क्या कोरोना में दमदार हथियार सिर्फ वैक्सीन है ?
कोरोना एक ऐसी बिमारी है । जिस का कोई स्थाई इलाज सम्भव नहीं हो पाया है । सिर्फ बचाओ में ही बचाओ है । जिसमें वैक्सीन भी बचाओं का एक हथियार है । यहीं कुछ जैमिनी अकादमी द्वारा " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते हैं : -
अभी तक किसी वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन एक सफल हथियार रहा है। कोरोना से लड़ने के लिए भी वैक्सीन लगाना एक कारगर कदम है।
कोरोना से बचाव के सभी साधनों, यथा... मास्क का प्रयोग, दो गज की दूरी आदि से अब सभी लोग परिचित हो गये हैं। परन्तु वैक्सीन को लेकर अभी कुछ लोग भ्रमित हैं जबकि विभिन्न स्रोतों से ज्ञात हो चुका है कि वैक्सीन लगाने के बाद हमारे शरीर को कोरोना से लड़ने हेतु अतिरिक्त शक्ति मिल जाती है।
इसलिए मेरा कहना है कि कोरोना में अन्य सावधानियों के साथ-साथ वैक्सीन भी एक दमदार हथियार है।
"कोरोना संकट बड़ा, हर मानव भयभीत।
हुशियारी से ही मनुज, लेगा उसको जीत।।
मिलेगी तुझे जीत, तनिक संयम अपनाओ।
समय जायगा बीत, कदम तुम ठोस उठाओ।।
चौकस रहिए आप, अंत इसका भी होना।
हितकारी वैक्सीन, न हो घातक कोरोना।।"
- सतेन्द्र शर्मा 'तरंग'
देहरादून - उत्तराखण्ड
नहीं ,सिर्फ वैक्सीन ही दमदार हथियार नहीं है। अपने आप को कोरो ना संक्रमण से बचाने के लिए घर के अंदर रहना बहुत जरूरी है। गरम पानी की भाप ,अदरक, तुलसी काली मिर्च इत्यादि के काढ़े का सेवन व स्वस्थ सोच का होना भी जरूरी है। योग क्रियाएं भी शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। कोरोना की तरफ से मन हटाकर संगीत हास्य एवं रचनात्मक कार्यों में लगाने से भी फायदा मिलता है। वैक्सीन लगाने के तुरंत बाद एंटीबॉडी बनना चालू हो जाती है और इम्यूनिटी कम होती जाती है इसलिए उपरोक्त तरीके से जीवनशैली बनाना अधिक लाभदायक होता है। एंटीबॉडी के पूर्ण बन जाने के बाद ही इम्यूनिटी का बढ़ना प्रारंभ होता है इसीलिए वैक्सीन लगाने के बाद उपरोक्त उपाय अधिक कारगर होते हैं।
- गायत्री ठाकुर "सक्षम"
नरसिंहपुर - मध्य प्रदेश
वैक्सीन के साथ-साथ दिशा निर्देशों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। चूंकि परहेज़ के लिए दवाई और कड़ाई भी उतनी ही आवश्यक है। क्योंकि जान है तो जहान है।
सर्वविदित है कि वैक्सीन टीकाकरण अभियान अभी पूरे नागरिकों को नहीं लगा। सच तो यह है कि 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग का टीकाकरण अभियान अभी आरम्भ होना है। ऐसे में कोरोना साइकिल को अवरूद्ध करने के लिए दिशानिर्देशों के पालन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
परंतु इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि दुकानों को बंद करने या एक दिन के अंतराल से खोलने के कारण दुकानदारों का बुरा हाल हो रहा है और व्यापार चौपट हो रहा है। जिससे दुकानों का किराया देने में भी वे अक्षम हो रहे हैं। जबकि कोरोना की तीसरी लहर का खटका अभी अलग सता रहा है।
ऐसे में पांच किलो आटा कोई मायने नहीं रखता। इसलिए केंद्र एवं राज्य सरकारों को चुनाव करवाने से बाज आना चाहिए और कुंभ जैसे मेलों, त्यौहारों और शादी ब्याहों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। ताकि कोरोना के फैलाव को रोका जा सके।
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर
