रूणा रश्मि " दीप्त " से साक्षात्कार
जन्म तिथि : 10 जनवरी 1970
जन्म स्थान : पटना
पति का नाम : राजीव कुमार झा
शिक्षा : B.Sc. Chemistry honours ,B.Ed.
M.A. Hindi
अभिरुचि: कविताएँ, लघुकथा और आलेख लेखन (हिन्दी एवं मैथिली)
प्रकाशित पुस्तकें : -
1. प्रथम रश्मि ( काव्य संकलन )
2. भाव प्रसून ( काव्य संकलन )
आनलाइन और आफलाइन सम्मान :-
1. आगमन काव्योत्सव सम्मान
2. आगमन स्थापना दिवस सम्मान
3. प्राइड आफ वीमेन अवार्ड - 2019
4. महादेवी वर्मा नारी रत्न सम्मान
5. माँ भारती सम्मान, साहित्योदय
6. हिन्दी दिवस सर्वश्रेष्ठ रचनाकार सम्मान
7. नारी रत्न सम्मान
8. सशक्त नारी सम्मान
विभिन्न आनलाइन काव्य प्रतियोगिताओं में सक्रिय सहभागिता एवं श्रेष्ठ रचनाकार के रूप में निरंतर सम्मानित
विशेष : -
- कई साहित्यिक समूहों की सक्रिय सदस्य
- कुछ समूहों में समीक्षक का दायित्व निर्वहन
Address : Flat no. B. 6B
The Green Garden Apartments
Hesag, Hatia ,Ranchi , Jharkhand - 834003
प्रश्न न.1 - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ?
उत्तर -- कथावस्तु, संवाद एवं भाषा शैली के साथ साथ एक सशक्त लघुकथा के लिए एक सार्थक उद्देश्य अर्थात कथा के माध्यम से समाज को क्या संदेश मिल रहा है, ये अति आवश्यक तत्व हैं।
प्रश्न न.2 - समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर -- समकालीन लघुकथा साहित्य में कई सक्रिय महती लघुकथाकार हैं जिन्होंने अपनी भावपूर्ण कथाओं के माध्यम से साहित्य के इस क्षेत्र को समृद्ध करने का प्रयास किया है। आ. सुकीर्ति भटनागर जी, आ. रचना गौड़ भारती जी के अलावा भी कई प्रतिष्ठित नाम हैं जिन्हें इस विधा में महारत हासिल है। आ. अनिता रश्मि जी और आ. सारिका भूषण जी को तो व्यक्तिगत तौर पर भी जानने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ है। आ. बीजेन्द्र जैमिनी जी तो इस क्षेत्र को ऊँचाइयों तक पहुँचाने के लिए कई प्रकार से सतत प्रयत्नशील भी हैं।
प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ?
उत्तर -- किसी भी लघुकथा की समीक्षा का सबसे महत्त्वपूर्ण मापदंड यही है कि उस कथा में आवश्यक सभी तत्वों का समावेश कितनी कलात्मकता के साथ किया गया है और उसका शीर्षक किस हद तक सार्थक और उद्देश्यपूर्ण है।कथा के माध्यम से प्राप्त संदेश भी समीक्षा की दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण होता है।
प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर -- आज की वर्तमान सामाजिक परिस्थिति में सोशल मीडिया का अत्यंत ही महत्वपूर्ण योगदान है। अतः साहित्य के क्षेत्र में भी इसके सहयोग को नकारा नहीं जा सकता है। विभिन्न फेसबुक और व्हाट्सएप समूहों के माध्यम से विभिन्न प्रांतों के रचनाकार एक दूसरे को सरलता से जानने समझने लगे हैं तथा पठन पाठन में अभिरुचि रखने वालों के लिए बैठे बिठाए ही साहित्य का भंडार सहजतापूर्वक उपलब्ध हो जाता है।
प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर -- आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा एक अत्यंत ही रोचक और अत्यधिक प्रचलित विधा के रूप में उभरकर आया है। कम से कम शब्दों में सशक्त संदेश देकर इस विधा ने साहित्य जगत में अपना महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है।
प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?
उत्तर -- वर्तमान में लघुकथा की जो स्थिति है वह अत्यंत ही संतोषजनक है। जितनी शीघ्रता से ये विधा रचनाकारों के मध्य प्रचलित होता जा रहा है इसका अति उज्ज्वल भविष्य भी परिलक्षित होता है।
प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उत्तर -- मैं तो विज्ञान की छात्रा रही हूँ लेकिन मेरे घर में साहित्यिक परिवेश ही रहा है। बचपन से ही इस माहौल को देखती रही हूँ और साहित्य में अभिरुचि मुझे विरासत में ही मिली है। इन्हीं बातों के परिणामस्वरूप आज मैं साहित्य सृजन के पथ पर अग्रसर हूँ और जो कुछ भी अल्पज्ञान प्राप्त किया है उसके आधार पर अपने साथी रचनाकारों का सदैव सहयोग करती हूँ। किसी मंच विशेष पर निर्णायक, समीक्षक, मार्गदर्शक आदि का दायित्व यदि दिया जाता है तो उसका भी निर्वहन करने का क्षमतानुसार प्रयास करती हूँ।
प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ?
उत्तर -- परिवार की सहमति और सहयोग के बिना किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ना किसी के लिए भी संभव नहीं है। मुझे भी अपने पति और बच्चों के साथ ही साथ माता-पिता और सास-श्वसुर का सदैव यथोचित समर्थन और प्रोत्साहन प्राप्त होता है जिसके फलस्वरूप मैं इस इगर पर अग्रसर हूँ।
प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?
उत्तर -- आजीविका में तो लेखन से कोई सहयोग नहीं मिलता है। मात्र आत्मसंतुष्टि ही मिलती है और समाज में एक छोटी सी पहचान भी।
प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ?
उत्तर -- आज की इस भागती दौड़ती जिंदगी में जहाँ लोगों के पास सदैव ही समयाभाव रहता है, कोई लंबी कहानी या उपन्यास पढ़ने के लिए समय निकालना कठिन होता है। ऐसी परिस्थिति में किसी भी पाठक को एक लघुकथा आकृष्ट करती है। अतः लघुकथा का एक अत्यंत ही उज्ज्वल भविष्य हम देख सकते हैं।
प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?
उत्तर -- जहाँ तक व्यक्तिगत तौर पर मेरा प्रश्न है तो मैं ज्यादातर पद्य विधा में ही, विशेषतौर पर छंदबद्ध सृजन करती हूँ। किन्तु कुछ लघुकथाएँ भी मैंंने लिखी हैं जिन्हें पाठकों से प्रोत्साहन भी प्राप्त हुआ है और कभी कभी आवश्यकतानुसार कभी कभी श्रेष्ठ रचनाकारों का मार्गदर्शन भी प्राप्त हुआ है।
Comments
Post a Comment