क्या बिना चुनौतियों के कोई उपलब्धि हासिल होती है ?
बिना चुनौतियों के कोई कार्य सफल किसी का होता है।हर कार्य में चुनौतियां होती है । चुनौतियों को पार कर के ही उपलब्धि हासिल होती हैं । यही जैमिनी अकादमी द्वारा " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है ।अब आये विचारों को देखते हैं : -
जीवन एक संघर्ष है। इस में बिना चुनौतियों के कोई भी उपलब्धि हासिल नहीं होती है। जीवन अनेक उतार-चढ़ावों से भरा होता है। ऐसे में जब मनुष्य जीवन की चुनौतियों का सामना करता आगे बढ़ता है तो वो परिपक्व होता है और मंजिल के करीब होता है। इस लिए हमें कभी भी चुनौतियों से डरना नहीं चाहिए। हमें लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आगे बढ़ते रहना चाहिए। मार्ग में जो बाधाएं मिलें, उनका डट कर सामना करना चाहिए।
चुनौतियों का सामना करने से साहस बढ़ता है और मंजिल करीब हो जाती है क्योंकि सफलता आसानी से नहीं मिलती।जीवन एक नदी के सामान है जो अनगिनत समस्याओं के पहाड़ों को पार करते हुए अपने लक्ष्य (सागर) तक पहुँचती है।
अकबर ने तेरह साल की उम्र में ही पहली विजय हासिल कर ली थी कयोंकि वह मरूस्थल की चुनौतियों को पहले झेल चुका था। मंजिल तक पहुँचने का रास्ता सीधा सपाट नहीं होता ।चुनौतियों भरा होता है। बिना चुनौतियों के कोई उपलब्धि हासिल नहीं होती है।
- कैलाश ठाकुर
नंगल टाउनशिप - पंजाब
मानव जीवन में कोई भी उपलब्धि प्राप्त करना सहज-सरल नहीं है। उपलब्धियों की राह पर कदम-दर-कदम चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए कोई भी उपलब्धि बिना चुनौतियों का सामना किये हासिल नहीं होती।
"चुनौतियों संग जीवन सजीवता का आभास कराता है,
चुनौतियों से संघर्ष जीवन-पथ पर दृढ़ बनाता है।
सौ गुणों की खान के बाद भी आसां नहीं सफलता,
चुनौतियों से ही कर सामना मानव शिखर छू पाता है।।"
इसमें कोई दो मत नहीं कि चुनौतियों के सोपान पर चढ़कर ही मनुष्य उपलब्धियों का वरण कर पाते हैं। इसलिए कोई भी लक्ष्य निर्धारित करने से पहले मनुष्य को अपने मन-मस्तिष्क को चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए तैयार कर लेना चाहिए।
"राह की 'चुनौतियों' को स्वीकार कर कदम जो बढ़ाते हैं,
सफर की दुश्वारियों से निडर होकर जो चलते जाते हैं।
टकराने का जज्बा जो रखते हैं मन में चुनौतियों से 'तरंग',
बनते हैं शिखर पुरुष जग में किस्से उन्हीं के कहे जाते हैं।"
- सतेन्द्र शर्मा 'तरंग'
देहरादून - उत्तराखण्ड
चुनोतिया ही तो अवसर के रूप में हमारे सामने आती हैं, और यदि अवसर का सही इस्तेमाल किया जाए तो वह हमारे लिए एक नई उपलब्धि दे जाता है | चुनोतियों के बिना जीवन ऐसा है जैसे लहरों के बिना सागर, नमक के बिना भोजन और सुर के बिना संगीत |
- श्रीमति मोनिका सिंह
डलहौजी - हिमाचल प्रदेश
चुनौतियां ही उपलब्धियों की जननी होती हैं और सम्पूर्ण सत्य यह है कि बिना चुनौतियों के कोई उपलब्धि हासिल नहीं होती है।
विजयदशमी का पर्व भी यही बताता है कि असत्य पर सत्य की हमेशा जीत होती है। चूंकि यदि श्रीराम जी सीताहरण के विरुद्ध 16 कलां सम्पन्न महापंडित रावण से युद्ध की चुनौती स्वीकार नहीं करते तो वह कभी सुग्रीव की पत्नी को उसके बड़े भाई बाली से मुक्त कराने की उपलब्धि, समुद्र को लांघने की उपलब्धि और सीता हरण का दण्ड स्वरूप रावण वध कर लंका विजयी होने की उपलब्धि हासिल नहीं कर सकते थे।
सर्वविदित है कि लंका विजय के कारण ही वनवासी श्रीरामचन्द्र जी को ईश्वर की उपाधि दी गई थी। उसी महायुद्ध से उन्हें भगवान का परिचय मिला था। अन्यथा वह राजा रामचंद्रजी तो कहलाते किंतु कभी भगवान की उपलब्धि हासिल नहीं कर सकते थे।
ऐसी ही परिस्थितियों में जब कोइ साधारण जनमानस अकल्पनीय, अविश्वसनीय और असहनीय चुनौतियों को स्वीकार करते हुए उस पर विजय प्राप्त करता है। तो उसे विजय प्राप्ति की उपलब्धियां हासिल होती हैं।
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू - कश्मीर
क्या बिना चुनौतियों के कोई उपलब्धि हासिल होती है?
