पूरे देश में लॉक डाउन से क्या सम्भव है ?

पूरे देश में लॉक डाउन लागू हो गया है । प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को काफी उम्मीद है । हम सब को इस उम्मीद पर खरा उतरना चाहिए । तभी कोरोना पर लागू लॉक डाउन की सम्भावना को तराशा जा सकेगा । यही " आज की चर्चा " का 
प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते हैं : -
वैज्ञानिकों द्वारा सुझाया गया उपाय है कि लोग घर के भीतर ही रहें जिससे संक्रमण न फैले । ये मात्र लॉक डाउन द्वारा ही संभव हो सकता है ।  जनमानस की मूलभूत आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जा रहा है । जो लोग दैनिक वेतन भोगी हैं उनको भी भूखा न रहना पड़े इसके लिए सरकार व स्थानीय समाज सेवी संस्थाएँ निरन्तर कार्य कर रही हैं ।असुविधा तो सभी को हो रही है किंतु कोई अन्य उपाय भी नहीं है अतः कोरोना को -

को- कोई 
रो- रोड
ना- ना निकले 

कह कर समझाया जा रहा है ।
इस समय हम सबको एकजुट होकर बताए गए नियमों का पालन करना है व यथा संभव जो मदद आप जरूरतमंद की कर सकते हैं वो भी अवश्य करें क्योंकि संकट की घड़ी में ही आपके व्यक्तित्व की असली पहचान होती है । 
- छाया सक्सेना प्रभु
जबलपुर - मध्यप्रदेश
इस समय तो इस कोरोना महामारी से बचने का एकमात्र यही उपाय है। अभी पूरे देश में इक्कीस दिन का लॉक डाउन घोषित हो चुका है जिसमें कोई भी यात्रा न करे, जो जहाँ है वहीं घर में रहे, ताकि संक्रमित व्यक्ति से दूसरा कोई संक्रमित न हो सके, वायरस नये शरीर को संक्रमित न कर सके।
       इसी लिए कामवाली बाईयों को छुट्टी दे दी गयी है, अखबार लेने बंद कर दिए गये हैं, लोग समूह न बनायें, बार-बार हाथ धोयें, घर को सैनिटाइज करें, पालतू पशुओं को सैनिटाइज करें और सबसे बड़ी बात... घर के अंदर रहें।
       सरकार, स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सक, सुरक्षाकर्मी, सफाईकर्मी सब अपना काम कर रहें हैं। इस समय देश का हर व्यक्ति प्रधानमंत्री जी के इक्कीस दिन के घोषित लॉक डाउन का पूरी तरह से पालन कर, देशहित, राष्ट्रहित में अपना दायित्व निभायें। स्वयं को स्वस्थ रखें, अपने परिवार को स्वस्थ रखें और घर में रहें। लॉक डाउन के इस नियम का पूरी तरह से पालन ही बाकी किए जा रहे उपायों के साथ इस कोरोना से लड़े जा रहे युद्ध में हमें विजय की ओर अग्रसर कर सकता है।
- डा० भारती वर्मा बौड़ाई
   देहरादून - उत्तराखंड
 पूरे देश में लॉक डाउन से कोरोना से बचा जा सकने का उम्मीद है। लाक डाउन का  हर व्यक्ति ईमानदारी के साथ इस नियम का पालन करें सिर्फ और सिर्फ  अपने घर में रहे यही एक करोना से निजात पाने का तरीका है। ऐसा सभी संभावना व्यक्त कर रहे हैं इसके अलावा हमारे भारत वासियों से पास और कोई विकल्प नहीं है अतः हर व्यक्ति को अपने और अपने परिवार के बारे में चिंता करें। सोच विचार करें जब हर व्यक्ति ,हर परिवार सुरक्षित रहेगा तो  करो ना को  फैलने के लिए कोई   स्रोत नहीं मिलेगा। ऐसी स्थिति में करोना वायरस अपने आप खत्म हो जाएगा इसलिए सभी भारत वासियों को अपने देश को बचाने के लिए   लाक डाउन का पालन करना अति आवश्यक है।