किसी भी बीमारी के लिए दवा ही कारगर साबित होता है। कोरोना से पहले जो भी महामारी आई है वो सभी वैक्सिन से ही खत्म हुई है। चाहे वो चेचक हो या पोलियो या अन्य बीमारियाँ सभी में वैक्सिन ही कारगर साबित हुईं हैं। इस हिसाब से वैक्सिन यहाँ भी कारगर साबित होगी। कोरोना में अधिकांश लोग भय से भी मृत्यु को प्राप्त हो रहें हैं। लोगों में दहशत फैल गया है। हर बार मौसम के परिवर्तन से भी लोगों को खाँसी बुखार होता था और होता है। लेकिन वही बीमारी इस समय होने पर लोगों को संदेह हो जाता है कि उन्हें कोरोना हुआ है और जाँच करने पर झूठ या सही कोरोना पॉजिटिव हो जाता है। ऐसे में अगर जो वैक्सिन ले लेते हैं उन्हें मन में ये संतोष रहता है कि मुझे कोरोना नहीं होगा। या हम कोरोना से लड़ सकते हैं। इस तरह से कोरोना से सामना करने में वैक्सिन दमदार हथियार साबित होगा। उसके साथ-साथ जिस तरह से हर बीमारी में परहेज जरूरी होता है उसी तरह इसमें भी जरूरी है। मसलन मास्क भीड़भाड़ में न जाना इत्यादि इत्यादि। पहले भी या अभी भी जिसको सर्दी जुकाम होता है उसके संपर्क में आने वाले को भी सर्दी जुकाम हो जाता है। उसी तरह कोरोना में भी होता है। तो इससे बचने के लिए वैक्सिन के साथ -साथ जो भी बचाव के उपाय हैं इससे वैक्सिन रूपी हथियार और मजबूत होगा।
- दिनेश चन्द्र प्रसाद "दीनेश"
कलकत्ता - पं.बंगाल
कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन के अतिरिक्त मास्क एक दमदार हथियार है कोरोना से बचाव के लिए।
ये बड़ा दमदार और जरूरी हथियार है ,क्योंकि मास्क न पहनने वाले वैक्सीन लगाने के बावजूद संक्रमित हो जाते हैं ।
लअगर आप मास्क नहीं लगाते हैं तो खतरा बहुत बड़ा रहेगा और टीकाकरण के बावजूद कोरोनावायरस का खतरा बना रहता है।
कोरोना वायरस चूँकि अब हवा में फैल गया है ,इसलिए मास्क बहुत बड़ा सहारा है बचाव का । ट्रिपल लेयर मास्क पहनना चाहिए जो सर्जिकल पब्लिक के लिए बहुत उपयोगी है ।
मेडिकल कॉलेज लखनऊ के सांस रोग विशेषज्ञ सूर्यकांत त्रिपाठी भी मास्क के प्रयोग पर ही विशेष जोर देते हैं। सैनिटाइजर भी जेब मे रखें और थोड़ी थोड़ी देर पर हाथ सैनिटाइजर से साफ करते रहें ।
मास्क बदलते रहने चाहिए व बाहर कतई नही उतारना चाहिए ।उसके अलावा वैक्सीन भी जरूरी है ।
- सुषमा दीक्षित शुक्ला
लखनऊ - उत्तर प्रदेश
भारत में कोरोना महामारी की द्वितीय लहर, कहर बनकर उभरी हैं, जिसके परिपेक्ष्य में मानव जीवन के साथ ही साथ शासन-प्रशासन को एक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा हैं । पूर्व वर्ष में मात्र दवाईयों का सेवन करने तक ही सीमितता थी, आज तो प्राणवायु भी भ्रष्टों के बीच अपने अपनों के लिए कोहराम का दृश्य विद्यमान हैं, गरीब तंत्र लाशों के ठेर में आंसू बहा रहा हैं। अगर पूर्व से ही 18 वर्षों के ऊपर वैक्सीन लगाई गई होती तो, कुछ हदों तक स्थिति नियंत्रित होती, एक कहावत चरित्रार्थ हैं, जब प्यास लगें और कुआं की खुदाई करवायें। इसके पूर्व भी कई बीमारियों का जन्म हुआ, स्थिति नियंत्रित हुई। बीमारियों का जन्म हमारी शारीरिक-मानसिक प्रवृत्तियों से ही होता हैं। अगर हम अपने आपको ही पूर्व से ही सीमितता रखते तो ऐसे हालात विकसित नहीं होते, उसके लिए मानव संसाधन ही दोषी हैं। वर्तमान परिस्थितियों में, कोरोना में दमदार हथियार सिर्फ वैक्सीन मानकर चलने में मात्र आत्म संतोष ही हो सकता हैं। ईश्वर की संरचना को झुटलाया नहीं जा सकता। लाँकडाऊन लगाकर जन जीवन को घरों में कैद तो शासन ने तो कर दिया लेकिन बीमारियों का स्थायी समाधान नहीं हो रहा हैं। जिससे घर-बेघर हो गए, ऐसा कोई परिवार नहीं जिसके माथे पर चिंता की लकीरें नहीं?
