मोनिका सिंह से साक्षात्कार
जन्म स्थान : डलहौजी
पति : श्री विप्लव सिंह
माता पिता :श्री मति निर्मला देवी/ श्री रूमेल सिंह
सास ससुर : श्री मति रेखा देवी/ श्री रत्न चंद
शिक्षा : एम ए हिंदी, पी जी डी सी ए, पी एच डी,
फैशन डिजाइनिंग
कार्यक्षेत्र : अध्यापन
अभिरुचियां : -
लिखना , योगा, खेलना, नृत्य, गाना, प्रकृति विहार, मंच अभिनय,पकव्यंजन बनाना और नित्य नया कार्य सीखना व सिखाना।
साहित्यिक विवरण : -
जज़्बात भरी बात (काव्य संग्रह )2020
बाल कविताएं पुस्तक - 2021
सम्मान : -
जैमिनी अकादमी द्वारा डिजिटल सम्मानित
पता : सदर बाजार , डलहौजी , जिला चंबा - 176304 हिमाचल प्रदेश
प्रश्न न.1 - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ?
उत्तर - वर्तमान सामाजिक परिवेश
प्रश्न न.2 - समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - मेरे नज़रिए में तो हर लघुकथाकार अपने आप में ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और हर कथा में एक महत्वपूर्ण संदेश दे कर जाता है। लेकिन मैं माननीय श्री बीजेन्द्र जैमिनी जी का नाम ज़रूर लेना चाहूंगी जोकि ना केवल स्वयं इस दिशा में आगे बढ रहे हैं बल्कि अपने साथ बहुत से लघुकथाकारों के भी मार्ग दर्शक बन कर उनको साथ लेकर चल रहे हैं ।
प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ?
उत्तर - लघुकथा सामाजिक परिवेश पर आधारित हो । कम शब्दों में महत्वपूर्ण बात कह जाए। पाठक को सोचने का मौका भी दे। लोगों की कुंठित विचारधारा पर भी प्रहार करे।
प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - आज के समय में सोशल मीडिया ही तो प्रमुख माध्यम है जोकि आसानी से हमारी बात समाज तक पहुंचाता है इसमें प्रमुख भूमिका निभाते हैं: - फेसबुक, इंस्टाग्राम, ब्लॉग, व्हाट्सएप इत्यादि।
प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर - समय की पाबंदी और अत्यधिक कार्य की व्यस्तता को सामने रखते हुए आज का साहित्यकार और पाठक दोनों ही लघुकथा को अहमियत की दृष्टि से देखते हैं।
प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?
उत्तर - जी हां बिल्कुल और हम ये चाहेंगे की आगे ये और विकसित हो।
प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उत्तर - हमारे भारत की मिट्टी में ही नानी और दादी की कहानियों की खुशबू आती है, माता पिता ने अच्छी शिक्षा दे कर उस खुशबू को और महका दिया बस उनकी सीख ही आज हमें समाज का दर्पण बनने के काबिल बना रही है।
प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ?
उत्तर - मेरा परिवार ही मेरी प्रेरणा का स्रोत है, परिवार से ही मुझे एक नए तरीके से सोचने और लिखने की दृष्टि मिलती है।
प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?
उत्तर - इस और प्रयासरत हूं उचित मौका मिले तो अवश्य ही लाभ उठाऊंगी ।
प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ?
उत्तर - यह समय भी लघुकथा की मांग कर रहा है और आने वाला समय ही लघुकथा का है क्योंकि लघुकथा कम शब्दों में बड़ी बात कह जाती है इस से समय की बचत भी होती है और हमारी बात भी सामने वाला समझ जाता है ।
प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?
उत्तर - हर बात को एक अलग और सकारात्मक तरीके से देखने व परखने की दृष्टी ।
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