क्या जीवन का हिस्सा है बचत की आदत डालना ?

बचत की आदत बहुत ही जरूरी है । बचत के बिना जीवन अधूरा है । बचत को जीवन का हिस्सा बना कर ही जीवनयापन करना चाहिए । जिससे जीवन की बहुत सी समस्याएं अपने आप हल हो जाती है । यही जैमिनी अकादमी द्वारा " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते है : -
बचत की आदत अच्छी आदतों में शामिल है। इसे बचपन से ही पाठ्य-पुस्तकों में शामिल किया गया है। कोई भीअच्छी आदतें कभी नुकसान नहीं पहुंचातीं। 
इस तरह की छोटी-छोटी अच्छी बातें बच्चों का भविष्य संवारने में मदद करती है। शिक्षित होने का सबसे बड़ा फायदा है। बच्चे पैसे का मूल्य समझते हैं। उसका सही तरीके से उपयोग सीखते हैं। फिजूलखर्ची का सही मायने में अर्थ समझ पाते हैं।
इस आदत को तो जीवन का हिस्सा बनाना आज ही नहीं पुरातन काल से चल आ रहा है। पहले मिट्टी की गुल्लक में रोज एक सिक्का डालने को दादी-नानी सिखाती थीं। खेल-खेल में बच्चे सब सीखते थे। आज टेक्नोलॉजी के युग में बच्चों का दर्शन क्षेत्र व्यापक हो गया है। उन्हें अनेकों ख्वाब दिखाए जाते हैं । लेकिन जमीनी ज्ञान की जरूरत आज भी उसी प्रकार बनी है। यह आदत जीवन को आसान बना देती है। इसे घर से ही शुरू किया जा सकता है।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
     जीवन में कोई भी घटनाऐं प्रत्यक्ष हो या अप्रत्यक्ष रूप से बताकर नहीं आती हैं। अपने पास अगर धन संचय रहा तो सब साथ दिखाई देते हैं। मानव शरीर मोह माया के जाल में फंसा हुआ हैं। आत्मा तृप्ति के लिए सब कुछ तत्परता के साथ दिखाई देता हैं। बचत हेतु विभिन्न प्रकार के संसाधनों को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर खोला गया हैं। जहां राशि का कुछ हिस्सा बचत कर संचित किया जा रहा हैं। आज वर्तमान परिदृश्य में देखिए बचत दो हिस्सों में बंट गया हैं। एक मेहनत का दूसरा अमेहनत का?  सबसे ज्यादा प्रभाव शाली हो चुका हैं, अमेहनत? जिसके आगे नतमस्तक हैं? मेहनतकशों को एक रुपया भी बचत करने सोचना पड़ता हैं और यही
उनके सामने बच्चों तथा अन्य पारिवारिक माहौल को सम्पन्न करने में सक्षम बनाता हैं। एक मजदूर कठोर परिश्रम करके, उन अमीरों को आलीशान बंगले, मकान भव्यता के साथ बनाकर देता हैं और स्वयं उन झोपड़ियों में परिवार सहित आस्था और विश्वास के साथ ही साथ जीवन यापन कर जीवित अवस्था में पहुँच कर सफलता अर्जित करता हैं। इस लिए जीवन का हिस्सा हैं बचत की आदत डालनी चाहिए?
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर'
  बालाघाट - मध्यप्रदेश
आज के प्रश्न ने बचपन की यादों को दोहरा दिया । माटी का   गुल्लक उसमें एक रुपया डालना पूरा भर जाने पर तोड़कर पैसे गिनना फिर मन पसंद चीज खरीद लेना । बचत की शिक्षा बचपन से ही दी जाती है और बचपन से किया गया कार्य जीवन का हिस्सा बन जाती है ।आज दुनिया में ,20 प्रतिशत लोग ही एेसे होगें जो पाई -पाई खर्च कर देते होंगे नहीं तो बचत सबके जीवन  का हिस्सा है ।कोरोना काल  जैसी आपदा ने हमें बचत का महत्व समझा दिया ।कहते हैं बचाना और कमाना दोनों का स्तर एक है ।
- कमला अग्रवाल
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
निस्संदेह जीवन का हिस्सा है बचत की आदत डालना। बचत चाहे अर्थरूपी धन की हो या प्राकृतिक स्रोतों की। यदि हम अर्थ-बचत की आदत नहीं डालेंगे तो हमारी स्थिति वैसी हो जायेगी रोज खोदो रोज पानी पियो। परन्तु यदि हम बचत करते रहेंगे तो मुसीबत के पलों में छोटी-सी बचत भी एक बहुत बड़ा सहारा बन जाती है। धन को व्यर्थ में नष्ट न करें। इसी प्रकार जल हमारे जीवन की एक अभिन्न आवश्यकता है। आये दिन जल संकट के बारे में चर्चाएं होती रहती हैं। अभियान चलाए जा रहे हैं। यह सब इसलिए कि जल को व्यर्थ में नष्ट न कर उसकी बचत कर जल-संकट से बचा जा सके। वर्षा के जल को बचाकर जल संरक्षण किया जा रहा है जोकि स्वागत योग्य है। बचत की आदत हमारे सुखी जीवन का हिस्सा है। बचत से ही बचाव है।
