क्या मर्यादा का पालने करने से व्यक्ति महान बनता है ?
मर्यादा में रह कर इंसान अपनी विशेष पहचान बनता है । जो समाज व देश में ख्याति प्राप्त करता है । ऐसा इतिहास में भी देखा जा सकता है ।जैसे आयोध्या के श्री राम ऐसा ही कुछ जैमिनी अकादमी द्वारा " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते हैं : - मर्यादा यानी एक सीमा रेखा !सीमा रेखा से बाहर जाने पर नियम भंग तो होगा ही... किसी भी चीज में अतिशयोक्ति ठीक नहीं और यह नियम मनुष्य या प्राणी मात्र ही नहीं अपितु हर वस्तु विशेष के लिए भी प्रतिस्पारित है! बचपन से ही हमें मर्यादा में रहने की शिक्षा दी जाती है! मर्यादा कोई कानून अथवा पाप पुण्य की परिभाषा पर आधारित आचार संहिता भी नहीं * पारस्परिक संबंधों में कलह क्लेश की स्थिति पैदा होने से रोकने , कार्य को सुचारू रूप से चलाने , तथा समाज में तालमेल सामंजस्य स्नेह और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है! सभी के लिए मर्यादा का पालन करना सहज नहीं है ! मर्यादा भंग होने से ही अनुशासन टूटता है एवं प्रशासन भी बिखर जाता है ऐसे वक्त पर विद्वान और समझदार व्यक्ति मर्यादा में चलकर...