आभा दवे से साक्षात्कार
जन्म : 07 सितंबर , दमोह (मध्यप्रदेश)
संप्रति- स्वतंत्र लेखन
प्रकाशित पुस्तकें : -
काव्य संग्रह-अलौकिक 2017
दूसरा काव्य संग्रह -'काव्य धारा' प्रकाशित सितंबर 2020
साझा संकलन-11 (2018-2021)
सम्मान व पुरस्कार : -
कोकण ग्राम विकास मंडल द्वारा 2017
सजल गौरव पुरस्कार 2018 बनारस
अंतर्राष्ट्रीय सम्मान मारीशस 2018
(11वे विश्व हिंदी सम्मेलन राष्ट्रीय प्रचार समिति छत्तीसगढ़ द्वारा)
अंतर्राष्ट्रीय सम्मान 2018 इजिप्ट
(विश्व मैत्री मंच की ओर से)
अंतर्राष्ट्रीय सम्मान ताशकंद (2019)
विश्व मैत्री मंच द्वारा
जलगांव ,पटियाला, मुंबई, भोपाल , केरल 2018
साहित्य सम्मान प्राप्ति
अन्य संस्थाओं द्वारा समय-समय पर सम्मान पत्र प्राप्ति।
उपलब्धि : -
फेसबुक पर काव्य अँकुर पेज़ एवं बाल साहित्य एडमिन । खुद के ब्लाग और अन्य ब्लागों पर लेखन । यूट्यूब पर रचनाएं प्रकाशित। अंकशास्त्र और हस्त रेखा ज्ञान। संगीत, नृत्य, पेंटिंग, बागवानी, बेडमिंटन, टेबल टेनिस खेल में रूचि।
प्रकाशित कृतियाँ-100 से अधिक । सभी समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित।
गुजराती से हिंदी पुस्तकों का अनुवाद।
प्रवास- (इंडोनेशिया) जकार्ता में 2007 से 2015 तक लेखन और सामाजिक संस्थाओं में सक्रिय।
पता : -
बी-7/103 , साकेत काम्प्लेक्स ठाणे पश्चिम
मुंबई - 400601 महाराष्ट्र
प्रश्न न.1 - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ?
उत्तर - लघुकथा में कथ्य यानि संदेश का होना अत्यंत आवश्यक है। पंच में से निकला वह संदेश जो चिंतन को जन्म दे और पाठकों को चिंतन करने पर मजबूर कर दे।
प्रश्न न. 2 - समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - बलराम अग्रवाल , चित्रा मुद्गल, रमेश बतरा, डॉ सतीश दुबे। यह सभी लघुकथाकार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं लघुकथा लेखन में। आदरणीय बीजेंद्र जैमिनी जी लघुकथा साहित्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं वह नए-नए लघुकथाकारों को लघुकथा लिखने का अवसर प्रदान कर रहे हैं और उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं।
प्रश्न न. 3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ?
उत्तर - लघुकथा की समीक्षा करते समय निष्पक्ष होकर समीक्षा करनी चाहिए एवं कथ्यों को चिह्नित करने के क्रम में यह अवश्य देखें कि लेखक ने जिस उद्देश्य से उन्हें रचा है, उसमें वह खरा उतरा है या नहीं।
प्रश्न न. 4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - लघुकथा साहित्य को आगे बढ़ाने में मीडिया का महत्वपूर्ण योगदान है। फेसबुक ,ई पत्रिका, ब्लॉग व्हाट्सएप, यूट्यूब, इंस्टाग्राम एवं टि्वटर आदि सोशल मीडिया के ये सशक्त प्लेटफार्म हैं जो नए लेखकों को जन्म दे रहे हैं।
प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर - आज के परिवेश को देखते हुए लघुकथा का तीव्र गति से विकास हो रहा है। लघुकथा कम शब्दों में बहुत बड़ा संदेश दे जाती है जो कि पाठकों के मन को छू जाता है । बड़ी - बड़ी कहानियाँ पढ़ने का दौर धीरे-धीरे समाप्त होता चला जा रहा है। लघुकथा ने अपनी एक खास जगह बना ली है।
प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?
उत्तर - लघुकथा की वर्तमान स्थिति अपनी गति से आगे बढ़ रही है और सशक्त लघुकथाकार अपनी लघुकथाओं के माध्यम से उसका विस्तार कर रहे हैं एवं नए लघुकथाकारों को मार्गदर्शन भी दे रहे हैं। लघु कथा की स्थिति अच्छी है।
प्रश्न न. 7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उत्तर - मेरी पारिवारिक पृष्ठभूमि बहुत ही उन्नत रही है। मेरे पापा एक ईमानदार पुलिस ऑफिसर थे। ईमानदार अफसर के लिए अपने क्षेत्र में कार्य करना चुनौतीपूर्ण होता है पर उसका फल अंत में मीठा होता है यही सीख बचपन से प्राप्त की है। मेरी माँ सीधी- सादी धार्मिक महिला थी जिन्होंने हमेशा हम सभी को आगे बढ़ाने में अपना जीवन समर्पित कर दिया। मेरे माता - पिता का आशीर्वाद सदा मेरे साथ है। मैं मार्गदर्शक नहीं बल्कि जिंदगी भर विद्यार्थी बनकर निरंतर सीखना चाहती हूँ।
प्रश्न न. 8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ?
उत्तर - मेरे परिवार में सभी लोग मुझे लेखन के लिए प्रेरित करते हैं और अपना मार्गदर्शन भी देते हैं वे मेरे अच्छे आलोचक भी हैं।
प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?
उत्तर - लेखन के द्वारा मैंने काफी कमाई की है और अभी भी कई समाचार- पत्रिकाओं द्वारा थोड़ी बहुत राशि मिल जाती है।
प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ?
उत्तर - लघुकथा का भविष्य उज्ज्वल है। वर्तमान में कई अच्छे लघुकथाकार इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं और नाम कमा रहे हैं।
प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?
उत्तर - लेखन में स्वांत: सुखाय ही करती हूँ। लघुकथा लिखने से अपनी कई कमियों का पता चला है जो कि लेखन के लिए अति आवश्यक है। लघुकथा साहित्य ने मुझे एक नई पहचान दी है। मेरी लेखनी को एक नई दिशा प्रदान की है ,जिस पर मुझे बहुत अधिक मेहनत करनी है ताकि अच्छा सृजन कर पाऊँ।
बीजेंद्र जैमिनी जी का हार्दिक धन्यवाद उन्होंने मेरा साक्षात्कार आप सभी के सम्मुख प्रस्तुत किया।
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