हर वक्त खुश रहने के लिए क्या करना चाहिए ?

खुश रहना बहुत अच्छा प्रयास होता है । परन्तु हर वक्त खुश रहना सिर्फ सन्यासी ही रहे सकते हैं बाकी के लिए सुनहरें सपनें देखने के समान है । यही कुछ जैमिनी अकादमी द्वारा " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते हैं : -
मानव जीवन की गति ऐसी नहीं है कि हर वक्त खुश रहा जा सके। एक पल हँसना-एक पल रोना, धूप-छाँव के समान, जीवन का एक हिस्सा है। फिर भी हर वक्त खुश रहने का प्रयास मनुष्य के मन-मस्तिष्क की सकारात्मकता को प्रदर्शित करता है।
हर वक्त खुश रहने के लिए कभी परिस्थितियों से लड़ना, और कभी परिस्थितियों से समझौता करने की कला का ज्ञान होना आवश्यक है। 
सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि प्रकृति में बदलाव की प्रक्रिया सतत् चलती रहती है। मानव जीवन भी इस बदलाव की प्रक्रिया से अछूता नहीं है। जीवन के आकस्मिक बदलावों के लिए यदि मनुष्य पहले से ही मानसिक रूप से तैयार रहे तो ऐसे समय में स्वयं को खुश रखने के लिए अतिरिक्त श्रम नहीं करना पड़ता। 
इसके साथ ही जीवन के उतार-चढ़ाव के साथ स्वयं को ढालने की कला जिस मनुष्य में आ जाती है, उसे यह शक्ति प्राप्त हो जाती है कि वह हर वक्त खुशी अनुभव कर सके।
इसीलिए कहता हूँ कि......
"प्रसिद्धि पाने, शान बढ़ाने में ही चंचल मन चलता है। 
मिलने गंवाने के अहसासों में ही जीवन पलता है।। 
सम्पूर्ण जीवन भी ना जाने क्यों अधूरा सा लगता है। 
खुशी में भी ना जाने क्यों पीड़ा का सागर बसता है।। 
करना प्रयास सम्पूर्णता के नाम जीवन है मन मेरे।
देना पीड़ा को क्षण प्रसन्नता के जीवन है मन मेरे।।"
- सतेन्द्र शर्मा 'तरंग'
देहरादून - उत्तराखण्ड
*जीवन अनमोल है जिंदगी धूप छांव*
*सुख दुख का मेला है यही जीवन का खेला है*
जीवन प्रभु का दिया हुआ माता पिता ने शरीर दिया रूप रंग दिया संस्कार दिया जीवन जीने के योग्य बनाया अब हमें इस जीवन को समाज गांव देश के हित को ध्यान में रखते हुए अपने इस अनमोल जीवन का उद्देश्य निर्धारित करना चाहिए, हमारा जो भी लक्ष्य हो उसे पूर्ण करने का दृढ़ संकल्प लें इधर-उधर की बातों को ना ध्यान देते हुए सिर्फ अपने लक्ष्य की ओर देखें सफलता असफलता वह हमारे हाथ नहीं है कौन क्या कहता है यह भी हम नहीं रोक सकते परंतु हम अपना कार्य अपना लक्ष्य अपनी मेहनत ईमानदारी के साथ जीवन पर्यंत चल सकते हैं अपने आप को खुश रह सकते रख सकते हैं अपने मन में मगन  रहें सकारात्मक सोच हर समय बनाए रहें सुख दुख तो आता जाता रहेगा पर समय निकल जाएगा तो वह ना मिलेगा दोबारा और न यह अनमोल जीवन ही मिलेगा इस सत्य को सदैव याद रखना
खुश रह कर सकारात्मक उर्जा आती
 है और हम लक्ष्य तक पहुंच पाते हैं।
*कर्मण्ए वाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचन*
- आरती तिवारी सनत
 दिल्ली
खुश रहना हर कोई चाहता है लेकिन अक्सर हम परेशान रहते हैं।
चिंता और तनाव हर किसी की जिंदगी में आते हैं इसके लिए हम कुछ सरल टिप्स बता रहे हैं:---
१) मुस्कुराते रहिए :-आपका मुस्कुराना प्ररिस्थति चाहे जैसी हो आपके चेहरे पर मुस्कान होना चाहिए।
२) प्रेरणा:-- जिस व्यक्ति का काम अच्छा लगे उससे प्रेरणा ले।
३) चिंता मुक्त रहे:-- बहुत सारे कारण है, दिन भर आते हैं जिससे खीज आती है लेकिन स्वस्थ रहने के लिए खीज को अपने साथ क्षण भर रखे।
४) सकारात्मक लोगों के साथ रहे:--आपके आसपास के लोग सकारात्मक सोच वाले हो।
५) दयालुता:--  इसकी शुरुआत भी आप अपने आप से करें खुद के प्रति दयालु रहें।
६) विश्वास:-- विश्वास के साथ चले तो आपको  दिशा देगा।
लेखक का विचार:--खुश रहने का मूल मंत्र है आत्मविश्वास से इसकी शुरुआत होती है। 
अच्छा भोजन खाएं एक चीज याद रखें पैसा कभी भी खुशी से बढ़कर नहीं है। आपके पास जो है उससे खुश रहे हैं ज्यादा की कामना करके दुःख को आगमन न करें।
- विजयेन्द्र मोहन
बोकारो - झारखंड
