बबिता कंसल से साक्षात्कार

जन्मतिथी -27 फरवरी 1965
जन्म स्थान :जानसठ (मुजफ्फर नगर ) उत्तर प्रदेश
माता : प्रतिभा  रानी
पिता : धर्मेंद्र मोहन  गुप्ता
शिक्षा :  एम.ए. इक्नोमिकस,इतिहास

साझा संकलन : -
अन्तरा शब्द शक्ति ,
अन्तरा शब्द शक्ति होली रंगारंग
रत्नावली
स्वच्छ भारत
चमकते कलमकार

विशेष : -
अनेक राष्ट्रीय समाचार पत्रों व अनेक ई - पत्रिकाओं मे लघुकथा प्रकाशित ।
जैमिनी अकादमी से अनेक डिजीटल सम्मान और अनेक ई - पुस्तको मे प्रकाशित।

Address:-
Pankaj Consul, S-469/10,
4th floor, School Block, Shakarpur, Delhi-110092

प्रश्न न. 1 - लघुकथा मे सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ?

 उत्तर - सही मायनें में मेरी दृष्टि में समाज की विसंगतियों को बताये,कथ्य,लिखनें का उद्देश्य स्पष्ट हो।पाठक के मन मे गहरे तक उतर जाये  ।


प्रश्न न. 2 - समकालीन लघुकथा साहित्य  मेंकोई पांच नाम बताओ ?  जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ?

उत्तर - आदरणीय कान्ता राय जी,बलराम अग्रवाल जी, बीजेन्द्र जैमिनी जी , सुकेश सहानी जी , सुभाष नीरव जी ,

प्रश्न न. 3 - लघुकथा की  समीक्षा केकौन कौन से मापदंड होने चाहिए ?

उत्तर - समीक्षा की दृष्टि से लघुकथा तब ही कसौटी पर खरी उतरती है जब उद्देश्य,कथ्य,शैली विसंगति ,सरल भाषा सम्प्रेषण,संदेश देनें में सक्षम हो ।


प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन कौन से प्लेट फार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है?

उत्तर - वाटसैप , फ़ेसबुक पर, ई - पुस्तक , पत्र - पत्रिकाओं का प्रचार प्रसार इन दिनों बढा है। इस माध्यम से सीखनें सीखानें का जो काम हो रहा है वह सराहनीय है ।


प्रश्न न. 5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ।

उत्तर - लघुकथा की स्थिति सुदृढ़ है। वरिष्ठ लघुकथाकार,नवोंदित दोनों  नयें नयें प्रयोग कर इस विधा को नवीनता देनें का कार्य कर रहे है।


प्रश्न न.6 - की लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप संतुष्ट है ?

उत्तर - मै एक लघुकथाकार हूँ लघुकथा सृजन मे प्रयासरत  हूँ । और इस विधा को और अधिक समझनें का प्रयास, मै वरिष्ठ लघुकथाकारों को पढ कर ,उन के समक्ष अपनी लघुकथा प्रस्तुत कर अच्छा सृजन करनें सीखनें का प्रयास कर रही हूँ ।


प्रश्न न.7 - आप किस पृष्ठभूमि से आये है ?बतायेंकिस प्रकार के मार्ग दर्शक बन पाये ?

उत्तर - मेरा परिवार संयुक्त रहा जहां मानव मूल्यों को प्राथमिकता दी जाती थी ।और शिक्षा का विशेष ध्यान रखा  जाता था । मेरी यही कोशिश रहती है कि मेरा  साहित्य सृजन  सकारात्मकता का संदेश दे और समाज की फैली विसंगति पर प्रहार कर,  समाज के बिखराव को कम करनें वाला हों ।


प्रश्न न.8 - आप के लेखन में आप के परिवार की क्या भूमिका है?

उत्तर - मेरे परिवार नें हमेशा लेखन कार्य मे सहयोग किया है । मेरी उपलब्धि पर सब प्रशंसा करतें है ।


प्रश्न न.9 - आप की आजिविका में ,आपकें लेखन की क्या स्थिति है ।

उत्तर - लेखन मै अपनी आत्म संतुष्टि और मन के भावों को व्यक्त करने के लिए करती हूँ ।इस का  मेरीआजिविका में कोई योगदान नही है ।


प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा है ?

उत्तर - आज लघुकथा का भविष्य बहुत ही उज्जवल दिखायी पड़ता है ।


प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ।

उत्तर - आत्मसंतुष्टि ,आत्म सम्मान, मेरी पहचान और लेखन सृजन पर मिलनें वाले सम्मान से परिवार उल्लासित होता है । यही मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है ।


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