कवि सुदर्शन पानीपती की स्मृति में ऑनलाइन कवि सम्मेलन



जैमिनी अकादमी ने कवि सुदर्शन पानीपत की स्मृति में WhatsApp पर साप्ताहिक ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन रखा है । 
          कवि सुदर्शन पानीपत का जन्म एक जनवरी 1936 को स्यालकोट (पाकिस्तान ) मे हुआ । ये शायर पुत्र है । इन की कई पुस्तक प्रकाशित हुईं । ये रेडियो व टी.वी पर भी आये । ये Central Bank से रिटायर हुये ।  इन की मृत्यु तीस जनवरी 2008 को जयपुर में हुई ।
          ऑनलाइन कवि सम्मेलन में पचास से अधिक कवियों ने भाग लिया है । कुछ को सम्मानित किया जा रहा है । जो इस प्रकार है : -
            पेड़ पौधे हैं जीवन          
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 हर घर हो,पेड़ पौधों से भरा
   फूल और खुशबू,से हो महका। 
   टहनियों में, फुदकते हो पंछी
   सुमधुर संगीत से,हो घर चहका।।

  पेड़ पौधे देते,मन की शांति 
    मानव लेता प्राणवायु, नित पल।
   सुख,शांति, संपन्नता आती
    घर को श्रृंगारित ,करते हर पल। ।

   जग में जाहिर, पेड़ पौधे 
    लगाओ भरपूर,पुण्य पाओ।
   ये रखते मानवता,को जीवंत 
    हर पल इनकी,सुरक्षा करो।।

   पूरी कायनात देती साथ, पेड़ 
    पौधों को, विकसित करने में। 
    पानी,खाद,और देखभाल करके 
    हरा भरा घर ,गुलजार करने में। ।

   हर वृक्ष की, जड़ें हों गहरी
     हरियाली की,भरपूर हो आबादी। 
     पेड़ पौधे नष्ट, करने वाले
      घोषित हों, पर्यावरण के आतंकवादी। ।

    हर नगर,हर गाँव में 
       हरियाली का,ना हो अमंगल। 
      पेड़ पौधे लगाकर, रोग भगाओ
      आज का यह,नारा हो मंगल। ।

    सभी बांधवों का,जीवन महके
      पायें पेड़ पौधों, की सौगात। 
     तोता,मैना,चीडियों, का चहकना
    सुन पायें व्यथित ,मन का निजात।
  - डॉ मधुकर राव लारोकर 
  नागपुर - महाराष्ट्र 

 घर में पेड़ पौधे
**********

पेड़ पौधे जग उपकारी, करते जन उपकार,
घर आंगन में लगाइये,कर लो पेड़ों से प्यार,
विविध प्रकार के पेड़ हैं, घर में लो उगाय,
प्रकृति को शुद्ध रखो, ये उपाय संत बताय।

तुलसी घर आंगन में हो, रोग दोष हटे दूर,
घर की शोभा बढ़ जाए, तोड़ते कीट गरूर,
इशान कोण में तुलसी लगे, घर शुभ मानते,
बुजुर्ग घरों में आज भी, तुलसी गुण जानते।

मनी प्लांट धन वृद्धि हो, केला भी लगाय,
घर आंगन में लगाओ,पुदीना,मिर्च,पालक,
पूजा होती कई पौधों की, बढ़ाते शोभा घर,
कांटेदार,दूध वाले पौधे, लगाने से बढ़े डर।

हल्दी,शमी, बेल लगा,घर में देवों का वास,
पीपल,बरगद घर से दूर, वरना हो सर्वनाश,
सफेद आक उगाते घर में,काला धतूरा साथ,
कहावत यही चली आई, घर ना हो अनाथ।

बास समृद्धि का प्रतीक, आंवला मानते शुभ,
आम, कीकर,गुलाब पौधे,होते घर में अशुभ,
नारियल, नीम अशोक भी घर में खूब लगाय,
इमली मेहंदी घर में हो तो, इनको देते हटाय।

