नीलम नारंग से साक्षात्कार
जन्म : फतेहाबाद में 21 जून 1968 में मध्यमवर्गीय परिवार मे हुआ
कार्यक्षेत्र : विवाह के बाद हिसार में ही रही और यहीं शिक्षिका के व्यवसाय को चुना ।
शिक्षा : एम. बीएड . एल एल बी.
विधा : कविता , गजल ,गीत , मुक्तक व लघुकथाएं
पहली लघुकथा : ' मेरा समाज अलग कैसे ' नाम से जुलाई 2017 में अमर उजाला अखबार में छपी थी । उसके बाद विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में लघुकथाएं और कविताएं छपती रही हैं । इसके अलावा बहुत सी पुस्तक संकलन में लघुकथाएं सम्मलित की गई है ।
सम्मान : -
10 नवम्बर 2019 में शब्द शक्ति संस्था द्वारा पिता पर लिखी गई कविता पर प्रशस्तिपत्र , जैमिनी अकादमी व भारतीय लघुकथा विकास मंच द्वारा सम्मानित किया गया।
कोरोना काल में अलग-अलग संस्थाओ से जुड़ने का सौभाग्य मिला । आनलाइन लघुकथा पाठ किया ।
पता :
147/ 7, गली नम्बर -7
जवाहर नगर हिसार - हरियाणा
प्रश्न न.1 - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ?
उत्तर - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व विचार व संदेश होता है जो पाठकों को बहुत कुछ सोचने पर विवश करता है ।हर लघुकथा कोई ना कोई सवाल छोड़ जाती है।
प्रश्न न. 2 - समकालीन लघुकथा साहित्य में ऐसे कोई पांच नाम बताओं जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है |
उत्तर - पवन जैन , सुरेंद्र कुमार अरोड़ा , योगराज प्रभाकर , अंजू खरबंदा और बीजेन्द्र जैमिनी ।
प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ?
उत्तर - स्पष्ट भाषा, प्रवाह, रोचकता, कथ्य की स्पष्टता कथानक में नवीनता ।
प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - लघुकथाओं को लोकप्रिय बनाने में सोशल मीडिया की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है | यह अब पाठकों को सहज उपलब्ध हो जाती है । इनमें वहटसअप ग्रूप, फेसबुक पर फलक (फेसबुकलघु कथाएँ) लघुकथा के परिन्दे, भारतीय लघुकथा विकास मंच आदि ।
प्रश्न न. 5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर - आज के समय में लघुकथा की स्थिति बहुत बढ़िया है । नए नए लेखक उभर रहे है । अच्छी रचनाएँ सामने आ रही है । पाठक वर्ग भी बढ़ रहा है और पाठक अपनी प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं।
प्रश्न न. 6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?
उत्तर - जी हाँ, संतुष्ट हूँ परन्तु पूर्णतया नहीं । क्योंकि पूर्णतया संतुष्ट होने से आगे की संभावनाएं क्षीण हो जाती है जो हम लेखक कभी नहीं चाहते ।
प्रश्न न. 7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उत्तर- बचपन से ही माँ से कहानियाँ सुनती थी । घर के पास ही लाइब्रेरी थी बड़े भाई ने आजीवन सदस्यता ली हुई थी । घर में साहित्य पढ़ने का माहौल था । बहुत से लोकप्रिय साहित्यकारों जैसे प्रेमचंद, यशपाल , सआदत हसन मंटो, मैकसिम गोर्की ,जान रीड को पढ़ा । शादी के बाद प्राथमिकताएं बदल गई । सब छूट गया ।
प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ?
उत्तर - पारिवारिक जिम्मेदारियों से मुक्त होने के बाद माँ के प्रोत्साहन से दोबारा साहित्य की ओर रूख किया । फिर पति की मृत्यु के बाद सारा समय साहित्य लेखन में लगा दिया । अब मेरा जीवन पूर्णतया साहित्य को समर्पित है ।
प्रश्न न. 9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?
उत्तर - लेखन से किसी तरह की आजीविका नहीं होती । इससे सिर्फ मानसिक संतुष्टी मिलती है ।
प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ?
उत्तर - लघुकथा का भविष्य बहुत ही उज्जवल है ।
प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?
उत्तर - मानसिक संतुष्टी , अच्छे साहित्यकारों से मिलने और उनसे जुड़ने का अवसर और एक लेखिका के रूप में पहचान ।
बहुत बहुत आभार जैमिनी जी
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