क्या जेल से मोबाइल द्वारा रंगदारी मागना कभी बन्द होगा ?
बदमाश जेल से भी रंगदारी मांगते रहते है । प्रशासन का कोई प्रयास सफल नहीं होता है । कई बार जेल प्रशासन द्वारा ही बदमाशों को मोबाइल आदि उपलब्ध करवाता है । जिससे साधारण जनता की तकलीफ कम होती नजर नज़र नहीं आती हैं । यही जैमिनी अकादमी द्वारा " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते हैं : -
न्यायिक व्यवस्था में इतनी शक्ति है कि प्रत्येक गैर-कानूनी कार्य बन्द हो सकता है। परन्तु व्यवस्था को क्रियान्वित करने वाले व्यक्तियों में छिपे भेड़िये ऐसा नहीं होने देते। बहुत सुनते हैं कि कानून से ऊपर कोई नहीं। यदि यह सत्य है तो जेल से रंगदारी मांगने वाले अपराधियों को बाहुबली की संज्ञा कैसे मिल जाती है? ऐसे अपराधियों का खौफ कानून के रखवालों पर कानून से अधिक कैसे हो जाता है?
सच्चाई यह है कि जेल का प्रशासनिक तंत्र यदि पूर्ण निष्ठा, निडरता और ईमानदारी से अपना कर्तव्य वहन करे तो जेल से मोबाइल द्वारा रंगदारी मांगना बन्द हो सकता है। परन्तु ऐसा कब होगा? यह प्रश्न युगों-युगों तक कायम रहेगा।
- सतेन्द्र शर्मा 'तरंग'
देहरादून - उत्तराखण्ड
रंगतारी का मतलब गुंडों द्वारा अपनी गुंडागर्दी के बल पर दूसरों को भयभीत करने ,डराने धमकाने और पैसा वसूल करने जैसे कुकृत्य शामिल है ।
अपराधिक प्रवृत्ति वाले लोग रंगदारी जैसे बुरे कृत्य में शामिल होते हैं । अनैतिक, अमानवीय तरीके से पैसा वसूलना ऐसे लोगों का धंधा बन गया होता है ।
हत्या, लूट, अपहरण और कुकृत्याें में षड्यंत्र रचना जैसे संगीन मामलों में सजायाफ्ता अपराधी जेल में जाकर भी अपने इस घृणित धंधे से अलग नहीं हो पाते । रंगदारी के तार जेल के अंदर से भी जुड़े रहते हैं । क्योंकि जेल के अंदर और बाहर एक ही थैली के चट्टे बट्टे विद्यमान होते हैं ।
अपराधियों का साथ देने वालों की भी कमी नहीं है । पैसे के लालच में किसी का भी ईमान डगमगा जाता है । यही कारण है कि अपराधियों को जेल तो मिलती है परंतु अपराध का धंधा जेल से भी चालू रहता है । ईमानदार अफसरों के साथ साथ भ्रष्ट अफसर तंत्र की भी कमी नहीं है । तभी तो जेलों में रंगदारी जैसे धंधे फलते फूलते हैं । मोबाइल के माध्यम से इस प्रकार के कुकृत्य चलते रहते हैं । उनके पास मोबाइल कहां से आता है यह विषय अति निंदनीय है । अपरोक्ष रूप से भ्रष्ट अफसर तंत्र ही इसके लिए जिम्मेदार होता है । अपराध की दुनिया में कानून का भय तनिक भी नहीं है । इसके कारण भी सोचनीय है सभी इन से भलीभांति परिचित हैं ।
अपने कर्तव्य और कानून के प्रति ईमानदारी ही इस प्रकार के रंगदारी जैसे घिनाैने कुकृत्याें में कमी ला सकती हैं ।
बड़े दुख की बात है कि नियमों की अवहेलना, सिद्धांतों को रुढी मानना और कर्तव्य का मजाक आज अवसरवादी सिलसिला बन चुका है ।