- सुदर्शन खन्ना 
 दिल्ली 
         जीवन चलाने के लिए बहुत सी चीजों की आवश्यकता होती है और उसे सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ बचाना भी पड़ता है। भविष्य के लिए दैनिक जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बुरे समय पर काम आने के लिए या विषम परिस्थिति के लिए भी कुछ ना कुछ बचा कर रखना ही होता है। अतः हम कह सकते हैं कि जीवन का हिस्सा है बचत की आदत डालना। बस उसमें अति नहीं होना चाहिए। कहा भी है,
     *अति सर्वत्र वर्जयेत*
अर्थात बचत करना जरूरी तो है पर आवश्यकता से अधिक नहीं।
-  श्रीमती गायत्री ठाकुर "सक्षम"
 नरसिंहपुर - मध्य प्रदेश
बचत करना अछ्छा है पर एक गरिब व्यक्ती जिसे दो वक्त का भोजन की पढी हो जिसे सामाजिक दाईत्व निभाने के लिये भी कर्ज लेना पढता हो वह बचत करे कैसे यदी थोड़ी बहुत गरिब बचत करता भी है तो बचत कहा करे की समस्या है बैंक डाक घर मे ब्याज दर 6% तक आ चुकी है। मंहगाई दर इससे कई ज्यादा है बैचारा गरिब गरिब ही रहता हैं गरिब की बचत कुछ विशेष हो इसका सरकार को ही कुछ जतन खरना चाहिये जीससे उस गरिब की बचत फले फुले बचत बहुत जरूरी है जैसे गरिब के लिये प्रधामंत्री का लक्ष्य रह गरिब को घर यहा कि बचत अक्षत हो सकती है ऐसे ही सुकन्या योजना आदी।
- कुन्दन पाटिल 
देवास - मध्यप्रदेश
बूंद बूंद से घड़ा भरता है, और बूंद बूंद से ही घड़ा खाली भी होता है, यदि आज से हम बचत नहीं करेंगे तो कल को हम क्या जमा कर पायेंगे | किसी ज़रूरतमंद की मदद भी तभी कर पायेंगे जब अपने पास कुछ होगा नहीं तो बिना बचत के हम ही ज़रूरत मंद बन जायेंगे और दूसरों से मदद की गुहार करते रहेंगे | 
बचत करना अच्छी आदत है चाहे धन हो या कोई और वस्तु जैसे अन्न, बिजली, पानी, धातुयें, पेट्रोल, पेड़ इत्यादि | आज बचत है तो कल सभी भंडार भरे होंगे इसलिए हमें बचत की आदत को अपने जीवन में ढालना ही है| 
- मोनिका सिंह
डलहौजी - हिमाचल प्रदेश
यदि बचत की आदत मनुष्य के जीवन का हिस्सा बन जाये तो उसकी अनेकानेक समस्याएं उत्पन्न होने से पहले ही खत्म हो जायेंगी। 
जीवन के सफर में सर्वाधिक महत्वपूर्ण, धन और समय की बचत जब मनुष्य करता है, तो उसकी उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है। 
कहते हैं कि बुरे वक्त में अपना साया भी साथ छोड़ देता है तो ऐसे समय में अपनी बचत ही काम आती है। चाहे वह बचत धन की हो, समय की हो या रिश्तों की। 
हां! रिश्तों की बचत भी जीवन के लिए अत्याधिक आवश्यक है। धन की बचत के लिए तो मनुष्य गंभीर हो भी जाता है परन्तु समय की बचत करने में वह असावधानी बरतता है जबकि रिश्तों की बचत करने का कार्य तो वह दूसरों पर ही छोड़ देता है। 
निष्कर्षत: बचत की आदत डालना जीवन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अत: बचत की आदत डालना मनुष्य की प्राथमिकता होनी चाहिए। 
- सतेन्द्र शर्मा 'तरंग' 
देहरादून - उत्तराखण्ड
जीवन में जरूरी खाने-खर्चने के बाद बचत की आदत डालना जीवन का अनिवार्य हिस्सा है. अक्सर हम ऐसा करते भी हैं. अचानक आपदा-विपदा-मुश्किल के समय, हारी-बीमारी के समय यही बचत हमारा सबल सहारा बनती है. देखा गया है, कि घर में बच्चे के जन्म लेते ही हम नचत करना शुरु कर देते हैं, ताकि उसकी शिक्षा-दीक्षा, विवाह आदि के लिए किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े. हम ही क्यों चींटी, मधुमक्खी, चिड़िया, बंदर आदि भी बचत करते देखे गए हैं. सुनियोजित बचत जीवन का एक हिस्सा है और अगर हमने अब तक बचत की आदत नहीं डाली है, तो आज से ही बचत की आदत डालना शुरु कर लेना चाहिए. बचत करना एक अच्छी आदत भी है और जीवन की अपरिहार्य आवश्यकता भी. बच्चों में भी बचत की आदत डालना अत्यंत आवश्यक है. 
