राम जन्म भूमि पूजन के दिन हर घर दीप से रौशन होना चाहिए
राम जन्म भूमि का पूजन देश के प्रधानमंत्री करने जा रहे हैं । यह हम सब के लिए सौभाग्य का अवसर है । इस अवसर पर सभी को अपने - अपने घरों को दीप से रौशन करना चाहिए । यही " आज की चर्चा " का प्रमुख उद्देश्य है । अब आये विचारों को देखते हैं : -
श्री राम जी जब 14 साल के वनवास के बाद अपनी अपनी पैतृक नगरी अयोध्या पहुंच लौटे थे तो सारे नगर वासी अपने घरों में दीप प्रज्वलित कर श्रीराम का स्वागत किया था तथा खुशियाँ मनाई थी। इतने वर्षों बाद भगवान राम को अपनी जन्मभूमि पर उनके मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन होने जा रहा है ।इस शुभ अवसर पर हमें अपने घरों को दीप से रौशन अवश्य करना चाहिए ।इसे एक सकारात्मक नजर से देखना चाहिए। दीप सकारात्मक रौशनी और ऊर्जा का संचार करता है।
राम जन्मभूमि बहुत दिनों से एक विवादित विषय रहा है। यह आस्था की जगह राजनीतिक लाभ और धार्मिक हार जीत एवं आन का विषय बन गया था। जो इसके पक्ष में बोले वह कट्टर हिंदू और जो इसके विरोध में बोले वह धर्मनिरपेक्ष ।मेरे ख्याल से एक सच्चा धार्मिक व्यक्ति ही दूसरे के धर्म की इज्जत कर सकता है। अब तो कोर्ट में भी राम जन्मभूमि को मान्यता मिल गई है। यह अत्यंत अफसोस की बात है कि अपने जन्मभूमि में भी भगवान जो दूसरे दूसरों को घर देते हैं , अपने रहने के लिए मंदिर से वंचित है और सालों से खुले टेंट के नीचे रह रहे हैं। उनके मंदिर के लिए भूमि पूजन होने जा रहा है तो उसका उत्सव अत्यंत धूमधाम से होनी चाहिए। जिस तरह उनके वनवास से वापस लौटने पर सारी अयोध्या दीपों से सजाई गई थी। उसी तरह हमें भी उस दिन अपने घरों को दीपों से सजाना चाहिए।
- रंजना वर्मा 'उन्मुक्त '
रांची - झारखण्ड
भगवान् राम जब चौदह वर्ष का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे, तब घर-घर दीप जले थे, उस दिन याद को बनाए रखने के लिए प्रतिवर्ष दीवाली मनाई जाती है ।
पांच अगस्त को सदियों बाद फिर वह ऐतिहासिक दिन आया है, अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी जायेगी ।
बहुत संघर्षों के बाद यह बहुप्रतिक्षित शुभ दिन आया है जो इतिहास में स्वर्णाक्षरों से लिखा जाएगा । यह दिन पूरे हिन्दुस्तान वासियों के लिए आस्था, विश्वास की विजय का पर्व होगा और हर घर दियों की रोशनी से जगमगाएगा ।
सभी देशवासी उस शाम अवश्य दीप-मालाओं से घर तथा सत्य, प्रेम के उजास से अपने मन को रोशन करेंगे क्योंकि फिर सत्य की जीत हुई है ।
- बसन्ती पंवार
जोधपुर - राजस्थान
राम जन्मभूमि पर निर्माण कार्य का प्रारंभ होना हिंदुओं के लिए बड़े उत्सव से कम नहीं है। जिस तरह मुस्लिम के लिए ईद, सिक्खों के लिए गुरुपर्व और ईसाइयों के लिए बड़ा दिन होता है। जन्मभूमि को स्वीकृति मिलने में इतने ज्यादा संघर्ष लंबे काल तक किया गया । जो भी आदेश पारित हुआ अंततः सभी धर्मों ने इसे स्वीकार किया । भारत की भूमि पर हिन्दू धर्म के लोगों ने अपने भगवान को स्थापित करने के लिए जो संघर्ष किया वह स्वर्णाक्षरों में लिखा जाना चाहिए। ऐसा केवल भारत में ही सम्भव है।
हिंदुओं के लिए यह दिन राम का वनवास के बाद अयोध्या लौटने से कम नहीं है। अब हर घर की बात है, तो मैं कहूँगी कि उस काल में सभी धर्मों ने एकता दिखाई थी, सभी घर रौशन हुए थे क्योंकि उस काल में धर्म का भेद-भाव नहीं था। आज परिस्थिति एकदम उलट है। भारत में भी जातिवाद पैर फैला चुका है, जो नेताओं की देन है। ऐसी स्थिति में किसी को कोई जबरदस्ती नहीं की जा सकती है।
मेरा मानना है कि जिस मंदिर का निर्माण सबकी सहमति से हो रहा है, उसके जश्न में एकबार सभी शामिल हों तो हमारे पूर्वजों की कल्पना लोक का भारत सजीव हो उठे। एकबार फिर से भारत की अखंडता दुनिया के सामने उदाहरण बने और शत्रु की आँखे फैल जाएँ । उनकी पराजय निश्चित हो।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
राम जन्मभूमि पूजन के दिन घर दीपको से रौशन होने चाहिए दीपक जलाना अंधेरे को दूर करने का प्रतीक है फिर चाहे अंधेरा किसी घर में हो किसी रास्ते पर हो किसी दिल में ही क्यों ना हो दीपक जलाना खुशी का भी प्रतीक है और वह खुशी किसी जन्म दिवस की हो किया किसी और प्रकार की सभी शुभ अवसरों पर भारतीय सनातन संस्कृति में दीपक जलाने की परम्परा रही है अलग-अलग अवसरों पर अलग-अलग ढंग से दीप जलाए जाते रहे हैं तो राम जन्म भूमि पूजन दिवस के दिन अपनी खुशी को जाहिर करने के लिए और इस महान ऐतिहासिक दिन के इन क्षणों को एक पुनीत पर्व के रूप में मनाते हुए प्रत्येक घर को दीप कौन से रोशन करना चाहिए और राम जन्म भूमि पूजन दिवस के इस दिन जब मंदिर निर्माण का आरंभ होगा खुशी के दीप जले ही चाहिए और भगवान राम के सभी आदर्शों को हम सभी को अपने जीवन में ग्रहण करना चाहिए और उनका अनुपालन भी सुनिश्चित करना चाहिए जिससे भारतीय संस्कृति और अधिक पुष्पित और पल्लवित हो सकेगी.