हर वक्त खुश रहने के लिए खुद को संयम योजनाओं के साथ भावनाओं के साथ ही जीना चाहिए कभी भी कोई भी बात करो दिल से नहीं लगानी चाहिए जीवन की गतिविधियों को हमेशा निरंतर प्रयास होकर जीना चाहिए हमेशा खुश रहने के लिए हम भक्ति और मेहनत की भी आवश्यकता होती है तथा दूसरों के दिलों में जगह बनाने के लिए हमेशा अपने चेहरे पर मुस्कान की आवश्यकता होती है हर वक्त खुश रहने के लिए हमें सभी से प्रेम और अनुराग से मिलना चाहिए तथा जीवन के हर एक विपरीत परिस्थितियों में मुस्कुराते हुए उसका सामना करना चाहिए तभी वक्त भी हम पर खुश रहता है और हम खुश रहने की कोशिश करते हैं ताकि हमारे आसपास के लोग भी हमारी मुस्कान से खुश रहो खुश होते हैं जीवन की सफलता और असफलता हमारी खुशियों पर निर्भर करता है हम अपनी सफलता को खुशी के साथ अपनाते हैं तो असफलता को भी हमेशा खुशियों के साथ अपनाना चाहिए उनकी असफलता ही जीवन की सफलता को आगे बढ़ाने में सिद्ध होता है हर वक्त खुश रहने के लिए हमेशा प्रार्थनाएं और परिश्रम करते रहना चाहिए।माँ -पिता का हृदय कभी नही दुखाना चाहिए।जिंदगी की राहों में कसी को तकलीफ़ देकर आगे नही बढ़ना चाहिए।खुश रहने के बेहद तरिके हैं मानसिक शांति और मानसिक संतुलन के लिए हमेशा अपने जीवन में काम करते रहना चाहिए।आंतरिक खुशी दिल की होती है।जीवन मे सदैव सदकर्म करना चाहिए और दिलों में एक प्रेरणास्रोत बन कर रहना चाहिए।
- अंकिता सिन्हा कवयित्री
जमशेदपुर - झारखंड
क्या हुआ है,कभी ऐसा कि कोई व्यक्ति हर वक्त खुश रहे? इस विषय में क्या करना चाहिए कि हर वक्त खुश रहे, इसका उत्तर खोजने में जुटा मानव,सुख सुविधाओं के लिए नित नवीन खोज करता रहा है, लेकिन सुविधाएं 
बढ़ने के साथ साथ खुशी का प्रतिशत घटता रहा है।
संयुक्त राष्ट्र की वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट-2020 के अनुसार शीर्ष 10 खुशहाल देशों में से नौ यूरोप के हैं, जबकि टॉप-20 में एशिया का एक भी देश नहीं है। 156 देशों की इस सूची में सबसे निचले पायदान पर अफगानिस्तान, दक्षिणी सूडान, जिम्बाब्वे और रवांडा है। जबकि शीर्ष में फिनलैंड के बाद डेनमार्क, स्वीट्जरलैंड, आइसलैंड और नॉर्वे शामिल है। वहीं न्यूजीलैंड आठवें स्थान पर है।
किसी देश की खुशहाली मापने के लिए 6 मानकों पर सवाल तैयार किए जाते हैं। इनमें संबंधित देश के प्रति व्यक्ति की जीडीपी, सामाजिक सहयोग, उदारता और भ्रष्टाचार, सामाजिक स्वतंत्रता, स्वस्थ जीवन के जवाब के आधार पर रैंकिंग की जाती है। विश्व में सबसे खुशहाल देशों को सूचीबद्ध करने के लिए भूटान ने 2011 में संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव रखा था। इसे मंजूरी मिलने के बाद से हर साल 20 मार्च को ‘वर्ल्ड हैप्पीनेस डे’ मनाया जाता है।
भारत इस रिपोर्ट में चार पायदान फिसलकर 144वें स्थान पर है। पिछले साल भारत को 140वां स्थान प्राप्त हुआ था। वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान 66वें, चीन 94वें, बांग्लादेश 107वें, नेपाल 92वें, मालदीव 87वें स्थान पर है। पाकिस्तान पिछली बार 67वें और चीन 93वें स्थान पर था।
इससे स्पष्ट है कि खुशी मात्र,सम्पन्नता से ही नहीं आती। बांग्लादेश, नेपाल, पाकिस्तान का इस रैंकिंग में आगे होना हमें आईना दिखा रहा है कि अपनी पीठ स्वयं थपथपाने वाले हम लोग खुशी के स्तर पर कहां ठहरते हैं। हमेशा खुश रहने के लिए करता करना चाहिए,इसका कोई निश्चित उत्तर या फार्मूला नहीं है।
- डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर - उत्तर प्रदेश
खुशी एक मनोस्थिति है। एक सापेक्ष शब्द। प्रत्येक व्यक्ति के लिए खुशी के अलग अलग पहलु या अर्थ हो सकते हैं परन्तु इसमें कोई संदेह नहीं कि हर कोई खुश रहना चाहता है। और हर वक्त खुश रहने की भी इच्छा रखता है। और ऐसा संभव भी है,  यदि हम चाहें तो। इच्छाशक्ति हो तो इंसान क्या नहीं कर सकता। 
हर वक्त खुश रहने के लिए हमें कुछ आदतें डालनी होंगी।
