पूनम झा से साक्षात्कार
लेखन : -
2014 से गद्य एवं पद्य में हिंदी व मैथिली में लेखन
सम्पादन : -
डेढ़ वर्ष तक H for Hindi के संपादक
एकल पुस्तक -
1) चौंक क्यों गए (लघुकथा संग्रह)।
2) एकल ई बुक - बेवफा हो तुम
ब्लॉग- दो
सांझा संकलन - 23
सम्मान -- 15
फेसबुक और वाट्सएप पर भी कई सम्मान प्राप्त हुए हैं ।
पत्र - पत्रिकाएं : -
अक्सर पत्रिकाओं एवं अखबारों में रचनाएँ प्रकाशित होती रहती है । अभी तक 350 से अधिक रचनाएं प्रकाशित हो चुकी है ।
पता : -
मकान नं. बी / 9 , के टी पी एस , थर्मल कालोनी , साकातपुरा , कोटा - राजस्थान - 324008
प्रश्न न.1 - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ?
उत्तर - कथ्य
प्रश्न न.2 - समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - आद0 योगराज प्रभाकर जी ,आ0 चंद्रेश कुमार छतलानी जी, आद0 अशोक जैन जी, आद0 बीजेन्द्र जैमिनी जी, आद0 अनिल सूर आजाद जी ।
प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ?
उत्तर - शीर्षक, कथ्य, लघुता, शिल्प, पंच लाइन ।
प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - लघुकथा साहित्य के लिए सोशल मीडिया में फेसबुक अहम् भूमिका निभा रहा है । फेसबुक पर कई समूह हैं जो लघुकथा पर विशेष कार्य कर रही है , जिसमें 'लघुकथा के परिंदे' , 'भारतीय लघुकथा विकास मंच' आदि ।
प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर - साहित्यिक परिवेश में आज लघुकथा की स्थिति चमकता सितारा की तरह है, जो हर तरफ से चमकता दिखाई दे रहा है ।
प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?
उत्तर - जिस प्रकार लघुकथा का विस्तार हो रहा है , तो वहीं कई बार लघुकथा में मतभेद भी देखने को मिलता है । वैसे ये स्वाभाविक भी है । इसी वजह से कई बार लघुकथाकार असमंजस में पड़ जाते हैं ।
प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उत्तर - मैं साधारण और शिक्षित परिवार से हूँ । जहाँ शिक्षा का बहुत महत्व है । मैं स्वयं को एक विद्यार्थी ही समझती हूँ, किन्तु जो लोग भी मुझसे मार्गदर्शन लेने के लिए आते हैं तो , मैं अवश्य मदद करती हूँ ।
प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ?
उत्तर - मेरे लेखन में मेरे परिवार की कोई भूमिका नहीं है । बल्कि शुरुआत में कुछ लोगों ने हतोत्साहित ही किया मुझे । हाँ! जब कुछ-कुछ लिखने लगी तो मेरे बच्चों ने मेरे लेखन की प्रसंशा जरूर किया है ।
प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?
उत्तर - शून्य
प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ?
उत्तर - मेरा मानना है कि लघुकथा का भविष्य बहुत उज्ज्वल है ।
प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?
उत्तर - आत्मसंतुष्टि और एक लेखिका के रूप में पहचान ।
वाह बहुत खूब
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