावधानी पूरे परिवार की सुरक्षा के लिए अतिआवश्यक है और यह तो सभी जानते हैं कि हम भारतीय अपने परिवार की सुरक्षा के लिए अपने आप पर कोई भी संकट ले सकते हैं और यहा तो बात मात्र कुछ आसान से नियमों का पालन ही करना है। अतः कोरोना का खतरा अभी भी है और यदि एक व्यक्ति भी लापरवाही बरतता है तो पूरा देश इसके चंगुल में फिर फंस जायेगा।
मजबूती से करें कोरोना का मुकाबला
क्योंकि अभी खतरा नहीं टला
सरल नियमों का कठोरता से कर पालन
निकाल फेंकना है आईं है जो बला
- ज्योति वधवा"रंजना"
बीकानेर - राजस्थान
जी हां अभी खतरा टला नही दुनियाँ के हालात देख कर हम कह सकते हैं कोरोना वायरस फैलने को बेताब हैं ओर हमारें प्रधान सेवक हर आर्थिक नुकसान सह कर भी मानवता को बचाने को त्तपर हैं क्यां डाॅक्टर नर्सेस हर किमत पर करोना को मात देने में दिन रात एक कर रहे हैं अपनी जान हथेली पर रखकर पुलिश भी सरकारी नियम कानुन का पालन करवाने में लगे हुये हैं वही समाज सेवक भी पिछे नही हैं वे भी कईयों की भुख मिटा रहें है भोजन पानी की व्यवस्था कर रहे हैं यह सभी लोग अपने अपने स्तर पर कोरोना को हराने में लगे है क्यो की ये सब जानते हैं खतरा अभी टला नही है कुछ अपवादो को छोड दे तो जनता भी हर स्तर पर सहयोग कर रही है सभी समझ रहें हैं खतरा अभी टला नही है कुछ हमें समझना है वह यह की जब तक हमारे गाॅव शहरो से कोरोना मुक्त होगे जब एक भी कोरोना का कैश नही मिलेगा तब जाकर हम कुछ नियम के तहत कोरोना वायरस पर विजय प्राप्त कर सकते हैं घर पर ही रहें सुरक्षीत रहें कोरोना वायरस को हम हरायें यह विश्वास रखे ।
- कुन्दन पाटिल
देवास - मध्यप्रदेश
कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है कुछ कुछ जगहों में तीव्रता कम हुई है पर अधिकांश क्षेत्रों में यह यथावत बनी है।
थोड़ी सावधानी और धैर्य की आवश्यकता है यह ख़तरा भी टल जाएगा।हर रात के बाद सुबह होती है। जीवन चक्र है कुछ भी स्थिर नहीं है थोड़ा ठहराव अवश्य आ गया है वह भी गुजर जाएगा। मानसिक रुप से इंसान में एक भय अपना घर बना लिया है जिसके कारण हर इंसान स्वछंद होकर काम नहीं कर पा रहा है। आज़ दौलतमंद इंसान के जीवन में वही लाचारी है जो आम इंसान के साथ है। कहा जाता है कि बूंद बूंद से घड़ा भरता है उसी तरह एक एक इंसान मिलकर समाज परिवार और देश की रचना हुई है। हर इंसान यदि अपने आप को बचा लेता है तो परिवार समाज और देश को सुरक्षित रखते हैं
इसलिए कुछ समय तक हमे सभी सावधानी रखना नियम पालन करना एकमात्र लक्ष्य होना है
- डॉ. कुमकुम वेदसेन
मुम्बई - महाराष्ट्र
अभी खतरा गया नहीं है, हमें अब और संभलके, सजगता के साथ निर्देशों और नियमों का पालन यथावत करते रहना है। हमारी जरा-सी भी असवाधानी, चूक या लापरवाही के परिणाम भयावह होकर स्वयं की और अन्य के लिए मुसीबत में डाल सकते हैं।
... और अभी तक के किये कराये पर पानी डाल सकते हैं। जिसे हम बोलचाल की भाषा में "रायता फैलाना " भी कहते हैं। यह आपदा जितनी बड़ी और भयानक दिखती है, उससे अधिक ही है। अतः हम सभी भारतवासियों का यह अनिवार्य रूप से कर्तव्य और दायित्व है कि हम इस संबंध में सच्चे नागरिक बनकर धैर्य,शांति और निष्ठा से नियमों और निर्देशों का पालन करें और अपना नैतिक सहयोग करें। हमारी मजबूती ही हमारे सुखद भविष्य का निर्धारण करेगी। अभी का कष्ट, भविष्य में आनंद देगा।