- लीला तिवानी 
दिल्ली
       भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए बचत की आदत डालना अति आवश्यक एवं महत्वपूर्ण है। चूंकि बचे हुए जीवन के लिए बचत अनिवार्य है। ताकि बुढ़ापे में यह बचत जीवन का हिस्सा बन सके।
       यह बचत केवल बचतकर्ता के लिए ही उचित नहीं होती बल्कि राष्ट्रनिर्माण के लिए भी उत्तम होती है। यह बचत आमों के आम और गुठलियों के दाम वाली कहावत को भी चरितार्थ करती है।
       बचत के तीनों अक्षरों से राष्ट्र 'बनता' है, राष्ट्र के 'चरित्र' का निर्माण होता है और राष्ट्र की उज्ज्वल 'तारीख' सार्वजनिक रूप से प्रकट होती है। 
       अतः बचत की आदत डालना सुनहरे जीवन का हिस्सा ही नहीं बल्कि घर, राज्य एवं राष्ट्र के विकास का आधार है।
- इन्दु भूषण बाली
 जम्मू - जम्मू कश्मीर
बचत की आदत जीवनयापन हेतु अत्यावश्यक है। यदि हम वर्तमान में अपनी आय बिना सोचे समझे, बिना बचत किये ही खर्च देंगे तो भविष्य में क्या करेंगे? खराब समय बोलकर नहीं आता। बचत की होगी तो काम आयेगी, नहीं तो दूसरे से उधार लेना पड़ेगा या बैंक से लोन लेना पड़ेगा। अब सवाल यह है कि क्या बचत सिर्फ पैसों की ही की जानी चाहिए? पैसे तो आर्थिक शक्ति है, जरूरत है कि अपनी आंतरिक/आत्मिक शक्ति की भी बचत की जाये। इस शक्ति को कई बार अनावश्यक रूप से अनावश्यक कार्य में हम बर्बाद कर देते हैं और जब सही में उस शक्ति की आवश्यकता होती है तो हम स्वयं को शक्तिहीन महसूस करने लगते हैं। उस आत्मिक शक्ति की बचत का भी ध्यान रखा जाना जरूरी है।
- दर्शना जैन
खंडवा - मध्यप्रदेश
बचत की आदत जीवन में शुरू से अपनाना  चाहिए। यह भविष्य में बहुत बड़ा सहारा बनता है। हमारे पीढ़ी में बचत करने के बाद ही आवश्यकता अनुसार किसी वस्तु की खरीद की जाती थी।तब घर के गृहलक्ष्मी सुचारू रूप से घर चलाने मे कामयाब होती।
उनका पहला प्राथमिकता बच्चों को उच्च शिक्षा तब गृह निर्माण, यातायात के लिए सुविधा अनुसार गाड़ी हमारे पीढ़ी के लोग सोच था।
हमारे माता पिता बचपन से ही बचत की आदत  की सीख डाल दिए थे।
इस युग की नई पीढ़ी को सरकार की तरफ ऋण की सुविधाओं  ब्याज के साथ उपलब्ध करा दी है जिससे अपने हैसियत से ज्यादा लग्जरी बन गए हैं। बैंक क्रेडिट कार्ड की सुविधा उपलब्ध करा दी है जिस से नई पीढ़ी अपने जीवन में कठिनाई नहीं महसूस करते।
बच्चों को भी बचत की सीख नहीं दे रहे हैं।
छोटी सी कहानी:-एक नवयुवक बहुत जल्द ही उच्च पद पर कार्यरत हो गए। अपने पत्नी को मॉडर्न बनाने के लिए समय-समय पर रुपया देते थे जाकर आधुनिक ड्रेस खरीद लो लेकिन पत्नी संस्कारी थी कभी भी फिजूलखर्ची नहीं की उस पैसे की बचत करते रही। अचानक पति के पापा को हृदय रोग से ग्रसित हो गये अस्पताल में ₹4 लाख जमा करने के लिए कहां गया। पति महोदय अपने मित्रों से सहायता मांगे लेकिन सभी मित्र किसी न किसी बहाने से ना कह दिए काफी चिंतित रहने लगा।
इसी बीच में पत्नी बोली चिंता करने की बात नहीं है मेरे पास जो रु हैं उससे तुम्हारा काम चल जाएगा और पापा का ऑपरेशन कराने मैं कोई कठिनाई नहीं होगी।
 वह रुपया पति का दिया हुआ था मॉडर्न बनने के लिए। 
 इस कहानी से सीख मिलती है बचत भविष्य में बहुत काम आती है।
लेखक का विचार:-मेरे नई पीढ़ी अपने बच्चों को बचत की पाठ पढ़ाएं ताकि भविष्य सुनहरा हो सके।
- विजयेन्द्र मोहन
बोकारो - झारखंड
बिल्कुल सही है बजट की आदत को बचपन से ही सीखना जीवन का एक हिस्सा है पैसा कमाना एक बात है और उसे बचाना और सही समय पर सही खर्चों में खर्च करना दूसरी बात है बचत सिर्फ पैसों का ही नहीं करना है समय का बचत सदुपयोग अर्थ के साथ-साथ धन मंजन समय सभी की बचत की आवश्यकता है कहां गया है जिसने बचाना सीख लिया उसने कमाना सीख लिया या परवरिश का एक हिस्सा है बच्चों में इसकी आदत बचपन से डालनी होती है कहानी बचत की गुल्लक से शुरू  हुई बैंक तक पहुंच गई
