क्या देश के ईमानदार करदाताओं को राहत मिलेगी ?
देश के करदाता , अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं । जिससे देश चलता है । परन्तु ईमानदार करदाता भष्टाचार का शिकार रहता है । प्रधानमंत्री जी कुछ ऐसी व्यवस्था करने के लिए कार्य करना चाहते हैं । जिसका सीघा लाभ ईमानदार करदाताओं को मिलें । यहीं " आज की चर्चा " का प्रमुख उद्देश्य है । अब आये विचारों को देखते हैं : -
कहा जाता है कि जो व्यक्ति ईमानदार होते हैं वह दूसरों से प्रभावित नहीं होते विवेक से काम करते हैं जिसने उसको संतुष्टि मिलती है सरकार ने कर चोरी करने वालों के लिए जो नियम बनाए हैं उसके तहत अब कर चोरी नहीं होगी ऐसा कहा जा रहा है लेकिन ईमानदार व्यक्ति कर चोरी करने वाले से उनको कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि कर्ज चोरी करने वाले किया ना करने वाले से उन्हें कोई तालुकात नहीं होता है वह तो अपनी ईमानदारी से ही कार्य करते हुए संतुष्टि होते हैं तो इससे यही कहा जा सकता है कि ईमानदार करदाताओं को राहत मिलेगी ईमानदार करदाता पहले से ही संतुष्ट है तभी तो वह ईमानदारी के साथ अपना कर्तव्य सरकार के प्रति निभाते हुए अन्य लोगों के लिए प्रेरणा के स्रोत बनते हैं ईमानदार व्यक्ति सिणधरी से जीते हैं और अन्य को भी इमानदारी पूर्वक जीने का प्रेरणा देते हैं यह उनका मौलिक व्यक्तित्व होता है यह किसी के दबाव में ना किसी के प्रभाव में जीने वाले होते हैं तो इसे ही कहते बनता है कि ईमानदार करदाताओं को ग्राहक पहले से ही रहती हैं सरकार की नियम से जरूर सहमत रहते हैं। हां इस बात से उनको संतुष्ट होती है कि चलो सरकार की जो चोरी हो रही थी वह अब नहीं होगी और वह पैसा लोगों के कल्याण के लिए काम में आएगा ऐसी भावनाएं से संतुष्ट होते हैं साथ साथ सभी के कल्याण के बारे में ईमानदार व्यक्ति समझते हैं अतः समझदार करदाताओं को राहत मिलेंगे ।
समाज के कल्याण की राहत न कि अपने लिए रहा। ईमानदार व्यक्ति को अपने लिए राहत की कोई चिंता नहीं होती है तभी तो ईमानदारी पूर्वक को अपनाकर सरकार के हित के लिए देती है यही उसकी खूबी है।
- उर्मिला सिदार
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
हम जिस देश में रहते हैं वहां के हर सुख सुविधाओं का दैनिक जीवन में उपयोग करते हैं तो हम सभी का यह दायित्व बनता है कि उसके विकास के लिए ईमानदारी से आयकर को भरें जिससे कि देश और राज्य का विकास संभव हो सके। सरकार ने इसमें हर स्तर पर आयकर दाताओं को अलग-अलग प्रतिशत निर्धारित किया है उनके आय के अनुसार देना होता है।
