कुमुद शर्मा " काशवी " से साक्षात्कार

 जन्मतिथि : 14 नवंबर
पिता का नाम : श्री गिरधारी लाल शर्मा
माता का नाम : श्रीमती मंजु शर्मा
पति का नाम : प्रदीप शर्मा
शिक्षा : स्नातकोत्तर(राजनीति शास्त्र)

विधा - गद्य और पद्य दोनों में स्वतंत्र लेखन,कई मंचो से जुड़कर साहित्य सेवा
रूचि - लेखन में रूचि के साथ , संगीत सुनना, क्रिएटिव चीजें करना पसंद है। 

सम्मान : -

1. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान
2.राष्ट्रीय शौर्य सम्मान
3.राष्ट्र प्रहरी सम्मान
4.हिन्दुस्तान केसरी सम्मान
5.काव्यांजली सम्मान
6.साहित्य पोषक सम्मान
7.कुंज-कंज" सम्मान
8.शब्दशिल्पी सम्मान"
9.पूर्वाशा हिन्दी अकादमी द्वारा "सौरभ सम्मान"
10.लघुकथा रत्न सम्मान
11.आगमन द्वारा कई बार "दिवस विशेष रचनाकार सम्मान"
12.साहित्य संगम संस्थान द्वारा सौ से अधिक श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान
13.कई अलग अलग मंचों द्वारा भी मेरी रचनाओं, लघुकथाओं, कहानियों ने प्रथम स्थान प्राप्त कर सम्मान पाया है।

विशेष : -

- मैं दो प्यारे प्यारे बच्चों की माँ हूँ ,लिखना शुरू से पसंद है पर लेखिका होने के साथ ही एक अच्छी पाठक,श्रौता भी हूँ ।
- "भावनाओं को शब्दों में पिरो
कागजों पर उतार लेती हूँ
आस पास कुछ घटित होते देखती हूँ
तो रचना का रूप दे देती हूँ
कोई बड़ी रचनाकार नहीं
लेखन में रूचि रखती हूँ
इसलिए लिखने की कोशिश करती हूँ"
- सचिव : महिला काव्य मंच,कामरूप,असम
- अध्यक्ष:  साहित्यिक संस्था "शब्दाक्षर" जिला समिति, कामरूप,असम
- मैं एक शिक्षिका के रूप में चार वर्षो तक कार्य कर चुकी हूँ।
- मैं मॉम्सप्रेस्सो , हिंदी प्रतिलिपी, आदि लेखक मंचो की ब्लॉगर हूँ मेरी कई लघुकथा , कहानियों ने इन मंचो पर जीत दर्ज करवाई है और अपनी कहानियों के साथ लाइव आने का मौका मिला।
- वनिता, गृहलक्ष्मी आदि मैगजीन के साथ साथ कई पत्र-पत्रिकाओं में मेरी कहानियाँ,रचनाएँ प्रकाशित होती रहती है।

Address : Esha Port ,6B, B-block,cycle factory
Kalapahar 781032  गुवाहाटी - असम

प्रश्न न.1 -  लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ?
उत्तर - मेरे अनुसार लघुकथा में कसा हुआ कथानक और पिन पॉइंटेड उद्देश्य परक विषय वस्तु महत्वपूर्ण तत्व होते है।

प्रश्न न.2 -  समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - जी वैसे तो बहुत सारे नाम है जो इस विधा (लघुकथा) को समृद्ध और जन जन तक पहुँचाने हेतु महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है।फिर भी समकालीन लघुकथा साहित्य में आ.कांता रॉय जी, आ.बीजेंद्र जैमिनी जी, आ.ओम नीरव जी,आ.डॉ दामोदर खडसे जी आ.श्री योगराज प्रभाकर जी आदि।

प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ?
उत्तर - लघुकथा की समीक्षा में जो जरूरी मापदंड होने चाहिए वो है आवश्यकता के अनुरूप शब्द सीमा,आवश्यकता से अधिक शब्द न हो यानी लघुता, संवाद, सभ्य भाषा शैली,आकर्षित शीर्षक का चुनाव, मर्मस्पर्शिता, और संदेशपरक मारक पंच लाइन जो बिन कहे पाठक के ह्रदय पर चोट करे और अनकहा सोचने पर मजबूर कर दे।अर्थात कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक कहना.....गागर में सागर जैसे।