- प्रमोद कुमार प्रेम
नजीबाबाद - उत्तर प्रदेश
राम जन्म भूमि पूजन का दिन हम सभी के लिए महत्वपूर्ण दिन होने वाला है। इस दिन बहुप्रतीक्षित परम परमेश्वर भगवान श्री राम जी के भव्य मंदिर की आधार शिला रखी जा रही है। खुशी के साथ- साथ कौतुहल का भी दिन है और इसकी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति हम सब दीप जला के प्रगट करते हैं और आपास के वातावरण को रौशन करते हैं तो ऐसा करना अपनेआप में विशेष होगा। आस्था, श्रद्धा और विश्वास के साथ- साथ सद्भाव, प्रेम और उल्लास का भी प्रतीक भी होगा।
हाँ, इस खुशी और उत्साह के अवसर पर धैर्य, संयम और सहिष्णुता का अवश्य ध्यान रखें। मर्यादाएं और सीमाएं न तोड़ें। किसी को कष्ट, व्यवधान और परेशानी न हो। कोई अप्रिय स्थिति न बने। शोरशराबे, उपद्रव और लड़ाई-झगड़े से बचें। रौशनी के साथ प्रेम भी प्रदीप्त होगा तो खुशियाँ भी दोगुनी होंगी... चार चाँद लगेंगे। भगवान राम के प्रति आस्था जताने के साथ, उन जैसे आदर्श भी अपनाना होगा।
जय श्रीराम।
- नरेन्द्र श्रीवास्तव
गाडरवारा - मध्यप्रदेश
बिल्कुल यह दिन किसी पवन पर्व से कम नही होगा और न केवल सम्पूर्ण भारत बल्कि विश्व भर के लोगो की आस्था राम जन्म भूमि से जुड़ी है । जो इस पूजन और राममंदिर निर्माण की जीवन भर से प्रतिक्षाकर रहे है । ऐसे में उन लोगो के लिए यह अवसर किसी दीवाली से कम नही है । जिसका देश मे हर जगह से नजर भी देखने को मिलेगा । यह निश्चित है ।
राम जन्मभूमि की पावन पूजा और मंदिर निर्माण का एक दिन इतिहास बन जायेगा । जो आने वाली पीढ़ी की किताबो में भी पढ़ने को मिल सकता है । यह दिन न केवल प्रभु राम के प्रति आस्था रखने वालों के लिए मायने रखता है बल्कि उन लोगो के लिए भी यह खास होना चाहिए जो गंगा जामुनी तहजीब को आज तक बरकरार रखते हुए सर्वधर्म हिताय की भावना रखते है । यही वजह है कि भारत मे आज इंसानियत की जीत होती हुई प्रति होती है । इसीलिए अब राम और रहीम को एक साथ मिलकर दीपक जलाने की आवश्यकता है ।
- परीक्षीत गुप्ता
बिजनौर - उत्तरप्रदेश
यह विषय आस्था और विश्वास से संबंध का प्रश्न है।
देशवासियों के लिए पुरुषोत्तम राम पर आस्था और विश्वास है।हर लोग बड़े हर्षोल्लास के साथ अपने घर में भूमि पूजन के दिन पवित्र मन से दीप रोशन करेंगे।
5 अगस्त के दिन सुबह 11:30 बजे से 12:30 बजे तक अपने घर में या पास के मंदिर में बैठकर भजन -कीर्तन करेंगे। पूजा अर्चना करने के बाद प्रसाद वितरण करेंगे, और शाम के समय घर में दीप प्रज्वलित कर उत्सव मनाएंगे ।
क्योंकि उस जगह पर बाबर ने 1528 में नष्ट करा दिया था अब उसी जगह पर भूमि पूजन होना निश्चित हुआ है ।इस अवसर को देखते हुए सभी भारतीय खुशी-खुशी दीप रोशन करने के इच्छुक है और इस अवसर को स्वागत करने के विचार बनाए हैं ।
यह दिन ऐतिहासिक होगा, स्वतंत्र भारत के ऐतिहासिक घटना होगी।देश बदल रहा है गुलामी के प्रतीकों से मुक्ति पा रहा है।
लेखक का विचार:- श्री राम एक अबतार है जिनके लिए हर प्राणी एक जैसा है। इसलिए हर भारतीय को दीप प्रज्वलित करके उत्सव का माहौल बनाएंगे। एक धर्म की जीत नहीं बल्कि आस्था की जीत है। श्री राम और भारत देश धर्मनिरपेक्ष है। हमारे प्रधान सेवक का कहना है ।
*सबका साथ सबका विकास* इसलिए हर धर्म के लोग इसको उत्सव के रूप में देख रहे हैं।
- विजेंयेद्र मोहन
बोकारो - झारखण्ड
भिन्न भिन्न है मत हम सबके
भिन्न भिन्न हम विचार रखें
मत भेद भले हो बीच हमारे
किन्तु न हम मन भेद रखें l