सरकार की नई आयकर नीति से ईमानदार आयकर दाताओं को जरूर राहत मिलेगी और सभी को प्रोत्साहन भी जिससे कि सभी अपना दायित्व ईमानदारी से निर्वहन कर सकें
अधिक से अधिक लोग ईमानदारी के साथ अपना आयकर जमा करें
इससे देश राष्ट्र का विकास समुचित रूप से हो सकेगा सभी का सहयोग सभी का साथ यह हर देश के लिए आवश्यक है और एक नैतिक दायित्व भी है जिसका निर्वहन सभी ईमानदारी पूर्वक कर्तव्य स्वरूप करेंगे।
- आरती तिवारी सनत
दिल्ली
उन्हें राहत की आशा या उम्मीद भी नहीं है ?क्योंकि अब तक हुई ही नहीं।
पर अफसोस तब होता है जब कि उनके टैक्स का उपयोग ,वहां हो रहा हो, जहां जरूरत ही नहीं है ।
कुछ ऐसे समर्थ किसान तथा कुछ ऐसे ज्यादा सदस्यों वाले परिवार भी हैं ,जिन्हें लॉ कडाउन में 75- 75 किलो से डेढ़ सौ -2०० किलो अनाज राशन फ्री में मिला है ।और उन्हें यह कहते भी सुना है कि इसकी तो हमें जरूरत ही नहीं थी ।
वह उस राशन को बेचते भी पाए गए आदि
देश के ईमानदार करदाताओं को राहत तो तब मिलेगी जब इनको कुछ सुविधा मिलती।
क्योंकि लॉकडाउन में नौकरी में कैसे गुजारा किया ।
क्या-क्या बचाया ,प्राइवेट नौकरी में , गुजारा किया और टैक्स दिया ।
ईमानदार करदाता क्या खाएं और क्या बचाए ?
दूसरे शरम फ्री में खाना पहुंचाने के लिए फोन भी नहीं किया ।
और प्राइवेट नौकरी में कैसे गुजारा किया ।
देश का ईमानदार करदाता अधिकतर मध्यम वर्गीय परिवार ही होता है ।
और आज तक मध्यम वर्गीय परिवार या देश के ईमानदार करदाताओं को कोई राहत नहीं मिली ।
इस विषय पर सभी को गंभीरता से सोचकर राहत देने का हर संभव प्रयास भी होना चाहिए।
- रंजना हरित
बिजनौर - उत्तर प्रदेश
करदाताओं जो ईमानदारी की श्रेणियों में विभक्त कर, राहत प्रदान करने की प्रारदर्शिता अपनाने की बात सामने आ रही हैं? प्रश्न सामने आता हैं, क्या देश में कर के मामलों में ईमानदार जीवित हैं, वैसे भी करदाताओं ने आज तक कितने करों में कितना व्यय को नियंत्रित किया हैं। अगर ईमानदार करदाताओं की सूची तैयार की जाती हैं, तो वास्तविक, विश्वसनीय का पता चल सकता हैं।अलग-अलग माध्यमों से हमेशा करों की चोरियां होती आई हैं, जिसके परिपेक्ष्य में वे परिभूत होते हुए महानुभावों का आशीर्वाद हमेशा मिलता रहा हैं, उसे सबसे पहले नियंत्रित करने की आवश्यकता प्रतीत होती हैं, तभी ईमानदार करदाताओं फायदा मिल सकता हैं? अन्यथा नहीं?