जरूरत है नैतिकता के आधार पर कर्तव्यों की परिभाषा समझाना, कानून में और सख्ती का होना, नौकरी के प्रति लापरवाही में सजा का प्रावधान अवश्य होना , किसी भी मामले के निपटारे में समय अवधि का निश्चित होना। जेल के भीतर हर गतिविधि पर तीव्र दृष्टि होना तथा सुधारवादी नीति पर भी ध्यान केंद्रित होना चाहिए । मानवतावादी दृष्टिकोण के पीछे किसी अपराध को शह नहीं मिलनी चाहिए ।
- शीला सिंह
बिलासपुर - हिमाचल प्रदेश
भारत सरकार एवं राज्य सरकार के जिस दिन इच्छा जागृत होगा उस दिन से बंद हो सकता है।
इसमें राजनीति नहीं होने देना चाहिए चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष।
नियम सबके लिए बराबर होना चाहिए।
राजनीति पार्टी उन्हीं को नेता चुने जिनकी की साफ-सुथरी छवि हो, अपराधी मामलों में जो लोग शामिल है उन्हें किसी भी प्रकार का टिकट चुनाव के समय ना दें ।उन लोग से दूरी बनाकर रहे।
सत्ता और विपक्ष दोनों को जिम्मेवारी बनता है ।हमारे देश में भ्रष्ट लोग का ही बोलबाला है इस देश का ही दुर्भाग्य है की हमारा संविधान बहुत ही लचीलापन है।
कुछ दिन पहले पेपर से अवगत हुए हैं, कि बिहार सरकार सभी दबंग कैदियों से मोबाइल लेने जा रही हैं और अगर उन्हें परिवार से बातचीत करना हो तो जेल के अंदर टेलीफोन बूथ की सुविधा दी जाएगी जिससे आप परिवार से बातचीत कर सकते हैं। अच्छा निर्णय है। अगर कामयाब हुआ तो मैं कहूंगा देश के सभी राज्य इसे लागू करें।
लेखक का विचार:-जिस दिन सरकार, जिला प्रशासन एवं जेल प्रशासन की कड़ी नजर पड़ेगी उसी दिन से बंद हो सकता है। साथ ही साथ राजनीति हस्तक्षेप होना बंद हो।
- विजयेन्द्र मोहन
बोकारो - झारखण्ड
जेल प्रशासन यदि चाह लेे तो मोबाइल फोन से रंगदारी मांगने की बात तो दूर अपराधी किसी का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते, लेकिन ऐसा बहुत कम ही देखने को मिला है कि जेल प्रशासन इमानदारी पूर्वक कैदियों और बंदियों के साथ कार्यवाही की है। जेल में बंद अपराधी मोबाइल फोन के माध्यम से वर्षों से व्यापारियों और पैसे वालों से रंगदारी वसूलते रहे हैं। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान भी जब देशभर में कारोबार ठप पढ़ा हुआ था, उस समय भी जेल के अंदर से मोबाइल फोन के माध्यम से रंगदारी का कारोबार बेखौफ चल रहा था। रंगदारी वसूली का काम सबसे अधिक दिल्ली के तिहाड़ जेल से चल रहा था जो आज भी जारी है। जेल के अंदर अपराधी चीन में बने बहुत ही छोटे छोटे मोबाइलों का उपयोग कर रहे हैं। जब मीडिया में यह बात आई की जेल में मोबाइल फोन द्वारा रंगदारी का कारोबार चल रहा है तब जेल अधिकारी दीपक शर्मा ने जय सिंह नामक जेल अधिकारी के साथ टीम बनाई और लॉकडाउन के दौरान ऑपरेशन कॉल सेंटर चलाया। मंडोली जेल में गोगी गैंग के सदस्य दीपक तीतरबड है, जिसने हाल में ही बारकोड के मालिक से 30 लाख की रंगदारी मांगी थी। इसके अलावा दक्षिणी दिल्ली के आंसू है जो चौधरी गैंग का सदस्य है उसके पास से छापामारी के दौरान मोबाइल फोन से हुए थे। इसी तरह लखनऊ में सलीम गैंग के मेंबर रुस्तम को भी जेल प्रशासन ने औकात में