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर'
बालाघाट - मध्यप्रदेश
भारत में कोविड-19 का दूसरा स्टेज बहुत ही खतरनाक रूप धारण कर चुका है। देश में हर रोज 360000 से अधिक लोग संक्रमित हो रहे हैं और वही मरने वालों की संख्या 2000 प्रतिदिन है। हालांकि ठीक होने वालों की संख्या भी लाखों में है। कोरोना के इलाज में स्वदेशी को वैक्सीन सबसे बड़ा और मजबूत हथियार बन कर उभरा है। कोरोना से बचाव के लिए पूरे देश में 45 साल के अधिक उम्र वालों को सरकार की ओर से निशुल्क को वैक्सीन दिया जा रहा है। इसके साथ ही 1 मई से 18 साल से ऊपर उम्र वालों को भी को वैक्सीन देने की केंद्र सरकार द्वारा घोषणा की गई है। कोरोना महामारी से बचाव के लिए भारत का स्वदेशी को वैक्सिंग सबसे मजबूत हथियार के रूप में उभर कर सामने आया है,जिसका लोहा अमेरिका ने भी माना है। व्हाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉक्टर एंथनी फांसी ने कहा है कि को वैक्सीन कोरोना वायरस के भी 1. 617 वेरिएट को निष्प्रभावी करने में सक्षम है। इस वैरियेंट को इंडियन स्ट्रीम और डबल न्यूट्रेन भी कहा जाता है। को वैक्सीन पर फांसी का भरोसा इसलिए भी अहम है, क्योंकि विश्व स्वास्थ संगठन की एक रिपोर्टके मुताबिक भारत में मिला यह वेरियट कम से कम 17 देशों में देखा जा चुका है। भारत में संक्रमण की दूसरी लहर के बहुत तेजी से फैलने में इस वैलिड की बड़ी भूमिका मानी जा रही है। अभी भारत में नए ऐसे हैं कि रोज ने आंकड़े जा रहे हैं। फिलहाल मैं आंकड़े बताते हैं कि को वैक्सीन कोरोना केस 617 वेरिएट को निष्प्रभावी करने में सक्षम है, इसलिए भारत में हम जो मुश्किल हालात देख रहे हैं उसके खिलाफ टीकाकरण सबसे अहम हथियार है। कोरोना के दूसरे स्टेट में संक्रमण लोगों के फेफड़े में चले जा रहा है और श्वास नली को प्रभावित करता है, जिसके कारण लोगों की मरने की संख्या बहुत ही अधिक हो रही है। सांस की समस्या को दूर करने के लिए पूरे देश में ऑक्सीजन की मांग बहुत ही तेजी से बढ़ रही है। इसके साथ ही देश के हर जिलों और शहरों में ऑक्सीजन युक्त बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है, ताकि कोरोना के मरीजों को बचाया जा सके।
- अंकिता सिन्हा कवयित्री
जमशेदपुर - झारखंड
उत्तर हां,ही है अभी तक तो। क्योंकि अभी तो यह एक ही हथियार है। इसमें कम या सबसे अधिक दमदार की तो बात ही नहीं अभी। काढ़ा, योग,नियमित संयमित जीवन आदि आदि सुरक्षात्मक कदम है जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करते, मजबूत करते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक
वैक्सीन में किसी जीव के कुछ कमज़ोर या निष्क्रिय अंश होते हैं जो बीमारी का कारण बनते हैं. ये शरीर के 'इम्यून सिस्टम' यानी प्रतिरक्षा प्रणाली को संक्रमण (आक्रमणकारी वायरस) की पहचान करने के लिए प्रेरित करते हैं और उनके ख़िलाफ़ शरीर में एंटीबॉडी बनाते हैं जो बाहरी हमले से लड़ने में हमारे शरीर की मदद करती हैं।
इसलिए वेक्सीन ही कोरोना के विरुद्ध दमदार हथियार है।
- डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर - उत्तर प्रदेश
