प्रो. उत्तम चन्द शरर की स्मृति में ऑनलाइन कवि सम्मेलन
जैमिनी अकादमी द्वारा प्रो. उत्तम चन्द शरर की स्मृति में ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया । प्रो. उत्तम चन्द शरर ऐसे व्यकितत्व का नाम है। जिसने हैदराबाद में " हिन्दी भाषा " के लिए जेल काटी है । जीवन भर आर्य समाजी का जीवन जिया है । जैमिनी अकादमी को इनको सम्मानित करने का सौभाग्य प्राप्त है । इसलिए " हिन्दी है तो भारत है " विषय रखा गये है । जिसमें 64 से अधिक कवियों ने भाग लिया है । सम्मान पत्र से सम्मानित कवि इस प्रकार हैं : -
हिंदी, हिन्दु , हिन्दुस्तान
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हिंदी, हिन्दु , हिन्दुस्तान
इस क्रम से बना देश महान
हिंदी यहां बोली जाती है
प्रेम की भाषा कहलाती है
बिछड़ गए जो इक दूजे से
रहेगा ना फिर देश महान
हिंदी,हिन्दु, हिन्दुस्तान
अपनी भाषा की खातिर
वीरों ने कलम उठाई थी
हिंदी के प्यारे शब्दों की
चमक दिलों पर छाई थी।
अपनी मां से कैसे कोई
अलग होकर जी सकता
हिंदी तो मां है हमारी
बिन इसके
भारत कैसे फिर
जी सकता
ऐसे -ऐसे वर्ण हैं इसकेे
और कहीं ना पाओगे
जैसा लिखोगे इसको
बोल भी वैसा पाओगे
हिंदी तो हिन्दुस्तान की
श्वासो पर राज करती है
ढाई आखर प्रेम के
हिंदी ही सिखाया करती है।
- ज्योति वधवा "रंजना"
बीकानेर - राजस्थान
हिंदी ही भारत है
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बिन हिंदी भाषा के, भारत अधूरा
जैसे धड़कन ,बिना शरीर।
समझने,पढ़ने,बोलने हिंदी
भाषा है,भारत की तकद़ीर।।
हिंदी है,जीवन का आधार
संस्कार,ज्ञान,शिक्षा का भंडार।
संविधान में दर्ज, विविध भाषाएं
पर भारत की, हिंदी है शान।।
आत्मसात किया है, हमने भी
अन्य भाषाई शब्दों, को हिंदी में।
सहज,सुगम भाषा,हो प्रभावी
विकसित हो भारत,हिंदी में। ।
तो आओ ,करें प्रतिज्ञा
हिंदी में बोलेंगे और लिखेंगे।
भारत के हर,प्रांत में हिंदी
प्रचारित कर हम,परचम फहरायेंगे। ।
आज भारत विश्वगुरू,है बन
सकता प्रसार प्रचार कर, हिंदी का।
अंग्रेजी के बाद,आती भाषा हिंदी
विदेशों में भी,स्थापन हुआ हिंदी का।।
सभी भारतीय, भाषाओं का
नेतृत्व करे हिंदी, हिन्द में।
भारतीयता की पहचान, बने हिंदी
हर एक की भाषा, बने हिंद में। ।
हिंदी है काश्मीर, से कन्याकुमारी
तक कामकाज ,की भाषा।
प्राणवायु है,भारत की हिंदी
कब बनेगी संविधान, में राष्ट्रभाषा। ।
- डॉ.मधुकर राव लारोकर
नागपुर - महाराष्ट्र
हिन्दी है तो भारत है
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देशज राग में किलोल कलरव,
नदी पर्वत का निर्बाध अलख।
माटी की गमक धमक श्लेषा,
पुरातन हो नव शुभ अशेषा।
संप्रेषित हो हर कल्प प्रति क्षण,
भाषा करती यह काज विलक्षण।
भारत ललाट की गौरव हिन्दी,
चंदा टिकुली सी दपदप हिन्दी।
सहेजेंगे कामना यह आगत है,
क्योंकि हिन्दी है तो भारत है। ।।
- श्रीमती रजनी शर्मा
रायपुर - छत्तीसगढ़
हिंदी है तो भारत है
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जब हिंदी है तो भारतहै
वरना सब चीज नदारदहै
हिंदी कुछ हमें सिखाती है
दो भांति इसे नहीं भाती है
हिंदी घट घट की वासी है
दुनिया की गुरु कहाती है
हिंदी ही देश को तारत है
जब हिंदी है तो भारत है
मुश्किल को इसने झेला है
देखा भी बहुत झमेला है
अंग्रेजी ने इसे मारा था
तब वीरों ने ललकारा था
हर जन इसे माथे धारत है
जब हिंदी है तो भारत है
कवियों ने बढ़ कर भाग लिया
हिंदी में फिर संदेश दिया
लेखक और पत्रकार आए
हिंदी में खत हैं छपवाए
अंग्रेजी ख़त को बारत है
जब हिंदी है तो भारत है
सब बोले निज हिंदी भाषा
पूरी हो मन की अभिलाषा
तोड़े बंधन की दीवारें
हिंदी जीवन में हम धारे
ये जन के भाग्य उभारत हैं
जब हिंदी है तो भारत है
- रामलाल साहू "बेकस"
ग्वालियर - मध्य प्रदेश
पहचान मेरी
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पूछा मुझसे
तुम कौन हो ?
कह दिया मैंने उत्तर में,
मैं ही हिंदुस्तान हूं।
उनकी उठा पटक में ,
मेरी बोलियां बोल रही थी
कर रही थी वो घमंड,
उसे मेरी हिन्दी तोड़ रही थी।
भाषाओं के ज्ञान सागर में,
होते ग्रंथ लगाने लगे,
मेरी हिन्दी में रचे वेद - पुराण,
सभी मानो मुस्कुराने लगे ।
गीत गोविंद ताना बाना,
सब निराला सभी ने माना,
ताल राग सभी को तब,
दुनिया ने श्रेष्ठ माना,
हिन्दी की बुलंदी को तब,
जग ने भारत से पहचाना ।
देवनागरी में देवात्मा बसती,
भजन कीर्तन में परमात्मा,
उनके लिए स्थान उचित,
हिन्दी से पहचान अपनी,
शान हमारे राष्ट्र ,
हिन्दुस्तान की बड़ती ।
इस भाषा ने परचम लहराया,
विदेशों में भी ज्ञान बिखेरा,
इसका अपना शुरुर है,
सच में हिन्दी ही,
हिन्दुस्तान का गुरूर है ।
इससे है पहचान मेरी,
इसमें ही है जान मेरी,
मेरा सृजन है,
मेरा मस्तक भी,
इसी से भारतीय हूं,
इसी से जग में जाना जाता,
मैं हिन्दुस्तान का वासी,
हिन्दी से ही इस संसार में ,
सभी के बीच पहचाना जाता ।
हां है हिन्दी भाषा मेरी,
इसी से मैं संसार में,
हिन्द का वासी,
हिन्दुस्तानी कहलाता।
- नरेश सिंह नयाल
देहरादून - उत्तराखंड
हिन्दी भारत का दिल
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हिंदी भारत का दिल, हिंदी माथे की बिंदी,
हिंदी बोले हिंदुस्तान, द्रविड़ हो या सिंधी,
हिंदी बिना अधूरा है, हिंदी बिना दुर्गत है,
हिंदी मन को मोहती, हिंदी है तो भारत है।
मातृभाषा यह कहाये, जन जन को हॅंसाये,
अंग्रेजी समझ न आये, हिंदी को अपनाये,
47 करोड़ बोलते लोग, हिंदी पढऩा है योग,
हिंदी में काम करोगे, अंग्रेजी का भागे रोग।
मधुर, सरल, सलिल,हिंदी भाषा लगे प्यारी,
हिंदी में बात करेगा, सभ्यता इसमें है हमारी,
हिंदी पढऩा लिखना सीख, वरना हो दुर्गत है,
हिंदी रथ के पहिये होते,हिंदी है तो भारत है।
संस्कृत है इसकी जननी, देवनागरी लिपि है,
कई भाषाओं के शब्द, जोड़े बतौर अतिथि हैं,
40 फीसदी भारत बोले,हिंदी की पड़ी लत है,
दिलोदिमाग पर घर करे, हिंदी है तो भारत है।
भारतीय संविधान में, हिंदी को दर्जा मिला है,
हिंदी की पहचान है हिंदी, भारत का तन मन,
हिंदी को बढ़ावा देना, विकास का करो पर्यत्न,
हिंदी एक दिव्य रथ है, हिंदी है तो भारत है।।
- होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ - हरियाणा
हिन्दी है तो भारत है
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भारत की प्रतिष्ठा और सम्मान हिन्दी।
भारत की विशेषता का प्रमाण हिन्दी।
विविधता में एकता भारत की पहचान।
भाषाओं की समग्रता हिंदी की पहचान।
बिना हिन्दी के बेजान- निष्प्राण भारत।
मधुर भाषा हिन्दी से बना महान भारत।
भारतीय विशेषता उदारता धर्मनिरपेक्षता।
हिंदी की विशेषता आदर भाव व मधुरता।
जन-जन को एकसूत्र में बांधती है भाषा।
स्नेहांचल-सुख प्रदान करती मीठी भाषा।
अठारह प्रांतीय भाषा को समेटती भाषा।
श्रेष्ठ चिंतन, मनन, ग्रंथों की आधार भाषा।
कवि तुलसी, सूर, बिहारी,कबीर की भाषा।
भारतेंदु हरिश्चंद्र, प्रेमचंद की पहचान भाषा।
विराटता, दिव्यता देती महापुरुषों को भाषा।