चुनौती और उपलब्धि का चोली दामन का साथ है. बिना चुनौती के कोई उपलब्धि हासिल हो ही नहीं सकती. उपलब्धि के लिए सबसे पहले लक्ष्य का निर्धारित होना आवश्यक है. लक्ष्य निर्धारित करने के बाद उस लक्ष्य को पाने के साधन पर विचार करना होता है और तदनुसार कर्म करना होता है. कभी-कभी ही ऐसा संभव हो पाता है, कि एक आसान-सी कैच की तरह अपना लक्ष्य बिना चुनौती के हासिल हो जाता है. इसे करिश्मा या चमत्कार भी कह सकते हैं. अन्यथा किसी भी क्षेत्र की किसी भी उपलब्धि के लिए चुनौतियों का सामना करना ही पड़ता है. चुनौतियां ही तो कर्म करने के लिए प्रेरणा देती हैं, आगे बढ़ने के लिए संबल बनती हैं, विजय श्री की जयमाल को वरण करने का संकल्प करवाती हैं. उसके बाद ही उपलब्धियां हासिल होती हैं. इतिहास साक्षी है, कि चुनौतियों ने ही आविश्कार भी करवाए हैं और उपलब्धियां भी हासिल करवाई हैं. किसी कार्य में एक या अनेक बार असफल होने पर ही चुनौती सामने आती है और दृढ़ संकल्प द्वारा यही चुनौती उपलब्धि बन जाती है.
- लीला तिवानी
दिल्ली
बिना चुनौतियों के कोई भी उपलब्धि हासिल नहीं होती है। चुनौतियों से हमें प्रेरणा मिलती है उपलब्धि हासिल करने के लिए। कोई काम करने के लिए हम तत्पर नहीं भी रहते हैं लेकिन जब चुनौतियाँ मिलती हैं तो हम उस काम को करने के लिए तैयार हो जाते हैं औऱ उसे जैसे भी हो पूरा कर के ही छोड़ते हैं। चुनौतियों से हमारे अंदर एक उत्साह पैदा हो जाता है कि हमें ये काम करना ही है। अमुक जब ये काम कर सकता है तो मैं क्यों नहीं कर सकता हूँ।
चुनौती तो हर क्षेत्र में है। और जहाँ हम चुनौती स्वीकार करते हैं वही सफल भी होते हैं। ऐसे बहुत से उदाहरण मिल जायेंगे कि हम वो काम नहीं करना चाहते पर किसी से चुनौती मिलती है तो हम वो काम कर लेते हैं। बहुत से छात्र कहते हैं कि मुझे डॉ बनना था तो मुझे इंजीनियर बनना चाहता था आई पी एस बनना था लेकिन अमुक ने चुनती दी कि तुम ये बन ही नहीं सकते और वो बन के दिख देता है।
इसलिए हम ये दावे के साथ कह सकते हैं कि बिना चुनौती के कोई उपलब्धि हासिल नहीं होती। कुछ मामलों में ये बातें नहीं हो सकती हैं पर अधिकांश मामलों में ये बात है कि चुनौतियाँ ही उपलब्धि हासिल कराती हैं।
- दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश"
कलकत्ता - प. बंगाल
