डॉ. शील कौशिक से साक्षात्कार
पुस्तकें : -
- कहानी -संग्रह :महक रिश्तों की , एक सच यह भी
- लघुकथा -संग्रह : उसी पगडण्डी पर पाँव, कभी भी- कुछ भी, मेरी चुनिंदा लघुकथाएं
- कविता -संग्रह : दूर होते हम, कविता से पूछो, कचरे के ढेर पर जिंदगी,कब चुप होती है चिडि़या, खिडक़ी से झाँकते ही, मासूम गंगा के सवाल
- बाल कहानी-संग्रह: बचपन के आईने से, धूप का जादू, करें तो क्या करें, माशी की जीत, रुनझुन और टिन्नू
- बालकविता-संग्रह: बिल्लो रानी
- पंजाबी बालकथा-संग्रह:रिमोट वाली गुड्डी
अनुवादित पुस्तकें: -
- एक सच यह भी (कहानी-संग्रह) का पंजाबी अनुवाद द्वारा प्रो.स्वर्ण कौर नौरंग तथा
- कभी भी-कुछ भी (लघुकथा-संग्रह) का पंजाबी अनुवाद द्वारा जगदीश राय कुलरियां ,
- खिड़की से झांकते ही अंग्रेजी में अनुवाद ‘पीपिंग थ्रू दी विंडो' द्वारा डॉ.मेजर शक्तिराज
आलोचना व समीक्षात्मक पुस्तकें: -
- हरियाणा की महिला रचनाकार : विविध आयाम
- मधुकांत की कथा-यात्रा,
- रूप देवगुण की कहानियों में सामाजिक संदर्भ
सम्पादित पुस्तकें: -
- सिरसा जनपद की काव्य सम्पदा,
- सिरसा जनपद की लघुकथा सम्पदा,
- सिरसा लघुकथा का स्वर्णिम इतिहास,
- बहुआयामी व्यक्तित्व रूप देवगुण,
-भावुक मन की लघुकथाएं, लघुकथा-पर्व(2018-19)
लेखिका पर पुस्तक: -
खिड़की से झांकते ही: आधार एवं मूल्यांकन
हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा सम्मान व पुरस्कार : -
- 2014 में श्रेष्ठ महिला रचनाकार सम्मान,
- 2018 में हरियाणा साहित्य रत्न(पंडित माधवप्रसाद मिश्र सम्मान)
- लघुकथा-संग्रह 'कभी भी-कुछ भी' को श्रेष्ठ कृति पुरस्कार
सहित देश भर की प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा 60 से भी अधिक सम्मान
शोध कार्य: -
कहानी, लघुकथा, कविता तथा बाल कहानी की पुस्तकों पर तीन पीएच.डी. व छह लघु शोध प्रबंध सम्पन्न सम्पन्न ।
पता : मेजर हाउस-17, हुडा सेक्टर-20 ,पार्ट-1,सिरसा-125056 हरियाणा
प्रश्न न.1 - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ?उत्तर - लघुकथा का कथ्य और उसकी संप्रेषणीयता
प्रश्न न.2 - समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - सर्वश्री बलराम अग्रवाल, कांता राय, डॉ कमल चोपड़ा, योगराज प्रभाकर, बीजेन्द्र जैमिनी
प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ?
उत्तर - संप्रेषणीयता के तत्व, उद्देश्य, शिल्प-शैली, कलात्मकता का ध्यान रखना आवश्यक है
प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है ?
उत्तर - लघुकथा के परिंदे, अविराम साहित्यिकी, लघुकथा जगत, भारतीय लघुकथा विकास मंच आदि
प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर - वर्तमान में बहुत लिखा जा रहा है। सोशल मीडिया ने लघुकथा के प्रचार-प्रसार में गुणात्मक वृद्धि की है, परंतु लघुकथा को ऊंँचाई पर ले जाने के लिए समीक्षा/आलोचना के क्षेत्र में बहुत कुछ होना बाकी है।
प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?
उत्तर - मैं साइंस के विद्यार्थी रही और स्वास्थ्य विभाग में जिला मलेरिया अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हूं। लेखन के गुणसूत्र मुझ में मौजूद थे और अवकाश पाते ही सक्रिय हो गए।
प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उत्तर - साहित्य मेरे लिए आत्मोन्नति का साधन है और यह मुझे अपने आसपास झाँकने की सूक्ष्म दृष्टि प्रदान करता है।
प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ?
उत्तर - मेरे पति डॉ. मेजर शक्तिराज भी साहित्यकार हैं। इसलिए एक-दूसरे की लेखन संबंधी सुविधाओं का ध्यान रखने का प्रयास करते हैं।
प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?
उत्तर - परमात्मा ने अर्थ की कोई कमी नहीं रखी। साहित्य से जो भी पुरस्कार व सम्मान राशि प्राप्त होती है, साहित्य के निमित्त ही खर्च करती हूं।
प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ?
उत्तर - वैश्वीकरण और तकनीकी अर्थ प्रधान युग में गलाकाट प्रतिस्पर्धा के चलते, समय अभाव के कारण अन्य कथात्मक विधाओं यथा कहानी, उपन्यास से आगे निकल लघुकथा पाठकों की चहेती विधा बन गई मालूम देती है। दूसरे शब्दों में कहूं तो भविष्य लघुकथा का है।
प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है
उत्तर - लघुकथा समीक्षक व लघुकथाकार के क्षेत्र में विशेष पहचान मिली है। यह क्या कम है? आत्म संतुष्टि मिलती है और साहित्य सेवा का भाव सदैव बना रहता है।
वाहहहहह बहुत ही साहित्य-समृद्ध साक्षात्कार शील जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 💐
ReplyDeleteशानदार साहित्य-यात्रा 😍👌👌
ReplyDeleteआप दोनों साहित्यकारों को नमन
ReplyDeleteबहुत सुंदर व गंभीर विवेचन बधाई व शुभकामनाएँ
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