- उर्मिला सिदार
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
भारत ने लॉक डाउन कर जो आइसोलेशन का विचार किया है वह बिल्कुल सही है क्योंकि चैन ऑफ ट्रांसमिशन को हमें रोकना है इसके लिए हम यदि अपने आपको ही 21 दिन के लिए घर में ही नजर कैद कर ले तो हर्ज ही क्या है हमें तो अपने परिवार के साथ सुकून से समय बिताने का मौका मिल रहा है जो आप उन्हें नहीं दे पाते !ऐसा ना करने से एक दूसरे के संपर्क से वायरस फैल सकता है आप भी उसके शिकार हो सकते हैं आपका परिवार भी अतः लॉक डाउन करना ही बेहतर है ! लॉक डाउन एक इमरजेंसी व्यवस्था है जिसके तहत काफी कुछ बंद कर दिया जाता है निजी संस्थाएं ,निजी कार्यालय ,सार्वजनिक परिवहन बंद कर दिए जाते हैं ,इसके अलावा फैक्ट्री ,मॉल ,थिएटर ,साप्ताहिक बाजार ,दफ्तर, बस ट्रेन सेवा बंद, कंस्ट्रक्शन के काम बंद ,धार्मिक सामाजिक कार्यक्रम बंद कर दिए जाते हैं  ताकि हम एक दूसरे के संपर्क में ना आए क्योंकि यह वायरस अति शीघ्र मल्टीप्लस हो जाता है फिर चिंता की तो कोई बात है ही नहीं क्योंकि कुछ सुविधाओं को तो परिधि के बाहर रखा गया है जैसे बिजली ,पानी, पोस्ट ऑफिस ,मीडिया ,पेट्रोल पंप ,सीएनजी, दवाओं की दुकान ,किराना भंडार ,डेयरी आदि आदि! लोग घर पर ही रहेंगे और संक्रमण नहीं बढ़ेगा हम किसी और के लिए तो नहीं कर रहे हैं ना अपने जीवन के साथ दूसरों के लिए भी सोचें! जनता कर्फ्यू यानी खुद पर नियंत्रण 1 दिन के लिए हमने ईमानदारी के साथ सहयोग दिया फिर अब क्यों नहीं ?चाइना ने 2 महीने बंद किया संक्रमण पर आज कंट्रोल है चीन ,डेनमार्क ,अमेरिका ,फ्रांस ,इटली ,पोलैंड ,न्यूजीलैंड ,आदि आदि सभी देशों ने अपने यहां लॉक डाउन किए हैं हम किसी को देख नहीं कर रहे हैं बल्कि कोरोना वायरस को अपने देश से खदेड़ने के लिए अपने आप को जीवन दान दें और स्वयं पर दया करें !कोरोना वायरस की अभी कोई वैक्सिन नहीं तैयार हुई है अतः हल्के में ना लें और अपने आप पर कृपा करें !
प्रधानमंत्री ने जो जनता से प्रार्थना की है उन्हें मैं नमन करती हूं ! मैं डॉक्टर्स ,नर्स सफाई कर्मचारी, पुलिस डिपार्टमेंट ,फौजी को भी धन्यवाद एवं आभार कर उनको नमन करती हूं जो निःस्वार्थ की भावना लिए अपने परिवार की चिंता तो करते हैं किंतु साथ ना रहकर हमारी सेवा में लगे रहते हैं अपनी परवाह ना कर वे हम सबकी पूरे देश के लिए जूझते हैं तो क्या हम स्वयं अपने लिए 21 दिन का समय नहीं दे सकते उनकी मेहनत को हम यूं ही जाया नहीं जाने दे सकते !लॉक डाउन से तकलीफें  तो बहुत आयेगी किंतु संयम और धैर्य से उसका सामना भी करना है समस्या जितनी जल्दी जाएगी इतना अच्छा है कहते हैं ना दूरियां आने से प्रेम बढ़ता है अभी दूर दूर है तो क्या अपने स्वजनों के सुख के लिए ही हैं ताकि हमारी लापरवाही से वे संकट में ना आ जाएं ! 
