राम मन्दिर निर्माण भूमि पूजन के अवसर पर ऑनलाइन कवि सम्मेलन
जैमिनी अकादमी द्वारा साप्ताहिक ऑनलाइन कवि सम्मेलन के अन्तर्गत इस बार " राम मन्दिर निर्माण भूमि पूजन " के अवसर " ऑनलाइन कवि सम्मेलन " रखा गया है । शमिल सभी कवियों को सम्मानित किया जा रहा है । विषय भी सिर्फ " जय श्री राम " रखा गया है । सभी ने सुन्दर - सुन्दर रचनाएं दी है । सभी के डिजिटल सम्मान पत्र के साथ रचनाएं : -
दोहे
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तुलसी के ये राम तो, नायक है प्रधान |
राक्षसों का वध करे, रखते तीर कमान ||
जोड़ी सीता राम की, सबको अच्छी आज |
दोनो को निरखत रहे, छवि अनुपम सी राज ||
रामायण हर घर पढे, देती हमको ज्ञान |
मर्यादा भी सीखते, करते मन से दान ||
भाई देखो राम के, लक्ष्मण हरपल साथ |
सेवा करते रात दिन, भरता उनको बाथ ||
विष्णु के अवतार है, धरती वाले राम |
आज्ञा से वनवास गये , मात पिता का नाम ||
रावण वध जब तो किया, खत्म हुआ है पाप |
विनम्रता से हर लिया, दुखियों का संताप ||
कैकेयी मां की करे, आज्ञा पालन राम |
वन में चौदह साल तक, जनक वचन के नाम ||
- दीपा परिहार
जोधपुर - राजस्थान
जय श्री राम
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कण कण में श्री राम
जनगण में श्री राम
आज हुई जग जग में चर्चा
जय श्री राम जय श्री राम!
त्रेता युग में आये राम,
सरयू नदी के किनारे राम
राम राम जय जय श्री राम !
दुष्टों का संहार करने
पृथ्वी लोक में आये राम
अयोध्या,दशरथ के घर आये राम
राम राम जय जय श्री राम!
धन्य हुई कौशल्या की कोख
राम राम जय श्री राम
तीन माताओं का प्यार मिला
राम राम जय जय श्री राम!
रामलक्ष्मण,भरत,शत्रुघन सबने
शिक्षा वशिष्ठ गुरु से है पाई
राम राम जय जय श्री राम !
विश्वामित्र के संग जाकर
अहिल्या का उद्धार किया
राम राम जय जय श्री राम !
गये जनक सुति सीता के घर
शिव धनुष तोड़ स्वयंबर में
माता सीता को है पाया
राम राम जय जय श्री राम
अयोध्या के श्री प्यारे राम
सीता को संग लाये राम
अयोध्या में खुशहाली छाई
राम राम जय जय श्री राम!
कपटी मंथरा की बातों में आई
माता कैकयी गुमराह हुई
कैकयी ने मांगे दो वरदान
भरत को राज राम को वनवास !
राम राम जय जय श्री राम!
रघुपति रीति सदा चली आई
प्राण जाये पर वचन न जाई
कठोर बाण ने लिए दशरथके प्राण
राम राम जय जय श्री राम!
केवट निषाद ने पग पखारे
सरयू नदी के किनारे
मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये राम
राम राम जय जय श्री राम!
बाली,जटायु,अहिल्या तारी
खरदूषण, सुबाहु ताड़का मारी
जुठन बेर खा सबरी को है तारे
निषाद को दिये वचन निभाये सारे
राम राम जय जय श्री राम !
कर रावण वध,
राम सिया घर लाये
संग राम ह्रदय में बसे
हनुमान को लाये !
राम राम जय जय श्री राम
राम राम जय जय श्री राम!
कलयुग में अब आये राम
विश्व का करने कल्याण
अयोध्या बना बैकुंठ धाम
राम राम जय जय श्री राम!
- चंद्रिका व्यास
मुंबई - महाराष्ट्र
जय श्री राम
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शिलान्यास राम मंदिर का हो गया है ।
कार्य होगा , अब श्री राम मंदिर के निर्माण का ,
जय श्री राम मंदिर है, प्रतिक हमारा ,
राष्ट्रीय स्वाभिमान का।
कई वर्षो का विवाद जो सुलझ गया है,
स्वरन अक्षरो मे, अब अंकित होगा,
दर्शन होगा मरयादा पुरुषोत्तम श्री राम का
राष्ट्र का स्वाभिमान , अौर गौरव बढेगा
बात होगी हिन्दू के पहचान की
दर्शन से पुनय लाभ होगा,
जय श्री राम मंदिर है,
निशानी राष्ट्र के सममान की।
- जयप्रकाश सूर्य वंशी
नागपुर - महाराष्ट्र
प्रभु राम
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गावत गान मंगल ध्वनि जाकी।
मनोरथ शेष कछु नही बाकी।।
प्रभु सियाराम पग धर लेंहीं।
नयन लाभ सब सादर लेंहीं ।।
सकल कुल संग राम सिया ।
उर बिराजै मनहु जाकै पिया।।
सलिल सलिला बाहै तट सरयू।
कथा अनंत निस दिन कहयू ।।
सकल विश्व नित क्षण सुनिहौ।
मारूति नंदन करे रक्षा कहियौ।।
राम संग होही भारत राम राजा ।
अयौध्या कीन्ही पुण्य के काजा।।
- रजनी शर्मा
रायपुर - छत्तीसगढ़
जय श्रीराम
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जय श्रीराम, जय श्रीराम,
एक नाम के रटने से ही,
श्री राम मन रटने से ही,
बन जाते हैं बिगड़े काम
बोलो जय श्रीराम.......।
जय घनश्याम ,जय श्रीराम,
अयोध्या नगरी के राजा हो,
विश्व विजेता प्रभु स्वामी हो,
तेरा जगमग, कर रहा धाम,
बोलो जय श्रीराम...........।
दशरथ नंदन, सीता स्वयंवर,
चमके सितारा, हे! रघुनंदन,
तेरी दया के सागर से हमरा,
पल में कर दो तिलक चंदन,
बोलो जय श्रीराम............।
चौदह वर्ष बनवास लिया था,
सीता मैया, लक्ष्मण गये साथ,
तेरे भरोसे ऋषि मुनि थे खुश,
दुष्टों का किया था काम तमाम,
बोलों जय श्रीराम..............।
रावण जगत में, दुष्ट अभिमानी,
ऋषि खूब सताया, मन हर्षाया,
सीता माँ हरण किया जब उन्हें,
गया वो प्रभु के हाथों ही धाम,
बोलो जय श्रीराम...............।
कमल नयन, तुम कहलाते हो,
भरत को दे दिया पल में राज,