ज्योति से ज्योति जलाकर हमें प्रेम की गंगा बहानी है l अहो भाग्य हमारे, राम जन्म भूमि पूजन हमारा एक स्वप्न जो लोगों की आस्था से जुड़कर जब साकार हो जायेगा, इससे बढ़कर और ख़ुशी हमारी क्या होगी l इस ख़ुशी को प्रकट करने का सबसे आसान तरीका हर घर माटी के दीप से रोशन हो l यह वह दिन है जिससे बहुसंख्यक हिन्दू समाज पूरी भावना से जुडा हुआ है l यह दिन हम सबके लिए किसी त्यौहार से कम नहीं, इस दिन की प्रतीक्षा कब से कर रहे थे l आज वह सपना पूरा होने जा रहा है l 5अगस्त का यह दिन उत्सव आनंद, मिलन स्नेह और ख़ुशी का त्यौहार बन जाये l हर घर का नन्हा दीपक मानों हमें यह प्रेरणा देगा --
जलते दीपक के प्रकाश में
अपना जीवन -तिमिर हटाएँ l
उसकी ज्योतिर्मयी किरणों से
अपने मन की "ज्योति "जगाएँ l
यह दिनअहंकार को छोड़ने, तृष्णाओं को त्यागने और स्नेहमय मिलन का संदेश देने वाला हो l इस दिन --
प्रेम -स्नेह के राम- भरत
गलबाँहि दे भेंट करेंगे l
आओ प्रेम से भर दें यह जग
हम ही राम, हम ही भरत हैं l
चारों ओर एक स्वस्थता का वातावरण हो l अंधकार की गहनता के विरुद्ध नन्हें दीपों के प्रकाश का बिगुल बजाकरहम अनवरत संघर्ष की घोषणा करने वाला भारतीय सभ्यता और संस्कृति का प्रमुख दिन होगा l
चलते चलते ----
आज तन मन और जीवन धन सभी कुछ हो समर्पण
दीप की साधना में, हम करें सर्वस्व समर्पण l
- डॉ. छाया शर्मा
अजमेर - राजस्थान
राम जन्मभूमि पूजन के स्वर्णिम दिन पर प्रभु श्रीराम की आराधना करने वाले प्रत्येक भारतीय का मन-मस्तिष्क ज्योतिर्मय होगा। ऐसे अविस्मरणीय गौरवशाली दिन पर निश्चित रूप से श्रीराम के प्रत्येक उपासक के घर का कोना-कोना प्रभु श्रीराम के पावन नाम से गुंजायमान होकर दीपों के पवित्र प्रकाश से रोशन होना चाहिए।
दीप जले शंख बजे धरा प्रकाश नाद से सजे।
दिन विशेष पर मां भारती दीप श्रृंगार से सजे।।
राम जन्मभूमि पूजन गौरव है हमारे लिए,
वर्षों की पीड़ा का मुक्ति सौरभ है हमारे लिए।
अनेक दीप मिलकर दीपमाला बनायेंगे,
विश्व को एकजुटता की शक्ति दिखायेंगे।
मन-मस्तिष्क में बलिदानों के लिए सम्मान बसे।
दीप जले शंख बजे धरा प्रकाश नाद से सजे।
दीपों से जैसे पावन धरा का अनुप्रास होगा,
श्रीराम की छवि का घर-घर में आभास होगा।
करें सब संकल्प प्रकाश की उपासना करेंगे,
ज्योतिर्मय धरा पर श्रीराम की आराधना करेंगे।
आस यही है मन में मंगलमय पावन भाव बसे,
दीप जले शंख बजे धरा प्रकाश नाद से सजे।
- सतेन्द्र शर्मा 'तरंग'
देहरादून - उत्तराखण्ड
राम जन्म भूमि पूजन के दिन हर घर दीप ही रौशन नहीं होने चाहिए बल्कि शुद्ध देसी घी के दीप रौशन होने चाहिए। क्योंकि कई वर्षों के बाद श्रीराम चंद्र जी अपनी जन्मभूमि पर विराजमान हो रहे हैं। जोकि करोड़ों भारतीयों की आस्था का प्रतीक है।
उल्लेखनीय है कि हिंदू धर्म के अनुसार जब श्रीराम चंद्र जी 14 वर्ष के वनवास काट कर आए थे। तो नागरिकों ने उनकेे आगमन की खुशी में घी के दीप प्रज्वलित किए थे। जिसको दिपावली पर्व का नाम दिया गया था। जो आज भी हर साल मनाया जाता है।
तो अनेक प्रकार के संघर्षों के उपरांत जब राम जन्म भूमि पूजन का शुभ अवसर आया है।तो हर भारतीय का कर्त्तव्य बनता है कि वह दिपावली की भांति दीप प्रज्वलित करे। जिससे सारा भारत रामराज्य की भांति बन जाए। हर भारतवासी के मन में तरंग उठे कि वह बुराई को भूल कर अच्छाई धारण करे और अंधेरे से प्रकाश की ओर आएंं।
रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है कि राम चरित हरि बहू विधि कीना अति आनन्द दासिह कह दीना' जिसका अर्थ है कि रामचंद्र जी ने हमेशा दीन-दुखियों को ध्यान में रख कर हर कार्य किया। इसलिए हमें उनके दर्शाए रास्ते पर चलना चाहिए। उनके नाम पर रचित धार्मिक ग्रंथों की बात करें तो हर एक ग्रंथ मानवता के लिए बहुत बड़ी सीख है। जिनमें भाई का भाई के प्रति भाई का प्रेम, पुत्र को पिता का आज्ञाकारी होने का प्रमाण आदि अच्छाइयों को अत्यंत उत्तम ढंग से दर्शाया गया है।