बचत की राशि से अपने आप का परिवार का समाज का राष्ट्र का हित निहित है एक कहावत है बूंद बूंद से घड़ा भरता है पता भी नहीं चलता है कि एक बूंद से घड़ा भर जाएगा लेकिन भर जाता है उसी प्रकार बचत आपके धनराशि को समय राशि को स्वास्थ्य राशि को हमेशा भरा हुआ पूर्ण बनाता है जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है बचत करना।
जिस समाज या परिवार के बच्चे बचत नहीं कर पाते हैं इसका अर्थ यह हुआ कहीं न कहीं परवरिश में एक लापरवाही रही है
- कुमकुम वेद सेन
मुम्बई - महाराष्ट्र
बचत की आदत जीवन का ही हिस्सा है। एकदम सत्य क्योंकि बचत से हमारा भविष्य सुरक्षित होता है। बचत बहुत बडी अच्छी आदत है। यदि हम आज कष्ट कर के कुछ जमा करते हैं तो भविष्य में वो हमारे काम आयेगा।
कोई आवश्यकता पड़ने पर हमें किसी  के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। शादी विवाह बीमारी पढ़ाई लिखाई आदि किसी भी परिस्थिति में हमें किसी का मोहताज नहीं होना पड़ेगा।
लोग लडक़ी की शादी के लिए बहुत चिंतित रहते हैं ऐसे में यदि थोड़ा-थोड़ा बचत कर के रखा जाय तो उस वक्त दहेज की कोई टेंशन ही नहीं देगा। बच्चों की उच्च शिक्षा में 
काम आएगा।
इस तरब बचत जीवन का एक  अभिन्न अंग है।
- दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश" 
कलकत्ता - पं. बंगाल
निःसंदेह जीवन का हिस्सा है बचत की आदत डालना ! जीवन में बचत के कई श्रोत हैं ! आर्थिक बचत ,समय की बचत ,पानी की बचत ,अनाज की बचत जाने आवश्कतानुसार और अनेक चीजों की बचत की जा सकती है हमारे बुजुर्ग करकसर कर आने वाले समय के लिए धन एकत्रित करते थे ! अनाज की बचत भी करते थे !उनका कहना था समय बड़ा बलवान ,जाने कब जरुरत पड़ जाये ! आर्थिक बचत न रहने से रोज कमाओ और रोज खाओ वाली बात खड़ी हो जायेगी ! आज सरकार भी कर्मचारियों के पगार से कुछ हिस्सा काट उनके खाते में बतौर बचत जमा करती है और निवृति मिलते ही हर महिने पेंशन स्वरुप देती है ! जीवन के इस पडाव में कुछ मदद तो मिलती है !
 सूखा पड़ने से अनाज की कमी भी हो सकती है अतः पहले ड्रम में आगे पीछे अनाज भरकर रखते थे ! किंतु एक बात है जितनी समय की बचत चाह कर भी वे नहीं कर पाते थे  आज आधुनिक तकनीकी के युग में हम कर सकते हैं ! इस मशीनी युग में हम समय की बचत करना और उसका महत्व बखुबी सीख गये हैं ! मशीन से काम करने से जो समय बचता है उसका उपयोग हम अन्य कार्य में कर सकते हैं ! 
हमारे जीवन में समय का बहुत महत्व है अतः हमे समय को फिजुल व्यर्थ में न गवा बचे हुए समय का अन्य कार्य में लगाए !
जल का हमारे जीवन में कितना महत्व है ! जल नहीं तो जीवन नहीं ! हमारे बुजुर्ग ,राजा महाराजा अपने राज्य में सरोवर ,नदी, तालाब, वाव ,कुआं आदि बना पानी की बचत करते थे किंतु वर्तमान में हम पानी की बचत की सीख भुल गये हैं ! हमें पानी का मूल्य समझना होगा पानी की बचत करें व्यर्थ न गवायें ! सभी बातों को मुद्दे रखते हुए हमें बचत की आदत को जीवन का हिस्सा तो मानना होगा !
- चंद्रिका व्यास
 मुंबई - महाराष्ट्र
बचत मानव की जन्मजात प्रवृत्ति है। जन्म के समय मुट्ठी बंद होना ही इसका प्रतीक है कि नवजात शिशु अपने साथ कुछ लेकर आया है।  वह साथ क्या लाया होगा? अपने पूर्व जन्म के संस्कार, जो उसने बचा रखे हैं। बचत की यह प्रवृत्ति जीवन के साथ-साथ बढ़ती जाती है हम देखते हैं कि बालक सुंदर सुंदर कागज,पंख, पत्थर छिपाकर रख लेते हैं खेलने के लिए। बड़े होने पर जैसे जैसे वस्तुओं और धन का महत्व पता चलता है,उनको संग्रह करने,बचत करने की आदत हो जाती है। आड़े वक्त में यह बचत बहुत काम आती है। मेरा निजी अनुभव है।प्रत्येक वर्ष ३१ अक्टूबर को विश्व बचत दिवस मनाया जाना, इसके महत्त्व को बताता है।बूंद बूंद से घड़ा भरने वाली कहावत वैसे ही तो बनी नहीं,इसे बचत करने की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करने के लिए ही गढ़ा गया होगा। इसमें एक बात ध्यान देने की है। इस प्रवृत्ति के चलते मितव्ययता तो ठीक है, लेकिन कंजूसी होना उचित नहीं। आवश्यक कार्यों में कटौती कर बचत करना कंजूसी की श्रेणी में आता है। यह बात ठीक है कि बचत करना जीवन का अहम् हिस्सा है।
- डॉ. अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर - उत्तर प्रदेश
