क्या देश में कोरोना के रिकवरी रेट में तेजी आई है ?

कोरोना वायरस की कोई दवाई अभी तक नहीं बनीं है । जिस के कारण से मौत का आकड़ा बढता ही जा रहा है । परन्तु अपने देश में रिकवरी रेट 48.37 प्रतिशत है । जो अन्य देशों की तुलना में बहुत सही है । यही " आज की चर्चा " का प्रमाण विषय है । अब आये विचारों को देखते है : - 
कोरोना वायरस को फैलते हुये दौ माह से ज्यादा समय हो गया हैं सुरक्षा के उपायो से एव लगातार सौध के चलते ही कौई ईलाज धुन्ड़ा जा रहा हैं कौई सफलतम या कारगर इलाज भले ही हमे न मिल पाया हो पर कुछ हद तक हम कोरोना वायरस को रकने पर काफी सफल रहे हैं बिमारी पर भी पहले से ज्यादा मरिज ठिक हो कर घर जा रहे हैं ओर पहले से कम समय में ठिक हो रहे हैं यह भारत का रिकवरी रेट अभी दुनिया भर से काफी बेहतर चल रहा हैं मृत्यु दर भी 3% के आस पास हैं कोई बढी चिन्ता की बात नही हैं पर हमे आगे ओर सतर्क रहने की जरूरत  हैं ताकी हम अपना रिकवरी रेट ओर सुधार कर सके मृत्यु दर को ओर कम किया जा सकता हैं ओर हम सिघ्र अतिसिघ्र कोरोना वायरस पर विजय प्राप्त कर विजय उत्सव हम मनाये।
- कुन्दन पाटिल 
देवास - मध्य प्रदेश
देश में कोरोना के रिकवरी रेट में  पहले से बहुत अधिक तेजी आई है। और लगातार जनसंख्या बढ़ती जा रही है। इसे रोकना अब कठिन होते जा रहा है। अब वक्त है कि आत्मनिर्भर होकर जिये इसके अलावा कोई रास्ता नही है। इससे कहाँ जा सकता है कि तमाम परिणामो के हिसाब से देश मे कोरोना के रिकवरी रेट में तेजी आई है।
- राम नारायण साहू "राज"
रायपुर - छत्तीसगढ़
राहत भरी खबरे आना शुरु होगई  है ! कोरोना मरीज़ घर लौट रहे है स्वस्थ होकर ! पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में आ चुकी है। बीते कुछ महीनों में ही इस खतरनाक वायरस ने दुनिया के 47 लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर दिया है। इतना ही नहीं इस घातक वायरस की वजह से दुनिया में अब तक 3 लाख 15 हजार से ज्यादा लोगों का मौत भी हो चुकी है। भारत में भी कोरोना मरीजों का आंकड़ा 1 लाख के करीब पहुंच गया है, वहीं मरने वालों की संख्या 3 हजार को पार कर चुकी है। इन डराने वाले आंकड़ों के बीच एक राहतभरी खबर भी सामने आई है। भारत में कोरोना मरीजों की रिकवरी रेट में इजाफा हो गया है। अब तक 38 प्रतिशत मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं
देश में इस वक्त तक कुल 96,169 कोरोना मरीज मिल चुके हैं। इसमें से एक्टिव मरीजों की संख्या वर्तमान में 56 हजार है, वहीं लगभग 37 हजार मरीज ठीक होकर घर वापस जा चुके हैं। बीते कुछ दिनों में भारत में कोरोना मामले दोगुने होने का समय 13.6 दिन हो गया है। जबकि पिछले 14 दिनों से यह दर 11.5 थी। रविवार देश में कोरोना के 5 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं लेकिन राहत की बात ये रही कि कोरोना डेथ रेट गिरकर 3.1 प्रतिशत रह गया है।
पिछले एक हफ्ते में स्वस्थ्य होने वाले मरीजों की दर में 7 फीसदी का इजाफा भी हुआ है। इसके साथ ही देश में मरीजों के सुधार होने की दर 37.5 प्रतिशत हो गई है।
कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले राज्यों में महाराष्ट्र टॉप पर है। यहां अब तक 33 हजार से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केस मिल चुके हैं। अकले मुंबई में ही कोरोना मरीजों की संख्या 20 हजार के आसपास पहुंच गई है। गुजरात में 11 हजार कोरोना केस तो दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या 10 हजार को पार कर चुकी है।
कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी की रफ्तार धीमी हुई है, अगर हम मिलकर काम करेंगे तो ये अपने चरम पर नहीं पहुंचेगा, लेकिन अगर हम असफल हो गए तो मामले बढ़ सकते हैं।
हमें सारे निर्देशों का पालन लम्बे समय तक करना है कोरोना से बचना है तो मास्क पहना है और हाथ बार बार धोना है समाजिक दूरी बनाना है । 
कोरोना से हम लड़ने में सक्षम हो रहे है । ज़िंदगी मौत को मात देकर लौट रही है । 
पहले से रिकवरी रेट काफ़ी बढ़ रहा है !