भारतीयों को नया आयाम देती हिन्दी भाषा।
विश्व पटल पर खड़ा अडिग अटल भारत है।
सांस्कृतिक छवि समेटे हिन्दी है तो भारत है।
-सुनीता रानी राठौर
ग्रेटर नोएडा - उत्तर प्रदेश
हिन्दी है तो भारत है
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समृद्ध परम्पराओं से परिपूर्ण देश हमारा भारत है।
मस्तक है हिन्दी भारत की, हिन्दी है तो भारत है ।।
है अभिलाषा छाये विश्व पटल पर हिन्दी का गौरव,
बसे जन-जन के हृदय में हिन्दी, धन्य वो भारत है।।
है शोभायमान हिन्दी कश्मीर से कन्याकुमारी तक,
समेटे सुधाकर सी शीतलता, दिवाकर सी चमक।
नदियों की कल-कल, पवन की छन-छन में है हिन्दी,
भारत-भू के कण-कण में बसी है हिन्दी की धमक।
हम सन्तान हिन्दी की मन का गौरव है हिन्दी,
करें वन्दन इसको मां भारती का सौरभ है हिन्दी।
अनुराग भरा जिसके स्वर-स्वर, वर्ण-वर्ण में,
बांधे स्नेह के धागों से भारत को ऐसी है हिन्दी।
स्पर्श हिन्दी का हमसे हमारी पहचान कराता है,
संस्कारों की जड़ों की गहराई की अनुभूति कराता है।
है दायित्व जन-जन का हिन्दी के सम्मान का,
ज्ञान हिन्दी का स्वाभिमान का अहसास कराता है।
निज भाषा हिन्दी पर हम मान करें, अभिमान करें,
हिन्द के कोने-कोने को जोडे़ रखना उसकी प्रकृति है।
हिन्दी भाषा को हम क्षण-क्षण, नित-नित प्रणाम करें,
हिन्दी, भाषा ही नहीं, हृदय-भावों की अभिव्यक्ति है।
- सत्येन्द्र शर्मा 'तरंग'
देहरादून - उत्तराखण्ड
हिंदी, विश्व की पहचान है
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हिन्दी है तो भारत की शान है,
हिंदी, विश्व की पहचान है ।
इस देश की , आन बान है हिन्दी,
हिन्द की जुबान है , हिन्दी ।
आ अो, हम सब इसे अपनाये,
हिन्दी भाषा का गुनगान सरवत्र गाये।
हम सबके लिये वरदान है हिन्दी ।
इस देश की पहचान-----------
उत्तर से दक्षिण , पूर्व से पश्चिम ,
मातृ भूमि की शान है हिन्दी ।
हम सबका सममान है हिंदी ।
- जयप्रकाश सूर्यवंशी
नागपुर - महाराष्ट्र
हिन्दुस्तान बनता हिन्दी से
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हिन्दी से बनता हिन्दू है
हिन्दू का स्थान हिन्दुस्तान
हिन्दुस्तान पर्याय भारत है
हिन्दी है तो भारत है....।
हिन्दी हमारी पहचान चिन्ह
हमारे देश की शान हिन्दी है
पहचान की रक्षा को सज है
हिन्दी है तो भारत है........।
लिख कर हिन्दी में नाम करे
बोलकर हिन्दी मे उद्धार करे
कुछ अच्छा सा बदलाव करे
हिन्दी है तो भारत स्वीकार करे
सब थके, हिन्दी न कभी रूके
कर रहे प्रयास यह सदा ही डटे
इसका विस्तार सकारात्मक है
हिन्दी है तो भारत है....हम है।
- ममता बारोट
गान्धी नगर - गुजरात
हिन्दी है तो भारत है
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हिन्दी भाषा से बनी मेरी पहचान
क्यों न करूँ मैं इस पर अभिमान।
विदेशों से इस ने ताआरूफ़ करवाया
बोली से ही मैं भारतीय कहलाया
राष्ट्र भाषा बन हिन्दी बनी पटरानी
कोई भाषा न बनी इस की सानी
शब्द भंडार से यह सब को भाती
रोजी-रोटी के लिए बनी यह दाती
सभी को अपनी ओर आकर्षित करती
सारी बोलियाँ इस का पानी भरती
दुनिया में इस ने भारत का मान बढ़ाया
तभी तो राष्ट्र भाषा का दर्जा पाया
हिन्दी से भारत, भारत से हिन्दी
सब ने माना, यह भारत की बिन्दी
हिन्दी भाषा से बनी मेरी पहचान
क्यों न करूँ मैं इस पर अभिमान
- कैलाश ठाकुर
नंगल - पंजाब
हिंदी है तो भारत है
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हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है,
ये जन-जन के गले का हार है,
ये है भारत की, आन-बान-शान,
हिंदी बड़ी महान।
हिंदी है तो….
हिंदी भारत मां के माथे की बिंदी,
माथे पे ये चमचम चमकती,
संस्कार, रीति-रिवाज सहेजती,
सब भाषाओं से अधिक महकती।
हिंदी है तो….
भारत की पहचान है हिंदी,
हिंदी में है निहित, सभ्यता संस्कृति,
है विविध भाषाओं की फुलवारी,
पर हिन्दी उनमें सबसे न्यारी।
हिंदी है तो….
राष्ट्रीय एकता को दृढ़ता देती,
राष्ट्र के स्थायित्व को बढ़ाती,
साहित्य को समृद्ध है करती,
देशप्रेम का भाव बढ़ाती।
हिंदी है तो….
-प्रज्ञा गुप्ता
बाँसवाड़ा - राजस्थान
शास्त्रों की पहचान हिंदी
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भारत की है हिंदी भाषा
जीवन मंत्र ये परिभाषा
बनें सुदृढ़ समाज परिपक्व
सुंदर सुशील वचन की आशा
भारत की है ये बिंदी
संगीत सुनाती कालिंदी
सुंदर भाषा और संस्कृति
शास्त्रों की पहचान हिन्दी
साहित्य की जान है ये
भारत की पहचान है ये
जैसे सूरज से प्रकाश निकला है
हिंदी से ही मधुर स्वर उपजा है
हिंदी है संजीव सलिल भाषा
भारत जन की है ये अभिलाषा
आओ सुदृढ़ सभ्य समाज बनायें
हिंदी का परचम हम लहरायें
- शिवानी गुप्ता
हरिद्वार - उत्तराखंड
हिंदी है तो भारत है
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हिंदी हमारी पहचान है
विश्व के हर कोने में हमारी हिंदी बोली जाती है
हिंदी से हमारे भारत की पहचान है
हिंदी है तो भारत है
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है
इसमें हम बोलकर देश का मान बढ़ाते हैं
देश का गौरव बढ़ाते हैं
तभी तो हिंदी की पहचान
यह हमारी हिंदी हिंद से बनी हैं
हिंद हमारा हिंदुस्तान है
इस बोली में अलंकार, छंद ,काव्य, गद्य, निबंध,
सारी विधाओं का समावेश है
तभी तो यह हमारे हिंदुस्तान की पहचान है
भारत में जो बोले हिंदी
वही हमारा प्रिय हैं हमारी भाषा की पहचान हिंदी है हमारे राष्ट्रभाषा को बोलकर
हमें इसका मान बढ़ाना है
हिंदी है तो हमारा भारत है
कहीं भी जाओ इस का बखान
इस की गौरव गाथा सबको सुनाओ
हिंदी है तो भारत है
- दीपा परिहार
जोधपुर - राजस्थान
हिंदी है तो भारत है
***********
भारत की शान हिंदी है ।
दुनिया की पहचान हिंदी है
हिंदी है तो हमारा देश है।
आन बान शान हिंदी है
आओ बच्चों तुम्हें सिखाएं
राष्ट्रीय भाषा हमारी हिंदी है।
हिंदुस्तान मेरा सबसे महान
गौरव भाषा मेरी हिंदी है ।
- शैलेष वाणिया" शैल"
आणंद - गुजरात
बिन हिन्दी निर्वासित भारत
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डेढ़ सौ वर्षों के धृतराष्ट्रीय काल में
बोयी गई है निःउर्वरा फसल
औ सींची गई है पचहत्तर साल
उसे काटने के लिए बनाना है वज्र
और बनना है तुम्हें दधीचि
ताकि तुम्हारी हड्डियों से बना वज्र
मुक्ति दिलाये अँग्रेज़ी के गूंगे शोर से
मानसिक गुलामी के दौर से
जो बना रही है वाणी को पंगु
और ध्वस्त कर रही है हिन्दी की प्रतिमा!
हिन्दी जो नींव है हमारी संस्कृति की
हिन्दी जो धरोहर है हमारे इतिहास की
जिससे टूटकर भारतवासी "मैं"
में विचरेंगे "हम" को भूलकर
बन जाएंगे राह के भिखारी
अपनी संस्कृति और सभ्यता को खोकर।
-और अपनी आने वाली पौध को
धरोहर के नाम पर दे जाएंगे
म्यूजियम में रखी - - -
रामायण, गीता, गुरुग्रंथ और कुरान
जिनके गलते हुए पन्नों की गलन के साथ
गलेगा मां भारती का अंग-प्रत्यंग
और शेष रहेगा एक - - -
अनाम अनाथ पंगु परमुखापेक्षी
निर्वासित भारत--- वाणी हीन!