ऐसे पूज्यनीय ग्रंथों को व श्रीरामचन्द्र जी की अद्वितीय भावनाओं को शत-शत नमन करते हुए समस्त भारतीयों को आग्रह करता हूं कि वे अधिक से अधिक दीप प्रज्वलित कर राम जन्म भूमि पूजन को सफल बनाएं।
- सुदर्शन कुमार शर्मा
जम्मू - जम्मू कश्मीर
कोई भी खुशी का पर्व हो,हम घर को दीपों से जगमगाते हैं। फिर, श्री राम तो साधारण पुरुष नहीं थे।नि:संदेह राम जन्मभूमि पूजन के दिन हर घर दीपक से रौशन होना चाहिए लेकिन यह दीपक माटी का नहीं, हमारे मस्तिष्क का दीपक रौशन होना चाहिए जिससे भारत में फिर राम राज्य आए ।जिस में अमीर-गरीब, ऊँच-नीच,धर्म-जाति के आधार पर कोई भेद भाव न हो।
माटी का दीपक तो हमारे घर को पल दो पल के लिए ही रौशनाएगा और हवा के तेज झौंके उसे बुझा भी सकते हैं। इस लिए हमारे दिमाग को जो रौशन करे,हमें वो दीपक जलाना है। जिसे समय की तेज आंधियाँ भी बुझा न पायें। उस शुभ अवसर पर अच्छा इंसान बनने का संकल्प लेना चाहिए। यही सच्ची भक्ति, शक्ति, आराधना और पूजन है। इंसानियत ही परम धर्म है।
- कैलाश ठाकुर
नंगल टाउनशिप - पंजाब
भारतीय संस्कृति सदैव प्रकाश की उपासक रही है। हर मंगलकार्य में दीप प्रज्ज्वलित करना हमारी परंपरा और धार्मिक विधान है। अब प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि पर बहुप्रतीक्षित मंदिर के शिलान्यास का मंगलअवसर है तो दीपोत्सव होना स्वाभाविक है। यह कोई प्रायोजित आयोजन नहीं, स्वत: स्फूर्त आयोजन होगा। जन मन की भावनाओं का प्रकटीकरण यह दीप प्रज्ज्वलित करके हो तो बहुत उत्तम है। हमारी खुशियों का प्रकटीकरण यह रोशनी होगी।
राम हमारी संस्कृति के उन्नायक है
अखिल विश्व में मर्यादा परिचायक हैं
उनके नाम से तैर रहे हैं पत्थर भी
राम ही हर प्राणी के जीवन दायक हैं।
सत्य सनातन संस्कृति में,हर्ष हो या विषाद दीप प्रज्ज्वलित करना अनिवार्य होता है। यह दीप जन जन की खुशियों,आशा और विश्वास के प्रतीक होंगे। यह दीप उन बलिदानियों के प्रति भी हमारी कृतज्ञता होगी, प्रतीकात्मक भावांजलि होगी,जो इस दिन के लिए बलिदान हो गये।
यह राममंदिर शिलान्यास,
बता रहा है हमारी आस्था और विश्वास।
तो आप भी तैयार हो जाइए, 5 अगस्त को दीप प्रज्ज्वलित कर इस ऐतिहासिक दिन की खुशियां मनाइए।
- डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर - उत्तर प्रदेश
राम जन्मभूमि के पूजन वाले दिन हर घर में दीया जरूर चलना चाहिए हिंदू धर्म में हम हर शुभ काम की शुरुआत दीया जलाकर ही करते हैं भगवान राम पर हमारी परसों से आस्था है हम उन्हें पूछते आए हैं और घर में भी पूजा करते हैं यह हमारे लिए बहुत खुशी की बात है कि राम का मंदिर उनकी जन्मभूमि में फिर से बनने जा रहा है जिस तरह दिवाली भी हम राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी और दीए जलाकर मनाते हैं उसी तरह हमें दीपक जला कर इस उत्सव को मनाना चाहिए।
- प्रीति मिश्रा
जबलपुर - मध्य प्रदेश
भारतवर्ष में दीपक का इतिहास प्रामाणिक रूप से ‘5000 वर्षों’ से भी अधिक पुराना हैं। कोई भी शुभ काम शुरू करने से पहले हिन्दू धर्म में पहले भगवान के सामने दीपक प्रज्वलित किया जाता है। राम जन्मभूमि पूजन के दिन हर घर दीप से रौशन होना चाहिए सही समझा आपने, जी हाँ ज़रूर होना ही चाहिए क्योंकि यह अन्य त्योहारों की भाँति एक आस्था का दिन है सनातनी परंपरा में किसी भी श्रेष्ठ अवसर पर हर्षोल्लास का वातावरण स्वत: ही बन जाता है और दीप प्रज्वलित कर अपनी ख़ुशी का प्रदर्शन हर कोई करता है ऐसे में भगवान श्रीराम में आस्था रखने वाले लोग अगर अपने घर में दीप प्रज्वलित करेंगे तो कोई आश्चर्य की बात नही ।