वैश्विक बीमारी कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए अब सभी देश वैक्सीन बनाने में जुटे हैं।
क्योंकि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कोविड-19 के वायरस की पहचान कर वायरस से शक्तिशाली हथियार कोविड-19 के वायरस से ही बनाया गया है।
कोरोना को हराने के लिए कोरोना वैक्सीन वाकई में दमदार हथियार है।
संक्षेप में कहना क ह ना चाहूंगी कि - कहते हैं
*ना घर का भेदी लंका ढाए **†बस वैक्सीन ऐसा ही ह थि यार है । जो हमारे शरीर में उपस्थित कमजोर करोना वायरस को यह वैक्सीन (शक्तिशाली करोना वायरस) खत्म करने में कारगर है।
क्योंकि कोवैक्सीन या कोविशिल्ड दोनों ही ऐसी वैक्सीन है जो हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर साबित हो सकती है।
यदि मन में पूरा आत्मविश्वास भी हो।
- रंजना हरित
बिजनौर - उत्तर प्रदेश
"रोज करो तुलसी का सेवन,
धुम्रपान मत करना,
नीम गिलोय का घूंट भरो,
मदिरापान मत करना,
करना है तो करो नमस्ते शेक हैंड मत करना,
मुहं पै मास्क पहन के रखो बातें कम तुम करना, रखो इन नियमों का पालन नहीं आऐगा कोरोना"।
कोरोना महमारी थमने का नाम नहीं ले रही अभी तक विश्व में कई जानें जा चुकी हैं और लाखों लोग कोरोना की दुसरी लहर की चपेट में आ चुके हैं, कोरोना की इस महमारी ने हर तरफ अपना कोहराम मचा रखा है, सभी अपने अपने ढंग से इससे वचने का उपाय ढूंढ रहे हैं कि कोई ऐसा उपाय मिल जाए जिससे इस महमारी को जड़ से खत्म किया जा सके किन्तु इसका अभी तक पूरे तौर पर खात्मा करने में कोई भी ईलाज सक्ष्म नहीं हो पाया है,
तो आईये आज इसी बात पर चर्चा करते हैं कि क्या कोरोना में दमदार हथियार सिर्फ वैक्सीन है?
मेरी सोच के मुताबिक भारत की दमदार देसी वैक्सीन कोरोना ६१६ बेरिएट को वेअसर करने में दमदार है,
इसके साथ साथ हमें अन्य नियमों का भी सख्ती से साथ पालन करना होगा, इस बात का दावा अमेरिका के चीफ मैडिकल एडवासर और महमारी के एक्सपर्ट डाक्चर एंथनी फौसी ने भी कहे कि इसमें कोई शक नहीं की भारत की दमदार देसी वैक्सीन कोरोना ६१७ वेरिएट को वे असर करने में दमदार हथियार है,
भारत में इस वक्त कई राज्यों में लाकडाउन की आहट सुनाई दे रही है, सरकार द्वारा प्रतिवंध लगाए जाने के बावजूद भी तेजी के साथ मामले वढ़ रहे हैं जिसके कारण मार्च अप्रेल में कोरोना के चिंताजनक रूप ने फिर से लाकडाउन की तरफ धकेल दिया है, इसकी दुसरी वैभ ने फिर से चलती फिरती जिंदगी को विरान कर दिया है जिससे पता चलता है कि दुसरी लहर कितनी प्रभावी है,
यह सच है लाकडाउन महमारी रोकने का प्रभावी तरीका है, इसके साथ साथ हम सबको कुछ अन्य तरीकों को भी अपनाना होगा जैसे मास्क का पहनना, साफ सफाई का ध्यान देना, बाहर कम से कम घूमना शरीर को फिट रखना, वैलेंस डाइट का ख्याल रखना, मिनरिल अथवा विटामिन झुक्त चीजों को लेना इत्यादी आता है,
तभी जाकर हम इस महमारी को कंटृोल करने मे़ कामयाब हो सकते हैं,
अन्त मे यही कहुंगा कि जब तक हरेक निवासी इन सभी बातों से अवेयर नहीं होता तब तक कामयाबी न के बरावर है