साधुवेश धारण कर लिया तब,
वनवास में कमाया, तुमने नाम,
बोलो जय श्रीराम...............।
श्रीलंका गये दल बल सहित,
कई योजन समुद्र, किया पार,
सुमित्रा, कैकई, कौशल्या मां,
आशीर्वाद पाकर, किये काम,
बोलो जय श्रीराम.............।
अहिल्या, सबरी पार उतारी,
हनुमत मिले तब संकट भारी,
काटे संकट हनुमत, जगत में,
बोल बोलकर मन से ही राम,
बोलो जय श्रीराम.............।
विभीषण को दे राज तिलक,
सीता माता को, वापस लाये,
रामराज्य का सुख, दिलाकर,
सीधे पहुंचे तुम, बैकुंठ धाम,
बोलो जय श्रीराम..............।
मेरे प्रभु मेरे दाता, रखना खैर,
तेरी एक दृष्टि मात्र मिटता बैर,
कोई पुकार रहा विष्णु रूप में,
कोई कहे खाटू के तुम श्याम,
बोलो जय श्रीराम...............।
बोलो जय श्रीराम बोलों श्रीराम,
बोलों घनश्याम, बोलो श्रीराम,
तुम ही है जग का पालन कर्ता,
अयोध्या में बन रहा सुंदर धाम,
बोलो जय श्रीराम.................।
- होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ - हरियाणा
सिया पति राम
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हर तरफ दिशाओं में गूंजता
जो नाम है राम है राम है श्री राम है।
हनुमत दीवाने हुए जपते जो नाम हैं। राम है राम है राम है। श्री राम।
सीता के प्रेम का प्रमाण श्री राम हैं
सीता के विश्वास का परिणाम श्री राम हैं।
भीलनी के बेरो का प्रसाद श्री राम हैं। सबरी के सब्र का बाण श्री राम हैं।
पिता के वचनों का मान श्री राम हैं
माता की प्रातिज्ञा का दान श्री राम हैं।
मानव के शरीर में भगवान श्री राम हैं। मान और प्रतिष्ठा के लिए बलिदान श्री राम हैं।
पुत्र, पति, भ्रात, पिता, मित्र, सखा, राजा, गुरु और शिष्य का।
जीता जागता ज्ञान श्री राम हैं।
यह संसार सब राम मई है और
इस संसार में प्रतिष्ठित विद्ममान सर्वोप्रिय भगवान श्री राम हैं।
नल नील की हैं आस्था विश्वास
श्री राम हैं। सेतू के पत्थर पत्थर पर विराजते श्री राम हैं।
बाली और रावण का संग्घार श्री राम हैं। सुग्रीव और विभीषण का
उद्धार श्री राम हैं।
इस जग का सम्मान हैं कल्याण श्री राम हैं। इस पार भी श्री राम हैं
उस पार भी श्री राम हैं।
- सोनिया प्रतिभा तानी
जालधंर - पंजाब
जय श्री राम
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दीप जले शंख बजे धरा प्रकाश नाद से सजे।
पांच अगस्त को मां भारती दीप श्रृंगार से सजे।।
श्रीराम जन्मभूमि पूजन गौरव है हमारे लिए,
वर्षों की पीड़ा का मुक्ति सौरभ है हमारे लिए।
अनेक दीप मिलकर दीपमाला बनायेंगे,
विश्व को एकजुटता की शक्ति दिखायेंगे।
मन-मस्तिष्क में बलिदानों के लिए सम्मान बसे।
दीप जले शंख बजे धरा प्रकाश नाद से सजे।
दीपों से जैसे पावन धरा का अनुप्रास होगा,
कण-कण से जय श्री राम का उद्घोष होगा।
घर-घर में श्री राम की छवि का आभास होगा।
करें सब संकल्प प्रकाश की उपासना करेंगे,
ज्योतिर्मय धरा पर श्री राम की आराधना करेंगे।
आस यही है मन में मंगलमय पावन भाव बसे,
दीप जले शंख बजे धरा प्रकाश नाद से सजे।
दीप जले शंख बजे धरा प्रकाश नाद से सजे।
पांच अगस्त को मां भारती दीप श्रृंगार से सजे।।
- सतेन्द्र शर्मा 'तरंग'
देहरादून - उत्तराखण्ड
जय श्री राम
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राम हैं जीवन और मृत्यु
के आधार, जर श्री राम।
पांच शताब्दी से, इंतजार था सबको
वह शुभ दिन आया,आज श्री राम। ।
द्रापर युग में, जन्मे श्री कृष्ण
त्रेता युग में, प्रभू श्री राम।
कृष्ण जन्म स्थल, की पावन माटी
मिलेगी पूजन में, वीराजेंगे जहां श्रीराम।।
मर्यादाओं में, पुरूष श्रेष्ठ
रामराज्य के, जनक श्री राम।
असत्य पर ,सत्य की जीत
के नायक, सत्यमेव श्री राम। ।
तीनों लोकों के, स्वामी त्रिलोकीनाथ
सबके तारणहार ,पालनहार श्री राम।
प्रातः उठकर करते,जो वंदन
सबके दुख हरते,प्रभू श्री राम। ।
सभी देवी देवता, ऋषि,मुनि
हर्षित हैं, राममंदिर के निर्माण से।
आस्था, श्रद्धा, विश्वास ने सजीव रूप
धरा आज,रामलाल भूमिपूजन से।।
पूरे विश्व में, रामभक्त झूम रहे
सबके बलिदान, त्याग सफल हुए।
पावन अवसर आया,प्रभू स्वागत का
बोलो जय श्रीराम, जीवन हमारे सफल हुए। ।
- डॉ मधुकर राव लारोकर
नागपुर - महाराष्ट्र
जय श्री राम
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जय जय श्री राम
हे सुंदर है नाम
पावन हर काम
अयोध्या है धाम।
आनंद से भरदे
ले लो जो नाम
शांति दे मन को
अद्भुत है नाम ।
बसते कण कण में
रचते क्षण क्षण को
है करते कल्याण
है सीता के प्राण।
है कल्याणकारी
रहते धैर्य को धारी
जब तक हो संभव
ले शांति से काम।
था मिला वनवास
वे पहुँचे थे वन
लौटे अयोध्या
खुशियाँ चहु और।
शबरी के झूठे
खाकर के बेर
बना अद्भुत रिश्ता
मिला भक्ति को नाम।
रावण ने सीता को
जब कर लिया हर
मारके रावण को
वे सीता संग घर।
अयोध्या में खुशीयाँ
है छाई चारो ओर
थे जलाएँ दीपक
करा अंधियारा दूर।
- ममता बारोट
गान्धी नगर - गुजरात
जय श्री राम
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राम निर्गुण परब्रह्म !