अशोका, गेंदा, शमी पौधे,घर में होते हैं खास,
केवड़ा,चंपा,जामुन,अमरूद, लगाओ घर पास,
काटेदर पौधे घर में कर देते सब कुछ विनाश,
दुर्वा,नारियल,गुडहल लगा, आयेगा शुद्ध सांस।।
- होशियार सिंह यादव
 महेंद्रगढ़ - हरियाण

घर में  पेड़-पौधे 
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घर की शोभा बढ़ाते पेड़ पौधे 
 घर में खूब रौनक लाते पेड़ पौधे 
       पेड़ पौधों पर पक्षी जब बैठते
      घर के चारों कोने तब महकते
 सुगन्धि चारों ओर ये भर देते
 फल फूलों से निहाल कर देते 
       मन अशांत हो तो गले लगाते 
        झूम झूम कर प्यार जताते ।
  वर्षा की बूंदो से करते श्रृंगार 
  गर्मी सर्दी से ये न मानें  हार । 
       पतझड़ में जब ठूँठ बन जाते
       बहार आने का इंतजार करते। 
 मनुष्य को सदा संदेश यही देते 
 कभी मुश्किलों से नहीं घबराते। 
     आओ मिलकर घर लगाएँ पेड़ पौधे 
      पृथ्वी का संतुलन बनाएँ पेड़ पौधे 
 घर की शोभा बढ़ाते पेड़ पौधे 
 घर मे खूब रौनक लाते पेड़ पौधे। 
- कैलाश ठाकुर
नंगल टाउनशिप - पंजाब 

    पेड़-पौधे     
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आओ लगा लें पेड़-पौधे घर में
मिले ताजी शुद्ध हवा सभी को।   

जकड़े  नहीं कभी कोई बीमारी
गिलोय लाभकारी पता सभी को।

नीम के पेड़ होते बहुत गुणकारी
आयुर्वेदिक दवाई मिलती हमको।

सुख-शांति,तुलसी के पेड़ लगायें
सर्वत्र मनीप्लांट के बेल फैलायें।

जीवन के मुस्कान होते ये पौधे
धरती माता के हैं प्राण ये पौधे।

सर्दी गर्मी बरसात सब ये सहते
हमको खुशहाल जीवन हैं देते।

बगीचों की हरियाली पेड़-पौधे
हर लेती है हर गम तन-मन के। 

शुद्ध ऑक्सीजन देते पेड़-पौधे
सदा पर्यावरण को शुद्ध वे रखते।

मंद मंद बहते जब शीतल समीर 
विकल ह्रदय को सुकून शांति देते।

रात्रि-नीरवता में चमके चांद-तारे ,
रोशनी भर पौधों को रौशन करते।

स्वच्छ हवा में जब हम सांस लेते 
रक्त धमनियों को निरोगी बनाते।

शुद्ध पर्यावरण पे टिका है जीवन
ना करें प्रदूषित कभी भी इनको ।

स्वस्थ, खुशहाल, निरोगी काया।
मिलेगा शुद्ध पर्यावरण से सबको। 
       सुनीता रानी राठौर
       ग्रेटर नोएडा -उत्तर प्रदेश

घर में पेड़ पौधे 
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कितना सिखा देते हैं ,
घर में लगे पेड़ पौधे ,
सेवा धैर्य प्रतीक्षा ,
सब गुण संपन्न कर देते हैं ,
हरियाली से खुशहाली ,
पुष्पों से खुशबू दे जाते हैं ,
घर में पेड़ पौधे ,
जीवन सुंदर बना जाते हैं ,

माटी से जोड़ के रखे ,
उसकी खुशबू कायम रखे ,
तंदुरुस्ती का भी ,
ये सुलभ साधन हैं ,
बचपन से हर अवस्था के ,
ये सच्चे साथी हैं ,
घर में लगे पेड़ पौधे ,
कायनात की तरफ से ,
हमको मिले अनमोल तोहफे हैं ,