     एक अच्छी नींद लेकर उठें और उठते ही मुस्कराइए। जी हां। मुकराने से हमारा ब्रेन डोपामिन पैदा करता है जोकि खुशी का हार्मोन है। एक नई भोर दिखाने के लिए ईश्वर का धन्यवाद कीजिए। या किसी भी  चीज़ के बारे में अपने मन में कृतज्ञता महसूस कीजिए। आप को अनिवर्चनीय आनंद की अनुभूति होगी। प्राणायाम तथा योग भी हमें खुशी देते हैं। सारा दिन हम तरोताजा व प्रफुल्लित रहते हैं। अपने मन को नकारात्मकता से दूर रखें। नकारात्मक लोगों से भी। अच्छी पुस्तकें पढ़े, अच्छे प्रोग्राम देखें और अपनी पसंद की हॉबी को समय दें। अपने जीवन के लक्ष्य स्वयं चुनें और उन पर पूरे उत्साह से फोकस करें। जीवन है तो दुःख सुख भी होंगे। अपने दुखों या जीवन की त्रासदियों को स्वीकारें और आगे बढ जाएं। अतीत में नहीं बल्कि भविष्य की सुखद कामना में जीना सीखें। 
किसी जरूरतमंद की सहायता कीजिए। किसी बच्चे के साथ बच्चा बन मुस्कराइये। अपने परिवार जनों संग सुख दुख बांटिए। कुछ अपनी कहिए कुछ उनकी सुनिए। 
आप भी हरदम खुश रहेंगे और आपके आसपास वाले भी।
- डॉ. नीलिमा डोगरा
नंगल - पंजाब
     समय परिवर्तन शील हैं, उसी प्रकार से व्यक्ति की पहचान होती हैं और धीरे-धीरे क्रियाशील होते जाता हैं,  अपनी इच्छानुसार जीवन यापन करना भी एक कला हैं, उसे उस तरह से ढ़ालना भी एक कला हैं, जिस पर समस्त प्रकार के कार्यों को सम्पादित करने में चेहरे पर मुस्कान की अति आवश्यकता प्रतीत होती हैं और अनन्त समय तक चलता रहता हैं। एक चेहरे पर गंभीरता की झलकियां रही तो सामने वाला भी सोचने पर मजबूर हो जाता हैं, जिसके परिपेक्ष्य में परिणाम सार्थक नहीं हो पाते और दूसरा संकुचित सोच में बदलाव की जगह नकारात्मक सोच में अग्रणी होते जाता हैं, आज वर्तमान की दुनिया हैं, खुश रहना भी जरूरी हैं, जिसके माध्यम से अहसास जनों को मर्यादा विहिन भी करने में सफल हो जाता हैं। इसलिए मानवता को घर संसार से लेकर विशालकाय वृक्ष तरह हर वक्त खुश रहने की आदत डालनी चाहिए, ताकि सामने वाला प्रभावित हुए बिना नहीं रहता।
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर' 
  बालाघाट - मध्यप्रदेश
खुशी ऐसी चीज है जिसे बाजार से नहीं खरीदा जा सकता और न ही उसे जबरदस्ती हासिल किया जा सकता है।यह एक आत्मिक  सुखद अनुभूति है जिसे निश्छल भाव से ही प्राप्त किया जा सकता है ।हर वक्त खुश रहने के लिए जरूरी है एक नियमित संयमित दिनचर्या जिसमें अपनी खुशी के साथ साथ अपने परिवार और प्रियजनों की खुशी का ध्यान रखें ।शारीरिक स्वस्थता के साथ मानसिक शांति भी आवश्यक है। दूसरे के कटु वचन हमारी खुशियाँ हर लेती है ।हमें भी सजग रहना होगा कि हमारी बातें हमारा व्यवहार किसी के दुःख का कारण ना बने।क्योंकि किसी की आत्मा को दुःखी कर हम कभी खुशी नहीं पा सकते हैं ।
   आज आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में हर इंसान अधिक से अधिक पैसे कमाने के लिए प्रयासरत है। अधिकतर लोग समझते हैं कि अगर उनके पास अथाह संपत्ति आ जाएगी तो वह दुनिया की हर खुशी को पा सकते हैं। लेकिन पैसे के पीछे भागते भागते वह दुनिया की वास्तविक खुशी से वंचित रह जाते हैं ।विभिन्न व्यक्ति की खुशियां विभिन्न प्रकार की होती है ।लेकिन खुशियों का आधार एकमात्र प्रेम होता है ।यह प्रेम उसे अपने परिवार से ,अपने प्रिय जनों से तथा अपने आसपास के लोगों से मिलता है । इस प्यार को प्राप्त करने के लिए उसे उनके साथ वक्त बिताना, एक साथ रहना जरूरी है। पैसे कमाने की होड़ में इंसान इन जज्बाती रिश्तों से दूर होता चला जाता है और एक समय ऐसा आता है जब उसके पास पैसा तो रहता है लेकिन खुद को वह नितांत अकेला पाता है ।सांसारिक सारे सुखों के उपलब्ध रहने के बावजूद वह खुश नहीं रह पाता। खुशी हमेशा अपनों के प्यार से ,अपनों के साथ से ही मिलती है ।यह जरूर अलग बात है कि खुशहाल जिंदगी के लिए पैसा आवश्यक है लेकिन सिर्फ पैसे से हमें खुशियां नहीं मिल सकती।