जान लो भरतखंड वंशज
हिन्दी है तो भारत है
हिन्दी है तो हम" हम" हैं
"हम" हैं तो भारत है
इसीलिए
देवभाषा संस्कृत की दुहिता हमारी हिन्दी
देवलिपि देवनागरी की अ-क्षरा हिन्दी को
बनाना चाहते हैं - - - -
मां भारती का अनुपम श्रृंगार।
युगों युगों तक - - - - क्षितिज के पार।
साकारित निराकार ओंकार दीप
चिरंतन रहे प्रदीप्त
देव लिपि हिन्दी का।
कि - - - हिन्दी है तो भारत है
हाँ हिन्दी है तो भारत है
- हेमलता मिश्र "मानवी"
नागपुर - महाराष्ट्र
हिन्दी
*******
हिन्दी मेरी मातृभूमि है ।
हिन्दी अविरल बहती भाषा है ॥
हिन्दी माँ का अनुराग है
हिन्दी पिता का त्याग है
हिन्दी गुरु की परछाई सी
हिन्दी ब्रह्माण्ड की गाथा है
हिन्दी मेरी मातृभूमि है ।
हिन्दी अविरल बहती भाषा है ॥
हिन्दी हिन्द का ताज है
हिन्दी विश्व का आज है
हिन्दी है उत्पति सृष्टि की
हिन्दी मन की अभिलाषा है
हिन्दी मेरी मातृभूमि है ।
हिन्दी अविरल बहती भाषा है ॥
- विशाल चतुर्वेदी ' उमेश '
जबलपुर - मध्यप्रदेश
हिन्दी
****
कैसी चली हवा ये सब कुछ भुला दिया
रहते हम वतन में हिन्दी नही आती ।
है बैठ एक कोने में रोती है हाय हिन्दी
अब हर तरफ इंग्लिश का जमाना है दोस्तो ॥
हिन्दी से हिन्द और हिन्दुस्तान दोस्तो
हिन्दी से है वतन की पहचान दोस्तो ॥
कैसी चली - - - - - - - - - - - - -
होती है हर कवि की शान ये हिन्दी
होती है हर कवि की पहचान शान ये हिदी ॥
है राष्ट्र भाषा हिन्दी हम गर्व है करते
हिन्दी को हम शत् शत् नमन् है करते ॥
ऐसी चली हवा सब कुछ भुला दिया
रहते है हम वतन हिन्दी नही आती ॥
- नीमा शर्मा हंसमुख
नजीबाबाद - उत्तर प्रदेश
हिन्दी है तो भारत है
*************
मेरा जन्म हिन्दुस्तान में
हिन्दी बोलता हूँ
हिन्दी लिखता हूँ
हिन्दी पड़ता हूँ
मेरे दिल में भी हिन्दी
और पूरा हिन्द,हिन्दी का है
हिन्दी के बिना भारत का हर सपना अधूरा है।
हिन्दी से हिन्दी साहित्य जगत पूरा है।
हिन्दी बहुत ही सरल भाषा है।
सब सीख लेंगे यही आशा है।
भारत के हर गाँवो और शहरों में हिन्दी का राज है।
सरकारी और प्राइवेट कार्यालय में हिन्दी में ही कामकाज है।
हिन्दी सबकी आवाज है
हिन्दी सबकी भाषा है।
हिन्दी हिन्दुस्तान की जान है
हिन्दी हमारी पहचान है।
हिन्दी ज्ञान की इमारत है
इसलिए
हिन्दी है तो भारत है।
जय हिन्द।जय भारत है
- राम नारायण साहू "राज"
रायपुर - छत्तीसगढ
हिंदी है तो भारत है
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राष्ट्र भाषा हन्दी है तो भारत है,
विचार विनिमय की पहचान।
अनेकता में एकता की भावना,
हिंदी भाषा से ही हिन्दुस्तान।
संस्कृत भाषा हिंदी की जननी,
तत्सम तद्भव शब्दों का भंडार।
देशज और विदेशज संयोग से,
व्यापक हिंदी भारत में विस्तार।
अनेक भाषा-बोली का यह देश,
विभिन्न जाति धर्म संग परम्परा।
विशाल जनतंत्र की विशेषता,
भारत में हिंदी सबको है प्यारा।
परिमार्जित वैज्ञानिक सुभाषा,
बावन वर्ण चिह्नों से विद्यमान।
जग की सकल भाषायी वर्तनी,
हिंदी भाषा में सटीक बखान।
व्याकरण सम्मत सौम्य सहज,
सार्थक शब्दों के भाव विधान।
सरस लालित्य सरगम साधक,
हिंदी का करते नित गुणगान।
प्रवासी भारतीयों के मुख में,
निरन्तर हिंदी भाषा आरत है।
आदर्श जननी-जन्मभूमि में,
सुमधुर हिंदी है तो भारत है।
- रामचन्द्र प्रधान 'लोईंग'
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
हिन्दी हे तो भारत है
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हिंदी क्या है? प्रश्न का उत्तर है ।
हिंदी भारत की एक जन -भाषा है।
जन्म से ही इससे गहरा रिश्ता है
तभी इसे कहा जाता मातृभाषा है।
जीवन प्रांगण में खाते -खेलते।
बन जाती यही संपर्क भाषा है।
हम कहलाते भारतीय नागरिक हैं और यही संविधान मान्य भाषा है।
सेवा यदि सरकारी करते हैं हम
तब जानिए यही राजभाषा है।
राजनैतिक वाद विवाद से परे सोचे, विश्व में जानी जाती यही राष्ट्रभाषा है।
आई.टी के जरिए लांघ रही सरहदें, बनने इक दिन विश्व की भाषा है।
घर की मुर्गी दाल बराबर मत मानो।
ना समझो इसे हीन हृदय, दीन भाषा है।
स्वाभिमान व उन्नत भाव से करेंगे वंदन।
अटल सत्य यही है, हिंदी है तो भारत है।
- डा. चंद्रा सायता
इंदौर - मध्यप्रदेश
हिंदी है तो भारत है
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निज माँ छोड़ और को पूजे
उस पर भेजो लानत है।
माना हिमदुस्तानी तुम,
हिंदी है तो भारत है।
हमे किसी से बैर नहीं
भाषा बोली अलग रहे।
जब सवाल राष्ट्र का आये,
सारा आलम सजग रहे।
हिन्दू, मुस्लिम,सिख,ईसाई,
हिंदी इनको जोड़े भाई।
निज भाषा उन्नति अहे,
सब भाषा को मूल।
भारतेंदुजी कह गये,
अब मत करना भूल।
छोड़ के अपनी भाषा गर,
विदेशी तुम अपनाओगे।
माँ भारती के ऋण से फिर,
कभी उऋण न हो पाओगे।
जागो सोने वालों,सोचो!
देश की किसकी चाहत है।
हिंदुस्तानी गर्व से बोलें-
'हिंदी है तो भारत है।'
- रश्मि लता मिश्रा
बिलासपुर - छत्तीसगढ़
हिन्दी है तब भारत है
**************
सिर में सोहे गीरीराज हिमालय
हिन्दसागर चरण पखारत है।
भाँती भाँती के बोली भाषा
पर हिन्दी है तब भारत है।।
विविध भेष संस्कृती अनोखी
गुण वीर धीर महारथ है।
महाभारत मे गीता की चर्चा
सुनते कृष्ण से पारथ है।।
भाँती भाँती के बोली भाषा
पर हिन्दी है तब भारत है।।
विश्व के अदभुत अमृत जैसी
बहती गंगा परमारथ है।
सुश्रुत चरक यही जन्मे थे
दिए ज्ञान बीना स्वारथ है।।
भाँती भाँती के बोली भाषा
पर हिन्दी है तब भारत है।।
प्रातः सबेरे घंटा शंख अरू
ध्वनी ओंकार उच्चारत है।
लव कुश सम अनुशासित बच्चे
गुरूगृह भाग्य संवारत है।।
भाँती भाँती के बोली भाषा
पर हिन्दी है तब भारत है।।
ऋषी मुनी अलौकीक विद्या
अज्ञान कलुषित मारत है।
हिन्दी भाषा जननी हमारी
हम सब को दुलारत है।।
भाँती भाँती के बोली भाषा
पर हिन्दी है तब भारत है।।
- गोवर्धन लाल बघेल
महासमुंद - छत्तीसगढ़
हिंदी है तो भारत है
*************
हिंदी भारत मां के माथे की बिंदी
सब भाषाओं की बड़ी बहना हिंदी
भारत की पहचान है हिंदी
हिंदुस्तान में रहकर जो न बोले हिंदी
लगती नहीं ये कैसी शराफत हैं
हिंदी है तो भारत है
राष्ट्रभाषा का मान है हिंदी
हिंदुस्तान की जान है हिंदी
बाहर में बोल न सके जो हिंदी
होती उसकी बड़ी जलालत है
हिंदी है तो भारत है
जो नहीं समझे सके हिंदी
नरक समान उसका जिन्दी
उसके जीवन पर लानत है
होती उसकी गारत है
हिंदी है तो भारत है
सब भाषा का रखो ज्ञान
पर हिंदी का दो उसका मान
हिंदी से हमारी पहचान
यही हम सब की चाहत है
हिंदी है तो भारत है
अपनी भाषा छोड़कर
अंग्रेजी अपनाते दौड़कर
हिंदी अपने ही घर मे उपेक्षित है
ये कैसी है मलामत है
हिंदी है तो भारत है
अपनी मां खाए सूखी रोटी
दूध मलाई सौतेली माँ
वर्ष में एक दिन उसको देते
ये कैसी जलालत है
हिंदी है तो भारत है
रहते हैं जो हिंदुस्तान में
इंग्लिश में डायलॉग मारते हैं
शर्म आती हिंदी बोलने में
"दीनेश" ये कैसी शरारत है
हिंदी है तो भारत है
- दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश"
कलकत्ता - प. बंगाल
हिन्दी
****
संस्कृत, पाली ,प्राकृत, अपभ्रंश और
अपभ्रंश से फिर हिन्दी बनी।
कितना लम्बा रहा सफर तुम्हारा
और फिर अपनी भाषा बनी।
कण-कण में रची बसी
मन-मन में छायी हुई
संस्कृतियों को समेटे
खुशबू को समाए हुए
माँ की तरह रक्षा करती
अपने उपर आक्रमण सहती।
गौरवशाली इतिहास तुम्हारा
गौरवशाली है छाप तुम्हारी
परन्तु निज तिरस्कार सहती।
धिक्कार है मनुज धिक्कार है
माँ को सम्मान न दे पाए।
मातृभाषा का नाम न दे पाए।
जागो तुम अब जागो
मिटने न दो तुम इसे
तब तुम भी सम्मान पाओगे ।
विश्व पटल पर नाम कमाओगे।
- जगदीप कौर
अजमेर - राजस्थान
भारत तन है, हिन्दी सांसें
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भारत तन है , हिन्दी सांसें
सांस बिना जीवन कैसा ?