- आश्विनी पाण्डेय
मुम्बई - महाराष्ट्र
कोरोना का भय आज इसकदर बना हुआ है कि जनता स्वयम को अपने घरों में भी सुरक्षित महसूस नही कर रही । वही समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने वाले डॉक्टरों व पुलिस कर्मचारियों का योगदान अतुलनीय है , जो स्वयम उस बीमारी को हम तक आने से पहले अपने ऊपर झेल रहे है । ये कोरोना योद्धा हमारे और कोरोना के बीच एक दीवार बनकर खड़े है , जिनका देश हमेशा ऋणी रहेगा । वही इस बीमारी को हराकर वापस अपने घर लौटने वालो की गर बात करें तो ऐसे लोगो की प्रतिशत संख्या लगभग 48.36 प्रतिशत हो गई  है । जो काफी हद तक राहत देने वाली बात है । जिससे साफ कहा जा सकता है कि कोरोना के रिकवरी रेट में तेजी आई है । विश्व मे भारत ही एकमात्र ऐसा देश है , जहां रिकवरी दर इतनी तेजी से बढ़ी है और इतनी हुई है ।
- परीक्षीत गुप्ता
बिजनौर - उत्तरप्रदेश
देश में हो रही कोरोना संम्बंधी रिकवरी हो रही है पर लोगो की नासमझी के चलते मरीजों की संख्या बढ़ भी रही उदाहरण के लिए बिना कोरोना रिपोर्ट आए शव को परिजनों को सौंप दिया गया जब रिपोर्ट आई तो पोजिटिव अब लगभग चालीस लोग उसके समीप आए ।
तो यह क्या है? हम खुद ही नहीं समझ रहे तो रिकवरी करने वाले हमारे कर्मवीर योद्धाओं को क्या दोष दिया जाए आज धार्मिक स्थलों का खुलना साकारात्मक तरक्की की निशानी है परन्तु उसके साथ ही एक चिंता की ध्वनि भी सुनाई देती है अतः यह सत्य है कि रिकवरी रेट बढ़ रही है और अगर हम सावधानी से चलेंगे तो कोरोना का खात्मा सितंबर से अक्टूबर के मध्य तक हो जाएगा।
 क्योकि अब अधिकतर लोग कोरोना संम्बंधी नियमों का पालन कठोरता से भी कर रहे हैं ।
- ज्योति वधवा"रंजना"
बीकानेर - राजस्थान
     देश में कोरोना महामारी का अदृश्य शक्ति के रुप में आगमन हुआ, जहाँ सभी समुदायों ने गंभीरता पूर्वक आचमन पिया। एक लहर की भांति जनसमूह के बीच सुख-दुःख की तरह जीवन जीने का सामना करना पड़ा। जिसके घर में कोरोना महामारी का मरीज हो और असहाय घटना घटित हो जायें। उसे किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, वहीं जानता था।
कई-कई विभिन्न प्रकार के कार्टूनों तथा व्हाटसाप के माध्यम से अहसास जनों के बीच मजाक बनाकर रख दिया गया था, अगर उनके परिवार जनों तथा इष्ट-मित्रों के बीच घटनाऐं घटित होती, किन-किन का परिवार कहां-कहां, किस परिस्थितियों में पहुँच चुका हैं, तब पता चलता।  कोरोना के मरीज की संख्याऐं  लाँकडाऊन के पूर्व में कम थी, जैसे-जैसे छात्र-छात्राएँ, आमजन, तथा मजदूर जन विभिन्नता के माध्यम से अपने स्तर पर, पहुँचते गये और संख्याओं में बढ़ोत्तरी होते गयी, लेकिन स्थितियों से तब पता चला, जब सामान्यतः सर्दी-खांसी-बुखार अन्य बीमारियों को भी इसी सूची में सम्मिलित किया जा रहा हैं और पूर्वोत्तर बीमारियों की दवाईयों से ही ठीक-ठाक हो रहे हैं। अभी कोरोना महामारी की दवाईयां सामने नहीं आई हैं। बस सामान्यतः घर में रहो, दुरी बनाते रहो, मास्क पहनते रहों, यह सामान्य वैज्ञानिक का कथन हैं। आज 90 प्रतिशत लाँकडाऊन खुल चुका हैं। फिर 100 प्रतिशत लाँकडाऊन खुल जायेगा। प्रश्न उत्पन्न होता हैं, क्या  कोरोना था? स्थिति स्पष्ट हैं, सुधार 50 प्रतिशत भी नहीं हुआ। 14-14 दिनों तक रखा जायेगा, धीरे-धीरे संख्याऐं कम होती जायेगी,  सुधार 100 प्रतिशत हो जायेगा?
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर'
 बालाघाट - मध्यप्रदेश
हाँ यह कहा जा सकता है कि देश में कोरोना के रिकवरी रेट में तेजी आई है परंतु इसके साथ ही साथ यह भी देखना आवश्यक है की कोरोना का संक्रमण उससे कहीं अधिक गति से बढ़ रहा है और इससे भी ज्यादा खतरनाक बात यह है की बहुत से लोग अभी भी कोरोना महामारी के इस संकट के भयावह हालात को नहीं समझ रहे हैं यह बहुत ही अधिक चिंता का विषय है इस बात को गंभीरता के साथ लिया जाना बहुत ही आवश्यक है अन्यथा यह संकट बहुत विकराल रूप धारण कर सकता है जहां तक भारत का सवाल है तो अभी भी जनसंख्या घनत्व को देखते हुए यहां की स्थिति दूसरे देशों के मुकाबले बहुत अधिक खराब नहीं हुई है और सावधानीपूर्वक आवश्यक उपाय करते हुए स्थिति को संभाला जा सकता है यह जो भी संक्रमण बड़ा है वह लोगों की लापरवाही का नतीजा है यदि इसे गंभीरता से लिया गया होता तो  देश को बहुत अधिक लाभ मिला होता  और यह सुधार बहुत स्पष्ट रूप से दिखाई देता अभी भी आवश्यकता इसी बात की है कि सोशल डिस्टेंसिंग का कडाई के साथ पालन किया जाए और मास्क का सभी जगह आवश्यकतानुसार उपयोग किया जाए तो हम अपने आप को सुरक्षित रख सकते है.            
- प्रमोद कुमार प्रेम 
नजीबाबाद - उत्तर प्रदेश
देश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या को देखकर भले ही लग रहा हो कि कोरोना ने भारत में अब खतरनाक रूप ले लिया है लेकिन ऐसा है नहीं. दरअसल दुनियाभर से जो आंकड़े पेश किए जा रहे हैं वह कुल कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या के हैं. भारत में भी जब से कोरोना का कहर शुरू हुआ तब से अब तक 96,169 कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. यहां पर देखने वाली बात ये है कि इन कोरोना संक्रमित मरीजों में से 36,824 मरीज ठीक हो चुके हैं. इस लिहाज से देश में एक्टिव कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 56,316 ही है. राहत की बात ये है कि भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 38 प्रतिशत हो गया है.
कोरोना से सबसे प्र​भावित राज्यों में से एक महाराष्ट्र में अब तक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 33,053 हो चुकी है. इनमें से 7,688 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि राज्य में एक्टिव केस 24,167 बताए जा रहे हैं. इसी तरह गुजरात में कुल मरीजों की संख्या 11,379 है जबकि एक्टिव केस 6,221 है. गुजरात में अब तक 4,499 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं. देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 10,054 हो चुकी है जबकि 4,485 कोरोना मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं. दिल्ली में एक्टिव केस 5,409 हैं.