अनास्था और अनाचार के दौर में,
अंतस में गहरे पैठी आस्था हैं,
व्यक्ति की जीवटता हैं,
संघर्ष के क्षणों में प्रेरक हैं,
संघर्ष की तपन से कुम्हलाए,
सर्वहारा वर्ग की,
जीवन ऊर्जा का हेतु हैं-राम।
राम !
सकल जगत के जीवन का बल हैं,
कुम्हलाती जीवन-बेल का जीवन सत हैं,
जीवन नैया के खेवैया हैं!
मंद पड़ती नब्ज/धड़कन के उत्प्रेरक हैं-राम।
राम !
आधार हैं,
आसुरी प्रवृतियों के समाज से उन्मूलन का,
दैनिक प्रवृतियों के स्थापन ,
विसरण और प्रकीर्णन का।
असत्य पर सत्य की ,
बुराई पर भलाई की ,
विजय का हेतु हैं -राम!
राम !
युग-युगांतर बनें ,
जन -जन के संबल।
परम आवश्यक है !
आध्यात्मिक संस्कृति का ध्वजारोहण !
आवश्यक है!
मूल्यों का पुनर्जागरण ! पुनरुदभवन !
ताकि नए समीकरणों के साथ ,
हम करें, भारत का दर्शन पुनर्स्थापित,
रामराज्य के सौपान नूतन।
- प्रज्ञा गुप्ता
बाँसवाड़ - राजस्थान
जय श्री राम
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महक उठी धरा धरा ये खिल उठे कली कली... .
दसों दिशाएं गूंजी रही है जय श्रीराम राम...
रवि की भोर किरणें कर रही नव आगाज़...
500 वर्षों बाद देखो बदल रहा इतिहास...
सज रही गली गली अवध में बधाई बजे ...
साधु संत महंत देखो मुख से बोलो जय श्री राम जय श्री राम...
ध्वजा पताका लहर लहर देखो फहराए ...
ढोल नगाड़े दुदूंभी तुरूई शहनाई बजे
अयोध्या में भूमि पूजन हो रहा है आज ...
घर-घर दीप माला प्रज्वलित हो रही ..
आज तो सारी अवध नगरी दुल्हन सी
किए श्रृंगार....
आ रहे हैं राजा राम राम राम जय श्री राम....
गगन में पक्षी गा रहे जय श्रीराम जय श्रीराम..
खुशी अनंत अपार है मूक प्राणी भी बोल उठे जय श्रीराम जय श्रीराम...
5 अगस्त पावन तिथि इतिहास बन गई...
बड़े भाग भारत के जगे आज हो रहा शिलान्यास...
दूर दूर से लोग साधु संत और पुजारी
गांव गांव नगरवासी देश के प्रधानमंत्री
नरेंद्र दामोदरदास मोदी के हाथ हो रहा है....
अयोध्या राम जन्म भूमि में भूमि पूजन आज..
गंगा की धार से अभिषेक और पूजन
देख के देवता भी हर्षित आज हो रहे...
बच्चे बूढ़े और जवान मुख से बोले जय श्री राम...
देश में आज दीवाली घर - घर मना रहे....
सुंदर शुभ मुहूर्त देखो कैसे आया आज...
देख सब निशब्द और स्तब्ध हो रहे..
रोम रोम गूंज रहा जय श्रीराम जय श्रीराम...
इतिहास बदल रहा कह रही हवा हवा..
देखो देशवासियों राम की जन्मभूमि....
अयोध्या नगरिया देखो कैसी सज रही है आज...
आ रहे हैं राजा राम जय श्री राम जय श्री राम....
स्वागत में उनके आज धरा मुस्कुरा उठी..
फूल फूल खिल गए चमन चमन महक उठा...
दसो दिशायें गूंज रहे जय श्रीराम जय श्रीराम....
- आरती तिवारी सनत
दिल्ली
जय श्री राम
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जयश्री राम , जयश्री राम
वंदन करते है जयश्री राम !!!
जयश्री राम भारत की पहचान है
राम हमारे आस्था के प्रतिमान है!!
जयश्री राम नाम का कर लो सुमिरन !
मिट जायेगे सकल दुख दारुन !!
मर्यादा में रहने का पाठ पढ़ाते !
हनुमान के सीने में घर बनाते !!
जयश्री राम केवट का विश्वास है
जयश्री राम अहिल्या का तारनहार है !!
जयश्री राम , जयश्री राम
वंदन करते है जयश्री राम !!!
जय श्री राम नहीं बसते महलों और चौबारा में !
राम तो बसते है निर्धन की आस्था की कुटिया में !!
जय श्री राम हमारे अंतस की प्यास है !
राम हमारे पूजा , अरमान है भगवान है !!
आया आज उत्सव का दिन
अयोध्या के विजय का दिन !!
आओ मिलकर दीप जलाये
जय श्री राम का नारा लगाये !!
जयश्री राम , जयश्री राम
वंदन करते है जयश्री राम !!!
राम मंदिर का शिलान्यास हो कर रहेगा !
जय श्री राम जय सिया राम का उद्घोष होकर रहेगा !!
आकाश से फूलों की वर्षा होगी
राम नाम के जयकारे से सृष्टी मतवाली होगी !!
जय श्रीराम नाम की महिमा अद्भुत
जयश्री राम नाम लोकहित कारी !!
राम बसते हैं घायल जटायु की साँसों में !
राम बसते हैं अंगद के पौरो के छालों में
जयश्री राम , जयश्री राम
वंदन करते है जयश्री राम !!!
- डॉ अलका पाण्डेय
मुम्बई - महाराष्ट्र
जय श्री राम
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जय राम जय राम
जय श्री राम
राम नाम कि गाथा प्यारी
बोलों जय श्री राम
राम नाम को गाना है
राम का मंदिर बनाना है
राम नाम कि माया न्यारी
छबि इसकी निराली है
सब मिल भूमि पूजन आज करेंगे
राम मंदिर का निर्माण करेगा
रुका पड़ा था निर्माण कभी से
मोदीजी का सहयोग मिला
न कुछ कर पाते मोदीजी
श्री राम लला का आशीष मिला
इच्छा बस श्री राम कि थी
राम मंदिर बनें अयोध्या में
आओ एक दीप जलाए
राम लला के आने में
आओ एक दीप जलाए
राम लला के आने में
- कमलेश कुमार राठौर
मंदसौर - मध्य प्रदेश
जय श्री राम
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हे !
मर्यादा पुरुषोत्तम राम,
मर्यादा है तेरी पहचान ।
तेरी मर्यादा का जग सारा ,
करते हैं ,आदर सम्मान।
हे! मर्यादा........
माता -पिता का वचन निभाया, गुरुओं का किया सम्मान, राजभोग त्याग कर प्रभु जी, लोगों का किया कल्याण।
हे! मर्यादा..............