अतः सच्चे नागरिक और अच्छे इंसान बनें।
- नरेन्द्र श्रीवास्तव
गाडरवारा - मध्यप्रदेश
अभी खतरा गया नही है को विड19 की महामारी के खिलाफ जंग अभी बाकी है जो हम सबको मिलकर लड़नी होगी और मजबूत बनना होगा। हमे कोरोना के खिलाफ जंग मे महत्वपूर्ण कदम उठाने होगे कुछ और दिन नियमो का पालन करना होगा घर मे रहना होगा सर्तकता बढ़ानी होगी स्थिति को मजबूत बनाना होगा। बड़े पैमाने पर लोगों की टेस्टिंग करनी होगी लॉक डाउन आगे बढ़ाना चाहिए जिससे देश की स्थिति मजबूत हो । सोशल डिस्टेशिग का पालन करना है संक्रमित व्यक्तियो की संख्या बढ रही हैै सभी को सतर्कता बरतनी होगी देश में रोज पॉजिटिव केस मिल रहे है तो ऐसे में हम कैसे कह दे खतरा टल गया है। लॉक डाउन के चलते हुए भी संक्रमण के केस रोज बढ़ रहे है इसका मतलब कुछ वर्ग सक्रिय नही है
देश बचाना है और खुद बचना है तो सुरक्षा जरूरी है अपनी और अपनो की सभी लोगों से अपील है आवश्यक सेवाओ से जुड़े लोगो के अलावा अन्य बहार न निकले खतरा गया नही है ।
- नीमा शर्मा हँसमुख
नजीबाबाद - उत्तर प्रदेश
यह कहने में अभी भी कोई संकोच नहीं है, कि कोरोना से उत्पन्न हुआ खतरा अभी कम नहीं हुआ है। जैसे जैसे समय बढ़ता जा रहा है, इससे उत्पन्न होने वाला खतरा संक्रमित मरीजों के रूप में और संभावित मौतों के रूप में, निरंतर उग्र रूप भी धारण कर रहा है।लगातार कुछ राज्यों से जिस प्रकार की खबरें प्राप्त हो रही हैं, उनको देखकर यही लगता है कि कोरोना नाम की यह महामारी अपने रूप को और भी भयानक करती जा रही है। अतः मेरा आप सभी से एक ही निवेदन है कि आदरणीय नरेंद्र मोदी जी के निवेदन को स्वीकार करते हुए अधिक से अधिक उनके आदेश का पालन करते हुए अपने अपने घरों पर रहे। कुछ राज्यों द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री जी द्वारा लॉक डाउन की अवधि घटाने पर जो विचार विमर्श किया गया उसमें अधिकांश राज्यों के मुख्यमंत्री ने लॉक डाउन को बढ़ाने के पक्ष में ही अपने विचारों को रखा जो दर्शाता है कि अभी इस महामारी से हम पूरी तरह उबर नहीं पाए हैं और हमें अभी कुछ और दिनों तक सावधानी रखने की आवश्यकता है। समस्त देशवासियों से मेरा विनम्र निवेदन है, कि केवल प्रधानमंत्री अकेले अपने दम पर, इस देश की कोरोणा से सुरक्षा नहीं कर सकते।हम सभी का इस मुहिम में अपेक्षित योगदान होना चाहिए। यदि हम स्वयं को और अपने देश को सुरक्षित करना चाहते हैं तो हमें भी लॉक डाउन में अपने कर्तव्य को समझते हुए, अपने आप को अपने घर पर रखना है। सुरक्षित रहना है, सुरक्षित रखना है। जय हिन्द।
- कवि कपिल जैन
नजीबाबाद - उत्तर प्रदेश
लॉक डाउन से अभी खतरा टला नही है।अभी मुकाबला कम नही हुआ है। ये तो हमारी ईमानदारी और मेहनत का परिणाम है कि कोरोना वायरस आगे नही बढ़ा। और यदि सब ऐसे ही साथ देंगे तो हमारा देश भी कोरोना मुक्त हो सकता है। कर्तव्य कठिन है किन्तु अपने साथ अपनो के लिए नियम का पालन करना चाहिए। मॉक और सुरक्षा कवच साथ मे लेकर चले।