अतिथियों को भी आकर्षित करते ,
तितलियों और चिड़ियों के ,
ये आसरा बन जाते ,
फल सब्जी के रूप में ,
पेट भी हमारे भर जाते ,
घर में पेड़ पौधे ,
सचमुच जीवन को ,
आनंदमय बना जाते ।
- नरेश सिंह नयाल
देहरादून - उत्तराखंड

 र्पेड पौँधे 
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घर में पेंड पौधे , घर को सुदंर बनाते है ! 
घर में खुशीयो की बारात सजाते है !!

गर्मी के तापमान से राहत पहुँचाते है !
पँक्षीयो को आश्रय दे संगीत सुनाते है !! 

पेंड पौधे जीवन का आधार है ! 
हरियाली वसुंधरा का श्रृंगार है !!

पेंड -पौधे फल और फूलों की खान है !
अमूल्य औषधीयां देकर , देते जीवन दान है !!

उदास मन को शीतलता पहुँचाते है !
थके हारे कदमो को विश्राम कराते है !!

झुलस रहा हो गर्मी से घर आँगन और पवन !
अपना स्नेह देकर ठंडी बयार का देते सुकून !!

आओ सब अपने घरों में पेंड पौधे लगाए ! 
गांव मोहल्ला घर घर हरियाली लाए !!

घर में पेंड पौँधे लगा , धरती पर करे उपकार !
 सब बिमारी दूर भीगेंगी  होगा फिर चमत्कार !!
- डॉ अलका पाण्डेय 
 मुम्बई - महाराष्ट्र

घर में हो पेड़ पौधे
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पेड़ पौधे है जीवन का आधार
घर में हवा आती है खुशबूदार
भरपूर ऑक्सीजन इनसे मिलती
वातावरण में ये लाते है बहार

हर घर में हो पेड़ पौधे
यही सबका मानना है
शुद्ध रहे हमारा पर्यावरण
यही हमारी कामना है
- छगनराज राव "दीप"
जोधपुर - राजस्थान

घर में  पेड़ पौधे
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देते हमको जीवन जीने की सीख...
घर में तुलसी को जल देते...
संस्कार का बीज हैं बोते..
मां ने घर में लगाएं हैं..
आम कटहल अमरूद नींबू
शरीफा आंवला और करौंदा...
उसका ताजा फल हम सब खाते...
अपने दोस्तों मित्रों को और पड़ोसियों..
रिश्तेदारों और सभी को फल बांटते...
मिल बांट कर खाना सीखते..
इसमें छुपा प्यार बहुत है..
जो फल से भी मीठा होता है...
लौकी कद्दू सेम  तरोई करला ...
घर के बगीचे में मूली ताजी ...
पालक मेथी हरी धनिया की क्यारी...
सुबह शाम हम पानी देते ..
घर के पेड़ पौधे से हम प्यार करते...
ठंडी शीतल उसकी हवाएं ..
स्वस्थ शरीर और तन मन रखें...
प्रकृति का संरक्षण करना ....
सीखते हम घर के पेड़ पौधों से...
छोटे-छोटे गूढ़ रहस्य...
जीवन के छिपे हैं...
घर के पेड़ पौधे में...
भोर में सूरज की लाली ...
घर में पेड़ पौधों के बीच से ..
देख उसकी छटा निराली ...
मन मेरा कहीं खो जाता है ...
धन्य धन्य है उस प्रभु का ...
जिसने यह पेड़ पौधे बनाया...
जीवन जीने को  दी अमूल्य निधि ..
घर में पेड़ पौधों से ..
नित  सीखता संस्कारों को...
इनमें दिखती मुझे मां की सूरत ...
सेवा करता हूं मैं घर में पेड़ पौधों ‌की ...
अपने पूर्वजों को करता हूं नमन...
जिन्होंने यह दी अमूल्य धरोहर...
इसकी हिफाजत करना मुझको...
धन्य हो जाए मेरा जीवन...
घर में सदा हरियाली छाए‌ ...
घर में लगे रहें पेड़ पौधे....!!!
- आरती तिवारी सनत
 दिल्ली