नही बिना चुनौतियों के कोई भी उपलब्धि हासिल नही होती।मानव जीवन की एक संघर्ष पहलुओं मे चुनौती शामिल है।बिना परिश्रम और चुनौती से जीवन सार्थकता के परिवेशों से अछूता है।जीवन की खूबसूरती तब और निखार उबाल मारती है जब चुनौतियों का सामना करके मनुष्य अपनी सफलताओं को हासिल करता है जिस प्रकार सोना धातु को जितना तप करना होता है उतनी चमकदार और खूबसूरती को दर्शाती है उसी प्रकार मानव जीवन मे चुनौती और परिश्रम इंसान को उच्च स्तरीय की अभिव्यक्ति बनाती है।बिना चुनौती के जीवन की सफलताएँ क्षणभंगुर होती है ।जो एक समयानुसार तथाकथित अवधि मे समाप्त हो जाती हैं।पंरतु चुनौती का सामना करके जो उपलब्धि हासिल होती वह मृत्यु उपंरातभी एक इतिहास और मिशाल बनकर संसार मे विराजमान होती है।बेहद मार्मिकता और परिश्रम लिप्त संघर्ष की गाथाओं मे चुनौतियों का लेखांकन मिलता है जिससे युवा पीढ़ी अपने भविष्य को और संघर्षरत करके सफल बनाने का प्रयास करते है।हमारी उपलब्धि हमारी पहचान है और पहचान बिना चुनौती के संभव नहीं हो सकता हैं।आज प्रत्येक व्यक्ति के अंदर विभिन्न क्षेत्रों मे चुनौती एक विपरीत परिस्थितियों मे विपक्षी दल हो हमारे आत्मविश्वास को कमजोर करने के लिये तैयार रहती है।उपलब्धि एक सम्मान की रेखा कसौटी है जिसे इंसान पाने मे अपना श्रेष्ठता प्रदान करता है।लेकिन बिना चुनौतियों और छल कपटपूर्ण तरीके से मानव उपलब्धि हासिल करें।तो वह अर्थहीन होती है उसका कोई बजूद नही होता।हर मोड़ पर चुनौती हमे कुछ सीखने को लालायित करती है हम अगर हिम्मत हारते भी है तो एक परिस्थिति मे हृदय से दिमागी चुनौतियों का संघर्ष होता है और हृदय या दिमाग की चुनौती जीवन को सफल या असफल बनाने मे अपनी भुमिका निभाती है।उपलब्धि हासिल करना जीवन की सफलता को अपने नाम करना बिना चुनौती के यह संभव नही।छोटी सी परेशानियों मे हम अपना आत्मविश्वास खोने की बात करते है।यह विपरीत परिस्थितियों मे चुनौती ही विभिन्न रंगों मे अपनी सार्थकता को सिद्ध करती है।जब जंग अपनो के बीच मे हो तो चुनौतियों का अलग महत्व होता है।हम अपने चुनौतियों को अपनाने से दुर भागते है।यह भी एकतरह हमारी उपलब्धि ही है।जो चुनौतियों को खत्म करके के उनके लिए जीवन जीना।बिना चुनौतियों के उपलब्ध हासिल न ही हो सकती।
- अंकिता सिन्हा कवयित्री
जमशेदपुर - झारखंड
अगर मानव जीवन में चुनौतियां नहीं हो, तो मजा नहीं आता, प्रतिस्पर्धा आवश्यक हैं, तभी अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होता हैं। जब तक किसी भी तरह की कोई विफलताओं का सामना नहीं करना पड़ता हैं, तब तक उसे अपनी बुद्धि का पता ही नहीं चलता और उसके उपरान्त अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होता हैं। आज वर्तमान परिदृश्य में देखिए चुनौतियां आम बात हो गई, हर कोई सभी प्रकार की चुनौतियों का सामना करने तत्परता के साथ ही साथ जीवन यापन कर जीवित अवस्था में पहुँचना चाहता हैं। जिसका परिणाम यह हैं, कि वह चर्चित हैं। राजतंत्र, प्रजातंत्र, व्यवसायतंत्र, शिक्षातंत्र, सेवातंत्र आदि तंत्रों की विभिन्न-विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल करने चुनौतियों होती हैं।