सदा पुष्प के साथ रही है,
आनंदमय नित्य सुगंध।
जैसे ज्ञान बिना जीवन भी,
हुआ है मानव का अंध।
ज्ञान-सुगंध फैलैगी जब
देश बनें मधुबन जैसा।।
भारत तन है , हिन्दी सांसें
सांस बिना जीवन कैसा ?।।
अस्तित्व नहीं है सागर का,
होकर सरि से कभी प्रथक।
सिंधु-रत्न की रक्षा हित में,
मिलती चलकर सदा अथक।
सदा तटी बिन रत्नाकर का ,
जीवन है निर्जन जैसा ।।
भारत तन है , हिन्दी सांसें
सांस बिना जीवन कैसा ?।।
खग के पंखों सी हिंदी है
भारत सा उनका तन है।
बिन पानी के मछली जैसा
बिन पर उनका जीवन है।
बलशाली पंख करेंगे हम,
खग उड़ सके पवन जैसा।
भारत तन है , हिन्दी सांसें
सांस बिना जीवन कैसा ?।।
भारत माता खुश होती है
सजे माथ पर बिंदी भी।
पर, नद , ज्ञान , सुगंध बचा लें,
हो जाए खुश हिन्दी भी।
जग में तृतीय से प्रथम बने,
प्रण लें , दें तन मन पैसा।
भारत तन है , हिन्दी सांसें
सांस बिना जीवन कैसा ?।।
- हितेन प्रताप सिंह "तड़प"
मेरठ - उत्तर प्रदेश
हिंदी सरल और रस भरी है
****************
हिंदी है तो भारत है
भाषा देश की पहचान है
चीन , रूस या जापान है।
भारत ने स्वीकारा बिंदी को
राष्ट्रीय भाषा चुना हिंदी को।
हिंदी सरल और रस-भरी है
संस्कृत से यह जन्मी है।
उद्गार भावों का दिखाती
वीरानी को मार्मिक बनाती।
जननी प्रादेशिक भाषाओं की
अनुवादक कई रचनाओं की।
प्रगाढ़ता बनाती पर्यटकों से
कोमल फूल खिलाती कंटकों से।
आज हिंदी सर चढ़ कर बोलती
भारत न होता अगर हिंदी न होती।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
हिन्दी है तो भारत है
***************
कितनी प्यारी लगती है, अपनी यह भाषा हिन्दी,
जैसे अपनी माँ के माथे, सजती है सुन्दर बिन्दी।
नारी के जैसे हिन्दी के , होते हैं रूप हजार,
कभी ममतामयी माँ, कभी करे दुल्हन सा श्रृंगार ।
बड़ी सहज होती है हिन्दी, जिसमें बच्चों-सी निश्छलता,
सुमधुर और कर्णप्रिय भी, लगती भली हिन्दी की सरलता।
एक बार जो लगा ले गोता, हिन्दी की इस सरिता में
अमृत घूंट है पी लेता वो बन्दा हिन्दी कविता में।
उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम, अलख सर्वत्र जगाती हिन्दी
देशी और विदेशी सबको, अपने गले लगाती हिन्दी
आओ आज शपथ लें हम, हिन्दी का मान न घटने देंगे
माँ के माथे की बिन्दी का, हम रंग न फीका होने देंगे।
हिन्दी है तो भारत है, बिन हिन्दी हिन्दुस्तान कहाँ,
समृद्धि को इसकी नमन करे, झुककर यह सारा जहाँ।।
- गीता चौबे गूँज
रांची - झारखंड
मीठी बोली जग से न्यारी
*****************
हिन्दी है हमारी मातृभाषा
सरल सरस मनोरम भाषा
कितनी सुंदर कितनी प्यारी
मीठी बोली जग से न्यारी
भारत की शान है हिन्दी
ज्यों दुल्हन के माथे बिंदी
14 सितम्बर को पर्व ये आये
हिंदी दिवस हम मिलकर मनाये
निज भाषा अभिमान है हिन्दी
भारत की मूल पहचान है हिन्दी
हिंदी भाषा से बढ़ता ज्ञान है
ये विश्व सरिता संज्ञान है
हिन्दी मातृभाषा का हमको अभिमान है
सारे जग को इसका कराना हमको भान है
- ललित जैन
हरिद्वार - उत्तराखंड
हमारा सम्मान है हिन्दी
***************
हमारा गौरव हमारा मान,
हमारा सम्मान है हिंदी।
हमारे संस्कारों में बसी,
हमारा अरमान है हिंदी।
कबीर वाणी में निखरी,
नीति का गान है हिंदी।
तुलसी-चौपाई में समरसता
का अद्भुत बखान है हिंदी।
सूर-पदों में प्रभु लीला का
मधुर बखान है हिन्दी।
अनुपम भक्ति में बसती
रस की खान है हिन्दी।
मीरा, महादेवी की वेदना,
. प्रसाद का श्रृंगार है हिन्दी।
दिनकर की ओजस्वी वाणी,
राष्ट्र-प्रेम की धार है हिन्दी। मातृस्वरूपिणी वंदनीया,
हमारा अभिमान है हिंदी।
मातृभाषा है यह हमारी
सबका सम्मान है हिन्दी।
हिन्दी से ही तो भारत है,
भारत की पहचान है हिन्दी।
हम सब भारतीयों के लिए,
स्वर्ग के समान है हिन्दी।
- डा. साधना तोमर
बागपत - उत्तर प्रदेश
मातृभूमि की अरमान है
*****************
हिन्दी अपनी जान है,
आन बान और शान है,
माँ भारती की यही तो पहचान है,
मातृभूमि की अरमान है,
अंग्रेज़ी पुतले की तो बंद जुबान है,
हाय बाय पे फक्र करे,
हिंदी में निकल जाती जान है,
माम, डैड, पर गर्व करे,
पिज़्ज़ा बर्गर उनकी जान है,
हिन्दी भाषा से शरमाते हैं,
अंग्रेज़ी पे इतराते हैं,
तो सुन, ऐ नादान, एक बात तुम्हेँ बतलाते हैं,
विदेशी भाषा का अवश्य रखो ज्ञान,
हिन्दी से ही हिन्द की पहचान है,
सभ्यता, संस्कृति की जान है,
स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस पर, गाते हम हिन्दी गाण हैं,
कण कण में हिन्दी की शान है,
हम सबकी प्यारी मुस्कान है,
आओ प्रण लो,
निज भाषा का करे सम्मान,
जीवन पर्यंत रहे यही विधान,
नतमस्तक हो समक्ष इसके देश रहे अपना महान।
- डॉ सत्यम भास्कर भ्रमरपुरिया
दिल्ली
मिट जाएंगे मर जाएंगे
**************
हिन्दी है तों भारत है
आओ भारत का मान बढ़ाए
हिन्दी हमारी आन बान शान है
हिन्दी हमारी मातृभाषा
आओ इसका मान बढ़ाए
गाये जन गण मन कि गाथा को
हिन्दी हमे जान से प्यारी
इसका मान नहीं झुकने देंगे
हिन्दी हमारा ताज है
यह देश कि आन बान शान है
हिन्दी आज बनी राष्ट्र भाषा
हम इसका सर नहीं झुकने देंगे
चाहे जान हमारी जाए
मिट जाएंगे मर जाएंगे
हम इसका मान बढ़ाए
- कमलेश कुमार राठौर
मंदसौर मध्य-प्रदेश
हिंदी हिंद की शान है
**************
बिन हिंदी कौन हिंद को जाने,
कौन हमें फिर हिंदू माने! हिंदी अपनी पहचान है! हिंदी हिंद की शान है!
हिंदी भाषा को अपनाकर,
देश उन्नति पथ चढ़ जायेगा!
जो मां का सम्मान करेगा,
जग मे गौरव बढ़ जायेगा!
मां को उचित सम्मान मिले, ये हम सबकी जिम्मेदारी है!
भाषा अपनी जग में महके, यह अपने दिल की क्यारी है!
आओ मिलकर ठानें हम सब,
हिंदी को सम्मान दिलायेंगे! दूर देश तक हिंदी का परचम हम लहराएंगे!