- राम नारायण साहू "राज"
रायपुर - छत्तीसगढ़
आज की तारीख में भारत में करीब साढे 31000 मामले कोरोनावायरस के आ चुके हैं। भारत की आबादी को देखते हैं यहां की स्थिति अन्य देशों की तुलना में अभी भी अच्छी है, परंतु वायरस काफी ताकतवर है । इसका खतरा काफी लंबे समय तक चल सकता है ,इसलिए हमेशा सतर्क रहने वाला है ,हमें सामाजिक दूरी और मास्क को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाना होगा ।यह सच है कि कोरोना से से निपटने के लिए उठाया गया पूर्णबंदी का कदम काफी हद तक कारगर तो रहा है, परंतु कोरोना का खतरा अभी तक टला नहीं है ।
प्रधानमंत्री जी ने मुख्यमंत्रियों से अपनी बात में कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए राज्यों को ,दो गज दूरी ,के मंत्र को ध्यान में रखते हुए चरणबद्ध योजना पर काम शुरू करना चाहिए । क्योंकि विषाणु का खतरा लंबा चलने की आशंका है ।इसलिए अब सबको कोरोना से निपटने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को भी पटरी पर लाने के बारे में योजना बनाकर, उसे अमल में लाना होगा। देश मे अनुसंधान और नवाचार मजबूत किए जाने की आवश्यकता है। हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में लोगों को मजबूती से लॉक डाउन का प्रयोग करना चाहिए ।राज्यों को रेड जोन ,ऑरेंज जोन और ग्रीन जोन की प्रक्रिया को अपनाना होगा।यह वायरस एक ऐसा वायरस है जो बहुत तेजी से फैल रहा है, इसके लिए कोई खास दवा तो बनी नहीं है फिर भी भारतीय चिकित्सक प्रायोगिक तौर पर कुछ मलेरिया की दवा एवं प्लाज्मा थेरेपी के जरिए मरीजों को ठीक कर पा रहे हैं ,यह भारत के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है इससे बेहद सतर्क रहने की जरूरत है आगे भी पड़ेगी ।पीएम के मुताबिक ग्रीन जोन वाले क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए चरण तरीके से काम शुरू करने होंगे। ग्रीन जोन वाले क्षेत्र यानी ऐसे क्षेत्र जहां कोरोना के मामले पूरी तरह से नियंत्रण में है ।
कोरोना का खतरा अभी तक टला नहीं ,ऐसे में जिस व्यक्ति को खांसी जुकाम बुखार के लक्षण दिखे उसे स्वयं ही आगे आकर बताना चाहिए ,ताकि उसकी सुरक्षा की जाए ।
हर व्यक्ति को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना चाहिए यह कोरोना की लड़ाई में मजबूती प्रदान करेगा ।
ग्रीन जोन वाले इलाकों में अगर कार्यप्रणाली शुरू की जाए तो भी सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाकर ही कार्य पर निकला जा सकता है ,अन्यथा तो स्थिति और भयावह होती जाएगी।सारे हालात देखते हुए आज की तारीख मे
हम यह कह सकते हैं कोरोना वायरस का खतरा अभी तक टला नहीं ।यह लड़ाई लंबी चलने वाली है ,अतः हर व्यक्ति को अपना मूड मेकअप करना चाहिए ।कोरोना से बचाव के सारे कायदे अपनाने चाहिए । ज्यादातर सभी भारतीय लोग बचाव के तरीके से परिचित हो चुके होंगे , जो अब भी नहीं जानते हैं उनको भी जानकारी देते रहना चाहिए एवं यथासम्भव मदद करते रहना चाहिए क्योंकि अब हर मनुष्य का यह कर्तव्य बन गया है ।यही देश सेवा है यही मानव सेवा है ।
