कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए क्या - क्या उपायें होने चाहिए ?
कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो गई है । इससें बचने के लिए सरकार गाईडलाईन जारी कर रही है । प्रवासी मजदूर भी पलायन करने को मजबूर नजर आ रहे हैं । ऐसा ही कुछ बचने का प्रयास हर कोई कर रहा है । सभी अपने - अपने स्तर पर कुछ कर रहे हैं । यहीं कुछ जैमिनी अकादमी द्वारा " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते हैं : -
इस वैश्विक महामारी कोरोना ने जब जब अपना डेरा इस जगत में डाला ,तब तब मनुष्य को इसका विशेष खामियाजा भुगतना पड़ा है। कोरोना से निपटने के लिए अनेकों उपाय, सुझाव, सजगता से परिपूर्ण संदेश निरंतर मिलते आए हैं, जिससे अधिकतर लोग वाकिफ है । अखबार, टी वी चैनल और अन्य माध्यमों से सभी को कोरोना महामारी से बचाव के लिए समय समय पर जागरूक किया गया । अधिकतर लोग इससे बचाव के नुस्खे जान भी गए हैं आज के इस चर्चा में मैं अपने कुछ अनुभव शेयर करना चाहूंगी । क्या खाएं क्या ना खाएं पिए इससे तो साधारणतया सभी लोग अवगत हैं।
सर्वप्रथम अपना मनोबल ऊंचा रखें ,माना कि कोरोना एक वैश्विक महामारी है कई जिंदगियों को लील चुकी है लेकिन अपने मन में हौसला बना कर चलेंगे कि हम तो अभी जिंदा है और जिंदा रहने के लिए मनोबल गिरने नहीं देना है। मन के हारे हार मन के जीते जीत, कोरोना के प्रति जो भय का भाव है उसे अपने भीतर न बसाएं।कोरोना से डरना नहीं उसे हराना है। मामूली जुकाम इत्यादि हो जाए तो घबराना नहीं। घरेलू नुस्खे अपनाकर साधारण जुकाम से निजात पाई जा सकती है। अपनी जीवन शैली को बलिष्ठ, दमदार और अच्छा रूप दें ।
योग को अपने जीवन का अति महत्वपूर्ण कार्य माने।
'योग बनाए निरोग' अवश्य समझे।
खानपान पर विशेष ध्यान दें नियमानुसार खाएं । फ्रीज में रखी वस्तुओं को खाने से परहेज करें बासी भोजन कदापि न करें। 'सादा जीवन उच्च विचार' रखें किसी को दुख न पहुंचाएं ।
चिंता से दूर रहें ।
जीवन में सकारात्मकता अपनाएं।
परोपकार की भावना मानसिक संतुष्टि प्रदान करती है इसलिए परोपकारी भी बने ।
श्रम को महत्व दें ।
बजन न बढ़ने दें, निठल्ले व्यक्ति को बीमारियां घेरती है ।
साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। खाने में सरसों का तेल अधिकतर प्रयोग में ले।
घर से बाहर मास्क का अवश्य प्रयोग करें, सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरूरी है ।
गुनगुने पानी में नमक के गरारे,पीने के लिए गर्म पानी और हल्दी वाला दूध दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाएं
आप जहां भी रहे हंसीनुमा वातावरण बना बना कर रखें। खुशहाल जीवन जीने के पक्षधर बने ।
रिश्तो की कदर करें ।
प्रेम को महत्व दें ।
प्रातः संध्या सैर का नियम बनाएं।
यह सभी को मालूम होता है कि मृत्यु पूछ कर नहीं आती,
इसलिए जितने पल अपने पास बचे हैं ,उनको खुश होकर जिए, मदमस्त होकर जीऐं, बीमारी अपने आप कोसो दूर भाग जाती है।
- शीला सिंह
बिलासपुर - हिमाचल प्रदेश
कोरोना की दूसरी लहर पहले से भी भीषण है परन्तु मैं समझता हूं कि इसको रोकने के लिए पूर्व के उपाय ही कारगर हो सकते हैं। यह राहत की बात है कि गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष वैक्सीन भी एक उपाय के रूप में हमारे पास है। परन्तु सभी का वैक्सीनेशन होने में बहुत समय लगेगा। तब तक इसकी लहर को रोकने के सन्दर्भ में कहना चाहूंगा कि....."कोरोना से बचाव का एकमात्र उपाय "स्वानुशासन" है। इसके साथ ही, 'स्वयं के ऊपर स्वयं के द्वारा' "लाॅकडाउन" लागू किया जाये।
इसीलिए कहता हूँ कि.......