इसके साथ साथ वैक्सीन सभी को लगवाना अति आवश्क है क्योंकी अभी तक यही एक ऐसा दमदार हथियार है जो कोरोना बेरिएट को वेअसर कर सकता है इसलिए इसका इस्तेमाल सभी को नियम अनुसार करना चाहिए ताकि हम फिर से जीवन को नया मोड़ दे सकें।
- सुदर्शन कुमार शर्मा
जम्मू - जम्मू कश्मीर
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की तबाही के बीच वैक्सीन ही एक दमदार हथियार नज़र आ रहा है ।
स्वदेशी कोविड टीका कोवैक्सिन को लेकर अच्छी खबर आई है। देश में जब कोरोना के खिलाफ जंग में हथियार के तौर पर देसी वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन को आपातकालीन मंजूरी दी गई थी, उस वक्त इस सवाल उठाए गए थे। लेकिन अब अमेरिका ने भी भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन का लोहा माना है।
जब से वैक्सीन को अमेरीका से हरी झंडी दे दी है तब से इसके ऊपर लग रहे सभी शंका कुशंका पर विराम लग गया ।
फिर हमें इस दमदार हथियार के भरोसे नहीं रहना है सारे निर्देशों का पालन करना है दो गज की दूरी , मास्क बिना बहार नहीं जाना है सेनेटाइजर करना है और काढ़ा , गर्म पानी , भाप जरुर लेना , कोरोना से लड़ने के लिये सभी हथियारों का इस्तेमाल करना जरुरी है
- डॉ अलका पाण्डेय
मुम्बई - महाराष्ट्र
वैसे कोरोना का अभी तक कोई पुख्ता इलाज नहीं है। सुरक्षा की दृष्टि से देखे तो कोरोना का वैक्सीन सिर्फ उस ढाल की तरह है यदि कोरोना हम पर प्रहार करता है तो हम संक्रमित हो जाएंगे। लेकिन मरेंगे नहीं।
यह एक दमदार हथियार तो नहीं कह सकते लेकिन 80% सुरक्षा अवश्य हो सकती है।
प्रत्येक को वैक्सीन लगाने के लिए जागरूक करना होगा ताकि कोरोना संक्रमण का प्रतिशत कम हो और वैक्सीन का असर ज्यादा कारगर सिद्ध हो सके।वैक्सीन को दमदार हथियार कहना उचित नही लगता।
- वंदना पुणतांबेकर
इंदौर - मध्यप्रदेश
जी नहीं ! कोरोना में दमदार हथियार सिर्फ वैक्सीन ही नहीं है ।वैक्सीन दमदार हथियार के रूप में कार्य कर सकती हैं परंतु केवल वैक्सीन के सहारे ही कोरोना पर विजय प्राप्त नहीं की जा सकती। इसके साथ- साथ हमें कोरोना से बचाव के लिए अन्य पक्षों पर भी ध्यान देना पड़ेगा। विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा सुझाए गए मास्क का प्रयोग करके, 2 गज की दूरी बनाकर , हाथों को बार-बार साबुन से धोकर या अच्छी तरह सैनिटाइज़ करके, अपने आस-पास साफ-सफाई कायम करके, आवश्यकता पड़ने पर ही घर से बाहर निकलकर हम स्वयं को , अपने परिवार को, समाज को तथा अपने प्यारे भारतवर्ष को कोरोना के संक्रमण से सुरक्षित रख सकते हैं। हिंदी की एक प्रसिद्ध लोकोक्ति भी है कि इलाज से परहेज़ बेहतर है।
- डॉ .सुनील बहल
नवांशहर - पंजाब
कोरोना की भयानकता को देखते हुए हमे इसे लगाना तो जरूरी है! हम2020 से कोरोना से जूझ रहे हैं अतः बाकी कोरोना से बचने के उपाय तो हमे सिद्दत के साथ निभाना ही है! मास्क लगाना, दो गज की दूरी,हाथ धोना वगैरह वगैरह! लॉकडाउन के नियमों का पालन करें....! वैक्सीन पर हमें विश्वास है किंतु लगाने के बाद भी हमें इम्युनिटी बढने तक नियम का पालन करना ही है! हमे प्रशासन का साथ देना चाहिए!