- अंजू अग्रवाल 'लखनवी'
अजमेर - राजस्थान
मेरा भारत महान है
*************
मेरा भारत महान है
हिंदी इसकी शान है
देश में दर्जनों भाषा हैं
हिंदी सबकी खान है
मेरा भारत महान है
हिंदी हिन्द की चादर है
नेता पहनते खद्दर हैं
जो करते हिंदी कि इज्ज़त
वहीं देते बलिदान हैं
मेरा भारत महान है
पत्थर भी पूजे जाते देश में
नदियों को माता कहते हैं
पेड़ पौधों को शीश नवाकर
हम रखते इनका मान हैं
मेरा भारत महान है
- डॉ. अशोक कुमार
मुजफ्फरनगर - उत्तर प्रदेश
हिंदी हैं तो भारत हैं
**************
हिंदी हैं तो भारत हैं
हिंदी से हिंदुस्तान है
हिंदी की जय बोलो
हिंदी अपनी शान है।
जन जन की भाषा है अपनी
हिंदी हिंदुस्तान की
विश्व पटल पर गूँज रही है
भाषा हिंदुस्तान की।
हिंदी है तो भारत है
हिंदी को आगे बढ़ाना है
भारत के बच्चों बच्चों को
हिंदी में पढ़ाना है।
एकता का सूत्र है हिंदी
हिंदी हमें मिलाती है
हिंदी से बनते हैं रिश्ते
खुशहाली यह लाती है।
हिंदी को अपनाएँ मिलकर
यही प्रतिज्ञा करते हैं
हिंदी के सम्मान में मिलकर
आओ सब कुछ करते हैं।
- गजेंद्र कुमार घोगरे
वाशिम - महाराष्ट्र
हिन्दी है तो भारत है
*************
कितनी प्यारी अपनी हिन्दी
लगती है माथे की बिन्दी
मातृभाषा ये है हमारी
हम सब को लगती है प्यारी।।
देवनागरी लिपि से सजी।
वर्ण और व्यंजनों में बँधी
फिर अक्षर और वाक्य बनाती
कहानी, कविता और गजल कह जाती।।
अनेक लोक, क्षेत्रिय भाषाओं
से सजा हमारा हिन्दुस्तान
सबको अपने में समेट लेती
यही हिन्दी की है, पहचान।।
हमारी आन - बान- शान है, हिन्दी
संस्कार, तीज, त्यौहार है, हिन्दी
पुरखों की धरोहर का राज है, हिन्दी
महाभारत, रामायण, गीता का पाठ है, हिन्दी।।
हिन्दी को शिखर पर ले जाना है
अब यही संकल्प दुहराना है।।
- कल्याणी झा
राँची, झारखण्ड
हिंदी भारत का नाता
**************
हिंदी और हिंद का गहरा नाता ,
आर्यावर्त ही भारत कहलाता ।
आर्यों ने भावों के व्यक्त किया ,
भाषा को संस्कृत कानाम दिया ।
हिंदी है उत्तराधिकारणी संस्कृति की ,
समा जनमानस में आवाज बनी जन जन की ।
कई राज्य हैं कई बोलियाँ ,
हिंदी नदिया सी बहती जाती ।
भारत की हर भाषा अलबेली ,
समा हिंदी में बनी सभी सहेली ।
दूर बैठे परदेशी हिंदी सुन अकुलाते हैं ,
भारत को अपनी धरती बतलाते हैं ।
सभी की होती अपनी पहचान ,
हिंदी सदा रही भारत की शान ।
- कमला अग्रवाल
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
मेरी हिंदी माँ
*********
मेरी हिंदी माँ!
सुनो! हिंदी है तो भारत है
तुम भारत की पहचान हो....!
इसलिए कभी
तुम चिंतित न होना
राजभाषा से राष्ट्रभाषा तक
तुम्हारी इस यात्रा के लिए,
तुम्हारे सम्मान के लिए
तुम्हारे स्वाभिमान के लिए
हर भारतीय
निकल पड़ा है
मैदान में...!!
हिंदी सेवकों,
हिंदी कवि सम्मेलन के सारथियों,
भाषा सारथियों,
संगणक योद्धाओं की फौज
हो चुकी है तैयार....!!!
पहले
माँ हिंदी के लिए
अपने-अपने तरीके से
अपनी अंतिम साँस तक
लड़ते रहे तुम्हारे पुत्र,
कभी हारने भी लगे
तो फिर तैयार हुए
अपने शास्त्रों के साथ
इसका इतिहास साक्षी है...!!!!
उन्हीं योद्धाओं से
प्रेरणा लेकर
सजा लिए हैं
तरकस में सबने
अपने-अपने तीर,
थाम ली है कमान
अपनी योजनाओं की,
थाम लिया है ध्वज
हिंदी के सम्मान का
स्वाभिमान का...!!!!!
अब देखना तुम
ये यात्रा
ये युद्ध तभी रुकेगा
जब राष्ट्रभाषा के पद पर
माँ हिंदी शोभित होगी...!!!!!!
तब तक
तेरे पुत्र-पुत्रियाँ
थके बिना
तेरे लिए अहर्निश
काम करते रहेंगे...!!!!
तुम चिंतित मत होना
मेरी हिंदी माँ.......!!!!!!!!
- डा० भारती वर्मा बौड़ाई
देहरादून - उत्तराखंड
हिन्दी हैं तो हिन्दुस्ता है
*****************
भाषाओं की जननी है संस्कृत
सबसे प्यारी संतान है हिन्दी।
काव्य है ग्रंथ पुराण है हिन्दी
मान है सम्मान है हिंदुस्तान का
प्राण है हिंदी।
अंग्रेजो को धूल चटाई
स्वतन्त्रा संग्राम है हिन्दी
क्रांतिकारी गान है हिन्दी
आन है हिन्दी बान है हिन्दी
भारत का सम्मान है हिन्दी।
कवियों के कलम ही श्याही है
योद्धा की ललकार है हिन्दी।
भारत के कण कण में बसता
मोहक स्वर अभिराम है हिन्दी
शब्दो की माला में जीवित प्रेम
गीत की माल है हिन्दी।
हिमालय पर्वत की ऊंचाई
सात समुन्द्रों की गहराई।
उज्जवल सूरज की किरणों सी
गंगा जल के अमृत जैसी
पावन पतित महान है हिन्दी
भारत माँ के हृदय में बसती
जीवन पथ महाप्राण है हिन्दी
केवल भाषा नही है हिन्दी
पूरा हिंदुस्तान है हिंदी।
- सोनिया प्रतिभा तानी
जालंधर - पंजाब
मैं हिंदी हु
*******
मैं हिंदी हु,मैं हिंदी हु,मैं हिंदी हु,मैं हिंदी हु।
मराठी और गुजराती मैं पंजाबी हु सिंधी हु।
लगा सिंदूर बन के माँग पर मैं हर सुहागन के,
ये भारत माँ के माथे की मै बिंदी हु मैं हिंदी हु।
- कवि हेमंत बसंत "काविश"
आमगांव - महाराष्ट्र
हिंदी है तो भारत है
*****"********
भाषा मेरी हिंदी
वो देश मेरा महान ,
धरती पर हरियाली सोहे
नीला आसमान ।
हिंदी है तो भारत है ,
भारत है विश्व की शान।
माथे मुकुट सुशोभित
हिमालय विराजमान ,
सीमा पर बन प्रहरी जो
सेना को करते सावधान।
हिंदी है तो भारत है ,
भारत है विश्व की शान।
भाषा मेरी हिंदी
और भारत मेरा महान ।
संस्कृति ,धर्म ,जात -पात
सब मिलकर बढ़ाएं शान ।
हिंदी है तो भारत है ,
भारत है विश्व की शान।
भारत का संविधान बना
एकता की पहचान ।
सब धर्मों का मेल जहां
वो प्यारा हिंदुस्तान ।
हिंदी है तो भारत है ,
भारत है विश्व की शान ।
ऋषिओ की वाणी से झड़ते
यम, नियम ,और ध्यान ,
संस्कृत और वेदों का करते विदेशी भी अमृत पान ।
हर इंसान मिलकर गाता
जन -गण -मन राष्ट्रगान ,
भाषा जिसकी हिंदी
वो भारत मेरा महान।
हिंदी है तो भारत है ,
भारत है विश्व की शान।
- रंजना हरित
बिजनौर - उत्तर प्रदेश
हिंदी है तो भारत है
***********
भाषा के बिना क्या देश, क्या वेश खेंच भी ना सकोगे तुम एक रेष संस्कृत की जननी देवनागरी, हिंदी बोली
भारत है उसका परिवेश, उसका देश
भाषा के बिना क्या देश, क्या वेश
हम स्वतंत्र हुए गोरों से लड़कर निज भाषा में
होगा सब खानपान, अपना देश इस आशा में
किसे पता था हम ढो रहे थे नारों के अवशेष
राष्ट्र तो बना लड़कर पर गूंगा हो गया देश
भाषा के बिना क्या देश, क्या वेश
हिंदी भाषा के बिना अधूरा है विकास जान लो
मानो कृष्ण सारथी हो बिना रास जान लो
रखो बोलियां भारत के वर्ण हिंदी पर सवार
खुद ब खुद अधर धारण करेंगे नया वेष जान लो
भाषा के बिना क्या देश क्या वेष
अर्थ, भाषा , जमीं बनती देश की पहचान
इसमें ही तो बस्ती है हर नागरिक की जान
इनको दिल में बसाकर फिर देना तुम दान
देशी माल, हिंदी भाषा, भारत का अपना निवेश
भाषा के बिना क्या देश, क्या वेश
- नरेंद्र परिहार
नागपुर - महाराष्ट्र
हिंदी है तो भारत है
************
हिंदी है तो भारत है
हिंदी हिंदुस्तान है !!