लाया था। जेल के अंदर मोबाइल फोन मंडोली जेल में टॉयलेट के सीट में मिली थी। हालांकि जेल में मोबाइल फोन का इस्तेमाल गैर कानूनी है इसमें सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है। कारागार विभाग द्वारा 18 94 के प्रिजन एक्ट की धारा 42 और 45 में संशोधन की बात चल रही है, जिसके तहत जेल में मोबाइल के इस्तेमाल पर पकड़े जाने वाले अपराधी को 3 साल की सजा और ₹50000 जुर्माने की प्रावधान होगा। जेल प्रशासन भले ही कितना भी कठोर कानून बना ले जब तक अपराधियों के साथ उनकी मिलीभगत रहेगी तब तक मोबाइल फोन द्वारा व्यापारियों और पूंजीपतियों से रंगदारी मांगने का कारोबार जारी रहेगा। जेल से मोबाइल फोन द्वारा रंगदारी मांगने का कारोबार जब तक जेल प्रशासन नहीं चाहे तब तक जारी रहेगा।
- अंकिता सिन्हा कवायित्री
जमशेदपुर - झारखंड
असम्भव तो कुछ भी नहीं होता। किन्तु उसके करने और ना करने की इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है कि करना क्या है? किसने करना है? क्यों और कब करना है?
जब जेल वाले अपराधियों को फांसी पर लटकाने में सक्षम हैं तो रंगदारी मांगने को बन्द करने पर प्रश्नचिन्ह कैसा? परंतु जेलर व उसके सहकर्मी भी तो भारत के भ्रष्टतंत्र का ही एक अदना सा भाग हैं। वह भी बाल-बच्चों वाले हैं। उन्हें भी राजसी सुविधाएं चाहिए और राजसी सुविधाएं उसी भ्रष्टतंत्र से सम्भव हो सकती हैं।
अन्यथा मानव अनमोल जीवन उम्र भर न्यायालय के चक्करों में कट जाता है। ऐसे में कोई साथी शेष नहीं रहता।सांसारिक रिश्तों की तो बात ही क्या पारिवारिक सदस्य भी सम्बन्द तोड़ लेते हैं। जिसका साक्षी मैं स्वयं भी हूं।
हां जिस दिन विधायिका, कार्यपालिका, न्यायापालिका और पत्रकारिता नामक चारों सशक्त स्तम्भों के उच्चतम वरिष्ठ अधिकारियों ने अंतर्मन से ठान ली कि अब भारत में भ्रष्टाचार को समाप्त करना है। तो उस दिन जेल से मोबाइल द्वारा रंगदारी मांगना बन्द ही नहीं बल्कि समस्त भ्रष्टाचार का प्रश्नचिन्ह ही खत्म हो जाएगा।
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर
जेल से मोबाइल द्वारा रंगदारी मांगने के मामले जोर पकड़ते जा रहे हैं. जेल में सजा काटना भी अपने आप में एक मजाक की बात बन गई है. भला कैदी को मोबाइल से क्या काम? उसे मोबाइल रखने की इजाजत ही नहीं होनी चाहिए, अन्यथा रंगदारी मांगने का आरोपी भेजा गया जेल और जेल से फिर रंगदारी मांगने के मामले सामने आते जाएंगे. इस तरह व्यवसायियों तथा अन्य लोगों से जेल से लाखों रुपए रंगदारी मांगी जाती रहेगी और वे दहशत में जीते रहेंगे. रंगदारी दें तो भी मुसीबत, न दें तो जान का खतरा! जब तक मन से बदनीयती नहीं जाएगी, रंगदारी तो क्या कोई भी भ्रष्टाचार समाप्त नहीं हो पाएगा. इसलिए जेल से मोबाइल द्वारा रंगदारी समाप्त करने के लिए सबसे पहले कैदी को मोबाइल की सुविधा से ही वंचित रखाना होगा, अन्यथा अपराध पर अपराध होते जाएंगे और स्थिति नियंत्रण से परे होती जाएगी.