दीप जलाना किसी कार्य का शुभारंभ है तो उत्साह का संचार भी करता है बुराइयों को समाप्त करने का संकल्प उत्सव भी । दीप जलाने में एक तरफ़ परम्परा का निर्वहन है तो दूसरी तरफ़ हिंदू धर्म के मानने वालों की ख़ुशी का इज़हार भी ।
- डॉ भूपेन्द्र कुमार धामपुर
बिजनौर - उत्तर प्रदेश
भारत में दीप पर्व एक संस्कृति हैं, जिसके माध्यम से एकता का संदेश देने का प्रचलन पूर्व से ही चला आ रहा हैं, दीवाली अमावास की रात्रि में दीप प्रज्ज्वलित कर लक्ष्मी जी का आव्हान किया जाता हैं, तो दूसरी ओर श्री राम के विजय उपरान्त अयोध्या आगमन पर दीप जलाकर पर्व मना कर, परम्परा को वृहद स्तर पर सुखद समृद्ध की कामना की जाती हैं। काफ़ी वर्षों के बाद ऐसा समय आया हैं, जब श्री राम जन्म भूमि पर भव्यता के साथ मंदिर निर्माण किया जा रहा हैं, जिसकी खुशी से आमजन फूलें नहीं समा रहे हैं और घर-घर दीप प्रज्ज्वलित कर उन्हें प्रणाम किया जायेगा। दीपोत्सवों के उल्लासपूर्ण वातावरणीय जीवन छाया में परिवार सहित एक अद्भुत प्रर्दशन देखने को मिलेगा। जो दूरगामी एकता अखंडता को चिरस्थायी बनाने में अनुकरणीय भूमिकाएं रहेगी।
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर'
बालाघाट -मध्यप्रदेश
निःसंदेह राम जन्म भूमि पूजन के दिन हर घर दीप से रौशन होना चाहिए? वह दीप इतना प्रकाशमान और प्रभावशाली होना चाहिए कि हर हृदय में राम ही राम और मन में रामराज्य की स्थापना हो जाए। पूरा भारत, भारतीय और भारतीयता बुराईयां त्याग दें। भ्रष्टाचार पर अंकुश ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भ्रष्टाचार पर विजयदशमी सा पर्व मनाएं। उस पर्व में राष्ट्र का बच्चा-बच्चा राष्ट्रगान एवं राष्ट्रगीत गाते हुए बुराईयों पर अच्छाइयों की गाथा सुनाकर असत्य पर सत्य की जीत का डंका बजाएं। जिसकी कर्णभेदी ध्वणि भारत के चारों स्तम्भों के कर्णधारों के कानों के पर्दे फाड़ डाले। विशेषकर न्यायपालिका के समस्त जजों व न्यायधीशों के मन-मस्तिष्क इतने प्रकाशमान हो जाएं कि वह श्रीराम प्रभु जी की भांति 'सत्य' के मार्ग पर चल पड़े। उनके हृदय में ऐसा दीप प्रज्वलित हो जिसके प्रकाश से वह घूस एवं निजी स्वार्थ में संस्तुति अर्थात सिफ़ारिश अर्थात खुशामद अर्थात रिकमेंडेशन करना भूल जाएं और उन्हें याद रहे तो केवल न्याय, न्यायिक प्रक्रिया और तर्कसंगत निर्णय। ताकि कोई भी पीड़ित याची न्यायापालिका पर यह कहते हुए उंगली न उठाए कि उसे तपेदिक रोग पर मानसिक रोग का उपचार कराने का निर्देश क्यों दिया और मानसिक स्वस्थ होते हुए भी 'मानसिक विकलांगता पेंशन' क्यों और किस आधार पर दी जा रही है?
अतः न्यायपालिका सहित विधायिका, कार्यपालिका, एवं पत्रकारिता क्षेत्र से जुड़े प्रत्येक मानव हृदय में क्रूरता के स्थान पर करुणा का प्रकाश इतना अधिक प्रकाशमान हो कि किसी भी नर-नारी प्रार्थी को माता सीता जी की भांति निर्दोष होते हुए 'अग्निपरीक्षा' से ना गुजरना पड़े और अपने नारित्व एवं अपने जन्में बच्चों की वंशावली अर्थात आनुवांशिक लक्षणों अर्थात डीएनए की सत्यता के लिए धरा की कोख में समाना न पड़े। जय श्री राम
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर
जी होना ही चाहिए . भारतवासियों के लिऐ ये ऐतिहासिक क्षण है
काफ़ी संघर्षो के बाद यह हर्षोल्लास का दिन आया !
