सेवा सदन प्रसाद से साक्षात्कार
जन्मतिथि: 15 मार्च 1950
जन्मस्थान : पटना ( बिहार)
शिक्षा-- बी,काॅम डी बी एम
संप्रति: -
एयर इंडिया में कार्य करते हुए डिप्टी मैनेजर के पद से सेवानिवृत्त
प्रकाशित कृतियाँ: -
1) टुकड़ा टुकड़ा सच ( लघुकथा संग्रह 2011)
2) सच का दर्पण ( लघुकथा संग्रह 2017)
3) मेरी सर्वश्रेष्ठ लघुकथाएं ( लघुकथा संग्रह 2019)
4) चेहरे पर चेहरा ( कहानी संग्रह 2021 ) लोकार्पण को तैयार
सम्पादन कृति : -
शब्द लिखेंगे इतिहास (लघुकथा संकलन का संपादन 2018)
सम्मान: -
एयर इंडिया राजभाषा पुरस्कार, कहानी प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार,
पहचान, जैमिनी अकादमी, राष्ट्रीय लघुकथा प्रतियोगिता, एवं कई अन्य प्रतियोगिताओं में लघुकथाएं पुरस्कृत
पता : -
महावीर दर्शन सोसायटी प्लाट नं--11 सी सेक्टर-20, खारघर नवीं मुंबई--410210 महाराष्ट्र
प्रश्न न.1 - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ?
उत्तर - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व है - कथानक , जो आम जीवन से जुङा हुआ हो और यथार्थ के करीब होना चाहिए।
प्रश्न न.2 - समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - डाॅ सतीशराज पुष्करणा , मधुदीप गुप्ता , बीजेन्द्र जैमिनी, कांता राय एवं अशोक जैन
प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ?
उत्तर - लघुकथा में शिल्प- शैली का समन्वय हो, कालदोष न हो और पंच लाइन प्रभावशाली होनी चाहिए ।
प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - फेसबुक , वाट्सएप , ब्लॉग , ई - पुस्तकें , भारतीय लघुकथा विकास मंच ,एवं कथा दर्पण साहित्य मंच
प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर - इन दिनों काफी लघुकथाएं लिखी एवं पढी जा रही है, प्रतियोगिताएं भी आयोजित हो रही है, एकल एवं साझा लघुकथा संकलन का प्रकाशन, ई - संकलन , 'यू ट्यूब ' द्वारा लघुकथाओं का प्रसारण बहुत अच्छा लगता है।
प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?
उत्तर - पूर्ण संतुष्ट तो नहीं हूं। कुछ लोग चुटकुले एवं रिपोर्टिंग लिखकर इस विधा पर प्रश्नवाचक चिन्ह लगा रहें हैं।
प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उत्तर - मै मिडिल क्लास फैमिली से आया हूं , निर्धनता को बहुत करीब से देखा है। आभाव में भी इंसान को जी लेना चाहिए , हौसला बुलंद हो ।
प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ?
उत्तर - मेरे परिवार वालों को मेरी लेखनी पे गर्व है।
प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?
उत्तर - एयर इंडिया की नौकरी मेरी जीविका का साधन रहा। वहां मैनेजर के पद पे था तो हिंदी बहुत कम बोलने का अवसर मिलता था। हां 14 सितम्बर को जी भर कर कविता 'कहानी के माध्यम से हिंदी बोल लेता था।अगर ये कहूं कि खाया अंग्रेजी से और यश पाया हिंदी लेखन से।
प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ?
उत्तर - आज के डिजिटल युग में लोगों के पास कहानी एवं उपन्यास पढने का वक्त नहीं है।सब भौतिक सुखों को पाने के लिए दौड़ रहे हैं। ऐसे वक्त "लघुकथा " गागर में सागर या एक बूंद में महासागर बन कर आम लोगों की भावनाओं एवं संवेदनाओं से जुङ जाता है। लघुकथा का भविष्य बहुत ही उज्ज्वल और सुनहरा है।
प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?
उत्तर - लघुकथा साहित्य से मुझे मिली-- आत्मसंतुष्टी , परिवार स्वरूप बुद्धिजीवी वर्ग , अपनापन जताता पाठक एवं श्रोता और पुनः लिखने की प्रेरणा देता है ।
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