- लीला तिवानी
दिल्ली
यह भारतीय व्यवस्थाएं हैं, जनता के लिए, जनता का शासन, जहाँ समस्त प्रकार के कानूनों में संशोधन होकर बाहुबली अपना वर्चस्व स्थापित करने में सफल हो रहे हैं। कानून व्यवस्था चरमरा गई हैं। जेल में आशीर्वाद प्राप्त कैदी कैद हैं, जहाँ रंगदारी के माध्यम से अपनी दिनचर्या परिवर्तित करते हैं। जेल में पुलिस कर्मियों की इतनी निकटता, मध्यस्थता कैदियों की बढ़ जाती हैं, जिसके कारण परिणाम सरल हो जाते हैं। जो इनकी नहीं सुनता तो रंगदारी के माध्यम से अपनी इच्छाऐं पूर्ण करते हैं। जेल प्रशासन को अपने विवेक से ही चलना चाहिए ताकि भविष्य में कोई दुष्परिणाम सामने नहीं आये।
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर'
बालाघाट - मध्यप्रदेश
आजकल दिन दहाड़े लूट खसूट रिश्वत खोरी, व रंगदारी के मामले दिन दिन वढ़ते जा रहे हैं,
यहां तक की जेलों में से भी रंगदारी के मामले सामने आए हैं
यह रंगदारी व अवैध वसुली मोबाइल फोन के जरिए जेलों में भी चल रही है, आए दिन कुछ वदमाशों द्वारा रंगदारी के लिए धमकाया जाता है।
यही नहीं कई व्यवसायियों से लाखों में रंगदारी मांगी जाती है नहीं देनै पर उनको जान सै मारने का धमकी दी जाती है,
अगर यही सिलसला चलता रहा तो जेलों में भी कानून की धज्जियां उड़ जांएगी,
इसलिए जल्द से जल्द सख्त कानून की जरूरत है।
अक्सर देखा गया है चैकिंग के दौरान जेल में से अक्सर मोबाइल फोन मिलने की घटनांए सामने आती हैं, यही कारण है जेल से रंगदारी मांगने के मामले देखे गए हैं।
आए दिन अपराधी जेल से फोन करके रंगदारी मांगते हैं,
ऐसा लग रहा है जेलों में अभी तक,टू जी जैमर लगे, हैं, इन्हें शीघ्र ही बदल देना चाहिए,
ताकि हलात पर काबू पाया जा सके।
क्योंकी जेलों में जैमर लगे होने के बाद भी अपराधियों के नेटवर्क चल रहे हैं,
जब तक इन जैमरों को बदला नहीं गया यह समस्या वनी रहेगी।
लगता है जेलों में जो जैमर लगे हैं वे केवल टूजी फोन को कबर कर पाते हैं, जबकि अधिकांश लोग थ्रीजी और फौरजी फोन का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए जेलों में नए जैमर लगवाए जाएं जो फाइव जी तक फोन को कवर करें ताकी कैदी जेल की सुरक्षा को भेद न सकें।
इसके साथ साथ चैकिंग व नियम व्यवस्था को भी सुधार लाने की सख्त जरूरत है, ताकि रंगदारी मांगने के हालात पर शीघ्र काबू पाया जा सके।
- सुदर्शन कुमार शर्मा
जम्मू - जम्मू कश्मीर
जब तक प्रशासन चुस्त-दुरुस्त नहीं होगा कार्य में पारदर्शिता नहीं रहेगी तब तक कुछ भी संभव है। चाहे जेल से मोबाइल द्वारा रंगदारी मांगना हो या और कुछ। पूरे प्रशासनिक अमले का ईमानदार ,कर्तव्यनिष्ठ तथा कड़ाई से नियमों का पालन करने वाला होना अति आवश्यक है। उसमें राजनीति, गुटवादिता, अन्य सामाजिक संगठनों का सहयोग नहीं होना चाहिए पूर्णरूपेण निष्पक्ष रुप से निर्भयता पूर्वक जब कार्य किया जाएगा और अपराधी को किसी भी तरह की सुविधा मुहैया नहीं कराई जाएगी अन्य कैदियों की तरह उसे भी वही सब करना होगा जो वे करते हैं तथा उसकी कार्य एवं गतिविधियों पर ध्यान देना भी आवश्यक होगा अन्यथा वह दूसरे कैदियों को भी बिगाड़ कर अर्थात कुछ लालच वगैरह देकर अपने साथ लगा लेगा और उनका फायदा उठाएगा।
