रेनुका सिंह से साक्षात्कार
जन्म : 28 सितंबर
पिता : श्री अभय नन्दन सिंह
माता -श्रीमती मालती सिंह
पति -श्री अखिलेश कुमार सिंह
साझा संकलन -
समय की दस्तक
उर्वशी ,
जागो अभया
फुहार ,
भारत की प्रतिनिधि महिला लघुकथाकार
अंजोरा
विशेष : -
- दो ब्लॉग
- हमारी पहचान ngo की संस्थापिका
- पहचान यू ट्यूब चैनल
पता : 805 शिवालिक कौशाम्बी , गाज़ियाबाद - उत्तर प्रदेश
प्रश्न न.1 - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ?
उत्तर - मेरे हिसाब से सबसे महत्वपूर्ण तत्व उसका कथ्य ही है । कथ्य में मारक शक्ति होगी तभी प्रभावी लघुकथा बन कर सामने आएगी
प्रश्न न. 2 - समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताइए ,जिनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - इस समय के लघुकथाकार बहुत ही मेहनत से काम कर रहे है सभी अपनी छाप छोड़ते है पर पांच नाम तो बताने ही है आदरणीय योगराज प्रभाकर जी ,बलराम जी , बीजेन्द्र जैमिनी जी , पवन जैन जी व कांता रॉय दी है जो बेहतरीन कार्य कर रहे है
प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन से मापदंड होने चाहिए ?
उत्तर - समीक्षा करने वाले को कौन लिख रहा है इस पर ध्यान न दे कर लघुकथा को कसौटी पर घिसना चाहिए व कथ्य व पंच पर ज़रूर ध्यान देना चाहिए
प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म बहुत महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - जी लघुकथा के लिए तो सोशल मीडिया एक वरदान की तरह सामने आया है । आज फेसबुक ,व्हाट्सएप ,यू ट्यूब पर खूब लघुकथाए लिखी व पढ़ी भी जा रही है
जो सबके लिए बेहद सुविधाजनक है
प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर - आज के साहित्यक परिवेश में लघुकथा बहुत अच्छी स्थिति में है । लगातार इस पर काम हो रहा है जिस से आने वाले समय मे बेहतर पृष्टभूमि तैयार मिलेगी
प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप संतुष्ट है ?
उत्तर - जी बिल्कुल संतुष्ट है ।
प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार की पृष्ठभूमि से आये है व कैसे मार्गदर्शक बन पाए है ?
उत्तर - मेरे परिवार में कोई लेखक नही है सब सरकारी जॉब में है पर मुझे बचपन से लिखने का शौक था । जहाँ तक मार्गदर्शन की बात है तो अभी उस काबिल नही समझती खुद को ।
प्रश्न न. 8 - आपके परिवार में आपके लेखन की भूमिका क्या है ?
उत्तर - ऐसी कोई भूमिका तो नही है पर रवैया सहयोगात्मक रहता है
प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में आपके लेखन की क्या स्थिति है ?
उत्तर - मेरी आजीविका में लेखन का कोई योगदान नही है पर मानसिक भूख को ज़रूर तृप्त करता है
प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा है ?
उत्तर - जी मेरे हिसाब से लघुकथा का भविष्य बहुत उज्वल है
प्रश्न न.11- लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ ?
उत्तर - सबसे सुंदर बात कि हम अपने विचारों को दूर दूर पहुँचा सकते है । अपने लेखन से लोगो को जागरूक करने का अवसर मिलता है ।और मानसिक संतुष्टि कि आपके जाने के बाद भी आपका काम लोगो को आपकी याद दिलाता रहेगा
हार्दिक आभार आदरणीय बिजेंद्र जी 🙏🙏
ReplyDelete