बढ़ती महंगाई के कारण दैनिक जरूरतों को पूरा करना दिनोंदिन मुश्किल होते जा रहा है, इसलिए आपने अनिश्चित भविष्य के लिए कुछ जोड़ना भी कठिन होते जा रहा है। लेकिन ऐसे में बचत की जरूरत और भी बढ़ जाती है। बचत किसी भी व्यक्ति के लिए भविष्य में जरूरी है और जो समझदार एवं जिम्मेदार व्यक्ति होते हैं वह इसके महत्व को कभी नहीं नकारते। इसलिए जीवन का हिस्सा है बचत की आदत डालना। हो सकता है कि आज आपके पास सब कुछ हो और भविष्य की चिंता करना आपको व्यर्थ लगता है। या यह भी हो सकता है कि आप आज भी संतुष्टिपूर्ण जीवन ना जी पा रहे हो और सोचते हैं कि पहले आज तो जी लेे। इससे बचे तो भविष्य की सोचे। लेकिन शायद आप ये भूल जाते हैं कि भविष्य अनिश्चित है। भविष्य आपके नियंत्रण में नहीं हो सकता है।  कल आप की परिस्थितियां आपके पक्ष में ना हो या आज की तुलना में बहुत खराब हो। भविष्य में बचत करना बहुत ही जरूरी है। इसके सैकड़ों कारण हो सकते हैं। आपके बच्चों की शिक्षा, शादी ब्याह, बीमारी, अपात परिस्थितियां, रिटायरमेंट आपका अपना घर आदि। इन सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए आपको भविष्य में बचत करना ही पड़ेगा इन सबसे ऊपर एक बात यह है कि अगर आपके पास कुछ पैसे हैं तो आप हर स्थिति में आर्थिक रूप से निश्चिंत और आत्मनिर्भर रह सकते हैं, जिससे आपके धैर्य तथा आत्मविश्वास बना रहता है और भविष्य में आप किसी भी जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से निभा सकते हैं। भविष्य में बचत करना कितना जरूरी है इसका ताजा उदाहरण कोविड-19 कोरोना महामारी है जो पूरे विश्व में तबाही मचा रखा है। लाखों लोगों की जान चले गए। करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए। आर्थिक तंगी के कारण देश में हजारों लोगों ने आत्महत्या कर ली। रोजगार नहीं रहने के कारण हजारों ऐसे परिवार है जो भुखमरी के कगार पर हैं और सरकारी मदद से जिंदा है। कौन जानता था की कोरोना जैसी महामारी पूरी दुनिया को तबाह कर डालेगी। बड़े-बड़े मां शक्तिशाली देश अमेरिका रसिया ऑस्ट्रेलिया जापान भारत अभी तक कोरोना की दवाई नहीं बना सके। आज भी पूरी दुनिया इस महामारी से भयभीत है। इस परिस्थिति में जिसके पास बचत के पैसे हैं वो भविष्य के प्रति निश्चिंत तो जरूर है, लेकिन और बचत की बात सोच रहे हैं।
- अंकिता सिन्हा कवयित्री 
जमशेदपुर - झारखंड
ये सौफीसदी सही है कि हमें बचत करना आना चाहिए। जीवन जितना अद्भुत है उतना ही अनिश्चितता लिए हुए भी है। कब कौनसी जरूरत आ पड़े जिसमें पैसों की जरूरत पड़े। पैसे पास में होंगे तो हम उस जरूरत को सहजता से पूरा कर सकेंगे। अतः पैसों की बचत करना और उसकी आदत बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण भी है और नितांत आवश्यक भी। सच पूछा जाए तो इसकी आदत पालकों को अपने बच्चों को बचपन से बनवानी चाहिए। नये नये आकर्षक रूपों में  गुल्लक मिलती हैं। उन्हें बच्चों को दिलानी चाहिए। निश्चित ही गुल्लक का मूल उद्देश्य भी इसी बचत की आदत को सिखाने का है। आज के समय में जब पैसा ही प्रधान हो गया है तब बचत तो बहुत ही आवश्यक है। बचत करना जितनी अच्छी आदत है, कर्ज लेना उतनी ही बुरी आदत। अतः जीवन में सदैव कर्ज लेने से बचना चाहिए।
- नरेन्द्र श्रीवास्तव
गाडरवारा - मध्यप्रदेश
आज की बचत कल का सुख है l बचपन में गुल्लक में पैसे डालकर हम अपने आप को सबसे अमीर समझा करते थे l आज एक एक पैसे की बचत कल का अंनत सुख साबित हो सकती है l कहावत है कि बूंद बूंद से ही घड़ा इस सीमा तक भर जाता है कि वह दूसरों की प्यास बुझा सके l अथाह सागर भी तो बूंदों का अंनत संग्रह ही  है l उसी प्रकार पैसा जोड़ कर व्यक्ति कल की संभावित अनिश्चितता की भरपाई कर पाने में समर्थ हो सकता है l उन्हें जीवन के वीराने में भटकने से बचा सकते हैं l 
     नन्हीं चींटियाँ तक कल को ध्यान में रखकर अपने नन्हें बिलों में अनाज के दानों का संग्रह करती रहती हैं l 
    धनाभाव से सुखपूर्वक तो क्या सामान्य जीवन जी पाना भी कतई संभव नहीं हुआ करता l यही सब देख सुनकर तो कबीर ने भी भगवान से नम्र निवेदन 