प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - लघुकथा साहित्य के प्रचार प्रसार और विकास में सोशल मीडिया की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है।इनमें व्हाट्सएप, फेसबुक प्लेटफार्म काफी मददगार साबित हो रहे है।

प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर - मेरे अनुसार आज लघुकथाएँ पाठको की पहली पसंद बन चुकी है।आज के परिवेश में लघुकथा की स्थिति काफी मजबूत और सम्मानजनक है।और यह अपने उद्देश्य.... सामाजिक उत्थान में भी पूर्णतः सक्षम और सफल है।

प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?
उत्तर - हम पूर्ण रूप से कभी संतुष्ट नहीं हो सकते।हम कुछ भी करते है तो बाद में सोचते है कि इससे बेहतर कर सकते थे,कहने का तात्पर्य यह है कि संतुष्टि विकास में बाधक बनती है। हाँ लघुकथा की बढ़ती लोकप्रियता देख मन आनंदित हो उठता है।पर अभी भी इसके लिखने के स्वरूप को जाने बिना कई छोटी कहानी को ही लघुकथा की आख्या दे देते है जो सर्वथा अनुचित है।

प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें  किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उत्तर - मैं एक मध्यम परिवार से आई हूँ और मेरे परिवार में साहित्य से जुड़ाव किसी का नहीं रहा।मैं अपने ऊपर ईश्वर का आशीर्वाद ही समझती हूँ जो मैं साहित्य से जुड़ पाई।वो कहते है ना आपको सीखा पढा़ कर कोई आपसे लेखन नहीं करवा सकता।भावनाओं का अंबार एक लेखक के अंदर स्वयं बीज रूप में प्रस्फुटित होता है जिसे वो अपनी लेखनी से गढ़ता है।बचपन से ही साहित्य में रूचि रही है।वर्तमान में कई मंचो से जुड़ स्वतंत्र लेखन कर रही हूँ।जब आपकी रचनाएँ पाठको द्वारा सराही और पसंद की जाती है तो संतुष्टि होती है कि आप पाठक तक पहुँचने में सफल रहे।

प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ?
उत्तर - जी परिवार की ओर से हमेशा प्रोत्साहन और सहयोग ही मिला।बिना पारिवारिक सहयोग के आप कुछ नहीं कर सकते। खासकर हम महिलाएँ जो  पारिवारिक दायित्व निभाते हुए खुद के लिए ही समय नहीं निकाल पाती।

प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?
उत्तर - मैंने इस तरह से कभी सोचा ही नहीं,लेखन मेरे लिए आत्म संतुष्टि और गर्व का विषय है।

प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ?
उत्तर - मेरी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य काफी उज्ज्वल है।जैसा की मैंने कहा लघुकथा पाठकों की पहली पसंद बन चुकी है।आज की भागती दौड़ती जिंदगी में किसी के पास इतना समय नहीं कि वे बड़ी बड़ी कहानियाँ पढ़े इसलिए लघुकथा को काफी पसंद किया जा रहा है।सहज सरल शब्दों में भावों की अभिव्यक्ति कर समाज में जागरुकता लाने में सक्षम होने के कारण लेखक भी इस ओर आकर्षित हो रहे है।

प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?
उत्तर - जी लघुकथा साहित्य ने मुझे लघुकथाकार के रूप में पहचान दी है।मैं अन्य विधाओं में भी लिखती हूँ पर लघुकथाएँ लिखना मेरी पहली पसंद है।कई समाचार पत्र, पत्रिकाओं  में मेरी लघुकथाएँ प्रकाशित होती रहती है।कई मंचों द्वारा मेरी लघुकथाओं को सम्मानित भी किया गया है। "लघुकथा रत्न" से भी नवाजा गया है। पर अभी लेखनी को और सशक्त कर जन जन तक पहुँचाना है।



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