महाराष्ट्र में भी नए मरीजों की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है, रविवार को यहां 2347 नए मामले सामने आए. ये पहला मामला है जब किसी एक राज्य से एक दिन में 2 हजार से ज्यादा नए केस आए हों. मुंबई में 1595 कोरोना के नए मरीज मिले. जबकि 10 से 14 मई के बीच यहां सिर्फ 590 नए केस सामने आए थे. महाराष्ट्र के औरंगाबाद में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1000 के पार पहुंच गई है. पिछले 24 घंटे में 59 नए कोरोना मरीज औरंगाबाद में सामने आए हैं. औरंगाबाद में कोरोना मरीजों का आंकड़ा अब 1021 तक पहुंच गया है. ये राज्य में नया हॉटस्पॉट बनता जा रहा है.
कोरोन के बढ़ते केसों के बीच एक अच्छी खबर भी सामने आई है। दरअसल, महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ( के नवीनतम आंकड़ों से पता चला है कि राज्य में कोरोना वायरस  के मरीजों की रिकवरी दर 28% तक बढ़ गई है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार यह रिवाइज्ड डिस्चार्ज पॉलिसी की वजह से संभव हो सका है।
नई जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र में अब तक 11,726 कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हो चुके हैं। रिकवरी दर में लगातार हो रहे सुधार का ही नतीजा है कि गुरुवार को 1,408 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई। 
हालांकि, ये मरीज कोविड—19 से भले ही रिकवर कर चुके हों, लेकिन वायरल संक्रमण से अभी इनका ठीक होना बाकि है।
पर राहत की बात है कि कोरोनासे लोग ठीक हो रहे और पुरानी ज़िंदगी में लौट रहेहै , लोगों के दिलों से कोरोना का दर्द कम हो रहा है । 
पर इसका मतलब हम लापरवाही करें जो क़तई नहीं होना चाहिऐ हमें हमारी सुरक्षा पूरा ध्यान रखना है पहले जैसा बिलकुल नहीं है न जल्दी होने की सम्भावना है , अपनी सुरक्षा अपने हाथ बस यही मूलमंत्र है कोरोना से बचने का 
- डॉ अलका पाण्डेय 
मुम्बई - महाराष्ट्र
देश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, हालांकि रिकवरी रेट में भी तेजी से वर्द्धि हो। रही है। देश मे पिछले 24 घंटे में कोरोना के 9,983 नए केश आए हैं, वहीं मरने वालों की संख्या 205 है। देश मे कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,56,622 हो गई है, जबकि कुल 7,157 मरीज मर चुके हैं। देश के में 1,25,381 मरीजों का इलाज चल रहा है। इसके साथ ही राहत वाली बात यह है के अब-तक 1,24,095 मरीज ठीक होकर अपने घर आ गए हैं। वहीं भारत मे कोरोना का रिकवरी रेट 47.4 % तक पहुंच गई है। यह राहत वाली बात है। अन लॉकडाउन 1 में सोमवार से धार्मिक स्थल, मॉल और रेस्टोरेंट खुल गए हैं।लेकिन झारखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से हो रही वृद्धि के कारण झारखंड सरकार ने सोमवार से मिलने वाली छूट नहीं दी है। झारखंड में कोरोना के अधिकांश नए केश ट्रेवल्स हिस्ट्री के हैं। जमशेदपुर में लगभग एक माह पहले तक कोरोना के एक भी केश नहीं था, लेकिन प्रवासी मजदूरों, छात्रों और आम लोगों का जब से राज्य में आना शुरू हुआ तब से नए केश बढ़ने लगे। जमशेदपुर में कुल 180 कोरोना मरीज हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत मे जून जुलाई में कोरोना संक्रमितों की संख्या चरम पर होगी। लेकिन कोरोना केश की रिकवरी में भी तेजी आई है।
- अंकिता सिन्हा साहित्यकार
जमशेदपुर - झारखंड
करोना के रिकवरी रेट में बढ़ोतरी हुई है। लॉक डाउन के बावजूद इतनी भी लोग के द्वारा यह बीमारी एक दूसरे के तू बहुत ही फैलती जा रही है और अब तो मंदिर सब स्थान सार्वजनिक खुल गए हैं वहां पर जब तक जरूरी ना हो तब तक हमें नहीं जाना चाहिए क्योंकि अगर हम जाएंगे तो इस महामारी से बच पाना बहुत मुश्किल हो जाएगा यह महामारी कैसे फैलती है इस विषय में अभी तक किसी को सही जानकारी नहीं है और कोई दवाई भी नहीं है पीके  भी अभी मार्केट में उपलब्ध नहीं हुए हैं। स्वच्छता और साफ-सफाई , मुंह पर कपड़ा रखना। बार-बार 20 सेकंड तक अपने साबुन से हाथ धोना चेहरे को ना छूना इसी के द्वारा हम इस बीमारी से बच सकते हैं। क्योंकि जैसे ही हम घर के बाहर निकलेंगे संक्रमण का खतरा और बढ़ जाएगा लेकिन कितने दिनों तक घर में हम बंद रहेंगे एक ना एक दिन तो घर के बाहर निकलना है और हमें यह सारी समस्याओं से ही जोजना है क्योंकि इंसान जब सुबह से उठता है तब से ही उसकी महाभारत शुरू हो जाती है और जीवन एक जंग है इस जंग को उसे रोज लड़ना पड़ता है यही समझ कर एक दिन सब अच्छा होगा हमें अपने काम पर लौटना पड़ेगा और अगर समझदारी का इस्तेमाल करेंगे तो यह जो आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं यह कम भी हो जाएंगे हमारे आयुर्वेद के तरीकों के द्वारा बहुत सारे लोग ठीक हो गए हैं मृत्यु दरों में भी कमी आई है।
*स्वस्थ खाओ और स्वस्थ रहो।*
- प्रीति मिश्रा 
जबलपुर - मध्य प्रदेश