श्रीमती गायत्री ठाकुर "सक्षम"
नरसिंहपुर - मध्य प्रदेश
कोई भी अपराध तबतक नहीं बन्द होगा जबतक उसके कारण को खत्म नहीं किया जाता। उसके लिए कड़े क़ानून नहीं बन जाते या बनने के बावजूद कड़ाई से लागू नहीं होते। ऊँचे पहुँच वाले उनकी मदद करना बंद नहीं करते। लोगों के अंदर अपराधी को अपराधी समझने की भावना पैदा नहीं होगी।सब उसका वहिष्कार नहीं करेंगे । तबतक कोई भी अपराध पूरी तरह से बंद नहीं हो सकता है।
सबसे पहली बात अपराधी को जेल में मोबाइल रखने की इजाजत क्यों। अगर उसके पास मोबाइल नहीं होगी तो वो किस तरह से रंगदारी मांगेगा। जब वो जेल में है तो उससे डरने की क्या जरूरत है। अगर जेल में उसके पास मोबाइल पहुँचती है इसका मतलब जेल के आदमी उससे मील हुए हैं। किसी बड़े नेता या गिरोह का हाथ उसके सर पर है। तभी तो वो हिम्मत करता है किसी से भी रंगदारी मांगने का। हो सकता है उस रंगदारी का कुछ हिस्सा उन बड़े लोगों के पास जाता हो।
जेल जाने से हर कोई डरता है।लेकिन जो जेल में रह कर रंगदारी मांगता है वो कितना हिम्मत वाला या रसूख वाला आदमी है।इससे साफ पता चलता है। कैद मतलब कैद फिर उसे कोई सुविधा क्यों। सुविधा का वो नाजायज लाभ लेता है।
इस तरह जब तक जेल में उसके पास मोबाइल पहुँचता रहेगा तबतक रंगदारी मांगना बन्द नहीं होगा। अपराधी को सुविधा विहीन करना होगा तभी जाकर जेल से मोबाइल द्वारा रंगदारी मांगना बन्द होगा। अन्यथा नहीं।
- दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश"
कलकत्ता - प. बंगाल
आज की चर्चा में जहाँ तक यह प्रश्न है की क्या जेल से रंगदारी मांगना कभी खत्म हो पाएगा तो इस पर मैं कहना चाहूंगा यह सब अपराधिक मानसिकता के चलते होता है अपराधिक पृष्ठभूमि के लोग इस कदर अपना आतंक बना देते हैं की उनके सामने कुछ कहना और उन्हें समझाना रोकना बहुत आसान नहीं होता परंतु इस तरह की व्यवस्था न तो सरकार चाहती है ना प्रशासन चाहता है और न जनता चाहती है जिस दिन अपराधिक प्रवृत्ति के लोग समाज में पैदा होना बंद हो जाएंगे उस दिन इस तरह के काम भी अपने आप रुक जाएंगे यह असंभव है भी नहीं हां मुश्किल जरूर है परंतु जिस दिन समाज ऐसी छवि के लोगों को प्रतिकार करना सीख जाएगा और उन्हें कोई महत्व नहीं देगा उस दिन यह लोग धीरे-धीरे धीरे-धीरे खुद ही खत्म हो जाएगें और इस तरह की घटनाएं सुनने में भी नहीं आएंगी ऐसा नहीं है कि सरकार प्रयास नहीं कर रही है सरकार की तरफ से ऐसे अपराधिक तत्वों को खत्म करने का अभियान समय-समय पर चलाया जाता है उसका प्रयास रहता है कि इन अपराधों पर नियंत्रण किया जाए और उसी क्रम में बहुत सी घटनाएं भी हो जाती हैं परंतु वह सब इन अपराधों को रोकने का ही हिस्सा है और एक दिन जरूर आएगा जब सरकार और प्रशासन की यह मंशा कि अपराधिक तत्वों को पूरी तरह से समाप्त कर देने की जरूर पूरी होगी
