डॉ संगीता शर्मा से साक्षात्कार

जन्म तिथि : 31 जनवरी 1969
माता : स्व. रुकमणी देवी जी
पिता : स्व. गोवर्धनलाल जी
पति : राजेश कुमार शर्मा
शिक्षा :  M.A. (Eng.lit) B.ed (English, social)
M.A ( Hindi), M.Phil,Ph.d. Sahitya Ratna,TET
भाषा ज्ञान : हिंदी, अंग्रेजी, मारवाड़ी, मराठी, गुजराती
कार्यक्षेत्र - शिक्षक, प्रवक्ता
विधा : कविता,कहानियां, लेख, आलेख, समीक्षा, हाइकु , लघुकथा, नाटक

पुस्तकें : -

चित्रा मुद्गल की कहानियों में यथार्थ और कथाभाषा
साझा संकलन : -
कोरोना वायरस का लॉकडाउन ( ई- लघुकथा संकलन )
कोरोना वायरस का लॉकडाउन ( ई- लघुकथा संकलन )
हिन्दी के प्रमुख लघुकथाकार ( ई- लघुकथा संकलन )

सम्मान : -

- कोरोना योद्धा रत्न सम्मान - 2020
- माधवराव सप्रे की जयंती के अवसर पर लघुकथा दिवस रत्न सम्मान -2020
- फादर्स डे रत्न सम्मान - 2020
- महार्षि दधीचि जंयती के अवसर पर सम्मान पत्र - 2020
- 2020 - रत्न सम्मान ( एक सौ एक साहित्यकार )

विशेष : -

- सूत्रधार साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था से जुड़ना,
- विश्व भाषा अकादमी  की सदस्य,
- आदरणीय बीजेंद्र जैमिनी जी के विभिन्न प्रतियोगिताओं में विभिन्न विषयों पर लघुकथाएं अन्य ग्रुप में भी लघुकथाएं
- स्टोरी मिरर पर कविताएं,
- कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा मेरे लिखे नाटकों का मंचन,
- कई लाइव काव्य पाठ व लाइव एकल काव्य पाठ
- अंतर्राष्ट्रीय ब्राह्मण मंच की तेलंगाना इकाई की अध्यक्ष
    
पता :
मकान नं. 4-7-156/19 , छोटा शिव हनुमान मंदिर
        भानोदया स्कूल के पास , पांडुरंगा नगर, अत्तापुर
          हैदराबाद - 500048 तेलंगाना


 प्रश्न न.1 - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ?
उत्तर -  लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण उसका कथ्य होता है जो उसे प्रमाणित करता है।

प्रश्न न.2 -  समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओ जिनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है ?
उत्तर - यूं तो अनेक साहित्यकार इस विधा को साहित्य के शिखर पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।परंतु मेरी जानकारी में पांच नाम है जिनमें  - बीजेन्द्र जैमिनी जी, सुकेश साहनी जी, डॉ. मंजू गुप्ता जी, रश्मि लता मिश्रा जी, अनिल शर्मा अनिल जी ।

प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन-कौन से मापदंड होने चाहिए ?
उत्तर - लघुकथा की समीक्षा के लिए मापदंड है - कथ्य, उद्देश्य और संदेश।

प्रश्न न.4 -  लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन कौन से प्लेटफार्म बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - साहित्य की हर विधा के प्रचार के लिए सोशल मीडिया की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण होती है।
उनमें हैं - भारतीय लघुकथा विकास मंच, लघुकथा के परिंदे, स्टोरी मिरर, मोमस्प्रेसो, प्रतिलिपि इत्यादि।

प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर - आज के परिवेश में लघुकथा हर विधा के बीच अपने अस्तित्व का परचम लहरा रही है। इस विधा नें साहित्य जगत में अपना महत्वपूर्ण मुकाम बनाया है और इसमें लोग रुचि भी ले रहे हैं।

प्रश्न न.6 -  लघुकथा की वर्तमान स्थिति से आप संतुष्ट है ?
उत्तर -  नहीं , अभी तो यह कुछ कदम ही चल पाई है। अभी इसे साहित्य में अपना मुक्कमल स्थान बनाना है।

प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार की पृष्ठभूमि से आए हैं ? बताएं आप किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाए हैं ?
उत्तर -  पढ़ाई के लिए मैंने जीवन में बहुत संघर्ष किया।अच्छे लेखकों को साहित्य की इस विधा को उभारने में पूरा सहयोग करना चाहिए ताकि लघुकथा भी साहित्य के उस आदर्श मुकाम तक पहुंचे जहां आज अन्य विधाएं हैं। मुझसे प्ररित हो परिवार के दूसरे सदस्य भी इसमें रूचि दिखा रहे हैं।

प्रश्न न.8 -  आपके लेखन में आपके परिवार की भूमिका क्या है ?
उत्तर - मेरे लेखन में मेरे परिवार, गुरुवर, पति, पुत्र, मेरी प्रेरणा, इन सब ने अहम भूमिका निभाई है।

प्रश्न न.9 - आपकी आजीविका में आपके लेखन की क्या स्थिति है ?
उत्तर - अर्थ लाभ तो कोई नहीं हुआ पर इससे मुझे हर स्थान पर प्रतिष्ठा, मान सम्मान और आदर मिला।

प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ?
उत्तर - यह विधा मुझे बहुत पसंद है। यह एक ऐसी कला है। जिसमें हम संक्षेप में बहुत कुछ व्यक्त कर सकते हैं। घटी घटनाओं के विवरण के साथ यह संदेशात्मक भी होती है।इसका भविष्य बहुत उज्ज्वल है। आजकल लोग लघुकथा लिखने व पढ़नें में विशेष रूचि दिखा रहे हैं।

प्रश्न न.11 -  लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?
उत्तर - दूसरी विधाओं में लिखने में बहुत समय लगता है और विस्तार से लिखना होता है रोचक बनाना होता है पर लघुकथा के साथ ऐसा नहीं है संक्षेप में सुंदर शब्द संयोजन से अपनी बात कह सकते हैं समय की बचत के साथ-साथ दूसरे साहित्यकारों को पढ़ने जानने का भी सुअवसर मिलता है जो सचमुच प्रेरणादायक और संदेशात्मक होते हैं समस्त साहित्यकारों का धन्यवाद जिन्होंने इस विधा को अपनाया जिससे हमें उन्हें व उनके भावों को संक्षेप में समझने का अवसर मिला।



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