कोरोना फिर आ गया, अब बनिए हुशियार।
सारे वही उपाय हैं, बचने का आधार।।
बचने का आधार, सलाहें वही पुरानी।
बार - बार धो हाथ, मास्क हर समय लगानी।
हो नियमों का साथ, नहीं हो फिर से रोना।
सच्ची सारी बात, दूर रहता कोरोना।।
- सतेन्द्र शर्मा 'तरंग'
देहरादून - उत्तराखण्ड
कहा जा रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर बहुत भयावह है तो निस्संदेह इसे रोकने के उपाय करने होंगे। सबसे पहले तो सरकार के साथ-साथ हम सभी का यह कर्तव्य है कि जो भी कार्यक्रम घर पर आयोजित किए जा रहे हैं उन में लोगों की उपस्थिति कम से कम सुनिश्चित की जाये। रात के कर्फ्यू का समय भी बढ़ा दिया जाना चाहिए। सब्जी मंडियों में भी फेरी लगाने वालों को दूर दूर स्थान दिए जाने चाहिए। मॉल के खुलने का समय भी कम किया जाना चाहिए। आजकल नवरात्रों के कारण मंदिरों में भीड़ जमा हो जाती है इस पर भी कोई नियंत्रण होना चाहिए। सरकार द्वारा बार बार अपील किये जाने के बावजूद भी कुछ लोग मास्क के बिना दिखाई देते हैं उन्हें अपना कर्तव्य समझना चाहिए।
- अंजु बहल
चंडीगढ़
पृथ्वी पर रोकने से अब से पहले क्या कुछ रुका है? जो अब रोकने के उपाय तलाश रहे हैं। जैसे युगों से शिक्षक सिखा रहे हैं कि झूठ मत बोलो, उसको रोकने के लिए असंख्य उपायों का प्रयोग भी किया जा चुका है। परंतु वह रुकने के स्थान पर स्पष्ट "धड़ल्ले" से बोला जाता है और शिक्षक की गरिमा उस समय तार-तार हो जाती है जब उनके शिष्य ही उनसे कोरा झूठ बोलते हैं।
यही नहीं शांति स्थापित करने हेतु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपाय तलाशे गए और उन उपायों पर अरबों रुपए खर्च कर उनका प्रयोग भी किया गया। परंतु परिणाम "ढाक के तीन पात" ही निकले। चूंकि सर्वविदित है कि उन उपायों से अंतरराष्ट्रीय तो क्या "घरेलू शांति" तक स्थापित नहीं हुई और गृह कलेश घर-घर की कहानी बन चुका है।
हालांकि इस बात का भी पर्दाफाश हो चुका है कि शांति स्थापित करने वाले "बिचौलिये" भी अशांति का शिकार हो चुके हैं और दोनों ओर से पिट चुके हैं। जैसे कोरोना की रोकथाम करने के लिए विज्ञापनदाता स्वयं "कोरोना पाज़िटिव" निकले। परंतु उसके बावजूद उनके विज्ञापनों पर रोक नहीं लगी। क्योंकि भ्रष्टाचार रोकने वाले अधिकारियों का भ्रष्टाचार की राशि में बराबर का हिस्सा होता है।
यही कारण हैं कि सात दशकों से अधिक के समय से भारत को "भ्रष्टाचार मुक्त भारत" बनाते-बनाते भारत भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा पार कर चुका है। जिस पर लाख कोशिशों के बावजूद वर्तमान सरकार भी अंकुश लगाने में विफल हो चुकी है।
अतः मेरा मानना है कि कोरोना की दूसरी लहर को भी प्राकृतिक संसाधनों से मात देने के लिए अपनी शारीरिक एवं मानसिक ऊर्जा को बढ़ावा देते हुए पहली लहर में अपनाए उपायों का ही अधिक से अधिक प्रयोग करें।
- इन्दु भूषण बाली
जम्मू - जम्मू कश्मीर