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर'
बालाघाट - मध्यप्रदेश
बिना चुनौतियों के तो किस्मत के धनी लोगों को ही उपलब्धि प्राप्त होती है ।उपलब्धि के लिए चुनौतियां का सामना तो करना ही पड़ता है। किसी विशिष्ट काम को करने के लिए मार्ग में रोड़े आना स्वाभाविक बात है। परिस्थितियां भी कई बार विषम हो जाती हैं। पर उन सब का ध्यान रखते हुए अपने कर्तव्य पर निर्बाध गति स बढ़ते जाने से ही लक्ष्य सिद्धि होती है। चुनौतियों का आना और उनका सामना करना, यह तो प्राकृतिक सिद्धांत है। बिना उसकी उपलब्धि नहीं मिलती।
- श्रीमती गायत्री ठाकुर "सक्षम"
नरसिंहपुर - मध्य प्रदेश
चुनौतियों के बिना हमारा जीवन अधूरा है बिना चुनौती के कोई भी उपलब्धि हमें हासिल हो ही नहीं सकती | किसी परीक्षा में पास होने के लिए हमें एक चुनौती का सामना करना पड़ता है और वह चुनौती है हमारा पेपर हम पूरे साल मेहनत करके सारी चुनौतियों का सामना करके अंत में एक आखरी और बड़ी चुनौती को हम जीते हैं इसको हम परीक्षा कहते हैं यह भी जीवन में बहुत बड़ी चुनौती है, कोई भी काम बिना किसी चुनौती के हो ही नहीं सकता कहीं हमें जाना हो तो वहां पहुंचना और उस रास्ते में बीच में जो जो हमारी अर्चना भी हम उन चुनौतियों का सामना करते हुए उसे अपनी जगह पर पहुंचते हैं यह भी एक प्रकार की चुनौतियां हमारे लिए होती है हमारा जीवन चुनौतियों से घिरा हुआ है वह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम उन चुनौतियों का सामना किस प्रकार करते हैं और अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हुए आगे बढ़ते जाते हैं, बिना चुनौतियों के हमें कोई भी चीज हासिल हो ही नहीं सकती क्योंकि हर काम में मेहनत लगती है
- रजत चौहान
बिजनौर - उत्तर प्रदेश
जिस तरह सागर की उपलब्धि पाने के लिए याने सागर में मिलने से पहले नदी को कई चट्टानों, पहाड़ों, बड़े बड़े पत्थरों की चुनौतियों से होकर गुजरना पड़ता है, तब जाकर सागर से आलिंगन संभव होता है। ऐसे ही जीवन में कोई उपलब्धि हासिल करने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना होता है। बिना चुनौतियों के उपलब्धि शायद ही मुमकिन है। चुनौती तो अपनी क्षमता को परखने की कसौटी है इसलिए जीवन में अगर कभी चुनौती सामने न भी दिखे तो भी स्वयं को चुनौती देते रहना चाहिए ताकि जब चुनौती आये तो अपनी कुशलता की चाभी से चुनौती के द्वार का ताला खोल उपलब्धि की खुशी से हमारा मिलन हो पाये।
- दर्शना जैन
खंडवा - मध्यप्रदेश
उपलब्धि बिना चुनौतियों के हासिल नहीं होती।
विरासत में मिली किसी भी पद प्रतिष्ठा को उपलब्धि नहीं माना जाएगा। उपलब्धि है क्या?