 अंत में कहूंगी आइसोलेशन का यह उपाय अपने आप में बहुत ही खूबसूरत है आदमी अपना कीमती समय अपने परिवार के साथ बिताता है !भारत  युद्ध स्तर पर कोरोना वायरस को नाबूद करने का अभियान कर अपनी देश की एकता से उसे परिचित करा दें उसे भागना ही होगा ! " हम हार नहीं मानेंगे"
सावधानी --नियम का पालन करें, बार बार हाथ धोयें, मास्क लगायें।
- चन्द्रिका व्यापार
मुम्बई - महाराष्ट्र
लॉक डाउन एक आपदा व्यवस्था है जो किसी आपदा या महामारी के समय सरकारी तौर पर लागू की जाती है ,जहां यह व्यवस्था लागू की जाती है उस क्षेत्र के लोगों को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती है ,उन्हें सिर्फ दवा या आवश्यक चीजों हेतु सशर्त अनुमति दी जाती है l यह आम जन की सुरक्षा या जान बचाने के लिए किया जाता है l देश में कोरोना वायरस के चलतेसंक्रमण की वजह से आपातकालीन इस्थिति के मद्दे नज़र लॉक डाउन किये गए हैं l संसार में पहला लॉक डाउन अमेरिका में 9/11/2019हमले के बाद किया गया l भारत सहित चीन ,डेनमार्क ,फ़्रांस ,इटली स्पेन सहित कितने ही देशों में लॉक डाउन है l 
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात  8 बजे राष्ट्र के नाम सम्बोधन में 21 दिन के लॉक डाउन का एलान किया ,उन्होंने लोगों से हाथ जोड़कर मार्मिक अपील करते हुए कहा है कि जो जहां है वहीं रहे ,यह आपके और भविष्य के लिए बेहद जरूरी है क्योंकि तमाम तैयारियों और प्रयासों के बावजूद चुनौती बढ़ती जा रही है इसका एक मात्र विकल्प है -सोशलडिस्टेंसिंग l सोशलडिस्टेंसिंग के द्वारा उसके संक्रमण चेन को तोडना होगा l यही एक मात्र विकल्प है l 
       माननीय प्रधानमंत्री ने हाथ जोड़कर अपील करते हुए कहा कि मैं प्रधानमंत्री के नाते नहीं ,आपके परिवार के सदस्य के रूप में आपके घर के सामने एक लक्ष्मण रेखा खींच रहा हूँ ,कृपया आपके लिए ,आपके परिवार और राष्ट्र के लिए इसका उल्ल्घन नहीं करें l ऐसे में ,हर हालत में इसका पालन करना हमारा    बोधिउत्तरदायित्व बनता है l कहीं ऐसा न हो कि -"लक्ष्मण रेखा हम लांघें और कंचन पुरुष बदनाम हो जाये l "
आज पूरे देश में लॉक डाउन करना -जनता कर्फ्यू जनता द्वारा जनता के लिए लगाया जाना कोरोना वायरस प नियंत्रण अथवा व्यवस्था है l कोरोना जैसे शत्रु से लड़ने का एक मात्र उपाय अपने ऊपर पहरा बिठाना है ,सोशलडिस्टेंसिंग है l स्वेट मार्टन कहते हैं -"मन ही अपने लिए जीवन का रास्ता बताता हैं और मृत्यु का रास्ता भी मन ही में तैयार होता है l "अकेला जुगनू अँधेरी रात से लडता है ,दिया रात को दिन में बदलने का साहस करता है तो हम भी साहस ,धीरता ,दृढ़इच्छा शक्ति ,आत्मानुशासन से कोरोना जंग पर विजय प्राप्त करेंगे l भारत वर्ष ने विश्व को अपनी मानसिक शक्ति से जीता है l नैतिक बल ,अनुशासन के बल पर भारत ने विश्व की छाती पर अपनी छाप अंकित की है l भगवान बुद्ध ने कहा है -"अपने दीपक स्वयं बनो l आपका बचाव ,उद्धार आपके अपने प्रकाश से होगा "लॉक डाउन से ,विश्वव्यापी महामारी से संक्रमण चेन को तोडना मुमकिन होगा ,सोशलडिस्टेंसिंग ही इसका एकमात्र विकल्प है l भारतीय संस्कृति और संस्कारों में जीवन मूल्य सदा मानवता की रक्षक रही है l 
प्रधान मंत्री ने कहा लोग कानों से सुनते हैं ,आँखों से देखते हैं ,बुद्धि से समझते भी हैं पर अमल में नहीं लाते ,लोग जानकर अनदेखी कर रहे हैं l हम संयम ,सहयोग सहनशीलता ,सेवासे कोरोना के खिलाफ 21 दिन में इस युद्ध को जीतेंगे l महाभारत का युद्ध तो 18 दिन ही लड़ा गया था l कोरोना का जवाब करुणा से है l कोरोना हमारी संस्कृति और संस्कार को नहीं मिटा सकती l आप नव रात्रि में 9 गरीब परिवार की मदद करिये ,यही माँ की सच्ची आराधना होगी l 
हार हो जाती है जब मान लिया जाता है 
जीत तब हो जाती है जब ठान लिया जाता है l  
          -    सकिल आजमी 
ये कहकर दिल ने मेरे हौंसले बढ़ाये हैं 
ग़मों की धूप के आगे ख़ुशी के साये हैं 
हम भारतवासी हैं बदलते हैं रुख हवाओं का आये दुनियाँ हमारे साथ चले ,इण्डिया जीतेगा ....