जन जन की वाणी है हिंदी
धड़कन मे घोली है हिंदी !!
भारत के भाल की बिंदी है हिंदी
देश का स्वाभिमान है !!
हिंदी भारत की पहचान है
हिदीं हिंदुस्तान है !!
सहज सरल और मरदुल है हिंदी
भावनाओं में सफल है हिंदी !!
वेद पुराण उपनिषदों में रचित सभी हिंदी छंदों में ग्रंथों का गुणगान है !!
हिंदी से ही हिंदुस्तान है !!
हिंदी भारत की पहचान है
देश का स्वाभिमान है !!
हिंदी हिंदुस्तान है
भारत की शान है !!
मानवता की प्रतिक है हिंदी
सद्भावना की लीक है हिंदी !!
ज्ञान और विज्ञान को गति दे
प्रेम सूत्र में बाँध सुमति दे !!
हिंदी बहुत महान है
हिंदी हिंदुस्तान है!!
हिंदी भारत की पहचान है !!
हिंदी है तो भारत
हिंदी हिंदुस्तान है !!
इंसानियत का पाठ पढ़ाये !
नित ये गंगा बहती जाये !!
हिंदी भारत की जान है
हिंदी हिंदुस्तान है !!
ये जो हमारी वसुंधरा है
हरित रंग हिंदी का भरा है !!
हमको इसका क़र्ज़ चुकाना है
सिंहासन पर इसे बिठाना है !!
अपना तभी कल्याण है
देश का स्वाभिमान है !!
हिंदी है तो भारत है
हिंदी हिंदुस्तान है !!
- डॉ अलका पाडेंय
मुम्बई - महाराष्ट्र
हम हिंदी है
*********
मै हिंदी हुं हम हिंदी है
मेरी भाषा हिंदी है
मेरा वतन हिंदुस्तान है
मुझे हिंदी भाषा पर गर्व है
हिंदी भाषा हिंदुस्तान
की आन-बान शान है
हिंदी भाषा तो हिन्दुस्तान
का सम्मान है
देश मे का बहुत सारा काम
हिंदी भाषा मे होता है
हिंदी भाषा मे काम करकर
हमारा स्वाभिमान बढ गया है
- अनोमा मालसमींदर
परभणी - महाराष्ट्र
भारतीय की जननी हिंदी
***************
भारत की पहचान हिंदी
भारतीय की जननी हिंदी
हिंदी तू सिर्फ नहीं एक भाषा
भारत की है तू एक परिभाषा
जन जन की है मातृभाषा
सहज सरल तेरा स्वभाव
हर जन को भाए तेरा भाव
स्वर व्यंजन तेरा राग
छंद अलंकार बना अनुराग
साहित्य का तू है ताज
हर लेखक कवि बने सम्राट
तेरी शक्तिशाली भुजाओं में है मान शान
साहित्यकारों को मिला तुझसे मान सम्मान
अंग्रेजी ने तुझे सताया जान
पर तूने दिखलाया अपना शान
संस्कृत है हर भाषा की जननी
पर हिंदी तेरी तो वहहै संगिनी
सागर से भी गहरी तेरी गहराई
मंथन करते रहते हर भारतीय भाई
धन्य धन्य हो गई सबकी जिंदगी
पाकर तुझको ए प्रिय हिंदी
तुझे नमन तुझे वंदन है
तू ही कृष्ण तू ही शिव
तू ही अर्जुन तू ही सारथी
पाकर तुझे सभी हो गए महारथी
- कुमकुम वेद सेन
मुंबई - महाराष्ट्र
हिन्दी है तो है हिन्दुस्तान
******************
हिंद देश के वासी हम,
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है।
भारत की सुगंध को लिए,
भारत से रिश्ता पुराना है।
नहीं कोई है इसके समान,
हिंदी है तो, है हिंदुस्तान।
कई भाषाएं हैं दुनिया में,
हिंदी सबकी की रानी है।
विश्व में बिखरे भारतीयों को,
एक सूत्र में बाँधती हिंदी है।
हिंदी है हमारी शान,
हिंदी है तो है हिंदुस्तान..
सीखने में सरल, बोलने में मधुर,
सभी साहित्यकारों को प्यारी है।
अपनी बातें दिलों तक पहुँचाती,
ऐसी दिलकश हमारी हिंदी है।
नहीं कोई है इतना महान,
हिंदी है तो है हिंदुस्तान...
बढ़े प्रतिष्ठा,हो उन्नति,
विश्व में आगे बढ़ाएंगे।
हिंदी अप्रतिम ,अद्वितीय है ,
दुनिया को हम बताएंगे।
इससे बढ़े देश का स्वाभिमान,
हिंदी है तो है हिंदुस्तान....
- रंजना वर्मा "उन्मुक्त "
रांची - झारखण्ड
राष्ट्र भाषा हिंदी यहाँ
**************
हम भारत के वासी हैं,भारत अपना देश i
सदा हमें इस पर गर्व,जीवन मिला विशेष ii
इसकी अपनी संस्कृति,सरल मधुर व्यवहार i
भाषा बोली प्यारी है,सब को इस से प्यार ii
राष्ट्र भाषा हिंदी यहाँ,लिपि है नगरी रूप i
जननी इस की संस्कृत,मीठी मधुर अनूप ii
छोड़ मोह अंग्रेजी का,करें हिंदी से प्यार i
देश सेवा ही लक्ष्य है, जीवन का आधार i
- डॉ. केवल कृष्ण पाठक
जीन्द - हरियाणा
हिन्दी है तो भारत है
*************
भारत की पहचान है हिन्दी,
भारत की शान है हिन्दी,
भारत की जुबान है हिन्दी,
ममता का अहसास है हिन्दी,
प्यार का इज़हार है हिन्दी,
भारत का विश्वास है हिन्दी,
भारत का विकास है हिन्दी,
राष्ट्रीय एकता की मिसाल है हिन्दी,
भारत की तकदीर है हिन्दी,
भारत की राष्ट्रभाषा है हिन्दी,
भारतीयों का अरमान है हिन्दी,
राष्ट्र प्रेम सिखाती है हिन्दी,
भारत की पहचान है हिन्दी,
इसीलिए तो कहते हैं हम सब,
हिन्दी है तो भारत है।
जय हिन्द जय भारत
- नूतन गर्ग
दिल्ली
हिंदी है तो भारत है
**************
भारत माँ के भाल लगाऊँ
मैं हिंदी बिंदी का टीका l
रक्षा का है सूत्र ये बाँधूं
मातृ भाषा प्राण प्रतिष्ठा ll
"स्वर"कुमकुम ले अक्षत "व्यंजन"
आज लगाऊँ मैं टीका l
शब्दों के मैं थाल सजाकर
आरती करूँ, वंदन टीका ll
कितनी साहित्य की हैं विधाएँ
क्या क्या तुमको नाम गिनाऊँ l
लेख, कहानी, गीत ओ कविता
चुन चुन फूल माला में गुथाउँ ll
सावन बुँदिया, छन छन चूड़ियाँ
स्वर लहरी कानों में गुंजाएँ l
रुनक झुनक जब बाजी पायलिया
छंद विधान महान रचाएँ ll
अलंकारों से माँ को सजाया
रूप देख मन अति हरषाया l
हाथों में मेहँदी की ललाई
नव रस भाव गहन है छाया ll
हिंदी व्याकरण बड़ी लचीली
देव नागरी लिपि है प्यारी l
सबको अपने रंग में रंग कर
बोले प्रीत की भाषा प्यारी ll
हिंदी की शक्ति से दुश्मन
खड़ा खड़ा थर थर थर्राया l
ओज गुणों के झेल प्रहार
सीमा से उसने कदम हटाया ll
आओ, रचनाकारों आओ
आओ साहित्य लहरी आओ l
डुबकी इसमें एक लगाओ
अपने हाथों माँ को सजाओ ll
हिंदी है तो भारत है
आओ मिलकर मान बढ़ाएँ l
हिंदी भाषा सेवी बनकर
नव सृजन का रास रचाएँ ll
- डॉ. छाया शर्मा
अजमेर - राजस्थान
हिंदी है तो भारत है
************
हिंदी भाषी हैं हम यारोहिन्दुस्तान हमारा है ।
ज्यादा से ज्यादा हिंदी बोले ये संकल्प हमारा है ।।
अगर चाहते हो कुछ करना अपने देश में ।
उखाड़ फेंको जमें हुए जो शैतानों के वेश ।
कभी नहीं संकल्प ये टूटे नारा यही हमारा है ।।
अंग्रेजी से प्यार करें और हिंदी का अपमान ।
भूल गये हैं हिंदी भाषी अपनी ये पहचान ।
करो सुरक्षा हिंदी की बस नारायही हमारा है ।
संचार का माध्यम हैहिंदी और सभी की अभिलाषा ।
हालात देख हिंदी की होती अब बडी़ निराशा ।
हिंदी की आँखों से कैसी बहती ये अश्रुधारा है ।।
नये ज़माने के साँचे में हिंदी कहीं न ढल जाए ।
भारत के भाल पर चमक रही जो बिंदी कहीं न रुल जाए ।
अधिकार दिला कर इसको होता प्रण पूर्ण हमारा है ।
हिंदी हमारी मातृभाषा हिंदी से ही हमारा भारत है ।
- डाः नेहा इलाहाबादी
बसंत विहार - दिल्ली
कुछ सोरठा छंद
*********
1)
कर कर पिछली याद ,हिया सिया का रो रहा ।
कभी किया न विवाद , तिरस्कार सहती रही ।।
2)
सीता ने निज काम , निष्ठापूर्वक सब किये ।
बनी रही निष्काम , सजन प्रेम पाया नही ।।
3)
वन कुटीर प्रासाद , सदा उपेक्षित सी रही ।
रोका उर अवसाद , मन सम्हाले फिर रही ।।
4)
अपना मानस खूंद , बार बार चिंतन करे ।
अपनी आँखें मूंद , घण्टो तक बैठी रहे ।।
5)
अपने सारे काम , सेविका भाँति कर रही ।।
आश्रय आश्रम धाम , महलों का सुख त्याग कर ।।
6)
धूलि जीवन व्यतित ,मिट्टी से जन्मी सिया ।
जीवन बना अतीत ,मिट्टी में मिल जान को ।।
7)
विवश दिखी ससुराल ,विवश सिया का मायका ।
बना रहा विकराल ,क्रूर ग्रहों का चक्र भी ।।
8)
गैरो की परवाह , खोय भरोसा स्वजन का ।
फटी न मुख से आह , अपने जन को त्याग कर ।
9)
सिय न फूली समाय , पिय अवतारी पाय कर ।
गुड़िया मोम बनाय ,प्रसन्न क्रूरता हो रही ।
10)
इच्छा रही नचाय , इच्छा से नारी बनी ।
पर इच्छा भरमाय , अपनी इच्छा कुछ नही ।।
- सुशीला जोशी " विद्योत्तमा "
मुजफ्फरनगर --उत्तर प्रदेश
हिंदी है तो भारत है
***************
हां हिंदी है तो भारत है
हिंदी है तो हिंदुस्तान है
हिंदी भारत के माथे की बिंदी
हिंदी भारत की प्राण जान है ...
