सुबह की बरसात ( ई - काव्य संकलन ) - सम्पादक : बीजेन्द्र जैमिनी
सम्पादकीय आज सुबह पांच बजे से बरसात हो रही है। सैक्टर - 6 की पुलिस चौकी तक पहुंचा ही था । छोटी - छोटी मामूली सी बुदा - बंदी शुरू हो गई । अतः ताऊ देवी लाल पार्क जाना रद्द कर दिया । और पुलिस चौकी रोड पर चक्कर लगाने लगा । एक चक्कर के बार दूसरे चक्कर पर महसूस हुआ कि बरसात कभी भी तेज हो सकती है । तुरंत फैसला लिया कि घर वापिस चला जाए । और वापिस घर की ओर चल दिया । घर कुछ कदम दूर ही था । बरसात तेज शुरू हो गई । भाग कर कर , घर का दरवाजा खोल कर अन्दर घुस गया । अतः मन में आया कि " सुबह की बरसात " पर ऑनलाइन कवि सम्मेलन रखा जाए । और जैमिनी अकादमी द्वारा एपिसोड - 28 वाँ कवि सम्मेलन ब्लॉग के माध्यम से फेसबुक पर रखा गया । समय भी बार घण्टे का तय किया गया । बहुत अच्छी - अच्छी कविताएं आई । जो संकलन योग्य पाई गई । इस तरह से यह संकलन तैयार हो गया है । जो आपके सामने है । बाकी आपने फैसला लेना है कि संकलन कैसा तैयार हुआ है । आपकी प्रतिक्रिया के इंतजार में ......। ...