अफवाह की तरफ ध्यान न दें, अपना ध्यान स्वयं रखें!फिजुल घर से बाहर न निकलें! फिलहाल वैक्सीन जरूर लगाएं! वैक्सीन ही हमें बचायेगा!
बस एक मंत्र याद रखें "जीओ और जीने दो " !
- चंद्रिका व्यास
मुंबई - पंजाब
करोना महामारी से विश्व पिछले साल से जूझ रहा है। करोना वैक्सीन चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ी आशा लेकर आया.है। वैक्सीन तो लगवानी ही है ।पर उसके साथ ही उसके साथ जुड़े सभी नियम पालने हैं । करोना से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार प्रत्येक व्यक्ति के भीतर की सकारात्मकता। अपने बीमारी और रोग को तुच्छ मान कर उससे लड़ना। मैं ठीक हो रहा हूँ, मैं ठीक होकर रहूँगा। बीमार तो अच्छा ही होता है, ऐस अनेक मंत्र जो खुद ही बनाए गये हों तो नाउम्मीदी पास में फटकेगी भी नहीं । वैक्सीन हमारी प्रतिरोगात्मक शक्ति को बढ़ाता है ।
पर यह एकमात्र दमदार हथिया नहीं है । इस के साथ ही हल्दी वाला दूध, योगासन, स्वच्छ वातावरण, शाकाहारी भोजन, ,नियमित व्यायाम , सूर्योदय दर्शन, अपने ईश पर विश्वास । हमारे पूर्वजों ने जो खान- पान, रहन -सहन ,आचार -व्यवहार के नियम बनाए थे जैसे सुबह जल्दी उठना, नीम की दातून, तुलसी पूजन, हाथ -पैर धोकर ही घर में प्रवेश करना ,बड़ो के चरण-स्पर्श करना,घर और बाहर कड़ी मेहनत करना , नैतिकता से जीवन जीना।
इन सब को अपनाने और वैक्सीन को लगाने से हम जीतेंगे।
हमारा हथियार हमारी आत्मशक्ति है
- ड़ा.नीना छिब्बर
जोधपुर - राजस्थान
कोरोना के बढ़ते संकट के उससे बचाव की चर्चा जरुरी हो गयी है । जहाँ तक प्रश्न वैक्सीन का है, बचाव केलिए आखिरी उपाय हमारी मेडिकल साइंस ही है । प्लेग महामारी के बारे में तो नहीं जानती लेकिन चेचक का प्रकोप मैने बड़ों के मुँह से सुना और मुहल्ले में ही घटित होते देखा है । उसका टीका इज़ाद हुआ और आज हम उस से निश्चिंत हैं । इस महामारी का अंत भी टीका करण ही है ।लेकिन यह भी सत्य है कि हम अपने रिषी -मुनियों की चलाई गयी व्यवस्था को भूल गये इसी कारण यह प्रकोप हमें झेलना पड़ रहा है ।बच्चों द्वारा मसालों को न पहचाना जाना आधुनिकता की शान बन गया था । आज वही मसालें और वनस्पतियाँ हमारे जीवन की रक्षा कर रही हैं । हैंडशेक को छोड कर नमस्ते की
परम्परा हमारा बचाव कर रही है । हम अपने जड़ को पकड़े रहेंगे दूसरों की नकल नहीं करेगे तभी
हम प्राकृतिक आपदा से बचे रहेंगे । करोना के सभी नियमों का पालन कर और टीका करण अभियान दोनों की सहायता से ही हम विजय प्राप्त कर सकेंगे ।
- कमला अग्रवाल
गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
जी नहीं । वैक्सीन केवल साथी बन सकते हैं जो अंदरूनी ताकत को मजबूत करते हैं।
कोरोना की लड़ाई दूरी और मास्क से ही जीती जा सकती है। साथ ही पौष्टिक तत्व भी चाहिए। अब के दौर में आदिकाल के खान-पान का महत्व समझ आ रहा है। जड़ी-बूटियों को भी जानने की जरूरत महसूस हो रही है। इस महामारी ने हमारी 'चरक संहिता' आदि ग्रन्थों को फिर से जीवित कर दिया है। वैक्सीन तो केवल जरिया है जो हमारी मानसिक स्थिति को मजबूती देता है।