हॉ, देश में कोरोना रिकवरी रेट में तेजी आई है। रिकवरी रेट 38% या उससे ज्यादा स्वास्थ्य विभाग के अनुसार।
इस महामारी के चपेट में पूरी दुनिया आ चुकी है। पूरे विश्व में 66 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं जिसमें3.9 लाख का जान गई है। राहत के बाद यह है की हमारे देश में 2.5 लाख संक्रमित हुए हैं लेकिन मृत्यु दर 3.1% है। पिछले 1 हफ्ते में स्वस्थ होने वाले मरीजो की दर 37.5% हैं। मरीजों की मृत्यु दर में कमी आई है 3.2% हैं,
जहॉ 65% पुरूष 35% महिलाएं है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अगर हम आयु के आधार पर संख्या को विभाजित करें तो 14% मामले 45 साल की आयु से कम 34.8% 45-60 ऑल आयु वर्ग के रोगियों 51.2 % मृत्यु के मामले 60 साल से अधिक आयु के लोग हैं। इसीलिए हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री हर बार सचेत करते आ रहे हैं बुजुर्गों को ध्यान रखें ।
लेखक का विचार:- उपरोक्त लेखा-जोखा से अनुमान करते हैं कि हमारे देश मैं रिकवरी रेट पूरी दुनिया से बेहतर है।
- विजेंयेद्र मोहन
बोकारो - झारखण्ड
सही बात है कि कोरोना से संक्रमित मरीजों के ठीक होने रिकवरी की संख्या बढ़ रही है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, वर्ल्डोमीटर्स डॉट इंफो के अनुसार बाद में कल तक भारत में सक्रिय केस हैं 1लाख26 हजार 138, जबकि स्वस्थ हो चुके हैं 1लाख 20 हजार 203 मरीज। हमारे यहां कोरोना से मृत्यु का आंकड़ा है प्रति दस लाख पर पांच मौत।जबकि अमेरिका में यह 339,फ्रांस में 447 और ब्राजील में 170 है। हमारे यहां कोरोना से स्वस्थ हो रहे मरीजों की संख्या का प्रतिशत भी बढ़ रहा है। कल के आंकड़ों के अनुसार यह लगभग 48 प्रतिशत हो गया है। रिकवरी रेट बढ़ना सुखद होने के साथ, मरीजों की संख्या में वृद्धि चिंताजनक है। अब तो अनलाइक 2 शुरु पर कल आने वाले आंकड़े बताएंगे कि क्या स्थिति बनती है। आंकड़ों के जाल में न उलझ, वास्तविक स्थिति को समझते हुए सावधानी और सुरक्षा के उपायों में लापरवाही न बरती जाए। जरा सी लापरवाही घातक हो सकती है।
- डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर - उत्तर प्रदेश
ये बात बिल्कुल सत्य है की केंद्र और राज्य सरकारों के गम्भीर प्रयासों से देश में कोरोना के रिकवरी रेट में अभूतपूर्व तेजी आई है और ये सम्भावना है कि यदि लोगों की जागरुकता बरकरार रही तो रिकवरी रेट और अधिक बढे गा ।
       अभी तक हिंदुस्तान में दो लाख पिचहतर हजार कोरोना के मामले सामने आये जिन में से एक लाख तीस हजार के लगभग ठीक हो कर घर जा चुके है जो हमारे देश के लिये सुखद खबर है ।
आशा करनी चहिये कि लोगों की जागरुकता और कोरोना योधाओं के अथक प्रयासों से रिकवरी रेट और सुधरेगा ।।
      - सुरेन्द्र मिन्हास 
बिलासपुर - हिमाचल प्रदेश
कोरोना वायरस के संक्रमण के अब तक 40 + लाख नमूनों का परीक्षण हो चुका है । कोरोना के संक्रमण के  मरीज अब काफी संख्या में बढ़ रहे हैं परंतु  अब  रिकवरी रेट में तेजी आई है ।6 जून को  को वि ड -19 की रिकवरी दर  -_48. 2% से 
                    44 . 2 7%  हो गया था । 
तथा 8 जून को 
रिकवरी दर 48 . 27 %से 
                48 .37 % हो गई है।
 अतः हम कह सकते हैं की देश में  कोविड -19  की रिकवरी  दर में तेजी आई है  
      - रंजना हरित 
   बिजनौर - उत्तर प्रदेश
देश में तेजी से हो रहे हैं कोरोना संक्रमित मरीज लेकिन संक्रमण का आंकड़ा एक लाख पार हो चुका है और मौतों का आंकड़ा तीन हजार पार कर चुका है l इन डराने वालेआंकड़ो के मध्य राहत की ख़बर यह है कि भारत ने रिकवरी रेट में तेजी से इजाफा हो रहा है l 38% मरीज ठीक होकर घर पहुँच चुके हैं गुरुवार को कोरोना डेथ रेट गिरकर 31% रह गई है , पिछले एक सप्ताह में रिकवरी दर में 7% का इजाफा हुआ है,  भारत में महामारी प्रबंधन व कुछ खास ऐतिहात के चलते ऐसा हो रहा है l मुख्य बात यह है कि यहाँ पोजेटिव टेस्ट देने वालों को अस्तपताल या केयरफेसेलिटी सेंटर में भर्ती कराया जाता है साथ ही डिस्चार्ज के लिए R. J. -P. C. R. टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव होनी चाहिए l सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि 85% रोगी सिर्फ हल्के व मध्यम लक्षण ही दिखाए थे l राजस्थान के मामले में कोरोना संक्रमित मरीज काफी बढ़ रहे है l 6015 मामले सामने आ चुके हैं l स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में मौतों की सँख्या में कमी, समय पर बीमारी की पहचान और उसका तुरंत उपचार से संभव हो पाई है l टेस्टिंग सुविधाएँ बढ़ने, लोगों में आई जानकारी, जागरूकता तथा एडवाइजरी की पालना से रिकवरी रेट बढ़ रही है l दूसरे देशों की तुलना में भारत की स्थिति बेहतर है लेकिन ऐसी संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं कि  आने वाले दिनों में संक्रमण की स्थिति विस्फोटक हो सकती है l इसका बचाव ही उपचार है l बार बार हाथों को साबुन से धोये, सेनिटाइज करें और हाथों से बार बार मुँह, नाक और आँखों को न छुए l मास्क और फेस कवर लगाये l सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करें l साधारण लक्षण आते ही अस्पतालों में सम्पर्क करें l 