कोरोना हारेगा l
- डाँ. छाया शर्मा
अजमेर - राजस्थान
पूरे देश में लॉकडाउन से  कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन टूटेगी । लोग , परिवार घर में बैठेंगे । जिससे संक्रमण 
नहीं फैलेगा । 95 % लोग ने भारत सरकार के दृशा निर्देश माने हैं । बाकी 5 %  हर से बाहर निकले हैं ।
हम इटली की तरह संक्रमण को नहीं फैलाएँ ।इटली को   देख के कोरोना से बचने की  लड़ाई करें । छुआछूत की इस महामारी से बचना है ।यही राष्ट्रीय  धर्म , राष्ट्रीय सेवा है ।
हमारा भारत देश मिसाल बना है । लाकडाउन समय से पहले  किया।  अन्य देशों से  सीख ले के सरकार ने  लॉक डाउन किया है ।  15 दिन लाकडाउन से संक्रमण बच सकता है । हमारे जान - माल को खतरा है । दूरदर्शन हमें जागरूक कर रहा है । हम इस बयोलॉजिकल एटमबम से देश को बचाना है ।  हर नागरिक भारत की सेना है । देश को बचाना है ।
भारत के पास इस  नयी बीमारी की दवाई , इंजेक्शन नहीं हैं ।  अगर लॉकडाउन को नहीं माना तो जान हारेगा , देश हारेगा । 
देश को बचाना है । तो लाकडाउन का सम्मान करें  सामाजिक दूरी करें  , घर में अलगाव में रहें । दुनिया के 188 देशों में कोरोना का संक्रमण फैल गया है। पुनः प्रधानमंत्री मोदी जी ने कल तारीख 24 / 3/ 2020 को देश से अपील की है । कोरोना से बचने के लिए हर भारत के नागरिक को 14 अप्रैल 2020  तक अपने घर में रहना होगा । जिससे कोरोना के वायरस का चक्र टूटेगा ।  जिन देशों ने लॉकडाउन वहाँ पर स्थिति काबू  में हैं । इटली ने लॉकडाउन नहीं किया । वहाँ के भंयकर परिणाम दुनिया के सामने हैं  । मेरे  परिवार के संग पूरा देश कृतज्ञ है , जो हर व्यक्ति जैसे डॉक्टर , सफाई कर्मचारी , पैरामेडिकल स्टाफ , नर्स आदि आपातकालीन सेवाएं दे रही हैं ।
हम संकल्प करें हम अपने हाथ बार , बार साबुन से धोएँ ।जिन्हें जुकाम आदि है वे मॉस्क पहने । प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन सी , फल , आँवले , चवनप्राश आदि का सेवन करे ।
परिवार घर में अलगाव में  रहें । मोदी सरकार को चिंता है । इसलिए भारत के लोग बुद्धिजीवियों की एडवाइजरी को माने । नहीं इटली जैसे हालात हो सकते हैं क्योंकि इटली ने लॉकडाउन नहीं किया था । जी है तो जहान है ।
- डॉ मंजु गुप्ता 
 मुम्बई - महाराष्ट्र
पूरे देश में लॉक डाउन हीं बचाव है। इससे निजात पाना है तो उसकी कड़ी को तोड़ना जरूरी है । महामारी घोषित होने से, पहला कदम फैलाने से रोकना है। चीन से इसकी शुरुआत हुई थी । उस वक्त उसे पता नहीं था कि क्या हो रहा है, क्यों हो रहा है ,  इसका क्या उपाय है ? इसलिए उनके यहाँ शहर का शहर संक्रमित हो गया। हमारे देश में यह संक्रमित देश से आये लोगों से फैला है। तुरंत इस पर कार्यवाही करना भी बहुत सराहनीय कदम है। अगर इसकी तीव्रता काम हो जाती है तो हम आसानी से इसे देश से निकल फेंकेंगे ।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
पूरे देश को लॉग डाउन करने से इस देश में कोविट १९
वायरस का संक्रमण पूरे देश में है बाहर से विदेशी यह हमारे देश के लोग जो विदेश यात्रा पर गए हैं वहां से संक्रमित हो कर आ कर अगर वह लोग चार लोगों से और मिलते हैं तो इस तरह  वायरस फैलते है। वायरस से संक्रमित होने का आंकड़ा डब्ल्यूएचओ ने दिया है जो वाकई चौका देने वाले आंकड़े हैं शून्य से 100000 होने में सिर्फ 67 दिन लगे।