घर में पैड़  पौधे
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जीने के लिए खाना मजबूरी  है, 
सेहत के लिए पेड़ पौधे भी जरूरी हैं। 
   देते हैं शुद  हवा और हरियाली, 
पेड़ पौधों विना लगती सारी धरती खाली। 
आ़़ओ सारे मिलकर पेड़ लगएं, 
तरह तरह के घर से रोग भगाऐं। 

यह ओषदी के काम भी आएं, 
इन्हें लगाकर घर की शान बढ़ाएं, 
यही एक मुहिम वनाएं  
हर घर हर ऑगन में  पेड़ पौधे लगाएं। 
गन्दी हबा को यह तरुंत भगाऐं,  
बरसात में बादल दौड़े  आएं। 
       पौधे जीबन पर प्यास वुझाते, 
दूषित हवा से हमें मुक्त करबाते। 

इन को लगाने में है शान हमारी, 
दूर भगाते हर प्राणी की बिमारी। 

      पशू पक्षी भी इनसे पलते, 
पैड़ पौधे सभी को  अच्छे लगते। 
 आओ मिलकर प्रण यह पाएं, 
हर घर हर ऑगन में पेड़ पौधे लगाएं। 
            घर घर में यह पैगाम पहुंचाएं, 
हर प्राणी के प्राण वचाएं। 
- सुदर्शन कुमार शर्मा
जम्मू - जम्मू कश्मीर

घर में पेड़ पौधे
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ये सबको समझना और बताना जरूरी है।
अपने लिए हर घर में पेड़ पौधा लगाना जरूरी है।
घर के बगीचे में, बालकनी में,और छज्जे में।
अनेक प्रकार के पेड़ पौधों लगा सकते है।
और अपने आसपास के गन्दगी रूपी प्रदूषण के भगा सकते है।
गुलाब, चमेली, गेंदा, रातरानी के फूल लगा सकते है।
इसके साथ धनिया ,मिर्ची, भाटा, टमाटर भी लगा सकते है।
आम, जाम, जामुन, पीपल, बरगद के पेड़ लगाइए।
भारी मात्रा में फ्री ऑफ कास्ट ऑक्सीजन पाइए।
शहरो में तो घरों में ही इतना घनत्व है।
इसलिए घर में पेड़ पौधों का ज्यादा महत्व है।
- राम नारायण साहू "राज"
 रायपुर - छत्तीसगढ़

मेरी अभिलाषा
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बन कर मैं पेड़ हमेशा,औरों के काम आऊँ
सुख-दुःख और धूप-छाया में,मैं 
सब का साथ निभाऊँ
सीख जो बुजुर्गों से पाई ,सब को मैं बताऊँ 
अपने जीवन का हर इक पल सब पर न्योछावर कर जाऊँ ।

देकर छाया पन्थियो को,शीतल हवा चलाऊँ
देखे जो मेरे पके फलों को ,उन का जी ललचाऊँ 
हाथ न  पहुंचे मुझ तक तो,पत्थर तक खा जाऊँ 
लुटा कर अपने मीठे फलों को,मन ही मन मुस्काऊँ ।


पत्तों को मेरे पशु जो खाए, उन की भूख मिटाऊँ
टहनियों पर हो पंछी बसेरा,कोटरों मेंजीव बिठाऊँ
हर जीवों के काम में आकर,बहुत-बहुत इतराऊँ
इस धरा पर बोझ न बन कर,जीवन सफल बनाऊँ ।

पालना बन कर झुलाऊँ मैं ,चैन की नींद सुलाऊँ 
बनकर ईंधन भूख मिटाऊँ,सर्दी को दूर भगाऊँ 
कोयला बन कर राख बनुं मैं,बर्तनों को चमकाऊँ 
अन्त समय मानव संग ,चिता बन जल जाऊँ ।