जो हम प्राप्त करना चाहते हैं,वह मिलना ही हमारी उपलब्धि है और वह अपनी योग्यता और श्रम के बल पर प्राप्त की हो।यह सहज नहीं मिलती, चुनौती होती ही है सामने। भूखे व्यक्ति के लिए रोटी मिलना चुनौती है,तो पेट भरे व्यक्ति को आराम मिलना चुनौती है।एक कक्षा पास करने के लिए भी चुनौती होती है, परीक्षा में प्रश्नपत्र हल करना और उसमें उत्तीर्णांक प्राप्त करना। हर पग पर चुनौती का सामना करना पड़ता है जीवन में। अच्छे अस्पताल में इलाज लेना, चर्चित स्कूल में दाखिला,बस में सीट,प्रदेश में रिजर्वेशन मिलना भी चुनौती हो गया है। कितने गर्व से अभिभावक कहते हैं कि फलां स्कूल में बच्चों को एडमिशन कराया, बहुत बड़ी चुनौती थी यह काम।हर व्यक्ति,हर पल चुनौती का सामना करता है।खाना बनाने और खाने को भी कम चुनौती नहीं माना जा सकता।हम सब रोज, क्या बनाए और क्या खाएं की चुनौती से जूझते हैं।विषय बहुत रोचक और विस्तृत है। विस्तार भय से बस इतना ही, नमस्कार।
- डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर - उत्तर प्रदेश
जिस तरह मूल गंतव्य को पाने के लिए अनेक पडाओ से गुजर कर जाना होता है। इसी तरह बिना चुनौतियों के कोई उपलब्धि हासिल नहीं होती है। उपलब्धि प्राप्त करने के लिए अनेक चुनौतियों का समाधान करते हुए उपलब्धि तक पहुंचा जा सकता है। छोटी-छोटी लक्ष्यों को तय करते हुए बड़े लक्ष्यो तक जा सकते हैं। चुनौतियों का सामना करते हुए उपलब्धि हासिल होती है बिना चुनौतियों के कोई उपलब्धि हासिल नहीं होती अतः मनुष्य को चुनौती भरी जिंदगी का सामना करते हुए उपलब्धता पहुंचने का हौसला होने चाहिए। क्योंकि उपलब्धि पाने के लिए ही मनुष्य जिंदगी में व्यवहार और कार्य करता है अतः चुनौतियों से कभी घबराना नहीं चाहिए एवं चुनौती का सम्मान करते हुए उपलब्धि हासिल करना चाहिए।
- उर्मिला सिदार
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
आज की चर्चा में जहांँ तक यह प्रश्न है की क्या बिना चुनौतियों के कोई उपलब्धि हासिल हो सकती है तो इस पर मैं कहना चाहूंँगा कि जीवन में संघर्ष परेशानियां और चुनौतियां ही आदमी की क्षमताओं को निखारती है और वह उन्नति के शिखर की ओर अग्रसर होता है जिस व्यक्ति के जीवन में सब कुछ बहुत आसानी से मिलता रहता है उसमें संघर्षों से पार पाने की शक्ति नहीं होती वह परेशानियों से पार नहीं पा सकता और बहुत जल्दी हताश हो जाता है अतः जीवन में बिना किसी परेशानी के कोई उपलब्धि हासिल हो जाए तो उसका आनंद उतना नहीं होता जितना काफी चुनौतियों और प्रयास के बाद मिली किसी उपलब्धि से प्राप्त होता है इसी के साथ ही वह संघर्ष और चुनौती उस व्यक्ति को जीवन में परेशानियों से जूझने की योग्यता भी प्रदान करती है
- प्रमोद कुमार प्रेम
नजीबाबाद - उत्तर प्रदेश
चुनौती शब्द का अर्थ है कि किसी कार्य को सम्पन्न करने के लिए प्रतिकूल स्थिती से लड़कर अपने मकसद को प्राप्त करना । बिना चुनौती के कोई उपलब्धि नहीं हासिल की जा सकती है जो चुनौतियों को स्वीकार करता है वही विजयी होता है । चुनौती के साथ उपलब्धि के गँठ जोड़ को हम सीमा पर तैनात सैनिकों के जीवन से भली भाँति सीख सकते हैं ।
