रेखा मोहन से साक्षात्कार

जन्म तिथि : ७ अक्टूबर 
पति : श्री योगीन्द्र मोहन 
पिता : श्री सोम प्रकाश
माता : श्रीमती कृष्णा चोपड़ा 
शिक्षा :  एम.ए. हिन्दी, एम.ए. पंजाबी, इंग्लिश एलेक्टिव, बी.एड., डिप्लोमा उर्दू और ओप्शन संस्कृत सम्मिलित हैं
 
प्रकाशित पुस्तकें : -

स्मर्तियाँ (कहानी संग्रह )
रिदिमा (लघुकथा संग्रह)
प्रतिबम्ब (काव्य संग्रह )
बेटी (काव्य संग्रह )
कौसे  कुज़ह (ग़ज़ल संग्रह )

सम्मान : -

-  बैस्ट अध्यापक सम्मान 
- बैस्ट लेखक सम्मान
- पंजाब केसरी द्बारा बैस्ट वुमन अवार्ड
- पटियाला मानव रत्न सम्मान माननीय श्रीमती महारानी परनीत कौर जी भूतपूर्व विदेश मंत्री के कर कमलों से मिलने का सोभाग्य मिला 

विशेष : -
१५ साँझा संग्रह में रचनाएँ छप चुकी हैं|

पता : हाउस न० २०१ , 
माडल टायून, पटियाला - १४००१  पंजाब 
प्रश्न न.1 - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ?
उत्तर - लघुकथा में कथा" तत्व विद्यमान है ..थोड़े शब्दों में पूरी घटना कह देना ही  गागर में सागर भरना है

प्रश्न न. 2 -  समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - 1 श्री बीजेन्द्र जैमिनी जी
2  श्री योगराज प्रभाकर जी
३ श्रीमती कांता राय
४ श्री मधुदीप गुप्ता जी
५ श्री विनय कुमार जी.

प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ?
उत्तर - लघुकथा में   ज्यादे से ज्यादा लगभग २५० -३००   शब्द और  कम से कम 1५०  शब्द हो तो बेहतर है।  कालखण्ड दोष नहीं हो। मूल्यों पर आधारित सन्देशयुक्त लघुकथा हो और अंत में  पंच ऐसा हो नयी लघुकथा की कल्पना की संभावना हो।

प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - लघुकथा को हल्की –फुल्की होने के कारण नेटवर्किग सुलभ है सोशल मीडिया के सारे प्लेटफार्म जैसे फेसबुक , व्हाट्सएप  पर अनेक लघुकथा समूह ,  विविध ई पत्रिकाएँ।

प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की  स्थिति
सराहनीय , मजबूत , शिक्षाप्रद  है।

प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?
उत्तर - जी , हाँ ! लघुकथा की वर्तमान स्थिति से मैं  बिल्कुल सतुष्ट हैं ।इसी दौर में लघुकथा उद्देश्यपरक होने के कारण फली -फूली  , उच्च साहित्यिक प्रगति के  स्तर पर पहुँची है ।

प्रश्न न.7 -  आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें  किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उत्तर -  मेरी जन्मस्थली  पटियाला. पंजाब की है , जहाँ  सांस्कृतिक सौंदर्य , कभी पांच आंब थे अब तीन हैं , पहाड़ , आध्यात्मिक , शैक्षणिक , भौगोलिक , पौराणिक , राजाओं की पहचान बनी है।
ऐतिहासिक की पृष्ठभूमि भूमि से आयी हूँ। हमारी  माँ -  पिता में शैक्षिक और सरकारी नौकरी में थे । यहाँ पुलिस में सेवा शुरू से करते आए हैं  । अब सभी कलम को ही जीना मानते है.

प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ?
उत्तर - जी हाँ ,जी हाँ ..परिवार का पूर्ण सहयोग है

प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?.
उत्तर - लेखन तो मैं शौक़िया लिखती हूँ।  मुझे सरकारी पत्रिकाओं से मान -  देय मिला है । कई लघुकथाएँ पुरस्कृत हुई हैं । मेरी सात किताबें  छपी हैं । लेखन ने मुझे  देश ,समाज़ से जोड़ दिया।

प्रश्न न. 10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ?
उत्तर - मेरी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य  सुदृढ़ , प्रगति पर है । आज दौड़ती -भागती तनाव भरी  जिंदगी में छोटी -छोटी कथा इंसान के जीवन में बूस्टर , टॉनिक का काम करती है । लघुकथा  समय की बचत के साथ मूल्यों से निर्मित होने के कारण इंसान को सकारात्मक ऊर्जा , शक्ति ,  आशा  और मानसिक स्तर को मनोरंजन की खुराक के साथ सद्साहित्य भी देती है। कलम की बड़ी ताकत, हृदय को प्रेरणा दे ।

प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?
उत्तर - मुझे मान -देय के साथ यश , सम्मान और कलम को पहचान मिली।


Comments

  1. बहुत ही शानदार साक्षात्कार जी 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏

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