कोरोना की दूसरी लहर को बढ़ाने में हमारे उच्च पदस्थ राजनेता पूरी तरह जिम्मेदार हैं। चुनावी प्रक्रिया को रोककर भीड़ पर नियंत्रण किया जा सकता था और वे समाज को संदेश दे सकते थे कि अभी कोई भी सामूहिक या धार्मिक कार्यक्रम पर पाबंदी लगे।
जिस तरह से चुनावी सभा, उत्तराखंड में शाही स्नान तमिलनाडु में भीड़ भाड़ आदि स्थितियां बन रही हैै-- वह हमारे देश में कोरोना को बढ़ाने में मुख्य भूमिका अदा कर रही है।
जब देश के कर्णधार ही भीड़ जुटाकर बीमारी को आमंत्रण देंगे तो किस मुंह से अपने देश की जनता को
"दो गज दूरी के पालन" का संदेश देंगे।आज यही कारण है कि जनता समझने को तैयार नहीं है।
कोरोना को रोकने हेतु सर्वप्रथम भीड़ जुटने से रोका जाए। प्रशासन सख्ती से निर्देश देते हुए ध्यान रखें कि कहीं पर ज्यादा लोग इकट्ठे होकर कोई भी सामूहिक आयोजन न करें जब तक कि अनिवार्य न हो। संख्याओं का ध्यान रखा जाए। मास्क और दस्ताने का प्रयोग करें।
जहां तक संभव हो सके कंपनियां वर्क फ्रॉम होम के द्वारा अपने कर्मचारियों से कार्य पूर्ण करवाए।
जब तक अनिवार्य न हो घर से बाहर न निकलें। बेवजह दूसरों के घर में आना-जाना बंद करें।
तबीयत सुस्त महसूस करते ही खुद को अलग-थलग रखने का प्रयास करें।
वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए हमें पूर्ण रूप से समझ में आ गया है कि आज न हमारा नेता इस बात को गंभीरता से ले रहा है न ही अस्पतालों में समय पर सभी को उचित इलाज मिल पा रहा है।
अतः खुद ही अपने परिवार तथा समाज के हित का ध्यान रखते हुए सावधानी बरतें और सुरक्षित रहें।
- सुनीता रानी राठौर
ग्रेटर नोएडा - उत्तर प्रदेश
भारत में वर्तमान परिदृश्य में देखिए अधिकांशतः राज्यों में कोरोना महामारी की लहर चल रही हैं, जिसके परिपेक्ष्य में सामान्यतः जन जीवन प्रभावित होता जा रहा हैं, हर कोई परिवार आकस्मिक रुप से विभक्त हो गया हैं, शंका समाधान में लिप्त होकर रह गया हैं। कोरोना कर्फ्यू में घरों में कैद रह कर, रह गया हैं। सामान्य सर्दी-खांसी-बुखार से प्रारंभ होते-होते उग्रता की ओर अग्रसर हैं, मानव तंत्र को वृहद स्तर पर, स्वच्छता की ओर ध्यान देते हुए, दो गज की दूरी, खान-पान, हल्दी वाला दूध पीकर प्रति दिन सोना चाहिए, प्रति दिन सूर्य नमस्कार, उसकी रोशनी से शरीर को तपायें, जिससे कीटाणु विहीन हो जायें, प्रति दिन राँल गुगल, कपूर का धूप घरों में किया जायें, प्रति दिन गर्म पानी का उपयोग कर तव्चा को सुरक्षित रखें, बार-बार हाथ धोते रहिये, प्रति दिन बिस्टर की चादरों/टकिया को बदलिये, गद्दे को सुखाते रहिए, सोफा-सेट के कव्हर बदलते रहिए, प्रति दिन फलों का सेवन करिए, मौजा पहनने के तुरंत बाद हाथ धोकर रहिए, अनावश्यक रूप से बार-बार पैरों को हाथ नहीं घुमाएं, मास्क पहनकर रहिए, दूसरों के बिस्तरों पर सोने से बचें, बार-बार कोरोना के संदेशों से बचकर रहिऐ, ध्यान, संगीत की ओर ध्यानाकर्षण करना जरूरी हैं, घर संसार में खुशियों का माहौल बना कर रखिये, आत्मविश्वास,आदि हरि इच्छा शक्ति बलवान?
- आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर'
बालाघाट - मध्यप्रदेश
कोरोना के दूसरी लहर की आपदा बड़ी भयानक है! चूंकि इसका कारण यह भी बताया जा रहा है कि यह अन्य तीन चार किस्मों का है जो भी हो हम कोरोना के भुक्तभोगी हैं अतः हमें दूसरी लहर पर भी अधिक ध्यान देने की जरुरत है! प्रशासन अपनी तरफ से जो उचित उपाय है वह कर हमारी मदद कर रहा है किंतु हमारी अपनी सावधानी सबसे बड़ी मदद है! कहते हैं न "अपना हाथ जगन्नाथ " जब हम स्वयं अपनी मदद नहीं करेंगे तो कैसे विश्वास करें कि वह हमारी मदद करेगा!
सबसे बड़ा उपाय यही है कि हम बिना मतलब के बाहर न निकालें घर पर रहें!
बिना मास्क बाहर ना निकालें!
सेनिटाइज़र का उपयोग करें!
बार बार हाथ धोयें बाहर से आकर स्नानकर कपड़े बदलें!
दो गज की दूरी बनाये एवं भीड़भाड़ वाली जगह पर न जायें!
वैक्सीन लगाये और लगने के बाद भी सावधानी रखें!
इस विपद आपदा में एक दूसरे की मदद करें!
धैर्य और संयम रखें!
सरकार के कार्य की अवहेलना न कर अपनी और दूसरे की मदद करें! अकेला प्रशासन कहां कहां देखेगा अपनी सावधानी हमें स्वयं
को रखनी होगी..... आप मरे बिना स्वर्ग नहीं जाया जा सकता अतः अपनी सावधानी स्वयं रखें!
"जियो और जीने दो" की भावना लिए इस संकट में सहयोग देते हुए हिम्मत से सामना करें! विजय अवश्य होगी!
- चंद्रिका व्यास
खारघर नवी मुंबई - महाराष्ट्र
कोरोना वायरस से संक्रमित बीमारी पूरे विश्व को अपनी चपेट में लेने के लिए अग्रसर है ।कोरोना.की दूसरी लहर को रोकने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय होने चाहिए ।मास्क सैनिटाइजर गर्म पानी के अलावा सरकार के दिए हुए निर्देशों एवं नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है एक जगह में 4 से अधिक लोग एकत्रित ना हो ।तथा हमेशा अपने हाथों को धोते रहे।हो सके तो साबुन से धोते रहे ।घर से बाहर निकले तो मास्क लगाकर निकले तथा बेवजह घरों से ना निकले ।सुरक्षित रहने की कोशिश करें एकांत में रहने की कोशिश करें।इसकी लहर पूरे समाज देश को संक्रमित कर रही है ।आज स्थितियां इतनी खराब हो गई है कि अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। भिंडी लेटर की जरूरत पड़ रही है लोग त्रस्त त्रस्त हैं इसकी संख्या लगातार अनियंत्रित होती जा रही है ।दिल्ली मुंबई जैसे शहरों में काफी चपेट में लोगों को कोरोना ने ले रखा है। झारखंड में भी इसकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है व्यापारी वर्ग बच्चे बुजुर्ग सभी आ रहे हैं इसका उपाय एकमात्र संयम धैर्य से काम लेने का है बेवजह घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए तथा हाथ नहीं मिलाकर नमस्ते ही करना चाहिए ।सरकार के तमाम नियमों का पालन करना चाहिए दूरी बना कर रखना चाहिए कोशिश करें कि सारे काम जो संभव हो सके घर से ही किया जा सके अगर से बाहर निकलना पडे़ तो मास्क लगाकर अवश्य निकला जाना चाहिए ।यह लहर बहुत ही भयानक है तथा इसकी चपेट में बहुत सारे लोग आ रहे हैं आज स्थिति बिगड़ती जा रही है कि दूसरी लहर को रोकने के लिए हर एक इंसान को जागरूक होना चाहिए ।तथा हर एक इंसान का अपना दायित्व होना है कि हमेशा सैनिटाइजर करते रहें।और दूरी बनाकर रखें।