- कमला अग्रवाल
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
हर कार्य एक चुनौती है।दिन की शुरुआत ही चुनौतियों से होती है। जब उपलब्धियों को हासिल करना है तो चुनौतियों को स्वीकार करना ही पड़ेगा । जैसे ईश्वर को पाना है तो नियमतः सत्य कर्म और सत्चरित्र का पालन करना ही होगा । परोपकार की भावना जगानी ही होगी।
उपलब्धियाँ मेहनत और सही दिशा निर्देश का परिणाम होतीं हैं ।अभी कोरोना काल में तो लोगों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। कइयों ने जान गँवाई तो कइयों ने जीत भी हासिल की । हौसला बुलंद होना चाहिए। खुद पर भरोसा होना चाहिए और आत्मशक्ति दग्मगनी नहीं चाहिए। मानव ही एक ऐसा प्राणी है जो चुनौतियों को स्वीकार कर लड़ने की शक्ति रखता है।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
जीवन में असफलता हमें सफलता से ज्यादा मिलती है। सफल व्यक्ति जिसने असफलता को तिरस्कार नहीं किया झेला है। वह व्यक्ति दुनिया के सफल व्यक्ति के पंक्ति में खड़े हो जाते हैं। चाहे फिल्म इंडस्ट्री के अमिताभ बच्चन या प्रशासनिक सेवा में सफल रहे लोगों ने असफलता को सामना किया है उन्होंने ही आज सफलता के पंक्ति में खड़े हैं।जैसे जयशंकर विदेश मंत्री, सफल राजनेता की पंक्ति में खड़े हैं। अजीत डोभाल। भी असफलता झेलने के बाद आज देश के प्रमुख रक्षा सलाहकार बने हुए हैं।
असफलता से लोग गंभीर निराशा में चले जाते हैं उन्हें झलते हुए आगे कदम बढ़ाना बढ़ाना चाहिए।
लेखक का विचार:-हर सफल व्यक्ति की एक दर्दनाक कहानी होती है और हर दर्दनाक कहानी का सफल अंत होता है दर्द स्वीकार करें और सफलता प्राप्त करें।
विजयेन्द्र मोहन
बोकारो - झारखण्ड
अग्नि में तपकर ही सोना कुंदन बनता है मनुष्य का जीवन सीधा सरल सपाट दिखता तो है परंतु ऐसा होता नहीं है जीवन बहुत संघर्ष पूर्ण होता है संघर्षों के बीच रहकर आत्म संयम मनोबल के साथ अग्रसर होते रहना हर चुनौतियों का सामना करने का साहस यदि आपके अंदर है निश्चित ही आने वाले समय में सफल से सफलतम की श्रेणी में खड़े हो जाते हैं चुनौतियां सामने हों
मनुष्य अपना श्रेष्ठ से श्रेष्ठतम प्रदर्शन करता है लक्ष्य के पीछे डटा रहता है फिर काम को एक पूजा की तरह मानकर पूरे मन और शिद्दत से लग जाता है निश्चित एक नई इबारत लिखता है चुनौतियां सामने हों तो आपके अंदर छुपी हुई प्रतिभा भी निकल कर सामने आ जाती है जिसका उस व्यक्ति को स्वयं आंकलन नहीं होता है वह अपने आपको नहीं पहचान पाता है चुनौतियां आपके अंदर की प्रतिभा को जागृत करते हैं।
आपके अंदर तो रहती है दबी सुप्त अवस्था में पड़ी रहती है चुनौतियां आपके अंदर की प्रतिभा को बाहर निकालती हैं निश्चित ही चुनौती का जीवन में महत्व है उपलब्धि के लिए यह जरूरी है।
आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है
- आरती तिवारी सनत
दिल्ली