- संगीता गोविल
पटना - बिहार
इसमें कोई संदेह नहीं कि वैक्सीन एक दमदार, असरदार हथियार है जो कोरोना से द्वंद्व करने की क्षमता रखता है। किन्तु साथ ही हमें सकारात्मक सोच लिए हुए बख्तरबन्द रहना होगा अर्थात् जिस प्रकार युद्व में सैनिक हथियारों से लड़ने के साथ अपने बचाव के साधन भी लिये रहते हैं उसी प्रकार का व्यवहार हमें करना होगा। सभी जानते हैं कि इसमें मास्क पहनना, दो गज की दूरी बनाए रखना, हाथों के साथ-साथ पूर्ण स्वच्छता का ध्यान रखना, लक्षण दिखने पर चिकित्सकीय परामर्श लेना, अनावश्यक रूप से बाहर न निकलना और अपने आसपास हौसले का वातावरण बनाए रखना होता है। सकारात्मक सोच के लिए कहना चाहूंगा कि जिस प्रकार कोई हारर फिल्म देखते समय अनेक लोगों के मस्तिष्क में एक डर सा बैठ जाता है यह जानते हुए कि वह मात्र फिल्म है और कइयों को कुछ भी नहीं होता। अनावश्यक डर बैठाने और फैलाने से भी रोकना होगा। इन सभी उपायों को अपनाते हुए वैक्सीन बहुत असरदार और दमदार साबित होगी।
- सुदर्शन खन्ना
दिल्ली
आज के विषय के संबंध में कोई अतिश्योक्ति नहीं कि वैक्सीन दमदार हथियार है विश्व भर मे पहले भी अनेक प्रकार की बीमारियां आई और उनके लिए वैक्सीन ईजाद हुआ और आज हम बड़े गर्व के साथ उस पर विश्वास करते हैं और उसको अपनाते हैं, मास्क,दूरी,स्वच्छता ये सब भी निहायत ही आवश्यक है पर वैक्सीन इसका रामबाण है आज चूंकि यह नई वैक्सीन है लोगो को इस पर विश्वास नही है पर कुछ समय बाद ये भी अन्य वैक्सीन की तरह मान्य होगी और लोग इस पर अपना विश्वास कायम करेंगे,हौसला, उम्मीद, इम्युनिटी हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए जितनी अहम भूमिका निभाता है उतनी ही उपयोगिता वैक्सीन की है और वैक्सीन बेशक एक दमदार हथियार है।
- मंजुला ठाकुर
भोपाल - मध्यप्रदेश
कोरोना एक ऐसी महामारी बीमारी है। जिसमें सरकार के निर्देश को पालन करना अति आवश्यक है। कोरोना के प्रथम लहर में सरकार पूरे देश में लॉकडाउन लगाया। और सभी को मास्क पहनना, 2 गज की दूरी बना कर चलना, बार-बार हाथ को अच्छे से धोना एवं सैनिटाइजर इस्तेमाल करना,घर में सुरक्षित रहना। जिस कारण हमारे देश में महामारी नियंत्रण में रहा। जब लॉकडाउन समाप्त हुआ तब कोरोना के दूसरी लहर आ गया । वैक्सीन सरकार उपलब्ध करा दिए देशवासियों के लिए यह दमदार हथियार है। इसके साथ सरकार के निर्देश को पालन करना भी अति आवश्यक है। जैसे मास्क पहनना दो गज की दूरी,हाथ धोना सैनिटाइजर प्रयोग करना घर पर सुरक्षित रहना। यह सब निश्चित करें तो देश कोरोनावायरस से जीतेगा- विजयेन्द्र मोहन
बोकारो - झारखंड
जी हां! आज कोरोना की विकराल परिस्थितियों को हम देख रहे हैं कि पूरी दुनिया इस महामारी के संकट को झेल रही है। न जाने कितने ही भाई-बंधु इस की चपेट में आ चुके हैं। अभी भी स्थिति अच्छी नहीं है। हम सभी जानते हैं कि प्रार्थना के साथ-साथ मास्क पहनना, दूरी बनाना तो अनिवार्य है ही परंतु सबसे ज्यादा जरूरी वैक्सीन है। इसके बिना गुजारा नहीं होने वाला।