- सुषमा दिक्षित शुक्ला
लखनऊ - उत्तर प्रदेश
कोरोना के खिलाफ इस जंग में बच्चे बूढ़े सभी डटे हुए हैं। आज 36वे दिन भी हम अच्छी स्थिति में नहीं है। आज हमारे देश मे लगभग 23 हज़ार कोरोना संक्रमित लोग हैं और 1000 से ज्यादा लोग कोरोना का ग्रास बन चुके हैं। ये आंकड़ा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है।लेकिन फिर भी लोग इसकी भयवता को समझ नहीं पा रहे हैं।
आज भी लोग सड़कों पर बेवजह घूम रहे हैं। बिना कारण एक दूसरे से मिल रहे हैं। बिना मास्क और दस्ताने पहने छोटी छोटी चीजों के लिए बाहर जा रहे हैं।सब्ज़ियों व फलों को खरीदते समय औरतें रेहड़ी पर उचित दूरी का ध्यान नही रखती।
लोग लॉक डाउन का संयम से पालन करें। घरों में रहे।
इबादत के लिए भीड़ जुटाने की जरूरत नहीं होती। खुदा अपने बंदों में ही है। घर रह कर अपने इष्टदेव से जुड़ने का, इबादत करने का समय है यह।
हमें अपनी आवश्यकताओं को सीमित करना होगा। खतरा अभी टला नहीं है। 'सतर्कता' और 'संयम' ही इस कोरोना से बचने का रामबाण उपाय है। अगर हमने लॉक डाउन का गंभीरता से पालन नहीं किया तो लॉक डाउन तो बढ़ेगा ही, लेकिन उसके परिणाम कितने विस्फोटक होंगे इसका अंदाज़ा आप सब अमेरिका और यूरोपीय देशों के हाल देखकर लगाया जा सकता है।अंत में बस इतना ही कहूंगी : -
*मंज़िल अभी है दूर,*
*रास्ता भी है काफी।*
*देखो हिम्मत टूटने न पाए,*
*तूफानो के मंज़र है बाकी।*
*गर हौसले हो बुलंद,*
*तो कुछ भी नामुमकिन नही।*
*पत्थरों को भी पिघलना पड़ता है*
*जज़्बों की सौगात, रंग है लाती।।*
- सीमा मोंगा
रोहिणी - दिल्ली
कोरोना का खतरा खत्म होना तो दूर तीव्र रफ्तार से देश और दुनिया में बढ़ रहा है ।चीन, अमेरिका,रूस जैसे विकसित देश में संक्रमित मरीजों की संख्या लाखों -लाख में पहुंच चुकी है।
हमारे देश में भी संक्रमित मरीजों की संख्या तीव्रता से बढ़ते हुए 32000 के करीब पहुंच चुकी है। हमारा देश ग्राम प्रधान देश है ।दूरदराज के गांव में अगर यह वायरस फैल गई तो नियंत्रण कर पाना बहुत ही मुश्किल है।
प्रधानमंत्री मोदी जी ने भी चिंता जताते हुए गांव-गांव के सरपंचों से ऑनलाइन चर्चा कर "दो गज दूरी " का मंत्र पेश किया ताकि संक्रमण को रोका जा सके। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए चरणबद्ध योजना पर काम शुरू किया जा सके ।
मोदी जी ने राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत चौथी बार सभी मुख्यमंत्रियों से बात कर महामारी के कारण उभरती कठिन परिस्थितियों से निपटने के लिए आगे की नीति और योजना पर अमल करने की भी पेशकश की।
जनता को भी मजबूती से करोना का मुकाबला करते हुए एकजुटता का परिचय देने की आवश्यकता है। अगर जन-जन में सतर्कता और सावधानियों पर अमल करने की भावना जाग उठे तो हम इस खतरे पर काबू पा सकते हैं ।