कभी खिलौना बनुं मैं ,कभी पलंग बन जाऊँ 
कभी दातुन बन कर मैं,मुख की दुर्गंध मिटाऊँ 
कभी बन कर औषधिमैं,सब की व्याधी हर जाऊँ 
मेरा यह अंग-अंग काम में आए,सब पर मर-मिट जाऊँ
 - ललिता कश्यप सायर 
   बिलासपुर - हिमाचल प्रदेश

 घर में पौधे
*******

आओ हम सब
एक-एक पेड़ लगाएं
अपने घर को सजाएं
घर के सभी सदस्यों के नाम
एक-एक पेड़ लगाएं
कोई बालकोनी में 
कोई छत पर ही पेड़ लगाएं
आओ हम सब
एक-एक पेड़ लगायें
आँगन में एक तुलसी का पेड़
दादी के लिए लगाएं
आओ हम सब 
एक-एक पेड़ लगाएं
घर का पर्यावरण सुधारें
दादा जी के लिए 
गिलोय का एक पेड़
गमले में हम लगाएं
आओ हमसब
अपने घर में पेड़ लगाएं
सम्मी का पेड़
माँ के लिए लगाएं
एक पर्णबीज
एक एलोवेरा
का पेड़ लगाए
अपने घर को हम
हरियाली से सुंदर बनाएं
आओ अपने घर को हम
सब्ज बाग बनाएं
कुछ फूलों का पौधा लगाएं
अपने घर को
खुशबू से महकाएं
आओ घर को हम
सुंदर सुंदर फूलों से सजाएं
हम अपने घर को
सुंदर स्वर्ग बनाएं
एक-एक पौधा लगाएं
हमसब एक-एक पौधा लगाएं
-दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश" 
कलकत्ता - प. बंगाल

 घर में पेड़ पौधे
**********
  
आओ हम सब मिलकर लगाएंगे
 पेड़ पौधे घर घर लगाएंगे 
 घर में शुद्ध हवा खाएंगे 
आंगन में तुलसी का पौधा लगाएंगे   
 बगीची में नीम , एलोवेरा लगाएंगे 
  रामबाण , गिलोय भी लगाएंगे
             बीमारियां  दूर भगाएंगे                           
 फूलदार वृक्ष भी लगाएंगे
 फलदार भी लगाएंगे 
पेड़ पौधों को सुबह शाम सीचेंगे
ठंडी ठंडी हवा खाएंगे
 हरियाली से मन में शांति पाएंगे
 - राम बिहारी पचौरी
 भिंड - मध्यप्रदेश

 घर में पेड़- पौधे
**********

मन को अच्छे लगते हैं घर में पेड़ पौधे
तन को स्वस्थ रखतें हैं घर में पेड़ पौधे
     प्राण वायु आधार जीवन का
       शुद्ध हवा ये देते हैं
     जब विचलित हो मन तब ये
       मन को शांति देते हैं
तन स्वस्थ मन प्रफुल्लित करते घर में पेड़ पौधे
हरियाली से भरचक रखते घर में पेड़ पौधे।

    फूलों की हो क्यारी मधुर
       फल भी रसीले आते हैं
    अलग अलग रंग भाते बहुत
      मन को ये हर्षाते हैं
पूरे घर की रौनक बढ़ाते घर में पेड़ पौधे
पक्षियों का आशियाना बनते घर में पेड़ पौधे।