-  रंजना वर्मा उन्मुक्त
रांची - झारखंड
हर वक्त खुश रहने के लिए जो है उसे स्वीकार करने का भाव होकर मन में संतुष्टि होनी चाहिए। दूसरे की तरक्की और खुशहाली से जलन नहीं होनी चाहिए। जिस प्रकार चिड़िया बाज को आकाश में ऊंचा उड़ते देखकर परेशान नहीं होती और अपनी उड़ान में मस्त रहती है उसी प्रकार हम भी जो मिला है उसी में प्रसन्न रहें। साथ ही जरूरतमंदों की मदद भी करते रहें तो हमें खुशी मिलती है। 
- सुदर्शन खन्ना 
 दिल्ली 
इस भागदौड़ भरे वातावरण में हर व्यक्ति खुशी तलाशता है, उसे ग्रहण करने का प्रयास भी करता है । ज्यादा से ज्यादा संग्रह करने की होड़ में खुशी जैसे कोसों दूर चली गई है। इस सब के पीछे हमारा ही दोष ही है ।हम खुशी को पहचान ही नहीं पाते हैं । थोड़ी देर के लिए यदि सोचा जाए तो खुशी पाना इतना कठिन भी नहीं है जितना हमें लगता है। खुशियां तो हमारे चारों ओर मौजूद रहती हैं ,जरूरत है बस उन्हें पहचान कर गले लगाने की ईश्वर की भान्ति खुशी भी हमारे भीतर ही निवास करती हैं । मन के नजरिए को खुशी के घेरे में लाकर लाभ ही मिलता है। सांसारिक दुर्भावनाऐं हमारी खुशियों में लोहे में लगे जंग का काम करती है। काम, क्रोध ,मद, लोभ और मोह में घिरा व्यक्ति खुशियों से वंचित रह जाता है। ईर्ष्या ,द्वेष, जलन, शत्रुता, नकारात्मक सोच के कारण खुशियां कभी प्राप्त नहीं की जा सकती । सर्वप्रथम मन की शुद्धि ही खुशी पाने का आसान तरीका है । वैचारिक संपन्नता,सकारात्मक सोच, सदाचार ,परोपकार ,सद्भाव ,सच्चे सत्संगी विचार रखने वाले व्यक्ति के हृदय में शांति का भाव बना रहता है । जो खुशी पाने का मूल मंत्र है। दीनता ,हीनता, अधीनता हमारी खुशियों में ग्रहण लगाती है। इसलिए सदैव अपनी शक्ति, सामर्थ्य ,ज्ञान को पहचान कर, उसका सही उपयोग करें, सफलता प्राप्त कर प्रसन्नता के भावों को ग्रहण किया जा सकता है । हर वक्त खुश रहने के लिए जीवन में इन सिद्धांतों ,नियमों, धारणाओं को अपनाना अति आवश्यक है तभी खुश रह सकते हैं स्वयं भी और औरों को भी खुश रख सकते हैं । खुश रहने वाला व्यक्ति संपूर्ण वातावरण को खुश मय, आनंदमय बना देता है। 
- शीला सिंह
 बिलासपुर - हिमाचल प्रदेश
हर वक्त खुश रहने के लिए किसी बात की चिंता नहीं करनी चाहिए। जो हो रहा है वो अच्छा हो रहा है जो होगा वो भी अच्छा ही होगा। जो भी हो गया वो अच्छा ही था। ये बात मानकर चलना चाहिए। कहा गया है कि वक्त से पहले और किस्मत से ज्यादा न मिला है किसी को न मिलेगा किसी को। खाली हाथ आये थे खाली हाथ जाना है। जो भी हैं जितना भी है उसी में खुश रहें। वही हमारे लिए बहुत है। सन्तोषम परम् सुखम ये बात ध्यान में रखना चाहिए। दाने -दाने पर खाने वाले का नाम लिखा है ये बात सौ प्रतिशत सत्य है। इसे मानकर चलना चाहिए। देखिए आप हरपल खुश रहेंगे। किसी का बुरा न करें। किसी को बुरी सलाह न दें। जहाँ तक हो सके परोपकार की भावना रखें। आपको बहुत खुशी मिलेगी। निःस्वार्थ भाव से कोई भी कार्य करें। बदले में किसी से कुछ पाने की आशा न रखें। इस बात से मन सदा प्रसन्न रहेगा। कोई भी गलत कार्य न करें। इससे मन हमेशा हल्का रहेगा और आप हरपल खुश रहेंगे। किसी किसी चीज की आशा रखना बहुत गलत बात है क्योंकि जब यही आशा पूर्ण नहीं होती है तो मन दुःखित हो जाता है और खुशी गायब हो जाती है। जब आप किसी से कोई आशा ही नहीं रखेंगे तो उससे कुछ मिले या न मिले तो आपका मन खराब होने का कोई बात ही नहीं है। इस संसार में अपना कोई नहीं है। सब माया मोह का बंधन है। सभी रिश्ते नाते मतलब के ही है। सच्चा नाता तो केवल एक परमात्मा से ही है। यही मन में रखने से आप हमेशा प्रसन्न रह सकते हैं।
- दिनेश चन्द्र प्रसाद "दीनेश"
 कलकत्ता - पं. बंगाल
ऐसा कौन है जो खुश रहना नहीं चाहता हो ! खुशी के झरने का श्रोत तो हमारे अंदर ही होता है नाहक हम अपने खुशी के झरने को बाहर ढूढ़ते की कोशिश करते हैं !