कौशल्या नंदन राम लला,
अरूण सी कर्म किया अपार। जन -जन का कल्याण हेतु ,
वन अंचल किया प्रस्थान।
हे! मर्यादा.............
ऋषि यों का मान रख कर, दानवों का संहार किया ।
धर्म रक्षार्थ हेतु तूने ,
धनुष बाण प्रयोग किया।
हे !मर्यादा............
ऊँच-नीच का भेद नहीं
सभी से तुम्हारा नाता था ।
केवट को मित्र बना कर तूने ,
हृदय से गले लगाया था।
हे ! मर्यादा.............
अहिल्या का उद्धार कर ,
भक्तों पर उपकार किया।
शबरी के प्रेम में डूब कर प्रभु, प्रेम का जग में इजहार किया ।
हे मर्यादा..............
दुश्मन का भी सम्मान किया, रावण को दिया कफन ।
मर्यादा का मान रख कर,
किया आत्म सम्मान।
हे ! मर्यादा................
जय हो सदा विजय हो,
श्री राम तेरी धरा पर।
जग में जन -जन मंगल गाएंँ,
तेरी भूमि पूजन अवसर पर।
हे! मर्यादा..............
क्या गुण गान करूँ मैं तेरा,
गुणों से भरा है अपार।
तेरी आचरण की बू प्रभु,
महक जाए संसार।
हे! मर्यादा..................
अनलअनुराग श्री रामचंद्र जी, बसे हैं ,अनल आत्म स्वरूप।
विनय करी हाथ जोड़ी मैं,
करूँ बंदन तोहे अनुरुप।
हे! मर्यादा.................
- उर्मिला सिदार
रायगढ - छत्तीसगढ
जय श्री राम
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जय श्री राम, जय जय श्री राम
जय रघुनंदन, सियापति राम l
राम नाम ने पापी तारे
जीवन सत्य सनातन राम ll
दीप जलाओ, मंगल गाओ
राम मंदिर बन रहा महान l
जन मानस में बसे हैं राम
हिन्दू आस्था का है मान ll
पलकें बिछाए बैठे हैं हम
कब आयेंगे प्यारे राम?
हनुमान बिन सरे न काम
सजी अयोध्या आये राम ll
राम से बडा है राम का नाम
समुद्र- विपत्ति को तारे राम l
ब्रम्हा, शिव है करते ध्यान
जग में केवल राम है नाम ll
रावण आदि असुर सँहारे
जीवन संस्कृति का है मान l
धर्म की ज्योति जलाये राम
कलियुग के प्रभु कृपा निधान ll
अंधतिमिर है आज मिटा
पावन दिन आया श्री राम l
राम रसायन जिसके पास
उसके सर गये सारे काम ll
राम नाम का अमृत घोल
राम- राम तू मीठा बोल l
शबरी, अहिल्या, गनिका तारी l
गठरी अपने मन की खोल ll
राम राज्य की सही कल्पना
जगमग जगमग ज्योति जले l
मन वीणा की तरंग अयोध्या
गगन भेदी, जय राम गूँजे ll
जय श्री राम, जय जय श्री राम दशरथ नंदन, सीताराम l
बजी दुंदुभि, जल गये दीपक
खुशियाँ मनायें जय श्री राम ll
-डॉ. छाया शर्मा
अजमेर - राजस्थान
जय श्रीराम लला
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देखो रामलला आए हैं,
ऐसा वो मानते हैं ,
पर राम की जन्मभूमि वो,
वो तो थे वहीं ,
बस अंतर इतना था ,
कुछ वर्षों को सोए थे,
अब निद्रा से जाग गए हैं,
फिर डंका बजने को है ,
देखना अब की बारी ,
कुछ बहुत ख़ास होने को है,
राम आकर बस जाएंगे,
वर्चस्व संभल जाएगा ,
अपना मर्यादा पुरुषोत्तम ,
फिर पधार रहा है ,
जय जयकार चारों तरफ है ,
देखो देखो जल्दी ही ,
अपना रामलला फिर ,
अपनी गद्दी पर पुनः ,
शुशोभित होने वाला है।
- नरेश सिंह नयाल
देहरादून - उत्तराखंड
श्री राम जी की महिमा
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अविनाशी श्रीराम हृदय में रहते विराजमान।
वानर गिलहरी शबरी सबका करते सम्मान।।
न सत्तालोलुप न अहंकार समभावी है रूप।
सांवली सूरत मोहनी मूरत के वे प्रतिरूप।।
अयोध्या नगरी है जग में सबसे बड़ा धाम।
तीनो लोक में सबसे बड़ा श्रीराम का नाम।।
अयोध्या का मंदिर भारत का स्वाभिमान।
मर्यादा और त्याग की प्रतिमूर्ति हैं श्री राम।।
कर्तव्यपरायणता, परदुखकातरता, उदारता वात्सल्यता,अहंकार शून्य,श्रेष्ठतम हैं गुण।।
मानवोचित वीरता, क्षमाशीलता जीवनादर्श।
शालीनता नीति कुशलता व्यक्तित्व संपूर्ण।।
विषम परिस्थिति, अडिग निर्णय, नीतिपूर्ण। धर्मरक्षक,न्यायप्रिय महिमामंडित श्री राम।।
आराध्य हमारे हुए अवतरित अयोध्या धाम।
मंगल भवन में विराजें मेरे आदर्श प्रभु राम।।
- सुनीता रानी राठौर
ग्रेटर नोएडा - उत्तर प्रदेश
जय श्री राम
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ये तो प्रेम की बात है यह बंदगी हर किसी के बस की नहीं।
राम नाम के हीरे मोती गली गली में है बिखरे,
लूट सको तो लूट लो बिना दाम के है ये।
इस नाम के मोती जिस लुटेरों ने लूटा मालामाल हुए ,जो पीछे धन के भागे वह कंगाल हुए।
राम नाम के हीरे मोती......
याद करो भक्तों ने कैसे हरि का दर्शन पाया है
तुलसी ,मीरा का इतिहास सुना गली गली में।
इस नाम की महिमा लूट सको तो लूट लो
इस जग में सभी अधिकारी यहां कोई धनवान नहीं।
गली-गली प्रभु का नाम जपो लूट सको तो लूट लो
राम नाम के हीरे मोती...
माया दौलत वालों को झूठी राह दिखाती है।
माया तो झूठा नाच चाहती है
अभिमान छोड़ दे राम नाम की जाप करो लूट सको तो लूट लो।
यह तो प्रेम की बात है यह हर किसी के बस की नहीं
राम नाम के हीरे मोती.....