प्रो डॉ दिवाकर दिनेश गौड़
गोधरा - गुजरात

घर के पेड़-पौधे
**********
घर के आँगन, बाग-बगीचे में
लगे पेड़-पौधे होते छुई-मुई।
छोटी-सी बगिया में उग आते,
धनिया, टमाटर, नींबू और मुरई।
पौधे राहों पर भी उग आते हैं।
पर घर-सी सुरक्षा कहाँ पाते हैं।
हरियाली का सुकून आँखों को
शीतलता दिल को कब दे पाते हैं।
पेड़ों की छाँव न मिले, मगर
थोड़ी मिट्टी में ही जीवन संघर्ष दर्शाते हैं।
फूलों की बगिया या तुलसी की पत्तियाँ ।
बेला की खुशबू या गेंदे की कलियाँ।
जो भी हैं, घर को खूबसूरत बनाते हैं।
स्वर्ग का दृश्य धरती पर उतार लाते हैं।
सकारात्मक ऊर्जा का ये द्योतक हैं।
पेड़-पौधे मानव जीवन के पोषक हैं।
आओ, सभी घर में ही पौध लगाएं।
हम भी अपनी दुनिया को महकाएं।
स्वच्छ और सुंदर भारत का सपना।
हम शुरुआत करें घर से ही अपना।
                      - संगीता गोविल     
                         पटना - बिहार

घर में पेड़-पौधे
*********
बड़े काम के घर में पेड़ पौधे ,
चाहिए हमें खुद इसे रोपें।
हरियाली से भर जाए घर बार,
सुंदर लगेगा अपना ये संसार।

इठलाती ,बलखाती लताएं,
 इन सबकी अपनी हैं अदाएं
फूल, पत्तों, फलों से होती लदी, 
पूरी बागान लगे खूबसूरत सजी 

फूलों का राजा होता गुलाब,
रोज बगीचे का खिलता शबाब।
आम,अमरूद,केला ,पपीता, 
रसीले फलों का जैसे गुलदस्ता 

बैगन टमाटर नखरीली भिंडी
नित हमारे थाली में सजती।
पालक,हरी सब्जी, घर में इन्हे उगायें,
 थोड़ी मेहनत पर,सेहत भरपूर पाएं।

 कुदरत का अद्भुत नजराना ये,
स्वास्थ्य सेहत का खजाना ये।
 प्रदूषण हो जाए जब दुनिया पर भारी,
 पेड़ पौधे करें रक्षा हमारी।

                - रंजना वर्मा 'उन्मुक्त '
                 राँची - झारखंड

इनके अतिरिक्त जयप्रकाश सुर्यवंशी किरण , ओमप्रकाश श्रीवास्तव , डॉ.अरुण कुमार शस्त्री , प्रीति हर्ष , हेमलता मिश्र मानवी , नीमा शर्मा हंसमुख , डॉ. भारती वर्मा , दीपा परिहार दीप्ति , प्रज्ञा गुप्ता , गीता चौहान , चन्द्रिका व्यास , कमलेश कुमार राठौर , सतेन्द्र शर्मा तरंग , पूजा नबीरा , भोगी लाल गुप्ता , विशाल चतुर्वेदी उमेश , गायत्री ठाकुर सक्षम , हरिप्रसाद शुक्ल अवध , नरेन्द्र परिहार , डॉ. विजय लक्ष्मी , गोवर्धन लाल वधेल , डॉ.असीम आंनद , कमला अग्रवाल , अनिल शर्मा अनिल , रामचन्द्र प्रधान लोईग , रंजना हरित , योगिता चौरसिया , सुदेश मोदगिल नूर , गीता चौबे , सुधा कर्ण , सरिता साहिल , अमित शुक्ला अजस्र , हितेन प्रताप सिह तड़प , कुमकुम वेद सेन , सोनिया प्रतिभा तानी , वरुण राज मिश्रा , डॉ छाया शर्मा , डॉ . दुर्गा सिन्हा उदार आदि ने अपनी - अपनी कविताएं पेश की हैं । सभी की कविताएं एक से बढ़ कर एक हैं । सभी बधाई के पात्र हैं । परन्तु नियम के अनुसार ही 16 कवियों को सम्मानित किया गया है । कार्यकारिणी की मीटिंग के अनुसार कार्य किया जाता है । भविष्य में भी सिर्फ 11 कवियों को सम्मानित किया जाऐगा ।





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