खुशीयाँ तो सभी बटोरना चाहते हैं किंतु तरीके अलग होते हैं ! किसी को दूसरों की मदद करने में खुशी मिलती है किसी को दूसरों को परेशान करने में ,कोई ईश्वर की  भक्ति में खुश है ,कोई सांसारिक जीवन में...ऐसे अनेक कारण है !
असली खुशी तो हमें तब मिलती है जब हम दूसरों को खुशी देते हैं ! कहते हैं न प्यार बांटोगे तो प्यार मिलेगा ! प्यार से हम हर जंग जीत सकते हैं फिर खुशी का मिलना तो स्वाभाविक है !
हमें किसी से अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए ! मिल गया तो ठीक है नहीं तो अपेक्षा दुख ही देती है !
जलन की भावना रखने से भी हमारी खुशी छीन जाती है जैसे आपकी तरक्की से आप खुश हैं किंतु जैसे ही आपसे अधिक सफल व्यक्ति को देखते हैं चेहरे की खुशी गायब और दुख आ जाता है ... आदमी को संतोषी होना चाहिए !जिस व्यक्ति के पास संतोष -धन है वह सदा सुखी रहता है !  खुश रहने के लिए किसी वजह की जरुरत नहीं होती   
व्यक्ति का स्वभाव भी इसका एक कारण है ...सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति हर परिस्थिति को स्वीकार कर खुशीयों ढूढ़ ही लेते हैं ! श्रमसीकर झोपडे़ में रहने वाले छोटी छोटी बातों में उपलब्धियों में अपनी खुशीयां ढूढ़ ही लेते हैं और अपने कठिन जीवन को सरल बना लेते हैं ! 
खुशीयाँ लेना आना चाहिए वरना महलों में भी आदमी खुश नहीं होता !अहंकार व्यक्ति में आ जाये तो हर खुशी दूर हो जाती है !
            - चंद्रिका व्यास
           मुंबई - महाराष्ट्र
कहा गया है, "विश्व प्रधान कर्म रचि राखा... " याने कर्म को प्रधानता दी गई है। सही भी है और उचित भी। हमारे कर्म ही हमारा सुख-दुख तय करते हैं। हम अच्छे कार्य करेंगे तो हमें सुख मिलेगा, इसी सुख से हमें खुशी मिलती है।
 अतः हमें सदैव ऐसे कार्य करना चाहिए , जिनसे न केवल हमें ही सुख और शांति मिले बल्कि औरों को भी मिले।
   निष्ठा, निष्पक्ष, नैतिक, नियत, नेह,नेक,न्याय आदि ऐसे गुण हैं जिन्हें अपनाकर किए जाने वाले कार्य हमारे उक्त उद्देश्य को सफल करते हैं।
... और ऐसा करना न तो असंभव है और न ही कठिन। 
   बस, मोह,माया के जाल से भ्रमित होने से बचना है। ये ही ऐसे जाल होते हैं, जिनसे बचना कठिन होता है और हमारे सारे किये-कराये पर पानी फिर जाता है।
 - नरेन्द्र श्रीवास्तव
गाडरवारा - मध्यप्रदेश
हर वक्त खुश रहने के लिए सकारात्मक सोच के साथ अपनी दुख भरी जिंदगी से बाहर निकलें ।हम दूसरों को नहीं बदल सकते, खुद को बदलने का प्रयास करें।
   अपने ऊपर अटूट विश्वास रखें कि आप हर कार्य को किसी के गलत व्यवहार को नजरअंदाज कर आत्मविश्वास के साथ खुद पूर्ण कर सकते हैं।
    लोगों को सम्मान और खुशियां देने का प्रयास करें। लोग आपको खुश देखकर भी चिढ़ेगें-- ऐसे लोगों को नजरअंदाज कर दें।
    अपने जीवन के हर पल का सदुपयोग करते हुए भगवान को शुक्रिया अदा करें। अपने सीमित साधन में संतुष्ट रहें।
       अपने जीवन के खुशी भरे पल को याद कर निराशा भरे पल से बाहर निकलने का प्रयास करें।
        सकारात्मक सोच के साथ उम्मीद की किरण बरकरार रखें। घर के कार्यों के साथ-साथ साहित्यिक रचनाओं को पढ़ने में अपना समय व्यतीत करें।
 खालीपन निराशा को जन्म देता है। भिन्न-भिन्न कार्यों में खुद को व्यस्त  रखें और खुश रहें । आसपास पेड़- पौधे लगाए ----वातावरण स्वच्छ व सुंदर रहेगा। जीवन में उत्साह लाने के लिए कार्य को रचनात्मक बनाएं ---आत्मिक खुशी प्राप्त होगी।
               - सुनीता रानी राठौर 
               ग्रेटर नोएडा - उत्तर प्रदेश
       चिंताग्रस्त अर्थात चिंताओं के मारे व्यक्ति के लिए प्रश्न वास्तव में अद्भुत एवं स्वास्थ्यवर्धक है। उपरोक्त प्रश्न में विचित्रता यह है कि ऐसे व्यक्तित्व का पाला कम से कम 'खुश' शब्द से तो पड़ा। जिसे हर वक्त खुश रहने के उपायों पर विचार करने एवं उन अनमोल विचारों पर मंथन करने का सौभाग्य तो प्राप्त हुआ।