किया-
साईं इतना दीजिए, जामे कुटुम समाय l 
मैं भी भूखा न रहूँ, साधु न भूखा जाए ll 
    इस प्रकार नेकी कमाई और उचित आवश्यक बचत का समर्थन संत और ज्ञानी भी करते हैं l 
        चलते चलते ----
व्यक्ति को केवल आज में, आज के लिए ही नहीं जीना चाहिए l अपने आने वाले कल पर भी दृष्टि रखनी चाहिए l अपने सभी तरह के आय स्रोतों से आज और आने वाले कल में संतुलन बनाये रखकर ही व्यक्ति सुख चैन का जीवन जी सकता है l यही आज का और प्रत्येक युग  जीवन का चरम सत्य है l जीवन के प्रति यथार्थ दृष्टि यही है और होनी चाहिए l 
   - डॉo छाया शर्मा
अजमेर - राजस्थान
आज की चर्चा में जहाँ तक यह प्रश्न है कि क्या जीवन का हिस्सा है बचत की आदत डालना तो इस पर मैं कहना चाहूंगा बचत की आदत डालना वास्तव में बहुत आवश्यक है और एक तरह से जीवन का ही हिस्सा है क्योंकि आज की बचत ही कल की सुरक्षा है समय के साथ साथ जिम्मेदारियां बढ़ती जाती हैं और बीमारियां भी आज के दौर में बढ़ती ही जाती है यदि हमारे पास अपनी कुछ बचत है और यह हमारी आदत में है तो यह धन निरंतर सुरक्षा जोखिम को कम करता है और आदमी मन में शांति का भी एहसास करता है परंतु यह तभी संभव है जब व्यक्ति के पास आय के पर्याप्त साधन है तभी यह सब कुछ हो सकता है परंतु यह अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि हमारे आय के जो भी संसाधन हैं उनमें से थोड़ा ही सही परंतु बचत अवश्य करनी चाहिए आज की यही बचत हमें हमारी जिम्मेदारियों को सही ढंग से पूरा करने में मदद करती है और यदि हम कभी संकट में फंसे या किसी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से घिर जाते हैं तो उस समय भी यह हमारे काम आती है इस प्रकार यह सही है कि जीवन का हिस्सा है बचत की आदत डालना़
- प्रमोद कुमार प्रेम 
नजीबाबाद - उत्तर प्रदेश
 बचत की आदत डालना का तात्पर्य है अनावश्यक वस्तुओं का खरीदारी ना करना अर्थात आडंबर वस्तु का उपयोग ना करना आवश्यक वस्तु से अधिक आडंबर और अनावश्यक वस्तुओं में धन का व्यय होता है जो शरीर के लिए आवश्यक नहीं होता दिखावा के लिए होता है बचत करके चलना अच्छी बात है।
 आवश्यक वस्तु के लिए कंजूसी करना भी अच्छी बात नहीं है हर व्यक्ति वस्तु का सदुपयोग और शरीर की स्वच्छता पर ध्यान देंगे तो आवश्यक वस्तु ही खरीद कर पैसे का सदुपयोग कर सकते हैं सदुपयोग करना ही बचत है और वस्तु का सदुपयोग ही सुरक्षा है हर व्यक्ति सुरक्षा की परिभाषा को समझ जाएंगे तो पैसे की बचत अपने आप होने लगेगी।
 धीरे धीरे आर्थिक समस्या से निजात पाएंगे।
 अंतिम में यही कहते बनता है कि जीवन का हिस्सा बचत की आदत अर्थात वस्तु की सदुपयोग।
 - उर्मिला सिदार 
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
बचत की प्रवृत्ति का बीजारोपण तो बचपन से हो जाता है। प्रायः सभी घरों में बच्चों के खिलौनों के ढेर में जो सबसे प्यारा खिलौना होता है वो है उनका गुल्लक। मिट्टी से लेकर विभिन्न प्रकार के धातुओं से बने ये गुल्लक कई प्रकार के होते हैं। माता पिता अपने बच्चों को एक गुल्लक अवश्य लाकर देते हैं और उसकी उपयोगिता बताते हुए उसमें सिक्के आदि जमा करने के लिए प्रेरित भी करते हैं। यही होता है बचत की प्रवृत्ति का प्रारंभिक कदम।
                समय और समझ के साथ ये हमारी आदत में शुमार हो जाता है। शनैः शनैः इसकी उपयोगिता और आवश्यकता इसे वृहत रूप में शामिल करने के लिए प्रेरित करती है। 
                  भविष्य में अपनी आर्थिक सुदृढ़ता के लिए पैसों की बचत जितनी आवश्यक है उतनी ही अधिक आवश्यकता है हमारे नैसर्गिक संसाधनों के बचत की। हमारी ये बचत हमारे साथ ही साथ हमारी आने वाली पीढ़ी के सरल सुगम जीवनयापन के लिए भी आवश्यक है। संसाधनों का उपयोग सदैव संयमित होकर करना भी बचत की ही एक प्रवृत्ति है जो अत्यंत ही आवश्यक है। 
      हाँ ! ये भी आवश्यक है कि भविष्य की चिंता के साथ ही साथ हमें अपने वर्तमान को भी सुंदर और सुखदायक बनाना होगा। बचत की फिक्र हमें एक कष्टप्रद जीवन के लिए प्रेरित नहीं कर सके इस बात की भी सजगता हमें रखनी होगी।