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर'
बालाघाट - मध्यप्रदेश
अत्यंत सार्थक एवं ज्वलंत विषय आज की चर्चा का।राहत मिलने की बात तो होती है किन्तु कितनी मिलती है यह हम आप सभी जानते हैं।कर चोरी करने वाले , समय पर कर न भरने वाले जश्न मनाते हैं। एकाध का नाम ज़ाहिर कर,फ़तह हासिल कर ली जाती है। ईमानदार करदाता ख़ुश हो जाता है।
वस्तुत: राहत तो करदाताओं के दिल में होती है, जो जानते- बूझते और समझते हुए भी, ईमानदारी से कर भरते हैं।
डर कर नहीं,अपने कर्तव्य को समझ कर।
एक उदाहरण
अभी दो दिन पूर्व समाचार पत्र में पढ़ा । हर साल पढ़ती हूँ ,सभी पढ़ते हैं।
हाउस टैक्स 5 -10 साल से न भरने वाले को,25% की छूट और नियमित भरने वाले को 5% की राहत।
इसी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है।अधिक क्या कहूँ ।
बस इतना ही कि ईश्वर
ईमानदारों की ईमानदारी
बरक़रार रखे। हौसला टूटने न दे । देश सेवा का यह जज़्बा भी बना रहे। यही दुआ करती हूँ ।
- डॉ० दुर्गा सिन्हा ‘ उदार ‘
फ़रीदाबाद - हरियाणा
आज की चर्चा में जहाँ तक यह प्रश्न है कि क्या देश के ईमानदार करदाताओं को कर से कुछ राहत मिलेगी वर्तमान में जिस तरह के हालात कोरोना संकट के कारण पैदा हुए हैं वह बहुत ही कठिन समय है और इससे पहले शायद ऐसा समय हमने नहीं देखा देश बहुत ही कठिन समय से गुजर रहा है अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है और विभिन्न कर्मचारियों का वेतन कम हुआ है ड ए तथा अन्य भत्ते रोक दिए गए हैं इन सब बातों को देखते हुए वर्तमान समय में करदाताओं को कुछ राहत मिलेगी इसकी संभावना नहीं दिखती समस्याएं सभी के साथ हुई हैं और जो देश का ईमानदार कर दाता है उसे कुछ न कुछ राहत जरूर मिलनी चाहिए परंतु वर्तमान हालात को देखते हुए ऐसा नहीं लगता ़.........।
- प्रमोद कुमार प्रेम
नजीबाबाद - उत्तर प्रदेश
13 अगस्त को प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए भाषण से ऐसा महसूस हुआ कि टैक्स के मामले में पारदर्शिता बढ़ेगी और ईमानदार करदाताओं को प्रोत्साहित किया जाएगा। वह एक प्लेटफार्म की शुरुआत कर रहे हैं जिसका नाम दिया गया है- 'ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन; ऑनरिंग द ऑनेस्ट' यानी 'पारदर्शी कराधान- ईमानदार का सम्मान'।
यह मंच हमारी कर प्रणाली में सुधार और उसे सरल बनाने के प्रयासों को मजबूती देगा। कई ईमानदार करदाताओं के लिए फायदेमंद होगा जिनकी कड़ी मेहनत देश को आगे बढ़ने की शक्ति प्रदान करती है।
सुधार करते हुए कंपनी कर की दर को 30% से घटाकर 22% करना एवं विनिमय इकाइयों के लिए 15% करने का विचार है ऐसे ही अन्य जगहों पर भी बदलाव कर रियायत देने का प्रयास है।
ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका जैसे विकसित देशों में करदाताओं को कुछ खास रियायत मिलती हैं साथ ही सामाजिक सुरक्षा भी। लेकिन भारत में तो करदाता को ही सामाजिक सुरक्षा से वंचित कर दिया जाता है। इसका उदाहरण आयुष्मान भारत योजना है। कितनी विडंबना है कि करदाताओं के पैसे से ही योजनाएं चलाई जाती है लेकिन करदाता को इसका लाभ नहीं मिलता। जैसे--रेलवे के एसी क्लास के रिजर्वेशन में यदि टैक्स पेयर्स को थोड़ी राहत मिले या इसी तरह की कुछ अन्य रियायतें दी जाए तो टैक्स देने वाले लोग प्रोत्साहित होंगे।
