निहाल चन्द्र शिवहरे से साक्षात्कार

जन्मतिथि : 24 जून 1956
पिता: श्री चतुर्भुज शिवहरे 
माता : स्वर्गीय श्रीमती बेटीबाई
शिक्षा : एम.एस.सी.(गणित ), सी.ए.आई.आई.बी ,हिन्दी उन्मुख परीक्षा , डिप्लोमा इन मैनेजमेंट,एडवांस मैनेजमेंट, फाइनेंशियल मैनेजमेंट,एच.आर.डी., मार्केटिंग,इन्र्टीडेट माडयूल ।

लेखन: -

लघुकथा, कविता , शोधपत्र,प्रबन्धन, वित्तीय साक्षरता आदि 

व्यवसाय : -

 सेवानिवृत बैंक प्रबन्धक , नाबार्ड एवं प्रथमा यू. पी.ग्रामीण बैंक के संयुक्त वित्तीय साक्षरता केन्द्र झॉंसी के निदेशक पद पर कार्यरत । पूर्व में बुन्देलखण्ड महाविधालय , झॉंसी में छ: बर्षों तक गणित विषय में अध्यापन।

साझा संकलन: -

 काव्य रत्नावली ,
 सपनों से हक़ीकत तक , 
 कोरोना ( काव्य संकलन ) ,
 सहोदरी सोपान , 
 काव्या सतित साहित्य यात्रा ,
 साहित्य कलश , 
 वंदन कुंज अग्रवन के , 
 अपनी जमीं अपना आसमान , 
 काव्य स्पन्दन भावांजलि ,
 साहित्य सुषमा काव्य स्पंदन अमर  उजाला पोर्टल, प्रतिलिपि ,आगाज पोर्टल आदि में कविताओं एवं लघुकथाओं का प्रकाशन । 

सम्मान : -
 
-  झॉंसी के गौरवशाली व्यक्तित्व 
 - शिवहरे साहित्य रत्न, अमृतादित्य साहित्य गौरव ,
 - शब्दवेल साहित्य सम्मान , 
 - साहित्य रत्न सम्मान , 
 - लक्ष्मी बाई मेमोरियल सम्मान ,
 - सृजन साहित्य सम्मान, 
 - श्रेष्ठ लघुकथा शिल्पी चड्ढा सम्मान , 
 - साहित्य गौरव सम्मान ,
 - सजग धैर्य सम्मान ,
 - गांधी पीस फाउन्डेशन सम्मान नेपाल आदि प्रमुख हैं 

विशेष : -

- स्थानीय एवं आनलाइन मंचों पर सक्रिय सहभागिता 
-  महिला एवं ग्रामींणों को वित्तीय साक्षरता के माध्यम से जागृत करने हेतु प्रयासरत ।
-  आदिवासी बस्ती में राष्ट्रीय युवा योजना के कार्क्रमों में सहभागिता ।
 -  विभिन्न संस्थाओं में आमंत्रित वक़्ता के रूप में सहभागिता।
- प्रांतीय अध्यक्ष : विश्व मैत्री मंच उ.प्र. ईकाई 
- आकाशवाणी छतरपुर से कविताओं ,लघुकथाओं एवम् वित्तीय साक्षरता पर वार्ताओं का प्रसारण , ,
- दूरदर्शन नई दिल्ली से समाज सेवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित साक्षात्कार प्रसारित ।
- अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन में विज्ञान भवन में सहभागिता 
 -  महिलाओं के स्वयं सहायता समूह के सौ समूह गठित करने पर परम आदरणीय गाँधीवादी एस.एन.सुब्बाराव जी के कर कमलों से आशीर्वाद व उनकी पत्रिका यूथ कल्चर  " में समाचार प्रकाशित ।

पता : 374, नानक गंज, सीपरी बाज़ार, झॉंसी - उत्तर प्रदेश
प्रश्न न.1 - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ? 
उत्तर - स्थूल में से सूक्ष्म को ढूंढने की कला ही लघुकथा है ।
भीड़ के शोर शराबे में भी बच्चे की खनकती आवाज को साफ साफ सुन लिया जाय वही लघुकथा है ।भूसे के ढेर में सुई ढूंढ लेना ही लघुकथा है ।

प्रश्न न.2 - समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ? 
उत्तर - बीजेन्द्र जैमिनी  , मिथिलेश दीक्षित , श्रीमती संतोष श्रीवास्तव एवं श्रीमती कान्ता राय । स्वर्गीय डा.सतीश राज पुष्करण जी जो अब हमारे मध्य नहीं हैं ।

प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ? 
उत्तर -  विषय वस्तु ,शीर्षक एवं कथ्यशिल्प जो सीधा जनसाधारण के हृदय को उद्वेलित करे और जनसंदेश भी हो ।

प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है ? 
उत्तर - फेसबुक , वाटसएप , मैसेन्जर ,  आन लाइन संगोष्ठीयाँ , आन लाइन ई बुक आदि ।

प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर - अब लघुकथाकारों के अनेकों समूह सक्रिय हैं , पत्र पत्रिकाओं में स्थान मिल रहा है । संगोष्ठीयाँ आयोजित हो रही हैं , ई बुक ,साझा संकलन छप रहे हैं ,अखबार में भी छप रही हैं ।
    
प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?
उत्तर - साहित्य में कभी भी किसी भी स्थिति में संतुष्ट नहीं रहा जा सकता है । उत्तरोत्तर प्रगति एवं सुधार का विकल्प बना रहता है ।
        
प्रश्न न. 7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें  किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उत्तर - मुझे बैंक प्रबंधक के रुप में ग्रामीण क्षेत्र में अनेकों  शाखाओं में काम करने ,ग्रामीणों को नजदीक से देखने समझने का अवसर प्राप्त होता रहा है वही अनुभव काम आ रहा है ।  उ.प्र.के राज्यपाल स्व.चेन्ना रेड्डी जी ने मुझे अपने ओटोग्राफ के साथ अग्रेंजी में  लिख कर दिया था "यू फील मोर प्लेजर टू गीव अदर्स दैन रिसीविंग फ्राम दैम " यही मूलमंत्र मुझे जीवन में प्रेरित करता है ।
    
प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ? 
उत्तर - परिवार का पूर्ण सहयोग ही मेरा सम्बल है ।
    
प्रश्न न. 9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?
उत्तर - बैंक प्रबंधक के रुप में कार्य के दौरान तत्पश्चात सेवा निवृत्त होने के बाद लेखन से आत्मसंतुष्टि और तनाव से मुक्ति मिलती है ।समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व का बोध भी रहता है ।
      
प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ? 
उत्तर - भविष्य उज्जवल है । फिर भी संधर्ष जारी रहेगा ।
         
 प्रश्न न.11- लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?
 उत्तर - साहित्य की विभिन्न विभूतियों से परिचय । साहित्य क्षेत्र में हो रहे नवप्रयागों की जानकारी एवं पहचान भी मिली ।

Comments

  1. Awesome Personality, very talented combination of Mathematics and Hindi is never seen before congratulations, आगे बढ़ो निहाल जी और छू लो आसमान

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