- प्रमोद कुमार प्रेम
नजीबाबाद - उत्तर प्रदेश
जेल में बदमाशों को बड़ा आराम और सुविधाएं दिए जाते हैं सब नेता लोग गुंडे बदमाशों का सहारा चुनाव जीतने के लेते हैं बदमाशों के सिर पर नेताओं का आशीर्वाद रहता है इसीलिए उनको समाज प्रशासन किसी का भी डर नहीं रहता है और वह लोग खुलेआम रंगदारी करते रहते हैं जेल भी उनके लिए फाइव स्टार होटल की तरह है वह आते और जाते ही रहते हैं जब तक हमारे समाज में किसी बात का डर नहीं रहेगा तब तक यह रंगदारी बंद नहीं होगी जब तक सब लोग राजनीति में नहीं आएंगे लेकिन सब लोग बेचारे क्या करें वह आते हैं तो उन्हें वोट भी कोई नहीं देता है और वोट बैंक की राजनीति जब तक चलती रहेगी तब तक गुंडा बदमाश सब कुछ होता रहेगा इसीलिए यह समाचार जब तक की ओर जा रहा है।
इस और सरकार और प्रशासन को कड़े नियम बनाने चाहिए क्योंकि आज के समाज में नैतिक चरित्र का पतन हो चुका है।
- प्रीति मिश्रा
जबलपुर - मध्य प्रदेश
विषय बिगड़ी हुई शासन व्यवस्था राजनीतिक व्यवस्था का उदाहरण है जेल का निर्माण अपराधियों के अपराध को रोकने के लिए उनके व्यक्तित्व में सुधार लाने के लिए बना है पर जब प्रशासनिक अधिकारी के अव्यवस्थित अनियंत्रित देखरेख हो जाए तो रंगदारी जेल से मांगना बंद नहीं हो सकता
कागज के पन्नों पर जो नियम और कानून संविधान द्वारा बने हैं वह बिल्कुल सही है लेकिन उन नियमों को पालन करना उसके अनुसार कार्य करना यह प्रशासनिक अधिकारी का कर्तव्य है आज वर्तमान समय का माहौल ऐसा है कि डर खौफ इत्यादि का बोलबाला है जिसके कारण इस प्रकार के अपराध पर पाबंदी लगाना का मतलब जान जोखिम में डालना है
गुंडों और अपराधियों के बल पर ही राजनीति का बोलबाला है जिस दिन राजनीतिक वातावरण में सुधार हो जाएगा उस दिन से इस प्रकार की अपराधी हरकतें भी बंद हो जाएंगी
- कुमकुम वेद सेन
मुम्बई - महाराष्ट्र
शायद कभी न हो। आज की जो कुव्यवस्था है और जिस कदर चारों ओर भ्रष्टाचार व्याप्त है उस आधार पर तो यही प्रतीत होता है कि यह ग़लत कार्य कोढ़ बन कर पनप रहा है और यह दिनों दिन अपनी जड़ें फैलाता ही जा रहा है। आजकल अपराधियों में खौंफ हीं नहीं है किसी की। वह अपने बल और पैसे से सब कुछ मैनेज करने की ताकत रखतें हैं। अपराधी सिर्फ दिखावे के लिए जेल में बंद रहता है और सारे मज़े उसे अपने बलबूते पर जेल में भी उपलब्ध हो जाता है। ऐसा रोकने के लिए कड़े कानूनी नियम और ईमानदार लोगों की अति आवश्यकता है। यह कोई मुश्किल काम नहीं, लेकिन बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे वाली बात है।
- डॉ पूनम देवा
पटना - बिहार
यदि जेल प्रशासन सही ढंग से काम करे तो काफी हद्द तक हो सकता है ! जेल में कैदी को मिलने आने वालों पर अंकुश होना चाहिये !
एक पुलिस साथ खड़ी होनी चाहिए! मिलने आने वालों की पहले तपास करनी चाहिए !चूंकि बाहर से ही उनके आदमी मोबाइल जैसी सुविधा दे जाते हैं !