        परंतु मेरे अनुभव के आधार पर किए शोध के अनुसार खुशी मन के भीतर से उपजती है। जिसे उपजाने के लिए मानव को कड़े परिश्रम की आवश्यकता होती है। अन्यथा खोखले उपाय छोटी सी चोट लगने पर रेत के घरौंदों की तरह ढह जाते हैं और समुंदर की झाग की भांति बैठ जाते हैं। दूसरे शब्दों में कृत्रिम सौंदर्य प्राकृतिक सौंदर्य के आगे घुटने टेकने पर विवश हो ही जाता है।
         उल्लेखनीय है कि जिस प्रकार कागज के फूलों से खुशबु नहीं आती उसी प्रकार अप्राकृतिक मुस्कान भी प्राकृतिक मुस्कान के आगे ठहर नहीं पाती। चूंकि झूठ से समाज को तो धोखा दिया जा सकता है परंतु स्वयं को धोखा नहीं दिया जा सकता। इसीलिए कहते हैं कि परमात्मा हर स्थान पर विराजमान होता है। चूंकि आत्मा और परमात्मा में मात्र 'परम' का ही अंतर होता है।
        अतः अपने अन्तर्मन से नकारात्मकता एवं नकारात्मक लोगों से अधिक से अधिक बचें और सकारात्मकता एवं सकारात्मक लोगों का अनुसरण करें। आत्मनिर्भरता के लिए प्रयास करते हुए सफलता प्राप्त करें और आत्मनिर्भर बनें। जितना मिल रहा है उसी में संतुष्ट रहें परंतु उन्नति एवं विकास के लिए परिश्रम जारी रखें। किसी भी परिस्थिति में आत्मविश्वास बनाए रखें। जिससे खुशी के साथ-साथ सम्पूर्ण मानसिक संतोष भी प्राप्त होगा।
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयः ।
यही जीवन मूलभूत सिद्धान्त है। आपके साथ जीवन में जो भी घटनाएं होती हैं यदि आप हमेशा उनके सकारात्मक पहलू पर ध्यान देंगे तो खुशियां आपके पास खुद ब खुद दौड़ती चली आयेंगीं ।
 जीवन मुश्किल नहीं है इसको लोग अपने कार्यों से मुश्किल बना देते हैं ।
बैठे रहने से कुछ नहीं मिलने वाला ,,,,अपनी दुख भरी जिंदगी से बाहर निकलना चाहिए और कुछ बेहतरीन खुश रहने के लिए उपाय ढूंढने चाहिए ।
इसके लिए खुद पर अटूट विश्वास रखना जरूरी है कि आप हर चीज कर सकते हैं। आप किसी से कम नहीं है। अपने हर 1 दिन के लिए अपने जीवन के हर एक पल के लिए भगवान को शुक्रिया अदा करना चाहिए ।
अपने जीवन के कार्यों और अपना भार  खुद उठाएं नहीं तो मुश्किल परिस्थितियों में आप हार मान लेंगे ।
लोगों को सम्मान दें खुशियां दें और उनसे भी बदले में उनसे भी सम्मान व खुशियां पाएं ।
अपने घर में किसी पालतू पशु जैसे कुत्ते, बिल्ली को रखें या गाय पालें  इससे भी आपका समय अच्छे से बीतेगा ।
अपनी खुशी दूसरों से शेयर करें और खुलकर बात करें ।
नियमित रूप से व्यायाम करें, टीवी आदि में अच्छे हास्य  प्रोग्राम देखें ।
अच्छा व स्वस्थ भोजन करें।
 एक चीज याद रखें कि पैसा कभी भी खुशी से बढ़कर नहीं होता ,इसलिए आपके पास जो है उसमें खुश रहें ज्यादा की कामना कर दुख को आगमन ना दें ।
अपने जीवन को मुश्किल ना बनाएं बस साधारण जीवन जियें । अपने जीवन में खुशी के पलों के कुछ फोटो आदि घर की दीवारों पर चिपका दें , इससे आपको खुशी मिलेगी ।
जिस कार्य को करने से खुशी मिले वही कार्य करें ।
आप जितने भी छोटे हो या बड़े, अपनी कोशिशों की ताकत को समझें ।
लड़ाई झगड़ा से जहां तक हो दूर ही रहें ।
 किसी अच्छे विषय पर बात करें और अपने मन को हमेशा शांत रखें ।दूसरों की बातों को अच्छे से सुनने पर ही जवाब दें ।दूसरे की बातों और लोगों को देखकर जलन महसूस ना करें ।
अपने घर में पेड़ पौधे लगाएं क्योंकि इससे भी वातावरण सुंदर तथा स्वयं सकारात्मक रहता है, और मन भी खुश रहता है।
 अपने क्रोध को काबू में रखें यह भी बहुत ही जरूरी है ।
 आप किसी अगर आप कंपनी में काम करते हैं और वहां बहुत दिनों से छुट्टी नहीं लिया है तो कुछ दिनों के लिए छुट्टी ले लें ।