एक लाख से 200000 होने में सिर्फ 11 दिन ,दो लाख से तीन लाख होने में सिर्फ 4 दिन। जर्मनी  ,र्रोम इटली जैसे विकसित देश भी इस वायरस को रोक नहीं पाएंगे।
और जो भी संक्रमित हैं उनकी संख्या इतनी बढ़ गई कि इसे रोकना असंभव हो गया। लॉक डाउन होने से फायदा यह है। इस संक्रमण को रोक सकते हैं यह एक राक्षस की तरह है जहां जाता है वहां महामारी ही फैलाता है इसलिए हम सभी को घर में रहना चाहिए न्यूज़पेपर कामवाली बाई दूध आदि व्यक्तियों को के भी संक्रमण में नहीं आना चाहिए घर में सुरक्षित तरीके से रहना चाहिए साफ सफाई स्वच्छता ही इस बीमारी का बचाव है इस बीमारी की कोई दवाई नहीं है कुछ दिनों बाद टीके आएंगे ऐसा डब्ल्यूएचओ का कहना है घर में सुरक्षित रहें करोना को रोकने का यही एक सुरक्षित तरीका है। अपने हाथों को 10 सेकंड तक मलमल के आराम से आगे पीछे पूरी तरह से धोना चाहिए मुंह पर हाथ ना लगाएं। डिटॉल फिटकरी का इस्तेमाल कर सकते हैं। अंकुरित अनाज दालें खाएं जिससे हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।और भगवान से यही प्रार्थना है कि जल्दी से इस रोग से मुक्ति दो जिससे इंसान का जनजीवन सही तरीके से चल सके।
- प्रीति मिश्रा 
जबलपुर - मध्य प्रदेश
 लाकडाऊन  ..,
सम्भव क्या है क्या नहीं कहना मुश्किल है पर एक मात्र उपायें यही है महामारी से बचने का लॉकडाउन एक तरह की आपातकालीन व्यवस्था को कहा जाता है. जिसके तहत सार्वजनिक यातायात के साथ-साथ निजी प्रतिष्ठानों को भी बंद कर दिया जाता है. मौजूदा वक़्त में हेल्थ इमरजेंसी के तहत देश के तमाम हिस्सों में लॉकडाउन लगाया गया है.
किसी देश के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा संकट है। आज हमें एकजुट होकर इस समस्या के सन्दर्भ में जागरूक होना होगा। कोरोना वायरस के दुनिया भर में बढ़ते प्रकोपों को देखते हुए यह प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है कि इस ख़तरनाक वायरस का असर समाज में न फैले। इसके लिए सरकार द्वारा दिये गये आदेशों का पालन करना चाहिए। ऐसा ना करके हम स्वयं को तो ख़तरा में डालेंगे ही साथ में पूरे समाज को भी इस महामारी के मुँह में डालने का अपराध करेंगे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा कोरोना वायरस को वैश्विक महामारी घोषित किया जा चुका हैं, पूरा विश्व इस समय बहुत बड़े गम्भीर दौर से गुज़र रहा है। जब प्रथम व द्वितीय विश्वयुद्ध हुआ था तब भी इतने देश युद्ध में प्रभावित नहीं हुए थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी देश को एहतियात बरतने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा है कि भारत के 130 करोड़ों लोगों ने कोरोना वायरस का डटकर मुकाबला किया है। बीते कुछ दिनों से ऐसा लग रहा है कि जैसा कि हम बचे हुए हैं, ऐसा लगता है कि हम निश्चिंत हो गए हैं लेकिन ऐसा सही नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि कोरोना वायरस को लेकर बेफ़िक्र हो जाना सही नहीं है। सरकार की तरफ से किया गया लॉकडाउन एक ज़रूरी कदम तो है लेकिन यह लंबे वक्त तक जारी नहीं रखा जा सकता. कोरोना का ख़ात्मा करने के लिए हमारे अस्पतालों के साथ-साथ आम लोगों को भी अपने व्यवहार में भी बदलाव लाना होगा.