हमारे देश में घोषणाएं तो बहुत होती हैं पर उसे पूर्णता प्रदान नहीं की जाती। इस नई घोषणा का भी जमीनी स्तर पर कितना अमल हो पाएगा यह तो आगे समय ही बताएगा। अगर करदाताओं को रियायत मिलती है तो बहुत हीं खुशी की बात होगी।
- सुनीता रानी राठौर
ग्रेटर नोएडा - उत्तर प्रदेश
प्रधानमंत्री ने गुरुवार को ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन - आॅनरिंग दि आॅनेस्ट (ईमानदारों के लिए सम्मान) प्रोग्राम प्रस्तुत किया। फेसलेस असेसमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर इसके महत्वपूर्ण बिन्दु हैं। प्रधानमंत्री के अनुसार हमारी टैक्स प्रणाली सीमलेस (निर्बाध), पेनलेस (दर्द रहित) और फेसलेस हो। आयकर प्रशासन करदाता को उलझाने के बजाय समस्या को सुलझाने के कार्य करे।
प्रथम दृष्टया यह प्लेटफार्म ईमानदार करदाताओं को राहत देने वाला है।
वर्तमान समय की यह बहुत बड़ी विडम्बना है कि बेईमान को आनन्दित होने के अवसर मिलते हैं और ईमानदार उलझनों और समस्याओं से जूझता रहता है।
आयकर विभाग भी भ्रष्टाचार से अछूता नहीं है। इसमें भी कोई दो राय नहीं कि बेईमान के कार्य बड़ी आसानी से हो जाते हैं और ईमानदार करदाता को ईमानदारी से टैक्स देने के बावजूद परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इस भ्रष्टाचार को समाप्त करने में फेसलेस का बिन्दु अत्याधिक महत्वपूर्ण है। व्यवहारिक तौर पर तो इस प्लेटफार्म के विषय में समय इसकी विवेचना करेगा परन्तु अभी तो यही प्रतीत होता है कि इससे देश के ईमानदार करदाताओं को राहत मिलेगी ।
- सतेन्द्र शर्मा 'तरंग'
देहरादून - उत्तराखंड
जी हॉ ईमानदार करदाताओं को राहत जरूर मिलेगी, क्योंकी प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी जी ने करदाताओं के लिए टृांसपैरंट टैक्सेशन आनरिंग दा ऑनेस्ट प्लेटफार्म लॉच किया है। जिसका मतलब ईमानदारों के लिए सम्मान कहा गया है।
इससे साफ जाहिर होता है की ईमानदार करदाताओं के लिए कुछ नई राहतें रखी गई हैं,प्रधानमंत्री जी का कहना है की, ईमानदार टैक्स पेयर का जीवन आसान बनाने से वो आगे वढ़ता है जिस से देश का विकास होता है और देश भी आगे बढ़ता है, इसलिए मोदी सरकार ने ईमानदार करदाताओं के लिए नई ब्यवस्था शुरू की है
यह ब्यवस्था २५ सितंम्बर से उपलब्द होगी।
इसमें टैक्स प्रणाली दर्द रहित होगी, सीमलेस होगी और फेसलेस होगी।
ऐसे भी कह सकते हैं, टैक्स प्रणाली सरल, सुगम और भयरहित होगी जव हम सीमलेस की वात करें तो वो करदाताओं को सुलझाने के लिए कार्य करेगी, फेसलेस यानी करदाता और टैक्स ़ऑफिसर कौन हैं इससे कोई मतलब नहीं होगा सबकुछ पारदर्शी होगा। दर्द रहित की वात करें तो तकनीक से लेकर नियमों तक सबकुछ आसान होगा।
इसके अतिरिक्तअव स्क्रूटनी देश के किसी भी क्षेत्र में कोइ भी अधिकारी कर सकेगा,
हाईकोर्ट में १ करोड़ और सुप्रीमकोर्ट में२ करोड, तक केस की सीमा होगी जिससे ज्यादातर मामले कोर्ट के वाहर सुलझ जाएंगे।