सबसे अहम बात है उन्हें सीसी टीवी कैमरे के सामने खड़े रखना चाहिए !
आजकल मोबाइल टेक्नालॉजी इतनी आगे है कि इससे फायदे के साथ नुकसान और खतरे भी बढ़ गये हैं!जेल में जोमर काम नहीं करता अतः वे लगाते नहीं हैं ! मोबाइल 4जी में काम नहीं आता !
लूटे हुए और चोरी के फोन का इस्तेमाल सीम बदल करते हैं ! आजकल जेल के अंदर रंगदारी आम हो गया है जेल के अंदर कैद होकर अपना नाम दे अपने गुर्गे से काम करवाते हैं ! राजनीति भी पूरा खेल खेलती है ! चुनाव के समय भी रंगदारी होती है ! भ्रष्टाचार बंद हो एवं जेल प्रशासन शिफतता से काम ले एवं कठोर कदम उठाए जाएं तो यह बंद हो सकता है !
- चंद्रिका व्यास
मुंबई - महाराष्ट्र
जेल से मोबाइल पर रंगदारी माँगना बंद नहीं किया जा सकता क्योंकि जिन जेलों में रंगदारी मांगने वाले बंद हैं उन्हीं जेलों के भ्रष्ट अधिकारी या कर्मचारी या फिर ख़ौफ़ज़दा अधिकारी या कर्मचारी यह सुविधा दिलाने को बाध्य होते हैं. बहुत बड़ा तंत्र है जिसे एकदम से नष्ट करना असंभव है. रावण के सिरों के भांति है, एक को नष्ट करके दूसरे को नष्ट करने जाओ तो पहला फिर उग आता है.
- सुदर्शन खन्ना
दिल्ली
*अपराध प्रवृति के लोगों को आप कहीं भी रखें उनके मन मस्तिष्क में केवल अपराध ही भरा होता है*
अपराधिक लोगों को जेल में मोबाइल की सुविधाओं को पूर्ण रुप से बंद करना ही रंगदारी को बंद करने के लिए कोई कदम उठाया जा सकता है जैमर से भी बंद नहीं हो रहे हैं अपराधी को मोबाइल की सुविधा देने से 4G सिम के होने से उनको जेल के अंदर से ही रंगदारी करते हुए अपराधों का पूरा ताना-बाना षड्यंत्र रच लेते हैं और
वह सुरक्षित भी रहते हैं जेल के अंदर उनको मोबाइल और सिम कैसे पहुंचता है उनको कौन यह सुविधाएं प्रदान करवाता है इस पर ध्यान देने, नियंत्रण करने की अति आवश्यकता है 4G सिम की तकनीकी के कारण प्रशासन भी बंद करने में नाकामयाब हैं इस बात पर
प्रशासन को कड़े और कठोर नियम बनाने चाहिए जिससे जेल के अंदर से अपराधी रंगदारी वसूलने में नाकामयाब रहें अपराधी तो सुरक्षित होता है लेकिन बाहर रहने वाले आम नागरिक के लिए यह खतरा बन जाता है और इससे बड़े वारदात होने की भी संभावना बढ़ जाती है इस ओर प्रशासन को कठोर और कड़े नियमों को लागू करना होगा।
- आरती तिवारी सनत
दिल्ली
कहा गया है कि पैसों के लिए आदमी क्या नहीं करता? जब रंगदारों से बिना मेहनत हर बार रंगदारी वसूलने की तिकड़म बैठ जाये तो पागल कुत्ते ने थोड़ी काटा है जो हम मेहनत करेंगे l यह एक अवैध वसूली है जो मेहनतकशों से छोटे बड़े अपराधियों द्वारा रंगदारी टैक्स के रूप में वसूला जाता है l
चोर चोर मोसेरे भाई की कहावत इस रंगदारी को फलने फूलने का अवसर दे रही है l
जब तक निम्न गतिविधियों पर अंकुश नहीं लगेगा तब तक रंगदारी फलती फूलती रहेगी, बंद होने की संभावना ही नहीं है l
1. अपराधियों को मोबाईल फोन किस प्रकार उपलब्ध हो जाते हैं?