मिलकर कोरोना को हराना है,*
*घर से हमें कहीं नहीं जाना है,*
*हाथ किसी से नहीं मिलना है,*
*चहरे से हाथ नहीं लगाना है,*
बार-बार अच्छे से हाथ धोने जाना है,*
*सेनेटाइज करके देश को स्वच्छ बनाना है,*
*बचाव ही इलाज है यह समझाना है,*
*कोरोना से हमकों नहीं घबराना है,*
*सावधानी रखकर कोरोना को मिटाना है,*
*देशहित में सभी को यह कदम उठाना है।"
अमल करें ———
हाथ जोड़ वंदन करो , रहो दो फुट दूर । 
स्वच्छता रखो आसपास , सब को यह समझाओं ।।

खाँसी सर्दी से बचो , यही सुरक्षा आपकी ।
खाँसी बुख़ार हो अगर ,देर न लगाना इलाज में ।।

दूर ही रहना भीड़ से , निर्देशों का पालन करना 
जनता कर्फ़्यूका सम्मान ,कोरोना  की करो विदाई ।।

करोना की श्रृखंला को गर तोड़ना , भीड़ से दूर ही रहना ।
हाथो को बार-बार धोना, मास्क को पहन कर रखना ।।

अपनी ज़िम्मेदारी उठाना  ,
कोरोना को है भगाना 
जागरुकता की मशाल , सभी मिल कर जलाए 
संगठन में है ताक़त , सब को यह समझाये ।! 
- डॉ अलका पाण्डेय
मुम्बई - महाराष्ट्र
      पूरे देश में लॉक डाउन से सम्भव है मानव चिंतन व मंथन।जिससे निम्नलिखित सम्भव है।जैसे सम्भव है राष्ट्रप्रेम,राष्ट्रहित व राष्ट्रीय एकता व अखंडता।सम्भव है राष्ट्र की राष्ट्रीयता एवं मानव की मानवीयता के जीवन मूल्यों की सुरक्षा।सम्भव है काम क्रोध लोभ मोह एवं अंहकार का समूल नाश।सम्भव है राष्ट्रद्रोह की अंत्येष्टि।सम्भव है क्रूरता के ताडव का अंत।सम्भव है अफसरशाही पर अंकुश।सम्भव है भ्रष्टाचार के सूर्य का अस्त।सम्भव है कलयुग के काल का काल।सम्भव है बुद्धिहीनता एवं स्वार्थ की प्रलय।सम्भव है बलात्कार व निर्मम हत्या की राक्षशवृति की दौड का समापन।सम्भव है न्यायलयों सत्य मेव ज्यते एवं आडियो-वीडियो का शुभारम्भ।सम्भव है पुरुष आयोग की स्थापना।सम्भव है मानव का मानव के प्रति और राष्ट्र का राष्ट्र के प्रति विद्वेष का सुखद सकारत्मक अंत।सम्भव है काला धन संचय,जमाखोरी व कालाबजारी की नकारात्मक मानसिक प्रवृति का अंत।सम्भव है विदेश मोहभंग।सम्भव है विदेशी बैंकों से काले धन की वापसी।सम्भव है सतयुग की वापसी।सम्भव है नारी-नर में विश्वास का उत्थान।सम्भव है कर्तव्यपालन की भावना।सम्भव है वैश्विक शत्रुता का अंत और मित्रता का उदय।सम्भव है राजा और प्रजा में विश्वास का घनत्व।सम्भव है उन बाग-बगीचों का पुनरागमन,जिनके फल व पुष्पों से निरंतर सुगंधित सुगंध का प्रवाह होता है।
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर
कोविड-19 से निपटने के लिये सुरक्षात्मक रूप से भारत में, 22 मार्च 2020 को प्रयोगात्मक रूप से लाॅकडाउन किया गया, पर लोगों के अति उत्साह ने इसके उद्देश्य को ही दरकिनार कर दिया । 
स्थिति की  गंभीरता को देखते हुए प्रधानमन्त्री ने पुनः 24 मार्च से 14अप्रैल तक, 21 दिन के लिये, पूरे भारत में लाॅकडाउन की घोषणा के साथ ही, इसका कड़ाई से पालन करने की अपील की । 
*विश्व के इतिहास में यह पहला लाॅकडाउन होगा जो इतनी लंबी अवधि के लिए लगाया गया।* 
जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अभी विकास शील देश हैं, हमारे पास, न तो विकसित देशों की तरह चिकित्सा के पर्याप्त साधन हैं न व्यवस्था; और न ही अब तक इस वायरस का कोई इलाज ज्ञात हो पाया  है। इसलिए सामाजिक दूरी बनाकर ही इसे फैलने से रोका जा सकता है। 
पूरे देश में लाॅकडाउन से संभव है  बहुत हद तक, इस पर नियंत्रण हो जाए । 
पर जैसा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के शीर्ष आपातकालीन विशेषज्ञ- माइक रेयाॅन ने आगाह किया है, कि केवल लाॅकडाउन ही इसका समाधान नहीं , स्वच्छता , संजीदगी और वायरस के सटीक उन्मूलन के अभाव में लाॅकडाउन की पाबंदियां खत्म होने पर बीमारी के  पुनः सिर उठाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। 
दुख की बात है कि जब दुनिया के लगभग पंद्रह देश इस बीमारी से जूझ रहे थे तब हम शाहीनबाग, दिल्ली चुनाव, ट्रंप के स्वागत,  दिल्ली दंगे, मध्यप्रदेश की सरकार गिराने वहाँ के विधायकों को बेंगलूर और गुरूग्राम की होटलों में छुपाते फिरने , कभी बिहार को साधने सार्वजनिक जगहों पर लिट्टी-चोखा खाने तो कभी रंजन गोगोई को सांसद की शपथ दिलाने में मशगूल थे । 
मध्य प्रदेश में जब नई सरकार बन गई तब कहीं जाकर हमें कोरोना की याद आई। तब तक कोरोना ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए थे। 
फिर ताबड़तोब शट डाउन, वह भी 21 दिन के लिये !