वर्षो की मेहनत व तपस्या का फल है की रामलला अपने निवास पर प्रवेश करेंगे एक वनवास १४ साल का काट कर आये तब अयोध्या वासीयो ने दीप जला कर स्वागत किया था
आज भी वर्षो बेघर रह कर अपने घर आने की तैयारी है पूरेदेश को दीपक से जगमगाना चाहिए ।
खुशीया लौट आई है ! सत्य की जीत हुई है पूरा देश एक साथ जगमगा उठे , यह क्षण भी एेतिहासिक होजाए ! स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाए राम लला
जन्म भूमी के मंदिर निर्माण का भूमि पूजन ।
अदभूत दृ्श्य होगा सदियों तक इस भूमि पूजन को कोई भूल न पाए ,
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को भूमिपूजन की है तैयारी
भूमि पूजन के कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने की चल रही तैयारी
अयोध्या में हर एक घर और मंदिर को फूलों, लाइटों और दीपों से सजाया जा रहा है
वीएचपी ने किया अनुरोध 5 अगस्त की शाम देश के हर एक घर में चले दीप
14 वर्ष के वनवास के बाद लौटे थे भगवान राम तो अयोध्या में हुआ था जश्न, वैसे ही माहौल चाहता है हर हिंदू
और होना चाहिए !
बहुत तरसा है हर हिंदू हर हिंदी की दुआएँ इस जश्न में शामिल है । समय है हमें एकता व अंखडता दिखाने का हर भारतवासी को यह जश्न मनाना चाहिए क्यो की ईश्वर सबका है
देश में रहने वाला हर व्यक्ति सिर्फ़ भारतीय है और कोई जात पात की भावना नहीं होनी चाहिए धर्म अपनी जगह है और देश सर्वोपरी
- डॉ अलका पाण्डेय
मुम्बई - महाराष्ट्र
जो हिन्दू हो कर भी जान बूझ कर दीप प्रज्वलित नही कर रहा है वो निश्चित ही किसी बड़ी उधेड़बुन में है।राजनीति अपनी जगह होती है और धर्म अपनी जगह।
हम चाहे भाजपा वाले हों या कांग्रेस वाले या किसी अन्य पार्टी के समर्थक लेकिन पहले हिन्दू हैं और उस से भी पहले भारतीय।।
बाकी जिसकी जैसी श्रद्धा
लेकिन सब को ध्यान रखना चाहिए की कोई भी भड़काऊ गतिविधि ना हो पाए। मुस्लिम भी हमारे साथ रहते हैं।उत्सव मनाने के साथ साथ साम्प्रदायिक सौहार्द का ध्यान रखा जाना अत्यंत आवश्यक है। पुलिस प्रशासन को भी चुस्त दुरुस्त रहना पड़ेगा।आसामाजिक तत्त्वों के ऊपर कड़ी निगाह रखी जाए।अफवाहें फैलाने से बचा जाए।
- रोहन जैन
देहरादून - उत्तराखंड
अयोध्या में 5 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला के मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे। यह दिन भारत के लिए ऐतिहासिक होगा, क्योंकि करोड़ों हिंदुओं क्योंकि करोड़ों हिंदुओं का सपना साकार होने जा रहा है। राम जन्म भूमि पूजन के दिन हर घर में दीए जलने चाहिए और लोगों को दिवाली मना नहीं चाहिए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देशवासियों से अपील की है की 3 और 4 अगस्त को वह अपने घरों में उत्सव मनाए। दीप जलाकर दीपावली मनाएं। विश्व हिंदू परिषद की ओर से भी राम जन्म भूमि पूजन के दिन गली मोहल्लों मंदिरों और गुरुद्वारों में दीप जलाने और पूजा अर्चना करने की अपील की गई है। साथ हिंदी हिंदू परिषद ने पूजन के साथ प्रसाद वितरण की भी अपील की है। गौरतलब है कि राम जन्मभूमि निर्माण का सपना देशवासी वर्षों से देखते आ रहे हैं। अयोध्या में राम जन्मभूमि पूजन का लाइव दूरदर्शन से प्रसारित किया जाएगा। करोड़ों देशवासी रामलला मंदिर निर्माण के भूमि पूजन का दृश्य लाइव देख सकेंगे। 5 अगस्त को भूमि पूजन के दिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उमा भारती ऋतंभरा विनय कटियार सहित 50 बीआईपी शामिल होंगे। देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए भूमि पूजन के दिन सौ से डेढ़ सौ के बीच लोग शामिल होंगे जिसमें साधु संत भी हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेजबानी के तौर पर शामिल होंगे। यह अलग बात है कि देश के 90 फ़ीसदी मुस्लिम समुदाय अयोध्या में राम जन्म भूमि पूजन से दुखी है। कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दल के नेता भी इस भूमि पूजन से खुश नहीं दिख रहे हैं। इसका मूल कारण है कि अयोध्या में राम जन्म मंदिर बनने से सीधे तौर पर भाजपा को लाभ होने जा रहा है। ज्ञात हो कि केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले वर्ष 5 अगस्त 2019 को संविधान की धारा 370 को कश्मीर से खत्म कर दिया था और कश्मीर को तीन भागों में बांट दिया था। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाना भी केंद्र सरकार के लिए चुनौती थी, जिसे मोदी सरकार ने सफलतापूर्वक संपन्न कर दिया। अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद भी और सब पुराना है जिसे पूरा होते देख हिंदुओं के मन में काफी उत्साह दिख रहा है। अयोध्या में राम मंदिर बन जाने के बाद यह विश्व के लिए एक दर्शनीय स्थल हो जाएगा। राम मंदिर का निर्माण बहुत ही बहुत तरीके से किया जा रहा है।