-प्रीति मिश्रा
जबलपुर - मध्य प्रदेश
श्रीराम की घर वापसी : ऐतिहासिक क्षण
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सब्र का फल मीठा होता है,
यह सिखा गए फिर से श्रीराम।
सदियाँ भले कितनी ही बीतीं
आखिर को आए वे गृहधाम।।
सुर हो या हो मनुज साधारण ,
धैर्य का साथ कभी मत छोड़ो।
कर्म के पथ पर डटे रहो तुम,
मन को हताशा से मत जोड़ो।
बरसों-बरसों विवाद चला था,
हृदय में पर विश्वास रहा था ।
जीत सत्य की होके रहेगी,
फिर राम-राम की धुन बजेगी।।
मंगलमय दिन आज है आया,
मंत्रोच्चार चहुँ दिस गुंजाया।
भाव -सुमन हमने भी चढ़ाए,
होगा अमन हैं आस लगाए।।
- गीता चौबे गूँज
राँची - झारखंड
प्रभु श्री राम
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सुबह शाम~
आस्था के हैं प्रतीक
प्रभु श्री राम
•
पालनहार~
दीन दुःखियों के हैं
तारणहार
•
होगा उद्धार~
भज ले श्री राम को
बेड़ा हो पार
•
निर्मल भाव~
पत्थर तैर जाते
लो राम-नाम
•
यही भावना~
बनें भव्य मंदिर
करूँ प्रार्थना
- निर्मल जैन 'नीर'
उदयपुर - राजस्थान
शिलान्यास
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राम नाम नाम की देते थे दुहाई
वह पावन घड़ी अब आ गई है भाई
राम की प्रतिमा भक्तों ने ही खोदी
शिलान्यास करेंगे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी
राम को दी जाएगी पवित्र रामा अंजलि
मंदिर बनेगा अब अयोध्या में त्रि - मंजिली
विभिन्न क्षेत्रों से मंगवाया है पानी
अब तो मंदिर बन जाएगा जय भवानी
वचन दिया था राम मंदिर बनाएंगे
राम भक्तों को राम दर्शन कराएंगे
तीन साल में मंदिर बन पाएगा
देश में नया इतिहास बन जाएगा
राम मंदिर मे राम नाम लेना
अब कोई फ़रियाद तुम मत करना
देखा था जो राम मंदिर का स्वप्न
प्रकाशित होगा तेजस्वी राम रत्न
राम नाम के पत्थर तैर जाएंगे
कवि गुलाब कहे अब राम राज्य आएगा
- डॉ गुलाब चंद पटेल
अहमदाबाद - गुजरात
राम की पहचान
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राम हैं धनुर्धारी, पुरुषोत्तम अवतारी
सीता मैया संग बिराजे, लक्ष्मण मनहारी।
आज पड़ी नींव, जन्मभूमि तीर्थ अयोध्या की
बरसों पहले बिराजे राम गोद में कौसल्या की।
विशिष्ट मानव की कल्पना तुलसी ने गाई।
मानव हो ऐसा जो समझे पीर पराई।
माता-पिता के लाडले, खेले खेल हासी
आज्ञा पिता की मिले,बने पल में वनवासी।
दया धर्म है, सदाचार, सच्चरित्र से नाता
भक्तों के आत्म बल और शक्ति दाता ।
'राम' जो विपरीत 'मरा' का है अनमोल
नहीं आत्मा बिना शरीर का कोई मोल।
राम राज्य कर दिखलाया एक सपना
एक दूसरे पर कर विश्वास समझो अपना।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
दोहे
***
मन-मंदिर में झाँक ले, मिल जायें श्रीराम।
गम तो सारे दूर हों, मिल जाये आराम।।
राम-भक्ति की नाव से, भवसागर हो पार।
अन्धतमस को चीर के,जगमग हो संसार।।
मन मंदिर हो प्रेम का, सदा राम से प्रीत।
मधुर मधुर सुर में बजे, जीवन का मधु गीत।।
राम-राम रसना रटे, हृदय हरि का धाम।
प्रेम, भक्ति, सद्गुण बसे,भाव रहे निष्काम।।
भक्ति सिन्धु में ही मिले, अद्भुत मोती ज्ञान।
आत्म भाव सब शुद्ध हों, कुन्दन हो इन्सान।।
मन मेरा चन्दन भया, तन में सुगंध समाय।
कस्तूरी सी मिल गयी, शरण राम की आय।।
तन मन धन सब सौंप दे, उसी राम के नाम।
पूर्ण समर्पण कर उसे, वही शक्ति का धाम।।
राम-नाम अनमोल है, वह ही सच्चा मीत।
निर्बल का है बल वही, कर ले उससे प्रीत।।
- डा. साधना तोमर
बड़ौत (बागपत) - उत्तर प्रदेश
जय श्री राम
*********
मन में दर्शन की आस लिए
भक्ति की सरस सुवास लिए
भारत तरसा है पांच सदी
स्वप्न मंदिर का कुछ खास लिए
सपना ये पूरा आज हुआ
जन जन है जयघोष कर रहा
जय श्री राम,जय श्री राम ।
मंगल सुर तो आज सजे हैं
सुरीले वाद्ययंत्र आज बजे हैं
शिलान्यास की शुभ घड़ी अाई
पुलकित नयन अश्रुभीने हैं
राम लला बिराजें निज घर में
लखन, जानकी, हनुमंत संग में
जय श्री राम, जय श्री राम।।
- प्रो डॉ दिवाकर दिनेश गौड़
गोधरा - गुजरात
श्री राम
*****
संकल्प हुआ अपना पूरा,
लो आज शुभघड़ी आई है!
श्री राम का मंदिर गढ़ने को,
इस प्रात की किरणें छाई हैं!
तुम भले राम को पूजो मत, बस राम ही बन कर जी लेना!
जब बात जगत के हित की हो,
अपने हित पर मुँह सी लेना!
तुम ध्यान से देखो राम हैं वो,
मर्यादा पर सब हार गए! जहां देश का हित सर्वोत्तम था,
रिश्ते नाते सब वार गए!
राम के मंदिर में कोई भी धर्म नहीं पूजा जाता,
जनमत का मंदिर है ये तो यहां जन का मत पूजा जाता!