अपने जीवन में उत्साह लाने के लिए आप कार्य को रचनात्मक बनाएं ।
परिवार या मित्रों के साथ कभी कभार घूमने जाएं।
 खुशियां तो आप के चारों ओर मौजूद है जरूरत तो बस उन्हें पहचान कर गले लगाने की ।
यदि खुद खुशियां आपके पास नहीं आती तो क्या हुआ आप तो खुशियों के पास जा सकते हो।
 खुशियों के कुछ रास्ते अपना कर आप खुशियां हासिल कर  सकते हो ।
इसके लिए बुरे लोगों और बुरी चीजों से हमेशा दूर रहें ।
 अपने समय को बर्बाद ना होने देवें ,दूसरों पर दोष देने से पहले अपनी गलतियों को सुधारें और कोई नई शुरुआत करें ।
लोगों की बात न सुनकर अपने दिल की बात सुने इससे आपका समय अच्छे से बीतेगा ,अपनी खुशी को दूसरों के साथ बांटे क्योंकि खुश रहना हर उस व्यक्ति का अधिकार है जो इस दुनिया में आया है ।
लेकिन हम लोगों ने खुद का जीवन इस तरह से बना लिया है कि खुशी तो बहुत दूर की चीज दिखाई देती है ।हम  लोगों ने भागती और दौड़ती हुए जिंदगी में खुद को इस तरह बना लिया कि खुशी पाने के लिए बहुत सोचने और करने के बाद भी नहीं मिल पाती ।
लेकिन अगर आप इसके लिए ये  टिप्स अपनाते हैं तो खुशी पाना इतना कठिन नहीं है जितना कि लगता है ।
- सुषमा दीक्षित शुक्ला
लखनऊ - उत्तर प्रदेश
हर वक्त खुश रहने के लिए निम्न बातों को अपनी जिंदगी में उतार ले।
१  वर्तमान में जीना सीखें जो आपके पास है उसमें संतुष्ट रहना सीखे संतोष की भावना परम सुखदाई कहलाता है।
२ खुशियां आपकी दिल दिमाग मन में बसी हुई है खुशियों का स्रोत आपके पास है पर अनजाने में हर इंसान खुशियां वस्तुओं परिस्थितियों में खोजता है।
३ हर इंसान का खुशियां पाने का अलग अलग तरीका है कोई इंसान दूसरों की सहायता कर खुश रहता है कोई इंसान किताब पढ़ कर खुश रहता है कोई इंसान गाना सुनकर खुश रहता है कोई इंसान दूसरों को दुख देकर खुश रहता है तो यह इंसान का अलग अलग तरीका है पर सकारात्मक तरीका यही है की खुशियां बांटने से बढ़ती है दुख बांटने से कम होता है
४। एक छोटी सी बात करने जा रही हूं एक बच्चा महल में रहता है वह अपने बालकोनी से दूसरे बच्चों को मैदान में खेलते हुए देखता है तो उसे बहुत अच्छा लगता है और वह इस उम्मीद से कि मैं भी उन बच्चों के साथ खेलना इसके लिए रोता है ठीक उसी जगह पर जो बच्चे मैदान में खेल रहे हैं वह जब उस बच्चे को बालकनी में देखते हैं सुंदर सा महल जैसा मकान है उसमें एक बच्चा खड़ा होकर क्यों उनको देख रहा है तो वह उसके लिए तरसते हैं कि हमारा भी ऐसा सौभाग्य होता तो खुशियां अपने अपने तरीके की होती है।
५ हर वक्त खुश रहने के लिए परिस्थिति के अनुसार अपने आप को बदलते जाइए आप खुश रहेगा जो आपके पास है उसका आनंद उठाइए अगर किसी वजह से वह चीज आपके यहां से चला गया है तो शायद आपके हिस्से का नहीं था यह सोच कर संतुष्ट रहना तो खुशियां अपने आप आ जाएगी।
६ दूसरों से उम्मीद मत रखिए किसी भी तरह का ना पैसे का न व्यवहार का और ना अपने मान सम्मान का। उम्मीदें जब टूटते हैं तो खुशियां का दायरा कम हो जाता है।
- कुमकुम वेद सेन
मुम्बई - महाराष्ट्र
"क्या लूटेगा जमाना खुशियां हमारी, 
हम तो खुद अपनी खुशियां दुसरों पर  लुटाकर जीते हैं, 
उदासियों की  वजहें तो बहुत हैं जिंदगी में
बेवजह खुश रहने का मजा ही कुछ और है"। 
खुशी एक ऐसी फीलिंग है जिसे सभी लोग हमेशा महसूस करना चाहते हैं लेकिन जीवन के उतार चढ़ाव की वजह से लोग बेहद  निराश हो जाते हैं जिससे वो खुश रहना व  मुस्कराना भूल जाते हैं लेकिन खुशी और मुस्कराहट जीवन में दुखों से लड़ने की मदद करती है जिससे आप आपना  काम बेहतर तरीके से कर सकते हैं, 
तो आईये आज इसी बात पर चर्चा  करते हैं कि हर वक्त खुश रहने के लिए क्या करना चाहिए? 
