अलका जैन आनंदी से साक्षात्कार

शिक्षा : बी काम,एनटी टी पीटी टी  टीचर टेनिंग

प्रकाशित : -
एकल संग्रह- 
काव्यमेध
अद्धभुत भंडार
श्री कांत भंडार 

 साझा संग्रह- 
काव्य प्रवाहिनी
जब कभी याद आए 
काव्यांगन
गूँजते गीत 
काव्य गंगा 
साहित्य एक्स

सम्मान- 
गुरु गोविंद सम्मान  
राष्ट्र प्रेमी सम्मान 
2019 का श्रेष्ठ गौरव सम्मान
2020 का लघुकथा मैराथन सम्मान
यशपाल साहित्य सम्मान 2021
और पिछले 4 वर्षों से लगभग 80 सम्मान

दिल्ली नोएडा व मुंबई के कई समाचार पत्रों में रचनाये प्रकाशित होती रहती हैं।

पता : -
17/202 ग्रीन व्यू अपार्टमेंट अंधेरी वेस्ट मुंबई - महाराष्ट्र
प्रश्न न.1 -  लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ? 
उत्तर - लघुकथा के लिए हम क्या बात कहना चाहते हैं।पाठक तक यह जितनी सफलता से पहुँचें यही मुख्य तत्व है। और अंत मे निष्कर्ष के तौर पर कही गई बात जो कोई संदेश देती हो।

प्रश्न न.2 -  समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - आ सतीशराज पुष्करणा, कांता राय, बीजेन्द्र जैमिनी, सतीश दुबे, योगीराज प्रभाकर । इन नामों से कौन परिचित नहीं होगा। इन्होंने लघुकथा के क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। और हमेशा प्रयासरत रहते हैं।

प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ? 
उत्तर - सबसे पहली बात लघुकथा की समीक्षा हो निष्पक्ष रुप से की जानी चाहिए। जिस लघुकथा में निम्न बिंदु हो :-
1- लघुकथा को शीर्षक दिया गया हो।
2- बहुत ज्यादा पात्र न हो जिससे पढ़ने वाले को बोरियत महसूस न हो ।
3- कम शब्दों में पूरी बात कही गई हो ।
4- अंत में कोई संदेश देती हो । जिस लघुकथा में ये सब बिंदु है उसे उत्तम माना जाएगा।

प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है ? 
उत्तर - इसके लिए हमें लगता है  सोशल मीडिया में फेसबुक ,ई पत्रिका , ब्लॉग , व्हाट्सएप , यूट्यूब , इंस्टाग्राम टि्वटर, आदि सशक्त व सर्वोत्तम है।

प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ? 
उत्तर - इसका भविष्य उज्ज्वल नजर आ रहा है। लोग बहुत बड़ी संख्या में पढ़ना चाहते हैं । पर लघु से लघु कथा।
गागर में सागर भरना जेसे। पढ़ने में समय भी ज्यादा नहीं लगना चाहिए। 

प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ? 
उत्तर - हम लघुकथा की वर्तमान स्थिति से संतुष्ट ही नहीं अचंभित है। इस की बढ़ती माँग को देखकर । जिस तरह से इसका प्रकाशन बढ़ रहा है। 

प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें  किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ? 
उत्तर - हमारा एक संयुक्त परिवार रहा है। जिसमें मेरे मम्मी पापा भाई-बहन दादा दादी सभी थे और ससुराल में भी सास -ससुर देवर नंदे। अब कुछ समय से हम एकल परिवार में रह रहे हैं। पढ़ने के लिए पिताजी तो बहुत प्रोत्साहित करते थे। कहते थे एक विद्या ही है जिसे कोई चुरा नहीं सकता। जितना पढ़ोगे और बाँटोगे ,  उतना ही बढ़ता जाएगा।

प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ? 
उत्तर - मुझे मेरी माता जी ( मेरी ताई ) जी मार्गदर्शक लगती हैं। हर लघुकथा या किसी भी काव्य में उनकी कोई ना कोई बात छुपी होती है। उन्हीं के आशीर्वाद से मैं जो कुछ भी लिख पा रही हूँ । हालांकि उनके सामने मैंने लिखना शुरू नहीं  किया था। 

प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ? 
उत्तर - अभी तो हम सिर्फ खर्च कर रहे हैं। तीन एकल संग्रह आए हैं।15साझा संग्रह है। कभी कभी बच्चे बोल देते है। उनकी मजाक होती है पर आजीविका मेरी निजी तौर पर कुछ नहीं।

प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ?
उत्तर - लघुकथा का भविष्य सुनहरा लगता है ।पुरुष वर्ग प्रेम कथा उत्साह से पढते है। बच्चे भी इसके प्रति अग्रषित हो रहे हैं।

प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?
उत्तर - मुझे लघुकथा लिखकर आत्म संतोष प्राप्त होता है। मैं जो बात कहना चाहती हूँ वो कथा के जरिए काफी हद तक कह पाती हूँ।

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