- अंजू अग्रवाल
अजमेर - राजस्थान
जय श्री राम
*********
पांच सौ बरसों से, तंबू में बैठे थे श्री राम,
सह रहे थे कड़कड़ाती ठंड, वर्षा और घाम।
पराकाष्ठा हो गई थी, दुख सहने की उनकी,
मुक्त हो गए तंबू से आज ,बोलो जय श्री राम की।
शिलान्यास हो गया चांदी ईंटों से, मंदिर बन जाएगा,
श्री राम को अपना ,अयोध्या दरबार मिल जाएगा।
अमावस की काली रात बीत गई, दीपावली आ गई।
नजर राम की उतर के,अयोध्या दुल्हन सी सज गई।
पूरे देश में लग रहे हैं जयकारे,जय जय श्री राम।
देश क्या न्यूयॉर्क में भी, लग रहे जय कारे जय श्री राम।
सबकी जुबां पर है आज, बस एक ही नाम,
जय जय श्री राम, अवध बिहारी जय श्री राम।
भारतीय पुरातन संस्कृति के, संरक्षक है श्री राम।
धर्म का पोषण करने वाले हैं ,जय श्री राम।
इसीलिए कहलाते हैं वे, मर्यादा पुरुषोत्तम राम।
जोर से मिलकर सब बोलो,जय श्री राम ,जय श्री राम।
- श्रीमती गायत्री ठाकुर "सक्षम"
नरसिंहपुर - मध्य प्रदेश
राम
***
खुशियां मनाओं मंगल गाओ
दीप उत्सव मनाओ जी
अयोध्या नगरी सजाओ जी
अयोध्या में बाजे बधाई जी ॥
बरसो बरस बाद खुशियां है आयी
घर घर मंगल देवे बधाई
घर घर दीप जलाओं जी
अयोध्या में बाजे बधाई जी --- -
राम लला मेरे सज धज आये
लड्डू पेड़ा भोग लगाये
छप्पन भोग लगाओ जी
अयोध्या नगरी सजाओ जी -- ॥
सज धज राम लला मंदिर पहुंचे
उनके दर्शन पाओ री
अयोध्या में बाजे बधाई जी
अयोध्या नगरी सजाओं जी ॥
ऊँचे सिहांसन राम विराजे
संग सीता मईया लक्ष्मण जी साजे
चरणों मे हनुमान जी
अयोध्या नगरी सजाओ री ॥
-नीमा शर्मा हँसमुख
नजीबाबाद - उत्तर प्रदेश
जय श्रीराम
**********
सदी का सबसे बड़ा अनुष्ठान,
जय श्री राम...जय श्री राम,
सदियों बाद यह शुभ घड़ी है आई,
कूर्म शिला के ठीक ऊपर रामलला विराजे,
अयोध्या में बना इतिहास आज़,
करोड़ों रामभक्त हुए गवाह।
नवरत्नों से सजे रामलला आज़,
पांच शताब्दियों के बाद आया यह शुभ दिन,
रामलला के सामने हुए नतमस्तक सब,
गौरव का अहसास हुआ जाग्रत आज़।
खत्म हुआ अब इंतजार आज़,
किया साष्टांग प्रणाम रामलला के सम्मुख,
अब टाट नहीं ठाठ से विराजे मोरे राम,
सबका साथ सबका हाथ।
सदी का सबसे बड़ा अनुष्ठान,
जय श्री राम....जय श्री राम।
- नूतन गर्ग
दिल्ली
जय श्रीराम
********
कौशल्या जाया दशरथ नंदन जय श्रीराम
भरत लक्ष्मण शत्रुघ्न भ्राता जय श्रीराम
जनक नंदिनी जानकी सीता पति जय श्रीराम
अयोध्या नरेश श्रीरामचंद्र भगवान जय श्रीराम
त्याग तपस्या वचन पालन के प्रतीक जय श्रीराम
साधु संत ऋषियों के रक्षक जय श्रीराम
गौतम पत्नी अहिल्या उद्धारक जय श्रीराम
मर्यादा पुरुषोत्तम भक्त वात्सल्य जय श्रीराम
वनवासी कल्याणकारी तपस्वी जय श्रीराम
भीलनी जाति के शबरी के मोक्षदाता जय श्रीराम
स्वर्ण मृग देहधारी मारीच वधक जय श्रीराम
गिद्धराज जटायु को भी आदर मिला जय श्रीराम
वानर राज बाली हनन्ता जय श्रीराम
वंचित सुग्रीव संग मित्रता जय श्रीराम
शरणागत बिभीषण संग मैत्री जय श्रीराम
त्रैलोक विजयी रावण हनन्ता जय श्रीराम
बजरंगबली हनुमान प्रिय जय श्रीराम
प्रजावत्सल समदर्शी प्रभु जय श्रीराम
"दीनेश" आराधक सियापति जय श्रीराम
ब्रम्हांड नायक त्रिलोकपति जय श्रीराम
जय श्रीराम जय जय श्रीराम
जय श्रीराम जय जय श्रीराम
- दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश"
कलकत्ता - पं बंगाल
श्री राम
*****
श्री राम का नाम महान,
होगा दिव्य मंदिर निर्माण।
खत्म हुआ इंतजार ,
मंदिर में रामलला विराजमान ।
तेरे पूजन को भगवान ,
बनेगा मंदिर आलीशान ।
हमने जानी तोरी माया ,
हमने खेद बहुत है पाया।
हार गए सह कर दुख महान ,
और करके बलिदान।
तेरे पूजन को भगवान ,
बनेगा मंदिर आलीशान ।
मोह माया में खूब फंसे थे ,
भक्ति से तेरी दूर रहे थे ।
प्रभु तुमने दिलाया ध्यान ,
सबका दूर हुआ अज्ञान ।
सदा तेरे दर्शन का हमें ध्यान ,
न रहा दौलत का अभिमान।
दर्शन और बारम्बार ध्यान ,
मिला है सदा के लिए वरदान।
घर-घर करें पूजन भली प्रकार,
घर घर खुश सब नर -नार ।
शाम को होगा रोशन जहान,
तेरे पूजन को भगवान
बनेगा मंदिर आलीशान।
श्री राम का नाम महान,
होगा दिव्य मंदिर निर्माण।
- रंजना हरित
बिजनौर - उत्तर प्रदेश
जय श्री राम
*******
जय श्री राम जय श्री राम,
राम से बड़ा राम का नाम,
चाहें कृष्ण कहो या राम,
राम से बड़ा राम का नाम,
जय श्री राम जय श्री राम,
पिता हैं दशरथ,माँ कौशल्या,
लखन शत्रुध्न,भरत भ्राता,
पत्नी सीता माता, है अवध धाम,
राम से बड़ा राम का नाम,
जय श्री राम,जय श्री राम,
कृपा राम हाेती जिस पर,
पत्थर पानी में जाते हैं तर,
पूरन हो जाते सारे काज,
जय श्री राम जय श्री राम,
राम से बड़ा राम का नाम।
मुख पर सबके एक ही नाम,
है जग में बड़ा राम का नाम,
कल्याण जगत का करते राम,
राम से बड़ा राम का नाम,
जय श्री राम,जय श्री राम।
- डॉoविजय लक्ष्मी
काठगोदाम - उत्तराखण्ड
जय श्री राम
********
बीत जाए ना मौसम सुहाना
प्यारे श्री राम श्री राम गाना।।
मानव जैसे हिरा तन मिला है।
यहाँ गफलत में मत तू भूलाना।।
उम्र डल रही जैसे बुद पानी।
अंत मे है चले सबको जाना।।
प्राण छूट जाएगी तेरा तन से।
बाकी सारे यहीं छोड़ जाना।।
राम का नाम लेता नही तूम।
करता रहता माया का बहाना।।
ऐसा अवसर मिले ना दोबारा।
अंत मे होगा तूम्हे पछताना।।
दो अक्षर को मन में बिठाले।
प्यारे श्री राम श्री राम गाना।।
- गोवर्धन लाल बघेल
महासमुंद - छत्तीसगढ़
आ गये मेरे राम
**********
राम मंदिर में राम ध्वज फहरेगा
हर्षित है अयोध्या नगरी,
देवें बधाई मिल गायें मंगल गीत
उल्लसित अयोध्या सगरी।
शबरी निषाद की पूरी हुई प्रतीक्षा
ऋषि मुनियों में खुशहाली,
आये हैं अपने राम अयोध्या में तो
अब हर दिन होगी दीवाली।
चलो जलायें घी के दीपक घर में
बनायें सुंदर सी रंगोली,
सरयू भी खुश हो कल-कल बहती
सबकी बदल गयी बोली।
तेरा मेरा इसका उसका सबका ही
सपना आज हो गया पूरा,
जीवन सफल हुआ लो हर जन का
अब कुछ भी रहा न अधूरा।
श्री रामराज्य आरंभ हुआ बधाई लो
झूम उठी चारों दिशायें,
आ गये तेरे मेरे सबके प्यारे प्यारे राम!