लॉक डाउन के वजह से बहुत हद तक हमारा देश इस महामारी पर नियंत्रण कसे हुए हैं । दूसरे देशों की तरह बुरी हालत में अभी हम नहीं हैं पर थोड़ी सी चूक भी हमारे लिए भयावह स्थिति उत्पन्न कर सकती है। हमारे देश में चिकित्सीय सुविधा भी उन विकसित देशों की अपेक्षा बहुत कम है ।डॉक्टरों के पास भी पीपीई कीट,ग्लबस ,मास्क आदि जरूरी साधन उत्तम गुणवत्ता वाले नहीं हैं ।अस्पतालों की संख्या भी बहुत कम है।
विशेषज्ञों के अनुसार करोना का खतरा अभी समाप्त होने वाला भी नहीं। हमें शारीरिक दूरी बनाए रखना है ,मास्क का प्रयोग करना है, लगातार हाथों को धोते रहना है। मौसम को ध्यान में रखते हुए अन्य बीमारियों पर भी नियंत्रण रखना है ।जो संदेहास्पद स्थिति में हैं उन्हें धैर्य का परिचय देते हुए 14 दिन क्वॉरेंटाइन में रखते हुए खुद को स्वस्थ बनाना है और दूसरों को भी इस रोग से बचाना है। ग्राम प्रधान देश होने के कारण यहां दूर-दराज के गांव में उचित सुविधाओं का पूर्ण अभाव है। इस कारण इस खतरे को भांपते हुए पूर्ण जागरूकता के साथ हमें सावधानियां बरतते हुए डटकर मुकाबला करने की अति आवश्यकता है, ताकि यह महामारी तीसरे स्टेज में न पहुंचे। अगर हम डटकर मुकाबला नहीं किए तो हमारे देश की स्थिति बहुत ही दयनीय व भयावह हो जाएगी। नियंत्रण कर पाना मुश्किल हो जाएगा।
इसलिए मोदी जी के मंत्र' "दो गज दूरी " का पालन करें । सावधान रहें ।सतर्क रहें। गाइडलाइंस का अनुसरण करें और सुरक्षित रहें ।
- सुनीता रानी राठौर
ग्रेटर नोएडा - उत्तर प्रदेश
मानाकि कोरोना का आक्रमण वैश्विक है !
भारत ने इस महामारी को और देशों में फैलते देख सजकता दिखाते हुए ताबडतोब इससे बचने के लिए कदम उठाने के लिये हर नियम लागू किए! प्रशासन ने हर कदम पर जनता को इस महामारी से बचने के उपाय बता एहतियात बरतने को कहा चूंकि यह फैलने वाली बीमारी है ! सबसे बड़ी और खतरनाक बात यह है की इसकी कोई वैक्सीन नहीं बनी है! इससे जान को खतरा है!
कोरोना का खतरा अभी पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं है कुछ स्थानों पर अतिक्रमण कम दिखाई पड़ रहा है किंतु तनिक भी असावधानी बरती तो फिर से पैर फैलाने में समय नहीं लगेगा !प्रशासन तो हमारी कितनी मदद कर रहा है ! हमारे हितैषी बने हमारे डॉक्टर ,नर्स, पुलिस, सफाई कर्मचारी तो हमारे जान की रक्षा खातिर अपनी जान की बाजी दांव पर लगा रहे किंतु कुछ नासमझ अपराधी तत्व उन्हीं पर हमले कर रहे हैं ! इस महामारी से बचने के लिए जो उपाय कहे जा रहे हैं या बताए जा रहे हैं तो उन्हें अमल करें ! दूसरों का नहीं तो अपने परिवार के लिए तो स्वार्थी बन जाए !घर से बाहर ना निकले मास्क पहनकर जाए, सोशल डिसटेंनसिंग रखें, सनिटाइज़र का उपयोग करें अथवा बार बार साबुन से हाथ धोएं !इतनी सी बात समझ नहीं आती दूसरों के लिए कुछ न कर सकते हो तो जो कर रहे हैं उन्हें तो करने दो!
कोरोना के चलते इस लॉक डाउन में तकलीफ तो सभी को आई है सभी वर्ग के लोग चाहे अमीर हो और गरीब किंतु उनकी सोच एक ही है
"जान है तो जहान है "
यह भी सच है कि लोग डाउन में रहना कोई खेल नहीं है फिर भी हमें इस समय अपने नैतिक धर्म और मानवता के गुण को सामने रखते हुए संयम और धैर्य एवं दृढ़संकल्पता लिए मजबूती के साथ कोरोना का मुकाबला करना है !
प्रशासन अकेला कुछ नहीं कर सकता जब तक हम साथ ना दें!