      लॉक डाउन में मिली राहतें व अनलॉक -1की रियायतों के बाद संक्रमण के आंकड़े तेजी से बढ़ेंगे लेकिन vkt की मांग को देखते हुए हमें कोरोना के साथ कदम ताल मिलाकर जीना सीखना होगा तथा रिकवरी रेट को न केवल बनाये रखना है अपितु तेजी से बढ़ाना होगा l 
                   चलते चलते --
गुजर गये दिन हमारी तमाम रौनकें लेकर l 
जिंदगी ने वफ़ा की तो कल फिर सिलसिले होंगे ll
- डॉ. छाया शर्मा
अजमेर - राजस्थान
 कहा जाता है कि जहां समझ गया है वहां समाधान है ही इस संदेश को सुनने से यह पता चलता है कि आप माना समाधान की ओर जा रहा है यह बहुत अच्छा शुभ संदेश है मनुष्य शुरुआती दौर पर जब किसी समस्या में फसती है तो घबराहट होती है। घबराहट के कारणों से कोई  समाधान सुझता नहीं है। तब तक वह समस्या के गिरफ्त में जगड़ा रहता है। धीरे-धीरे समस्या नॉर्मल होते जाता है तो मनुष्य की हौसला और बढ़ने लगती है और समस्या का समाधान में अपना मन लगाता है बस ऐसी ही स्थिति आज हमारे भारत की है वैश्विक महामारी करुणा की चपेट में आज पूरे विश्वा घबरा रहा है भयभीत हो रहा है हमारा भारत भी अछूता नहीं है शुरुआती तौर पर भारत की स्थिति ठीक था बीच में जब लाख डाउन में फंसे हुए  अन्य लोगों को आपने आशियाना की ओर जाने की छूट दी गई तो अनियंत्रित होकर लाख डाउन का पालन ना करने से स्थिति गंभीर होती चली गई जितना ही रिकवरी रेट बढ़ रहा है वैसे ही करो ना कभी  पॉजिटिव पाना हो रहा है कहने का मतलब है कि कितने लगन से हमारे देश के समझदार और धीरज वान सेवा का लोग लगे हुए हैं। उनका मेहनत रंग ला रहा है तभी तो रिकवरी रेट में तेजी आई है यह बहुत ही सुखद संदेश है और हमारे सेवा कार्यों का मेहनत का फल है हम सब भारतवासी इसी तरह करुणा से लड़ने के लिए ईमानदारी के साथ लाभ दान का पालन करते हुए एक दूसरे को जागृत करते हुए आगे को बढ़ाना चाहिए ताकि जल्दी से जल्दी करो ना चली जाए मिल सके और करोना के डिग्री रेत में तेजी आए इसके लिए हम सभी मानव जाति की ओर से शुभकामनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ता रहे।
- उर्मिला सिदार
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
       सत्य वचन है। देश में कोरोना रोगियों के रिकवरी रेट में तेजी आई है। जिसका श्रेय निःसंदेह देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी और ईमानदार कर्त्तव्यनिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों व कर्मचारियों को जाता है।
     ईमानदार शब्द का प्रयोग इसलिए किया है। क्योंकि मैं जानता हूं कि इस विभाग के समस्त डाॅक्टर ईमानदार नहीं होते। उनकेे कलंकित चेहरे, भद्दे नाम, मृत आत्माएं मुझे आज भी विचलित कर देने में सक्षम हैं। जो डाॅक्टरों के नाम पर कलंक हैं। जिन्हें 50 प्रतिशत दिव्यांगजन न्यायालय में नंगा कर चुका हूं और शेष 50 प्रतिशत माननीय उच्च न्यायालय में नंगा कर दूंगा।
     किन्तु जिस प्रकार पांचों उंगलियां एक समान नहीं होती उसी प्रकार समस्त डाॅक्टर व वैज्ञानिक भ्रष्ट नहीं होते। इस सत्य को भी उजागर करना मेरा ही धर्म व प्रथम कर्त्तव्य है। चूंकि यदि आज मैं जीवित हूं तो उसका श्रेय भी उन्हीं ईमानदार डॉक्टरों व वैज्ञानिकों को जाता है। जो वास्तव में ईश्वरीय रूप से प्रकाशमान हैं। जिनके कारण मानव मानवता और मानवीय संवेदनाएं जीवित हैं। जिन्हें रोगियों के आंसू पोंछने आते हैं। जो जीवन से ऊब चुके रोगियों को जीने की चुनौतियों में परिवर्तित करने में सक्षम हैं। उन डॅाक्टरों को मेरा शत-शत नमन है। जो साधारण रोगी मानव में इतनी शक्ति भर देते हैं कि वह अकेले ही सम्पूर्ण विश्व की चुनौतियों से निपटने में सक्षम हो जाता है।
      ऐसे डाॅक्टरों और वैज्ञानिकों के होते हुए 'कोरोना' की क्या औकात कि उसके रोगियों की रिकवरी रेट में तेजी ना आए।
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर
हां यह कह सकते हैं कुछ हद्द तक कामयाबी मिली है! केंद्रिय एवं राज्य सरकार के साथ साथ हमारे   
सहयोगी  योद्धा डाक्टर, नर्स सफाई कर्मचारी  आदि के अथक प्रयास से यह संभव हुआ है! 
आज सकारात्मक सोच के साथ  धीरे धीरे सभी उद्योग, दूकाने, धार्मिक स्थल कुछ शर्तें और सावधानी के साथ खोल दिये गए  हैं! 
संक्रमण तो बढ़ना ही है किंतु हमारी सावधानी और समझदारी से कोरोना की चेन को तोड़ने में  जरूर कामयाब होंगे! 
प्रशासन तो हमारी मदद करेगा किंतु हमे स्वयं अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी होगी! 
कोरोना से बचने के उपायो का पालन करें! 
आपकी सावधानी दूसरे का मार्ग दर्शन करेगी! आपकी जरा सी लापरवाही दूसरे को ले डूबेगी!