गुनगुनाने लगी हैं हवायें।
- डा० भारती वर्मा बौड़ाई
देहरादून - उत्तराखंड
राम का वियोग
***********
वन - वन खोजे हरि, हिया सिया की पीर
नैनों से झरझर अश्रु करूण, संग बहे नीर।
हे सीते, मम प्रेम रहस्य तत्व एक गंभीर
किसे कहूँ! कैसे कहूँ! दुख की पड़ी भीर।।
शीतल मंद सुगंध पवन भी हो रहे अधीर
मेघ भी बरस रहा अंबर करे अब अटहास।
चन्द्रमा की शीतलता अग्नि बन जलाए चीर,
वृक्ष भी नि:श्वास हुए, बसंत का न आभास।।
खोज- खोज थके पाँव ,दिखे जटायु लहूलुहान
उठा कर निज गोद गिद्ध को लिया अंक समान।
धन्य - धन्य हुआ जटायु, हरि गोद में प्राण त्याग
हे प्रभु! हरण माता हुआ, दुराचारी रावण भान।।
कैसे खोजूँ प्राण को ,काम आए ना तीर-कमान
राह शबरी निहार रही,कब आएं द्वार भगवान
दर्शन पाकर प्रभु का भाव विह्वल हुआ रे प्राण
कुटिया लगे जग से अनोखा अनुपम वपुमान,
न दिखाएं मन ना बताएं किसी को हृदय पीड़,
शुन्य निशा में रहे भटकते ले आँखों में नीर,
खग विहग व्यथित आज विचलित बहे समीर,
हाय! सजनी विरह में मृत हुआ जाए शरीर,
- कल्याणी झा
राँची - झारखण्ड
जय श्रीराम
********
सीताराम जय सीताराम
दो अक्षर का प्यारा नाम
कौशिल्या के आंख के तारे
दशरथ के तुम राजदुलारे
जन्मभूमि अयोध्या तुम्हारी
हे राम प्रभु हितकारी
सुमित्रा, केकई आपकी माई
भारत ,शत्रुघ्न ,लक्षमण भाई
पुत्र धर्म को आप निभाये।
सीता, लक्ष्मण संग वन को जाये।
राक्षस जाती को मार गिराये
साधु संतों का आप बचाये।
विभीषण, सुग्रीव को मित्र बनाये
उनको उनका राज्य दिलाये।
चौदह वर्ष वन में गुजारे।
फिर अयोध्या में पुनः पधारे।
सीताराम जय सीताराम
दो अक्षर का प्यार नाम।
- राम नारायण साहू "राज" रायपुर - छत्तीसगढ़
जलाओ री सखी मंगलदीप
*****************
जलाओ री सखी मंगलदीप,
आज घर आये हैं राजा राम।
राह बुहारो ये महल सजाओ ,
आयो शुभ घड़ी ये वर्षों बाद।
फूलों का वन्दन वार लगाओ,
आये हैं जग के ही तारनहार।
जलाओ री सखी मंगलदीप-------।
शुभ ये घड़ी शुभ गीत सुनाओ,
मिलजुलकर सब नाचो गाओ।
सदियों से इन्तजार था इसका,
आयो शुभ दिन है वह आयो।
पांव पखारो जी आरती गावो,
झूमि उठे सकल संसार सखी।
जलाओ री सखी मंगलदीप-------।
सब को तारनहारे रघुवर के,
चरणों में अर्पित पुष्पांजलि।
हनुमानबली संग में हैं उनके,
सहित सकल परिवार सखी।
हर्षित सिय लखन भये आतुर,
अब बीता है दूजा ये वनवास।
जलाओ री सखी मंगलदीप-------।
पांच सदियों का निष्कासन,
खतम हुआ है आकर आज ।
पांच अगस्त बीस दिन पावन,
है यादगार बना ऐतिहासिक।
शुभ मंगल चहुं ओर है छाया,
खुशियों से सजा आज संसार।
जलाओ री सखी मंगलदीप-------।
- डॉ सरला सिंह "स्निग्धा"
दिल्ली
राम राज
******
श्री रामचंद्र कह गए सिया से,
ऐसा कलयुग आएगा ।
धर्मी रहेगा भूखा नंगा ,
पापी मौज उड़ाएगा ।
रामचंद्र कह गए सिया से ,
ऐसा कलयुग आएगा ।
सतयुग में थे चार चरण,
त्रेता में तीन रह जाएगा ।
द्वापर में रह गए दो चरण ,
कलयुग में एक रह जाएगा। धर्म के चारों चरण में बस ,
जब एक चरण रह जाएगा ।
सत्य,दया ,तप, दान में बस ,
दान ही डंका बजाएगा ।
एक चरण होने से "कौशिक ,"
धर्म नहीं चल पाएगा।
श्री रामचंद्र कह गए सिया से ,
ऐसा कलयुग आएगा ।
"कौशिक" तब फिर धर्म की,
खातिर अवतार मेरा हो जाएगा ।
पापी मरेंगे चुन चुन करके,
धर्मी मौज उड़ाएगा ।
रामचंद्र समझाए सिया को ,
ऐसा समय फिर से आएगा ।
पापी मरेगा भूखा नंगा ,
धर्मी मौज उड़ाएगा ।
सत्य, दया, त प, दान को,
लेकर राम राज फिर आएगा ।
- डॉक्टर ताराचंद कौशिक
पुरैनी
श्री राम
*****
कौशल्या नंदन राम
मर्यादा पुरुषोत्तम राम
रामराज्य और मर्यादा
बनी तेरी पहचान
पालनहारा जय श्री राम
ताड़न हारा जय श्री राम
जन जन के दिल में बसने वाले राम
जय श्रीराम जय श्रीराम
सदियों से रहे विवाद
पूरी हो गई आज यह इस
भारत सारा गुंजायमान हुआ
जय श्रीराम जय श्रीराम जय श्रीराम
याद आई घर की मंदिर
राम लक्ष्मण जानकी
पूजा की घंटी से खुल जाती आंखें
दौड मंदिर पर गाते गान
भए प्रगट कृपाला की होती आरती
सबको मिलते लड्डू का भोग
