डॉ. छाया सक्सेना प्रभु से साक्षात्कार

जन्म स्थान : रीवा (म.प्र.)
शिक्षा : बी एस सी , बी एड, एम ए राजनीति विज्ञान, एम फिल ( नीति  शोध ) 
व्यवसाय:  पूर्व उच्च श्रेणी शिक्षिका

लेखन विधा: -
सभी विधाओं पर 

प्रकाशित कृतियाँ- 
ई पुस्तक धवल काव्य, 
ई लघुकथा संग्रह -ड्योढ़ी के पार, 
ई उपन्यास- चंपा के फूल , बाल कविता ,कहानी संग्रह- आहुति।

सम्प्रति- 
प्रधान सम्पादक अविचल प्रभा, मासिक ई पत्रिका
कोषाध्यक्ष - साहित्य संगम संस्थान
अधीक्षिका- संगम सुवास नारी मंच

संपादन-
लघुकथा संगम, 
बरनाली- साझा उपन्यास, 
भाव स्पंदन काव्य संग्रह, 
रचनाकार विशेषांक- सहित्यमेध, शब्द समिधा ,अंतर्मन 

पता : - 

माँ नर्मदे नगर, म. न. 12, फेज -1,  बिलहरी 

जबलपुर - 482020  मध्यप्रदेश

प्रश्न न.1 - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ?  

उत्तर - कथ्य सम्प्रेषण


प्रश्न न.2 - समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ? 

उत्तर - बलराम अग्रवाल जी , सुकेश साहनी जी , मधुकांत जी , बीजेन्द्र जैमिनी जी , कांता राय जी


प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ? 

उत्तर - कथ्य , शैली, विसंगति, सम्प्रेषण, चिंतन हेतु प्रश्न क्या उठाया गया ।


प्रश्न न.4 -  लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है ? 

उत्तर - फेसबुक व व्हाट्सएप में सीखने -सिखाने का जो कार्य हो रहा है निश्चित रूप से ये बहुत महत्वपूर्ण है ।


प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?

उत्तर - लघुकथा की स्थिति सुदृढ़ है , हर लेखक इससे जुड़कर सामाजिक उत्थान के कार्यों को एक नया आकार दे सकता है ।


प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?

उत्तर - एक लेखक कभी संतुष्ट नहीं हो सकता है । निरंतर इसी तरह सभी लोग इस पर कार्य करते रहें , अवश्य ही सुखद पारिणाम आएंगे ।


प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें  किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?

उत्तर - शैक्षिक , सुलझी हुई विचारधारा की पृष्ठभूमि रही है । संस्कारों को  प्राथमिकता देने के साथ- साथ विज्ञान के तथ्यों को भी निर्णयों में शामिल करती हूँ । सकारात्मकता पूर्ण लेखन ही मेरा मुख्य आधार है ,सबको मैं यही संदेश देती हूँ जोड़ने वाला साहित्य ही लिखें ।


प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ? 

उत्तर - सभी का सहयोग रहता है । कई बिंदुओं पर सृजनात्मक चर्चा भी होती है । सिक्के के दोनों पहलुओं पर विचार - विमर्श होकर ही आगे के कार्य तय होते हैं ।


प्रश्न न. 9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?

उत्तर - लेखन मन के भावों को व्यक्त करने व      सकारात्मक चिंतन हेतु ही करती हूँ । मेरी आजीविक में इसका कोई योगदान नहीं है ।


प्रश्न न. 10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ? 

उत्तर - उज्ज्वल भविष्य होगा क्योंकि लोग अब जागरुक हो चुके हैं उन्हें चिंतन व नए विचारों वाले कथ्य ही पसंद आते हैं जिनसे भ्रांतियाँ दूर हो सकें ।


प्रश्न न. 11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?

उत्तर - मानसिक सुकून, सामाजिक जन चेतना , दृढ़ निश्चय, स्वयं पर अटूट विश्वास ।


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