यही नहीं सीबीडीटी ने करदाताओं को वड़ी राहत देने की घोषना की है, जवकी २५ लाख रूपये तक की टीडीएस कटौती में६० दिन की देरी होने पर कोई मुकदमा नहीं झेलना होगा। करदाताओं को उचित ब्यबहार दिया जाएगा, ईमानदारी से कर चुकाने वालों को परेशान नहीं किया जाएगा, कम्पाउंडिगं ए्प्लिकेशन फाइल करने के लिए १२ महीने की छूट होगी।
इससे साफ जाहिर होता है की देश के ईमानदार करदाताओं को काफी राहत व शान्ति मिलेगी।
- सुदर्शन कुमार शर्मा
जम्मू - जम्मू कश्मीर
देश में जो नई कर प्रणाली की घोषणा की है और यह सुविधा 25सितम्बर को देश भर के नागरिकों के लिए उपलब्ध हो जाएगी। इस की खास बात यह है कि अब इन्कम टैक्स अफसरों का डर खत्म हो जाएगा।जो अफसरों की मनमानी और रिश्वतखोरी चल रही थी, वो खत्म होगी ।इस नई कर प्रणाली में करदाता के कर्तव्य और अधिकार दोनों शामिल हैं। अगर करदाता ईमानदार है तो निःसंदेह इस से करदाता को राहत मिलेगी। असल में जब कोई नीति कानून का रूप लेती है तभी उस की असलियत का आंकलन किया जा सकता है।अगर वाक्या ही यह कर प्रणाली सीमलेस,पेनलेस और फेसलेस होगी तो सार्थक नतीजे सामने आएंगे। बिचौलिया सिस्टम खत्म होगा, साथ भ्रष्टाचार भी खत्म होगा। यह आने वाला समय ही बताएगा कि ईमानदार करदाता को कितनी राहत मिलेगी।
- कैलाश ठाकुर
नंगल टाउनशिप - पंजाब
ईमानदार को राहत की कोई दरकार होती ही नहीं।वह तो सीधा सादा हिसाब जानता मानता है। न बात में हेराफेरी,न हिसाब में ,यही तो है ईमानदारी। कर में ईमानदार को राहत क्या, सबको लाभ मिलता है किसी भी राहत का और मिलेगा भी। सरकार जो भी व्यवस्था कर रही है,
जनहित में है। नौकरीपेशा व्यक्ति तो कर अदा करने में कोई बेईमानी कर ही नहीं सकता, व्यापारी, उद्योगपति भी श्री व्यवस्थाओं में हेराफेरी या आंकड़ों की जादूगरी करने में सफल नहीं होंगे। आनलाइन व्यवस्था के कारण सबकुछ पारदर्शी है। सरकार भी यही चाहती है कि सबकुछ पारदर्शी हो। इससे सभी करदाताओं को राहत मिलेगी।ट्रांसपेरेंट टेक्सैशन आनरिंग द आनेस्ट, पारदर्शी कराधान, ईमानदार को समयमान प्लेटफार्म लांच करते हुए यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी ने जिस सीमलेस,पेनलेस वह फियरलेस टैक्स सिस्टम की उससे राहत का अहसास होगा ही।संभव है इससे करदाताओं की संख्या बढ़े, अभी हमारे देश में मातरम 1.5 करोड़ ही करदाता हैं।
टैक्स पेयर्स चार्टर लागू होने से इनकी संख्या भी बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
- डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर - उत्तर प्रदेश
देश के ईमानदार कर दाताओं को कभी भी राहत नहीं मिलेगी। जो ईमानदार कर दाता वो तो हमेशा सही कर देता आया है। जो नौकरी शुदा हैं उनका भी पैसे-पैसे का हिसाब होता है। पर उन्हें राहत नहीं मिलती । राहत उन्हें ही मिलती है जो टैक्स चोरी करते हैं।राहत तो नेताओं को मिलती है। जो जितनी सुविधा लेता है उतना ही चोरी करता है।कर में राहत उन्हें ही मिलती है। ईमानदार कर दाताओं को न पहले राहत मिलती थी न आज मिलती है न आगे मिलेगी।