         अतः अपने वर्तमान को सुखपूर्वक जीते हुए भविष्य के लिए बचत की आदत डालना हमारे जीवन के लिए अति आवश्यक है।
रूणा रश्मि "दीप्त"
राँची , झारखंड
हमें बचपन से ही घर हो अथवा विद्यालय,बचत करने का पाठ पढ़ाया जाता है। पहले अपनी  निजी वस्तुओं को सहेजना और अगर ज़रूरत से अधिक हो तो किसी और से बांटना या भविष्य में काम आ सके उसके लिए संभालकर रखना ।बचत की आदत ही हमारा भविष्य सुरक्षित रख सकती है। "आमदनी अठन्नी और खर्चा रूपैया " की स्थिति बहुत ही घातक हो सकती है जो हमारे भविष्य को अंधकारमय बना सकती है।हम चाहे कितना भी कमाएं कम या ज़्यादा उसका कुछ हिस्सा अवश्य ही भविष्य के लिए बचा कर रखना चाहिए ताकि बुरे वक्त में हमारे काम आए और हमें दूसरों  का एहसान न लेना पड़े।वैसे बचत करना हम में से अधिकांश लोगों के नस-नस में बसा हुआ है क्योंकि  हम सबके घर-परिवारों में बचत करना बालपन से ही सिखाया जाता रहा है।
- संगीता राय
पंचकुला - हरियाणा
       जीवन में प्रत्येक वस्तु ,कार्य, व्यक्ति, अनुभव, रिश्ता, अपना -पराया सब का महत्व होता है। ईश्वर प्रदत जड़ चेतन, मानवीय और परिवार से संबंधित सब चीजों को संभाल कर, आवश्यकता अनुसार ही खर्च करनी चाहिए। बचत को जीवन का हिस्सा बनाना ही सबसे  सुखद आदत है ।बचत की आदत बचपन से ड़ालनी चाहिए। जिससे हम छोटी से छोटी चीज का भी मूल्य और महत्व समझ सके। हम सब जानते हैं कि समय पडने.पर सूई का भी  महत्व भी तलवार जितना ही होता है। अगर हमे बचत की आदत हो जायेगी तो व्यर्थ संग्रह की बुराई से हम बच जायेंगे।  बचत यदि आदत बन जाए और जीवन  का हिस्सा बन जाए तो मनुष्य बहुत सी बूरी प्रवृत्तियों से बच सकता है।.जीवन की कठिनाईयों का हल आसानी से निकाल सकता  है । लोभ ,लालच ,लिप्सा उसे छू भी नहीं सकती।
    मौलिक और स्वरचित है.।
      - ड़ा.नीना छिब्बर
    जोधपुर - राजस्थान
सोच समझ कर भविष्य की योजना बनाना और रोजमर्रा के खर्चों को सुनियोजित कर ,अपनी आय में में से कुछ धनराशि की बचत करना सर्वथा स्वहित, परहित और राष्ट्रहित के लिए उचित, आवश्यक तथा भविष्य में होने वाली आर्थिक चुनौती को मुश्तैदी के साथ सामना करने के लिए एक रक्षात्मक अस्त्र के समान होता है।खर्च करने की कोई सीमा नहीं होती है।अधिकांश लोगों की यह सोच होती है कि यह हमारी कमाई, हमारी मेहनत के पैसे हैं ,इसे हम अपनी मर्जी के अनुसार खर्च करने के लिए स्वतंत्र हैं ।लेकिन यह सोच सरासर गलत एवं स्वार्थपूर्ण है।हर इंसान एक परिवार का,समाज का और एक राष्ट्र का अंग होता है।उसके पैसे कमाने  और पैसे खर्च करने का प्रभाव इन सब पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पड़ता है।हमारे सुनियोजित ढ़ंग से बचत करने तथा एक सीमाबद्ध तरीके से खर्च करने से निश्चित तौर पर इससे हम ,हमारा परिवार,हमारा समाज और हमारा राष्ट्र लाभान्वित होगा और हम निश्चित तौर पर कह सकते हैं बचत की आदत डालना हमारे जिन्दगी का हिस्सा है।
        -   रंजना वर्मा उन्मुक्त
रांची - झारखंड
जी हां, जीवन का हिस्सा है बचत की आदत डालना। यह आदत ही हमें मुसीबत के घड़ी में सहायता प्रदान करता है। कठिन घड़ी में किसी के समक्ष हाथ फैलाने की नौबत नहीं आती। आज का किया हुआ बचत कल विपत्ति की घड़ी में मददगार साबित होता है।
 फिजूलखर्ची हमारी आदतों को तो बिगड़ता ही हैं हंसी का पात्र भी बनाता है। हम अपनी जैसी आदत और व्यवहार जीवन में अपनायेंगे उसी का अनुपालन हमारे बच्चे भी करगें। भविष्य में बच्चों की भी आदतें अच्छी बनी रहे इसके लिए खुद को भी अच्छी आदतों पर अमल करना जरूरी होता है। बुजुर्गों ने भी कहा है- "चादर देख कर पैर फैलाए"।
    आज की बचत हमारे कल के सुरक्षित भविष्य का निर्माण करता है। अगर हमें अपने भविष्य को सुरक्षित और सुनहरा बनाना है तो बचत की आदत डालते हुए अपने खर्चों पर नियंत्रण करने का प्रयास करना जरूरी है।
