डॉ.मंजु गुप्ता से साक्षात्कार
जन्मतिथि : 21 दिसम्बर 1953
जन्मस्थान ऋषिकेश - उत्तराखंड
शिक्षा : एम.ए ( राजनीति शास्त्र ) , बी.एड
संप्रति : :सेवा निवृत हिंदी शिक्षिका, जयपुरियार सीबीएससी हाईस्कूल, सानपाड़ा नवीमुंबई
कृतियाँ :-
प्रांतपर्वपयोधि (काव्य) ,दीपक ( नैतिक कहानियाँ),सृष्टि (खंडकाव्य),संगम (काव्य) अलबम (नैतिक कहानियाँ) , भारत महान (बालगीत) सार (निबंध), परिवर्तन सामाजिक प्रेरणाप्रद कहानियाँ।
दोहों में : मनुआ हुआ कबीर (923 दोहे )
प्रकाशन :
देश - विदेश की विभिन्न समाचारपत्रों ,पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित , जारी हैं ।
उपलब्धियां :
समस्त भारत की विशेषताओं को प्रांतपर्व पयोधि में समेटनेवाली प्रथम महिला कवयित्री , मुंबई दूरदर्शन से सांप्रदायिक सद्भाव पर कवि सम्मेलन में सहभाग , गांधी जीवन शैली निबंध स्पर्धा में तुषार गांधी द्वारा विशेष सम्मान से सम्मानित , माडर्न कॉलेज वाशी द्वारा गुण गौरव सावित्री बाई फूले पुरस्कार से सम्मानित , भारतीय संस्कृति प्रतिष्ठान द्वारा प्रीत रंग में स्पर्धा में पुरस्कृत , आकाशवाणी मुंबई से कविताएँ , कहानियाँ, आलेख प्रसारित , विभिन्न व्यंजन स्पर्धाओं में पुरस्कृत, दूरदर्शन पर अखिल भारतीय कविसम्मेलन में सहभाग । भागलपुर विश्वविद्यालय बिहार से विद्या वाचस्पति से सम्मानित । नवभारत में प्रकाशन , नवभारत टाइम्स में मेरे मत , बोध कथा आदि प्रकाशित .सम्मान : वार्ष्णेय सभा मुंबई , वार्ष्णेय चेरिटेबल ट्रस्ट नवी मुंबई , एकता वेलफेयर असोसिएन नवी मुंबई , मैत्री फाउंडेशन विरार , कन्नड़ समाज संघ , राष्ट्र भाषा महासंघ मुंबई , प्रेक्षा ध्यान केंद्र , नवचिंतन सावधान संस्था मुंबई कविरत्न से सम्मानित , हिन्द युग्म यूनि पाठक सम्मान , राष्ट्रीय समता स्वतंत्र मंच दिल्ली द्वारा महिला शिरोमणी अवार्ड के लिए चयन , काव्य रंगोली साहित्य भूषण सम्मान , जैमिनी अकादमी लघुकथा प्रथम पुरस्कार , अग्निशिखा काव्य मंच काव्य सम्मान , मगसम रचना रजत प्रतिभा सम्मान , आशीर्वाद २४ घंटे कवि सम्मेलन काव्य पाठ , के जे . सोमैया मुबई पुरस्कृत , गुरु ब्रह्मा सन्मान , सबरंग कवि रत्न अवार्ड , कोपरेटर नवी मुंबई साहित्यसम्मान , इपीक लीटरी कौंसिल सम्मान , विश्व हिंदी संस्थान कनाडा से विश्व हिन्दी कथा शिल्पी सम्मान और हिंदी उपन्यास रचना सहभागी सम्मान ओंकार प्रतिष्ठान सम्मान , हिन्दुस्तानी प्रचार सभा मुम्बई , सेलिब्रेटिंग आईडिया जूरी पेनल सम्मान , नेपाल आकाशवाणी में मेरा साक्षात्कार , काव्य वाचन , आदि। मुंबई आकाशवाणी से जारी हैं कविता , कहानी , आलेख , मेरा साक्षात्कार आदि प्रसारण।
विशेष :
अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर गोल्डन बुक में प्रूडेंट पब्लिकेशन द्वारा मेरा बायोग्राफी 21 देशों के राष्ट्रीय अध्यक्षों के साथ प्रकाशित ।
लाइव कार्यक्रम फेसबुक पर भजन , काव्य , हाइकू , लघुकथा पाठ आदि का जारी ।
पता: -
वाशी, नवी मुंबई - 400703 महाराष्ट्र
प्रश्न न.1 - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ?