- अंकिता सिन्हा कवयित्री
जमशेदपुर - झारखंड
इस समय कोरोना आपदा का स्वरूप अति भयावह है। देखा जावे तो हर नागरिक परेशान है।
मरीज के साथ- साथ उनके परिजन भी आवश्यक चिकित्सा के लिए वांछित व्यवस्था न मिलने से परेशान और दुखी है।
सबसे पहले तो शासन-प्रशासन को अभी सिर्फ स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए और वह भी मुफ्त में। मरीजों को पलंग , दवाएं, जाँच याने पूरा इलाज, यहां तक कि एम्बुलेंस भी मुफ्त में उपलब्ध कराना अति आवश्यक है।
यह ऐसी आपदा है, जिसे के लिए पूँजीपतियों , सत्ता दल को, शासन- प्रशासन को, चिकित्सा विभाग, निजी चिकित्सालय वालों को ऐसी उदारता दिखलानी होगी कि वे मिसाल बन जाएं। हर नागरिक, उनके इस सहयोग को अपने दिल में बिठाकर आने वाले समय में उन्हें सिर-आँखों में बिठाये।
समय तो गुजर जायेगा मगर जिनके साथ बीत रही है, वे इसे सदैव याद रखेंगे। जिनसे उन्हें सहयोग मिला और जिनसे नहीं मिला।
- नरेन्द्र श्रीवास्तव
गाडरवारा - मध्यप्रदेश
करोना का दूसरी लहर बहुत ही भंयकर है।किस तरह से फैला रहा है। किसी को भी कुछ नहीं पता है।
हमें सावधानी बरतनी चाहिए स्वच्छता के नियम का पालन करना चाहिए और जितना संभव हो सके उतना घर में ही रहना चाहिए बाहर नहीं निकलना चाहिए। पुराने आयुर्वेदिक तरीकों को अपनाना चाहिए तुलसी नीम गिलोय हल्दी आदि का सेवन करते रहना चाहिए। एलोवेरा और एलोवेरा का जूस भी पीते रहना चाहिए स्वास्थ्य सच्चा धन
- प्रीति मिश्रा
जबलपुर - मध्य प्रदेश
कोरोना महामारी को हल्के में लेने की गलती के कारण आज यह भयावह स्थिति आई है।सबसे पहले तो हमारी सरकारें चाहें वो राज्य हो या केन्द्र सरकार दोनों को बिलकुल भी ढिलाई नहीं देनी चाहिए थी।चुनावी रैली हो या धार्मिक कार्यक्रम इनमें सख़्ती से पाबंदी लगाना चाहिए था।जब स्कूल कॉलेज परीक्षाएँ रद्द हो सकती हैं तो ये क्यों नही?जो नहीं किया गया जिसका परिणाम सामने है।
आम जनता को भी समझना होगा,सरकार को कोसने के बजाय खुद ही सतर्कता बरतना होगा ।यह एक ऐसा वायरस है जिसको जड़ से उखाड़ फेंकने का कोई दवा या टीका अब तक नहीं बना है।इसलिए इसके साथ ही हमें जीना है ,तो मास्क,दूरी और साफ़ सफ़ाई अपने दिन चर्या का हिस्सा बना लें।ज़रा सी लापरवाही के कारण पूरा परिवार बीमारी के चपेट में आ जाता है।
बीमारी से लड़ने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करें,गरम पानी लें,गरारा करें बाहर से आए तो भाप जरूर लें क्योंकि हमे अब इसके साथ ही जीना सिखना होगा जब तक कि कोई सौ प्रतिशत इलाज न आ जाए।ईश्वर करे जल्द
ही कोई दवा या टीका आ जाए और हम खुलकर साँस ले पाए।
- सविता गुप्ता
राँची - झारखंड
"कुछ लम्हों की लापरवाही में,
जिन्दगी भर का रोना हो गया,
समझते रहे वो प्यार का बुखार और गालिब को कोरोना हो गया"।
इस समय कोरोना वायरस की दुसरी लहर बहुत तोजी से, लोगों को चपेट में ले रही है, ये संक्रमण तेजी से एक दुसरे में फैल रहा है, यह दूनिया को धीरे धीरे बर्बाद कर रहा है,
तो आईये बात करते है कि कोरोना की दुसरी लहर को रोकने के लिए क्या क्या उपाय करने होंगे?