- चन्द्रिका व्यास
मुम्बई - महाराष्ट्र
कोविड़ - 19 का संक्रमण भारत में बढता ही जा रहा है । संक्रमित व्यक्तियों का आँकड़ा ढाई लाख से पार हो गया है । इससे मरने वालों की संख्या भी बढ रही है  । लोगों के मन में दहशत भी है  । वे आवश्यक दिशा - निर्देशों का पालन करते हुए सावधानियां भी  बरत रहे हैं  । लाॅकडाउन के पश्चात अब अनलाॅक का प्रारम्भिक दौर शुरू हुआ है । यदि आँकड़ों पर नजर दौड़ाए तो सुखद एहसास अनुभव होता है । सुखद एहसास इस बात का है कि रिकवरी रेट में निरन्तर सुधार आ रहा है । देश में 256611 से  अधिक संक्रमित व्यक्ति हैं  पर इनमें से 124094 व्यक्तियों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है । बात करें यदि रिकवरी रेट की तो 15 अप्रैल को 11.42 प्रतिशत  , 3 मई को  26.59 प्रतिशत  , 18 मई को 38.29 प्रतिशत  , 23 मई को 41.39 प्रतिशत और 8 जून को 48.20 प्रतिशत है  । कहने का अभिप्राय यह है कि रिकवरी रेट बढता ही जा रहा है । सुखद पहलू है कि बेशक संक्रमण बढ रहा है लेकिन रिकवरी रेट पचास फीसदी के करीब पहुँच आई है  । 
- अनिल शर्मा नील 
 बिलासपुर - हिमाचल प्रदेश
हमारे  देश  में  कोरोना  के  रिकवरी  रेट  में  तेजी  आई  है ।  यह  सुखद  संदेश  हमें  मिलते  हैं  लेकिन  कुछ  नासमझ  लोगों  के  कारण  जितनी  रिकवरी  होनी  चाहिए  थी, उतनी  नहीं  हुई  । अगर  सभी  पूर्ण  सजगता  के  साथ  इमानदारी  से  लाॅकडाउन  के  नियमों  का  पालन  करते  तो  संक्रमितों  की  संख्या  नहीं  बढ़ती  जैसे  की  कई  स्थानों  पर  बढ़ी  है  । हमारे  देश  में   समय  पर  लगाया  गया  लाॅकडाउन  और कोरोना  वाॅरियर्स  के  अदम्य  साहस  के  कारण  ही  अन्य  देशों  के  मुकाबले  स्थिति  को  सही  कहा  जा  सकता  है । 
        अनलाॅक- 1 सरकार  की  ओर  से  घोषित  कर  दिया  गया  है  जो  लोगों  की  जीवनचर्या  के  लिए  आवश्यक  भी  था  । क्योंकि  कोरोना  महामारी  ने  अपने  पांव  जमा  लिए  हैं  ।  अभी  फिलहाल  उसके  साथ ........उसकी  चेन  को  तोड़ते  हुए  अपने, अपने  परिवार  को  सुरक्षित  रखते  हुए,  सोशल  डिस्टेंस  का  एवं  अन्य  नियमों  का  पालन  करते  हुए  धैर्य  के  साथ  बढ़ना  है । 
       -  बसन्ती पंवार 
        जोधपुर  -  राजस्थान 
दूरदर्शन , समाचार पत्रों के अनुसार देश में रिकवरी रेट बढ़ी, मृत्युदर में कमी, दो हफ्ते में स्वस्थ होने की दर में 10 फीसद का इजाफा हुआ है । देश में पिछले 24 घण्टों में 
कोरोना संक्रमित मरीजों  की संख्या 9983 हो गयी है । , 206 लोगों ने प्राण गंवाए हैं । भारत में अब मरीजों की संख्या 2,56, 611 है । 1, 24 , 094 मरीज ठीक हुए और 7135 मरीज की मौत हुई , देश में 1,25381  लोग संक्रमण से जूझ रहे हैं ।
यह आँकड़े चिंताजनक हैं ।
  आज तारीख 8 जून 2020 को  देश  में कुछ राज्यों जैसे महाराष्ट्र ,  राजस्थान को  छोड़कर  धार्मिक स्थल ,   शॉपिंग मॉल , रेस्टोरेंट , होटल आदि खुल गए हैं । इनके खुलने से  कोरोना की लड़ाई अब मुझे भगवान भरोसे लगती है । मुझे अनलॉक सही  नहीं लग रहा है । कोरोना को आंकड़ा और बढ़ेगा । भारत सरकार ने कोरोना के केस बढ़ने  पर लोकडाउन खोला । जब की अन्य देशों ने केस बढ़ने पर लॉकडाउन किया ।
न्यूजीलैंड में कोरोना संकट लॉकडाउन कड़े नियमों से मुक्ति के कगार पर खड़ा है ।
भारत में नियमों का कढ़ाई से पालन नहीं हुआ है ।
भारत में 30 जनवरी 2020 को पहला केस आया ।
 अनलॉक 1-  0, पर सोशल डिस्टसिंग का पालन नहीं हो रहा है । मंदिरों में भीड़ भी नजर आ रही है । भारत कोरोना के मामले में दुनिया में दूसरे नम्बर पर आ गया ।  
   जीवन के लिए जीविका भी चाहिए तो यह आशा की किरण  है । इन स्थानों पर काम करनेवाले  लोगों को रोजी - रोटी तो मिलेगी । 
 आज इस  महामारी के  हालत देखते हुए मन्दिर , मस्जिद , गुरुद्वारे , मठ , मॉल आदि नहीं खुलने चाहिए । ये  भीड़ कोरोना वायरस को फैलाने में सक्षम होगी । यह वायरस अमीर - गरीब , छोटे - बड़े को नहीं देखता है । सोशल डिस्टेंस ही कोरोना न फैलाने का रक्षा कवच है। 
- डॉ मंजु गुप्ता
 मुंबई - महाराष्ट्र
पहले की अपेक्षा रिकवरी रेट में बढ़ोतरी हुई हैं। लेकिन ये थोड़ा राहत की खबर हैं । जिस तेजी से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रहा है चिंतनीय हैं। फिलहाल भारत मे ढाई लाख से ऊपर मरीजों की संख्या बढ़ी और 7,000 लोगों की मौत हो गया हैं। सभी देशवासियों के लिए चिंता होना लाज़मी हैं। ऐसे में लोककडौन को खोलना खतरे की घंटी हैं। सार्वजनिक जगहों को खोलना खतरनाक साबित हो सकता हैं। कुछ लोग तो बिना मास्क के सार्वजनिक जगहों पर ऐसे घूम रहे जैसे कि कोरोना खत्म हो गया हैं। लोगों में जागरूकता की कमी है। जब तक वैक्सीन नहीं आ जाता ,तब तक सावधानी ही बचाव है। खुद सचेत रहे और खुद की ,परिवार की और अपने समाज की जान बचाने में अहम रोल निभाये।