राहत पैसेवालों को ही मिलेगी ईमानदारों को नहीं। ये बात सभी जानते हैं। ईमानदारों को कहीं भी राहत नहीं है।कर तो साधारण बात है। ये दुनिया ही बेईमानों की हो गई है। ईमानदार राहत के बारे में केवल सोच ही सकता है। पर राहत मिलने वाली नहीं।
- दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश"
कलकत्ता - प. बंगाल
सत्य यह है कि ईमानदारों को कभी राहत नहीं मिलती। वह ईमानदार चाहे किसी भी रूप में उपस्थित हो? अर्थात देश के किसान हों, सैनिक हों या फिर करदाता हों।
जिसका स्पष्ट कारण सत्य और झूठ के शब्द हैं। क्योंकि झूठ पूर्णतः मीठा और सत्य जन्मजात नंगा और कड़वा होता है।
मैंने ईमानदारी का स्वाद चखा है और हमेशा राष्ट्रहित में कार्य किए हैं। जिसके कारण भीख मांग कर पेट पाला और जब दिव्यांगता पेंशन मिली तो आयकर विभाग ने अपने-आप 'आयकर' काट लिया। जिसे आज तक वापस नहीं ले पाया।
फलस्वरूप एम्स के डॉक्टरों द्वारा मानसिक रूप से स्वस्थ का प्रमाण-पत्र लेने के बावजूद 'पागल' कहलाता हूं।
उल्लेखनीय है कि इस आशा से जिए जा रहा हूं कि कभी न कभी ईमानदारी का फल ईमानदारों को अवश्य मिलेगा। किन्तु कब और कैसे मिलेगा? उसकी प्रतीक्षा में लेखन कार्य से राष्ट्रसेवा करते जा रहा हूं।
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर
पारदर्शी कर निर्धारण व्यवस्था - ईमानदारों को सम्मान प्रधानमंत्री जी द्वारा घोषित की गई ऐसी फेसलैस योजना है जिसके अन्तर्गत ईमानदार करदाताओं को मजबूत करने के प्रयास जारी हैं। इस योजना के अनुसार करदाता और आयकर अधिकारी एक दूसरे को नहीं जान पायेंगे। किसी भी राज्य का आयकर अधिकारी किसी भी राज्य के करदाता का कर निर्धारण कर सकता है। आयकर अधिकारियों से मेल-मिलाप बनाकर कर चोरी करने के रास्ते बंद हो जायेंगे। इसे देश के विकास के लिए एक बहुत बड़ा कदम बताया जा रहा है। कर की चोरी करने वाले नहीं बच सकेंगे और ईमानदार करदाताओं के लिए यह सम्मान का विषय है। कर दाता को अपील और रिव्यू का अधिकार दिया गया है। इस योजना के अन्तर्गत कर दाता और सरकार की जिम्मेदारियों को बराबर बांटा गया है। इस व्यवस्था के पूर्ण रूप से लागू होने से ईमानदार करदाताओं को राहत मिलेगी।
- सुदर्शन खन्ना
दिल्ली
इस संबंध में मैं तो यही कह सकती हूं कि देश के ईमानदार करदाताओं को राहत मिलना चाहिए। बाकी भविष्य बताएगा। वैसे इनकम टैक्स विभाग प्रयास तो कर रहा है कर चोरों को पकड़ने का। पर इमानदारो को राहत मिलना एक अलग बात है। देखिए क्या होता है।
- श्रीमती गायत्री ठाकुर "सक्षम"
नरसिंहपुर -मध्य प्रदेश
" मेरी दृष्टि में " प्रशासन के भष्टाचार को दूर करने के लिए कठोर कानून की आवश्यकता है । जिसे सरकार के अधिकारी नहीं बना सकते हैं । इसके लिए राजनीति इच्छा की आवश्यकता है । जो देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी में हैं ।
- बीजेन्द्र जैमिनी
डिजिटल सम्मान
ईमानदार करदाता तो ईमानदारी से कर भरता ही है। प्रधानमंत्री जी ने कुछ घोषणाएं की है ।अब देखिए कितना कारगर होती है और क्या फायदा मिलता है। आगे पता चलेगा।
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