अतः एकता के साथ ,मानवता के सर्वोपरि गुणों के साथ एक दूसरे की मदद कर अपने कर्तव्य का पालन निष्ठा पूर्वक करें तो इसमें कोई संदेह नहीं हम कोरोना को जरूर हरा देंगे !
अंत में कहूंगी सोशल डिस्टेंसिंग रखें ,घर पर रहें और कोरोना को हरायें !!
- चन्द्रिका व्यास
मुम्बई - महाराष्ट्र
कहावत है कि महामारी चींटी बनकर आती है और हाथी बनकर जाती है l इस कोरोना रूपी हाथी से हमें मुकाबला करना है l डरे नहीं ,हमें आत्मविश्वास ,संयम ,विवेक और रणनीति बनाकर इस जंग को जीतना है -
दुनियाँ में वही शख्स है ताजीम के काबिल l
जिसने हालात का मुख मोड़ दिया हो ll
भय ,भूख और ग़रीबी से लड़ते हुए इस राष्ट्रीय आपदा का मुकाबला करना है l मानवता के साथ सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करनी है l ,इमोशनल डिस्टेंसिंग की नहीं l
दूसरों के प्रति सहानुभूति इस संकट काल की सबसे बड़ी मांग है l
आज व्यक्तिगत स्तर पर यह सोचना है कि इस कोरोना जंग में एक सिपाही के रूप में स्वयं की रक्षा करते हुए परिवार ,समाज और राष्ट्र के लिए क्या कर सकता हूँ l
कोरोंना -19से मुकाबले के लिए -
सबसे पहले अपने मन से डर निकाल दें क्योंकि डरी व्यवस्था बड़ी घिनौनी होती है ,"जो डर गया वो मर गया l "
1. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों की पालना करें व समुदाय को प्रेरित करें l
2. परिवार में कोरोना वायरस के लक्षण हो तो एकांतवास चुने तत्काल स्वास्थ्य अधिकारी से सम्पर्क करें l व्यक्तिगत तथा सामूहिक स्वच्छता का ध्यान रखे.
3. अफवाहों से बचें ,अंधानुकरण न करें l
4. सामाजिक उत्तरदायित्वों को राजकीय निर्देशानुरूप ही निभाएँ.
5. बिना किसी प्रमाणिकता के कोई जानकारी वीडियो ,फोटो
सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं करें
6. छींकते व खाँसते समय रुमाल से मुँह ढँके l
7. भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें l सामाजिक दूरी की पालना करें l
8. स्वयं मास्क लगावें ,लोगों से कम बात करें ,बीच बीच में सेनेटाइजर लगावें अथवा हाथ धोये l
9. सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग नहीं करें l स्वयं के वाहन को सेनेटाइज्ड करके उपयोग में लेवे l 10. सभी प्रकार की यात्राएँ निरस्त कर देवें l
11. डॉक्टर से मिलने जा रहे हो तो पूर्व सूचित करें ताकि क्लिनिक को आवश्यकतानुसार मेन्टेन कर
सकें ,संक्रमण की दृष्टि से l
12. छींकने ,खांसने व थूकने वालों से दूरी बनाकर अपनी आंख ,मुँह ,नाक को बार बार न छुए l
13. किसी भी सामान्य साबुन से 20मिनट के अंतर तक अच्छी तरह से हाथ धोये l
14. अफवाहों से स्वयं बचें और दूसरों को बचाये l
कोई भी युद्ध में विजय "श्री "की प्राप्ति हेतु
हियते हि मति सतात हीने सह समागतः l
स्मेसव समतामेति ,विशिष्ठश्च विशिष्टं ll
हीन लोगों की संगति से अपनी भी बुद्धि हीन हो जाती है ,समान लोगों के साथ समान बनी रहती h और विशिष्ठ लोगों के साथ बुद्धि विशिष्ठ हो जाती है -महाभारत l
आपके समूह पर हार या जीत निर्भर करती है l
चलते चलते -
जिंदगी रोज कोई ताजा सफ़ऱ मांगती है l
और बेचारी थकान शाम को घर मांगती है ll तुमसे कैसे मिल कैसे निभाऊं रिश्ते ,