- अंकिता सिन्हा साहित्यकार
जमशेदपुर - झारखंड
श्री राम जी की जन्मभूमि पूजन के दिन हर घर दीप से रोशन होना चाहिए। यह कथन हृदय से स्वागत योग्य है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि भगवान श्री राम स्वयं इसके लिए प्रेरित कर रहे हों। लगभग 500 वर्षों के बाद वर्तमान पीढ़ी को यह स्वर्णिम दिन देखने का अद्भुत सौभाग्य प्राप्त होगा। आंखों के सामने आने वाली 5 अगस्त का दृश्य चल रहा है जैसेकि स्वयं भगवान श्री राम, माता सीता जी, श्री लक्ष्मण जी व श्रीरामभक्त हनुमान जी सहित पुष्पक विमान में बैठ कर बुधवार 5 अगस्त वर्ष 2020 को अपनी जन्मभूमि पर अवतरित होने वाले हों और समस्त देशवासी उनके स्वागत में आंखें बिछाए बाट जोह रहे हों। 5 अगस्त 2020 का दिन इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में दर्ज हो जायेगा। भगवान श्री राम जी की जन्मभूमि का पूजन हर देशवासी के लिए गौरव और गरिमा का विषय है। चूंकि कोविड-19 के चलते अनेक बंधन हैं अतः वहां जाना हरेक के लिए संभव न होगा। यूं भी सीमित संत-विद्वानों की उपस्थिति में चांदी की ईंट रखकर श्रीगणेश किया जायेगा। ऐसी स्थिति में सभी देशवासियों को यथायोग्य दीपमाला से अपना अपना घर रोशन कर इस मंगल दिवस का स्वागत करना चाहिए। हमारे जीवनकाल में यह अवसर एक ही बार आयेगा और युवा पीढ़ी इसे बरसों तक याद रखेगी तथा आगे विस्तारित और प्रसारित करते समय उनकी आंखें भी खुशी से चमक उठा करेंगी। निःसंदेह यह पावन अवसर हर मुख पर चमक और अनूठी प्रसन्नता लाने वाला है। इस दिन के बाद से ही मन्दिर का निर्माण आरम्भ हो जायेगा। मुझे विश्वास है कि यह दिवस देश में खुशहाली के अवसर लायेगा और भारतवर्ष विश्व में अपनी पताका फहरायेगा।
- सुदर्शन खन्ना
दिल्ली
विषय आस्था भक्ति श्रद्धा से संबंध बनाए हुए हैं अयोध्या नगरी में भूमि पूजन का उत्सव 5 अगस्त 12:15 में होने जा रहा है सभी नक्षत्रों के अनुसार सिर्फ 20 सेकंड में ही पांच चांदी के ईटों से भूमि पूजन किया जाएगा केंद्रीय सरकार और राज्य सरकार के माध्यम से इस उत्सव की पूरी तैयारियां हो गई हैं पर उस उत्सव में शामिल होने वालों की संख्या सिर्फ 200 ही रखी गई है क्योंकि लॉक डाउन का समय है सोशल डिस्टेंस ही बनाए रखना है
पूरा देश इस एकता के सूत्र में बंद कर हर घर में दीप जलाए जिससे विश्व को यह परिचय मिले राष्ट्र को यह परिचय मिले कि हमारे देश में एकता है और श्री राम 14 वर्ष के बाद वनवास से लौटे तो अयोध्या नगरी जैसे सजाया गया उसी प्रकार घर-घर दिए जले और इस परंपरा को कायम रखा जाए
दीया या दीपक को जलाने से एक सकारात्मक ऊर्जा वातावरण में फैलती है मन में खुशियां जाती है उत्सव मनाने का मुख्य उद्देश्य खुशियां पाना है और एक संदेश देना है युवा पीढ़ी को कि हमारी परंपरा का यह एक मूलभूत कर्तव्य है
सारे देशवासियों भारत की जनता जो विदेश में भी रहते हैं उनसे भी यह अनुरोध है कि इस पावन घड़ी को उत्सव के रूप में दिया जला कर मनाएं इनसे उन्हें अपने देश के प्रति श्रद्धा भक्ति आत्मबल विश्वास पैदा होंगे
यह पावन घड़ी एक ऐतिहासिक समय है युगो युगो तक इसे याद किया जाएगा इतिहास रचा जाएगा और कई पीढ़ी से समझ पाएंगे जान पाएंगे जैसे आज की पीढ़ी जब वह परिपक्व होंगे तो इन बातों का महत्व समझ सकेंगे जिस प्रकार पुरानी ऐतिहासिक पुस्तकों को पढ़कर हम सभी अपने अतीत के विषय में जानते हैं समझते हैं भावनाएं पैदा होती हैं उसी प्रकार भावी पीढ़ी भी इस ऐतिहासिक परंपरा को निभाने में सफल होगा धन्यवाद
- कुमकुम वेद सेन
मुम्बई - महाराष्ट्र
राम जन्म भूमि पूजन के दिन हर घर दीप से रोशन होना चाहिए क्योंकि श्री रामचंद्र जी जिस दिन वनवास से अयोध्या वापस आए थे उस दिन अयोध्या नगर वासी श्री राम जी के स्वागत में पूरे नगर ही नहीं पूरे भारतवर्ष में जो राम को मानते थे वह सब अपने द्वार पर दीप जलाकर खुशियों का इजहार किए थे। उसी तरह श्री राम जन्म भूमि पूजन की श्री गणेश के दिन जरूर सर्व कल्याणार्थ हेतु हर द्वार में दीपक की रोशनी जलना चाहिए। साथ-साथ अपनी अपनी अंर्तआत्मा का भी रोशनी जलना चाहिए। रोशनी ज्ञान का प्रतीक है अतः इस प्रतीक को प्रमाणित करना ही मनुष्य जाति का स्वयं का कल्याण है अतः श्री राम जन्म भूमि के दिन दीप से रोशन होना चाहिए और मन में हर्षोल्लास होना चाहिए।
- उर्मिला सिदार
रायगढ़ - छत्तीसढ़
अवश्य होना चाहिए! भगवान १४ वर्ष बाद जब अयोध्या आए तब समस्त अयोध्या दीपक की रोशनी से जगमगा उठा था! श्री राम भगवान का अवतार थे!