यूं तो सभी का जीवन चलता रहता है। सामान्य या असामान्य रूप से। सहजता से असहजता से। सुगमता से या कठिनाइयों से। नैया में बैठकर जब एक किनारे से दूसरे किनारे जाते हुए यदि नदी का वेग सामान्य है तो सफर सुगम है। यदि बीच में कोई आंधी, तूफान आ जाये या यकायक नदी का वेग बढ़ जाये तो नाविक के लिए चुनौती हो जाती है। उस चुनौती को स्वीकार कर नाविक अपने श्रम और कौशल से नैया पार लगा देता है यह उसके लिए उपलब्धि है। ऊंट के मालिक के लिए ऊंट बिठाना न तो कोई चुनौती है और ना ही कोई उपलब्धि है। हां, उसके लिए जिसने कभी ऊंट न बैठाया हो उसके लिए चुनौती भी है और सफल होने पर उपलब्धि भी है। इस प्रकार की उपलब्धियों के लिए चुनौतियों का होना आवश्यक है।
- सुदर्शन खन्ना
दिल्ली
सच है कि बिना चुनौतियों के उपलब्धि हासिल करना असंभव भले ही न हो, कठिन तो होता ही है। जब तक उपलब्धि के लिए चुनौती के रूप में स्वीकारा नहीं जाएगा तब तक उस उपलब्धि को पाने के लिए समर्पण भावना, ललक,श्रम-शक्ति आदि भावों को गति नहीं मिलेगी और जब तक गति नहीं होगी तब तक उपलब्धि दूर की कौड़ी ही साबित होगी ,क्योंकि उपलब्धि पाने का रास्ता इन्हीं भावों से होकर जाता है। हो जायेगा, भाग्य में होगी तो मिलेगीअभी यह कर लें, कल से उसे करेंगे.... आदि ये सब भ्रमित करने वाले नकारात्मक भाव हैं जिनसे उपलब्धि कभी हासिल नहीं हो सकती। उपलब्धि के लिए आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प, प्रतिस्पर्धा ,कठोर श्रम,सच्ची लगन बहुत जरूरी हैं अर्थात जब तक किसी भी उपलब्धि को चुनौती के रूप में नहीं लेंगे तब तक उपलब्धि में सफलता हासिल हो पाना मुश्किलें पैदा करेगा।
- नरेन्द्र श्रीवास्तव
गाडरवारा - मध्यप्रदेश
आज के समय मे कुछ आसान नहीं,हर जगह चुनौती का सामना करना पड़ता है व्यक्ति की राह में बड़े -बड़े पत्थर और कांटे बिछे हो तो हम अपना सफर जारी रख सकते हैं, वो पत्थर वो रुकावट निरन्तर हमारे अन्दर ऊर्जा का स्रोत बन कर फूटती हैं पल-पल हम मेहनत के प्रति उत्तरदायी होते हैं,उन रास्ते के पत्थरों पर पैर रखकर बसर करते हैं यही चुनौती हमे ऊंचे शिखर तक लेकर जाती है।और जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई है कि हमारे सामने रास्ता साफ व स्वच्छ हो तो वहाँ की सुंदरता में ही मग्न रह जाते हैं।
"लहरों से डरकर नैया पार नहीं होती,
कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती।"
अर्थात चुनौती को स्वीकार करें घबराएं नहीं, निरन्तर मेहनत करते रहें तभी हम मुकाम तक पहुँच सकते हैं मेहनत से जो फल प्राप्त होता है वही मुख्य तौर पर उपलब्धि है।
- तरसेम शर्मा
कैथल - हरियाणा
कहते हैं, बिना चुनौतियों के जिन्दगी है निराशा, चुनौतियां ही देती हैं जिन्दगी में आगे वढ़ने की आशा, तो आइयै आज की शुरुआत करते हैं कि क्या बिना चुनौतियों के कोई उपलब्धि हासिल होती है, यहां तक मेरा ख्याल है किसी भी उपलब्धि को हासिल करने के लिए चुनौतियों का डट कर मुकाबला करना पड़ता है तभी जा कर हम अपने लक्ष्य को पा सकते हैं ।
यह सच है कि परिवर्तन चक्र तेजी से घूम रहा है, समाजिक स्थिति बहुत तेजी से बदल रही है दिन प्रतिदिन नए अविष्कार हो रहे हैं,