2. जेल अधिकारीयों एवं अन्य राजकीय कार्मिकों की भूमिका की जाँच की जावे तथा संदिग्ध गतिविधियों पर नज़र रखें l 3. परिश्रम, पुरुषार्थ और पराक्रम जैसे शब्द संवेदनाओं के परे हो गये l
4. अपराधियों की सुरक्षा जेल में कुछ यूँ है --मासी आया करे रखाली कुण पकड़ जी या कुण देगा घर.. कैसे होगी रंगदारी खत्म?
5. राजनैतिक आकांक्षाओं का अपराधियों के सिर पर हाथ जब तक रहेगा, रंगदारी जारी रहेगी l
6. ईश्वरीय सत्ता और दण्ड व्यवस्था के प्रति अपराधियों में जागृति लायी जाये l
7. मौसेरे भाइयों को चारित्रिक एवं आध्यात्मिक उन्नयन का प्रशिक्षण दिया जावे l
---चलते चलते
तू हवाओं के रुख पे चाहतो का दिया जलाने की जिद न कर l
रंगदारी कयामत पर है इसे मिटाने की जिद न कर l
- डॉ छाया शर्मा
अजमेर - राजस्थान
जी बिल्कुल जेल से मोबाइल द्वारा रंगदारी मांगना बंद हो जाएगा | सबसे पहले हम जाने नहीं कि रंगदारी चाहे तो दिखे रंगदारी वह है जो गुंडे लोग हफ्ते के तौर पर मांगते हैं इसको हम रंगदारी बोलते हैं अब हम रंगदारी बंद करने के उपाय बात करेंगे इस पर हम सबसे पहले बात करेंगे शासन व्यवस्था पर शासन की कुछ व्यवस्थाओं में कमी रह जाती है जिसका फायदा उठाकर के जेलों में फोन पहुंच जाते हैं | हमारे जेलर को कड़े कानून के साथ यह ध्यान रखना चाहिए कि जेल के अंदर किसी भी कैदी के पास किसी भी प्रकार का कोई फोन ना पहुंचे तेजू के पास फोन पहुंच जाता है और उसके जरिए से अपने भार के लोगों से संपर्क करते हैं और उनसे रंगदारी का काम और काफी सारे गलत काम भी करवाते हैं | इसका हाल यही है कि हमारी जेल प्रशासन काफी ज्यादा मजबूत होना चाहिए और जो हमारे जेलर हैं उनको कड़ा प्रशासन अपनी जेल के अंदर रखना चाहिए चाची से जेल के कैदियों के पास आ रही है और क्या उनके पास से जा रही हैं इसका उन्हें पूरा ध्यान रखना चाहिए तभी यह रंगदारी का काम बंद होगा |
- रजत चौहान
बिजनौर - उत्तरप्रदेश
" मेरी दृष्टि में " जेल प्रशासन ही सबसे बड़ा दोषी है । परन्तु सरकारी कर्मचारी पर बहुत कम यानि ना के बराबर कारवाई होती है । जिससे यह समस्या दिनों दिन बढती जा रही है ।
- बीजेन्द्र जैमिनी
डिजिटल सम्मान
जब तक जेल प्रशासन स्ट्रिक्ट नहीं होगा अपराधियों को सुविधा उपलब्ध कराता रहेगा तब तक जेल में रंगदारी खत्म नहीं हो सकती। अपराधियों को अपराधी की तरह रखा जाना चाहिए ना कि विशिष्ट व्यक्ति की तरह। मोबाइल देने का तो कोई प्रश्न ही नहीं उठता। अपराधी को मोबाइल देना मतलब अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना है। वह तो जेल में सुरक्षित है और बाहर वालों अर्थात आम जनता को रंगदारी बता रहा। अपने संबंधों के माध्यम से वह अपने कार्य भी मोबाइल के द्वारा संपादित कर लेगा। अतः जेल प्रशासन का ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ एवं दुरस्त होना नितांत आवश्यक है वरना यह समस्या हमेशा बनी रहेगी।
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