दुश्मन ये कोरोना बहर हाल हुनर माँगता है l
कोरोना कर्मवीर शाम को थकान को दर किनार कर अपने परिवार को दर किनार कर अपने हुनर पर धार लगा रहे हैं l
ऐसे योद्धाओं को मेरा सलाम l
जय हिन्द
- डॉ. छाया शर्मा
अजेमर - राजस्थान
अभी हम कोरोना नामक अदृश्य दुश्मन से लड़ रहे हैं कुछ हद तक सफलता भी मिल रही है,पर अभी खतरा टला नहीं है हमें और मुस्तैदी से इसका मुकाबला करना है।बड़े ही धैर्य और हिम्मत से सरकार और डॉक्टरों द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करना हैं ताकि इस दुश्मन का जल्दी से जल्दी ख़ात्मा हो सके।हर नागरिक का कर्तव्य बनता है कि सरकार ने कोरोना से देश को बचाने की जो मुहीम छेड़ी है उसमे एक अच्छे नागरिक की तरह सरकार का साथ दे।
- संगीता सहाय
राँची - झारखंड
अभी कोरोना जैसी अद्रश्य महामारी के प्रति लापरवाह हो जाना कतई उचित नहीं है । कुछ लोग इसे बहुत हलके में ले रहे हैं इसी का परिणाम है कि पूर्णरूप से इसकी चेन टूट नहीं पा रही है ।
खतरा अभी टला नहीं है । क्योंकि अभी इसकी कोई दवाई या वैक्सीन नहीं बनी है । जैसे दुश्मन घात लगाए बैठा रहता है और मौका मिलते आक्रमण कर देता है उसी प्रकार का दुश्मन यह कोरोना है । ' सावधानी हटी, दुर्घटना घटी ।'
हमें इसको अपनी कड़ी से कड़ी जोड़ने से रोकना अति आवश्यक है । इसकी चेन को हम घर पर रहकर.......एहतियात बरत कर........ अति आवश्यक होने पर ही बाहर निकल कर रोक सकते हैं ।
घर से बाहर निकलते समय मास्को लगाकर कोरोना से लड़ने के हथियार अपने छोटे पर्स या बैग में अवश्य रखने हैं और वो हैं-सेनेंटाइजर, दो मास्क, दो सूती रूमाल, वाइप्स, पानी की बोतल, चश्मा, चाबी, पास ( रेलवे/ बस/ परिचय पत्र ) और आरोग्य सेतु एप को चालू रखना भी नहीं भूलना है ।
इसके साथ ही दूरी बनाए रखना आदि जिन नियमों का पालन करते आ रहे हैं, उनका पालन करना । घर पर पहुंचने पर घर के बाहर ही अपने हाथों, मोबाइल को सेनेटाइज करना । घर के भीतर आकर पूर्ण स्नान करना आदि सावधानियां रखनी भी जरूरी है तभी हम इस महामारी को हराने में पूर्णरूपेण कामयाब होंगे ।
- बसन्ती पंवार
जोधपुर - राजस्थान
नहीं ,अभी पूरे विश्व में यह महामारी का खतरा बरकरार है । हम सब ने जिस तरीके से इस महामारी के लिए लाॅक डाउन के नियमों का पालन किया है ,अभी उसका और भी सख्ती से पालन करने की जरूरत है ।अभी खतरा का बादल हमारे देश पर मंडरा रहें हैं जिससे हम सब को बचना है। इसलिए सरकार जितने एहतियातन कदम उठा रही है उसी का पालन हम सब करें तभी हम सब कुछ हद तक सुरक्षित रह सकते हैं ।यह महामारी धीमी गति से हमारे देश में अपने पांव फ़ैला रही है और लोग इससे प्रभावित भी हो रहें हैं। अतः यह खतरा अभी बिल्कुल बरकरार है । हमें धैर्य और संयम से काम करने की आवश्यकता है। डरना नहीं है इस बीमारी से बल्कि इससे डट कर हम सब को इसका सामना करना है । अभी समय लगेगा इस महामारी के खतरे से बचने में। सारे विश्व के वैज्ञानिकों का समूह इस भयानक बीमारी के वैक्सिन खोज रहीं हैं, हमें उम्मीद है कि जल्द ही वे इस पर सफलता प्राप्त कर लेंगे।अभी तक इस बीमारी की कोई ठोस दवा उपलब्ध नहीं है तो फिर जो उपाय है घर में रहे, सुरक्षित रहें और इस चेन को तोड़ने की मुहिम में सरकार का साथ दें । हम सब ने अब तक जिस तरह से इसका सामना किया है अभी भी उसी होंसले से इसका मुकाबला करने की जरूरत है ।