मेरा मानना है कि एक तो वैक्सीनेशन को लगाना जरूरी है जो कोविड को कंटृोल करने का एक माध्यम है लेकिन यह एक मैजिक बुलेट परूफ महीं है कि इससे कोरोना महमारी ठीक हो जाऐगी इसके साथ साथ हमें बहुत सी बातों का ख्याल रखना होगा,
यानि कोरोना नियमों का पालन करना होगा ताकि इसे कंटृोल किया जा सके,
एम्स चीफ डाक्टर रण्दीप गुलेरिया ने कहा है कि कोरोना केस बढ़ने के कई कारण हैं जैसे मास्क लगाने से परहेज, सोशल डिस्टेंसिंग का न होना, साफ सफाई का ध्यान न देना इत्यादि है
सरकार को चाहिए कि कुछ नियमों का सख्ती से पालन करे ताकि लोग सतर्क हो जांए इसके साथ साथ संक्रमितों को उनके साथ संपर्क आने वालों को आइसोलेट करना होगा व ज्यादा केस वाले एरिया को कंटेमेंट जोन बनाना होगा या उस एरिया को लाकडाउन भी लगा सकते हैं ताकि वहां से कोई बाहर न जा सके,
इसके ऐलाबा अगर कोई केस पाजिटब आ भी जाता है तो उसे होम आइसोलेशन करना होगा व उसकी देखभाल सारे नियमों के तहत करनी होगी खासतौर पर मरीज को तीन लेयर वाला मास्क पहनाना होगा व उसका सारा समान अलग से रखना होगा व घर का बना ताजा खाना देना होगा, इसके साथ साथ विटामिन युक्त फल सब्जियां व प्रोटीन के स्रोत भी देने होंगे,
अन्त में यही कहुंगा की अगर हम सभी लोग इन सभी बातौं के लिए सचेत रहेंगे तो काफी हद तक बचा जा सकता है, सिर्फ हमें साफ सफाई का ध्यान रखना होगा तथा वाकि सभी नियमों को ताक पर रख कर चलना होगा, मास्क का खास ख्याल रखना होगा,
सच कहा है,
कोरोना ने छीन लिया सभी का नूर,
मेकअप छोड़कर मुहं ढकने को मजबूर,
कहने का मतलब अगर हम सभी नियमों का पालन करेंगे तो काफी हद तक इस महमारी से बचा जा सकता हैै, क्योंकी
"बड़े दौर गुजरे जिंदगी के
ये दौर भी गुजर जाएगा,
थाम लो अपने पांवो को घरों में कोरोना भी थम जाऐगा"।
- सुदर्शन कुमार शर्मा
जम्मू - जम्मू कश्मीर
करोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए सबसे पहले घबराने की आवश्यकता नहीं है। धैर्य और साहस से काम लेना चाहिए। जरुरत मंद लोगों की मदद करना चाहिए। करोना के नियम का इमानदारी के साथ पालन करना चाहिए। रोग प्रतिरोधक भोज्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए गर्म एवं ताजी भोजन खाना चाहिए। घर से बाहर सुरक्षा के साथ जा ना चाहिए। जब भी बात करे सकारात्मक सोच के साथ करे। आवश्यकता अनुसार ही खर्चा करें। अनावश्यक खर्चा ना करें क्योंकि कभी भी और भविष्य में लाभ डाउन हो सकता है इसलिए घर की व्यवस्था के लिए पैसा बचत करके रखें। घर पर ही सेनेटराइज बनाकर उपयोग करें। ताकि बाजार की महंगी सेनेटराइज से बचे।
- उर्मिला सिदार
रायगढ़ - छत्तीसगढ़
देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर पहले से भी ज्यादा भयानक है , इससे बचने के लिए कुछ ऐसे उपाय हैं जिनसे काफी हद तक राहत मिल सकती है ।
एम्स चीफ डॉक्टर गुलेरिया के अनुसार कोरोनावायरस से बचाव के लिए कई काम साथ-साथ करने होंगे ।
एक तरफ सख्ती करनी होगी कि सभी लोग नियमों का पालन करें दूसरी और पहले की तरह संक्रमित और उनके संपर्क में आने वाले लोगों को आइसोलेट करना होगा ।ज्यादा केस वाले एरिया को कंटेनमेंट जोन बनाना होगा ,उस एरिया में एक टाइम लॉक डाउन लगा सकते हैं ताकि वहां से कोई बाहर न जा पाय ।उस एरिया के सभी लोगों का टेस्ट भी होना चाहिए, इसके साथ वैक्सीनेशन बढ़ाने की जरूरत है। लोगों को भी बाहर जाना बहुत ही कम करना होगा ,तभी हमारे केस कम हो पाएंगे ।
अपनी अपनी लाइफ स्टाइल में चेंज लाकर कोरोनावायरस पर काबू पाया जा सकता है ।
घर में रहकर बाहर से खाने का ऑर्डर कर रहे हैं तो यह खतरे से खाली नहीं है ।ऑर्डर करना ही आवश्यक है तो ऑनलाइन करें, क्योंकि पैसों के लेनदेन से कोरोनावायरस फैल रहा है इसके लिए ग्लव्स पहनना बहुत जरूरी है।
किसी भी चीज को छूने के बाद साबुन या सैनिटाइजर से अच्छे से हाथ धोएं ,कोरोनावायरस के लक्षण दिखने पर अलग कमरे में रहे ,अपने कपड़ों को बर्तनो को घर के अन्य सदस्यों के सम्पर्क में को न आने दें ।
यदि आप घर में भी मास्क पहन कर रहे हैं तो ध्यान रहे कि वह डिसइनफेक्टेड होना चाहिए। मास्क खराब होने पर उसे जला दें। यदि कोई सदस्य कोरोनावायरस की चपेट में आ गया है तो ,बच्च,बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं उससे दूरी बनाकर रखें ।
आपके कमरे में ही टॉयलेट की सुविधा होनी चाहिए ,टॉयलेट के दरवाजे सैनिटाइज करें ।
यदि घर का कोई सदस्य आपके कमरे में आ रहा तो उसे कम से कम 3 मीटर की निश्चित दूरी बनाकर रखें ।मास्क पहनकर ही सामने वाले से बात करें ।
इस तरह साफ सफाई ,सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए कोरोनावायरस से बचाव किया जा सकता है ।
फोन, रिमोट, चाभी ,हेलमेट को भी सेनेटाइज करते रहना चाहिए।
दिक्कत होने पर तुरंत सरकारी हेल्प लाइन पर संपर्क करें ।
इससे कोरोना की दूसरी लहर को कम किया जा सकता है ।
- सुषमा दीक्षित शुक्ला
लखनऊ - उत्तर प्रदेश
कोरोना के दूसरी लहर को रोकने के लिए जो उपाय हम सबने पहले किया था वो सब करना चाहिए। मसलन मास्क पहनना सामाजिक दूरी बना कर रखना। बार-बार हाथ धोना। सेनेटाइजर का प्रयोग करना। नीम, तुलसी, गिलोय,अदरक का काढ़ा पीना। गुनगुने पानी में नींबू का रस पीना। संतरा, अनानास,मौशाम्बी इत्यादि मौसमी फलों का सेवन करना। गर्म पानी पीना, खाली पेट नहीं रहना। भीड़भाड़ वाले जगहों पर नहीं जाना। बाहर से घर में आने पर अच्छी तरह से हाथ पैर धोना। बाहर निकलने पर एक कपड़े में एक कपूर टुकड़ा