कुछ दिन पहले किसी महिला से बातचीत हुई तो कहने लगी, सब बकवास है कोई कोरोना- वोरोना नहीं है यह तो सरकार की चाल है। लेकिन जब उनके पति चपेट में आ गए तब घबरा गई कि यह तो कोरोना की चाल है। खैर! अभी वह ठीक हैं।
कहने का भाव है कि कोरोना नामक इस महामारी को हम हल्के में न लें। निर्देशानुसार बचाव के सभी तरीके अपनाते हुए वैक्सीन अवश्य-अवश्य लगवाएं। आखिरी दमदार हथियार वैक्सीन ही है और हां! वैक्सीन के बाद भी अहम् में न आएं कि अब कोरोना हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। कृपया मास्क और दूरी बनाए रखने का ध्यान भी विनम्रता से अवश्य रखें।
- संतोष गर्ग
मोहाली - चंडीगढ़
किसी भी बीमारी के लिए दवा ही कारगर साबित होता है। कोरोना से पहले जो भी महामारी आई है वो सभी वैक्सिन से ही खत्म हुई है। चाहे वो चेचक हो या पोलियो या अन्य बीमारियाँ सभी में वैक्सिन ही कारगर साबित हुईं हैं। इस हिसाब से वैक्सिन यहाँ भी कारगर साबित होगी। कोरोना में अधिकांश लोग भय से भी मृत्यु को प्राप्त हो रहें हैं। लोगों में दहशत फैल गया है। हर बार मौसम के परिवर्तन से भी लोगों को खाँसी बुखार होता था और होता है। लेकिन वही बीमारी इस समय होने पर लोगों को संदेह हो जाता है कि उन्हें कोरोना हुआ है और जाँच करने पर झूठ या सही कोरोना पॉजिटिव हो जाता है। ऐसे में अगर जो वैक्सिन ले लेते हैं उन्हें मन में ये संतोष रहता है कि मुझे कोरोना नहीं होगा। या हम कोरोना से लड़ सकते हैं। इस तरह से कोरोना से सामना करने में वैक्सिन दमदार हथियार साबित होगा। उसके साथ-साथ जिस तरह से हर बीमारी में परहेज जरूरी होता है उसी तरह इसमें भी जरूरी है। मसलन मास्क भीड़भाड़ में न जाना इत्यादि इत्यादि। पहले भी या अभी भी जिसको सर्दी जुकाम होता है उसके संपर्क में आने वाले को भी सर्दी जुकाम हो जाता है। उसी तरह कोरोना में भी होता है। तो इससे बचने के लिए वैक्सिन के साथ -साथ जो भी बचाव के उपाय हैं इससे वैक्सिन रूपी हथियार और मजबूत होगा। वैक्सिन हमेशा ही कारगर होता है।
- दिनेश चन्द्र प्रसाद "दीनेश"
कलकत्ता - पं. बंगाल
" मेरी दृष्टि में " वर्तमान में वैक्सीन के अतिरिक्त कोरोना का कोई कारगर उपाय नहीं है । बाकी मास्क व दो गंज की दूरी है । परन्तु सब से अधिक कारगर उपाय वैक्सीन है ।
- बीजेन्द्र जैमिनी
आदरणीय बीजेंद्र भाई जी! लगभग पिछले 24 वर्षों से आपको साहित्य सेवा में संलग्न देखती आ रही हूं। अब भी आप लगातार जुटे हुए हैं। लघु कथा, कविताएं, चर्चा, प्रश्नोत्तरी आदि प्रत्येक विधाओं को लेकर आपने अनेक रचनाकारों को प्रतिदिन समकालीन परिस्थितियों पर कुछ न कुछ लिखने का शुभ अवसर प्रदान किया। जिससे हरियाणा के साथ-साथ भारतवर्ष के साहित्यकारों को एक ही मंच पर उपस्थित होकर जुड़ने का शुभ अवसर मिल रहा है। आप एक पुल की भांति काम करते हुए सकारात्मक भावों के सुमन राष्ट्र में बिखेर रहे हो। आप की साहित्य साधना को नमन🙏
ReplyDeleteशुभ मंगल भावनाओं के साथ:-
संतोष गर्ग, उपाध्यक्षा अ.भा. साहित्य परिषद हरियाणा प्रांत
(हरियाणा साहित्य अकादमी,पंचकूला द्वारा पुरस्कृत रचनाकार)