"जान है तो जहान हैं"। ये याद रखें।
      - प्रेमलता सिंह
पटना - बिहार
निःसंदेह।  आंकड़ों के अनुसार कोरोना के रिकवरी रेट में तेज़ी आई है।  हमारे देश के राज्यों में आरम्भ में जहां आंकड़े डरावने थे वहीं समय बीतने के साथ-साथ राहत भरी खबरें भी हैं।  दरअसल जब कोरोना का आक्रमण हुआ था तब देशवासी उस स्थिति का मुकाबला करने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे।  देश में जब जनता कर्फ्यू लगा और उसके बाद लाॅकडाऊन का सिलसिला आरम्भ हुआ और देशवासियों को कोरोना से बचने के उपायों के बारे में बताया गया जिसे अधिकांश देशवासियों ने अपनाया और आज स्थिति यह है कि कुछ अपवादों को छोड़कर सभी देशवासी जागरूक हो चुके हैं।  वे न केवल स्वयं को सुरक्षित रख रहे हैं अपितु लापरवाह लोगों को भी शिक्षित कर रहे हैं।  आज से बहुत सी गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं।  लाॅकडाऊन अवधि का अनुभव काम आ रहा है।  यही वजह है कि कोरोना के रिकवरी रेट में तेज़ी आई है। 
- सुदर्शन खन्ना
 दिल्ली
कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच सुकून देने वाली एक खबर भी आई है। देश में इस महामारी से स्वस्थ होने की दर बढ़ रही है ,और मृत्यु दर घट रही है ।देश में कोरोना के रिकवरी रेट में तेजी आई है मृत्यु दर में बेशक कमी आई है ।2 हफ्ते में स्वस्थ होने की दर में 10 फीसद का इजाफा हुआ है ।अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और इटली जैसे देशों की तुलना में भारत में मृत्यु दर 2.83 फ़ीसदी है ।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के ठीक होने की दर लगातार बढ़ रही है ।अभी यह दर 48.2 पहुंच गई है। यह एक बहुत ही अच्छी उपलब्धि  है देश के लिए।
 - सुषमा दीक्षित शुक्ला
लखनऊ - उत्तर प्रदेश
यह विषय और तथ्य की जानकारी बहुत ही मन को सुख देने वाला है मनसे भय को काम कर रहा है।
रिकवरी रेट में बढ़ोतरी अवश्य हुई है और लोग स्वस्थ होकर घर भी आ रहे हैं सरकारी रिपोर्ट के अनुसार एक और संक्रमण भी तेजी से बढ़ रहा है लेकिन रिकवरी रेट उसकी तुलना में ज्यादा है यह संतोषप्रद महसूस होता है।
रिकवरी रेट की बढ़ोतरी का एकमात्र कारण है लॉक डाउन और सरकार द्वारा दिशा निर्देश का सही ढंग से पालन दूसरी ओर संक्रमण तेजी से बढ़ने का ठीक इसके विपरीत की परिस्थिति है कुछ लोग तो जानबूझकर सोशल डिस्टेंस इको नहीं माना मास्क नहीं पहना ग्लव्स नहीं पहना कम्युनिटी का बहिष्कार नहीं किया जिसके कारण यह संक्रमण तेजी से फैल गया
वर्तमान समय में कुछ शहरों में अनलॉक वन की शुरुआत हो गई है जिसके कारण शहर में हलचल दिखने लगे हैं यद्यपि की सभी जागरूक हैं मास्क लगाने के लिए और सोशल डिस्टेंस को बनाए रखने के लिए फिर भी सतर्कता तो रखनी ही होगी नहीं तो रिकवरी रेट का ग्राफ नीचे की ओर आने लगेगा पहले की तुलना में लोगों की टेस्टिंग भी तेजी से हो रही है चुकी चिकित्सीय उपलब्धता बढ़ गई है कुछ ऐसे कोरोना वायरस के संक्रमण संक्रमित व्यक्ति हैं जिन जिन के व्यक्तित्व में किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं हैं पर रिपोर्ट पॉजिटिव है ऐसे लोगों को बहुत चिकित्सीय सुविधा की आवश्यकता नहीं पड़ रही है और नॉर्मल तरह से ठीक भी हो जा रहे हैं लेकिन वैसे व्यक्ति जिनका संक्रमण और प्रतिरोधक क्षमता कमजोर रहा उनको मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है इसीलिए बार-बार सरकार यह निर्देश दे रही है कि बच्चों को बाहर नहीं निकाले और सीनियर व्यक्ति महिलाएं कोशिश करें कि घर में ही रहे बाहर निकलने का प्रयत्न करें उनकी सुरक्षा के लिए
रिकवरी रेट की बढ़ोतरी इंसान के हौसला और हिम्मत में मजबूती ला दी है
- कुमकुम वेदसेन
मुम्बई - महाराष्ट्र
कोरोना का संक्रमण और उसकी वैश्विक महामारी का दंश जितनी तेजी से फैला है अगर हम विश्व के अन्य देशों के परिपेक्ष में देखें तो रिकवरी रेट भी हमारा अन्य देशों से काफी अच्छा है।इसका आधार हम अपनी वेदों की परंपरा या संस्कृति में सकते हैं। जिनमें तरह-तरह की आयुर्वेदिक औषधियों का ही नहीं बल्कि मसालों में प्रयोग होने वाले गुणी हर्ब्स का भी है।ऐसा नहीं है कि भारत में कोरोना का दंश धीमा है।पिछले कुछ सप्ताहों का आंकड़ा देखें तो गगनचुम्बी होता चला जा रहा है।खासकर जब से सरकार ने लॉकडाउन में छूट दी है।संक्रमण ने भी अपना दायरा पसारा है परंतु दूसरी तरफ रिकवरी भी उतनी ही तीब्र होती जा रही है।अब तक देखें तो कोविड-19 से बहुत कम मृत्यु हुई हैं।जो हुई भी हैं उनमें ज्यादातर पहले से ही किसी अन्य रोग से ग्रसित थे।