और दो तीन लवंग रख कर उसे बीच-बीच में सूंघते रहना। रात में एक चम्मच हल्दी एक गिलास दूध के साथ पीना। कोरोना को दूर भगाने में काफी मददगार साबित होगा। और इसके दूसरे लहर को रोकने में हम सक्षम हो पाएंगे। और सबसे बड़ी बात हर किसी को वैक्सीनेशन करवा लेना चाहिए। इसमें कोई डरने वाली बात नहीं है। इस तरह से हम कोरोना के दूसरे लहर को आसानी से रोक पायेंगे। एक और मुख्य बात रोज प्रातः उठकर खुली हवा में अपने सामर्थ्य अनुसार दो घंटा व्यायाम करें।
इसमें सूर्य नमस्कार व्यायाम अवश्य करें। सांस प्रसवांस वाला व्यायाम भी साथ-साथ जरूरी है। इतना करने के बाद आप निश्चिन्त रह सकते हैं। कोरोना आपके पास फटकेगा ही नहीं। आगे होनी को कोई टाल नहीं सकता है।
- दिनेश चन्द्र प्रसाद "दीनेश"
कलकत्ता - पं.बंगाल
कोरोना पुनः एक बार भयावह रूप में सक्रिय हो गया है। कुछ दिनों तक बीच में इसका ग्राफ नीचे चला गया था , लेकिन अचानक से अब लगातार यह बढ़ता जा रहा है। स्थिति फिर से एक बार चिन्तनीए है। इसीलिए हमें फिर से जितने भी सरकार द्वारा दिशानिर्देश दिए जाते हैं, उनका सख्ती से अनुपालन करना चाहिए। साथ हीं जो भी घरेलू उपचार और नुस्खे थे, उन्हें भी अपनी दिनचर्या में पालन करना चाहिए। मास्क और दो गज की दूरी है अति जरूरी। कम से कम घर से बाहर निकले। हल्दी- दूध, गर्म पानी , काढ़ा का सेवन, भाप आदि अवश्य लें। हाथ बराबर धोने की आदत बनाए। जब भी बाहर से आए सबसे पहले अच्छी तरह से साबुन से हाथ धो लें। सावधानी और सतर्कता है अति जरूरी। बाहर से लाए गए समानों को अच्छी तरह से धो कर हीं इस्तेमाल करें। हम कोरोना से बचने के लिए यह सब प्रयास कर सकते हैं।
- डाॅ पूनम देवा
पटना - बिहार
कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए काफी सावधानी की जरूरत है। इस बार वह और भी अधिक जोर दारी से आया है। मास्क और 2 गज दूरी तो बहुत जरूरी है। परिवार में जिसको कोरोना हो उसे स्वयं सतर्कता बरतनी चाहिए और अपनों से दूरी बनाना चाहिए। घर में ही क्वॉरेंटाइन होकर बाहर संक्रमण फैलाने से बचना चाहिए। लॉन्ग अदरक काली मिर्च हल्दी धनिया पाउडर थोड़ा सा नमक और जरा सी शक्कर का पाउडर बनाकर उस का काढ़ा बनाकर पीने से भी कोरोना को भगाने में मदद मिलेगी। सामूहिक कार्यकलाप में काफी सावधानी की जरूरत है। भीड़ की जगह नहीं जाना चाहिए जहां तक संभव हो बचने का प्रयास करना चाहिए। शासकीय नियमों का पालन करना चाहिए।
- गायत्री ठाकुर "सक्षम"
नरसिंहपुर - मध्य प्रदेश
" मेरी दृष्टि में " कोरोना की दूसरी लहर से रोजगार प्रभावित नहीं होना चाहिए । बाकी सब कुछ हो जाऐ । सहन करने के लिए हर कोई तैयार है ।
- बीजेन्द्र जैमिनी
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