हिंदी भारतवासी की रग रग में बसी
हिंदी ही भारत का राष्ट्रगान...
जन मन गण अधिनायक जय हे
भारत भाग्य विधाता.....
कश्मीर से कन्याकुमारी तक
हिंदी भारत की आन है
हिंदी तिरंगे की शान है
हिंदी है हम वतन हैं
हिंदुस्तान हमारा...
हिंदी का मान बढ़ाना है
राष्ट्रभाषा का दर्जा देना है
हिंदी है तो हम हिंदुस्तानी
सारी दुनिया में जाने जाते हैं
हिंदी हमारी पहचान है
हिंदी हमारी मातृभाषा है
हिंदी में ही भारत की सभ्यता
संस्कृति, अध्यात्म भारत का गौरव
श्रेष्ठ से श्रेष्ठतम साहित्यकारों ने
देश विदेश में हिंदी का मान बढ़ाया
उनके ही पद चिन्हों पर चलकर
हम सब हिंदी का प्रचार प्रसार करें
हिंदी है तो हिंदुस्तान है....
हिंदी है तो भारत है..
बिना प्राण के भी कोई
क्या जिंदा रह सकता है
बिना हिंदी के भारत कैसा
जैसे सिंदूर के बिना सुहागन है
हिंदी है तो भारत है....!!!
- आरती तिवारी सनत
दिल्ली
भारत के माथे की बिन्दी
*****************
हिन्दी है तो भारत है,
भारत है तो है हिन्दी,
प्यारी भाषा है हिन्दी,
भारत के माथे की बिन्दी,
बोली जाती विश्व में हिन्दी,
सब भाषा में न्यारी हिन्दी,
समृद्ध-सरल ये भाषा है,
हम सबको प्यारी है हिन्दी,
हिन्दी है तो भारत है,
भारत है तो है हिन्दी।
भारत का मान,हमारी है हिन्दी,
हम सबका अभिमान है हिन्दी,
भारत की भाषा है हिन्दी,
अभिलाषा न और किसी भाषा की,
हम सारे हैं भारतवासी,
जान हमारी है हिन्दी,
हिन्दी को आगे बढ़ाना है,
तो आप अपने को बदलना है,
और सही पहचान दिलाना है,
हिन्दी को नहीं खोने देना है,
हिन्दी हैं हम हिन्दी हैं,
गर्व से यही कहते रहना है,
जय हिन्दी जय हिन्दी,
जय हिन्दी जय हिन्दी,
हिन्दी है तो भारत है,
भारत है तो है हिन्दी।
- डॉ०विजय लक्ष्मी,
काठगोदाम - उत्तराखण्ड
हिन्दी है तो भारत है
**************
हिन्द देश की हिन्दी भाषा l भारत देश की है राजभाषा ll
ऐतिहासिक प्रमाण हिन्दी है l प्रचुर साहित्य रचना हिन्दी है ll स्वतंत्रता में योगदान हिंदी है l विभिन्नता में एकता हिन्दी है ll
हिंदुस्तान की एकता हिन्दी है l
वैज्ञानिक दृष्टिकोण हिन्दी है ll
विभिन्न धर्मों में एकता हिन्दी है l विभिन्न त्यौहारों में एकता हिन्दी है ll
जग में पहचान निराली हिन्दी है l विभिन्न भाषाओं की संस्कृति हिंदी है ll भारत की शान हिन्दी भाषा है l भारत का गौरव राष्ट्रभाषा है ll
ले दृढ़ संकल्प हिन्दी भाषा का l समझे महत्व हिन्दी भाषा का ll
हिन्द देश की हिन्दी भाषा l भारत देश की है राजभाषा ll
- कुमार जितेन्द्र "जीत"
बाड़मेर - राजस्थान
हिंदी है तो भारत है
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राष्ट्र की शक्ति हूं
विचारों की अभिव्यक्ति हूं
विश्व व्यापि हिंदी हूं
हां मैं भारत का अभिमान हूं
लहरों का संगीत हूं
पवन के हर हिलोरों में
धरा के हर जीवों में
शब्दों की भाषा में बोलो
मैं कर्ण प्रिय हूं
हां मैं हिंदी हूं
भारत की पहचान हूं
विश्व के हर कोने में
अपना परचम फहराये बैठी
भारत का अभिमान हूं
हां में हिंदी हूं!
अंग्रेजों के शासन में भी
मैं भारत की शान बनी
भारत के कोने कोने से
गूंजी थी हिंदी भाषा !
कवियों के सुरताल में
हिंदी ने ली अंगडा़ई थी
पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा
सबने हिंदी अपनाई थी !
सुना शौर्य से भरी कविता
भारत के वीरों को जगाया था
भारत माता की बेड़ी को
हिंदी गीतों ने तो तोड़ा था !
राष्ट्र हित में जिंदी हिंदी ने
अपना परचम फहराया
भारत की स्वतंत्रता में
निज-भाषा स्वाभिमान का
जय गान सभी ने गाया!
हां मैं हिंदी भाषा हूं
राष्ट्र की परिभाषा हूं
तकनीकी परिवेश में
संगणक के टंकण में
जद हिंदी टंकण आ जाये
विश्व में छा जाएगी हिंदी!
हिंदी भारत की पहचान है
हिंदी भारत का अभिमान है !
- चद्रिका व्यास
मुंबई - महाराष्ट्र
हिन्दी है तो भारत है
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मान है, सम्मान है।
माँ भारती की शान है,
फिर कैसी शंका, कैसी शर्मिंदगी,
"हिन्दी" भारत वर्ष की पहचान है।।
यहाँ भाव है, विभाव है और संचारी भाव है,
रस है, छंद है, अलंकार की अनुभूति है,
"हिन्दी" केवल भाषा नहीं,
भारत के कण-कण में समाई विभूति है।।
न जाने कितनी भाषाओं का उद्गम है,
संस्कारी, संवेगात्मकता का संगम है।
"हिन्दी" भारत की प्रतिष्ठा है,
"हिन्दी" भारतीयता की सत्य निष्ठा है।।
हृदय से हृदय तक जाने की युक्ति है,
असंख्य अर्थों में वर्णित सूक्ति है,
"हिन्दी" संतुष्टि का सार है।
वाणी को तृप्त करने वाली ऊर्जा का प्रसार है।।
- जितेन्द्र कुमार शर्मा
धामपुर - उत्तर प्रदेश
हिंद है तो भारत है
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हिंद है तो भारत है,
हिंदुस्तान हमारा है।
हिंद का सम्मान करो,
यही हमारा उद्धारक है।
हिंद में पैदा हुए,
हिंदी हमारी भाषा है।
इस भाषा पर गर्व करो,
इसी से हमारी नाता है।
हिंद हमारा गर्व है,
हिंद हमारा ऐश्वर्य है।
हिंद हमारा मान है,
हिंद हमारा शान है।
हिंद हमारा आन है,
हिंद हमारी जान है।
हिंद हमारी महिमा है,
हिंद हमारी गरिमा है।
आओ मिलकर हम भारती,
नित करें हम इनका वंदन।
जिसकी महिमा से भारत है,
हम उनका करें अभिनंदन।
हिंद है तो भारत है,
हिंदुस्तान...............
- उर्मिला सिदार
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
हिंदी है तो भारत है
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हिंदी है तो भारत है यह हिंदुस्तान हमारा है।
हिंदी मेरी मात पिता है हिंदी जग का तारा है।
हिंदी ऐसी भाषा है जो सरल मधुर और कोमल है।
भारत के जन-जन को छूती अंतर्मन की धारा है।
भारत में बोली जाने वाली यह हिंदी भाषा है
विरह वेदना और पीड़ा मे मीरा का यह प्याला है।
हिंदी है तो भारत है यह हिंदुस्तान हमारा है।।१।!