आज हमारी ऋद्धा और आस्था से ही यह खुशीयों भरा दिन हमें देखने को मिल रहा है!
श्री राम जन्म-भूमि पूजन हमारे पूरे देश के लिए खुशीयों से भरा उत्सव है! हमारे हिंदू धर्म की आस्था ,ऋद्धा और भक्ति का दिन है समस्त देश दीप से जगमगाना ही चाहिए! प्रकाश सकारात्मक उर्जा देता है! सभी को अपनी ऋद्धि और आस्था के साथ ५ तारीख को अपने घर में दीपक जला रोशनी कर श्री राम भगवान की पूजा करें चाहे विदेश में क्यों ना हो!
ईश्वर की लीला न्यारी है आज वे ५०० वर्ष पश्चात भी अपनी जगह ले अपने आशीर्वाद का हाथ हमारे सिर पर रखा! भारत पर कभी कोई आंच नहीं आएगी श्री राम भगवान हमारे साथ जो है!
दीप की रौशनी यही सकारात्मकता लाती है !
पूजन के दिन सभी घर पर दीप जला रौशनी कर उत्सव मनाएं!
- चंद्रिका व्यास
मुंबई - महाराष्ट्र
राम जिनको हम सभी अपना पालन हार मानते हैं ।कहतें हैं जीवन के आखरी वक्त यदि राम का नाम निकले तो मोक्ष की प्राप्ती होती है ।विश्वास की पराकाष्ठा ,उन ईश्वर के रहने के लिए मन्दिर बने तो हम हर घर में दीप जला कर रौशन क्यों न करें ? दीप जलाना मन की खुशी का प्रतीक है ।मनकी भावना को राजनीति के तराजू पर नहीं तौला जा सकता है । जीवन गुजारने केलिए हम सभी का कोई न कोई मार्ग दर्शक होता है मर्यादा पुरुषत्तम् राम के चरित्र को देंखे ।माता-पिता,भाई-भाई ,सेवक, राजा -प्रजा सबके बीच कैसा रिश्ता कैसा व्यवहार होना चाहिए कितने सुन्दर ढ़ग से दर्शाया गया है ।आज के समय में संस्कार कम मिलते हैं मन्दिर में आने -जाने वाले लोग अच्छी भावना लेकर लौटेंगे ।सनातन धर्म को मानने वाले पूरे विश्व में है ,सदाचार ही फैलेगा ।विश्व का एक कोना भी सुधरता है तो हमारे लिए गर्व की बात है । दीप की सकारात्मकता सबके मन में दिया जलायेगी ।घर -घर दीप रौशन कर हम ज्ञान का प्रकाश फैलायें ।
- कमला अग्रवाल
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
राम जन्म भूमि पूजन का विशेष दिन सचमुच किसी उत्सव से कम नहीं है। 5 अगस्त का दिन राष्ट्रीय स्वाभिमान का दिन है, और यह दिन स्वर्ण अक्षरों में अंकित होने जा रहा है।
हम सब इस पल के गवाह बनेगे वरना न जाने कितने महान जन हमारे पूर्वज राम मन्दिर बनते देखने की इच्छा मन में लिये ही ..।इसलिए हम बहुत सौभाग्यशाली है ।
5 अगस्त को हमें दीपावली के त्यौहार के रूप में मानना चाहिए ।
घर - घर दीपो से जगमगाना चाहिए ।हम अयोध्या तो नहीं जा सकते ,अयोध्या नगरी को ला सकते हैं यानि अपने अपने घरों को सजाकर अपने नगर को सजाकर अयोध्या नगरी बना सकते हैं।
परंतु हम सब भारतवासी एक दूसरे की भावनाओं का ख्याल भी पहले रखते है। कभी कहीं ऐसा भी कार्य न करे , जहां एक दूसरे की भावनाएं भी आहत हो।
अपने-अपने माहौल के अनुसार दीप जलाकर प्रदर्शन करने की बजाय हम अपने घर में ही मन में दीपक जलाए कर खुशियां मना सकते हैं।
राम मंदिर बनने के लिए हम मर्यादा पुरुषोत्तम पुरुषोत्तम राम से यह भी शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं कि जब भगवान राम ने फटे त्रिपाल में रहकर खुश रहकर भी कितने दिन प्रतीक्षा की, तब हम भी मर्यादा में रहकर ही खुशियां मनाएं तथा स्वर्ण अक्षरों में अंकित होने वाले नए कीर्तिमान के सहभागी बने ।
- रंजना हरित
बिजनौर -उत्तर प्रदेश
" मेरी दृष्टि में " राम जन्म भूमि पूजन को सभी को अपने - अपने तरीकें से अवश्य मनाना चाहिए । " मेरी दृष्टि में " दीप से अपने घर को रौशन करना , सबसे अच्छा साबित हो सकता है । यह एकता का प्रतीक की भावना को स्पष्ट करेगा । ऐसा करना आप सब से , मेरा अपना विनम्र अनुरोध है ।
- बीजेन्द्र जैमिनी
सम्मान पत्र
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