आज का युवक ऐसे ही माहौल में जन्म ले रहा है और होश संभालते ही अनेक प्रकार की दुखद एंव चिन्ताजनक परिस्थितियों से रूबरू हो रहा है, ऐसे हालातों में चुनौतियों का सामना करके ही उपलब्धि हासिल हो सकती है।
सच कहा है,
"जलती लौ की तरह है हमारी जिंदगी, हवा के झोंकों की चुनौती सहनी पड़ती है"।
कहने का मतलब उत्साह ए़ंव उमंग से भरपूर युवाओं में पहाड़ से टकराने की ललक होती है, कठिन से कठिन परिस्थितियों से जुझने का साहस होता है, तभी असंभव को संभव कर दिखाने की क्षमता रखते हैं, इसलिए उन्हें हर चुनौति का सामना करते हुए अपने लक्ष्य की और वढ़ना चाहिए क्योंकी कोई भी उपलब्धि बिना चुनौतियों हासिल नहीं होगी।
यह भी सच है,
"बिना चुनौतियों के जिंदगी है निराशा,
चुनौतियां ही देती हैं जिंदगी मैं आगै वढ़ने की आशा"।
कहने का मतलब चुनौति स्वीकार करने वालो् की कभी हार नहीं होती।
माना की चुनौतियों को स्वीकार करते वक्त कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है, लेकिन कठिनाईयां ही हमें संघर्ष करना सिखाती हैं और आखिकार हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचाने की हिम्मत देती हैं,
नैपोलियन ने कहा था कि असंभव शब्द उसके शब्दकोष में नहीं है, इसे अपने जीवन का आधार बनाकर सदैव यही विचार रखें कि संसार में ऐसा कोई कार्य नहीं जो हम कर नहीं सकते,
उज्जवल भविष्य हमारे लिए तत्पर है, सिर्फ अपने अन्दर ऐसा आत्मविश्वाश वना लें कि,
हमें जीवन की अनेक चुनौतियों का सामना करने मे सफल हो सकेंगे फिर कोई भी ऐसी उपलब्धि नहीं है जिसे हम हासिल नहीं कर सकते,
इसके साथ साथ हमें पूरी निष्ठा व ईमानदारी से, निस्वार्थ भाव से अपने कर्तब्य का पालन भी करना होगा, फिर हमें कोई भी चुनौति पीछे नहीं कर सकती।
यही नहीं इसके साथ साथ हमें अपना लक्ष्य निश्चित करना होगा और निश्चित करते समय हमें विवेकानन्द, सुभाष चन्द्र, सरदार पटेल, भगत सिहं इत्यादी महान युवा क्रांतिकारियों की प्रेरणा लेनी होगी,
यही नहीं एक बार हम अपना लक्ष्य निधारित कर लें फिर दृढ़ इच्छा के साथ उस पथ पर चलें, मार्ग में अनेक चुनौतियां आएंगी पर यदि हमारा संकल्प दृ़ढ है तो सारी उलझने धीरे धीरे खत्म हो जांएगी
मगर घैर्यपूर्वक अपने पथ पर लड़ते बढ़ते रहें तब तक जब तक लक्षंय प्राप्त नहीं हो जाता।
क्योंकी,
सफलता उन्हें ही मिलती है जो जिन्दगी में चुनौतियों के स्वीकार करते हैं,
सफलता उन से मिलों दूर भागती है जो जिंदगी की चुनौतियों से ङरते हैं ।
आखिरकार यही कहुंगा,
यदि हमारा आत्मविश्वाश और ईश्वर विश्वास दृढ है तो कोई भी अवरोध अधिक समय तक टिक नहीं सकता,
अत: हमें लक्ष्य ऐसा चुनना चाहिए जो हमें प्रेरित करे और चुनौतियों से परिपूर्ण हो व क्षमताओं के अनुसार हो।
मगर यह याद रखना,
जीवन एक चुनौति है, इसे स्वीकार करो, असफलता से ङरो नहीं, सफलता की ललकार करो।
- सुदर्शन कुमार शर्मा
जम्मू - जम्मू कश्मीर
" मेरी दृष्टि में " चुनौतियों से ही उपलब्धि मिलती है । चुनौतियां ही मार्गदर्शन का कार्य करती है । यही जीवन का सबसे बड़ा ज्ञान है ।
- बीजेन्द्र जैमिनी
डिजिटल सम्मान
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