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह नहीं बताया कि इक्कीस दिन की लंबी अवधि में, गरीब सर्वहारा वर्ग क्या करेगा ? लोगों में अफरा तफरी मच गई । लोग सामान इकट्ठा करने के लिए बाजारों में टूट पड़े। आवागमन के साधनों के अभाव में गरीब मजदूर 900 किलोमीटर दूर अपने घर के लिए पैदल निकल पड़े पुलिस अपनी ड्यूटी निभाते हुए, उन पर डंडे बरसाने लगी।
आखिरकार  प्रधानमंत्री को ट्वीट कर कहना पड़ा,कि सबके लिये आवश्यक  सामग्री की व्यवस्था की जा रही है  । 
आपको बता दें, कि उत्तरी कोरिया ने अपने देश में एक भी दिन लाॅकडाउन नहीं किया बल्कि, पूर्व में ही सावधानी बरत कर, मरने वालों की संख्या पर भी नियंत्रण रखा । कोरोना का पहला केस मिलते ही तुरंत उसने अपनी अंतर्राष्ट्रीय सीमाएँ सील कर दी।  सोशल मीडिया पर चेतावनी जारी कर, ऐसे ऐप बनाए जिससे संक्रमित व्यक्ति  की जानकारी मिल सके और मरीज जहाँ है उसकी वहीं जाकर जाँच करने की व्यवस्था के साथ ही उस पर ऐप द्वारा निगरानी रखी गई । इस बीच कोरिया ने बहुत बड़ी तादात में जांच किट तैयार कराए और अब जबकि वहाँ कोरोना के मरीजों की संख्या कम हो गई तब वह जाँच किट का दूसरे देशों को निर्यात कर स्वयं आर्थिक रूप से सुदृढ़ भी हो रहा है । 
क्या कोरिया की तरह हमें भी समय पर सचेत होने और सावधानी बरतने की जरूरत नहीं थी ?