हिंदी विधि विधाता को पूज रहा भारत सारा।
सूर्य कबीर तुलसी रहीम ने हिंदी में है जग तारा।
मीरा हो या महादेवी जी पंत रहे या निराला।
सब ने लिखी है हिंदी गरिमा शोध यहां पर कर डाला।
हिंदी से ही भारत है यह हिंदुस्तान हमारा है।।२।।
राजमुकुट से शोभित हिंदी इस भारत का प्राण है।
जिसमें रस और छंद बसे हैं अलंकार महाप्राण है।
अरबी फारसी और बिहारी उड़िया हो या पंजाबी।
सबसे मीठी बोली हिंदी यह भारत की शान है।
अपनी हिंदी राष्ट्रपिता है यह हिंदुस्तान हमारा है।।३।।
हिंदी में स्वर और व्यंजना हिंदी सब की बिंदी है।
गीत गजल के भावों में अभिव्यक्ति करती हिंदी है।
सुंदर भावों का संचारन हिंदी ही कर सकती है।
अपनी मां ही अपने बच्चों को जीवन दे सकती है।
हिंदी मेरी प्राण पखेरू यह हिंदुस्तान हमारा है।।४।!
हिंदी है तो भारत है यह हिंदुस्तान हमारा है।।
हिंदी मेरी मातृ पिता है हिंदी जब का तारा है।।
- अन्नपूर्णा मालवीय सुभाषिनी
प्रयागराज - उत्तर प्रदेश
जैसा सोंचे , वैसा बोले
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हिन्दी भाषा है वैज्ञानिक
स्वर,वर्ण और संयुक्ताक्षर।
जिनके प्रयोग से मिल जाता
मनचाहा अभिव्यक्ति को स्वर।
यह सहज,सरल हिंदी भाषा,
इस भाषा को सब अपनाते।
जैसा सोंचे, वैसा बोले,
वैसा ही लिखना सब चाहते।।
महर्षि दयानंद स्वामी ने,
हिंदी के महत्त्व को स्वीकारा।
कर हिन्दी भाषा का प्रयोग,
था दिया स्वतंत्रता का नारा।।
गौरवशाली भाषा हिन्दी
भारत की यह पहचान बनी।
अब विश्व भाषा की तैयारी,
यह भारतवर्ष की शान बनी।।
हिंदी भाषा एकता का सूत्र ,
अपनी ताकत भी दिखलाई।
हिंदी है तो, यह भारत है,
यह विश्व पटल पर है छाई।
- डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर - उत्तर प्रदेश
हिंदी है तो भारत है
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हिंदी है तो भारत है
नित्य होता देव आरत है
मां भारती की शान *बिंदी
शुभकार्य सुशोभित बिंदी
सहज सरल भाषा है हिंदी
हमारी *मातृभाषा है हिंदी
हिंदी है तो भारत है
हिंदी साधक सेवारत है
मां भारती के सब पुत्र प्यारे
हिंदी वार्ता-लाप लगते न्यारे
मिलकर मां को प्रणाम करें
राष्ट्र-भाषा का सम्मान करें
हिंदी है तो भारत है
भोर सवेरे होता शंखनाद है
जब संगीत सरिता में
हिंदी के स्वर संगीत
सा रे गा मा पा धा नि सा
जमाना मंत्रमुग्ध सुनता है
हिंदी है तो भारत है
हर विद्यार्थी अध्यनरत है
कविता के ही रस में तो
हिंदी स्वर बहता है
सुनता है सारा जमाना
हिंदी भाषा हमारी है
राष्ट्रभाषा हमारी है
- सुरेंद्र कुमार जोशी
देवास - मध्य प्रदेश
शिखर तक पहुंचाना है
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हिंदी को सर्वोच्च बनाना है ,
शिखर तक पहुंचाना है।
हिंदी है तो भारत है,
ये लोगों को समझाना है ,
सदियों पुरानी अपनी भाषा का ,
आज गौरव बढ़ाना है।
हिंदी को सर्वोच्च बनाना है,
शिखर तक पहुंचाना है ।
हिंदी भारत की शान है,
विश्व मे पहचान है,
गौरवपुर्ण इतिहास है,
हम सबका अभिमान है ।
भारतीयों की प्रेरणा है हिंदी ,
सब गुणों की खान है हिंदी ,
भगवत गीता का सार है हिंदी ,
मानव जीवन का आधार है हिंदी ।
हमें उठकर कदम बढ़ाना है,
उज्जवल भविष्य हिंदी से बनाना है ,
अपने बच्चों को हिंदी सिखाना है ,
गर्व से मातृभाषा अपनाना है ।
हिंदी को सर्वोच्च बनाना है ,
शिखर तक पहुंचाना है ।।
- सीता देवी राठी
कूचबिहार - पश्चिम बंगाल
हम सब को हिन्दी का सम्मान
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हम भारत की संतान हैं,
हिन्दी है हमारी राष्ट्रभाषा।
वह भी मां के समान है,
उसी से हम सबकी शान है।
देवों की भाषा है यह,
देवनागरी कहलाती।
जन-जन की बोली है यह,
मातृ भाषा कहलाती।
शब्दों का मतलब समझाती,
सार्थकता उनकी बतलाती।
नहीं उसमें दुरूहता कोई,
उसमें तो है परिपक्वता पूरी।
कोई अक्षर छोटा बड़ा होता नहीं,
प्रत्येक का निश्चित स्थान होता सही।
उच्चारण होता बिल्कुल आसान,
वर्णों का रख करके ध्यान।
विश्व स्तर पर बढ़ती जाती,
अपनी एक पहचान बनाती।
सुरमई हिंदी सबको भाती ,
विदेशियों का जी ललचाती।
हम सबको हिन्दी का सम्मान
करके ,उसे बढ़ावा देना चाहिए।
हर दफ्तर और बोलचाल में,
हिन्दी को अपनाना चाहिए।
भाषा से होती है पहचान,
किसी भी देश व समाज की।
उस देश की संस्कृति और
सामाजिक परिवेश की।
अपनी भाषा का मान रखने से,
देश का सम्मान बढ़ता है।
उसको समृद्ध करने से,
साहित्य समृद्ध होता है।
हिन्दी है तो भारत है,
उसी से भारत का अस्तित्व है।
वह तो है भारत माता की बिंदी,
शान से पढ़ो ,लिखोऔर बोलो हिंदी।
- श्रीमती गायत्री ठाकुर "सक्षम"
नरसिंहपुर - मध्य प्रदेश
हिंदी है तो भारत है
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भाषा का ये तीरथ है
हिंदी है तो भारत है।
भाषाओं की जननी भारत
संस्कृतियों की धरती भारत
खानपान और वेशभूषा की
जमीन है ऐसी अनोखी भारत
सब कुछ जिसमें समाहित है
हिंदी है तो भारत है।
इज्जत हर भाषा को मिलती
कोई भाषा न हमें है खलति
प्रेम सौहार्द न कम होता
भावना हमारी नहीं मचलती
हिंदी आगे सब नतमस्तक हैं
हिंदी है तो भारत है।
प्रो डॉ दिवाकर दिनेश गौड़
गोधरा - गुजरात
हिन्दी है तो भारत है वरन् ये तो गर्वमेन्ट आफँ इण्डिया है
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हिन्दी है तो भारत है वरन् ये तो गर्वमेन्ट आफँ इण्डिया है
भारत माता तो आजाद है
हिन्दी भाषा आज भी
हाथ जोड़े खड़ी है
हिन्दी है तो भारत है वरन्…..
सतयुग हो या कलयुग हो
हम तो भारतवासी है
जिन में रामयण और महाभारत के
गुण विधमान है
फिर भी हम लंचार है
हिन्दी है तो भारत हे वरन्…..
कुरूक्षेत्र हो या अयोध्या हो
हम तो भारतवासी है
जिन में अनेंक धर्मा के
गुण विधमान है
फिर भी हम लचार है
हिन्दी है तो भारत है वरन्….
हनुमान हो या भीम हो
हम तो भारतवासी है
जिन में हजारों हाथियों का
बल विधमान है
फिर भी हम लंचार है
हिन्दी है तो भारत है वरन्….
लेखक हो या पत्रकार हो
हम तो भारतवासी है
जिन में सार्थकता व्यक्त करने का
गुण विधमान है
फिर भी हम लंचार है
हिन्दी है तो भारत है वरन्….
लोकतन्त्र हो या न्यायपालिका हो
हम तो भारतवासी है
जिन में बड़े से बड़ा कानून बनाने का
गुण विधमान है
फिर भी हम लंचार है
हिन्दी है तो भारत है वरन्…..
- बीजेन्द्र जैमिनी
पानीपत - हरियाणा
जैमिनी अकादमी द्वारा सुभद्रा कुमारी जन्म शताब्दी समारोह दिनांक 04 अक्टूबर 2004
मुख्य अतिथि प्रेम शर्मा ( निदेशक : भाषा एवं संस्कृति विभाग , हिमाचल प्रदेश ) को अपना " अभिनन्दन ग्रन्थ " भेंट करते हुए प्रो. उत्तम चन्द शरर
सम्मान पत्र के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद और हार्दिक आभार सर 🙏🙏
ReplyDeleteआपके साथ साथ हम सभी साहित्य सेवा में लगे रहें यही अपनी हार्दिक इच्छा है।
सादर अभिवादन सर🙏🙏
yah post bahot achha hai bahot badhiya likha hai aap ne
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