उत्तर - बिना भूमिका के कम पात्रों में एक ही समय में घट रही घटना को यथार्थ रूप देकर कम शब्दों में गागर में सागर भरना है
प्रश्न न.2 - समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - 1श्री योगराज प्रभाकर जी
2 श्री बीजेन्द्र जैमिनी जी
3 श्रीमती कांता राय
4 श्री सतीश राठी
5 डॉ उमेश महदोशी
प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ?
उत्तर - लघुकथा में ज्यादे से ज्यादा लगभग 500 शब्द और कम से कम 100 शब्द हो तो बेहतर है। कालखण्ड दोष नहीं हो। मूल्यों पर आधारित सन्देशयुक्त लघुकथा हो और अंत में पंच ऐसा हो नयी लघुकथा की कल्पना की संभावना हो।
प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - सोशल मीडिया के सारे प्लेटफार्म जैसे फेसबुक , व्हाट्सएप पर अनेक लघुकथा समूह , विविध ई पत्रिकाएँ।
प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की स्थिति
सराहनीय , मजबूत , शिक्षाप्रद है।
प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?
उत्तर - जी , हाँ ! लघुकथा की वर्तमान स्थिति से मैं बिल्कुल सतुष्ट हैं ।इसी दौर में लघुकथा उद्देश्यपरक होने के कारण फली -फूली , उच्च साहित्यिक प्रगति के स्तर पर पहुँची है ।
प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उत्तर - मेरी जन्मस्थली ऋषिकेश , उत्तराखण्ड की है , जहाँ प्राकृतिक सौंदर्य , जैसे गंगा नदी , पहाड़ , आध्यात्मिक , शैक्षणिक , भौगोलिक , पौराणिक ,
ऐतिहासिक की पृष्ठभूमि भूमि से आयी हूँ। हमारी माँ - पिता ने 1942 में शैक्षिक क्रांति की थी । यहाँ देश -विश्व हस्तियाँ जैसे भारत के महामहिम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद जी , महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री प्रकाश , मीरा बैन , अभिताभ बच्चन आदि आए हैं , उनसे मेरी मुलाकात । उनके भाषण , व्यक्तित्व -कृतित्व , माता -पिता के द्वारा दिए संस्कार, परिवेश , समाज की कुरीतियाँ , सामाजिक बुराई आदि मूल्य मुझे लघुकथा लिखने को प्रेरित करते हैं।
प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ?
उत्तर - आज मैं अपने परिवार की वजह से शिक्षिका के पद पर कार्यरत रही हूँ ,अब मैं सेवा निवृत्त हूँ और 9 किताब लिख सकी हूँ , संकल्प लघुकथा संग्रह प्रेस में है । मेरी दोनों डॉ बेटियाँ मेरी लघुकथा की पहली पाठक होती थीं , अब उनकी शादी हो गयी ।
प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?
उत्तर - लेखन तो मैं शौक़िया लिखती हूँ। मुझे सरकारी पत्रिकाओं से मान - देय मिला है । कई लघुकथाएँ पुरस्कृत हुई हैं । मेरी 9 किताबें विद्यालयों , कॉलिज, आदि में बिकी हैं । लेखन ने मुझे देश ,संसार से जोड़ दिया।
प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ?
उत्तर - मेरी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य सुदृढ़ , प्रगति पर है । आज दौड़ती -भागती तनाव भरी जिंदगी में छोटी -छोटी कथा इंसान के जीवन में बूस्टर , टॉनिक का काम करती है । लघुकथा समय की बचत के साथ मूल्यों से निर्मित होने के कारण इंसान को सकारात्मक ऊर्जा , शक्ति , आशा और मानसिक स्तर को मनोरंजन की खुराक के साथ सद्साहित्य भी देती है। मेरी लघुकथा 'वात्सल्य की ताकत' समाज कल्याण में प्रकाशित हुई , पाठकों के फोन आए तो उस लघुकथा से लोगों की समस्याओं का समाधान मिला । कलम की इससे बड़ी ओर क्या ताकत हो सकती है , हृदय परिवर्तित कर दे।
प्रश्न न.11- लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?
उत्तर - मुझे मान -देय के साथ यश , सम्मान और कलम को पहचान मिली।
बिजेंद्र जी आपके सार्थक व सराहनीय प्रयास को नमन है । आपकी इस नई सोच से हम साहित्यकारों से ना केवल परिचित हो पाएगें अपितु उनके संघर्ष और उनके सामाजिक योगदान को भी समझ सकेंगे
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