आज पूरे देश में लाॅकडाउन से संभव है संक्रमण कुछ नियंत्रण में आ जाए ।
पर देश में कालाबाजारी, महंगाई और भ्रष्टाचार बढ़ने की संभावनाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता। 
 सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि जहाँ देश पहले से ही आर्थिक मंदी से गुजर रहा था, वहाँ हवाई यातायात रुकने से विदेशी व्यापार, रेल, बस और ट्रकों   के पहियें रुक जाने से यातायात पर निर्भर घरेलू व्यापार , कई कल कारखाने , कार्यालय बंद हो जाने से देश की अर्थव्यवस्था हिल जाने और दिहाड़ी मजदूरों को होने वाली अपार हानि की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता । 
इतने लंबे लाॅकडाउन से देश को जो आर्थिक हानि और आर्थिक भार पड़ेगा उससे संभवतः देश की अर्थव्यवस्था बहुत पिछड़ जाए । 
ऐसी मुसीबत की घड़ी में संभव है , देश के रहीस उद्योगपति आर्थिक तंगी में इतनी मदद कर दें, कि देश आर्थिक रूप से पुनः खड़ा हो जाए  । 
संभव है कि देश की बैंको को लूट कर भाग जाने वालों को सद्बुद्धि आ जाए और वो सारा कर्ज लौटा दें ।
यह भी संभव है कि लोग सीमित संसाधनों में ही गुजर बसर करने का  मन बना लें ।
कोरोना वायरस पहचान-पहचान कर किसी विशेष जाति या धर्म के लोगों को प्रभावित नहीं करेगा, अतः संभव है ,अब जाति और संप्रदाय को भुला कर लोग नेक इंसान बन जाएँ  ।
इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता, कि इन इक्कीस दिनों में हमारी स्वच्छता, सतर्कता, इच्छा शक्ति और इसके उपचार की दवा  इजाद हो जाने से यह वायरस हम पर ज्यादा प्रभाव न डाले ।
और हम भी यही चाहते हैं। 
अचानक आई यह विकराल समस्या, संभव सत्ता को भी निस्वार्थ होकर  सदैव सचेत और सक्षम रहने की ओर ले जाए ।
अंत में कहना चाहूँगी कि - 
महाकवि तुलसीदास ने कहा था  -
*सचिव,वैद्य,गुरु तीनी जो,* 
*प्रिय बोलहिं भय आस*
*राज,धर्म,तन तीनी कर ,* 
*होईं बेगिहिं नास।*
आज के दौर में राज धर्म और शरीर का नाश करने के लिए  सचिव,वैद्य और गुरु से, कहीं अधिक,मीडिया की भूमिका है। 
संभव है देश का मीडिया इस विपदा से सबक ले और चारणगाथा छोड़ कर ऐसी विकराल स्थिति में, समय रहते, सही जानकारी लोगों तक पहुंचा कर अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन करे ।
- वंदना दुबे 
  धार - मध्य प्रदेश
पूरे देश में लाख डाउन से क्या सम्भव है ? 
यह एक बहुत सही  प्रयास है इस महामारी से बचाव हेतु ।हम सब को इसका पूर्णतः पालन करना चाहिए ।अब तक हर व्यक्ति को यह ज्ञात हो चुका है कि यह संक्रमित व्यक्ति के संसर्ग में आने मात्र से यह १ से ४ और ४ से ४०० तक तुरंत हीं फैल जाती है,,जो दिन _प्रतिदिन बढ़ती जाती है ।आज तक इस बीमारी का कोई सफल इलाज नहीं ढूंढ सके हैं वैज्ञानिक ।इस बीमारी को मात्र हम कुछ इसी प्रकार के एहतियात बरतने की अतिआवश्यकता है और काफी हद तक यह कदम हमारे लिए कारगार साबित होगा । ना किसी का आना ना किसी का कहीं जाना,,यह बंद है तो ऐसे लाक डाउन से आर्थिक क्षति जो भी हो रही है ,, परन्तु अगर हम इस महामारी को फैलने से इस कारण से बच सके तो यह अति उत्तम और सराहनीय,,और कारगार साबित होगा। हां बहुत निचले तबके के लोगों के लिए रोज़ी रोटी में दिक्कतें आ रही है,,जिसका समाधान करने की भी जरूरत है,,किया भी जा रहा है लेकिन वह पर्याप्त नहीं है । पूरे विश्व को हिला कर रख देने वाली इस महामारी के लिए अनेक देशों में यह एक सही कदम देशवासियों को बचाने के लिए उठाया गया है ।
- पूनम देवा
पटना - बिहार
 
लॉक डाउन ही एक मार्ग है यही एक तरीका है जिससे हम कोरोना की लड़ाई लड़ सकते है,जिसे हम सबको शिद्दत से पालन करना चाहिए।जब तक प्रत्येक व्यक्ति इसके प्रति गंभीर नही होगा तब तक ये सफल नही हो पायेगा ।हमे अपना ,अपने परिवार और देश का ध्यान रखते हुए इसका पालन करना पड़ेगा ।कोरोना को हराना है तो हमे एकता जगाना होगा और ,उनका पूरे दिल से सहयोग करना होगा जो हमारे मदद के लिए काम मे लगे हुए है।
- ज्योति वाजपेयी
अजमेर - राजस्थान

" मेरी दृष्टि में " कोरोना के चक्र को तोडऩे के लिए कम से कम इक्कीस दिन की आवश्यकता होती है ।इसके रोकने के लिए एक ही रास्ता है सिर्फ लॉक डाउन ही है । स्थाई इलाज जब तक सामने नहीं आता है । तब तक लॉक डाउन पर ही निर्भर रहना होता।
                                                          - बीजेन्द्र जैमिनी







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