तब से जाना राम नाम का जप करें सो पाए भोग
राम नाम की लूट है लूट सको तो लूट अंतकाल पछताएगा जब प्राण जाएंगे छूट
जय श्रीराम जय श्रीराम जय श्रीराम
- कुमकुम वेद सेन
मुम्बई - महाराष्ट्र
अयोध्या में
*******
अयोध्या के शिला लेख
तुलसी की रामायण के पात्र
अनपायनी भक्ति राम भक्तों की
आकार पाने को हैं अयोध्या में
रमेंगे हर ईंट हर नक्काशी के कण-कण में राम
हर फूल में खुशबू से रचेंगे रामायण अयोध्या में
सदियों से इंतजार था हर एक दिल में
भूमि पूजन के साथ झूमेगा पावन अमिट अजर अमर पल अयोध्या में।।
इकहत्तर वर्ष पहले राम लला ने स्वयं प्रगट हो कर बालकांड लिख दिया था अयोध्या में
सदैव बढाया है देश का मान-सम्मान रामकथा में।।
ये है आचार संहिता या मशाल जल रही है कोई
राम के नाम से बढ़कर न रहा दीप प्रज्वलित कोई।।
रावण शूर्पणखा या विभीषण भी नहीं
नहीं रचना है लंकाकांड
रामकाव्य या अयोध्या में।।
हाँ बस उत्तरकांड रचें और लिखें राज्यभिषेक श्रीराम का अयोध्या में।।
रच दिया था कभी सुंदर कांड युग के पवन पुत्र जामवंत और सुग्रीव ने
बरसों पुरानी आस्था की धुन पर रचा जा रहा इतिहास अब अयोध्या में।
दीप पर्व सा लाया संदेशा भूमि पूजन ये अयोध्या में।।
तजें सब निजता अहंकार दर्प गर्व अब अयोध्या में
मैया सरयू में बहा दें सभी मन-भेद अब अयोध्या में
आया है बाद युगों के ये पल अविनाशी आज अयोध्या में।।
हाँ सुनो राम बदलना है तुम्हें मूल्य मानदंड वे सारे
भारत की उच्च छवि को गिराये थे जो वे अलबेले
बेर शबरी के जूठे खाकर भी जात पांत की बातें
भाई-भाई के बीच ना हो महाभारत सी घातें
अब ना मजबूर अहिल्या हो शिला बनने पर
अब ना शर्मिंदा करे सीता को परित्यक्ता कह कर।।
राम आओ फिर से एक बार रचेंगे रामायण अयोध्या में
चलें बैठाएं लला को दिलों मे जाँ में अयोध्या में
अब तो श्रीरामजी बालकांड रचेंगे कल अयोध्या में।।
क्षण वो अनमोल उकेर लेंगे हदय आंँगन में।।
पल वो बहुमोल उकेर लेंगे हदय आँगन में।।
- हेमलता मिश्र मानवी
नागपुर - महाराष्ट्र
जय श्री राम
********
राम नाम है जीवन सारा
इसके बिना न कोई आधारा
बोलो बस इक यही नाम
जय श्रीराम, जय श्रीराम।
जीवन की मर्यादा राम
त्याग की परिभाषा राम
पराक्रम की पराकाष्ठा राम
जय श्रीराम जय श्रीराम।।
दशरथ नंदन प्यारे राम
कौशल्या, सुमित्रा के ये प्राण
भरत, शत्रुघ्न लक्ष्मण के भ्राता राम
रिश्तों की सांसे है राम।
कर्तव्य की माला है राम।
जन जन में हुए एक महान
जय श्रीराम जय श्रीराम।।
त्याग , विश्वास का नाम है राम
वचन की खातिर जो दे प्राण
जय श्रीराम जय श्रीराम।
नीति के रखवारे राम
दुश्मन का भी करें कल्याण
जय श्रीराम जय श्रीराम।
दीन हीन के हृदय में वसते
प्रजा के पालक अवध में बसते
सरयू तट पर सुंदर धाम
अयोध्या नगरी के राजा राम
जय श्रीराम जय श्रीराम।
आस्था के पूरक हैं राम
विश्वास की मूरत है राम
स्व सुख तज करि वचन का मान
जय श्रीराम जय श्रीराम।
राम नाम से होते शुभ काम
राम की महिमा अति महान।।
जय श्रीराम जय श्रीराम।।
सदिया बीती राह निहारे
अब तो आए राम दुलारे
जगमग दीप जले चाहूँ ओर
खुशियों का न कोई छोर
मंगल पावन दिवस है आया
अपने राम को फिर से पाया।
हर्षित मन पुलकित है काया
अयोध्या में फिर आए राम।
जय श्रीराम जय श्रीराम।।
- सीमा मोंगा
रोहिणी - दिल्ली
जय श्री राम
*********
श्री राम के हम द्वारे,
हमेशा हाथ पसारे,
वो सबके सहारे,
हम सभी जानते।
हर तरफ है वास,
उनपर ही विश्वास,
उनसे हमारी आस,
वही हमें पालते।
आफत यह आई है,
चारों तरफ छाई है,
डर की परछाई है।
हम सभी मानते।
विजय सबको पाना,
अभी नहीं घबराना,
एक हो सारा जमाना
हम नहीं हारते।
प्रभु की यही है इच्छा,
देनी हमें है परीक्षा,
खत्म जल्दी हो प्रतीक्षा
हम सभी चाहते।
- रंजना वर्मा 'उन्मुक्त '
राँची - झारखंड
इस अवसर पर 41 कवियों का डिजिटल सम्मान पत्र व रचनाओं को दिया गया है ।अत: ऑनलाइन कवि सम्मेलन में भाग लेने के लिए सभी का बहुत - बहुत धन्यवाद !
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