    जीवन का हिस्सा है बचत की आदत डालना सुखद भविष्य की खातिर। भविष्य किसी ने नहीं देखा पर एक उम्मीद की किरण के साथ हम सपने संजोते हुए सुनहरे भविष्य के खातिर हर तरह से बचत करते हैं।
           - सुनीता रानी राठौर 
            ग्रेटर नोएडा - उत्तर प्रदेश
जीवन में बचत का  भी इतना ही महत्व है जितना आमदनी का थोड़ी सी सावधानी और विवेक से अनेक अनावश्यक  खर्चों से बचा जा सकता है, 
विना बचत को पूर्ण महता दिए हुए कोई भी व्यक्ति धनवान नहीं बन सकता। 
आज बात करते हैं कि हमें जीवन में  वचत करने की आदत डालनी चाहिए, 
मेरे ख्याल में  जीवन की दौड़ में बचत करना वहुत अनिवार्य हो गया है क्योंकी सुख और दुख जीवन के अभिन्न अंग हैं
ऐसे हालातों में धन  की बचत ही महत्वपूर्ण है। 
आजकल बचत करना हम सभी के लिए वेहद जरूरी हो गया है क्योंकी जमानै के बदलते स्वरूप के साथ कदम मिलाना हमारे लिए वेहद जरूरी  है, इसके लिए मेहनत की कमाई की फिजुलखर्ची से बचना भी  एक अच्छा कदम है।  
क्योंकी पैसे कमाने में तो वहुत वक्त लगता है लेकिन उसे गवाने में दो मिन्ट ही लगते हैं इसलिए यदि आपको अपने धन को सुरक्षित  करना है तो आपको बजट वनाकर चलना होगा। 
अपना बजट निधारित करें और उसके हिसाब से प्लानिंग करें व  बचत के लिए कोई बेहतर विकल्प चुनें, अपने साथ साथ बच्चों में भी बचत की आदत डालें, 
बचत हमेंआने वाली मुसीबतों से वचाती है जो हम अनेक रूपों से कर  सकते हैं, 
कहना का मतलब किसी भी  स्कीम दवारा की गई बचत हमारे भविष्य को उज्वल बना सकती है। 
आखिरकार यही कहुंगा अपने वर्तमान व भविष्य को मध्यनजर रखते हुए बचत ही जीवन के लिए अति उतम उपाय हैअत:इसकी आदत जरूर डालें। 
- सुदर्शन कुमार शर्मा
जम्मू - जम्मू कश्मीर
यह बात बिल्कुल सही है । बचत की आदत सदैव बनी रहनी चाहिए। यह सच है कि बचपन में गुलक में पैसे डालना बचत जैसी अच्छी आदत की शुरुआत हीं होती थी,  जो  सुख- दुःख में हमारे अत्यन्त काम आती थी। हमारी भविष्य निधि इसी का प्रतिफल होता है जो हम सब के भविष्य हेतु कारगार सिद्ध होता है।  रोजमर्रा के खर्च में से अगर हम कुछ बचत कर धन राशि जमा कर लेते हैं तो यह बहुत लाभदायक होता है और अचानक कभी जब हमें ज्यादा रुपयों की जरूरत होती है तब हम उन  रूपयों का सदुपयोग कर लाभ उठाते हैं। कहते हैं,  बूंद- बूंद कर घड़ा भर जाता है , ठीक उसी प्रकार हम  रूपयों की भी बचत कर सकते हैं। इस आदत का बचपन से हीं हमें शुरूआत करना चाहिए जो भविष्य में हमारे लिए काफी लाभदायक सिद्ध होता है। इसलिए बचत की आदत को हम अपने जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बना लें तो अति उत्तम है। 
- डॉ पूनम देवा
पटना - बिहार
आज की बचत कल का सुदृढ़ आधार होती है बचत आपको सीमित साधनों में रहना भी सिखलाती है
मानव जीवन में सुख-दुख उतार-चढ़ाव
परिस्थितियों का अचानक परिवर्तन हो जाना आज सुख है कल दुख है कल क्या घटना दुर्घटना आपके साथ घटित हो जाए यह किसी के हाथ में नहीं और किसी को भी अगले पल का पता नहीं होता है आपके अनुकूल परिस्थितियों में आज आपके साथ सब हैं कल कोई आपको आर्थिक मदद ना करें तो आज की छोटी-छोटी बचत आपको भविष्य में जीवन को सुरक्षित करने और यथावत चलने में सुदृढ़ आधार प्रदान करती हैं आपके आत्म मनोबल स्वाभिमान को सुरक्षित रखती है आपको किसी से हाथ फैलाकर आर्थिक मदद मांगने की आवश्यकता नहीं होती है बचत को भी जीवन में अपनाना  नितांत आवश्यक है।
बच्चों को भी छोटे से छोटी-छोटी बचत करने के बारे में बताना और उसका उपयोग सदुपयोग और भविष्य में उसकी क्या सार्थकता है यह बच्चों को भी अवश्य बतानी चाहिए आगे चलकर बच्चा उसका अनुसरण करें और अपने भविष्य को सुरक्षित रखें।
*छोटी-छोटी बचत से बड़े से बड़ा कार्य करना भी आसान हो जाता है*
- आरती तिवारी सनत
दिल्ली 


" मेरी दृष्टि में " बचत जीवन की सबसे अच्छी आदत मानी जाती है । जो जीवन की आधारशिला है । इसे दिन प्रतिदिन  मजबूत करना चाहिए । यही बचत जीवन का संसार बन जाती है ।
                                                 - बीजेन्द्र जैमिनी 
डिजिटल सम्मान

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