मेरे ख्याल में खुश रहने के लिए सबसे पहले अपनी गलतियों की खुद जिम्मेदारी लेनी  सिखनी चाहिए व दुसरों की कमियां नहीं निकालनी चाहिए जिससे सवंध अच्छे बने रहें तथा अपनी गलतियां सुधारने का मौका भी मिल सके, 
इसके एलाबा  हमें हर बात पर बिना जाने रिएक्शन नहीं करना चाहिए इससे  हम हमेशा खुश रहेंगे, 
कुछ और बातों का ध्यान रख कर हम हमेशा  खुश रह सकते हैं, 
जैसे हमें अपने मन को शांत रख कर दुसरों की बातों को  अच्छे ढंग से सुन कर जवाव देना चाहिए, दुसरों की बातों को सुनकर जलन महसूस नहीं करनी चाहिए, 
देखा जाए खुश रहना हर कोई चाहता है मगर ज्यादातर लोग परेशान ही नजर आते हैं जिसका मूल कारण है चिंता और तनाव अब हमों चाहिए कि चिंता और तनाव को अपने पर हावी न होने दें यह तभी संभव है जब हम परिस्थितियों से मुस्कराते हुए निपटेंगे  वो चाहे जैसी भी हो हमें हर स्थिति पर नियंत्रण पाने की कोशिश करनी चाहिए जिसके लिए हमें खुद के प्रति दयालू रहना होगा व हमेशा साकारात्मक लोगों के साथ रहना होगा, यह भी जरूरी है कि  हम दुसरों के प्रति भी उदार भाव रखें विश्वास करें व  विश्वास जीतें खुश रहने का यह मूल मंत्र है, 
इसके साथ साथ अपनी अपेक्षाओं को कम करें जो अच्छा लगे वोही करें प्यार से रहें  व अपने प्यार को विशाल बनायें, 
सोचा जाए खुशी से बढ़कर कोई दवा नहीं हो सकती हम जीवन में जो कुछ भी करते है़ खुशी के लिए ही करते हैं अगर हम हर पल खुश रहने का प्रयास करेंगे तो हमें कई  विमारीयों से निजात मिल सकती है जबकि खुशी के स्रोत हमारे भीतर ही हैं लेकिन हम इन्हें बाहर ढूढते हैं
कहा भी गया  है, 
"कस्तुरी कुंडल वसै मृग ढूंढे वन मांहि ऐसे घटि घटि राम हैं, दूनिया देखे नाहीं"
इसलिए खुश रहने के लिए खुशी वांटिए  सभी लोगो़ के साथ मुस्करा कर बात करें व उन लोगों  पर ध्यान न दें जो तुम्हें परेशान करते हों क्योंकी जिंदगी बहुत छोटी है इसे दुखी रहकर खराब न करें, 
अपने को व्यस्त रखने की कोशिश करें वोही कार्य करें जो आपको सुख दे कुछ नया करनो की सोचें जो आपने पहले नहीं किया हो और उसे कर के दिखांए आप मैं अलग किस्म की फिलिंग होगी व अपने आप में तरोताजा महसूस करोगे, 
अन्त में यही कहुंगा की पाजिट्व विचार  अच्छी सेहत, अच्छी नींद व अच्छे सवंध आपको हमेशा खुश रखेंगे क्योंकी जिंदगी में खुश रहना बहुत जरूरी है इससे  हमें बहुत सी विमारीयों से निजात ही नहीं मिलती  हमारी आयु भी दीर्घ होती है तथा आसपास का माहौल भी शान्त रहता है इसलिए खुशी जैसे भी हासिल हो उसे अपनाने की कोशीश करनी चाहिए, 
सच कहा है, 
"खुशी को अपनी खोज लो, 
दुख से पहले मौज लो, 
टैंशन मत रोज लो, 
करने से पहले सोच लो, 
दिल पै कभी न बोझ लो, 
खुश रहो और मोज लो, "। 
- सुदर्शन कुमार शर्मा
जम्मू - जम्मू कश्मीर
हर वक्त खुश रहने के लिए हमारे मन की सकारात्मक भूमिका होनी चाहिए और सकारात्मक भुमिका के लिए जीवन शैली का व्यवस्थित होना आवश्यक है ।समय से काम कर लेना यह एक विशेष गुण है । इससे दिमाग पर बोझ नहीं रहता है और हर विचार को हम खुले मन से स्वीकार कर 
उस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं । सोची समझी योजना हमें सफलता की ओर ले जाती है नकारात्मकता का मन में जन्म न हो तभी हम खुश रह सकते हैं ।
- कमला अग्रवाल
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
हर वक्त खुश रहने के लिए सकारात्मक ढंग से सोचते हुए अपने कार्य को अंजाम देना चाहिए। कौन क्या कह रहा है इस पर ध्यान न देते हुए अपने कार्य को सुनियोजित ढंग से पूर्णता देने का प्रयास करना चाहिए। नकारात्मक विचारों पर ध्यान नहीं देना चाहिए बल्कि उनसे दूरी बनाने का प्रयास करना चाहिए। मैंने कार्य सही ढंग से और अपना संपूर्ण देकर किया है इस बात की संतुष्टि होना चाहिए। संतुष्टि जरूरी है उसके बिना इंसान खुश नहीं रह सकता।
 - गायत्री ठाकुर "सक्षम" 
नरसिंहपुर - मध्य प्रदेश

" मेरी दृष्टि में " खुश रहने के लिए सकारात्मक विचार होना आवश्यक है । तभी हर वक्त खुश रहना सम्भव है ।  बाकी यह कार्य तो संन्यासी ही कर सकते हैं ।
- बीजेन्द्र जैमिनी

Comments

Popular posts from this blog

वृद्धाश्रमों की आवश्यकता क्यों हो रही हैं ?

लघुकथा - 2024 (लघुकथा संकलन) - सम्पादक ; बीजेन्द्र जैमिनी

इंसान अपनी परछाईं से क्यों डरता है ?