- डॉ पूनम देवा
पटना - बिहार
वास्तव में अभी कोरोना का खतरा गया नहीं है। कोरोना से संक्रमित लोगों के केस सामने आ ही रहे हैं। कई राज्यों में कई जगहें रेड जोन में हैं अर्थात वहाँ अभी खतरा बरकरार है। तो हम अभी निश्चिंत होने की स्थिति में नहीं हैं।
किसी भी बीमारी का विषाणु सूक्ष्म रूप में आता है और अपना विस्तार करता चला जाता है। इतना सब होने के बाद भी लोगों में लापरवाही देखने को मिल रही है यह हैरानी की बात है। ऐसा करके लोग स्वयं और दूसरों के लिए भी खतरा उत्पन्न कर रहे हैं।
लॉक डाउन किसी भी सीमा तक खुले.... लोगों को इसी तरह लॉक डाउन के नियमों का पालन करना ही होगा, मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ धोना, सैनिटाइज करते रहना, गर्म पानी पीते रहना, काढ़ा पीना, सामूहिक उत्सवों में नहीं जाना, गले न लगना न लगाना, हाथ न मिलाना, दस्तानों का प्रयोग करना घर को डेटॉल और फिनाइल से साफ करते रहना, पौष्टिक भोजन और घर का बना भोजन ही खाना अपनी आदत में शामिल करके जीवन का अंग बना लेना होगा साथ ही अपनी जीवन शैली में भी बदलाव करना होगा।नहीं तो अभी तक के सारे किए कराए पर पानी तो फिर ही जाएगा, जीवन पर मँडराता खतरा और भयंकर हो जाएगा।
अतः पूरी समझाती और सावधानी से जिन नियमों का अब तक पालन किया है उन्हीं नियमों का एक लम्बे समय तक पालन करके कोरोना को अपने देश से भगाएँ।
- डा० भारती वर्मा बौड़ाई
देहरादून -उत्तराखंड
" मेरी दृष्टि में " कोरोना का अब तक कोई स्थाई ईलाज सम्भव नहीं है । इसलिए अभी खतरा गया नहीं है । सभी को मजबूती से लॉकडाउन का पालन करना चाहिए ।
- बीजेन्द्र जैमिनी
सम्मान पत्र
- आज की चर्चा-
ReplyDeleteक्या अभी खतरा गया नहीं?
मजबूती से करें , को रोना का मुकाबला,
Covid-19, वायरस के संक्रमण का खतरा अभी गया नहीं बल्कि बहरूपिया वायरस अपनी पहचान भी बदलने लगा है-
यह तो मोदी जी का परयास है कि समझदार व्यक्ति , ला कडाउन का पालन करके खुद को , अपने को, परिवार को, समाज को, जिले को, अपने देश को इस खतरे से बचाने के लिए -, अ व तार के रू प में डॉक्टर और पुलिस फोर्स -जी जान से जुटी हुई है परंतु कोरोना के संवाहको से बचने के लिए अभी हमें लंबे समय तक social distancing ,self isolation ,होममेड मास्क, होममेड आहार ,शाकाहारी भोजन तथा योग से अपने शरीर को मजबूत करना पड़ेगा।
जब तक हमारे देश में इसकी कोई वैक्सीन नहीं बन जाती -बी पॉजिटिव-, वर्तमान समय अपने सृजन- क्षमता जैसे - कहानी, आदि लिखकर तथा
अपनी अच्छी या दो और परिस्थितियों को स्मरण कर कोरोना के वैश्विक संकट का समझदारी से मुकाबला करना चाहिए हम जीतेंगे -कोरोना को भगाएं गे
रंजना हरित
बिजनौर
कोरोनाकाल के लॉकडाउन में कोरोनामय चर्चा. सभी के विचारों को पढ़ना अच्छा लगा.
ReplyDeleteकोरोना पर चर्चा अपना सार्थक रूप दिखा रही हैं रोज नया विषय नये विचार हमारे सम्मुख आ रहे हैं आभार
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