         रिकवरी रेट में तेज़ी आने का एक और कारण जो समझ में आता है वो है लोगों का स्वास्थ्य के प्रति सचेत होना।आज वो भले ही घरों में हैं परंतु सभी ने सजग होकर अपने स्वस्थ रहने के लिए अलग-अलग माध्यम अपनाए हैं।फिर चाहे वो योग हो या फिर अन्य शारिरिक कसरतें।सभी अपने शरीर को और उसकी प्रतिरोधक क्षमता को स्थिर रख रहे हैं या बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
       एक और कारण जो साफ दिखता है वो है खान-पान के प्रति सचेत होने।हर घर में ये प्रयास हो रहा है कि स्वास्थ्यपरक भोजन ग्रहण किया जाए और जंक फूड को ना लिया जाए।लोगों को अलग-अलग माध्यमों से समय-समय पर ज्ञान भी दिया जा रहा है कि इस समय भोजन में कौन से तत्वों का होना आवश्यक और किन का होना अति-आवश्यक है।जिसके कारण लोग उनका सेवन भी कर रहे हैं।
       अर्थात हमारे देश में रिकवरी रेट में तेजी आई है और उसके मुख्य कारण उपरोक्त हैं।इसलिए यदि किसी में कोरोना के लक्षण पाए भी जा रहे हैं तो वो उपचार और अपने इन कर्मों से जल्दी रिकवर हो जा रहा है।
- नरेश सिंह नयाल
देहरादून - उत्तराखंड
 हां!तेजी तो आई है रिकवरी रेट ४८.२/है, लेकिन साथ ही पहले से आज के समय में कोरोनावायरस से संक्रमित केसेज की संख्या में भी तेजी  बहुत ज्यादा आईं है ।आज लाॅक डाउन हटाना सरकार की बहुत से कारणों से मजबूरी है ।फलत: इसका परिणाम भी दिख रहा है । यह हम सब भी जान गये हैं कि यह बीमारी अब लंबी चलेगी ।फलत: अब हम लोगों का यह कर्तव्य है कि सरकार के दिए गए निर्देशों और बताए गये नियमों का पूर्णतः पालन करें ।यही अब एकमात्र उपाय है इस बीमारी से बचाव का ।अब माॅल,होटल, यातायात के साधन, मंदिर , मस्जिद,बाजार, सबको खोल दिया गया है ।इस कारण से भी यह बीमारी बढ़ रही है । लेकिन चुकी रिकवरी रेट अच्छी है और अब कितने दिनों तक हर साधन बंद रखे जाते ।हम सब को अब अत्याधिक सचेत और जागरूकता बरतने की आवश्यकता है ताकि हम इस बीमारी को फैलने से रोक पाए ।लोग सही से मास्क, ग्लब्स,साफ _सफाई और सोशल डिस्टेंस मेंटेन करें पहले की तरह हीं तो हम काफी हद तक इस बीमारी रुपी जंग से जीत सकते हैं । इसमें हम सब का सहयोग और जागरूकता ही इस का एकमात्र कारगर उपाय है । जिसका साक्षात् प्रमाण हमारा रिकवरी रेट का ग्राफ है ।
- डॉ पूनम देवा
पटना - बिहार
पूरा विश्व अभी कोरोना नामक महामारी से जूझ रहा है,हर तरफ लाखों की संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं और कई लोगों की मृत्यु हो रही है,भारत मे भी मृतकों  की संख्या 3 हज़ार से ज़्यादा हो चुकी है,पर एक तरफ राहत भी है कि मरीजों के ठीक होने की संख्या में इन दिनों काफी इजाफा हुआ है।अभी  देश मे करीब 38 प्रतिशत लोग ठीक हो चुके हैं,लेकिन अभी हमें बहुत संभाल कर रहने की ज़रूरत है क्योंकि लौकडाऊन खत्म हो चुका है धीरे धीरे देश रफ्तार पकड़ रहा है इसमें संक्रमण बढ़ने का खतरा बहुत बढ़ गया है,डॉक्टरों की माने तो अभी भारत मे इस बीमारी का चरम पहुंचना बाकी है पर घबराने की ज़रूरत नहीं बस कुछ एहतियात बरतने से हम सुरक्षित रह सकते हैं.संयम और समझदारी से हम इस बीमारी को शिकस्त दे सकते हैं
 - संगीता सहाय
रांची - झारखण्ड
कोरोना नामक महामारी ने पूरे विश्व मे हलचल मचा रखी है ।मानव कहाँ कम है वह भी बचने के रास्ते खोज लेता है ।बार -बार के लाॅक डाउन के प्रयासों से हम सब ने इस महामारी  के साथ जीना सीख लिया ।हर मनुष्य को जीवन से लगाव है अतः पढ़ालिखा हो याअनपढ़ सभी सुरक्षा नियमों का पालन कर रहे हैं । एक व्यक्ति को भी कोरोना हो तो पूरी की पूरी सोसाइटी सील कर दी जा रही है । कितनें दिनों तक तो कर्मचारियों के आने -जाने पर रोक थी अब जो आरहे हैं वो सामाजिक दूरी रखते हैं अपना खाना पानी साथ लाते हैं ।(मुझे तो आश्चर्य  हुआ जब घर की सहयोगी कर्मचारी ने मेरे घर क खाना खाने से मना कर दिया ।)दफ्तरों का काम घर से हो रहा है । हर आवश्यक वस्तु घर तक पहुँचाई जा रही है ।अभी भी लोग मिलने जुलने से कतरा रहे हैं ।इन्हीं सब कारणों से रिकवरी रेट तेज हो रही है ।इसके बावजूद भी हर दिन का ग्राफ कम होगा ऐसा निश्चित नहीं है ,औद्योगिक और सघन आबादी वाले क्षेत्र का ग्राफ हर दिन चढ़ता उतरता है ।सतर्कता के बावजूद स्थितियाँ बदलती रहती है । फिर भी भरोसा है कि एक दिन मानवता जीतेगी ,कोरोना कीहार होगी ।
- कमला अग्रवाल
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश

" मेरी दृष्टि में "  अपने देश की जनसंख्या की दृष्टि से कोरोना वायरस से प्रभावित बहुत कम है । जो हैं भी । उन का रिकवरी रेट भी बहुत अच्छा है । इस तरह हमारे देश वासियों को घबराने की आवश्यकता नहीं है । सिर्फ कुछ नियमों का पालन कर के कोरोना वायरल से काफी हंद तक बचा जा सकता है ।
                                                        - बीजेन्द्र जैमिनी
 सम्मान पत्र 






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